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राजनीति

अधिक महिला कर्मचारियों वाले कार्य स्थलों पर ज्यादा  शिशु गृह (क्रेच) खोले जाएँ: -स्मृ‍ति इरानी

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति इरानी ने राज्य सरकार से अधिक महिला कर्मचारियों वाले कार्य स्थलों पर ज़्यादा शिशु गृह (क्रेच) खोलने का आग्रह किया है। केंद्रीय मंत्री तिरुवनंतपुरम में श्रम-20 के एक भाग के रूप में बीएमएस राज्य महिला सम्मेलन का उद्घाटन कर रही थी। मंत्री ने कहा तकनीक की मदद से केरल में आंगनवाड़ियों के आधुनिकीकरण की आवश्यकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूरे राज्य की 33 ह़जार आंगनवाड़ियों में पर्यवेक्षकों के 13 प्रतिशत पद खाली हैं उन्होंने राज्य सरकार से इन रिक्तियों को भरने का आग्रह किया। श्रीमती इरानी ने आगे कहा लाभार्थियों की पहचान और उन्हें सीधे लाभ पहुंचाने में तकनीक के उपयोग का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण ‘प्रधानमंत्री मातृ-वंदना योजना’ है। उन्होंने यह भी कहा कि अधिक लाभार्थियों की पहचान होने पर केंद्र सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करने को तैयार है।

विदेश और संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री वी० मुरलीधरन ने भी इस अवसर पर संबोधन किया। उन्होंने राज्य सरकार से राज्य की महिलाओं को कार्य स्थलों पर सुरक्षा प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की जी-20 की अध्यक्षता पूरे समाज को प्रगतिशील बनाने का एक विशाल उपक्रम बन रहा है।

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पावरग्रिड का कर पश्चात लाभ (पीएटी) 11 प्रतिशत से बढ़कर ₹15,417 करोड़ हुआ; वित्त वर्ष 2023 के लिए कुल आय 9 प्रतिशत बढ़कर ₹46,606 करोड़ हुई

भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के तहत महारत्न कंपनी पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पावरग्रिड) ने वित्त वर्ष 2023 के लिए 15,417 करोड़ रुपये के कर-पश्चात लाभ (पीएटी) और 46,606 करोड़ रुपये की कुल आय की घोषणा की है, जिसमें वित्त वर्ष 2022 की तुलना में क्रमशः 11 प्रतिशत और 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही के लिए, कंपनी ने समेकित आधार पर ₹4,320 करोड़ का पीएटी पोस्ट किया, जो वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही से 4प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही के लिए समेकित आधार पर कुल आय में 13प्रतिशत की वृद्धि के साथ 12,557 करोड़ रुपये हो गई जो वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में 11,068 करोड़ रुपये थी।

कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 के लिए पहले से भुगतान किए गए ₹ 10/- प्रति शेयर के पहले और दूसरे अंतरिम लाभांश के अलावा 47.50 प्रतिशत (₹ 10/- प्रत्येक के अंकित मूल्य पर ₹ 4.75 प्रति शेयर) का अंतिम लाभांश प्रस्तावित किया है। इस प्रकार वर्ष के लिए कुल लाभांश ₹ 14.75 प्रति शेयर है जो पिछले वर्ष के समान है।

कंपनी ने वित्त वर्ष के दौरान समेकित आधार पर ₹ 9,212 करोड़ का पूंजीगत व्यय और ₹ 7,413 करोड़ (एफईआरवी को छोड़कर) की पूंजीगत संपत्ति खर्च की। समेकित आधार पर कंपनी की सकल अचल संपत्ति 31 मार्च, 2023 को 2,70,107 करोड़ रुपये रही, जबकि 31 मार्च, 2022 को यह 2,62,726 करोड़ रुपये थी।

वित्त वर्ष 2023 में, कंपनी ने अपनी सहायक कंपनियों के साथ 24,900 एमवीए ट्रांसफॉर्मेंशन क्षमता, 7 सब-स्टेशन और 1,676 सीकेएम ट्रांसमिशन लाइनें जोड़ीं। पावरग्रिड ने अपनी 4 टीबीसीबी सहायक कंपनियों- पावरग्रिड रामपुर संभल ट्रांसमिशन लिमिटेड, पावरग्रिड भिंड गुना ट्रांसमिशन लिमिटेड, पावरग्रिड मेदिनीपुर-जीरत ट्रांसमिशन लिमिटेड और पावरग्रिड भुज ट्रांसमिशन लिमिटेड को सफलतापूर्वक चालू किया है।

31 मार्च 2023 तक, पावरग्रिड और उसकी सहायक कंपनियों की कुल ट्रांसमिश एसेट्स 1,74,110 सीकेएम ट्रांसमिश लाइनें, 272 सब-स्टेशन और 4,99,360 एमवीए ट्रांसफॉर्मेंशन क्षमता रही है।

वर्ष के दौरान, पावरग्रिड ने कंपनी ने लगभग ₹9,500 करोड़ अनुमानित लागत के साथ एक इंट्रा-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम और 11 इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम टीबीसीबी सहायक कंपनियों का अधिग्रहण किया है।

वित्त वर्ष 2023 में भी 99.80प्रतिशत से अधिक की उच्च औसत ट्रांसमिशन सिस्टम उपलब्धता को बनाए रखना जारी रखा। इस वर्ष औसत ट्रांसमिशन सिस्टम की उपलब्धता 99.82प्रतिशत थी। 2021-22 के लिए इंटरनेशनल ट्रांसमिशन ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस स्टडी (आटीओएमएस) में लाइन और सबस्टेशन मेंटेनेंस दोनों के लिए पावरग्रिड को पहले चार में स्थान दिया गया है। पहले चार में स्थान होने का मतलब उच्च प्रदर्शन स्तरों के साथ कम लागत पर किए जा रहे परिसंपत्ति रखरखाव का संकेत है।

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भारत ने पिछले नौ वर्षों के दौरान कोयला उत्पादन में 47 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की

पिछले नौ वर्षों के दौरान, भारत का कुल कोयला उत्पादन 47 प्रतिशत बढ़कर 893.08 मिलियन टन (एमटी) हो गया है और आपूर्ति 45.37 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 877.74 मिलियन टन तक पहुंच गई है। वित्त वर्ष 2023 में, देश ने कोयला उत्पादन के इतिहास में 893.08 मीट्रिक टन के साथ बड़ी छलांग लगाई है।

कोयला मंत्रालय द्वारा 2023-24 के लिए हाल ही में अंतिम रूप दी गई कार्य योजना के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल उत्पादन, दक्षता, स्थिरता और नई तकनीकों को अपनाकर 1012 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है।

वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, मंत्रालय ने 33.224 मीट्रिक टन प्रति वर्ष की संचित शीर्ष रेटेड क्षमता (पीआरसी) वाली कुल 23 कोयला खदानों के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। वाणिज्यिक नीलामी के छठे दौर के लिए प्राप्त अच्छी प्रतिक्रिया को देखते हुए, यह उम्मीद की जाती है कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 25 कोयला खदानों को वाणिज्यिक खनन के लिए आवंटित किया जाएगा।

सरकार द्वारा अगस्त 2021 में एक रोडमैप के साथ मिशन ‘कोकिंग कोल’ शुरू किया गया है जो 2030 तक भारत में घरेलू कोकिंग कोल के उत्पादन और उपयोग को बढ़ाने के तरीके सुझाएगा।

मिशन कोकिंग कोल दस्तावेज़ में मुख्य रूप से नई खोज, उत्पादन बढ़ाने, धुलाई क्षमता बढ़ाने, नई कोकिंग कोल खदानों की नीलामी से संबंधित सिफारिशें की गई हैं। निम्नलिखित उद्देश्यों के साथ कोकिंग कोल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए मिशन शुरू किया गया है:

  1. वित्त वर्ष 2022 में कोकिंग कोल उत्पादन को 52 मिलियन टन (एमटी) से बढ़ाकर वित्त वर्ष 2030 में 140 मीट्रिक टन करना।
  2. वित्त वर्ष 2022 में कोकिंग कोल धोने की क्षमता को 23 मीट्रिक टन से बढ़ाकर वित्त वर्ष 2023 में 61 मीट्रिक टन करना।

कोकिंग कोल का उपयोग मुख्य रूप से ब्लास्ट फर्नेस रूट के जरिए स्टील के निर्माण में किया जाता है। घरेलू कोकिंग कोल से बहुत अधिक मात्रा में राख उत्पन्न होती है (ज्यादातर 18 प्रतिशत -49 प्रतिशत के बीच) जो ब्लास्ट फर्नेस में सीधे उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं है, इसलिए राख के प्रतिशत को कम करने के लिए कोकिंग कोल को धोया जाता है और ब्लास्ट फर्नेस में उपयोग से पहले इंडियन प्राइम तथा मीडियम कोकिंग कोल (<18 प्रतिशत राख) को आयातित कोकिंग कोल (<9 प्रतिशत राख) के साथ मिश्रित किया जाता है।

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केंद्रीय मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने आज सुबह पृ‍थ्‍वी विज्ञान मंत्रालय का कार्यभार संभाला

केंद्रीय मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने आज सवेरे पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया। उन्‍होंने महत्‍वपूर्ण मंत्रालय सौंपने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी को धन्‍यवाद दिया। उन्‍होंने कहा कि मंत्रालय विकसित भारत के 2047 विजन में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

कार्यभार ग्रहण करने के बाद श्री रिजिजू ने कहा कि उनकी प्राथमिकता समृद्ध खनिजों वाले पॉलीमेटेलिक नोडयूल्‍स की खोज के लिए प्रधानमंत्री की प्रमुख योजना डीप ओशन मिशन लागू करने की होगी।

उन्‍होंने कहा कि वह इस बात पर ध्‍यान देंगे कि मंत्रालय के प्रत्‍येक निर्णय का प्रभाव जन साधारण पर पड़े क्‍योंकि वे चीजों को सरल और सुलभ बनाने में विश्‍वास रखते हैं।

श्री रिजिजू ने आईएमडी सहित मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारियों द्वारा संक्षिप्‍त प्रस्‍तुति की भी अध्‍यक्षता की और घोषणा की कि आने वाले दिनों में वह संपूर्ण ‘’मौसम पूर्वानुमान प्रणाली’’ को फिर से व्‍यवस्थित करने के लिए काम करेंगे।

मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि उन्‍हें स्‍कूल के दिनों से ही गूगल अर्थ, जलवायु विज्ञान, समुद्र विज्ञान तथा कॉर्टोग्राफी में रूचि थी और उन्‍हें अपने नए अवतार में काम करने में आनंद आएगा।

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पहली बार रक्षा  उत्पादन 1 लाख करोड़ के पार

रक्षा मंत्रालय के सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप वित्तीय-वर्ष (एफवाई) 2022-23 में रक्षा उत्पादन का मूल्य पहली बार एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है। वर्तमान में इसका मूल्य 1,06,800, करोड़ है और निजी रक्षा उद्योगों से आंकड़े प्राप्त होने के बाद इसके और अधिक होने की संभावना है।  वित्तीय-वर्ष 2022-23 में वर्तमान रक्षा उत्पादन का मूल्य वित्तीय वर्ष 2021-22 के आंकड़े 95,000 करोड़ रुपये की तुलना में 12% तक बढ़ा गया है।

सरकार देश में रक्षा क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ाने के लिए और उनकी चुनौतियों को कम करने के लिए रक्षा-उद्योग और उनके संघों के साथ लगातार काम कर रही है। आपूर्ति श्रृंखला में सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योगों और स्टार्टअप के एकीकरण सहित ‘व्यवसाय में सुगमता’ जैसे उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए कई नीतिगत बदलाव किए गए हैं।

इन नीतिगत बदलावों के कारण एमएसएमई और स्टार्टअप समेत उद्योग रक्षा डिजाइन, विकास और उत्पादन में आगे आ रहे हैं और सरकार द्वारा पिछले सात-आठ वर्षों में उद्योगों को जारी किए गए रक्षा उत्पादन लाइसेंसों की संख्या में लगभग 200% की वृद्धि हुई है। इन उपायों ने देश में रक्षा-उत्पादन उद्योग इको सिस्टम को बढ़ावा देने के साथ रोजगार के भी जबरदस्त अवसर उपलब्ध कराए हैं।

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आरईसी ने अपना अब तक का सर्वाधिक तिमाही मुनाफा 3,001 करोड़ रूपये और वार्षिक मुनाफा 11,055 करोड़ रूपये अर्जित किया

संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार और दबावग्रस्‍त संपत्तियों के समाधान के कारण आरईसी ने तिमाही और वार्षिक श्रेणी में अब तक का सर्वाधिक लाभ दर्ज किया है। आरईसी ने तिमाही 3,001 करोड़ रुपये और वार्षिक 11,055 करोड़ रूपये मुनाफा कमाया।

आरईसी लिमिटेड के निदेशक मंडल ने आज मुंबई में अपनी बैठक में 31 मार्च, 2023 को समाप्त तिमाही और वर्ष के लिए लेखापरीक्षित स्टैंडअलोन और समेकित वित्तीय परिणामों को स्‍वीकृति दे दी।

इसके परिणामस्‍वरूप 31 मार्च, 2023 को समाप्त वर्ष के लिए ईपीएस (आय प्रति शेयर) 31 मार्च, 2022 को 38.02 प्रति शेयर की तुलना में 41.86 प्रति शेयर है।

मुनाफे में वृद्धि के कारण नेट वर्थ 31 मार्च, 2023 को 13 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 57,680 करोड़ रुपये हो गया है। लोन बुक ने अपने विकास पथ को बनाए रखा है और 31 मार्च, 2022 को 3.85 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 13 प्रतिशत बढ़कर 4.35 लाख करोड़ रुपये हो गया है। संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार का संकेत देते हुए प्रावधान कवरेज के साथ शुद्ध क्रेडिट-क्षीण संपत्ति 1.01 प्रतिशत तक कम हो गई है। 31 मार्च, 2023 को गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों पर 70.64 प्रतिशत का अनुपात रहा। कंपनी का पूंजी पर्याप्तता अनुपात 31 मार्च, 2023 तक 25.78 प्रतिशत के स्तर पर है। यह भविष्य में विकास का पर्याप्त अवसर प्रदान करता है।

परिचालन और वित्तीय हाइलाइट्स –12एम एफवाई23 बनाम 12 एफवाई22 (स्टैंडअलोन)

संवितरण: 96,846 करोड़ रूपये बनाम  64,150 करोड़ रूपये

ऋण संपत्तियों पर ब्याज आय:  38,360 करोड़ रूपये बनाम  37,811 करोड़ रूपये, 1 प्रतिशत की वृद्धि

शुद्ध लाभ:  11,055 करोड़ रूपये बनाम 10,046 करोड़ रूपये, 10 प्रतिशत अधिक

आरईसी लिमिटेड के बारे में: आरईसी लिमिटेड एक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी है जो पूरे भारत में विद्युत क्षेत्र के वित्तपोषण और विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। वर्ष 1969 में स्थापित आरईसी लिमिटेड  ने अपने संचालन के क्षेत्र में पचास वर्ष पूरे कर लिए हैं। यह बिजली क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह उत्पादनपारेषणवितरण और नवीकरणीय ऊर्जा सहित विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं के लिए धन उपलब्‍ध कराती है।

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एनसीसी कैडेट्स के 85वें पर्वतारोहण अभियान दल को रक्षा राज्य-मंत्री ने झंडी दिखाकर रवाना किया

रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने आज 17 मई 2023 को युवाओं से आग्रह किया कि वे जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए मजबूत उद्देश्य और जुनून की भावना को बढ़ावा दें। वह नई दिल्ली में 85वें एनसीसी कैडेट्स के पर्वतारोहण अभियान दल को हरी झंडी दिखाने के बाद, राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेट्स को संबोधित कर रहे थे।

राष्ट्र निर्माण में एनसीसी की भूमिका की सराहना करते हुए रक्षा राज्य मंत्री ने कहा राष्ट्र निर्माण में एनसीसी की भूमिका से हम सभी परिचित हैं। एनसीसी द्वारा देश के छात्र समुदाय के बीच अनुशासन, नेतृत्व, भाईचारा, सौहार्द और साहस के गुण पैदा किए जा रहे हैं जो, निश्चित रूप से उन्हें जीवन की बड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करेंगे।

हिमाचल प्रदेश मे माउंट युनुम के लिए एनसीसी पर्वतारोहण अभियान दल में 4 अधिकारी, 10 पीआई कर्मचारी और 18 एनसीसी कैडेट्स जिनमें से 11 लड़कियां है, शामिल हैं। इन कैडेट्स का चुनाव देश के विभिन्न एनसीसी निदेशालयों से किया गया है।

1970 से शुरू होकर यह 85वां एनसीसी कैडेट अभियान है। यह अभियान दल जून 2023 के पहले सप्ताह तक हिमाचल प्रदेश के लाहौल जिले में स्थित माउंट युनुम (6111 मीटर) को फतह करने का प्रयास करेगा।

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प्रधानमंत्री मोदी 18 मई को ओडिशा में 8000 करोड़ रूपये रेल परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे

प्रधानमंत्री मोदी 18 मई को दोपहर लगभग साढे बारह बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्‍यम से ओडिशा में 8000 करोड़ रुपये से अधिक की कई रेल परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री पुरी और हावड़ा के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाएंगे। ये रेलगाड़ी ओडिशा के खोरधा, कटक, जाजपुर, भद्रक, बालेश्‍वर जिलों और पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर, पुरबा मेदिनीपुर जिलों से गुजरेगी। ये रेलगाड़ी यात्रियों को  आरामदायक और सुविधाजनक तथा कम समय में यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र में आर्थिक विकास में तेजी आएगी।

प्रधानमंत्री पुरी और कटक रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला भी रखेंगे। पुनर्विकसित स्टेशनों में रेल यात्रियों को विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करने वाली सभी आधुनिक सुविधाएं होंगी।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ओडिशा में शत-प्रतिशत विद्युतीकृत रेल नेटवर्क का उद्घाटन करेंगे। इससे परिचालन और रखरखाव लागत कम होगी और आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता कम होगी।

प्रधानमंत्री संबलपुर-टिटलागढ़ रेल लाइन के दोहरीकरण का भी लोकार्पण करेंगे। वे अंगुल-सुकिंदा के बीच एक नई ब्रॉड गेज रेल लाइन, मनोहरपुर-राउरकेला-झारसुगुड़ा-जमगा को जोड़ने वाली तीसरी लाइन और बिछुपाली-झरतरभा के बीच नई ब्रॉड-गेज लाइन का भी लोकापर्ण करेंगे। इससे ओडिशा में इस्पात, बिजली और खनन क्षेत्रों में तेजी से औद्योगिक विकास के फलस्वरूप यातायात की बढ़ती मांगे पूरी हो सकेंगी और इन रेल खंडों में यात्रियों की आवाजाही पर दबाव कम करने में भी मदद मिलेगी।

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रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को नवरत्न का दर्जा मिला

रेल मंत्रालय के केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को नवरत्न कंपनी का दर्जा हासिल हो गया है।

आरवीएनएल को 24 जनवरी, 2003 को पीएसयू के रूप में निगमित किया गया था, जिसका उद्देश्य फास्ट ट्रैक आधार पर रेलवे के बुनियादी ढांचे की क्षमताओं के निर्माण और वृद्धि से संबंधित परियोजनाओं का कार्यान्वयन और एसपीवी परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त बजटीय संसाधनों को जुटाना था। निदेशक मंडल की नियुक्ति के साथ 2005 में कंपनी का परिचालन शुरू हुआ था। कंपनी को सितंबर, 2013 में मिनी रत्न का दर्जा दिया गया था। कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी 3000 करोड़ रुपये है, जिसकी चुकता शेयर पूंजी 2085 करोड़ रुपये है।

आरवीएनएल को निम्नलिखित काम सौंपे गए हैं :

  1. पूर्ण परियोजना जीवन चक्र को कवर करने वाली परियोजना के विकास और कार्यों का निष्पादन करना।
  2. यदि आवश्यक हो, तो व्यक्तिगत कार्यों के लिए परियोजना केंद्रित एसपीवी बनाना।
  3. आरवीएनएल द्वारा एक रेलवे परियोजना पूरी किए जाने पर, संबंधित क्षेत्रीय रेलवे इसका संचालन और रखरखाव करेगा।

आरवीएनएल को “नवरत्न” का दर्जा मिलने से उसके अधिकार, परिचालन स्वतंत्रता और वित्तीय स्वायत्तता में बढ़ोतरी हो गई है, जिससे आरवीएनएल की प्रगति को पर्याप्त प्रोत्साहन मिलेगा। यह विशेष रूप से इसलिए भी अहम है, क्योंकि आरवीएनएल रेलवे से परे और यहां तक कि विदेश स्थित परियोजनाओं में भी अपना विस्तार कर रही है।

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पिछले पांच वर्षों के दौरान घरेलू कोयले का उत्पादन लगभग 23 प्रतिशत बढ़ा

वित्त वर्ष 2018-2019 में 728.72 मिलियन टन की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में भारत के कुल कोयला उत्पादन में लगभग 22.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 893.08 मिलियन टन का उत्पादन हुआ। प्रतिस्थापन योग्य कोयले के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए घरेलू कोयला उत्पादन को बढ़ाना कोयला मंत्रालय की प्राथमिकता है। पिछले 5 वर्षों में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का उत्पादन वित्त वर्ष 2018-2019 में 606.89 मिलियन टन की तुलना में 15.9 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 703.21 मिलियन टन बढ़ा है। एससीसीएल ने वित्त वर्ष 2018-19 में 64.40 मिलियन टन से 4.3 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2022-23 में 67.14 मिलियन टन उत्पादन कर प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की है। कैप्टिव और अन्य खदानों ने भी 113.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2022-23 में 122.72 मिलियन टन उत्पादन दर्ज किया है, जो वित्त वर्ष 2018-19 में 57.43 मिलियन टन था।


कोयला मंत्रालय ने सभी क्षेत्रों की मांग को पूरा करने और ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित कर आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए घरेलू कोयला उत्पादन में तेजी लाने के लिए कई उपाय शुरू किए हैं। कोयला उत्पादन में असाधारण वृद्धि ने देश की ऊर्जा सुरक्षा का मार्ग प्रशस्त किया है। वित्त वर्ष 2023- 2024 के लिए निर्धारित वार्षिक कोयला उत्पादन का लक्ष्य 1012 मिलियन टन है। इसके अलावा, कोयला मंत्रालय पर्यावरण संरक्षण, संसाधन संरक्षण, सामाजिक कल्याण और हमारे वनों और जैव विविधता को संरक्षित करने के उपायों पर जोर देकर कोयला उत्पादन के साथ सतत विकास को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से कार्यरत है।  मंत्रालय ने खानों में कोयले के सड़क से ढुलाई को समाप्त करने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण विकसित करने के लिए एक रणनीति तैयार की है और ‘फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी’ परियोजनाओं के तहत मशीनीकृत कोयला ढुलाई और लोडिंग सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए कदम

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