सरकार ने देश में डॉक्टरों की उपलब्धता को और बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें ये कदम शामिल हैं:
- जिला / रेफरल अस्पताल को अपग्रेड करके नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए केंद्र प्रायोजित योजना, जिसके अंतर्गत अनुमोदित 157 नए मेडिकल कॉलेजों में से 108 कॉलेज शुरू हो चुके हैं।
- एमबीबीएस और पीजी सीटें बढ़ाने के लिए मौजूदा राज्य सरकार / केंद्र सरकार के मेडिकल कॉलेजों के सुदृढ़ीकरण / उन्नयन के लिए केंद्र प्रायोजित योजना।
- प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) की “सुपर स्पेशलिटी ब्लॉकों के निर्माण द्वारा सरकारी मेडिकल कॉलेजों के उन्नयन” की योजना के अंतर्गत कुल 75 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 64 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
- नए एम्स की स्थापना के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना के अंतर्गत 22 एम्स को मंजूरी दी गई है। इनमें से 19 में स्नातक पाठ्यक्रम शुरू हो गए हैं।
- मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए संकाय, कर्मचारियों, बिस्तरों की संख्या और अन्य बुनियादी ढांचे की ज़रूरत के संदर्भ में मानकों में छूट।
- संकाय की कमी को पूरा करने के लिए संकाय के रूप में नियुक्ति के लिए डीएनबी योग्यता को मान्यता दी गई है।
- मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों / डीन / प्रिंसिपल / निदेशक के पदों पर नियुक्ति / विस्तार / पुनर्रोजगार के लिए आयु सीमा को 70 वर्ष तक बढ़ाया गया।
सरकार ने देश में नर्सों की संख्या बढ़ाने के लिए भी निम्नांकित कदम उठाए हैं:
- “मौजूदा जिला / रेफरल अस्पताल से जुड़े नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना” के लिए केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) के अंतर्गत 2014 से 157 मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। 2023-24 के बजट भाषण में इन मेडिकल कॉलेजों में 157 नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना की घोषणा की गई है।
- नर्सिंग शैक्षिक कार्यक्रमों के लिए छात्र रोगी अनुपात को 1:5 से घटाकर 1:3 कर दिया गया है।
- नर्सिंग शिक्षण संस्थानों के लिए छात्रावास सहित नर्सिंग स्कूल / कॉलेज के लिए 54,000 वर्ग फुट की इमारत बनाने के लिए 3 एकड़ भूमि की आवश्यकता में छूट दी गई है।
- जीएनएम और बीएससी (नर्सिंग) कार्यक्रम शुरू करने के लिए 2013-2014 से 100 बिस्तरों वाला मूल अस्पताल आवश्यक है। हालांकि, पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्रों के लिए इसमें छूट दी गई है।
- बीएससी (एन) कार्यक्रम शुरू करने के लिए शिक्षण संकाय को मानदंडों में ढील दी गई।
- बीएससी (एन) / जीएनएम कार्यक्रमों के लिए उन संस्थानों को अधिकतम 100 सीटें दी जाएंगी, जिनके पास 300 बिस्तरों वाला मूल अस्पताल है और मेडिकल कॉलेज का आग्रह नहीं रखा जाएगा।
- स्कूल से अस्पताल की दूरी में छूट दी गई है।
- नर्सिंग कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए पात्रता मानदंड में ढील दी गई।
जैसा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा सूचित किया गया है – जून, 2022 तक राज्य चिकित्सा परिषदों और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) में 13,08,009 एलोपैथिक डॉक्टर पंजीकृत हैं। पंजीकृत एलोपैथिक डॉक्टरों की 80% और आयुष डॉक्टरों की 5.65 लाख की उपलब्धता मानते हुए देश में डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात 1:834 का है। इसके अलावा, दिसंबर, 2022 तक देश में 36.14 लाख नर्सिंग कर्मी थे। नर्सिंग कर्मियों की 80% उपलब्धता मानते हुए नर्स-जनसंख्या अनुपात 1:476 का है।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
अनुलग्नक- I
जून, 2022 तक मान्यता प्राप्त चिकित्सा योग्यता रखने वाले और राज्य चिकित्सा परिषदों / पूर्ववर्ती भारतीय चिकित्सा परिषद / राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के यहां पंजीकृत डॉक्टरों की राज्य / केंद्र शासित प्रदेश वार सूची
क्र. सं. | राज्य चिकित्सा परिषद का नाम | एलोपैथिक डॉक्टरों की कुल संख्या |
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आंध्र प्रदेश मेडिकल काउंसिल | 105799 |
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अरुणाचल प्रदेश मेडिकल काउंसिल | 1461 |
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असम मेडिकल काउंसिल | 25561 |
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बिहार मेडिकल काउंसिल | 48192 |
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छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल | 10020 |
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दिल्ली मेडिकल काउंसिल | 30817 |
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गोवा मेडिकल काउंसिल | 4035 |
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गुजरात मेडिकल काउंसिल | 72406 |
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हरियाणा मेडिकल काउंसिल | 15687 |
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हिमाचल प्रदेश मेडिकल काउंसिल | 5038 |
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जम्मू और कश्मीर मेडिकल काउंसिल | 17574 |
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झारखंड मेडिकल काउंसिल | 7374 |
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कर्नाटक मेडिकल काउंसिल | 134426 |
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मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल | 42596 |
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महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल | 188545 |
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भारतीय पूर्व चिकित्सा परिषद | 52669 |
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मिजोरम मेडिकल काउंसिल | 156 |
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नागालैंड मेडिकल काउंसिल | 141 |
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उड़ीसा काउंसिल ऑफ मेडिकल रजिस्ट्रेशन | 26924 |
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पंजाब मेडिकल काउंसिल | 51689 |
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राजस्थान मेडिकल काउंसिल | 48232 |
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सिक्किम मेडिकल काउंसिल | 1501 |
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तमिलनाडु मेडिकल काउंसिल | 148217 |
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त्रावणकोर मेडिकल काउंसिल | 72999 |
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उत्तर प्रदेश मेडिकल काउंसिल | 89287 |
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उत्तरांचल मेडिकल काउंसिल | 10243 |
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पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल | 78740 |
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त्रिपुरा मेडिकल काउंसिल | 2681 |
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तेलंगाना मेडिकल काउंसिल | 14999 |
कुल योग | 1308009 |
स्रोत: राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग
टिप्पणी:- तत्कालीन एमसीआई ने 2015 से रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया था।
अनुलग्नक-I
31.12.2022 तक प्रशिक्षित नर्सों की राज्य / केंद्र शासित प्रदेश वार संख्या
क्र.सं. | राज्य | एएनएम | आरएन और आरएम |
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आंध्र प्रदेश | 140072 | 273430 |
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अरुणाचल प्रदेश | 8147 | 9070 |
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असम | 30174 | 28599 |
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बिहार | 19499 | 26421 |
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छत्तीसगढ़ | 15213 | 35052 |
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दिल्ली | 5404 | 85001 |
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गोवा | 424 | 1546 |
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गुजरात | 57731 | 151108 |
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हरियाणा | 31989 | 41518 |
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हिमाचल प्रदेश | 12007 | 26611 |
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झारखंड | 10900 | 6773 |
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कर्नाटक | 54039 | 231643 |
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केरल | 31646 | 329492 |
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मध्य प्रदेश | 39563 | 118793 |
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महाराष्ट्र | 86426 | 162205 |
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मेघालय | 2339 | 10626 |
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मणिपुर | 4361 | 12136 |
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मिजोरम | 2570 | 5282 |
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ओडिशा | 75137 | 91157 |
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पंजाब | 23029 | 76680 |
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राजस्थान | 110443 | 209554 |
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तमिलनाडु | 64012 | 348538 |
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त्रिपुरा | 2954 | 8699 |
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उत्तर प्रदेश | 75671 | 111860 |
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उत्तराखंड | 9779 | 16947 |
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पश्चिम बंगाल | 69709 | 76318 |
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तेलंगाना | 10219 | 53314 |
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सिक्किम | 236 | 2508 |
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नागालैंड | 1477 | 1536 |
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जम्मू और कश्मीर | 5264 | 3999 |
स्रोत: संबंधित राज्य नर्स पंजीकरण परिषद
एएनएम: सहायक नर्स मिडवाइफ
आरएन और आरएम: पंजीकृत नर्स और पंजीकृत मिडवाइफ