Breaking News

मरीजों और डॉक्टरों नर्सों के अनुपात पर ताज़ा जानकारी

सरकार ने मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाई है और उसके बाद एमबीबीएस सीटें भी बढ़ाई हैं। मेडिकल कॉलेजों में 82% की बढ़ोतरी हुई है। 2014 से पहले ये 387 थीं जो बढ़कर अब 706 हो गई हैं। इसके अलावा, 112% की बढ़ोतरी के साथ एमबीबीएस सीटें 51,348 (2014) से 1,08,940 (2023) हो गईं और 127% की बढ़ोतरी के साथ पीजी सीटें 31,185 (2014) से 70,674 (2023) हो गई हैं।

सरकार ने देश में डॉक्टरों की उपलब्धता को और बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें ये कदम शामिल हैं:

  1. जिला / रेफरल अस्पताल को अपग्रेड करके नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए केंद्र प्रायोजित योजना, जिसके अंतर्गत अनुमोदित 157 नए मेडिकल कॉलेजों में से 108 कॉलेज शुरू हो चुके हैं।
  2. एमबीबीएस और पीजी सीटें बढ़ाने के लिए मौजूदा राज्य सरकार / केंद्र सरकार के मेडिकल कॉलेजों के सुदृढ़ीकरण / उन्नयन के लिए केंद्र प्रायोजित योजना।
  3. प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) की “सुपर स्पेशलिटी ब्लॉकों के निर्माण द्वारा सरकारी मेडिकल कॉलेजों के उन्नयन” की योजना के अंतर्गत कुल 75 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 64 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
  4. नए एम्स की स्थापना के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना के अंतर्गत 22 एम्स को मंजूरी दी गई है। इनमें से 19 में स्नातक पाठ्यक्रम शुरू हो गए हैं।
  5. मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए संकाय, कर्मचारियों, बिस्तरों की संख्या और अन्य बुनियादी ढांचे की ज़रूरत के संदर्भ में मानकों में छूट।
  6. संकाय की कमी को पूरा करने के लिए संकाय के रूप में नियुक्ति के लिए डीएनबी योग्यता को मान्यता दी गई है।
  7. मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों / डीन / प्रिंसिपल / निदेशक के पदों पर नियुक्ति / विस्तार / पुनर्रोजगार के लिए आयु सीमा को 70 वर्ष तक बढ़ाया गया।

 

सरकार ने देश में नर्सों की संख्या बढ़ाने के लिए भी निम्नांकित कदम उठाए हैं:

  1. “मौजूदा जिला / रेफरल अस्पताल से जुड़े नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना” के लिए केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) के अंतर्गत 2014 से 157 मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। 2023-24 के बजट भाषण में इन मेडिकल कॉलेजों में 157 नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना की घोषणा की गई है।
  2. नर्सिंग शैक्षिक कार्यक्रमों के लिए छात्र रोगी अनुपात को 1:5 से घटाकर 1:3 कर दिया गया है।
  3. नर्सिंग शिक्षण संस्थानों के लिए छात्रावास सहित नर्सिंग स्कूल / कॉलेज के लिए 54,000 वर्ग फुट की इमारत बनाने के लिए 3 एकड़ भूमि की आवश्यकता में छूट दी गई है।
  4. जीएनएम और बीएससी (नर्सिंग) कार्यक्रम शुरू करने के लिए 2013-2014 से 100 बिस्तरों वाला मूल अस्पताल आवश्यक है। हालांकि, पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्रों के लिए इसमें छूट दी गई है।
  5. बीएससी (एन) कार्यक्रम शुरू करने के लिए शिक्षण संकाय को मानदंडों में ढील दी गई।
  6. बीएससी (एन) / जीएनएम कार्यक्रमों के लिए उन संस्थानों को अधिकतम 100 सीटें दी जाएंगी, जिनके पास 300 बिस्तरों वाला मूल अस्पताल है और मेडिकल कॉलेज का आग्रह नहीं रखा जाएगा।
  7. स्कूल से अस्पताल की दूरी में छूट दी गई है।
  8. नर्सिंग कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए पात्रता मानदंड में ढील दी गई।

जैसा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा सूचित किया गया है – जून, 2022 तक राज्य चिकित्सा परिषदों और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) में 13,08,009 एलोपैथिक डॉक्टर पंजीकृत हैं। पंजीकृत एलोपैथिक डॉक्टरों की 80% और आयुष डॉक्टरों की 5.65 लाख की उपलब्धता मानते हुए देश में डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात 1:834 का है। इसके अलावा, दिसंबर, 2022 तक देश में 36.14 लाख नर्सिंग कर्मी थे। नर्सिंग कर्मियों की 80% उपलब्धता मानते हुए नर्स-जनसंख्या अनुपात 1:476 का है।

 

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

अनुलग्नक- I

जून, 2022 तक मान्यता प्राप्त चिकित्सा योग्यता रखने वाले और राज्य चिकित्सा परिषदों / पूर्ववर्ती भारतीय चिकित्सा परिषद / राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के यहां पंजीकृत डॉक्टरों की राज्य / केंद्र शासित प्रदेश वार सूची

क्र. सं. राज्य चिकित्सा परिषद का नाम एलोपैथिक डॉक्टरों की कुल संख्या
आंध्र प्रदेश मेडिकल काउंसिल 105799
अरुणाचल प्रदेश मेडिकल काउंसिल 1461
असम मेडिकल काउंसिल 25561
बिहार मेडिकल काउंसिल 48192
छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल 10020
दिल्ली मेडिकल काउंसिल 30817
गोवा मेडिकल काउंसिल 4035
गुजरात मेडिकल काउंसिल 72406
हरियाणा मेडिकल काउंसिल 15687
हिमाचल प्रदेश मेडिकल काउंसिल 5038
जम्मू और कश्मीर मेडिकल काउंसिल 17574
झारखंड मेडिकल काउंसिल 7374
कर्नाटक मेडिकल काउंसिल 134426
मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल 42596
महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल 188545
भारतीय पूर्व चिकित्सा परिषद 52669
मिजोरम मेडिकल काउंसिल 156
नागालैंड मेडिकल काउंसिल 141
उड़ीसा काउंसिल ऑफ मेडिकल रजिस्ट्रेशन 26924
पंजाब मेडिकल काउंसिल 51689
राजस्थान मेडिकल काउंसिल 48232
सिक्किम मेडिकल काउंसिल 1501
तमिलनाडु मेडिकल काउंसिल 148217
त्रावणकोर मेडिकल काउंसिल 72999
उत्तर प्रदेश मेडिकल काउंसिल 89287
उत्तरांचल मेडिकल काउंसिल 10243
पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल 78740
त्रिपुरा मेडिकल काउंसिल 2681
तेलंगाना मेडिकल काउंसिल 14999
  कुल योग 1308009

स्रोत: राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग

टिप्पणी:- तत्कालीन एमसीआई ने 2015 से रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया था।

 

अनुलग्नक-I

31.12.2022 तक प्रशिक्षित नर्सों की राज्य / केंद्र शासित प्रदेश वार संख्या

क्र.सं. राज्य एएनएम आरएन और आरएम
आंध्र प्रदेश 140072 273430
अरुणाचल प्रदेश 8147 9070
असम 30174 28599
बिहार 19499 26421
छत्तीसगढ़ 15213 35052
दिल्ली 5404 85001
गोवा 424 1546
गुजरात 57731 151108
हरियाणा 31989 41518
हिमाचल प्रदेश 12007 26611
झारखंड 10900 6773
कर्नाटक 54039 231643
केरल 31646 329492
मध्य प्रदेश 39563 118793
महाराष्ट्र 86426 162205
मेघालय 2339 10626
मणिपुर 4361 12136
मिजोरम 2570 5282
ओडिशा 75137 91157
पंजाब 23029 76680
राजस्थान 110443 209554
तमिलनाडु 64012 348538
त्रिपुरा 2954 8699
उत्तर प्रदेश 75671 111860
उत्तराखंड 9779 16947
पश्चिम बंगाल 69709 76318
तेलंगाना 10219 53314
सिक्किम 236 2508
नागालैंड 1477 1536
जम्मू और कश्मीर 5264 3999

स्रोत: संबंधित राज्य नर्स पंजीकरण परिषद

एएनएम: सहायक नर्स मिडवाइफ

आरएन और आरएम: पंजीकृत नर्स और पंजीकृत मिडवाइफ