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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अप्रैल, 2023 के महीने के दौरान समग्र 17.20 लाख सदस्य जोड़े

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ द्वारा 20 जून, 2023 को जारी किया गया तत्कालिक पेरोल डेटा कई प्रमुख मापदंडों पर महत्वपूर्ण वृद्धि का संकेत देता है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि ईपीएफओ ने मार्च, 2023 के पिछले महीने के दौरान 13.40 लाख की कुल वृद्धि की तुलना में अप्रैल, 2023 के महीने में 17.20 लाख सदस्य जोड़े हैं। साल-दर-साल बढ़ते हुए अप्रैल, 2023 के महीने के लिए समग्र पेरोल वृद्धि में बढ़त की प्रवृत्ति देखी गई है।

अप्रैल माह के दौरान जोड़े गए कुल 17.20 लाख सदस्यों में से करीब 8.47 लाख नए सदस्य पहली बार ईपीएफओ के तहत सामाजिक सुरक्षा दायरे में आए हैं। इस तरह से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से जुड़ने वाले नये सदस्यों में से 18-25 वर्ष की आयु वर्ग से कुल नए सदस्यों की संख्या लगभग 54.15 प्रतिशत है। 18-25 वर्ष का आयु समूह यह इंगित करता है कि देश के संगठित क्षेत्र के कार्यबल में शामिल होने वाले अधिकांश सदस्य पहली बार नौकरी प्राप्त करने वाले युवाओं में शामिल हैं।

इन आंकड़ों में ईपीएफओ में फिर से शामिल होने वाले सदस्यों की बढ़ती संख्या को भी दर्शाया गया है क्योंकि मार्च, 2023 के पिछले महीने में 10.09 लाख की तुलना में 12.50 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर निकल गए लेकिन फिर से शामिल हो गए। ये वैसे सदस्य हैं जिन्होंने अपनी नौकरी बदल ली होगी तथा ईपीएफओ के अंतर्गत सेवाएं देने वाले प्रतिष्ठानों में फिर से शामिल हो गए होंगे और उन्होंने अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने के बजाय अपने संचय को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना होगा, जिससे उनकी सामाजिक सुरक्षा सुरक्षा का विस्तार होगा।

पिछले महीने की तुलना में अप्रैल, 2023 में 3.77 लाख के साथ निकासी की संख्या में 11.67 प्रतिशत की कमी आई है। साल-दर-साल तुलना करने से यह भी पता चलता है कि अप्रैल, 2023 के महीने में निकासी की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है।

पेरोल डेटा के लिंग-वार विश्लेषण से पता चलता है कि मार्च, 2023 के दौरान 2.57 लाख की तुलना में अप्रैल, 2023 में कुल महिला सदस्यों का नामांकन 3.48 लाख रहा है। इस महीने के दौरान जोड़े गए कुल 8.47 लाख नए सदस्यों में से लगभग 2.25 लाख नई महिला सदस्य भी हैं, जो पहली बार ईपीएफओ में शामिल हो रही हैं। अप्रैल महीने के दौरान महिला सदस्यों की सभी नए नामांकनों में कुल हिस्सेदारी लगभग 26.61 प्रतिशत रही है, जो नए सदस्यों के बीच पिछले छह महीनों में महिलाओं की उच्चतम भागीदारी को दर्शाता है।

अखिल भारतीय पेरोल डाटा के विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि कुल सदस्यों की संख्या में वृद्धि से महीने-दर-महीने की बढ़ती प्रवृत्ति अधिकांश राज्यों में परिलक्षित होती है। अप्रैल माह के दौरान प्राप्त आंकड़ों में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात और दिल्ली जैसे प्रदेश शीर्ष पांच राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो लगभग 59.20 प्रतिशत कुल सदस्य जोड़ रहे हैं।

उद्योग-वार आंकड़ों की माह-दर-माह तुलना विनिर्माण एवं सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाती है। शीर्ष 10 उद्योगों में सबसे अधिक बढ़ोतरी विनिर्माण, विपणन-सेवा और कंप्यूटर सबंधित कार्य करने में लगे प्रतिष्ठानों में देखी गई है। इसके बाद इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल या सामान्य इंजीनियरिंग उत्पाद और अन्य व्यापारिक-वाणिज्यिक प्रतिष्ठान थे। बढ़त का रुख रखने वाले अन्य प्रमुख उद्योगों में गारमेंट मेकिंग, टेक्सटाइल, बिल्डिंग और कंस्ट्रक्शन तथा विशेषज्ञ सेवाएं शामिल हैं।

उपरोक्त पेरोल डेटा अस्थायी है, क्योंकि डेटा तैयार करना एक सतत प्रक्रिया है और कर्मचारियों के रिकॉर्ड को अपडेट करना एक जारी रहने वाली व्यवस्था है। इसलिए पिछला डेटा हर महीने अद्यतित किया जाता है। अप्रैल-2018 के महीने से ईपीएफओ सितंबर, 2017 की अवधि को कवर करते हुए पेरोल डेटा जारी कर रहा है। इस तरह से मासिक पेरोल डेटा में, आधार से मान्य सार्वभौमिक खाता संख्या (यूएएन) के माध्यम से पहली बार ईपीएफओ में शामिल होने वाले सदस्यों की गिनती, ईपीएफओ के कवरेज से बाहर निकलने वाले मौजूदा सदस्य और सदस्य के रूप में बाहर निकलने वाले लेकिन फिर से शामिल होने वालों की गणना शुद्ध मासिक पेरोल पर पहुंचने के लिए की जाती है।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन देश का प्रमुख संगठन है जो ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 के क़ानून के तहत संगठित/अर्ध-संगठित क्षेत्र के कार्यबल को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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महाराष्ट्र के वारणा नगर में संपन्न एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इण्डिया की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में अखबारों की समस्याओं पर हुई चर्चा।

– एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इण्डिया की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में अखबारों की समस्याओं पर हुई चर्चा।
– केंद्र सरकार से प्रकाशकों ने अखबारी कागज से जी0 एस0 टी0 हटाने की मांग की।
– लघु एवं मझोले वर्ग के अखबारों के हित में विज्ञापन नीति-2020 में संशोधन करने की मांग उठी।
-लघु व मझोले वर्ग के अखबारों का विज्ञापन हिस्सेदारी कम करने पर सी0 बी0 सी0 की निंदा की।


वारणा नगर कोल्हापुर, महाराष्ट्र। भारतीय स्वरूप संवाददाता, एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इण्डिया की राष्ट्रीय परिषद की बैठक 16 जून को वारणा नगर स्थित शेतकारी भवन के तात्या साहेब कोरे सभागार में महाराष्ट्र इकाई के तत्वावधान में एशोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव दत्त चंदोला की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
बैठक का शुभारंभ ज्ञान दायिनी देवी सरस्वती, छत्रपति शिवाजी महाराज, मराठी पत्रकारिता के जनक आचार्य बाल शास्त्री जाम्भेकर को नमन कर दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।
बैठक में श्री चंदोला ने कहा, ” लघु एवं मझोले वर्ग के अखबारों का उत्पीड़न करना अति निंदनीय है और अगर उत्पीड़न बंद नहीं किया गया तो एसोसिएशन की सभी राज्यों की इकाइयां विरोध पर उतरने को बाध्य होंगी। श्री चंदोला ने डी ए वी पी को आगाह किया है कि वो छोटे और मझोले वर्ग के अखबारों की समस्याओं को नजरअंदाज न करे और विज्ञापन की हिस्सेदारी पर अतिक्रमण करना बंद करे।”
एसोसिएशन के उत्तर प्रदेश राज्य इकाई के अध्यक्ष, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य श्याम सिंह पंवार ने कहा कि अखबारों के प्रकाशकों की समस्याओं का निराकरण करने का हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है और अपने स्तर से अखबार मालिकों की ही नहीं अपितु पत्रकारों के उत्पीड़न सम्बन्धी हर मामले को प्रेस काउंसिल में उठा रहे हैं और निराकरण करवा रहे हैं।
कर्नाटक से पधारे माला बोदी ने कहा कि इस समय पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि पेनाल्टी से बचने के लिए वार्षिक रिटर्न भरने के प्रति जागरूकता लाने की आवश्यकता है। साथ ही आर एन आई द्वारा लगाई जा रही पेनाल्टी को रोकने का मुद्दा उठाया।
आंध्र प्रदेश से पधारे के0 परशुराम ने आंध्रा सरकार द्वारा किये जा रहे उत्पीड़न का मामला उठाते हुए बताया कि प्रदेश में पत्रकारों का उत्पीड़न चरम सीमा पर है।
राजस्थान से पधारे राष्ट्रीय सचिव ड्रा0 अनन्त शर्मा ने कहा कि हेल्पलाइन बनाकर प्रकाशकों की समस्याओं का निराकरण करवाने का प्रयास किया जायेगा।
गुजरात से पधारे महामंत्री शंकर एम0 कतीरा ने कहा कि अगली मीटिंग का आयोजन जल्द से जल्द करके प्रकाशकों की समस्याओं पर चर्चा करके केंद्र सरकार को अवगत कराया जाएगा।
वहीं गोपाल जी गुप्ता ने राजस्थान राज्य से प्रकाशित होने वाले अखबारों की समस्याओं पर चर्चा करते हुए कहा कि सरकार, छोटे व मझोले वर्ग के समाचार पत्रों के साथ सौतेला व्यवहार करना बंद करे। साथ ही भाषाई एकेडमी में पत्रकारों की सहभागिता करने की मांग रखी।
महाराष्ट्र राज्य इकाई अध्यक्ष प्रदीप देवीदास कुलकर्णी ने कहा कि सरकारों को छोटे व मझोले अखबारों की समस्याओं को अनदेखा नहीं करना चाहिये।
मप्र से आये अकरम खान ने पत्रकारों की उत्पीड़न सम्बन्धी घटनाओं का जिक्र करते हुए इन्हें रोकने हेतु उचित कदम उठाने की बात रखी।
कोरापुट उड़ीसा से आये राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बिनोद महापात्रा ने कहा कि अधिकार अब कोई मांगने से नहीं देता, इस लिये अधिकार मांगने की नहीं बल्कि संवैधानिक दायरे में रहकर छीनने की जरूरत है। उन्होंने लघु श्रेणी के अखबारों के सम्पादकों की पेंशन सम्बन्धी समस्या को उठाया।
इस दौरान महाराष्ट्र इकाई द्वारा एसोसिएशन के पदाधिकारियों सहित एसोसिएशन के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले सदस्यों को सम्मानित किया गया।
बैठक में एसोसिएशन की कोषाध्यक्ष भगवती चंदोला, महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष प्रदीप देवीदास कुलकर्णी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अप्पा साहेब पाटिल, एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव प्रवीण पाटिल, राष्ट्रीय परिषद के सदस्य चंद्रशेखर गायकवाड़, अरुण राजाराम वडेकर, गोरख तावड़े, मुकुंद जोशी, नेता जी मेश्राम, मारुति, गावड़ी, सम्राट संगर, सुमित कुलकर्णी, दत्तदेश पांडेय, अरुण वडेकर, मारुति नावलाई, तेजश्वनी सूर्यवंशी, उत्तर प्रदेश अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार, उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष अतुल दीक्षित (कानपुर, देहरादून), गुजरात राज्य के अध्यक्ष मयूर बोरीचा, गुलाब सिंह भाटी, रमन बरोट, राजस्थान से धर्मेंद्र सोनी, गोपाल जी गुप्ता, मध्यप्रदेश से अकरम खान, कर्नाटक से वेणु गोपाल के0 नायक, तारिक वेलकर, आंध्र प्रदेश से के0 वेंकट रेड्डी, सेंडीरेड्डी कोंडलाराव, एम0 कमल कुमार उड़ीसा से पधारे चन्द्र कांता सूतर, बिनोद महापात्र सहित अनेक अखबारों के प्रकाशक मौजूद रहे।

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प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में विभिन्न विकास कार्यों के उद्घाटन पर प्रसन्नता व्यक्त की

प्रधानमंत्री  मोदी ने जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में किसानों के लिए 7 कस्टम हायरिंग सेंटर, एसएचजी के लिए 9 पॉली ग्रीन हाउस समेत विभिन्न अवसंरचना परियोजनाओं के उद्घाटन पर प्रसन्नता व्यक्त की है।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल कार्यालय का ट्वीट थ्रेड साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया;

“उद्घाटन किए गए विकास कार्यों की उल्लेखनीय श्रृंखला; जम्मू और कश्मीर के लोगों, विशेष रूप से आकांक्षी जिलों के निवासियों की जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण प्रस्तुत करती है।”

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मई 2023 में कोयले का उत्पादन बढ़कर 76.26 मिलियन टन रहा

कोयला मंत्रालय ने मई, 2023 के महीने के दौरान कुल कोयला उत्पादन में ठोस वृद्धि के साथ एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। 7.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ कोयला उत्पादन 76.26 मिलियन टन (एमटी) तक पहुंच गया है, जो 22 मई के 71.21 मिलियन टन के आंकड़े को पार कर गया है। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का उत्पादन 9.54 प्रतिशत की वृद्धि के साथ मई 2022 में 54.72 मिलियन टन की तुलना में मई, 2023 के महीने में 59.94 मिलियन टन बढ़ा है। कुल कोयले के उत्पादन में वित्त वर्ष 2022 में 138.41 मिलियन टन की तुलना में वित्त वर्ष 2023 में 149.41 मिलियन टन की वृद्धि देखी गई है जो 7.94 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।

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फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि के साथ, कोयले का प्रेषण मई 2022 में 77.79 एमटी की तुलना में मई 2023 में 82.22 एमटी दर्ज किया गया जो 5.70 प्रतिशत की वृद्धि है। कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला ब्लॉक से कोयला प्रेषण मई 2022 में 10.47 मिलियन टन की तुलना में मई 2023 में 12.23 मिलियन टन दर्ज किया गया है जो 16.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। कुल कोयला प्रेषण में भी 8.47 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2023-24 में कोयला प्रेषण में 162.44 मिलियन टन की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में 149.76 मिलियन टन का कोयला प्रेषण हुआ था।

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कोयले की कुल खरीद (ऑफटेक) में इस प्रभावशाली उछाल के परिणामस्वरूप, कोयला स्टॉक की अच्छी स्थिति है, जो सीआईएल, एससीसीएल, टीपीपी (डीसीबी) आदि में पिटहेड कोयले के स्टॉक में पड़े कोयले की विश्वसनीय और प्रचुर मात्रा में आपूर्ति की गारंटी देता है। 31 मई 2023 तक कुल कोयला स्टॉक 112.41 मिलियन टन है जो 31 मई 2022 के कुल कोयला स्टॉक 82.97 मिलियन टन से 35.48 प्रतिशत अधिक है। सकारात्मक कोयला स्टॉक की इस स्थिति से ऊर्जा की मांग में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव से निपटने की क्षमता मजबूत हुई है। इस स्थिति ने देश की ऊर्जा मांगों को पूरा करना सुनिश्चित किया है।

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इसके अलावा, कोयले की ढुलाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कोयले के रेक की उपलब्धता इस पूरी अवधि के दौरान लगातार अच्छी रही है, क्योंकि मंत्रालय ने पीएम गति शक्ति के तहत रेल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए पहल की है ताकि कोयले की निर्बाध ढुलाई सुनिश्चित की जा सके। इस तरह की रेक उपलब्धता ने कोयले के सुचारू परिवहन, परिवहन बाधाओं को कम करने और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद की है।

कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए मंत्रालय लगातार प्रयास कर रहा है। कोयला मंत्रालय बेहतरीन विकास के लिए एक व्यापक योजना के साथ पहले ही आगे बढ़ चुका है। मंत्रालय पर्यावरण और समुदायों की भलाई को प्राथमिकता देने वाले कर्तव्यनिष्ठ कोयला खनन प्रथाओं को बढ़ावा देने पर जोर दे रहा है।

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दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज में सेंचुरी क्लब, विजन कानपुर@2047 के अंतर्गत महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य के अंतर्गत सरोज देवी फाउंडेशन के सहयोग से मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया गया

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता, दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज, कानपुर में सेंचुरी क्लब, विजन कानपुर@2047 के अंतर्गत महिलाओं की सुरक्षा, स्वावलंबन व सशक्तिकरण के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए सरोज देवी फाउंडेशन के सहयोग से मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया गया। इस दिन पूरी दुनिया में ‘मासिक धर्म स्वच्छता दिवस’ मनाया जाता है। 2014 में जर्मन के ‘वॉश यूनाइटेड’ नाम के एक एनजीओ ने इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी, जिसका मुख्य उद्देश्य – लड़कियों और महिलाओं को महीने के उन 4-5 दिन यानी मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता रखने के लिए जागरूक करना है।
महाविद्यालय सेंचुरी क्लब समन्वयक डॉ संगीता सिरोही ने बताया कि सरोज देवी फाउंडेशन से हाइजीन एजुकेटर श्रीमती अनुपमा चौधरी ने अपने व्याख्यान में छात्राओं को मासिक धर्म के समय रखी जाने वाली सावधानियों से अवगत कराते हुए उस समय होने वाली कठिनाइयों को कम करने, संतुलित भोजन, उचित व्यायाम, आहार-विहार आदि के बारे में सुझाव दिए। इस अवसर पर एक जागरूकता रैली का भी आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व प्राचार्य डॉ साधना सिंह, डॉ निवेदिता टंडन, आई क्यू ए सी इंचार्ज प्रो वंदना निगम, प्रो पप्पी मिश्रा, प्रो प्रज्ञा सहाय, प्रो मुकुलिका हितकारी, प्रो सुमन सिंह, प्रो स्वाति सक्सेना, डॉ कृष्णेंद्र कुमार श्रीवास्तव, स्वस्थ संसार संस्थान से श्री प्रमोद श्याम जी व उनकी टीम, सरोज देवी फाउंडेशन से श्री अरविंद चौधरी, श्रीमती संध्या एवम उनकी संपूर्ण टीम तथा समस्त छात्राओं की प्रतिभागिता सराहनीय रही।

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सोशल रिसर्च फाउंडेशन और पीपीएन कॉलेज के मध्य हस्ताक्षरित हुआ एमओयू

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता, शोध और रोज़गार युक्त एमओयू से बेहतर राष्ट्र की एक पहल सोशल रिसर्च फाउंडेशन और पीपीएन कॉलेज कानपुर के मध्य एमओयू (MOU), प्राचार्य प्रो अनूप सिंह एवं सोशल रिसर्च फाउंडेशन के सचिव डॉ राजीव मिश्रा के हस्ताक्षर से संपन्न हुआ। प्राचार्या द्वारा अवगत कराया गया कि यह संस्था शोध के क्षेत्र में,समय समय पर रोज़गार मेला, संगोष्ठी और भविष्य के राष्ट्र निर्माता आज के छात्रों को नैतिक, सामाजिक एवं बौद्धिक विषयों पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करती रहेगी। इस मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग में सोशल रिसर्च फाउंडेशन की उत्तर प्रदेश अध्यक्ष डॉ अर्चना दीक्षित (डीजी कॉलेज के रसायन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर), कानपुर जिला इकाई के उपाध्यक्ष प्रो० शैलेंद्र कुमार शुक्ला (रसायन विज्ञान, डीबीएस कॉलेज), विषय विशेषज्ञ डॉ० आर०बी० तिवारी (सांख्यिकी विभाग डीएवी कॉलेज) एवं कार्यक्रम की सूत्रधार डॉ आभा सिंह (मनोविज्ञान विभाग, पीपीएन कॉलेज) भी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर सोशल रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर अशोक कुमार जी (पूर्व कुलपति सीएसजेएमयू ) ने हर्ष व्यक्त करते हुए भविष्य में ऐसे करार के जरिए रिसर्च एक्टिविटीज के बढ़ने की आशा व्यक्ति की और अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।
स्वैच्छिक दुनिया समाचार पत्र के संरक्षक दिलीप कुमार मिश्रा ने कहा कि सोशल रिसर्च फाउंडेशन जल्द ही माध्यमिक विद्यालय मे भी जाकर सेमिनार करके शिक्षको व छात्रो से संवाद कर जागरूक
करने की शुरुआत करने जा रही है।

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प्रधानमंत्री देहरादून से दिल्ली के बीच पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे

उत्तराखंड में यह पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन होगी। विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस यह एक्सप्रेस ट्रेन यात्रियों, विशेष रूप से राज्य की यात्रा करने वाले पर्यटकों के लिए आरामदायक यात्रा अनुभव के एक नए युग की शुरुआत करेगी। ट्रेन पूरी तरह स्वदेश में निर्मित है और कवच तकनीक समेत सभी उन्नत सुरक्षा सुविधाओं से लैस है।

प्रधानमंत्री के, सार्वजनिक परिवहन के स्वच्छ साधन उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण से प्रेरणा लेकर भारतीय रेल देश में रेल मार्गों को पूरी तरह से विद्युतीकृत करने की ओर बढ़ रही है। इसी प्रक्रिया के तहत प्रधानमंत्री उत्तराखंड में नव विद्युतीकृत रेल लाइन खंडों का लोकार्पण करेंगे। इससे राज्य का पूरा रेल मार्ग शत प्रतिशत विद्युतीकृत हो जाएगा। विद्युतीकृत खंडों पर इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन द्वारा चलाई जाने वाली ट्रेनों से न सिर्फ ट्रेनों की गति में वृद्धि होगी, बल्कि ढुलाई क्षमता भी बढेगी।

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उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी करेंगे नए संसद भवन में ऐतिहासिक व पवित्र “सेन्गोल” की स्थापना

रविवार को इतिहास की पुनरावृत्ति होगी, जब नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा। इस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी न्यायपूर्ण और निष्पक्ष शासन के पवित्र प्रतीक सेन्गोल को ग्रहण कर उसे नए संसद भवन में स्थापित करेंगे। यह वही सेन्गोल है जिसे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू ने 14 अगस्त, 1947 की रात को अपने आवास पर, कई नेताओं की उपस्थिति में स्वीकार किया था।

भारत की आजादी के उपलक्ष्य में हुए पूरे कार्यक्रम को याद करते हुए गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा, “आज आजादी के 75 साल बाद भी, अधिकांश भारत को इस घटना के बारे में जानकारी नहीं है। 14 अगस्त, 1947 की रात को वह एक विशेष अवसर था, जब जवाहर लाल नेहरू जी ने तमिलनाडु के थिरुवदुथुराई आधीनम (मठ) से विशेष रूप से पधारे आधीनमों (पुरोहितों) से सेन्गोल ग्रहण किया था। पंडित नेहरू के साथ सेन्गोल का निहित होना ठीक वही क्षण था, जब अंग्रेजों द्वारा भारतीयों के हाथों में सत्ता का हस्तांतरण किया गया था। हम जिसे स्वतंत्रता के रूप में मना रहे हैं, वह वास्तव में यही क्षण है।”

प्रधानमंत्री मोदी जी ने अमृत काल के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में सेन्गोल को अपनाने का निर्णय लिया है। संसद का नया भवन उसी घटना का साक्षी बनेगा, जिसमें आधीनम उस समारोह की पुनरावृत्ति करेंगे और प्रधानमंत्री मोदी को सेन्गोल प्रदान करेंगे।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने आगे सेन्गोल के बारे में विस्तार से बताया। “सेन्गोल का गहरा अर्थ होता है। ‘‘सेन्गोल’’ शब्द तमिल शब्द “सेम्मई” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “नीतिपरायणता”। इसे तमिलनाडु के एक प्रमुख धार्मिक मठ के मुख्य आधीनम (पुरोहितों) का आशीर्वाद प्राप्त है। ‘न्याय’ के प्रेक्षक के रूप में, अपनी अटल दृष्टि के साथ देखते हुए, हाथ से उत्कीर्ण नंदी इसके शीर्ष पर विराजमान हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सेन्गोल को ग्रहण करने वाले व्यक्ति को न्यायपूर्ण और निष्पक्ष रूप से शासन करने का ‘आदेश’ (तमिल में‘आणई’) होता है और यह बात सबसे अधिक ध्यान खींचने वाली है- लोगों की सेवा करने के लिए चुने गए लोगों को इसे कभी नहीं भूलना चाहिए।” 1947 के उसी सेन्गोल को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लोकसभा में अध्यक्ष के आसन के पास प्रमुखता से स्थापित किया जाएगा। इसे राष्ट्र के देखने के लिए प्रदर्शित किया जाएगा और विशेष अवसरों पर बाहर ले जाया जाएगा।

गृहमंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि इस ऐतिहासिक ‘‘सेन्गोल’ के लिए संसद भवन ही सबसे अधिक उपयुक्त और पवित्र स्थान है। ‘‘सेन्गोल’ ’की स्थापना 15 अगस्त, 1947 की भावना को अविस्मरणीय बनाती है। यह असीम आशा, अनंत संभावनाओं और एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण का संकल्प है। यह अमृतकाल का प्रतिबिंब होगा, जो नए भारत को विश्व में अपने यथोचित स्थान को ग्रहण करने के गौरवशाली क्षण का साक्षी बनेगा।

तमिलनाडु सरकार ने 2021-22 के ‘हिन्दू रिलिजियस एंड चैरिटेबल एंडोमेंट डिपार्टमेंट’- हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग (एचआर एंड सीई) के पॉलिसी नोट में राज्य के मठों द्वारा निभाई गई भूमिका को गर्व से प्रकाशित किया है। इस दस्तावेज़ के पैरा 24 में मठों द्वारा शाही परामर्शदाता के रूप में निभाई गई भूमिका पर स्पष्ट रूप से प्रकाश डाला गया है।

यह ऐतिहासिक योजना आधीनम के अध्यक्षों से विचार-विमर्श करके बनाई गई है। सभी 20 आधीनम के अध्यक्ष इस शुभ अवसर पर आकर इस पवित्र अनुष्ठान की पुनर्स्मृति में अपना आशीर्वाद भी प्रदान कर रहे हैं। इस पवित्र समारोह में 96 साल के श्री वुम्मिडी बंगारु चेट्टी जी भी सम्मिलित होंगे, जो इसके निर्माण से जुड़े रहे हैं।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने सेन्गोल के बारे में विवरण और डाउनलोड करने योग्य वीडियो के साथ एक विशेष वेबसाइट https://sengol1947.ignca.gov.in को भी लॉन्च किया। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि भारत के लोग इसे देखें और इस ऐतिहासिक घटना के बारे में जानें, यह सभी के लिए गर्व की बात है।”

इस प्रेस वार्ता में केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री जी किशन रेड्डी, केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण और खेल एवं युवा मामलों के मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर और संस्कृति मंत्रालय के सचिव श्री गोविन्द मोहन भी उपस्थित थे।

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कल मिलेगा कानपुर हवाई अड्डे को अधिक यात्री क्षमता वाला एक नया सिविल एन्क्लेव

डेवलपमेंट थ्रू कनेक्टिविटी’ यानी जुडाव से विकास की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी कानपुर एक नया सिविल एन्क्लेव पाने के लिए तैयार है। कानपुर हवाई अड्डे पर नए सिविल एन्क्लेव का उद्घाटन 26 मई को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया द्वारा किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मैनपुरी में स्वर्गीय माधवराव जीवाजीराव सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद एक साथ नए टर्मिनल के उद्घाटन के लिए कानपुर हवाई अड्डे जाएंगे।

नई टर्मिनल बिल्डिंग की मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं:

  • नया टर्मिनल भवन 6243 वर्गमीटर के क्षेत्र में 150 करोड़ रुपये की परियोजना लागत पर बनाया गया है और ये मौजूदा टर्मिनल से 16 गुना बड़ा है।
  • पहले के 50 यात्रियों की तुलना में पीक ऑवर्स के दौरान 400 यात्रियों को संभालने के लिए तैयार किया गया है।
  • यात्रियों के लिए कुशल और त्वरित चेक-इन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए 08 चेक-इन काउंटर।
  • सामान के आसान रखरखाव और संग्रह की सुविधा के लिए 3 कन्वेयर बेल्ट जिसमें से एक प्रस्थान हॉल में स्थित है और दो आगमन हॉल में स्थित है।
  • 850 वर्ग मीटर में फैला एक विशाल कंसेशिनेयर एरिया, जो यात्रियों के लिए खरीदारी और भोजन की विविध रेंज पेश करता है।
  • दृष्टिबाधित यात्रियों की सुविधा के लिए स्पर्श पथ प्रावधान किए गए हैं।
  • टर्मिनल के शहर की ओर, 150 कार पार्किंग स्थान और 2 बस पार्किंग स्थान हैं, जो यात्रियों के लिए पर्याप्त पार्किंग सुविधाएं सुनिश्चित करते हैं।
  • नव विकसित एप्रन 713मी X 23मी के एक नए लिंक टैक्सी ट्रैक के साथ-साथ तीन ए-321/बी-737 प्रकार के विमानों की पार्किंग के लिए उपयुक्त है।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन और सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री सेवानिवृत्त जनरल डॉ. वी. के. सिंह, उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष  सतीश महाना, उत्तर प्रदेश सरकार में औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई और निवेश प्रोत्साहन मंत्री और सांसद नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, लोकसभा सांसद देवेंद्र सिंह, लोकसभा सांसद सत्यदेव पचौरी और कानपुर नगर निगम की मेयर श्रीमती प्रमिला पांडे तथा अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।

कानपुर चमड़ा, कपड़ा और रक्षा संबंधी उत्पादन उद्योगों का एक प्रमुख केंद्र है। यहां कई ऐतिहासिक और पवित्र स्थान हैं और आईआईटी कानपुर, नेशनल शूगर इंस्टीट्यूट, यूपी लैदर एंड टैक्सटाइल टैक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट जैसे विभिन्न प्रमुख शैक्षणिक संस्थान हैं जो बड़ी संख्या में हवाई यात्रियों को आकर्षित करते हैं। वर्तमान में कानपुर मुंबई और बेंगलुरु एयरपोर्ट से सीधे जुड़ा हुआ है।  कानपुर, जिसे अक्सर ‘उत्तर प्रदेश का मैनचेस्टर’ कहा जाता है, के उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों और देश के दूसरे हिस्सों से जुड़ने की संभावना है।

कानपुर हवाईअड्डे पर नए सिविल एन्क्लेव का टर्मिनल भवन डबल इंसुलेटेड रूफिंग सिस्टम, ऊर्जा की बचत के लिए कैनोपी का प्रावधान, एलईडी लाइटिंग, लो हीट गेन डबल ग्लेज़िंग यूनिट, भूजल तालिका को रिचार्ज करने के लिए वर्षा जल संचयन, जल उपचार संयंत्र, सीवेज उपचार संयंत्र और भूनिर्माण के लिए पुनर्नवीनीकरण पानी का उपयोग, 100 केडब्लूपी की क्षमता वाला एक सौर ऊर्जा संयंत्र जैसी विभिन्न स्थिरता सुविधाओं से सुसज्जित है। इसे जीआरआईएच-IV रेटिंग प्रदान की गई है, जो देश में सतत विकास और जिम्मेदार संसाधन प्रबंधन को दर्शाने वाली एक राष्ट्रीय ग्रीन बिल्डिंग रेटिंग प्रणाली है।

टर्मिनल बिल्डिंग का अग्रभाग शहर और वायुमार्ग दोनों से कानपुर के प्रसिद्ध जेके मंदिर की मंदिर वास्तुकला को दर्शाता है। टर्मिनल बिल्डिंग के अंदरूनी हिस्सा विभिन्न स्थानीय विषयों जैसे कपड़ा, चमड़ा उद्योग और शहर की प्रसिद्ध हस्तियों जैसे कवि श्यामलाल गुप्ता और ऋषि महर्षि वाल्मीकि पर आधारित हैं। टर्मिनल को कानपुर और उत्तर प्रदेश राज्य की संस्कृति और विरासत को एक करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे आगंतुकों के लिए क्षेत्र की संस्कृति और इतिहास के प्रति भावना जागृत हो सके।

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में जनगणना भवन का उद्घाटन किया

अमित शाह ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण के लिए वेबपोर्टल, जियोफेंसिंग के साथ अपग्रेडेड एसआरएस मोबाइल एप्लीकेशन और जनगणना प्रकाशनों की ऑनलाइन बिक्री के वेबपोर्टल का भी शुभारंभ किया।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने जनगणना संग्रह (1981 से आगामी जनगणना) का भी विमोचन किया।

इस अवसर पर केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय, श्री अजय कुमार मिश्रा और केन्द्रीय गृह सचिव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि जन्म और मृत्यु का पंजीकरण किसी भी देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और ये दो जनगणनाओं के बीच विकास की योजनाओं को बनाने में मदद करता है, अब मोदी सरकार इस प्रक्रिया को ऑनलाइन कर आसान बना रही है। उन्होंने कहा कि आज 1981 से अभी तक की सभी जनगणनाओं के इतिहास को एक पुस्तक में संकलित करके प्रकाशित किया गया है। उन्होंने कहा कि जब तक ज़िम्मेदारी तय नहीं होती है तब तक उसका निर्वहन करना मुश्किल होता है और आज लॉंच हुआ जियोफेंसिंग के साथ अपग्रेडेड एसआरएस मोबाइल एप्लीकेशन निचले स्तर तक के कर्मचारी को रिस्पॉंसिबल बनाएगा। श्री शाह ने कहा कि जनगणना देश के विकास को रेखांकित करने वाली प्रक्रिया है और इसके लिए ये ज़रूरी है कि जियोफेंसिंग के साथ एसआरएस अपग्रेडेड मोबाइल एप्लीकेशन एक ऐसा अलर्ट सिस्टम बनाए जिससे जनगणना करने वाले आवंटित क्षेत्र से बाहर ना जा सकें। उन्होंने कहा कि देश में कई संस्थाएं बन रही हैं जो राज्यों, ज़िलों और तहसीलों को विकास में विश्लेषण के साथ प्रोफेशनल सलाह देने की कुव्वत रखती हैं और इन सबकी प्रोफेशनल कम्पीटेंस का उपयोग देश के विकास में होना चाहिए। इसके लिए उन्हें विश्लेषण के लिए जनगणना का सारा साहित्य उपलब्ध होना चाहिए और आज से जनगणना के सारे प्रकाशनों की ऑनलाइन बिक्री शुरू हो गई है, जिससे प्लानिंग और शोध करने वालों को सबसे बड़ा फायदा होगा।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि काफी सालों तक हमारे देश का विकास मांग-आधारित और टुकड़ों में होता रहा। उन्होंने कहा कि इतने बड़े भौगोलिक विविधता वाले देश में अगर सर्वस्पर्शीय और सर्वसमावेशक विकास करना है तो ये बहुत ज़रूरी है कि विकास की प्लानिंग डेटा के आधार पर हो और डेटा के लिए हमारे पास जनगणना के सिवा और कोई साधन नहीं है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश को पूरी तरह सर्वस्पर्शीय और सर्वसमावेशी रूप से विकसित करने का आधार नई जनगणना होगी। उन्होंने कहा कि पहले जनगणना और विकास की योजना बनाने वाले लोगों के बीच कोई कड़ी भी नहीं थी।  अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार अब इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जनगणना कराएगी, जिसमें हर व्यक्ति को  डेटा भरने का अधिकार होगा, उसका सत्यापन और ऑडिट होगा, और इसमें सामाजिक-आर्थिक स्थिति के 35 से अधिक पैरामीटर्स को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि पहले की जनगणनाओं में विकास के लिए जो डेटा उपलब्ध होना चाहिए, वो नहीं था और ना ही उसके विश्लेषण की व्यवस्था थी। उन्होंने कहा कि आज़ादी के लगभग 70 सालों बाद योजना बनी कि हर गांव में बिजली पहुंचनी चाहिए, हर व्यक्ति को घर, नल से स्वच्छ पीने का पानी, स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें और हर घर में शौचालय बन जाए। श्री शाह ने कहा कि आजादी के लगभग 70 सालों बाद तक पानी, बिजली, घर, स्वास्थ्य आदि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं क्योंकि इनके लिए आवश्यक बजट उपलब्धता किसी को नहीं पता थी, मोदी सरकार डेटा का उचित विश्लेषण कर गरीबों तक सुविधाएं पहुंचाएगी। उन्होंने कहा कि योजनाएं बनती रहीं, लक्ष्य तय होते रहे लेकिन सबको घर देने का लक्ष्य तय करने का साहस नहीं था क्योंकि किसी को नहीं पता था कि इसके लिए कितना बजट चाहिए। उन्होंने कहा कि जनगणना का उपयोग, सटीकता, ऑनलाइन उपलब्धता और प्लानिंग और जनगणना के बीच सेतु के अभाव में ये सब पहले नहीं हो सका। श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार ऐसी व्यवस्था करने जा रही है कि जैसे ही एक व्यक्ति 18 वर्ष का होता है, चुनाव आयोग उससे सूचना लेकर उसका वोटर कार्ड बना देगा। इसी प्रकार किसी की मृत्यु होने पर जनगणना रजिस्ट्रार से चुनाव आयोग के पास इसकी सूचना जाएगी और फिर प्रक्रियानुसार उसका नाम मतदाता सूची से हटा लिया जाएगा।

 

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस प्रकार की जनगणना के प्रयास से जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन और जनगणना कम्प्लीट हो सकेगी जिससे देश को बहुआयामी फायदे होंगे। उन्होंने कहा कि जनगणना का डेटा विकास की मूल योजना बनाने में और वंचितों, शोषितों को आधारभूत सुविधाएं प्रदान करने में सहायक होता है

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