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ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने अरुणाचल प्रदेश के तेजू हवाई अड्डे पर नए बुनियादी ढांचे का उद्घाटन किया

नागर विमानन तथा इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज अरुणाचल प्रदेश में तेजू हवाई अड्डे के नव विकसित बुनियादी ढांचे का उद्घाटन किया।

तेजू हवाई अड्डा तेजू शहर में स्थित एक घरेलू हवाई अड्डा है, जो एकल रनवे के माध्यम से संचालित होता है। यह हवाई अड्डा 212 एकड़ भूमि पर विकसित किया गया है और एटीआर 72 प्रकार के विमानों के संचालन संबंधी दायित्वों को निभाने में सक्षम है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने राज्य सरकार के अनुरोध पर तेजू हवाई अड्डे को शुरू करने हेतु विकास एवं उन्नयन का कार्य किया। कुल 170 करोड़ रुपये की लागत वाले इन कार्यों में रनवे का विस्तार (1500 मीटरx30 मीटर) और, दो एटीआर 72 प्रकार के विमान के लिए नए एप्रन का निर्माण, एक नए टर्मिनल भवन एवं एक फायर स्टेशन सह एटीसी टॉवर का निर्माण शामिल है।

इस अवसर पर, केन्द्रीय नागर विमानन तथा इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री  मोदी के नेतृत्व में देश के उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास को विशेष गति दी गई है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने उत्तर-पूर्व भारत को भारत का ‘हीरा’ बना दिया है, जिसका आशय हाईवे (राजमार्ग), इंटरनेट, रेलवे और विएशन (विमानन) से है। ये वैसे चार प्रमुख घटक हैं, जो इस क्षेत्र के समग्र एवं समावेशी विकास को संभव बना रहे हैं। इसके बाद उन्होंने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (आरसीएस)-उड़ान के बारे में बात की। इस योजना से उत्तर-पूर्वी क्षेत्र को काफी लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘उड़ान’ योजना के माध्यम से नागर विमानन क्षेत्र का लोकतांत्रीकरण किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘उड़ान’ के तहत 2.50 लाख से अधिक उड़ानों ने 1.37 करोड़ से अधिक लोगों को यात्रा करने में मदद की है।

उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में नागर विमानन क्षेत्र की स्थिति के बारे में बात की। वर्ष 2014 की स्थिति से तुलना करते हुए, उन्होंने कहा कि 2014 तक अरुणाचल प्रदेश में कोई हवाई अड्डा नहीं था और नौ वर्षों की अवधि में यहां चार नए हवाई अड्डे विकसित और शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि तेजू में निर्मित नया टर्मिनल भवन इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगा तथा इस क्षेत्र के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

केन्द्रीय मंत्री ने ‘उड़ान 5.0’ योजना के तहत ईटानगर से तीन सीधे हवाई मार्गों- ईटानगर से दिल्ली, ईटानगर से जोरहाट, और ईटानगर से रूपसी – की भी घोषणा की, जो शीघ्र ही शुरू हो जायेंगे।

तेजू हवाई अड्डे को नागरिक उड्डयन मंत्रालय की आरसीएस उड़ान योजना के तहत 2018 में चालू किया गया था। हवाई अड्डा वर्तमान में एलायंस एयर और फ्लाईबिग एयरलाइन द्वारा नियमित निर्धारित उड़ानों के माध्यम से डिब्रूगढ़, इंफाल और गुवाहाटी से जुड़ा हुआ है।

टर्मिनल भवन की मुख्य विशेषताएं

  • टर्मिनल क्षेत्र: 4000 वर्गमीटर
  • व्यस्त समय में सेवा क्षमता:             300 यात्री
  • चेक-इन काउंटर:       05 + (03 भविष्य में)
  • आगमन कैरसेल 02
  • विमान पार्किंग बे:       02 – एटीआर-72 प्रकार के विमान

स्थायित्व संबंधी विशेषताएं:

• डबल इंसुलेटेड छत प्रणाली

• ऊर्जा के मामले में किफायती एचवीएसी और प्रकाश व्यवस्था

• कम गर्मी बढ़ाने वाली ग्लेजिंग

• ईसीबीसी के अनुरूप उपकरण।

• ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली।

• फ्लशिंग और बागवानी उद्देश्यों के लिए शोधित पानी का पुन: उपयोग।

• वर्षा जल संचयन का टिकाऊ शहरी जल निकासी प्रणाली के साथ एकीकरण

• कुशल जल उपकरणों का उपयोग।

इस परियोजना के लाभ

• अधिक यातायात को संभालने के लिए हवाई अड्डे की क्षमता का विस्तार

• देश के बाकी हिस्सों के साथ उत्तर-पूर्वी क्षेत्र की बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना

• पर्यटन, व्यापार और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना

• इस क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना

इस कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री चोउना मीन, अरुणाचल प्रदेश के पर्यटन एवं नागर विमानन मंत्री श्री नाकाप नालो, सांसद (राज्यसभा) श्री नबाम रेबिया, सांसद (लोकसभा)  तापिर गाओ और भारत सरकार के नागर विमान मंत्रालय में सचिव श्री वुमलुनमंग वुअलनाम उपस्थित थे।

तेजू लोहित नदी के तट पर स्थित एक छोटा सा शहर है और यह अरुणाचल प्रदेश के लोहित जिले का मुख्यालय है। यह शहर अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, जहां चारों ओर हरे-भरे जंगल और ऊंची-ऊंची पहाड़ियां हैं।

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गोवा में भारत के पहले प्रकाश स्तंभ महोत्सव का आज शुभारंभ हुआ; प्रमुख पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित किए जाने वाले 75 ऐतिहासिक स्थलों पर विशेष ध्यान

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग तथा आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने 23 सितंबर 2023 को गोवा के पणजी में ऐतिहासिक किले अगौड़ा में ‘भारतीय प्रकाश स्तंभ उत्सव’ या भारतीय लाइटहाउस महोत्सव के पहले संस्करण का उद्घाटन किया।

इस महोत्सव का उद्देश्य भारत के 75 प्रतिष्ठित प्रकाशस्तंभों के समृद्ध समुद्री इतिहास को पुनर्जीवित करना और दुनिया के सामने उनकी शानदार गाथाओं को सामने लाना है। इस प्रकार के पहले आयोजन के प्रमुख स्थल, फोर्ट अगौड़ा में आयोजित बैठक में गोवा के मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत; केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग और पर्यटन राज्य मंत्री,  श्रीपद नाइक और गोवा सरकार के पर्यटन मंत्री श्री रोहन खौंटे ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में राज्य और केंद्र, दोनों सरकारों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विधायक माइकल लोबो भी उपास्थित थे।

श्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा, “इस महोत्सव के शुभारंभ के साथ, हम इन प्रतिष्ठित स्थलों की समृद्ध विरासत को उजागर करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ समुद्र तटीय भारत में 75 प्रकाश स्तंभों में सदियों पुराने क्लासिक्स को फिर से जीवंत करने की प्रक्रिया और उन्हें दुनिया के सामने पेश करने के लिए सक्षम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में हमारा देश आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। राष्ट्र निर्माण के इस पवित्र प्रयास में हम प्रतिष्ठित प्रकाश स्तंभों को शैक्षिक, सांस्कृतिक और पर्यटन के प्रमुख केन्द्रों का उत्प्रेरक बनाकर मोदी की परिकल्पना को साकार करने का प्रयास कर रहे हैं। आज, हम अपने दूरदर्शी नेता,  मोदी  की दूरदर्शिता और नेतृत्व के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने हमारे विशिष्ट प्रकाशस्तंभों को मनोरम विरासत पर्यटन स्थलों में बदलने का समर्थन किया है। बहुत लंबे समय तक, अंधेरी रातों के बीच सैकड़ों नाविकों और जहाजों को आशा की रोशनी प्रदान करते समय समुद्र तटों के मूक प्रहरी को नजरअंदाज कर दिया गया था। “प्रकाश स्तंभ उत्सव” इसे बदलने का हमारा प्रयास है। इन ऐतिहासिक प्रकाशस्तंभों ने हमारे देश के इतिहास में जो महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, उसके बारे में आप सभी को सूचित करनाउससे जोड़ना और शिक्षित करना हमारा मिशन है।

 

भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय का लक्ष्य ऐतिहासिक स्थलों को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थलों में विकसित करने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी मार्ग के लिए आधार तैयार करने के लिए भारतीय प्रकाश स्तंभ महोत्सव का लाभ प्राप्त करना है। प्रकाश स्तंभ और लाइटशिप महानिदेशालय ने पहले ही 75 ऐसे प्रकाश स्तंभों की पहचान कर ली है और यह उत्सव हमारी समुद्री विरासत का जश्न मनाने और संरक्षित करने की सरकार की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री महोदय ने कहा, “प्रकाश स्तंभ महोत्सव” एक शानदार उत्सव है जो समय और सुंदरता के माध्यम से एक मनोरम यात्रा होने का वादा करता है। यह एक ऐसी यात्रा है जो हमारे समुद्री इतिहास के छिपे हुए रत्नों को उजागर करेगी और हमारे ऐतिहासिक प्रकाश स्तंभों की अनकही गाथाओं को उजागर करेगी। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने परिवर्तन के लिए सुधार की पहल के एक हिस्से के रूप में, भारत में पोत परिवहन क्षेत्र में सहायता के विकास, रखरखाव और प्रबंधन के लिए एक रूपरेखा प्रदान करने के लिए लाइटहाउस अधिनियम, 1927 को निरस्त करके समुद्री परिवहन के लिए समुद्री सहायता अधिनियम, 2021 लागू किया। इसके अंतर्गत हमने विरासत प्रकाश स्तंभ की नई अवधारणा प्रस्तुत की, जिसमें केंद्र सरकार अपने नियंत्रण में समुद्री परिवहन के लिए किसी भी सहायता को विरासत प्रकाश स्तंभ के रूप में नामांकित कर सकती है। समुद्री परिवहन में सहायता के रूप में उनके कार्य के अलावा, ऐसे प्रकाशस्तंभों को शैक्षिक, सांस्कृतिक और पर्यटक उद्देश्यों के लिए विकसित किया जाएगा। यह महोत्सव सिर्फ ज्ञान का नहीं है; यह मूल्यों और अवसरों को पैदा करने के बारे में है। महोत्सव से अलग, हमारी परिकल्पना प्रकाशस्तंभों को पर्यटन स्थलों के रूप में बढ़ावा देना, इन ऐतिहासिक संरचनाओं पुनर्जीवन प्रदान करना और स्थानीय समुदायों और व्यवसायों के लिए अवसर पैदा करना है।”

दिन भर चले कार्यक्रम के दौरान, ‘हमारे तटों के अग्ररक्षक: भारत के अतीत और वर्तमान के प्रमाण के रूप में प्रकाशस्तंभ’ शीर्षक से एक सत्र आयोजित किया गया था, जिसे शासन, नीतियां और राजनीति संस्थान की पहल, भारत प्रवाह द्वारा आयोजित किया गया था, जहां प्रसिद्ध इतिहासकार और पुरातत्वविद् जो राखीगढ़ी के रूप में ख्याति प्राप्त प्रो. वसंत शिंदे ने भारत के समुद्री इतिहास में प्रकाशस्तंभों के ऐतिहासिक महत्व के बारे में बात की। डॉ. सुनील गुप्ता, समुद्री पुरातत्वविद् और नई दिल्ली के प्रधानमंत्री संग्रहालय में ओएसडी; और गोवा राज्य संग्रहालय के निदेशक डॉ. वासु उस्पाकर ने भी सत्र में अपने विचार रखे। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने प्रकाश स्तंभ विरासत पर्यटन विकास के प्रति मंत्रालय के दृष्टिकोण और इस चरण में 75 प्रकाश स्तंभों में निवेश के अवसरों के बारे में एक केस प्रस्तुत किया।

भारत के पहले प्रकाश स्तंभ महोत्सव का मुख्य आकर्षण सांस्कृतिक प्रदर्शनी सत्र, समुद्री इतिहास और संस्कृति पर प्रकाश और ध्वनि शो, ख्याति प्राप्त गायकों के साथ मधुर शामें, समुद्र तटों के  जायको और सामुदायिक सहभागिता हैं।

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और अब सनातन पर राजनीति- डॉ.दीपकुमार शुक्ल (स्वतन्त्र टिप्पणीकार)

बीते सप्ताह इन्दौर के एक मन्दिर की सीढ़ी पर एक हिन्दू संगठन द्वारा तमिलनाडु के मन्त्री उदयनिधि स्टालिन की फोटो लगा दी गयी| मन्दिर में आने-जाने वाले श्रद्धालु इस फोटो पर पैर रखकर उदयनिधि के उस बयान का विरोध जता रहे थे, जिसमें उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से करते हुए इसे मिटाने की बात कही थी| 6 सितम्बर को अपने मन्त्रियों के साथ बैठक करते हुए प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने भी उदयनिधि स्टालिन के उक्त बयान का सही तथ्यों के साथ विरोध करने का आह्वाहन किया था| उसके बाद 14 सितम्बर को उन्होंने स्वयं मध्य प्रदेश के बीना में एक सभा को सम्बोधित करते हुए सनातन धर्म की आलोचना करने वालों पर सार्वजनिक रूप से हल्ला बोला| बीजेपी के अलावा अनेक धर्मगुरु भी उदयनिधि के साथ-साथ विपक्षी पार्टियों के गठबन्धन इण्डिया को घेरने में लगे हुए हैं| क्योंकि उदयनिधि की पार्टी डीएमके इण्डिया गठबन्धन में शामिल है| इसके बाद से राजनीतिक विश्लेषक यह मानने लगे हैं कि 2024 के चुनाव का यह एक अहम मुद्दा बन सकता है| हालाकि कांग्रेस सहित गठबन्धन के अन्य सभी दल इसे उदयनिधि का व्यक्तिगत विचार बताते हुए स्वयं को इस मुद्दे से अलग करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं| इस बीच भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का आक्रामक रुख देखते हुए द्रमुक के अन्य नेताओं ने भी उदयनिधि के सुर में सुर मिलाकर और भी ज्यादा खतरनाक बयान दिये| किसी ने सनातन धर्म की तुलना एड्स से तो किसी ने खूंख्वार जानवरों से की| परन्तु बाद में द्रमुक के सर्वेसर्वा तमिलनाडु के मुख्यमन्त्री एमके स्टालिन ने अपने नेताओं को इस मुद्दे पर बोलने से रोक दिया| क्योंकि उन्हें समझ में आने लगा था कि भाजपा इसका पूरा-पूरा फायदा ले रही है| लेकिन भाजपा और उसके सहयोगी दल चुनाव तक हर हाल में द्रमुक नेताओं के सनातन विरोधी बयान को ताजा और महत्वपूर्ण बनाये रखना चाहते हैं|

गौरतलब है कि डीएमके मुखिया एवं तमिलनाडु के मुख्य मन्त्री एमके स्टालिन के पुत्र तथा प्रदेश सरकार के मन्त्री उदयनिधि स्टालिन ने अपने एक वक्तव्य में कहा था कि ‘सनातन का बस विरोध नहीं किया जाना चाहिए, इसे समाप्त ही कर देना चाहिए| यह धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है| हम डेंगू, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते, हमें इसे मिटाना है| इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है|’ इसके बाद प्रधानमन्त्री सहित बीजेपी नेताओं और धर्म गुरुओं ने द्रमुक तथा विपक्षी गठ्बन्धन इण्डिया पर चौतरफा हमला बोल दिया| तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन को शुरू में यह लगा कि वह अपने बेटे को सनातन विरोधी साबित करके तमिल राजनीति में मजबूती से स्थापित कर लेंगे| अतः उनकी सह पर द्रमुक के अन्य सभी नेता भी बाबले हो गये और सनातन धर्म पर अनाप-शनाप बयानबाजी करने लगे| लेकिन जल्द ही द्रमुक मुखिया को अपना कदम उल्टा पड़ता नजर आया और अब वह इस विषय से दूर होते नजर आ रहे हैं| इण्डिया गठबन्धन के कई घटक दलों ने भी उदयनिधि के बयान की निन्दा की है| आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने कहा कि ‘मैं सनातन धर्म से हूँ, मैं ऐसे बयानों की निन्दा और विरोध करता हूँ| किसी को भी इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए| इस तरह की धर्म विरोधी टिप्पणी से हर किसी को बचना चाहिए|’ शिवसेना ने भी इसकी कड़ी निन्दा की| कांग्रेस के अन्दर इस बयान को लेकर दो तरह के विचार चल रहे हैं| आम आदमी पार्टी और शिव सेना के सख्त रूख के बाद से इण्डिया गठबन्धन में सनातन विरोधी मुद्दा अब कमजोर भले ही पड़ रहा हो लेकिन बीजेपी लगातार विपक्षी गठबन्धन पर हमलावर बनी हुई है| प्रधानमन्त्री मोदी ने कहा है कि ‘देश के कोने कोने में हर सनातनी को, इस देश को प्यार करने वाले को, इस देश की मिटटी को प्यार करने वाले को, इस देश के कोटि-कोटि जनों को प्यार करने वालों को, हर किसी को सतर्क रहने की जरुरत है| सनातन को मिटाकर ये देश को फिर एक हजार साल की गुलामी में धकेलना चाहते हैं|’ मध्य प्रदेश के मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ‘इण्डिया गठबन्धन सनातन को खत्म करने की कोशिश कर रहा है|’ वहीँ गृहमन्त्री अमित शाह का कथन है कि ‘वोटबैंक और तुष्टीकरण की राजनीति करने के लिए सनातन धर्म को समाप्त करने की बात की जा रही है|’ योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि ‘जो सनातन को गाली दे रहे हैं उन सबका 2024 में मोक्ष होने वाला है|’ कांग्रेसी नेता कमलनाथ ने अपना पक्ष रखते हुए स्पष्ट किया कि ‘हमारा देश सनातन धर्म का है, कोई कुछ भी कहे, डीएमके वाला कुछ कहे मैं उस चक्कर में नहीं हूँ|’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमन्त्री ममता बनर्जी ने इण्डिया गठबन्धन को नसीहत देते हुए कहा कि ‘मेरी सभी लोगों से प्रार्थना है कि ऐसा कुछ भी न कहें जिससे किसी की आस्था को चोट पहुँचे|’ आप नेता संजय सिंह ने कहा कि ‘उद्ययनिधि ने सनातन धर्म को लेकर जो बयान दिया है उससे हम लोग सहमत नहीं हैं|’ समाजवादी पार्टी के सांसद जावेद अली खान ने भाजपा पर आरोप जड़ते हुए कहा कि ‘भारतीय जनता पार्टी को साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के अलावा कोई काम नहीं आता है, उसमें वह माहिर हैं| लेकिन उनके कारनामों को देश की जनता पहचान चुकी है|’

सनातन के नाम पर अचानक मचे इस बवाल से देश के आम जन का चौकना स्वाभाविक है| क्योंकि नई पीढ़ी के लिए यह एक नया शब्द है, जिसे सम्प्रदाय या पन्थ के रूप में प्रतिष्ठित करके साम्प्रदायिक राजनीति को हवा देने की पुरजोर कोशिश हो रही है| अतः सनातन के अर्थ को समझना अति आवश्यक है| वस्तुतः सनातन का मूल अर्थ है: शाश्वत, सत्य, नित्य, प्राचीन, कभी नष्ट न होने वाला, जिसके प्रारम्भ का ज्ञान न हो तथा सदा रहने वाला|

मनुस्मृतिः के प्रथम अध्याय के श्लोक संख्या 7 में सनातन शब्द का उपयोग नित्य अर्थात सदैव के अर्थ में किया गया है| ‘योЅसावतीन्द्रियग्राह्यः सूक्ष्मोЅव्यक्तः सनातनः| सर्वभूतमेयोЅचिन्त्यः स एव स्वयमुद्वभौ|| अर्थात जो यह परमात्मा इन्द्रियों से ग्रहण नहीं किया जा सकता, शरीर रहित, सूक्ष्म रूप, नित्य, सब प्राणियों की आत्मा और चिन्तन करने के योग्य नहीं है, वह अपने आप प्रकट हुआ है|’ इसी अध्याय के श्लोक संख्या 23 में वेदों के लिए सनातन शब्द का प्रयोग हुआ है: ‘अग्निवायुरविभ्यस्तु त्रयं ब्रह्म सनातनम्| दुदोह यज्ञसिद्ध्यर्थमृग्यजुःसामलक्षणम्|| अर्थात ब्रह्मा ने यज्ञ की सिद्धि के लिए ऋक्, यजु और साम इन सनातन वेदों को अग्नि, पवन और सूर्य से क्रमशः प्रकट किया|’ श्रीमद्भगवतगीता के श्लोक संख्या 20 में शाश्वत को सनातन के अर्थ में तथा 23 में सनातन को शाश्वत के अर्थ में प्रस्तुत किया गया है: ‘न जायते म्रियते वा कदाचित्रायं भूत्वा भविता वा न भूयः| अजो नित्यः शाश्वतोЅयं पुराणोन हन्यते हन्यमाने शरीरे|| अर्थात यह आत्मा किसी काल में भी न तो जन्मता है और न मरता ही है तथा न यह उत्पन्न होकर फिर होने वाला ही है; क्योंकि यह अजन्मा, नित्य, सनातन और पुरातन है; शरीर के मारे जाने पर भी यह नहीं मारा जाता|’ श्लोक संख्या 23 में कहा गया है ‘अच्छेद्योЅयमदाह्योЅयमक्लेद्योЅशोष्य एव च| नित्यः सर्वगतः स्थाणुरचलोऽयं सनातनः|| अर्थात यह आत्मा अच्छेद्य(जो छेदा न जा सके), अदाह्य (जो जलाया न जा सके), अक्लेद्य(जो गीला न किया जा सके) और अशोष्य(जो सुखाया न जा सके) है तथा यह आत्मा नित्य, सर्वव्यापी, अचल, स्थिर रहने वाला और सनातन है|’ गरुड़ पुराण के प्रथम खण्ड के अध्याय पचास के श्लोक संख्या 28 में सूर्यदेव की स्तुति करते हुए उन्हें सनातन कहा गया है ‘त्वमेव ब्रह्म परमापोज्योतिरसोsЅमृतम्| भूर्भुवःस्वस्त्वमोंकरः सर्वो रुद्रः सनातनः|| अर्थात आप ही परम ब्रह्म, आप ही ज्योति रस और अमृत हैं| आप ही भूर्भुवः स्वः मन्त्र रुप हैं, आप ओंकार रूप एकादश रूद्र तथा सनातन हैं|’  गरुड़ पुराण के प्रथम खण्ड के ही अध्याय 205 के श्लोक संख्या 4 एवं 5 में सनातन शब्द का प्रयोग करते हुए धर्म को कुछ इस तरह परिभाषित किया गया है| ‘श्रुत्युक्तः परमो धर्मः स्मृतिशास्त्रगतोЅपरः| शिष्टाचारेण शिष्टानां त्रयो धर्म सनातनः|| सत्यं दानं दया लोभो विद्येज्या पूजनं दमः| अष्टौ तानि पवित्राणि शिष्टाचारस्य लक्षणम्|| अर्थात श्रुति युक्त धर्म तथा स्मृति में कहा कर्म ही परम धर्म है| शिष्टचार भी उत्तम धर्म है| ये तीनों ही धर्म सनातन हैं| सत्य, दान, दया, अलोभ, विद्या, यज्ञ, पूजा, तथा दम (इन्द्रिय दमन) ये आठ पवित्र शिष्टाचार के लक्षण हैं|’ इसी अध्याय के श्लोक संख्या 7, 8, 9 एवं 10 में धर्म के लक्षण बताते हुए अध्ययन, दान तथा शास्त्र सम्मत आचरणों को सनातन बताते हुए धर्म के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है: ‘निवासमुख्या वर्णानां धर्माचाराः प्रकीर्त्तितः| सत्यं यज्ञस्तपो दानमेतद्धर्मस्य लक्षणम्|| अदत्तस्यानुपादानं दानमध्ययनं तपः| विद्या वित्तं तपः शौर्य्यं कुले जन्म त्वरोगिता|| संसारोच्छित्तिहेतुश्च धर्मादेव प्रवर्त्तते| धर्मात् सुखञ्च ज्ञानञ्च ज्ञानान्मोक्षोЅधिगम्यते|| इज्याध्ययनदानानि यथाशास्त्रं सनातनः| ब्रह्मक्षत्रियवैश्यानां सामान्यो धर्म उच्यते|| अर्थात निवास मुख्य (आश्रम अवस्था) कतिपय धर्माचरण के रूप में विख्यात है| सत्य, यज्ञ, तप, दान धर्म के लक्षण हैं| अदत्त द्रव्य का अनुपादान (न देने योग्य वस्तु के प्रति आसक्ति न होना), दान, अध्ययन, तप, अहिंसा, सत्य, अक्रोध, यज्ञ ये सभी धर्म के लक्षण हैं| विद्या, वित्त, तपःप्रभाव, सतकुल जन्म, आरोग्य, संसार बन्धन से मुक्ति के लिए अर्थात इन सबको पाने के लिए धर्म में लगना उचित है| धर्म से ही सुख तथा ज्ञान प्राप्त होता है| ज्ञान से ही मोक्ष मिलता है| अतः शास्त्र के अनुसार किया गया यज्ञ, अध्ययन तथा दान आदि धर्म सनातन हैं| ये यज्ञादि ही मनुष्य मात्र के लिए सामान्य धर्म बताये गये हैं|

उपरोक्त से स्पष्ट होता है कि सनातन शब्द कोई सम्प्रदाय, पन्थ या रिलीजन का नाम नहीं है| बल्कि भारतीय संस्कृति के शाश्वत या प्राचीन स्वरुप को प्रतिष्ठित करने का माध्यम भर है| भारतीय संस्कृति किसी एक प्रवर्तक द्वारा स्थापित नहीं की गयी है| अपितु भारतीय उपमहाद्वीप में जन्में हजारों ऋषियों के ज्ञान, तपस्या तथा वर्षो बरस के अनुसन्धान से प्रस्फुटित हुई है| इसे किसी सम्प्रदाय या पन्थ की दृष्टि से देखना तथा डेंगू, मलेरिया और कोरोना की तरह नष्ट करने का विचार लाना अल्पज्ञता तथा मूर्खता के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं है| विश्व भर के आपस में लड़ते-झगड़ते विभिन्न सम्प्रदाय एक साथ मिलकर भी इस संस्कृति का मुकाबला नहीं कर सकते| अल्पज्ञता के वशीभूत इन सम्प्रदायों से प्रभावित होकर जब हम इनकी दृष्टि से स्वयं को देखने का प्रयास करते हैं तो हमें भी एक वैसे ही नाम की आवश्यकता महसूस होती है| तब हम कभी हिन्दू तो कभी सनातनी बनकर स्वयं को संकीर्ण बनाने का प्रयास करते  हैं| जबकि ये दोनों या ऐसा कोई भी शब्द भारतीय संस्कृति की व्यापकता का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है| हमारे पूर्वजों ने इसको जितना अधिक व्यापक बनाया उतना ही ग्राह्य भी बना दिया है| कोई भी व्यक्ति  इसे आत्मसात करके मनुष्य से देवता तथा अवतारी पुरुष के रूप में प्रतिष्ठित हो सकता है| श्रीराम तथा श्रीकृष्ण सहित अनेक महापुरुष इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं|

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नई पीढ़ी को सिखाएं नारी जगत का सम्मान करना तो वो चरित्रवान बनेगी: संजय वर्मा

इटावा, भारतीय स्वरूप संवाददाता। जीवन प्रतिपल कुछ न कुछ सीखने का अवसर लेकर आता है, ज्ञान प्राप्त करने के लिए वृक्ष की तरह झुकना सीखिए। ढूंढनी है मंजिल अगर, तो अपना रहनुमा खुद ही बन,जिन्होंने तलाशा सहारा, वे मझधार में ही रह गए। महोपाध्याय डॉक्टर विद्या कांत तिवारी जी के अभिनंदन समारोह में आ कर में खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं। इनका ज्ञान और सानिध्य जिसे मिल जाए उसका जीवन तो धन्य हो ही जायेगा।
यह उदगार एस एस पी संजय वर्मा ने श्शकर धर्मार्थ नेत्र चिकित्सालय में ख्याति लब्ध शिक्षाविद डॉक्टर विद्या कांत तिवारी को प्रयाग हिंदी साहित्य सम्मेलन में साहित्य महोपाध्याय की उपाधि से विभूषित किए जाने की कृतज्ञता स्वरूप आयोजित सार्वजनिक अभिनंदन समारोह में मुख्य अतिथि पद से व्यक्त किए।
सामाजिक सुधारक, आध्यात्मिक, शैक्षिक प्रोत्साहनकर्ता के रूप में उनके जोशीले अंदाज़ ने समा बांध दिया। धन पिपासु गुरु के त्याग को आवश्यक बताते हुए उनका कहना था कि सामने वाले के मूल्यांकन के बिना सही दिशा और सत्य सत्संग संभव नहीं है। ज्ञान हीन व्यक्ति के कुसंग से संस्कारों और व्यक्तित्व का क्षरण ही होगा जबकि ज्ञानवान का सत्संग आपको निखार देगा।। उनका कहना था कि नारी के धैर्य, त्याग, तपस्या जैसे सद्गुण अगर पुरुष में आ जाएं तो वह महात्मा बन जायेगा। नारी जगत का सम्मान नई पीढ़ी को सिखाए तो वे चरित्रवान बनेंगे। लड़कियां फेसबुक इंस्टाग्राम के फर्जी फोटो वालों के चक्कर में अपने जीवन को तबाह न करें और अपने परिजनों की सलाह का सम्मान करें तो ही कल्याण और प्रगति संभव है। अपने मां बाप का सम्मान न करने वाली नस्लें धिक्कारे जाने योग्य ही हैं।
उनका कहना था कि यही सत्य है कि जन्म से सभी शुद्र होते हैं,संस्कारों से ब्राह्मण बनना संभव होता है। गुरु जी के पास बैठ कर ज्ञानार्जन ही उपनिषद कहलाता है। ज्ञान की सीमाओं का परिमार्जन, शुद्धिकरण करने से गुणों के आधार पर व्यक्तित्व का निर्माण तभी संभव है जब श्रेष्ठ बनने की उत्कट इच्छाशक्ति हो।
आयोजन को अविस्मरणीय पवित्र बताते हुए उनका वक्ता भाव लगातार बोलते रहने को हिलोरे मारता रहा।तमाम निषेधों, नसीहतों पर विस्तार पूर्वक चर्चा में उनका कठोर प्रशासक का पुलिसिया स्वरूप भी उद्घाटित होता रहा।

अपने अविस्मरणीय सम्मान अविभूत डॉक्टर विद्या कांत तिवारी ने इटावा वासियों के स्नेह अतुलनीय सम्मान, सहयोग और अतिशय आदर भावना को अपने जीवन की अमूल्य पूंजी बताते हुए कहा कि इसे भुला पाना संभव नहीं है और कहा कि वे जब पचपन वर्ष पूर्व यहां आए तो कोई अपना नही था, यहां के विशालमना महानुभावों ने सहारा दिया और महाकवि तुलसी के शब्दों में बांह गहे की लाज रखी।

जिसके कारण ही अपने कर्तव्य पथ पर गुरु धर्म के निर्वाह में असीम आनंद भरपूर संतुष्टि और अकल्पनीय यश कीर्ति प्राप्त हो सकी। मेरे समर्पण भाव का मूल्यांकन करने वाले आप सब मनीषी जनों की महानता को प्रणाम करना ही धर्म है।सभी के प्रति आजन्म श्रेणी और कृतज्ञ रहने की योग्यता विकसित करने में सफल होऊ, यही आकांक्षा है। सेवा निवर्ति के पन्द्रह वर्ष बाद भी आप सब ने याद रखा,असीम आत्म बल प्रदान किया। यह आप सब की महानता का ही घोतक हैजिसे विस्मृत किया जाना प्रबुद्ध सम्मान के लिए संभव नहीं होगा।
एस एस पी की विदुषी सह धर्मिनी नीलम रॉय वर्मा ने आध्यात्मिक प्रवचन कर्ता की भूमिका से अति विशिष्ट श्रोताओं को मंत्रमुग्ध और आह्लादित कर दिया। भगवान राम, कृष्ण के प्रसंगों समेत दिनकर जी की कविता और हरिवंश राय बच्चन जी कविताओं से मन मोह लिया। महिलाओं से आत्मीयता प्रदर्शित कर वे उनके दिलों पर छा गईं। पति पत्नी ने तालियां बजा कर परस्पर खूब प्रोत्साहित किया। दौनो का विद्वता पूर्ण खिलंदड़ स्वभाव मनीषियों की सभा को खिलखिलाने को विवश करता रहा।
प्रसिद्ध कवि कमलेश शर्मा की राष्ट्र चर्चित कविताष्राम हुए हैं- कितने और प्रमाण देंष् से भावुक श्रोताओं ने उन पर खूब प्यार लुटाया। उनका कहना था कि साहित्यिक क्षेत्र का इतना विशाल व्यक्तित्व हम सबको इतने सहज और सरल भाव में उपलब्ध है यह हम सब का सौभाग्य ही है। उनका सम्मान हम सबका गौरव है, सम्मान प्रदाताओं के प्रति हम कृतज्ञ हैं।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे भारत विकास परिषद के पांचाल प्रांत अध्यक्ष डॉक्टर रमेश चंद्र शुक्ला (औरैया) का समीक्षात्मक उद्बोधन प्रेरणा दायक रहा। उनकी कविता और पुलिस कप्तान दंपत्ति पर टिप्पणी उत्साह वर्धक रही।मंचासीन प्रसिद्ध कहानीकार प्रो दिनेश पालीवाल अपने अनुजवत तिवारी जी के सम्मान पर आत्म विभोर नज़र आए।
समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्वलन, माल्यार्पण, सम्मान, गणेश ज्ञानार्थी की गणेश वंदना, सुधीर मिश्र वा अपर्णा मिश्र की सरस्वती वंदना, वंदे मातरम गीत से हुआ। समापन अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर विभू दीक्षित के आभार प्रदर्शन के बाद राष्ट्र गान से हुआ। चौधरी चरण सिंह महा विद्यालय हेवरा के यशस्वी प्राचार्य डॉक्टर शैलेंद्र शर्मा का विशिष्ट संचालन प्रशंसित रहा। पत्रकार सुधीर मिश्र ने अतिथियों का परिचय कराया। इसी अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष विद्या कांत तिवारी और मंत्री राजेंद्र दीक्षित को जन्म दिन पर आत्मिक बधाई देते हुए माल्यार्पण किया गया।
इस अवसर पर प्राचार्य महेश चंद्र तिवारी ने अभिनंदन ग्रंथ का वाचन किया गया। वरिष्ठ नागरिक पेंशनर सेवा संस्थान के कौशल चतुर्वेदी, गोपाल कल्याण वृंद के नारायण किशोर बाजपेई, राधा माधव संकीर्तन के राकेश पाठक, भारत विकास परिषद धर्मार्थ सेवा शाखा के के के त्रिपाठी, प्राचार्य महेश तिवारी, चौधरी रघुराज सिंह स्मारक संस्थान की ममता चौधरी, निशा चौधरी, शंकर दयाल दीक्षित स्मारक संस्थान की ओर से श्री मती सर्वेश दीक्षित, उद्योग व्यापार मंडल के अनंत अग्रवाल एवम आर एस एस के विभाग सर कार्यवाह विनोद चंद्र पाण्डेय आदि तमाम विशिष्ट जनों ने सम्मान भेंट प्रदान की।

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मेडिकल स्टोर संचालक पर गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप

महराजगंज रायबरेली, भारतीय स्वरूप संवाददाता कोतवाली क्षेत्र के अजीजगंज मजरे बावन बुजुर्ग बल्ला निवासी 7 वर्षीय मासूम को बुखार की शिकायत थी, परिजनों ने थूलवासां चौराहे पर मेडिकल स्टोर संचालक के पास दवा के लिए ले गए। परिजनों का आरोप है कि मेडिकल स्टोर संचालक वीरेन्द्र यादव द्वारा उनके बच्चे को गलत इंजेक्शन लगा दिया गया, जिससे मासूम की हालत बिगड़ने लगी आनन फानन में उसे जिला चिकित्सालय ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं मेडिकल स्टोर संचालक की लापरवाही से मासूम की जान चली गई। परिजनों द्वारा पूरी घटना की लिखित शिकायत कोतवाली पुलिस को दी गई और कार्यवाही की मांग की गई है। महराजगंज कोतवाली पुलिस जांच कर कार्यवाही करने की बात कर रही है।
गौरतलब हो कि जनपद का स्वास्थ्य विभाग झोलाछाप, अवैध हॉस्पिटल को लगातार बढ़ावा दे रहा है। जांच के नाम पर सिर्फ नोटिस थमा दी जाती है और फिर सबकुछ पहले जैसा ही चलता है। अधिकांश मेडिकल स्टोर की आड़ में संचालक इंजेक्शन लगाते हुए और इलाज करते दिखते हैं। ऐसे ही अमावां व महराजगंज क्षेत्र में अवैध हॉस्पिटल व झोलाछाप डाक्टरों की भरमार है और लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे है और जिम्मेदार अधिकारी यह सब होते हुए देखकर तमाशा देख रहे है।

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ग्रामीणों को करना पड़ा अनशन, 75 वर्षों से गांव में नहीं पहुंची पक्की सड़क

रायबरेली, भारतीय स्वरूप संवाददाता, देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है किन्तु 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी कई गांवों में पक्की सड़क भी नहीं पहुंची है। आक्रोशित ग्रामीणों बीते कई दिनों से पक्की सड़क निर्माण की मांग को लेकर अनिश्चित कालीन अनशन जारी कर रखा है।

विकासखंड क्षेत्र स्थित हुसैनगंज मजरे पाराखुर्द से पुरासी वाया मोहनगंज व सुखलिया को जोड़ने वाले मार्ग का निर्माण आजादी से अब तक नहीं किया गया। करीब तीन किलोमीटर इस कच्चे रास्ते की नपाई तो पीडब्लूडी विभाग द्वारा कई बार कराई गई किन्तु नतीजा कागजों तक ही सीमित रहा।
मामले में उपजिलाधिकारी राजित राम गुप्ता के निर्देशन में धरना स्थल पर पहुंचे तहसीलदार ज्ञान प्रताप ने अनशन पर बैठे ग्रामीणों से एक सप्ताह का समय मांगा है। वहीं अनशन पर बैठे ग्रामीण ज़िम्मेदार विभाग और उसके अधिकारियों के आने तक अनशन जारी रखने पर अड़े रहे। धरने के दूसरे दिन मंगलवार को भी हुसैनगंज चौराहे पर जनसमस्या को लेकर शुरू किए गए अनशन में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण व क्षेत्रीय जन मौजूद रहे। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि तहसीलदार के द्वारा एक सप्ताह का समय मांगा गया है, उनके द्वारा आश्वासन मिलने पर जारी अनशन को रोक दिया गया, परंतु तय समय पर विभागीय अधिकारियों द्वारा सड़क निर्माण का कार्य नहीं शुरू कराया गया तो ग्रामीण पुनः अनशन करने पर विवश होंगे। गौरतलब यह है कि राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह द्वारा रायबरेली जिले के विभिन्न क्षेत्रों में ष्सेवा ही संकल्पष् पर आधारित पदयात्रा लगातार की जा रही है। इस दरमियान मंत्री ग्रामीणों से बात करते हैं, उनकी समस्याओं को सुनते हैं और प्रार्थना पत्र भी लेते हैं, जिस पर वह अधिकारियों के साथ बैठक करके समस्याओं का निस्तारण करने का आश्वासन भी देते हैं लेकिन क्या यह सब राजनीतिक फायदे के लिए हो रहा है या फिर जमीनी स्तर पर आम जनमानस की समस्याओं को जानने और हल करने का एक सही रास्ता है। यह तो तभी साफ होगा जब कुछ स्थितियां बदलेंगी, नए निर्माण होंगे और कुछ सुधार होगा। ग्रामीणों द्वारा मंत्री को दिए गए पत्रों का सही तरीके से निस्तारण होगा।
उल्लेखनीय है कि राज्यमंत्री जिलेभर में एक तरफ पदयात्रा कर रहे हैं और दूसरी तरफ महाराजगंज क्षेत्र के ग्रामीण कई दिनों से पक्की सड़क निर्माण के लिए अनशन पर बैठे रहे। हालांकि महराजगंज तहसीलदार ज्ञान प्रताप ग्रामीणों से एक हफ्ते का समय मांग कर ग्रामीणों को राजी तो कर लिया है,ग्रामीण अनशन छोड़ भी चुके हैं, लेकिन क्या हकीकत में ग्रामीणों की समस्या अब दूर हो जाएगी या फिर जैसा पिछले 75 वर्षों से चलता आया है, वैसा आगे भी चलता रहेगा और ग्रामीण पक्की सड़क के लिए भटकते रहेंगे। फिलहाल मंत्री की पदयात्रा की सफलता तो तब है कि जब वह इस तरह के अनशन में पहुंचकर ग्रामीणों की समस्या को सुने। उन्हें दिलाशा दें और उनका निस्तारण कराएं। जिससे कि उन्हें अपनी समस्या के लिए अनशन करने की बजाय सिर्फ अधिकारियों और मंत्री से गुहार लगाते ही समस्याओं का हल मिल जाए।

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देश भर में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के पूर्ण कवरेज के लिए आयुष्मान भव अभियान जारी

सेवा पखवाड़ा के तहत पूरे देश में 17 सितंबर से आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के पूर्ण कवरेज के लिए आयुष्मान भव अभियान चलाया जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ‘आयुष्मान भव’ अभियान का उद्घाटन किया। आयुष्मान भव अभियान का लक्ष्य देश भर में स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच और समावेशिता को फिर से परिभाषित करना है। सेवा पखवाड़ा का मुख्य उद्देश्य भौगोलिक बाधाओं को दूर करते हुए हर गांव और कस्बे तक व्यापक स्वास्थ्य देखभाल कवरेज का विस्तार करना है और यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी स्वास्थ्य सेवा का लाभ लेने से वंचित न रह जाए।

आयुष्मान भव अभियान के तहत 17 सितंबर 2023 से 30,000 से अधिक आयुष्मान मेले का आयोजन किया गया, जिनमें 19 सितंबर, 2023 तक 2.5 लाख से अधिक मरीज आए। नीचे 17 सितंबर 2023 से संकेतकों और आयुष्मान मेलों के लाभार्थियों की एक व्यापक सूची है:

नीचे दी गई तालिकाएँ आयुष्मान भव के तहत आयुष्मान मेलों की उपलब्धियों पर प्रकाश डालती हैं:

आयुष्मान भव अभियान के तहत, पिछले 3 दिनों में ही 2.5 लाख से अधिक आभा पहचान पत्र बनाए गए। इस दौरान 10 लाख से अधिक लोगों को मुफ्त दवाएं दी गईं और 8 लाख से अधिक लोगों को मुफ्त निदान सेवाएं प्राप्त हुई हैं। सेवा पखवाड़ा का उद्देश्य आयुष्मान कार्ड वितरित करना, आभा पहचान पत्र बनाना और महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजनाओं तथा तपेदिक (निक्षय मित्र), सिकल सेल रोग जैसे गैर-संचारी रोगों के साथ ही रक्त दान और अंग दान अभियानों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

सेवा पखवाड़ा के तहत प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेने के लिए नागरिकों को अपने निकटतम स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों पर जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

क्र.सं. संकेतक 17 सितंबर से संचयी रिपोर्ट
1 कुल स्वास्थ्य मेला 2,271
2 पंजीकृत मरीजों की संख्या 2,64,042
क्र.सं. संकेतक 17 सितंबर से लाभ प्राप्त करने वाले लोगों की कुल संख्या
1 सामान्य ओपीडी से परामर्श लेने वाले मरीजों की संख्या 1,98,835
2 विशेषज्ञ ओपीडी से परामर्श लेने वाले मरीजों की संख्या 80,601
3 बड़ी सर्जरी 870
4 छोटी-मोटी सर्जरी 2,376
5 उच्च रक्तचाप का निदान 27,067
6 मधुमेह का निदान 23,594
7 मुँह के कैंसर की जाँच/निदान 3,597
8 स्तन कैंसर की जांच/निदान 2,089
9 सर्वाइकल कैंसर की जांच/निदान 1,602
10 मोतियाबिंद का निदान 4,884
11 आरसीएच सेवाओं का लाभ 23,191
12 प्रयोगशाला परीक्षण 1,03,212
13 रेफर मामला 5,519

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जुलाई, 2023 के महीने में 19.88 लाख नए श्रमिकों ने ईएसआई योजना के तहत नामांकन किया

ईएसआईसी के अनंतिम पेरोल डेटा से पता चलता है कि जुलाई, 2023 के महीने में 19.88 लाख नए कर्मचारी जोड़े गए हैं।

जुलाई, 2023 के महीने में लगभग 27,870 नए प्रतिष्ठानों का पंजीयन किया गया है और इन्हें कर्मचारी राज्य बीमा निगम की सामाजिक सुरक्षा के आंतर्गत लाया गया है, इससे इनका और ज्यादा कवरेज सुनिश्चित हुआ है।

इन आकड़ो से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि देश के युवाओं के लिए अधिक नौकरियाँ पैदा हुई हैं, क्योंकि जुलाई महीने के दौरान जोड़े गए कुल 19.88 लाख कर्मचारियों में से 25 वर्ष की आयु वर्ग तक के 9.54 लाख कर्मचारी नए पंजीकरणों में सबसे ज्यादा हैं और यह कुल कर्मचारियों का 47.9 प्रतिशत है।

पेरोल आकड़े के लिंग-वार विश्लेषण से पता चलता है कि जुलाई, 2023 में महिला सदस्यों का शुद्ध नामांकन 3.82 लाख रहा है। ये आकड़े दिखाते हैं कि जुलाई, 2023 के महीने में कुल 52 ट्रांसजेंडर कर्मचारियों ने भी ईएसआई योजना के तहत पंजीकरण कराया है। यह इस बात को  दर्शाता है कि ईएसआईसी इसका लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

पेरोल आकड़ा अनंतिम है, क्योंकि आकड़ा सृजन एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।

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समाचार कानपुर से

कानपुर ब्रेकिंग*

काकादेव के पी ब्लाक दुकान संख्या डी.सी.एफ. पी-15 रत्ना द्विवेदी को दुकान अधिकृत की गई है , जिसका न तो कोई सरकारी समय हैं न समय से राशन वितरण किया जाता हैं, जिले के अधिकारियो को सूचना करने पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती, अभी हाली में इस कंट्रोल की जांच भी हुई जिसके बाद डीएसओ कानपुर ने खाना पूर्ती करके कोई कारवाही नहीं की.

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कानपुर 16 सितंबर 2023 राष्ट्रीय लोक दल उत्तर प्रदेश के प्रांतीय अध्यक्ष के कानपुर आगमन पर रालोद नेताओं द्वारा फूल मालाओं से लाद दिया महानगर अध्यक्ष मोहम्मद उस्मान के नेतृत्व में भव्य स्वागत किया गया उसके उपरांत मछलियां ईदगाह मस्जिद के पास कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए श्री रामाशीष राय प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय लोक दल ने अपने संबोधन में कहा कि मौजूदा राजनीति का स्तर काफी गिर गया है भाजपा के नेता धार्मिक उन्माद करने का कोई मौका नहीं छोड़ते जिले के नेताओं से लेकर प्रधानमंत्री तक उत्तर प्रदेश को धार्मिक उन्माद की प्रयोगशाला बना रहे हैं लखनऊ में आकर उन्होंने राम के आदर्शों का पालन न कर के जैसे सद्भाव गरीबों के प्रति चिंता की चर्चा न करके उन्होंने राम का जय घोष कर यह सिद्ध करने की कोशिश की लोकसभा चुनाव जीतने का एक यही माध्यम है प्रधानमंत्री को लखनऊ आने पर लखनऊ के विकास का कोई पैकेज देना चाहिए था राष्ट्रीय लोक दल के नेता चौधरी चरण सिंह को किसानों की मजदूरों की पिछड़ों की गरीबों दलितों की चिंता रहा करती थी वह जब-जब मुख्यमंत्री हुए उन्होंने किसानों और गरीबों के हितों में काम किया चौधरी साहब ने चकबंदी कराकर किसानों की जमीनों की सुरक्षित किया पटवारी प्रथा को खत्म कर लेखपाल प्रथा लाये नेहरू की पुत्री के किनारे किसानों को चलने की इजाजत नहीं थी उसे खत्म कर चलने की अधिकार दिया एक यह नेता थे और एक धार्मिक उन्माद वाले नेता है चौधरी अजित सिंह के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि चौधरी साहब उद्योग मंत्री ,कृषि मंत्री, खाद्य मंत्री, उद्योग मंत्री जैसे महत्वपूर्ण भारी भरकम विभागों में रहकर उनके ऊपर कोई आर्थिक आरोप नहीं लगा इस तरह जयंत चौधरी ईमानदार छवि के नेता है इस दौरान उन्होंने पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को पार्टी की नीतियों को जन-जन पहुंचने की अपील की श्री राय ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार की गलत नीतियों से जनता पूरी तरह त्रस्त है इसलिए लोकतंत्र को बचाने के लिए जनता इंडिया गठबंधन की तरफ आशा भरी नजरों से देख रही है उन्होंने कहा कि भाजपा के केंद्र व प्रदेश सरकार जन विरोधी नीतियों से अब जनता ऊब चुकी है सरकार जनहित के मुद्दों से भटक चुकी है आरोप लगाया कि भाजपा सरकार सिर्फ जात धर्म की राजनीति करके सिर्फ देश को बांटना चाहती है 2024 में जनता केंद्र की सरकार को सबक सिखा देगी मौजूदा केंद्र प्रदेश की सरकारी किसान विरोधी महिला विरोधी नौजवान विरोधी जन विरोधी है! ‌‌‌श्री ओंकार सिंह राष्ट्रीय सचिव ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कार्यकर्ता संगठन की जान होता है वही संगठन चलाते हैं जिन जिनका कार्यालय, कार्यक्रम व कार्यकर्ता होते हैं राष्ट्रीय लोकदल के सभी जिलों में तीनों चीज पर्याप्त है उन्होंने कार्यकर्ताओं से आवाहन किया कि आने वाले लोकसभा चुनाव में कार्यकर्ता मजबूती से जहां-जहां इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी हो को जीतने का काम करें कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री सुरेश गुप्ता ने किया और संचालन मोहम्मद उस्मान महानगर अध्यक्ष ने किया कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सर्वश्री जितेंद्र सिंह आशीष तिवारी विमलेश पाठक एडवोकेट, श्रीमती ममता शुक्ला श्रीमती रामवती तिवारी मुकेश द्विवेदी एडवोकेट नीरज सिंह चंदेल एडवोकेट अशोक तिवारी ,शाकिर अली एडवोकेट श्रीमती मंजू शुक्ला, चांद जाबिर , अश्वनी त्रिवेदी, मोहम्मद नासिर, मोहम्मदe असलम ,दीपक शर्मा ,मोहम्मद शाहिद ,अनीस एडवोकेट, जमाल सिद्दीकी सहित सैकड़ो कार्यकर्ता मौजूद थे
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अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर नगर निगम कर्मचारी ने आत्महत्या का किया प्रयास

नगर निगम कर्मी ने जहरीला पदार्थ पीकर जान देने का किया प्रयास

जेई आलोक बाजपेयी पर पीड़ित परिवार ने लगाया प्रताड़ित करने का है आरोप

नगर निगम कर्मी को निजी अस्पताल में कराया गया भर्ती उपचार जारी

गोविंद नगर थाना क्षेत्र के नगर निगम जोन 5 कार्यलय की घटना।
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कानपुर शहर के बड़े अपराधी संजय ढाबा को पुलिस ने उठाया

प्राइवेट गाड़ी UP 15 से दरोगा ने अपराधी संजय ढाबा को उठाया

संजय ढाबा का पूर्व में गंगा बैराज क्षेत्र में हो चुका है हाफ एनकाउंटर

नवाबगंज थाना क्षेत्र के जागेश्वर मंदिर चौराहे से उठा लिया गया संजय ढाबा ?

एक दरोगा और सिपाही ने मिलकर संजय ढाबा को पान की दुकान से किया गिरफ्तार ?

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प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में लगभग 6,350 करोड़ रुपये की रेलवे परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं

प्रधानमंत्री मोदी ने आज छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में लगभग 6,350 करोड़ रुपये की रेलवे परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं। उन्होंने छत्तीसगढ़ के 9 जिलों में 50 बिस्तरों वाले ‘क्रिटिकल केयर ब्लॉक’ की आधारशिला रखी और जांच की गई आबादी को 1 लाख सिकल सेल परामर्श कार्ड वितरित किए। इन रेल परियोजनाओं में छत्तीसगढ़ पूर्व रेल परियोजना चरण-I, चंपा से जमगा के बीच तीसरी रेल लाइन, पेंद्रा रोड से अनूपपुर के बीच तीसरी रेल लाइन और तलाईपल्ली कोयला खदान को एनटीपीसी लारा सुपर थर्मल पावर स्टेशन से जोड़ने वाली एमजीआर (मेरी-गो-राउंड) प्रणाली शामिल है।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा की कि छत्तीसगढ़ में 6,400 करोड़ रुपये से अधिक की रेलवे परियोजनाओं का अनावरण किया जा रहा है और इसी के साथ यह राज्य विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य की ऊर्जा उत्पादन क्षमता का विस्तार करने और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए आज विभिन्न नई परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं। उन्होंने इस अवसर पर सिकल सेल काउंसलिंग कार्ड के वितरण का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि पूरी दुनिया आधुनिक विकास और सामाजिक कल्याण की तेज़ रफ्तार के भारतीय मॉडल को न केवल देख रही है बल्कि सराहना भी कर रही है। प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व नेताओं की मेजबानी को याद करते हुए ज़िक्र किया कि वे भारत के विकास और सामाजिक कल्याण मॉडल से बेहद प्रभावित थे। उन्होंने कहा कि दुनिया की बड़ी बड़ी संस्थाएं भारत की सफलता से सीखने की बात कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने इस उपलब्धि का श्रेय देश के हर राज्य और हर क्षेत्र के विकास के प्रति सरकार की बराबर प्राथमिकता को दिया। प्रधानमंत्री ने आज की परियोजनाओं के लिए नागरिकों को बधाई देते हुए कहा, “छत्तीसगढ़ और रायगढ़ का यह क्षेत्र भी इसका साक्षी है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि “छत्तीसगढ़ देश के विकास का एक पावर हाउस है” और कोई भी देश तभी आगे बढ़ता है जब उसके पावर हाउस पूरी ताकत से काम करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 9 वर्षों में केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के बहुमुखी विकास के लिए लगातार काम किया है और उनके विज़न तथा नीतियों का परिणाम आज यहां देखा जा सकता है। उन्होंने उल्लेख किया कि केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में हर क्षेत्र में बड़ी-बड़ी योजनाएं संचालित की जा रही हैं और नई-नई परियोजनाओं का शिलान्यास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने विशाखापत्तनम से रायपुर आर्थिक गलियारे और रायपुर से धनबाद आर्थिक गलियारे की विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखने के लिए जुलाई में की गई अपनी रायपुर की यात्रा को याद किया। उन्होंने राज्य को प्रदान किए गए विभिन्न महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्गों का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि “आज छत्तीसगढ़ के रेलवे नेटवर्क के विकास में एक नया अध्याय लिखा जा रहा है” और यह सुधरा हुआ रेल नेटवर्क बिलासपुर-मुंबई रेल लाइन के झारसुगुड़ा बिलासपुर खंड में भीड़ को कम करेगा। उन्होंने कहा, इसी तरह जो अन्य रेल लाइनें शुरू हो रही हैं और जो रेल कॉरिडोर बन रहे हैं, वे छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास को नई ऊंचाई देंगे। उन्होंने कहा कि इन मार्गों के पूरा होने पर न केवल छत्तीसगढ़ के लोगों को सुविधा मिलेगी बल्कि इस इलाके में रोजगार और आय के नए अवसर भी निर्मित होंगे। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कोयला खदानों से बिजली संयंत्रों तक कोयले के परिवहन की लागत और समय अब कम हो जाएंगे। प्रधानमंत्री ने बताया कि कम लागत पर ज्यादा से ज्यादा बिजली पैदा करने के लिए सरकार पिट हेड थर्मल पावर प्लांट भी बना रही है। उन्होंने तलाईपल्ली खदान को जोड़ने के लिए 65 किलोमीटर लंबी मैरी-गो-राउंड परियोजना के उद्घाटन का भी जिक्र किया और कहा कि देश में ऐसी परियोजनाओं की संख्या बढ़ेगी और आने वाले समय में छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों को इसका सबसे ज्यादा फायदा होने वाला है।

अमृत काल के अगले 25 वर्षों में भारत को एक विकसित राष्ट्र में परिवर्तित करने के अपने संकल्प पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने विकास के लिए प्रत्येक नागरिक की समान भागीदारी की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने पर्यावरण के संरक्षण के साथ-साथ देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की बात की और सूरजपुर जिले में बंद पड़ी कोयला खदान का जिक्र किया, जिसे इको-टूरिज्म के हिस्से के रूप में विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि कोरवा में भी ऐसा ही इको पार्क विकसित करने का काम चल रहा है। इस क्षेत्र के जनजातीय वर्ग को मिलने वाले लाभों पर बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने खदानों से निकलने वाले पानी से हजारों लोगों को दी जा रही सिंचाई और पेयजल सुविधाओं पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि वन संपदा के जरिए समृद्धि के नए रास्ते खोलने के साथ-साथ, वनों और भूमि की रक्षा करना भी सरकार का संकल्प है। वनधन विकास योजना का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने इस बात पर बल दिया कि इस योजना से लाखों आदिवासी युवा लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने दुनिया द्वारा बाजरा वर्ष मनाए जाने का भी ज़िक्र किया और आने वाले वर्षों में श्रीअन्न या बाजरा बाजार की बढ़ती संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां देश की आदिवासी परंपरा को नई पहचान मिल रही है, वहीं दूसरी ओर प्रगति के नये रास्ते सृजित हो रहे हैं।

जनजातीय आबादी पर सिकल सेल एनीमिया के प्रभाव के संबंध में प्रधानमंत्री ने कहा कि सिकल सेल परामर्श कार्डों का वितरण आदिवासी समाज के लिए एक बड़ा कदम है क्योंकि जानकारी का प्रसार करने से इस रोग को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। अपने संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के संकल्प के साथ आगे बढ़ने की जरूरत पर बल दिया और विश्वास जताया कि छत्तीसगढ़ विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा।

इस अवसर पर अन्य लोगों के साथ-साथ केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह सरुता और छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री श्री टी एस सिंहदेव उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

रायगढ़ में इस सार्वजनिक कार्यक्रम में लगभग 6,350 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण रेल परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करने से, देश भर में कनेक्टिविटी में सुधार पर प्रधानमंत्री के आग्रह को बढ़ावा मिलेगा। इन परियोजनाओं में छत्तीसगढ़ पूर्व रेल परियोजना चरण-I, चंपा से जमगा के बीच तीसरी रेल लाइन, पेंद्रा रोड से अनूपपुर के बीच तीसरी रेल लाइन और तलाईपल्ली कोयला खदान को एनटीपीसी लारा सुपर थर्मल पावर स्टेशन से जोड़ने वाली एमजीआर (मेरी-गो-राउंड) प्रणाली शामिल है। यह रेल परियोजनाएं इस इलाके में यात्रियों की आवाजाही के साथ-साथ माल ढुलाई को सुगम बनाकर सामाजिक आर्थिक विकास को गति प्रदान करेंगी।

छत्तीसगढ़ पूर्व रेल परियोजना के चरण-I को महत्वाकांक्षी पीएम गतिशक्ति-मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अंतर्गत विकसित किया जा रहा है और इसमें खरसिया से धरमजयगढ़ तक 124.8 किलोमीटर की रेल लाइन शामिल है। इसमें गेर-पेलमा के लिए एक स्पर लाइन और छल, बरौद, दुर्गापुर और अन्य कोयला खदानों को जोड़ने वाली तीन फीडर लाइनें शामिल हैं। लगभग 3,055 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह रेल लाइन विद्युतीकृत ब्रॉड गेज लेवल क्रॉसिंग और यात्री सुविधाओं के साथ फ्री पार्ट डबल लाइन से सुसज्जित है। यह छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में स्थित मांड-रायगढ़ कोयला क्षेत्रों से कोयला परिवहन के लिए रेल कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।

पेंद्रा रोड से अनूपपुर के बीच तीसरी रेल लाइन 50 किमी लंबी है और लगभग 516 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई है। चांपा और जामगा रेल खंड के बीच 98 किलोमीटर लंबी तीसरी लाइन लगभग 796 करोड़ रुपये की लागत से बनी है। नई रेल लाइनों से इस इलाके में कनेक्टिविटी बेहतर होगी और पर्यटन तथा रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी होगी।

65 किलोमीटर लंबी विद्युतीकृत एमजीआर (मैरी-गो-राउंड) प्रणाली एनटीपीसी की तलाईपल्ली कोयला खदान से छत्तीसगढ़ में 1600 मेगावाट के एनटीपीसी लारा सुपर थर्मल पावर स्टेशन तक कम लागत में उच्च श्रेणी का कोयला लाने का काम करेगी। इससे एनटीपीसी लारा से कम लागत के और विश्वसनीय बिजली उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे देश की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी। 2070 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित एमजीआर प्रणाली, कोयला खदानों से बिजली स्टेशनों तक कोयला परिवहन में सुधार के लिए एक तकनीकी चमत्कार से कम नहीं है।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के 9 जिलों में 50 बिस्तरों वाले ‘क्रिटिकल केयर ब्लॉक’ का शिलान्यास भी किया। प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) के अंतर्गत दुर्ग, कोंडागांव, राजनांदगांव, गरियाबंद, जशपुर, सूरजपुर, सरगुजा, बस्तर और रायगढ़ जिलों में नौ क्रिटिकल केयर ब्लॉक बनाए जाएंगे, जिनकी कुल लागत 210 करोड़ रुपये होगी। जनजातीय आबादी के बीच विशेष रूप से होने वाले सिकल सेल रोग से उपजी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री ने जांची गई आबादी को एक लाख सिकल सेल परामर्श कार्ड वितरित किए। सिकल सेल परामर्श कार्ड का वितरण राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन (एनएसएईएम) के अंतर्गत किया जा रहा है, जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री द्वारा जुलाई 2023 में मध्य प्रदेश के शहडोल में किया गया था।

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