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युवा कल्याण प्रान्तीय रक्षक दल विभाग के तत्वावधान में एक दिवसीय जनपद स्तरीय युवा उत्सव प्रतियोगिता का आयोजन सितम्बर माह में किया जाएगा

कानपुर नगर 14 अगस्त, 2024 (सू0वि0)* जिला युवा कल्याण एवं प्रा०वि०द० अधिकारी आरती जायसवाल ने बताया कि युवा कल्याण प्रान्तीय रक्षक दल विभाग के तत्वावधान में एक दिवसीय जनपद स्तरीय युवा उत्सव प्रतियोगिता का आयोजन माह सितम्बर, 2024 में किया जाना प्रस्तावित है। युवा उत्सव निम्न विधाओं में आयोजित की जानी है, राष्ट्रीय युवा उत्सव 2024 हेतु युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों को Innovation in Science and Technology की थीम आवंटित की गयी है। जिसमें निम्न प्रतियोगिताओं का आयोजन जनपद स्तर से लेकर राज्य स्तर तक किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि थीमेटिक अवयव के अन्तर्गत प्रतिभागियों द्वारा Innovation in Science and Technology की थीम पर आधारित प्रोजेक्ट का प्रदर्शन किया जायेगा, जिसमें एकल एवं समूह दोनों अलग-अलग रूप में प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी।
सांस्कृतिक अवयव के अन्तर्गत 04 प्रतियोगिताओं Group Folk Dance, Group Folk Song, Solo Folk Dance, Solo Folk Song का आयोजन जनपद से राज्य स्तर पर कराया जायेगा। इसके अतिरिक्त जीवन कौशल अवयव के अन्तर्गत 04 प्रतियोगिताओं Story Writing, Poetry, Declamation, Painting का आयोजन जनपद स्तर से लेकर राज्य स्तर तक किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि युवा उत्सव 2024 के आयोजन के सम्बन्ध में भारत सरकार की गाईड लाइन के अनुसार प्रतियोगिता में प्रतिभागियों की आयु 12 जनवरी, 2025 को 15 वर्ष से 29 वर्ष होनी अनिवार्य है एवं जनपद स्तर पर विजेता प्रतिभागी मण्डल स्तर पर प्रतिभाग करेंगें। मण्डल स्तर पर विजयी प्रतिभागी राज्य स्तर पर प्रतिभाग कर सकते है। इच्छुक प्रतिभागी अपना पंजीकरण कार्यालय जिला युवा कल्याण एवं प्रा०वि०द०अधिकारी कानपुर नगर के कक्ष संख्या-4 विकास भवन द्वितीय तल में व्यक्तिगत रूप से एवं ई-मेल द्वारा dywokanpurnagar@gmail.com के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त सभी विकास खण्डों के क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी से सम्पर्क कर आवेदन किया जा सकता है।

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सुर सारथी के बैनर तले सजी गायकी के शौकीनों की महफिल

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर के काकादेव स्थित पकवान रेस्टोरेंट में नए पुराने गीतों के साथ संगीत की बेहतरीन महफिल सजी, जिसमे गायकी के शौकीनों ने अपनी कला से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया !
मुख्य अतिथि कानपुर यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर और मुस्कुराए कानपुर के ब्रांड एंबेसडर सुधांशु राय ने कार्यक्रम का शुभारम्भ माता सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर किया, सुर सारथी ने गायकी के शौकीनों को एक शानदार मंच उपलब्ध कराया!

आशीष अवस्थी के सफल संचालन तथा राजेंद्र और सुभाष के क्रमबद्ध और अनुशासनात्मक तरीके से गायक गायिकाओं को आमंत्रित करने की वजह से कार्यक्रम में चार चांद लग गए तथा कार्यक्रम के अंत तक मधुर स्वरों की गंगा बहती रही,
आरती, पूर्णिमा, रंजना, अंजली, सुषमा, अंजना, संगीता, प्रीति, मोनिका, संध्या, स्मिता, नीता, मनीष, रंजन, अतुल, अवधेश, अनिल, गिरीश, जीतू, आलोक, जितेंद्र, नीरज आदि ने अपने सुरों से माहौल खुशनुमा बना दिया।!

 

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अतुल दीक्षित  “सम्पादक प्रकाशक”

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एस.एन. सेन बी. वी. पी.जी. कॉलेज में अँग्रेजी विभाग द्वारा मनाई गई अरबिंदो घोष की 152 वर्ष वर्षगांठ

भारतीय स्वरूप संवाददाता 13 अगस्त 2024 को एस.एन. सेन बालिका विद्यालय पी.जी. कॉलेज में अँग्रेजी विभाग द्वारा श्री अरबिंदो घोष जी के 152 वीँ जयंती पर एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर सुमन, समाजशास्त्र की प्रोफेसर रेखा चौबे, अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्षा प्रोफेसर अलका टंडन एवं निर्णायक मंडल के रूप में उपस्थित अर्थशास्त्र की विभागाध्यक्षा प्रो निशा वर्मा और संगीत विभाग की कैप्टन ममता अग्रवाल के द्वारा किया गया। 10 प्रतिभागी छात्राओं ने श्री अरविंदो घोष के जीवन परिचय, उनके राष्ट्रीय, राजनीतिक, सामाजिक, साहित्यिक योगदान तथा घोष जी के योगी स्वभाव पर प्रकाश डाला। छात्राओं को संबोधित करते हुए प्राचार्या प्रो सुमन ने कहा कि साहित्यिक विदुषियों से सम्बंधित जयंतियों का आयोजन प्रत्येक वर्ष मनाया जाना चाहिए और उन्होंने इसमें छाआत्रों के अधिकतम सहभागिता पर भी बल दिया। कार्यक्रम का संचालन सहायक आचार्या डाँ कोमल सरोज और डाँ पूजा गुप्ता ने किया। विभागाध्यक्षा प्रो अलका टंडन ने धन्यवाद ज्ञापन किया। मीडिया प्रसार प्रभारी डॉ प्रीति सिंह ने बताया प्रतियोगिता में प्रथम स्थान जान्हवी ओमर, द्वितीय स्थान स्नेहा सिंह और तृतीय स्थान सताक्षी द्विवेदी ने प्राप्त किया। कार्यक्रम में प्रो मीनाक्षी व्यास, डॉ शुभा बाजपेई, डॉ रश्मि गुप्ता एवं डॉक्टर प्रीता अवस्थी उपस्थित रहीं।

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दयानंद गर्ल्स कॉलेज द्वारा मेरी माटी मेरा देश – हर घर तिरंगा अभियान 2024 के अंतर्गत तिरंगा यात्रा रैली निकाल झंडों का वितरण किया

भारतीय स्वरूप संवाददाता राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज, कानपुर के द्वारा महाविद्यालय की एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी तथा जिला नोडल अधिकारी, कानपुर नगर डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में मेरी माटी मेरा देश – हर घर तिरंगा अभियान 2024 के अंतर्गत तिरंगा यात्रा रैली निकाली गई। इस रैली के दौरान लगभग 100 छात्राओं ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि नमामि गंगे विभाग, भाजपा, उत्तर प्रदेश के प्रदेश संयोजक श्री कृष्णा दीक्षित बड़े जी रहे। उनके साथ में अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष श्री अनूप चौधरी व फरहान भी रैली में सम्मिलित हुए। उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस के पावन राष्ट्रीय पर्व पर हम देश के वीर बलिदानी शहीदों को याद करते हुए उनके प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इस तिरंगा यात्रा के दौरान 50 झंडो का वितरण छात्राओं तथा जन- सामान्य को किया गया। सभी न एस एस वॉलंटियर्स ने उत्साह के साथ देशभक्ति के गीत गए, नारे लगाए व झंडे के साथ सेल्फी भी ली जिसे मेरी माटी मेरा देश व युवा पोर्टल पर अपलोड किया गया। संपूर्ण कार्यक्रम को सफल बनाने में एनएसएस वॉलिंटियर्स अंतरा कश्यप , श्रद्धा, सान्या,, सिमरन, बुशरा, इन्नमा, अदिति व चंचल का विशेष सहयोग रहा।

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भारत सरकार ने ‘पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना’ के तहत ‘मॉडल सौर गांव’ के कार्यान्वयन के लिए परिचालन दिशानिर्देश जारी किए

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा 9 अगस्त 2024 को ‘पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना’ के अंतर्गत ‘मॉडल सौर गांव’ के कार्यान्वयन के लिए योजना दिशानिर्देशों को अधिसूचित किया गया है।

योजना के घटक ‘मॉडल सौर गांव’ के अंतर्गत देश के हर जिले में एक मॉडल सौर गांव बनाने पर जोर दिया गया है। इसका लक्ष्य सौर ऊर्जा को अपनाने को बढ़ावा देना और ग्रामीण समुदायों को अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में आत्मनिर्भर बनाना है। इस घटक के लिए कुल 800 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय आवंटित किया गया है, जिसमें से चयन किए गए प्रत्येक मॉडल सौर गांव को एक करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।

गांव को प्रतियोगिता मोड के तहत मानने के लिए उस गांव को 5,000 (विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए 2,000) से अधिक आबादी वाला राजस्व गांव होना चाहिए। चयन प्रक्रिया में एक प्रतिस्पर्धी मोड शामिल है। इसमें गांवों का मूल्यांकन जिला स्तरीय समिति (डीएलसी) द्वारा संभावित उम्‍मीदवारी की घोषणा के महीने में उनकी समग्र वितरित नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) क्षमता के आधार पर किया जाता है।

प्रत्येक जिले में सबसे अधिक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वाले विजेता गांव को एक करोड़ रुपये का केंद्रीय वित्तीय सहायता अनुदान दिया जाएगा। इस योजना का कार्यान्वयन जिला स्तरीय समिति (डीएलसी) की देखरेख में राज्य/केन्‍द्र शासित प्रदेश नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी द्वारा किया जाएगा। इससे चयनित गांव प्रभावी रूप से सौर ऊर्जा से चलने वाले समुदायों में परिवर्तित होकर देश के अन्य गांवों के लिए मॉडल के रूप में काम करेंगे।

भारत सरकार ने 29 फरवरी 2024 को पीएम-सूर्य घर: मुफ़्त बिजली योजना को मंज़ूरी दी है। इसका उद्देश्य सौर रूफटोप क्षमता की हिस्सेदारी बढ़ाना और आवासीय घरों को अपनी बिजली पैदा करने के मामले में सशक्त बनाना है। इस योजना का परिव्यय 75,021 करोड़ रुपये है और इसे वित्त वर्ष 2026-27 तक लागू किया जाएगा।

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भारत में महिलाएं और पुरुष 2023” नामक पुस्तिका का विमोचन

भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने “भारत में महिलाएं और पुरुष 2023” शीर्षक वाली अपनी पुस्तिका का 25वां अंक जारी किया।

यह पुस्तिका एक व्यापक और अंतर्दृष्टिपूर्ण दस्तावेज है जो भारत में महिलाओं और पुरुषों की स्थिति के बारे में समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करने का प्रयास करता है और जनसंख्या, शिक्षा, स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था में भागीदारी, निर्णय लेने में सहभागिता आदि जैसे विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला पर डेटा प्रदान करता है। यह जेंडर, शहरी-ग्रामीण विभाजन और भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर अलग-अलग डेटा प्रस्तुत करता है, जो महिलाओं और पुरुषों के विभिन्न समूहों के बीच विद्यमान असमानताओं को समझने में मदद करता है। पुस्तिका में विभिन्न मंत्रालयों/विभागों/संगठनों के प्रकाशित आधिकारिक डेटा से प्राप्त महत्वपूर्ण संकेतक शामिल हैं।

“भारत में महिलाएं और पुरुष 2023” न केवल लैंगिक समानता की दिशा में की गई प्रगति को रेखांकित करता है, बल्कि उन क्षेत्रों की भी पहचान करता है जहां महत्वपूर्ण अंतर बने हुए हैं। विभिन्न सामाजिक-आर्थिक संकेतकों की जांच करके, पुस्तिका समय के साथ रुझानों का कुछ विश्लेषण प्रस्तुत करती है और इस प्रकार नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और आम जनता को सूचित निर्णय लेने और जेंडर-संवेदनशील नीतियों के विकास में योगदान करने में मदद करती है।

यह रिपोर्ट भारत में महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए जनसांख्यिकीय परिवर्तनों और उनके निहितार्थों को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है। यह लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने की वकालत और कार्रवाई करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में कार्य करता है कि विकास प्रयास समावेशी और टिकाऊ हों।

“भारत में महिलाएं और पुरुष 2023” मंत्रालय की वेबसाइट (https://mospi.gov.in/) पर उपलब्ध है।

पुस्तिका के कुछ मुख्य अंश इस प्रकार हैं:

  • 2036 तक भारत की जनसंख्या के 152.2 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है, महिला प्रतिशत 2011 के 48.5 प्रतिशत की तुलना में मामूली वृद्धि के साथ 48.8 प्रतिशत होगा। संभवतः प्रजनन क्षमता में गिरावट के कारण 15 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों का अनुपात 2011 की तुलना में 2036 में घटने का अनुमान है। इसके विपरीत, इस अवधि के दौरान 60 वर्ष और उससे अधिक आयु की आबादी के अनुपात में अधिक वृद्धि होने का अनुमान है।

  • 2036 में भारत की जनसंख्या में 2011 की जनसंख्या की तुलना में स्त्रियों की संख्या अधिक होने की उम्मीद है, जैसा कि जेंडर अनुपात में परिलक्षित होता है, जिसके 2011 में 943 से बढ़कर 2036 तक 952 होने का अनुमान है। यह लैंगिक समानता में सकारात्मक प्रवृत्ति को दर्शाता है।

 

  • यह स्पष्ट है कि 2016 से 2020 तक, 20-24 और 25-29 आयु वर्ग में आयु विशिष्ट प्रजनन दर क्रमशः 135.4 और 166.0 से घटकर 113.6 और 139.6 हो गई है। उपरोक्त अवधि के लिए 35-39 आयु के लिए एएसएफआर 32.7 से बढ़कर 35.6 हो गया है, जो दर्शाता है कि जीवन में व्यवस्थित होने के बाद, महिलाएं परिवार के विस्तार पर विचार कर रही हैं।
  • 2020 में किशोर प्रजनन दर निरक्षर आबादी के लिए 33.9 थी, जबकि साक्षर लोगों के लिए 11.0 थी। यह दर उन लोगों के लिए भी अत्यधिक कम है जो साक्षर हैं, लेकिन निरक्षर महिलाओं की तुलना में बिना किसी औपचारिक शिक्षा के (20.0) के हैं। यह तथ्य महिलाओं को शिक्षा प्रदान करने के महत्व पर फिर से जोर देता है।

  • मातृत्व मृत्यु दर (एमएमआर) एसडीजी संकेतकों में से एक है और इसे 2030 तक 70 तक लाया जाना एसडीजी ढांचे में स्पष्ट रूप से निर्धारित किया गया है। सरकार के निरंतर प्रयासों के कारण, भारत ने समय रहते अपने एमएमआर (2018-20 में 97/लाख जीवित शिशु) को कम करने का प्रमुख मील का पत्थर सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है और एसडीजी लक्ष्य को भी हासिल करना संभव होना चाहिए।

  • शिशु मृत्यु दर में पिछले कुछ वर्षों में पुरुष और महिला दोनों के लिए कमी आ रही है। महिला आईएमआर हमेशा पुरुषों की तुलना में अधिक रही है, लेकिन 2020 में, दोनों 1000 जीवित शिशु पर 28 शिशुओं के स्तर पर बराबर थे। 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर के आंकड़ों से पता चलता है कि यह 2015 में 43 से घटकर 2020 में 32 हो गई है। यही स्थिति लड़के और लड़कियों दोनों के लिए है और लड़के तथा लड़कियों के बीच का अंतर भी कम हुआ है।
  • आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण के अनुसार, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों की श्रम बल भागीदारी दर 2017-18 से पुरुष और महिला दोनों आबादी के लिए बढ़ रही है। यह देखा गया है कि 2017-18 से 2022-23 के दौरान पुरुष एलएफपीआर 75.8 से बढ़कर 78.5 हो गया है और इसी अवधि के दौरान महिला एलएफपीआर 23.3 से बढ़कर 37 हो गई है।
  • 15वें राष्ट्रीय चुनाव (1999) तक, 60 प्रतिशत से कम महिला मतदाताओं ने भाग लिया, जिसमें पुरुषों का मतदान 8 प्रतिशत अधिक था। हालांकि, 2014 के चुनावों में महिलाओं की भागीदारी बढ़कर 65.6 प्रतिशत हो गई और 2019 के चुनावों में यह और अधिक बढ़कर 67.2 प्रतिशत हो गई। पहली बार, महिलाओं के लिए मतदान प्रतिशत थोड़ा अधिक रहा, जो महिलाओं में बढ़ती साक्षरता और राजनीतिक जागरूकता के प्रभाव को दर्शाता है।

· उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने जनवरी 2016 में अपनी स्थापना के बाद से दिसंबर 2023 तक कुल 1,17,254 स्टार्ट-अप को मान्यता दी है। इनमें से 55,816 स्टार्ट-अप महिलाओं द्वारा संचालित हैं, जो कुल मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप का 47.6 प्रतिशत है। यह महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व भारत के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में महिला उद्यमियों के बढ़ते प्रभाव और योगदान को रेखांकित करता है।

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अत्यधिक छिद्रपूर्ण (हाइली पोरस) ज़ेरोजेल ड्रेसिंग रक्त का तेजी से थक्का (क्लोटिंग) बनाकर जीवन बचा सकती है

शोधकर्ताओं ने सिलिका नैनोकणों और कैल्शियम को शामिल करते हुए एक छिद्रपूर्ण समग्र ज़ेरोजेल ड्रेसिंग विकसित की है जो रक्त को तेजी से जमने में मदद कर सकती है और अनियंत्रित रक्तस्राव से राहत प्रदान कर सकती है। व्यावसायिक ड्रेसिंग की तुलना में इस मिश्रण ने रक्त के थक्के जमने (ब्लड क्लोटिंग) की दर में महत्वपूर्ण सुधार दिखाया है । अनियंत्रित रक्तस्राव दुर्घटनाओं या चोटों और सैन्य या सर्जिकल ऑपरेशन के दौरान होने वाली दर्दनाक मृत्यु  के प्रमुख कारणों में से एक है। आघात से होने वाली 40% से अधिक मौतें गंभीर रक्त हानि के कारण होती हैं। रूई  (गॉज), सामान्यतः प्रयोग की जाने  वाली रूई (गॉज)  अथवा ऐसी ही अन्य  प्राथमिक चिकित्सा सामग्री या चोट वाली जगह पर रक्त के प्रवाह में कमी, फाइब्रिन सक्रियण द्वारा प्लेटलेट के थक्के प्लग) का  गठन और रक्त के अन्य थक्के मार्गों के सक्रियण के माध्यम से काम करने वाली मानव शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा गंभीर रक्तस्राव को रोकने के लिए अपर्याप्त है।  इसलिए, रक्त  की कमी को घटाने  के लिए बेहतर हेमोस्टैटिक सामग्रियों की तत्काल आवश्यकता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्वायत्त संस्थान, अगरकर रिसर्च इंस्टीट्यूट (एआरआई) पुणे ने एक अत्यधिक छिद्रपूर्ण (हाइली पोरस) स्पंजी ज़ेरोजेल हेमोस्टैटिक ड्रेसिंग विकसित की है जो सिलिका नैनोकणों (सिलिकॉन नैनोपार्टिकल्स –  एसआईएनपीएस) और कैल्शियम जैसे सेल (एगोनिस्ट) के अंदर एक प्राप्तकर्ता (रिसेप्टर) से बंधने वाले पदार्थों के साथ पूरक है। संस्थान के वैज्ञानिकों ने मिश्रित सामग्री का अध्ययन किया और पाया कि इसने व्यावसायिक ड्रेसिंग क्लॉटिंग क्षमता की तुलना में रक्त के थक्के बनने के सूचकांक को 13 गुना बढ़ा दिया। अच्छी तरह से विशेषता वाले ज़ेरोजेल ने लगभग 30 माइक्रोन आकार के कई छिद्रों की उपस्थिति दिखाई जो ड्रेसिंग की उच्च अवशोषण क्षमता में योगदान करती है। इन पूरकों ने थक्के जमने की क्षमता में सुधार किया और परिणामस्वरूप रक्त का त्वरित अवशोषण (क्विक अब्सोर्बेंस) हुआ। प्लेटलेट्स रक्त का एक महत्वपूर्ण घटक हैं और रक्त के थक्के बनने की प्रक्रिया में योगदान करते हैं। प्लेटलेट आकार में परिवर्तन, कैल्शियम का स्राव और प्लेटलेट सतह पर रिसेप्टर्स की सक्रियता जैसे कई कारक रक्त के थक्के जमने की  जटिल प्रक्रिया  में महती भूमिका निभाते हैं। ज़ेरोजेल हेमोस्टैटिक ड्रेसिंग ने सक्रिय प्लेटलेट्स में अच्छी तरह से निर्मित  स्यूडोपोडिया के विकास के कारण प्लेटलेट एकत्रीकरण को बढ़ाया, जिसके परिणामस्वरूप एग्लूटिनेशन हुआ जो थक्के बनने की प्रक्रिया में प्रमुख भूमिका निभाता है। इसके अलावा, इस मिश्रित पदार्थ   ने कैल्शियम उत्सर्जन  और इसके निष्कासन को बढ़ाया। इसके अलावा, मानव प्लेटलेट्स में प्रोटीज सक्रिय (एक्टिव) रिसेप्टर जीन (प्लेटलेट झिल्ली में मौजूद पीएआर 1 जीन – थ्रोम्बिन सिग्नलिंग की सुविधा देता है) के सक्रिय रूप में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई।  प्लेटलेट कैल्शियम रिलीज और प्लेटलेट सतह पर पीएआर 1 का उन्नत होना (अपग्रेडेशन) प्लेटलेट के  आकार परिवर्तन और एकत्रीकरण के लिए महत्वपूर्ण है। जर्नल ऑफ एप्लाइड पॉलिमर साइंस में प्रकाशित एक अध्ययन से संकेत मिलता है कि पीएआर 1 जीन सक्रियण और कैल्शियम स्टोर रिलीज के माध्यम से प्लेटलेट सक्रियण के अंतरकोशिकीय आणविक तंत्र (इंट्रासेल्युलर मॉलिक्यूलर मैकेनिज्म) – प्लेटलेट्स के सक्रियण (एक्टिवेशन) में एक महत्वपूर्ण घटना, ज़ेरोगेल कंपोजिट की हेमोस्टैटिक दक्षता के लिए उत्तरदायी हैं। ऐसी ड्रेसिंग सर्जरी और आघात देखभाल के दौरान रक्त की हानि, विकलांगता और मृत्यु दर को कम करने के लिए एक संभावित हेमोस्टैटिक समाधान प्रदान कर सकती है।

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भारत, मालदीव ने 1,000 सिविल सेवा अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के समझौता ज्ञापन का नवीनीकरण किया

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और मालदीव के विदेश मंत्री श्री मूसा ज़मीर ने 9 अगस्त को मालदीव के माले  में दोनों देशों के बीच विकास साझेदारी संवाद के तहत 2024-2029 की अवधि के दौरान मालदीव के 1,000 सिविल सेवा अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए समझौता ज्ञापन का नवीनीकरण किया।

विदेश मंत्रालय के मार्गदर्शन में, राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) अब तक बांग्लादेश, तंजानिया, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका और कंबोडिया के सिविल सेवकों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के साथ-साथ लैटिन अमेरिकी देशों और भारत-प्रशांत द्वीप-समूह सहयोग मंच (एफआईपीआईसी) तथा हिन्द महासागर तटीय सहयोग संघ (आईओआर) देशों के लिए बहु-देशीय कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक संचालन कर चुका है।

क्षमता निर्माण पहल के अंतर्गत, 8 जून, 2019 को मालदीव के 1000 सिविल सेवकों के क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के लिए भारत सरकार के राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी), और मालदीव गणराज्य के मालदीव सिविल सेवा आयोग  के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

2024 तक, राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) ने मालदीव के सिविल सेवकों के लिए क्षेत्रीय प्रशासन में कुल 32 क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए। इन कार्यक्रमों में मालदीव के स्थायी सचिवों, महासचिवों और उच्च-स्तरीय प्रतिनिधियों सहित कुल 1000 सिविल सेवकों को प्रशिक्षित कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की गई है। इसके तहत एक कार्यक्रम भ्रष्टाचार विरोधी आयोग (एसीसी) के लिए और एक कार्यक्रम मालदीव के सूचना आयोग कार्यालय (आईसीओएम) के लिए किया गया।

इस सहयोग की सफलता के मद्देनजर मालदीव के विदेश मंत्रालय ने अगले पांच वर्षों के लिए समझौता ज्ञापन के नवीनीकरण का अनुरोध किया। 9 अगस्त, 2024 को इस समझौता ज्ञापन को आधिकारिक रूप से नवीनीकृत किया गया, जिसमें 2029 तक मालदीव के 1,000 अन्य सिविल सेवकों को प्रशिक्षित करने की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की गई। इस नवीनीकृत साझेदारी से न सिर्फ मालदीव के सिविल सेवकों की सार्वजनिक नीति, शासन और क्षेत्र प्रशासन में क्षमताओं में वृद्धि होगी बल्‍कि भारत और मालदीव के बीच संबंध और मजबूत होंगे।

भारत सरकार का राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) कई देशों में सार्वजनिक नीति और शासन संबंधी ज्ञान के आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके मध्य-करियर क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में नागरिक-केंद्रित शासन, सेवा वितरण में सुधार और शासन में नवाचारों को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाता है। इन कार्यक्रमों से नागरिकों के डिजिटल सशक्तिकरण और संस्थानों के डिजिटल परिवर्तन के मामले में भारत के प्रयासों का पता चलता है ।

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जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कृषि तकनीकी प्रबन्ध अभिकरण(आत्मा) एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM) के शासी निकाय (गवर्निंग बोर्ड) की बैठक सम्पन्न

जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित नवीन सभागार आज कृषि तकनीकी प्रबन्ध अभिकरण(आत्मा) एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM) के शासी निकाय (गवर्निंग बोर्ड) की बैठक सम्पन्न हुई।

बैठक में उप कृषि निदेशक द्वारा सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन (SMAE) आत्मा एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (दलहन, न्यूद्र सीरियल एवं कोर्स सीरियल घटक) के अन्तर्गत वर्ष 2023-24 में कराये गये कार्यो के सम्बन्ध में अवगत कराया गया तथा वर्ष 2024-25 में कराये जाने वाले कार्यों के सम्बन्ध में विस्तृत रूप रेखा प्रस्तुत की गई एवं आत्मा योजना तथा एन०एफ०एस०एम०योजना की जिला कृषि कार्य योजना का अनुमोदन जिलाधिकारी द्वारा प्रदान किया गया।

बैठक में जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित समस्त संबंधित अधिकारियों को निम्न निर्देश दिए गए :-

• प्रत्येक विकास खण्ड से लक्ष्य के अनुरूप कृषकों को अन्तर्राज्जीय, राज्य के अन्दर, जनपद के अन्दर भ्रमण कराकर प्रशिक्षित किया जायेगा।
• आत्मा योजनान्तर्गत कृषि विभाग द्वारा 50 प्रदर्शन प्रति विकास खण्ड तथा कृषि से सम्बन्धित अन्य विभागों द्वारा कुल 14 प्रदर्शन प्रति विकास खण्ड आयोजित कराया जाए।
• जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि कृषि विभाग द्वारा आयोजित किए जाने वाले प्रदर्शनी जनपद के कम उत्पादकता वाले क्षेत्रों में कराये जाये ताकि जनपद की कुल उत्पादकता में सुधार हो सके।
• योजना में लक्ष्य के अनुरूप जनपद के किसानों को अच्छा उत्पादन प्राप्त करने वाले किसानों को सम्मानित करते हुए उन्हें पुरस्कृत किया जाए।
• एन०एफ०एस०एम० योजनान्तर्गत 100 हे० मूंग, 300 हे० ज्यार, 200 हे० चना का क्लस्टर प्रदर्शन आयोजित किया जाये तथा विभिन्न फसलों के प्रमाणित बीज का वितरण को अनुदान दिया जायेगा।
• कृषि यंत्र यथा रोटावेटर, सीडड्रिल मल्टीकाप बेसर, लेजर लैण्ड लेवलर आदि का वितरण अनुदान पर लक्ष्य के अनुरूप किया जायेगा।
• मिलेट्स जागरूकता कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद स्तरीय मिलेट्स किसान मेला, रोड शो का आयोजन किया जाए तथा 50 कृषकों को प्रशिक्षण कराया जायेगा।
• क्षेसिंग फ्लोर, स्माल गोदाम, बखारी आदि का वितरण अनुदान पर लक्ष्य के अनुरूप कराया जायेगा।
बैठक में उप कृषि निदेशक कानपुर नगर श्री चीधरी अरुण कुमार,भूमि संरक्षण अधिकारी,समिति के सदस्य सहित प्रगतिशील कृषकगण उपस्थित रहे ।

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एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज कानपुर द्वारा राष्ट्रीय संस्कृत प्रतिभा खोज आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज कानपुर द्वारा राष्ट्रीय संस्कृत प्रतिभा खोज का आयोजन किया गया इस प्रतियोगिता में स्नातकोत्तर स्तरीय हिंदी विभाग व संस्कृति विभाग द्वारा संस्कृत युवा गीत संस्कृत भाषण व श्रुत लेखन की प्रतिभागिता छात्राओ से कराई गई इस अवसर पर महाविद्यालय प्रबंधन तंत्र समिति के अध्यक्ष श्री प्रवीण कुमार मिश्रा सचिव श्री प्रोवीर कुमार सेन संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन प्राचार्य प्रोफेसर सुमन समाजशास्त्र विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर निशि प्रकाश व प्रोफेसर रेखा चौबे ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया छात्रों को संबोधित करते हुए प्राचार्य प्रोफेसर सुमन ने कहा की भाषा विभाग उत्तर प्रदेश शासन अधीन उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ द्वारा आयोजित जनपद मंडल तथा राज्य स्तरीय संस्कृत प्रतिभा खोज प्रतिवर्ष आयोजित होती है जिसमें विभिन्न विश्वविद्यालयी महाविद्यालयी छात्र-छात्राएं विभिन्न प्रतियोगिता में प्रतिभाग करते हैं जिसमें संस्कृत भाषा ज्ञान से संबंधित उत्कृष्ट प्रतिभा सामने उभर कर आती है इसी के प्रेरणा स्रोत अब प्रत्येक वर्ष अपने महाविद्यालय में यह प्रतियोगिता आयोजित होगी और उत्कृष्ट प्रतिभागियों को मंडल तथा राज्य स्तरीय परीक्षा में भेजा जाएगा जिसके खर्च का संपूर्ण वहन महाविद्यालय करेगा प्राचार्य जी ने संस्कृत भाषा के संवर्धन हेतु छात्राओं को शुद्ध संस्कृत लेखन शुद्ध गायन व शुद्ध वाचन करने के लिए प्रोत्साहित किया कुलानुशासक प्रोफेसर कप्तान ममता अग्रवाल व हिंदी विभाग अध्यक्ष शुभा वाजपेई ने निर्णायक की भूमिका निभाई
महाविद्यालय की मीडिया प्रभारी डा प्रीति सिंह ने बताया प्रतिभागियों में कोमल गौड़ शुभी त्रिपाठी नित्या त्रिपाठी छाया वंशिता कश्यप गरिमा यादव इत्यादि छात्राओं ने प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान प्राप्त किया जिन्हें प्राचार्य द्वारा संस्कृत दक्षता प्रमाण पत्र प्रदान किए गए प्रतियोगिता के संचालन का कार्य हिंदी सहायक आचार्य डॉ रेशमा और धन्यवाद ज्ञापन संस्कृत प्रवक्ता डॉक्टर अनुराधा द्विवेदी ने किया इस अवसर पर महाविद्यालय की अन्य शिक्षिकाएं मौजूद रही।

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