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बेटा-बेटी एक समान, शिक्षा है सबका अधिकार आदि नारों से सुसज्जित प्रदेश में स्कूल चलो अभियान प्रारम्भ

कानपुर 8 अप्रैल (सू0वि0) बेटा-बेटी एक समान, शिक्षा है सबका अधिकार आदि नारों से सुसज्जित प्रदेश में स्कूल चलो अभियान प्रारम्भ सब पढ़े, सब बढ़े, शिक्षा विकास की कुंजी है। कोई न छूटे इस बार, शिक्षा है सबका अधिकार, घर-घर दीप जलाओ अपने बच्चे सभी पढ़ाओ, पढ़ेंगे पढ़ायेंगे उन्नत देश बनायेंगे, एक भी बच्चा छूटा, संकल्प हमारा छूटा, पढ़ी लिखी नारी घर की उजियारी, आदि नारों से सुसज्जित उ0प्र0 में स्कूल चलो अभियान उ0प्र0 सरकार का बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करते हुए नजदीकी प्राथमिक विद्यालयों में पंजीकरण कराकर शिक्षा देने का बड़ा कार्यक्रम प्रारम्भ हो गया है। इस अभियान के तहत प्राइमरी/बेसिक शिक्षा के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, ग्राम प्रधान, विद्यालय प्रबन्ध समिति के सदस्यों द्वारा घर-घर जाकर अभिभावकों को जागरूक किया जाता है। शिक्षा मनुष्य के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक उपकरण है। जीवन में शिक्षा रूपी उपकरण का प्रयोग कर कुछ भी अच्छा प्राप्त किया जा सकता है। शिक्षा लोगों को सामाजिक, आर्थिक और पारिवारिक, सम्मान, आदर्श एवं नैतिकता के साथ मानवता का बोध कराती है। शिक्षा लोगों में आत्म विश्वास विकसित करने के साथ ही व्यक्तित्व निर्माण में सहायक होती है। पूरी शिक्षण प्रक्रिया के दौरान प्राप्त किया गया ज्ञान व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाती है। यह समाज के सभी व्यक्तियों में समानता और बन्धुत्व की भावना लाती है। शिक्षा से ही समाज और राष्ट्र का निर्माण होता है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए हर तरह की सुविधायें दे रहे है और लोगों में शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष स्कूल चलो अभियान चला रहे हैं।
प्रदेश में 04 अप्रैल, 2022 से 30 अप्रैल, 2022 की अवधि में स्कूल चलो अभियान कार्यक्रम प्रारम्भ हो गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कर कमलों द्वारा दिनांक 04 अप्रैल, 2022 को जनपद श्रावस्ती से ‘‘स्कूल चलो अभियान’’ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया है। उत्तर प्रदेश में विगत पांच वर्षों में विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के नामांकन में अभूतपूर्व वृद्धि हुयी है। ‘‘स्कूल चलो अभियान’’ कार्यक्रम के अन्तर्गत बच्चों को विद्यालयों में प्रवेश दिलाकर शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़े जाने के लिए सरकार तत्पर है। सरकार द्वारा घर-घर जाकर अभिभावकों को जागरूक करने, उन्हें शिक्षा के महत्व से परिचित कराने, शतप्रतिशत बालक-बालिकाओं का नामांकन कराने एवं उन्हें नियमित रूप से विद्यालय भेजने हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में ‘‘स्कूल चलो अभियान’’ कार्यक्रम लगातार संचालित किया जा रहा है। स्कूल चलो अभियान के कारण विगत शैक्षिक सत्रों में परिषदीय विद्यालयों में छात्र नामांकन में पर्याप्त वृद्धि हुयी है, जिसमें शैक्षिक सत्र 2016-17 में 15231268 छात्र-छात्राओं का नामांकन हुआ था वही वर्ष 2017-18 15367206, 2018-19 में 15892722, 2019-20 में 16012684, 2020-21 में 16632987 एवं 2021-22 में 17354636 का नामांकन हुआ। प्रदेश में शारदा कार्यक्रम के अंतर्गत ऑउट ऑफ स्कूल बच्चों का चिन्हांकन कर विद्यालयों में नामांकन किया जा रहा है, जिसमें अध्यापक, ग्राम प्रधान एवं विद्यालय प्रबन्ध समिति के सदस्यों का सहयोग लिया जा रहा है। आपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत प्रदेश के 1.33 लाख स्कूलों को बुनियादी अवस्थापना सुविधाओं से संतृप्त किया जा रहा है। प्रदेश में कक्षा 1-8 में अध्ययनरत राजकीय, परिषदीय, सहायता प्राप्त विद्यालयों में अध्ययनरत समस्त छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते में निःशुल्क यूनिफार्म, स्वेटर, जूता-मोजा एवं स्कूल बैग की धनराशि डीबीटी के माध्यम से हस्तान्तरित किये जाने की व्यवस्था लागू है। समस्त राजकीय, परिषदीय, सहायतित विद्यालयों एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा-1 से 8 तक के समस्त बालक/बालिकाओं को निःशुल्क पाठ्यपुस्तक एवं कार्यपुस्तिका वितरण किया जा रहा है। प्रदेश में प्री-प्राइमरी पर समुदाय जागरूकता हेतु हमारा-आँगन-हमारे बच्चे , विकास खण्ड स्तरीय कार्यक्रम, संचालित किया जा रहा है। प्रदेश के सभी विद्यालयों में बच्चों में बुनियादी भाषा एवं गणित में कौशल विकास हेतु निपुण भारत मिशन का क्रियान्वयन किया जा रहा है। प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को आकर्षित करने हेतु खेलकूद सामग्री, तथा बच्चों को रूचिकर शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से पुस्तकालय की पुस्तकों एवं गणित किट उपलब्ध करायी गयी है।
प्रदेश सरकार ने प्रदेश में 06-14 आयु वर्ग के समस्त दिव्यांग बच्चों को गुणवत्तापरक समावेशी शिक्षा प्रदान की जा रही है। दृष्टि दिव्यांग बच्चों हेतु बेल पाठ्यपुस्तकें तथा अल्प दृष्टि दिव्यांग बच्चों हेतु इंलार्ज पाठ्यपुस्तकों की व्यवस्था की गयी है तथा गम्भीर रूप से दिव्यांग बालिकाओं हेतु स्टाइपेन्ड दिया जा रहा है। कक्षा 01 से 03 में अध्ययनरत समस्त दिव्यांग बच्चों को हिन्दी भाषा एवं गणित विषय की सुगम्य वर्कशीट्स का वितरण किया गया है। छात्र-छात्राओं के लिए रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया गया। मिशन शक्ति के अंतर्गत बालिकाओं की शिक्षा, सशक्तीकरण एवं स्वालम्बन की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं, जिससे बालिकाओं में आत्म विश्वास आ रहा है।

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शासन द्वारा संचालित लाभकारी योजनाओं के लाभार्थियों के चिन्हांकन हेतु प्री कैम्प का आयोजन

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जनपद न्यायालय कानपुर नगर के तत्वाधान में शासन द्वारा संचालित लाभकारी योजनाओं के लाभार्थियों के चिन्हांकन हेतु प्री कैम्प का आयोजन हुआ संपन्न*
जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर नगर *श्री मयंक कुमार जैन* द्वारा दिए गये दिशा- निर्देशों के अनुपालन में माह अप्रैल 2022 में प्रस्तावित विधिक सहायता एवं साक्षरता शिविर के आयोजन के पूर्व आज दिनांक 08.04.2022 को भारत सरकार द्वारा संचालित वयोश्री योजना तथा एडिप योजना के अन्तर्गत वृद्धजन एंव दिव्यांगजन को उनकी आवश्यकतानुसार निःशुल्क सहायक उपकरण वितरित करने के लिए एलिम्को टीम की उपस्थिति में शिविर का आयोजन अन्ध विद्यालय, नेहरू नगर कानपुर में आयोजित किया गया। जिसमें दिव्यांगजन अधिकारी श्री अखिलेश बाजपेयी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर नगर के स्टाफ राज कुमार यादव, निहाल दिक्षित, व पी एल वी गोपाल गुप्ता, प्रभा पांडे, गोविंद मिश्रा, विशेष शिक्षक, दीपक यादव, गोविंद, एवं एलिम्को टीम से देवरति पॉल, अस्थि विशेषज्ञ, विनीत पांडे श्रवण विशेषज्ञ, शशांक शुक्ला कनिष्ठ सहायक आदि लोग उपस्थित रहे।
आयोजक: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर नगर, उपकरण निर्माताः भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम, एलिम्को कानपुर।

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एस एन सेन बा वि पी जी कॉलेज में छात्राओं के कैरियर हेतु ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा एक सेमिनार का आयोजन

कानपुर 8 अप्रैल, भारतीय स्वरूप संवाददाता, विगत दिवस एस. एन. सेन बा. वि. पी. जी. कॉलेज कानपुर में छात्राओं के कैरियर हेतु ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा एक सेमिनार का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती जी को दीप प्रज्जवलित वा माल्यार्पण कर किया गया। एस पी एम नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्या सोनम गुप्ता जी , प्रोफेसर प्रज्ञा वर्मा तथा प्रोफेसर वागीश केशरी व कालेज की प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल, ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल की इंचार्ज डॉ गार्गी यादव , डॉ निशा वर्मा तथा डा कोमल सरोज ने किया।प्राचार्या डॉ निशा अग्रवाल ने सभी आए हुए सदस्यों का स्वगत किया।. प्रोफेसर सोनम गुप्ता ने ए एन एम (ANM)और जी एन एम (GNM) के बारे में छात्राओं को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में सिर्फ साइंस बैकग्राउंड के छात्र ही नहीं बल्की आर्ट्स विषय के छात्र भी इसमें अपना कैरियर बना सकते हैं। उन्होंने बताया की इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं जैसे एएनएम के क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य नर्सिंग, स्टाफ नर्स,होम केयर नर्स, ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र, निजी अस्पताल, एन जी ओ, तथा जीएनएम कोर्स के अंतर्गत कानूनी सलाहकार, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल कर्ता, नर्सिंग शिक्षक , ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र, सरकारी अस्पताल, गैर सरकारी संगठन, वृद्धा आश्रम, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र निजी अस्पताल आदि में रोजगार के अवसर उपल्ब्ध है। प्रोफेसर विशाल ने भी छात्राओं को संबोधित किया. प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल ने बताया कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत महाविद्यालय में स्थापित ट्रेंनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा छात्राओं के ज्ञानवर्धन, विकास और रोजगार से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम करवाता रहता है, जिससे छात्राओं का सर्वांगीण विकास हो सके।

कार्यक्रम का संचालन ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल की प्रभारी डॉ. गार्गी यादव ने औऱ धन्यवाद ज्ञापन डॉ. निशा वर्मा ने किया कार्यक्रम में डॉ कोमल सरोज, डा प्रभात, डॉ प्रीता अवस्थी, डॉ कीर्ति पाण्डे , कु वर्षा सिंह, कु तैय्यबा आदि प्रवक्ताए और छात्राएं उपस्थित रहीं.

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भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच आर्थिक सहयोग और व्‍यापार समझौता (ईसीटीए) पर हस्‍ताक्षर

केन्‍द्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल एवं ऑस्‍ट्रेलिया के व्‍यापार, पर्यटन एवं निवेश मंत्री श्री डैन तेहान, एमपी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी एवं ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री श्री स्‍कॉट मॉरीसन की उपस्थिति में एक वर्चुअल समारोह में आज भारत-ऑस्‍ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्‍यापार समझौते पर हस्‍ताक्षर किये।

भारत-ऑस्‍ट्रेलिया ईसीटीए की मुख्‍य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

2.    भारत-ऑस्‍ट्रेलिया ईसीटीए एक दशक के बाद किसी वि‍कसित देश के साथ भारत का पहला व्‍यापार समझौता है। इस समझौते में दोनों मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों की एक व्‍यापक श्रृंखला सन्निहित है तथा यह वस्‍तुओं में व्‍यापार, उ‍त्‍पत्ति के नियम, व्‍यापार की तकनीकी बाधाएं (टीबीटी), स्‍वच्‍छता एवं पादप स्‍वच्‍छता (एसपीएस) उपाय, विवाद निपटान, तटस्‍थ व्‍यक्तियों की आवाजाही, दूरसंचार, सीमा शुल्‍क प्रक्रियाएं, फार्मास्‍यूटिकल उत्‍पाद एवं अन्‍य क्षेत्रों में सहयोग, जैसे क्षेत्रों को कवर करता है। द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग के विभिन्‍न पहलुओं को कवर करते हुए आठ विषय विशि‍ष्‍ट सहायक अनुबंध पत्रों (साइड लेटर) पर भी समझौते के हिस्‍से के रूप में हस्‍ताक्षर किए गए।

प्रभाव या लाभ:

3.    ईसीटीए दोनों देशों के बीच व्‍यापार को प्रोत्‍साहित करने तथा सुधार लाने के लिए एक संस्‍थागत तंत्र उपलब्‍ध कराता है। भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच ईसीटीए भारत और ऑस्‍ट्रेलिया द्वारा प्रबंधित लगभग सभी टैरिफ लाइनों को कवर करता है। भारत, ऑस्‍ट्रेलिया द्वारा उसके 100 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर उपलब्‍ध कराए गए वरीयतापूर्ण बाजार पहुंच से लाभान्वित होगा। इसमें रत्‍न एवं आभूषण, कपड़े, चमड़ा, फुटवियर, फर्नीचर, खाद्य एवं कृषि उत्‍पाद, इंजीनियरिंग उत्‍पाद, चिकित्‍सा उपकरण एवं ऑटोमोबाइल जैसे भारत की निर्यात दिलचस्‍पी के सभी श्रम केन्द्रित सेक्‍टर शामिल हैं। दूसरी तरफ, भारत ऑस्‍ट्रेलिया को ऑस्‍ट्रेलिया के निर्यात की लाइनों सहित अपनी टैरिफ लाइनों के 70 प्रतिशत से अधिक की वरीयतापूर्ण पहुंच प्रस्‍तुत करेगा, जो कोयला, खनिज अयस्‍क तथा वाइन आदि जैसे मुख्‍य रूप से कच्‍चे माल तथा इंटरमीडियरीज़ है।

4.    जहां तक सेवाओं में व्‍यापार का प्रश्‍न है तो, ऑस्‍ट्रेलिया ने लगभग 135 उप-क्षेत्रों में व्‍यापक प्रतिबद्धताओं तथा 120 उप-क्षेत्रों में सर्वाधिक पसंदीदा राष्‍ट्र (एमएफएन) जो आईटी, आईटीईएस, व्‍यवसाय सेवाएं, स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा एवं ऑडियो विजुअल जैसे भारत की रूचि के प्रमुख क्षेत्रों को कवर करते हैं, की पेशकश की है। ऑस्‍ट्रेलिया से सेवा क्षेत्र में की गई कुछ प्रमुख प्रस्‍तुतियां है: शेफ तथा योग शिक्षकों के लिए कोटा, पारस्‍परिक आधार पर भारतीय छात्रों के लिए दो-चार वर्षों के लिए अध्‍ययन उपरांत कार्य वीज़ा; प्रोफेशनल सेवाओं तथा अन्‍य लाइसेंस प्राप्‍त/विनियमित व्‍यवसायों को परस्‍पर मान्‍यता; युवा प्रोफेशनलों के लिए वर्क तथा होलिडे वीज़ा। दूसरी तरफ, भारत ने ऑस्‍ट्रेलिया को लगभग 103 उप-क्षेत्रों में बाजार पहुंच तथा ‘व्‍यवसाय सेवाओं’, ‘संचार सेवाओं’, ‘निर्माण एवं संबंधित इंजीनियरिंग सेवाओं’ इत्‍यादि जैसे 11 व्‍यापक सेवा सेक्‍टरों से 31 उप-क्षेत्रों में सर्वाधिक पसं‍दीदा राष्‍ट्र की प्रस्‍तुति की है। दोनों पक्षों ने इस समझौते के तहत फार्मास्‍यूटिकल उत्‍पादों पर एक पृ‍थक परिशिष्‍ट पर भी सहमति जताई है जो पैटेंटीकृत, जेनेरिक तथा जैवप्रकार औषधियों के लिए शीघ्रता से मंजूरी प्राप्‍त करने में सक्षम बनाएंगे।

समय-सीमा:

5.    भारत-ऑस्‍ट्रेलिया ईसीटीए के लिए बातचीत औपचारिक रूप से 30 सितम्‍बर 2021 को फिर से आरंभ हुई तथा मार्च, 2022 के अंत तक फास्‍ट ट्रैक आधार पर संपन्‍न हुई।

पृष्‍ठभूमि:

6.    भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच प्रगाढ़ द्विपक्षीय संबंध हैं, जिनमें हाल के वर्षों में रूपांतरकारी बदलाव हुए हैं और अब ये एक सकारात्‍मक रास्‍ते पर विकसित होकर मित्रतापूर्ण साझेदारी में बदल गए हैं। यह एक विशेष साझेदारी है जिसकी विशेषता बहुलवादी, संसदीय लोकतंत्रों, राष्‍ट्रकुल परंपराओं, बढ़ते आर्थिक सहयोग, लोगों से लोगों के बीच दीर्घकालिक रिश्‍ते तथा बढ़ते हुए उच्‍चस्‍तरीय परस्‍पर संपर्कों के साझा मूल्‍य है। भारत-ऑस्‍ट्रेलिया व्‍यापक रणनीतिक साझेदारी 4 जून, 2020 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी तथा ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री श्री स्‍कॉट मॉरीसन एमपी के बीच भारत आस्‍ट्रेलिया लीडर्स वर्चुअल समिट के दौरान आरंभ हुई, जो कि हमारे बहुपक्षीय तथा द्विपक्षीय संबंधों की आधारशिला है।

7.    बढ़ते भारत-ऑस्‍ट्रेलिया और वाणिज्यिक संबंध दोनों देशों के बीच स्थि‍रता तथा तेजी से विविधकृत तथा प्रगाढ़ होते द्वपक्षीय संबंध की मजबूती में योगदान देते हैं। भारत और ऑस्‍ट्रेलिया एक-दूसरे के महत्‍वपूर्ण व्‍यापारिक साझेदार बने रहे हैं। इनका प्रगाढ़ द्विपक्षीय आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध समय के साथ और गहरा हुआ है। ऑस्‍ट्रेलिया भारत का 17वां सबसे बड़ा व्‍यापारिक साझेदार है तथा भारत ऑस्‍ट्रेलिया का नौवां सबसे बड़ा व्‍यापारिक साझेदार है। वस्‍तु एवं सेवाओं दोनों के लिए भारत-ऑस्‍ट्रेलिया द्विपक्षीय व्‍यापार का मूल्‍य 2021 में 27.5 बिलियन डॉलर आंका गया है। 2019 तथा 2021 के बीच ऑस्‍ट्रेलिया को भारत का वस्‍तु निर्यात 135 प्रतिशत बढ़ा। भारत के निर्यातों में मुख्‍य रूप से परिष्‍कृत उत्‍पादों का एक व्‍यापक बास्‍केट शामिल है तथा 2021 में ये 6.9 बिलियन डॉलर के थे। ऑस्‍ट्रेलिया से भारत का वस्‍तु आयात 15.1 बिलियन डॉलर का था जिसमें मुख्‍य रूप से कच्‍चे माल, खनिज अवयव तथा इंटरमीडिएट वस्‍तुएं थीं।

8.    भारत और ऑस्‍ट्रेलिया जापान के साथ-साथ त्रिपक्षीय आपूर्ति श्रृंखला अनुकूल पहल (एससीआरआई) व्‍यवस्‍था में साझेदार हैं जिसमें भारत प्रशांत क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखलाओं की अनुकूलता को बढ़ाने की इच्‍छा जताई गई है। इसके अतिरिक्‍त, भारत और ऑस्‍ट्रेलिया हाल ही में निर्मित क्‍वाड के भी सदस्‍य हैं, जिसमें अमेरिका और जापान भी शामिल हैं तथा इसका उद्देश्‍य समान चिंताओं के कई मुद्दों पर सहयोग बढ़ाना और साझेदारी विकसित करना है।

9.    भारत-ऑस्‍ट्रेलिया ईसीटीए दोनों देशों के बीच पहले से ही गहरे, घनिष्‍ठ, रणनीतिक संबंधों को और मजबूत बनाएगा तथा वस्‍तुओं एवं सेवाओं में द्विपक्षीय व्‍यापार को उल्‍लेखनीय रूप से बढ़ाएगा, नए रोजगार अवसरों का सृजन करेगा, जीवन स्‍तर बढ़ाएगा तथा दोनों देशों के लोगों के सामान्‍य कल्‍याण में सुधार लाएगा।

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रूसी के विदेश मंत्री महामहिम सर्गेई लावरोव ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की

रूस के विदेश मंत्री महामहिम सर्गेई लावरोव ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।

विदेश मंत्री लावरोव ने प्रधानमंत्री को वर्तमान में चल रही शांति वार्ता समेत यूक्रेन की संपूर्ण परिस्थिति के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने हिंसा की शीघ्र समाप्ति के अपने आह्वान को दोहराया और शांति प्रयासों में किसी भी योगदान के लिए भारत की प्रतिबद्धता से अवगत कराया।

रूस के विदेश मंत्री ने दिसंबर 2021 में आयोजित भारत-रूस द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान लिए गए विभिन्न निर्णयों की प्रगति के बारे में भी प्रधानमंत्री को जानकारी दी।

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सेना चिकित्सा कोर ने अपना 258वां स्थापना दिवस मनाया

भारतीय सेना ने 3 अप्रैल 2022 को सेना चिकित्सा कोर का 258वां स्थापना दिवस मनाया। कोर का आदर्श वाक्य “सर्व सन्तु निरामया” है, जिसका अर्थ है “सभी को रोग और दिव्यांगता से मुक्त होने दें”। सेना चिकित्सा कोर ने युद्ध और शांति समय में रक्षा बलों एवं विदेशी मिशनों में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना को स्वास्थ्य देखभाल तथा असैन्य अधिकारियों को आपदा प्रबंधन के दौरान चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। यह कोर पिछले दो वर्षों से कोविड के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रही है और इसने राष्ट्र की निस्वार्थ तथा उत्कृष्ट सेवा की है।

इस अवसर को मनाने के लिए सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक वाइस एडमिरल रजत दत्ता और चिकित्सा सेवा महानिदेशक (सेना) लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह के साथ-साथ नौसेना तथा वायु सेना के चिकित्सा सेवा महानिदेशक ने राष्ट्रीय समर स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और कर्तव्य पालन के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले चिकित्सा कर्मियों को श्रद्धांजलि दी।

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अल्पसंख्यक के साथ हम नाइंसाफी नहीं होने देंगे~सरदार परविंदर सिंह

(कानपुर सू0वि0)आज सर्किट हाउस में उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सरदार परविंदर सिंह ने बताया है कि उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक के साथ हम नाइंसाफी नहीं होने देंगे, उन्होंने कहा चाहे विरोधी कितना भी शक्तिशाली हो हमारे किसी अल्पसंख्यक के साथ अन्याय होगा तो उसे सजा मिलेगी आज कानपुर में परविंदर सिंह जी ने सरदार अजीत सिंह छाबड़ा, कमलजीत सिंह बग्गा, मुस्लिम समाज से नाजिया सिद्धकी, मोहम्मद जावेद, जैन समाज से आंचल जैन, सचिन जैन, ईसाई समाज से नोबल कुमार चेतन मॉल से मिलकर उनकी समस्याएं पूछी और कहा कि योगी जी की सरकार में अल्पसंख्यक समाज को पूरा न्याय मिलेगा| उन्होंने कहा शीघ्र ही अल्पसंख्यक समाज के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी प्रकाशित किया जाएगा जिसमें अल्पसंख्यक समाज अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है| प्रेस वार्ता में परमजीत सिंह, चंडोक सदा, नीतू सिंह, इकबाल कौर, गगनदीप सिंह, हरमीत सिंह भी उपस्थित थे|

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एस एन सेन बी वी पी जी कॉलेज की कादोम्बिनी देवी एन. एस. एस. यूनिट द्वारा काकोरी ग्राम में आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर का आज समापन

कानपुर 31मार्च, भारतीय स्वरूप संवाददाता,  एस एन सेन बी वी पी जी कॉलेज की कादोम्बिनी देवी एन. एस. एस. यूनिट द्वारा काकोरी ग्राम में आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर का समापन समारोह महाविद्यालय सभागार में मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलन, पुष्प अर्पण, सरस्वती वंदना से आरंभ किया गया। शिविर में अथिति के रूप में एस एच ओ छावनी अर्चना सिंह, संस्थापक अध्यक्ष महिला जागृति संस्थान कानपुर विजयेता श्रीवास्तव, आरोग्य भारती संस्थान कानपुर के जिलाध्यक्ष डॉ. बी. एन. आचार्य, अधिवक्ता कानपुर कोर्ट श्री मुकेश श्रीवास्तव एवम् विशाल श्रीवास्तव, काकोरी ग्राम से अनिता देवी, पुष्पा देवी, बेबी देवी, सुरेखा देवी, दीपाली, रूपाली, मिताली, अंकिता तथा शिवानी कार्यक्रम में उपस्थित रहें। सभी अतिथियों का महाविद्यालय की ओर से स्मृतिचिह्न देकर स्वागत एवम् सम्मान किया गया।निश्चित रूप से महाविद्यालय प्रबंधन तंत्र के अध्यक्ष, सचिव एवम् संयुक्त सचिव, प्राचार्या महोदया, एन. एस. एस. प्रभारी तथा उनकी पूरी टीम, तथा समस्त शिक्षिकाओं की सभागार में गरिमामय उपस्थिति ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महती भूमिका निभाई।प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल जी ने अपने स्वागत वक्तव्य में हमेशा की तरह अपने आशीर्वचनों से सभी को उत्साहित, प्रफ्फुलित, एवम् प्रेरित किया। डॉ. बी. एन. आचार्य जी ने स्वस्थ रहने के चार सूत्र – नियम, संयम, प्राणायाम एवम् संतुलित आहार पर बल दिया। एस एच ओ अर्चना सिंह ने बालिकाओं व महिलाओं को अपनी सुरक्षा के प्रति सर्वप्रथम स्वयं तत्पर रहने और सुरक्षित कदम उठाने की महत्त्वपूर्ण सलाह दी गई। श्रीमती विजेयता श्रीवास्तव ने महिला उत्थान में निरंतर योगदान देने की अपनी प्रतिज्ञा को दोहराया। अधिवक्ता मुकेश श्रीवास्तव ने असहाय लोगों की निस्वार्थ सेवा करने का संकल्प लिया। अधिवक्ता विशाल श्रीवास्तव ने सभी ग्रामीण महिलाओं की सहायता करने का वादा किया। ग्राम काकोरी से रूपाली ने महाविद्यालय परिवार को धन्यवाद देते हुए भविष्य में भी इसी प्रकार के कैंप गांव में लगते रहें, ऐसी इच्छा व्यक्त की।कार्यक्रम को समापन की ओर सफलतापूर्वक ले जाने का कार्य एन एस प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. चित्रा सिंह तोमर ने अपने चिरपरिचित अंदाज में दमदार धन्यवाद ज्ञापन के साथ बखूबी किया। उन्होंने प्रत्येक कड़ी को उचित स्थान देकर धन्यवाद ज्ञापन दिया।

मंच संचालन डॉ. प्रीति सिंह के द्वारा क्रमबद्ध रूप से किया गया। शिविर की आख्या डॉ. अनामिका राजपूत ने सारगर्भित रूप में प्रस्तुत की। डॉ. मोनिका शुक्ला, डॉ. अंजना गुप्ता ने अतिथि परिचय पढ़ने की परंपरा का निर्वहन किया। श्रीमती चेतना त्रिपाठी ने स्वयं सेविकाओं के साथ कार्यक्रम की आवश्यक व्यवस्था करने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। स्वयं सेविकाओं की सांस्कृतिक प्रस्तुति, श्री गुलशन मोगा ने अपनी संगीत विभाग की छात्राओं के साथ कार्यक्रम में समां बांध दिया। सभी स्वयं सेविकाओं को प्रमाणपत्र एवम् मेडल का वितरण भी समापन समारोह में किया गया। अंत में राष्ट्रगान के साथ सात दिवसीय विशेष शिविर का समापन किया गया।

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केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति ने एचएएल से भारतीय वायु सेना (10) और भारतीय सेना (05) के लिए 15 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) सीमित श्रृंखला उत्पादन (एलएसपी) की खरीद को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री  मोदी की अध्यक्षता में 30 मार्च 2022 को नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति (सीसीएस) की बैठक हुई। इस समिति ने 3,887 करोड़ रुपये की लागत से 15 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) सीमित श्रृंखला उत्पादन की खरीद के अनुमोदन को मंजूरी दी है। इसके अलावा ढांचागत सुविधा के निर्माण के लिए भी 377 करोड़ रूपये स्वीकृत किए गए हैं।

हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर सीमित श्रृंखला उत्पादन (एलएसपी) एक स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित अत्याधुनिक लड़ाकू हेलीकॉप्टर है। मूल्य के हिसाब से देश में ही बनाये जाने वाले इन हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टरों में 45 प्रतिशत सामान स्वदेशी होगा, जिसे बाद में धीरे-धीरे 55 फीसदी तक किया जाएगा। ये हेलीकॉप्टर आवश्यक दक्षता, कौशल व दांव पेंच, गतिशीलता, विस्तारित रेंज, ऊंचाई पर भी दिन-रात बेहतर प्रदर्शन, सभी तरह के मौसम में खोज, राहत और बचाव अभियान (सीएसएआर) में सक्षम, शत्रु की वायु रक्षा प्रणाली को ध्वस्त करने (डीईएडी) में चपल, आतंकवाद रोधी (सीआई) अभियान, धीमी गति से उड़ने वाले विमान और दूर से आने वाले विमान (आरपीए) के खिलाफ कार्रवाई, अत्यधिक ऊंचाई वाले बंकर नष्ट करने वाले ऑपरेशन, जंगल एवं शहरी क्षेत्रों में विद्रोहियों की कार्रवाई का जवाब देने तथा जमीनी सैन्य बलों को सहायता करने में उपयोगी हैं। ये हेलीकॉप्टर भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए काफी प्रभावकारी साबित होंगे।अगले 3 से 4 दशकों के लिए उभर कर आने वाली सैन्य आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु लड़ाकू भूमिकाओं में तैनाती के लिए एलसीएच को कम रौशनी, श्रव्य, रडार और आईआर सिग्नेचर्स और बेहतर तरीके से बचे रहने के लिए क्रैश-वर्दीनेस सुविधाओं जैसी अत्याधुनिक तकनीकों एवं प्रणालियों को एकीकृत किया गया है। ग्लास कॉकपिट और समग्र एयरफ्रेम संरचना जैसी कई प्रमुख विमानन प्रौद्योगिकियों को स्वदेशी बनाया गया है। भविष्य की श्रृंखला के उत्पादन संस्करण में और आधुनिक तथा स्वदेशी प्रणालियां शामिल होंगी। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत, भारत रक्षा क्षेत्र में उन्नत अत्याधुनिक तकनीकों और प्रणालियों को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित तथा निर्मित करने की अपनी क्षमता का लगातार विस्तार कर रहा है। एचएएल द्वारा एलसीएच का निर्माण आत्मनिर्भर भारत पहल को और बढ़ावा देगा तथा देश में रक्षा उत्पादन एवं रक्षा उद्योग के स्वदेशीकरण को प्रमुखता देगा। एलसीएच के उत्पादन से देश में लड़ाकू हेलीकॉप्टरों के लिए आयात पर निर्भरता कम होगी। हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर पहले से ही आयात प्रतिबंध सूची में हैं। लड़ाकू अभियानों के लिए उन्नत अपनी बहुमुखी विशेषताओं के साथ, एलसीएच में बेहतरीन निर्यात क्षमता है।

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रक्षा मंत्रालय और मेसर्स भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, बेंगलुरु ने लड़ाकू विमानों के लिए उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूइट की खरीद के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए

रक्षा मंत्रालय एवं भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों के लिए उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सूइट की आपूर्ति के लिए एक अनुबंध पूरा किया। रक्षा मंत्रालय और मैसर्स बीईएल के बीच आज यहां इस अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। अनुबंध की कुल लागत ₹ 1993 करोड़ होने का अनुमान है।

उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सूइट सिस्टम की आपूर्ति से वायुसेना के लड़ाकू विमानों की युद्ध की स्थितियों में प्रतिद्वंद्वियों के ज़मीन आधारित रडार के साथ-साथ एयरबोर्न फायर कंट्रोल और निगरानी रडार के विरुद्ध अभियानों के दौरान उत्तरजीविता में काफी वृद्धि होगी।

इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सुइट को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। परियोजना अनिवार्य रूप से आत्मनिर्भर भारत की भावना की प्रतीक है और आत्मनिर्भरता की ओर यात्रा साकार करने में मदद करेगी।

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