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सुप्रीम कोर्ट ने केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दी।

पद्मनाभस्वामी मंदिर के सातवें द्वार का रहस्य और इससे जुड़े मालिकाना हक विवाद की पूरी कहानी
सुप्रीम कोर्ट ने केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी है।

केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर कहते हैं कि इसके तहखाना में इतना खजाना है कि जिसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती है। दुनिया का सबसे अमीर मंदिर और उसमें कुछ इसी तरह के सात तहखाने और इन्हीं तहखाने में है खरबों रुपए की दौलत जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। लेकिन यह कोई कल्पना नहीं, कोई फसाना नहीं। यह पूरी हकीकत है। दुनिया के सबसे अमीर स्वामी पद्मनाभस्वामी मंदिर का रसूख जितना ज्यादा है, रहस्य उतना ही गहरा। हिंदुओं की आस्था, विरासत और इतिहास को समेटे पद्मनाभस्वामी मंदिर का सबसे बड़ा और गहरा रहस्य है इसका खजाना। 

देश की सबसे बड़ी अदालत में देश के सबसे अमीर मंदिर की निगहबानी को लेकर चल रहे विवाद पर राजवंश के हक में फैसला आया। ने केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए ये फैसला दिया है। तिरुअनंतपुरम के जिला जज की अध्यक्षता वाली कमेटी फिलहाल मंदिर की व्यवस्था देखेगी। कोर्ट ने राजपरिवार के सेवादार के हक को तो बरकरार रखा है लेकिन देवता की पूजा के तरीके से लेकर, मंदिर की सम्पत्तियों के रखरखाव, श्रद्धालुओं को सुविधाएं उपलब्ध कराने जैसे तमाम काम का अधिकार 5 सदस्यीय प्रशासनिक कमेटी और 3 सदस्य एडवाइजरी कमेटी को सौंप दिया है। आज के इस विश्लेषण में आपको बताएंगे क्या है इस मंदिर की कहानी? इस मंदिर को दुनिया का अमीर मंदिर क्यों कहा जाता है? क्या है इसके सात दरवाजों का रहस्य? क्या है इसके प्रबंधन के अधिकार का विवाद, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया?

सोने की तरह चमकते गगनचुंबी मंदिर में इतना खजाना है जिसे देखकर आंखें फटी की फटी रह जाए। मंदिर में इतना सोना है कि देखने वालों की आंखें चौंधिया जाए। सोना, चांदी, हीरे, जवाहरात, अशर्फियां, सोने की मूर्तियां और भी न जाने क्या-क्या? भगवान विष्णु का यह मंदिर करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। कहते हैं कि इस मंदिर में आने वाले हर व्यक्ति को भगवान विष्णु का वरदान मिलता है और हर मनोकामना पूरी होती है। लेकिन मंदिर को लेकर और भी बहुत कुछ कहा जाता है। मंदिर का सातवां दरवाजा खोलने वाला अभी तक पैदा नहीं हुआ। अकूत खजाना छुपाए मंदिर के सातवें दरवाजे को कोई चाबी नहीं खोल सकती है। मंदिर का सातवां दरवाजा मंत्र से कोई सिद्ध पुरुष ही खोल सकता है। यह भी कहा जाता है कि किसी और ने सातवां दरवाजा खोला तो प्रलय आ जाएगी

विश्व के सबसे प्राचीन मानव सभ्यता के जनकों में से एक भारत। हिन्द महासागर के किनारे बसा दक्षिण का एक प्रांत केरल। यहां कि राजधानी है तिरुवनंतपुरम जहां पर स्थित है इसरो का विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र। यहां से 15 किलोमीटर दूर तिरुवनंतपुरम सेंट्रल के निकट स्थित है वो मंदिर जो पूरे भारत की अर्थव्यवस्था को बदलने की क्षमता रखता है- श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर

देश की सबसे बड़ी अदालत में देश के सबसे अमीर मंदिर की निगहबानी को लेकर चल रहे विवाद पर राजवंश के हक में फैसला आया। सुप्रीम कोर्ट ने केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी है।

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अमिताभ बच्चन,अभिषेक बच्चन,आइसोलेशन वार्ड में रखे गए. ऐश्वर्या और जया बच्चन की रिपोर्ट निगेटिव; ‘जलसा’ को किया जा रहा सैनिटाइज

सदी महानायक अमिताभ बच्चन कोरोना वायरस के शिकार हो गए हैं। इसकी जानकारी बिग बी ने एक ट्वीट के जरिए दी।  अमिताभ बच्चन के कोरोना संक्रमण पाए जाने के कुछ देर बाद ही उनके बेटे और एक्टर अभिषेक बच्चन भी कोविड-19 पॉज़िटिव निकले। दोनों का ही मुंबई के नानावटी अस्पताल में इलाज चल रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक अमिताभ बच्चन को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। अमिताभ बच्चन की सेहत को लेकर नानावटी ऑस्पिटल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि बिग बी की हालत अभी स्थिर है। फिलहाल आइसोलेशन वार्ड में रखे गए हैं।

पिता-पुत्र के कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने के बाद उनके घर के सभी सदस्यों का नानावती अस्‍पताल में ही कोरोना टेस्ट करवाया गया था।वहीं बिग बी के संक्रमित होने के कारण उनके बंगले ‘जलसा’ को सैनिटाइज किया जा रहा है। ऐश्वर्या राय बच्चन, जया बच्चन और आराध्या की एंटीजन टेस्ट (Antigen Test) रिपोर्ट निगेटिव आई है। हालांकि परिवार की स्वाब टेस्ट (swab test) की रिपोर्ट का अभी भी इंतजार है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन में माइल्ड लक्षण पाए गए हैं।  मुंबई महानगरपालिका अमिताभ बच्चन के घर प्रतीक्षा को भी सैनिटाइज़ करेगी।

अपने कोविड-19 पॉजिटिव होने की सूचना ट्विटर पर देते हुए अमिताभ ने लिखा, ‘जांच में मुझमें कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। अस्पताल में भर्ती हो गया हूं। अस्पताल अधिकारियों को सूचना दे रहा है। परिजनों और स्टाफ की भी जांच करा ली गई हैं। उनकी रिपोर्ट का इंतजार है।’ उन्होंने यह भी लिखा , ‘पिछले दस दिन में मेरे संपर्क में आने वाले लोगों से भी अनुरोध है कि अपनी जांच करा लें।’ अभिषेक बच्चन ने ट्वीट किया, ‘आज मेरे पिता और मुझमें कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। हम दोनों को हल्के लक्षण हैं और अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमने सभी जरूरी अधिकारियों को सूचित कर दिया है और हमारे परिवार तथा सभी स्टाफ सदस्यों की जांच की जा रही है।’

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प्रधानमंत्री मोदी ने रीवा की मेगा सौर ऊर्जा परियोजना राष्ट्र को समर्पित की

आधिकारिक बुलेटिन - 1 (10-July-2020 ...
प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के माध्‍यम से रीवा में अत्‍याधुनिक मेगा सौर ऊर्जा परियोजना राष्‍ट्र को समर्पित की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के माध्‍यम से मध्‍य प्रदेश के रीवा में अत्‍याधुनिक मेगा सौर ऊर्जा परियोजना राष्‍ट्र को समर्पित की। यह एशिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना है।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि मौजूदा दशक में रीवा परियोजना पूरे क्षेत्र को स्‍वच्‍छ और सुरक्षित ऊर्जा के बड़े केन्‍द्र के रूप में बदल देगी। उन्‍होंने कहा कि इस परियोजना से दिल्‍ली मेट्रो सहित रीवा और उसके आस-पास के समूचे क्षेत्र को बिजली की आपूर्ति की जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत जल्द मध्य प्रदेश भारत में सौर ऊर्जा का मुख्य केंद्र होगा, क्योंकि नीमच, शाजापुर, छतरपुर और ओंकारेश्वर में ऐसी कई प्रमुख परियोजनाओं पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के गरीबों, मध्यम वर्ग के लोगों, आदिवासियों और किसानों को इसका सबसे ज्‍यादा मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि सौर ऊर्जा21 वीं सदी में आकांक्षी भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने का एक प्रमुख माध्यम होगा। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा ‘निश्चित, शुद्ध और सुरक्षित’ है। सूर्य से ऊर्जा की निरंतर आपूर्ति के कारण इसका हमेशा मिलना सुनिश्चित रहता है तथापर्यावरण के अनुकूल होने के कारण यह शुद्ध होती है और इसके अलावा यह हमारी ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए एक सुरक्षित स्रोत भी है।

श्री मोदी ने कहा कि इस तरह की सौर ऊर्जा परियोजनाएं आत्मानिर्भर भारत (स्व-विश्वसनीय भारत) का सही प्रतिनिधित्‍व करती हैं। 

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था आत्मनिर्भरता और प्रगति का एक महत्वपूर्ण पहलू है। अर्थव्यवस्था या फिर पारिस्थितिकी पर ध्यान केंद्रित करने की दुविधा का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं और अन्य पर्यावरण के अनुकूल उपायों पर ध्यान केंद्रित करके ऐसी दुविधाओं का समाधान किया है। उन्‍होंने कहा कि अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी विरोधाभासी नहीं हैं बल्कि एक-दूसरे के पूरक हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार के सभी कार्यक्रमों में पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ जीवन सुगमता को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने स्वच्छ भारत, गरीबों के घरों में एलपीजी सिलेंडरों की आपूर्ति, सीएनजी नेटवर्क के विकास जैसे कार्यक्रमों का जिक्र किया, जिसमें जीवन को आसान बनाने तथा  गरीबों और मध्यम वर्ग के जीवन को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा केवल कुछ परियोजनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीने का एक तरीका है।

उन्‍होंने कहा कि जब नवीकरणीय ऊर्जा की बड़ी परियोजनाएं शुरू की जाती हैं तो यह सुनिश्चित किया जाता है कि स्वच्छ ऊर्जा के प्रति दृढ़ संकल्प जीवन के हर क्षेत्र में दिखाई दे। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि इसका लाभ देश के हर कोने, समाज के हर वर्ग, हर नागरिक तक पहुंचे। उन्होंने इस बारे में एलईडी बल्बों का उदाहरण पेश करते हुए बताया कि किस तरह से इनके इस्‍तेमाल ने बिजली के बिल को कम किया है। एलईडी बल्बों के इस्‍तेमाल की वजह से लगभग 4 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड को पर्यावरण में जाने से रोका जाता है। उन्होंने कहा कि इससे 6 अरब यूनिट बिजली की बचत हुई है जिससे सरकारी खजाने के 24,000 करोड़ रुपये बचे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ‘हमारे पर्यावरण, हमारी हवा, हमारे पानी को भी साफ बनाए रखने की दिशा में काम कर रही है और यह सोच सौर ऊर्जा, नीति और रणनीति में भी दिखाई देती है।

श्री मोदी ने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की अनुकरणीय प्रगति दुनिया के लिए दिलचस्‍पी की एक बड़ी वजह होगी। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रमुख कदमों के कारण, भारत को स्वच्छ ऊर्जा का सबसे आकर्षक बाजार माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) को सौर ऊर्जा के मामले में पूरी दुनिया को एकजुट करने के मकसद से शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि इसके पीछे वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड की भावना थी।

प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि मध्य प्रदेश के किसान सरकार के ‘कुसुम’  कार्यक्रम का भरपूर लाभ उठाएंगे और अपनी भूमि में आय के अतिरिक्त स्रोत के रूप में सौर ऊर्जा संयंत्रों को स्थापित करेंगे।उन्होंने आशा व्यक्त की कि बहुत जल्द भारत पावर का एक प्रमुख निर्यातक होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत फोटोवोल्टिक सेल, बैटरी और स्टोरेज जैसे सौर संयंत्रों के लिए आवश्यक विभिन्न हार्डवेयर के आयात पर अपनी निर्भरता को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

उन्होंने कहा कि इस दिशा में काम तेजी से आगे बढ़ रहा है और सरकार उद्योग, युवाओं, एमएसएमई और स्टार्टअप्स को इस अवसर से न चूकने और सौर ऊर्जा के लिए आवश्यक सभी वस्‍तुओं के उत्पादन और बेहतरी के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

कोविड महामारी के कारण चल रहे संकट का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार या समाज के लिए, करुणा और सतर्कता इस कठिन चुनौती से निपटने के लिए सबसे बड़े प्रेरक तत्व हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की शुरुआत से ही सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन और ईंधन की आपूर्ति की जाए। उन्होंने कहा कि इसी भावना के साथ  सरकार ने अनलॉकिंग के चरण में भी इस साल नवंबर तक खाद्य और एलपीजी की मुफ्त आपूर्ति जारी रखने का फैसला किया।यही नहीं, सरकार निजी क्षेत्र के लाखों कर्मचारियों के कर्मचारी भविष्‍य निधि खाते में भी पूरा योगदान दे रही है। इसी तरह, पीएम-स्वनिधि योजना के माध्यम से वे लोग लाभान्वित हो रहे हैं जिनके पास व्‍यवस्‍था तक पहुंच के सबसे कम संसाधन हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब मध्यप्रदेश के लोग अपने राज्‍य को तरक्‍की के रास्‍ते पर आगे ले जाने के लिए अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं, तो ऐसे में उन्हें दो गज की दूरी बनाए रखने, चेहरे पर मास्‍क पहनने और कम से कम 20 सेंकेंड तक साबुन से हाथ धोने जैसे नियमों का पालन करना चाहिए।

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एक्साईटेल कानपुर और लखनऊ में लाया किफ़ायती इंटरनेट

भारत के सबसे तेज़ी से विकसित होते ब्रॉडबैण्ड नेटवर्क एवं ऑन-द-गो स्ट्रीमिंग पार्टनर, एक्साइटेल ने लखनऊ शहर में अपना संचालन शुरू कर दिया है। ब्रॉडबैण्ड सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए, एक्साइटेल शहर में  बिना किसी एफयूपी सीमा के किफ़ायती सशक्त प्लान लेकर आया है।  

o   पैसा वसूल एवं अनलिमिटेड एफयूपी ब्रॉडबैंड प्लान्स के साथ शुरू किया संचालन

o   वर्तमान में कंपनी कानपुर में 12,000 और लखनऊ में 6000 सब्सक्राइबर्स को अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है

o   2021 तक 50000 उपभोक्ताओं तक पहुंचने की योजना

इस लॉन्च के अवसर पर विवेक रैना, सह-संस्थापक एवं सीईओ, एक्साइटेल ने कहा, ‘‘उत्तरप्रदेश सबसे महत्वपूर्ण बाज़ारों में से एक है और हमें प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अपना संचालन शुरू करते हुए बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है। कोविड लॉकडाउन के दौरान इंटरनेट कनेक्टिविटी मांग कई गुना बढ़ गई है क्योंकि ज़्यादातर लोग अब घर से ही काम कर रहे हैं। कारोबार, छात्रों की पढ़ाई और घरेलू कामकाज सभी इंटरनेट सेवाओं पर निर्भर हो गए हैं। इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए हम लखनऊ शहर में किफ़ायती दरों पर विश्वस्तरीय एफटीटीएच सेवाओं के साथ बेहतरीन प्लान लेकर आए हैं।’ 

उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, ‘‘हम पहले, दूसरे एवं तीसरे स्तर के शहरों में हर उस क्षेत्र की ज़रूरत को पूरा करना चाहते हैं, जो अब तक टेलीकॉम कंपनियों द्वारा भी उपेक्षित होते रहे हैं। एक्साइटेल में हम डिजिटल एक्सक्लुज़न को दूर करने, उपभोक्ताओं को हाई स्पीड इंटरनेट का अनुभव प्रदान करने तथा शहर के सभी क्षेत्रों में किफ़ायती दरों पर 100 फीसदी एफटीटीएच सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए…

प्लान का नामविवरणस्पीड mbpsवैद्यताप्रति माह कीमत
एक्साइटेल फाइबर 100 699फाइबर          1001699
एक्साइटेल फाइबर 100 3M 1694फाइबर1003565
एक्साइटेल फाइबर100 6M 2940फाइबर1006490
एक्साइटेल फाइबर100 12M 5230फाइबर10012436
एक्साइटेल फाइबर 100 6 plus 3फाइबर1009405
एक्साइटेल फाइबर WFH 100 3 plus 1फाइबर1004508

एक्साइटेल ब्रॉडबैण्ड के बारे में: भारत का गो-टू स्ट्रीमिंग पार्टनर एक्साइटेल ब्रॉडबैण्ड तेज़ी से विकसित हो रहा है और वर्तमान में दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, तेलंगाना, आन्ध्र प्रदेश, बैंगलोर, जयपुर, लखनऊ और कानपुर में इसके 390,000 से अधिक सब्सक्राइबर हैं। आईएसपी अब 2020 के अंत तक इस आंकड़े 500,000 तक पहुंचने की योजना बना रही है। एक्साइटेल ब्रॉडबैण्ड ने सितम्बर 2015 में इंडो-युरोपियन वेंचर के रूप में अपना संचालन शुरू किया। अपनी शुरूआत से ही एक्साइटेल अनूठी एवं बेजोड़ पहलों के ज़रिए भारत में ब्रॉडबैण्ड सेवाओं में क्रान्तिकारी बदलाव लाई है। सितम्बर 2019 में कंपनी देश में शीर्ष पायदान के 10 आईएसपी की सूची में शामिल हो गई है और उपभोक्ताओं के लिए सही मायनों में अनलिमिटेड एवं हाई स्पीड डेटा प्लान पेश करती है।   

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अपने स्मार्टफोन को काम के लिए बनाएं अनुकूल

आज स्मार्टफोन अपने उपयोगकर्ता के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है- यह न केवल कम्युनिकेशन डिवाइस बल्कि एंटरटेनमेन्ट हब, कॉन्टैक्ट बुक और गेमिंग कंसोल के रूप में काम करता है, बल्कि इसके ज़रिए आप जब चाहें, जहां चाहें अपने ऑफिस का काम भी कर सकते हैं। आज के समय में जब कोरोनावायरस  महामारी के चलते ज़्यादातर लोग अपने घर से काम कर रहे हैं, स्मार्टफोन की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। हालांकि ज़्यादातर लोगों की शिकायत रहती है कि स्मार्टफोन पर अपने ऑफिशियल डेटा को पर्सनल डेटा से अलग रखना आसान नहीं है। लेकिन स्मार्टफोन ब्राण्ड आज उपभोक्ताओं की इस समस्या को समझ रहे हैं और ऐसे फीचर्स लेकर आए हैं जो उपभोक्ताओं को ज़्यादा उत्पादक बनाए रखते हुए उनकी  इस समस्या को हल कर सकें। 

अपने स्मार्टफोन पर काम और निजी ऐप्स एवं डेटा को अलग रखने का सबसे आसान तरीका है कि आप एक अलग वर्क प्रोफाइल बनाएं। आप दो तरह से वर्क प्रोफाइल बना सकते हैं। पहला तरीका यह है कि आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले ऐप्स की कॉपी बनाने के लिए फोन के क्लोन स्पेस या ड्यूल स्पेस फीचर का इस्तेमाल करें- इसके बाद आप इन ऐप्स को निजी एवं पेशेवर काम के लिए अलग-अलग इस्तेमाल कर सकते हैं। दूसरा तरीका यह है कि आप एंड्रोइड पर मल्टी-यूज़र फीचर का इस्तेमाल करें। इस फीचर के साथ आप अपने यूज़र प्रोफाइल को अलग कर सकते हैं और इस प्रोफाइल में सिर्फ अपने काम से जुड़े ऐप और डेटा रख सकते हैं। आजकल ज़्यादातर एंड्रोइड फोन इस फीचर के साथ आते हैं। जैसे शाओमी की ओर से डपन्प, ओप्पो की ओर से कलर ओएस, सैमसंग का वन यू, वीवो का फन टच यूआई और वन प्लस का ऑक्सीजन ओएस। 

अगर आप अलग से प्रोफाइल नहीं बनाना चाहते, लेकिन अपने ऑफिशियल डेटा एंव ऐप्स को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो आप ऐप लॉक के साथ प्राइवेट सेफ फीचर का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह फीचर भी ज़्यादातर स्मार्टफोन ओएस पर उपलब्ध है अैर आप बड़ी आसानी से सैटिंग या निर्धारित ऐप के माध्यम से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। ऑक्सीजन ओएस आपको ऐसा विकल्प देता है जिसके द्वारा आप लॉक  किए गए किसी भी ऐप के नोटिफिकेशन को हाईड कर सकते हैं। वहीं सैमसंग वन यूआई के साथ आप पूरे फोल्डर को ही हाईड कर सकते हैं। कलर ओएस इस संदर्भ में कुछ हटकर है- इसके द्वारा आप इंस्टॉल किए गए सभी ऐप्स के लिए डेटा को प्राइवेट सेफ में सुरक्षित रख सकते हैं। कलर ओएस भी ‘पर्सनल इन्फोर्मेशन प्रोटेक्शन’ फीचर के साथ आता है, जो आपको बेहतर गोपनीयता देता है। यह फीचर कॉल हिस्ट्री, मैसेज एवं अन्य जानकारी को आपकी पसंद के ऐप में भेजने में मदद करता है। 

घर से काम करते समय, बहुत से उपयोगकर्ताओं को अपने डोक्यूमेन्ट स्कैन कर, अपने सहकर्मियों के साथ साझा करने पड़ते हैं। ज़रूरी नहीं कि हर व्यक्ति के पास घर में स्कैनर हो, ऐसे में आपका स्मार्टफोन आपकी इस समस्या को हल कर सकता है। आजकल स्मार्टफोन पावरफुल कैमरा के साथ आते हैं, आप स्मार्टफोन पर कई थर्ड-पार्टी स्कैनिंग ऐप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं; यह बेहद आसान हो गया है। डोक्यूमेन्ट स्कैन के लिए दो सर्वश्रेष्ठ ऐप हैं- ऑफिस लैंस और अडोब स्कैन। स्मार्टफोन ओएस डेवलपर्स ने उपयोगकर्ताओं की ज़रूरत को समझते हुए कैमरा इंटरफेस में डोक्यूमेन्ट स्कैनिंग का फीचर शामिल किया है। खासतौर पर शाओमी के डपन्प पर डोक्यूमेन्ट स्कैनर और फाइंड एक्स2 पर कलर ओएस 7.1 आधुनिक एआई फीचर्स के साथ डोक्यूमेन्ट स्कैनिंग की सुविधा उपलब्ध कराते हैं। 

आज के स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की एक और समस्या है कई ऐप्स पर एक साथ काम करना। एक समय में स्मार्टफोन पर हम कई ऐप्स एक साथ चलाते हैं और हमें काम के लिए कई और ऐप्स की ज़रूरत होती है। ऐसे में एक ऐप को बंद कर दूसरा ऐप खोलना मुश्किल हो सकता है, आजकल स्मार्टफोन इस समस्या का हल भी पेश करते हैं। क्विक साईडबार से आप तेज़ी से अपनी ज़रूरत के सभी ऐप खोल सकते हैं और स्प्लिट-स्क्रीन मोड में मल्टी-टास्किंग कर सकते हैं। आप साईडबार की मदद से स्क्रीन रिकॉर्डिंग शुरू कर सकते हैं, स्क्रीनशॉट ले सकते हैं, नोट्स/रिमाइंडर देख सकते हैं। साईडबार की अवधारणा पेश करने का श्रेय सैमसंग को जाता है। यह फीचर रियल-मी एवं ओप्पो स्मार्टफोन्स पर भी उपलब्ध है। अन्य ब्राण्ड्स की बात करें तो आप थर्ड पार्टी ऐप जैसे सर्कल साईडबार या साईडबार ऐप बाय डी-स्टुडियो का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

अपने स्मार्टफोन पर कई ऐप एक साथ रखने से एक और समस्या आती है- ढेरों नोटिफिकेशन। आप काम करते समय सिर्फ वहीं नोटिफिकेशन चाहते हैं जो आपके लिए महत्वपूर्ण हैं, ऑफिस के काम के दौरान पर्सनल नोटिफिकेशन आने से आपका ध्यान काम से हट जाता है। स्मार्टफोन ब्राण्ड आपकी इस समस्या को समझते हैं और इसीलिए तकरीबन सभी स्मार्टफोन ओएस नोटिफिकेशन मैनेज और कंट्रोल करने के विकल्प देते हैं। आप किसी पर्सनल ऐप का नोटिफिकेशन बंद कर सकते हैं या जब तक काम कर रहे हों तक तक इसे ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ पर डाल सकते हैं, जिससे ये नोटिफिकेशन हाईड हो जाते हैं और आप एकाग्रता के साथ अपना काम कर पाते हैं। लेकिन इसमें एक समस्या हो सकती है- हो सकता है कि आपके कुछ ज़रूरी इमेल, मैसेज मिस हो जाएं। इसके समाधान के लिए आप ओवरराईड सैटिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो कुछ ऐप्स पर उपलब्ध है, और वो भी तब जब आपको फोन गूगल पिक्सल जैसे स्टॉक एंड्रोइड पर चलता हो। आप नोटिफिकेशन सेटिंग में जाकर ओवरराईड को चुन सकते हैं। स्टॉक एंड्रोइड के अलावा कलर ओएस भी डू नॉट डिस्टर्ब इनेबल होने के बावजूद चुनिंदा ऐप्स को नोटिफिकेशन भेजने की अनुमति देता है। इससे आपकी ज़रूरत के सभी ऐप्स के नोटिफिकेशन आपको मिलते रहते हैं। 

स्मार्टफोन ब्राण्ड पूरी कोशिश कर रहे हैं कि स्मार्टफोन को उपयोगकर्ता के लिए ज़्यादा से ज़्यादा उपयोगी बनाया जा सके। यही कारण है कि इनमें से ज़्यादातर सुझाव यूज़र इंटरफेस से जुड़े हैं। बिल्ट-इन फीचर, थर्ड पार्टी ऐप की तुलना में हमेशा बेहतर होते हैं। सैमसंग और डपन्प को इनके भरोसेमंद फंक्शन्स के लिए जाना जाता है, वहीं ऑक्सीजन ओएस अपने फास्ट और स्लीक यूआई के लिए विख्यात है। ओप्पो का कलर ओएस भी बेहतर अनुभव प्रदान करता है। आप इनमें से कोई भी स्मार्टफोन अपनाकर अपने काम को घर से बेहतर तरीके से कर पाएंगे और आपका स्मार्टफोन आपके काम के लिए सबसे महत्वपूर्ण बन जाएगा। 

लेखिका चारू खेरा IIMC से पत्रकारिता स्नातकोत्तर ( journalism post graduate )  हैं और भारत के विभिन्न बड़े मीडिया घरानों के साथ काम कर चुकी  हैं। अब वह प्रौद्योगिकी और जीवन शैली पर विभिन्न वेब प्रकाशन में योगदान देती है।

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भारतीय पुनर्जागरण के पुरोधा पुरुष, देशभक्त संत एवं विनम्रता की बेमिसाल नजीर थे स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवोकानन्द की शिक्षाएँ आज भी राह दिखाती हैं, नयी ऊर्जा प्रदान करती हैं

महापुरुषों की कीर्ति किसी एक युग तक सीमित नहीं रहती। उनका मानवहितकारी चिन्तन एवं कर्म कालजयी होता है और युगों-युगों तक समाज का मार्गदर्शन करता है। स्वामी विवेकानंद हमारे ऐसे ही एक प्रकाश-स्तंभ हैं, वे भारतीय संस्कृति एवं भारतीयता के प्रखर प्रवक्ता, युगीन समस्याओं के समाधायक, अध्यात्म और विज्ञान के समन्वयक एवं आध्यात्मिक सोच के साथ पूरी दुनिया को वेदों और शास्त्रों का ज्ञान देने वाले एक महामनीषी युगपुरुष थे। जिन्होंने 4 जुलाई 1902 को महासमाधि धारण कर प्राण त्याग दिए थे। स्वामी विवेकानन्द का संन्यास एवं संतता संसार की चिन्ताओं से मुक्ति या पलायन नहीं था। वे अच्छे दार्शनिक, अध्येता, विचारक, समाज-सुधारक एवं प्राचीन परम्परा के भाष्यकार थे। काल के भाल पर कुंकुम उकेरने वाले वे सिद्धपुरुष हैं। वे नैतिक मूल्यों के विकास एवं युवा चेतना के जागरण हेतु कटिबद्ध, मानवीय मूल्यों के पुनरुत्थान के सजग प्रहरी, अध्यात्म दर्शन और संस्कृति को जीवंतता देने वाली संजीवनी बूटी, वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु हैं। वे अनावश्यक कर्मकांडों के विरुद्ध थे और हिन्दू उपासना को व्यर्थ के अनेक कृत्यों से मुक्त कराना चाहते थे। उन्होंने समाज की कपट वृत्ति, दंभ, क्रूरता, आडम्बर और अनाचार की भर्त्सना करने में संकोच नहीं किया। इन्हीं कारण वे तत्कालीन युवापीढ़ी के आकर्षण का केन्द्र बने, इसमें कोई शक नहीं कि वे आज भी अधिकांश युवाओं के आदर्श हैं। उनकी हमेशा यही शिक्षा रही कि आज के युवक को शारीरिक प्रगति से ज्यादा आंतरिक प्रगति की जरूरत है। वे युवकों में जोश भरते हुए कहा करते थे कि उठो मेरे शेरों ! इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो। वे एक बात और कहते थे कि जो तुम सोचते हो वह हो जाओगे। ऐसी ही कुछ प्रेरणाएं हैं जो आज भी युवकों को आन्दोलित करती हैं, पथ दिखाती हैं और जीने का दर्शन प्रदत्त करती हैं। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नया भारत निर्मित करने की बात कर रहे हैं, उसका आधार स्वामी विवेकानन्द की शिक्षाएं एवं प्रेरणाएं ही हैं।

स्वामी विवेकानन्द ने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था। भारत का आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदान्त दर्शन अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में उनके प्रयासों एवं प्रस्तुति के कारण ही पहुँचा। उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी जो आज भी भारतीय संस्कृति एवं आध्यात्मिक मूल्यों को सुदृढ़ कर रहा है। वे रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य थे। कलकत्ता के एक कुलीन बंगाली परिवार में जन्मे विवेकानंद आध्यात्मिकता की ओर झुके हुए थे। वे अपने गुरु रामकृष्ण देव से काफी प्रभावित थे जिनसे उन्होंने सीखा कि सारे जीव स्वयं परमात्मा का ही एक अवतार हैं। इसलिए मानव जाति की सेवा द्वारा परमात्मा की भी सेवा की जा सकती है।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर, एस आर ग्रुप्स ऑफ इंस्टीट्यूशन लखनऊ, इजिप्ट नीदरलैंड एवं एसोसिएशन ऑफ केमिस्ट्री टीचर्स, के सयुंक तत्वावधान में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय गोष्ठी का आयोजन

एसोसिएशन ऑफ केमिस्ट्री टीचर्स, एस आर ग्रुप्स ऑफ इंस्टीट्यूशन, लखनऊ, इजिप्ट नीदरलैंड एवं क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर, के सयुंक तत्वावधान में विले द्वारा संचालित0 3 -05जुलाई 2020 से वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस का उद्दघाटन समारोह का आयोजन सैम्युल पॉल लाल ने प्रार्थना के, द्वारा किया गया। संयोजिका डॉ मीत कमल द्विवेदी ने मुख्य अतिथियों का स्वागत किया अध्यक्षीय भाषण प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता कुलपति द्वारा, चेयरमैन डॉ डी के अवस्थी एवं डॉ श्रद्धा जी, श्री पवन सिंह चौहान चैयरमेन एस आर ग्रुप्स ने महत्वपूर्ण वक्तव्य दिए । चिकित्सा शास्त्र में नई क्रांतिकारी प्रौद्योगिकियों ने जन्म लिया है, जिनसे न सिर्फ रोग-निदान की दुनिया में नए आयाम जुड़े हैं और नए डायग्नोस्टिक तौर-तरीके ईजाद हुए हैं, बल्कि जिंदगी की बुझ्ती सांसों को जिलाए रखने में काम आने वाले कई नए बेहतरीन इलाज भी विकसित हुए हैं. टेलीकॉम क्रांति ने मेडिकल साइंस की दुनिया में भी नई क्रांति ला दी है. मोबाइल फोन के एप्स4 (एप्लिकेशंस) ने डॉक्टर के लिए इलाज आसान और पिछले दसेक साल में नई टेक्नोलॉजी ने मेडिकल साइंस की दुनिया ही बदल दी है। मुख्य अतिथि ,डॉ मोहम्मद अध्यक्ष नेशनल रिसर्च सेंटर कायरो इजिप्ट ,मुख्य वक्ता प्रोफेसर सेड शालाबी उपाध्यक्ष साइंटिफिक रिसर्च एंड टेक कैरो इजिप्ट एवं प्रो.बिजॉय कुंडू मुख्य वैज्ञानिक , अध्यक्ष मेडिकल केमिस्ट्री सी एस आई आर-सी डी आर आई लखनऊ द्वारा जानकारी दी गई। इस में देश विदेश के वैज्ञानिकों 600 शिक्षकों ने ने सक्रीय सहभागिता की है।

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तनाव पूर्ण और चुनोतियों भरे इस वक़्त में आपस में एक दूसरे का हौसला बढ़ाएं

अतुल दीक्षित ग्रुप एडिटर भारतीय स्वरुप समाचार पत्र

समय बहुत ही तनावपूर्ण चल रहा है। किसी को भी पारिवारिक या व्यवसायिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है तो कृपया एक दूसरे से जरूर साझा करें और बात करें। ग्रुप में मैसेज के जरिए ही नहीं बल्कि फोन पर भी एक दूसरे से बात करें। यह साल नफा नुकसान देखने का नहीं है बल्कि अपने मनोबल को बनाए रखने का और अपनी सेहत को बचाए रखने का है। नौकरी में या अपने काम धंधे में बेशक नुकसान हो रहा हो लेकिन यदि आपने अपनी सेहत बचा ली तो यह इस समय का सबसे बड़ा मुनाफा है। एक दूसरे से बात करते रहिए और आपस में सब का हौसला बढ़ाते रहिए। अभी हम सब की जरूरत और जिम्मेदारी है कि एक दूसरे के साथ सकारात्मक चीजों को साझा करें।

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स्कूली छात्रों के लिए इसरो कर रहा है प्रतियोगिताओं का आयोजन

कोविड-19 के प्रकोप के चलते शुरू हुए लॉकडाउन के कारण स्कूलों की पढ़ाई और परीक्षाओं पर असर पड़ने के साथ-साथ छात्रों को अब गर्मियों की छुट्टियां भी घर में बंद रहकर बितानी पड़ रही हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा शुरू की जा रही ऑनलाइन प्रतियोगिताएं स्कूली छात्रों की इस एकरसता को तोड़ने का अवसर लेकर आयी हैं। इसरो साइबरस्पेस प्रतियोगिता (आईसीसी)-2020 नामक इस पहल के अंतर्गत स्कूली छात्रों के लिए चार वर्गों में अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर केंद्रित प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है।

इन प्रतियोगिताओं के पहले वर्ग में पहली से तीसरी कक्षा के छात्रों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। दूसरे वर्ग में चौथी से आठवीं कक्षा के छात्र विज्ञान शिल्प या मॉडल्स में अपने हाथ आजमा सकते हैं। इसी तरह, नौवीं और दसवीं के छात्रों को निबंध प्रतियोगिता में शामिल होने का अवसर मिल सकता है। जबकि, ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के छात्र निबंध लेखन के साथ-साथ प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में भी हिस्सा ले सकते हैं। इन प्रतियोगिताओं में शामिल होने के लिए 24 जून 2020 से पहले इसरो की वेबसाइट https://www.isro.gov.in/icc-2020 पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा।

यह प्रतियोगिता भारत में पढ़ रहे स्कूली छात्रों के लिए है। चारों वर्गों में शामिल सभी प्रतियोगिताएं अलग-अलग रूप से आयोजित की जाएंगी। किसी वर्ग विशेष की श्रेणी के लिए छात्रों की संबद्धता शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के दौरान उनके नामांकन पर आधारित होगी। जिन छात्रों के शैक्षणिक वर्ष 2019-20 के परिणाम अभी नहीं आए हैं, उन्हें भी यह मानकर प्रतियोगिता में शामिल किया जा सकता है कि उन्होंने परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है और शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में दाखिला ले लिया है। हालाँकि, यह शर्त केवल ऑनलाइन माध्यम से आईसीसी-2020 प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए है और इसे किसी अन्य उद्देश्य के लिए समर्थन के रूप में नहीं लिया जा सकता है।

सफल पंजीकरण के लिए एक विशिष्ट पंजीकरण संख्या प्रतियोगियों को प्राप्त होगी। चित्रकला, मॉडल मेकिंग व विज्ञान शिल्प और निबंध प्रतियोगिता में शामिल प्रतिभागियों को पेपर पर अपनी रचनात्मकता को उकेरना है और फिर उसकी फोटो लेकर या स्कैन करके इसरो की वेबसाइट पर अपलोड करना है। प्रतियोगिता का विषय पंजीकृत ईमेल पर भेजा जाएगा और इसरो की वेबसाइट पर भी प्रदर्शित किया जाएगा। स्कैन की हुई फोटो जेपीईजी या फिर पीडीएफ फॉर्मेट में भेजनी होगी। अपलोड की जाने वाली फाइल का नाम प्रतिभागी की पंजीकरण संख्या के नाम पर होगा।  

चित्रकला प्रतियोगिता में शामिल प्रतिभागियों को ए-3 आकार के पेपर का प्रयोग करना होगा और ड्राइंग के लिए उन्हें वाटर कलर, वैक्स या पेंसिल रंगों का उपयोग करना है। मॉडल-मेकिंग या विज्ञान शिल्प प्रतियोगिता में कार्डबोर्ड, कागज, कपड़े, चिपकाने वाले टेप, रंग और गोंद का उपयोग करके मॉडल बनाना होगा। मॉडल बनाने के लिए किसी अन्य सामग्री के उपयोग की अनुमति नहीं है। इस तरह बनाए गए मॉडल को भी स्कैन करके या फोटो खींचकर इसरो की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा।

निबंध लेखन प्रतियोगिता में शामिल प्रतिभागियों को पंजीकरण के दौरान चयनित भाषा में एक हजार शब्दों में अपने हाथ से निबंध लिखकर वेबसाइट पर अपलोड करना है। निबंध लिखने के लिए ए-4 आकार के पेपर का उपयोग कर सकते हैं। निबंध लिखने के लिए सिर्फ नीली या काली स्याही का उपयोग करना है। टाइप किए हुए निबंध स्वीकार नहीं किए जाएंगे। इंटरनेट से सामग्री कॉपी की हुई पायी गई तो प्रतियोगी का पंजीकरण निरस्त किया जा सकता है। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के बारे में इसरो के पोर्टल पर तौर-तरीकों का विस्तार से उल्लेख किया जाएगा।

प्रतियोगिता में शामिल शीर्ष 500 प्रतिभागियों के नाम की घोषणा इसरो की वेबसाइट पर की जाएगी और उन्हें मेरिट प्रमाण-पत्र ईमेल या फिर पोस्ट के माध्यम से भेजे जाएंगे। अन्य सभी प्रतिभागियों को ईमेल के माध्यम से भागीदारी प्रमाण पत्र दिया जाएगा। 

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अमित शाह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के तीनों नगर निगमों के महापौर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में दिल्ली में कोरोना की स्थिति पर चर्चा की।

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमें यथाशीघ्र एक कोरोना मुक्त स्वस्थ व समृद्ध देश और दिल्ली बनाना है। आज नई दिल्ली में श्री अमित शाह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन, दिल्ली के उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल, मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के तीनों नगर निगमों के महापौर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में दिल्ली में कोरोना की स्थिति पर चर्चा की।

इसमें केंद्रीय गृह मंत्री ने केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और तीनों नगर निगमों से आज सुबह हुईं बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों जैसे घर-घर स्वास्थ्य सर्वे, कोरोना की टेस्टिंग आदि का बेहतर तरीके से निचले स्तर तक कार्यान्वयन सुनिश्चित करने को कहा। गृह मंत्री ने कहा कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आपसी समन्वय से दिल्ली में कोरोना को हराना है।

श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमें यथाशीघ्र एक कोरोना मुक्त स्वस्थ तथा समृद्ध देश और दिल्ली बनाना है। उन्होँने कहा कि यह सभी के सहयोग और समन्वय से ही सम्भव है। केंद्रीय गृह मंत्री ने दिल्ली सरकार, तीनों मेयर व तीनों नगर निगम के आयुक्तों को साथ मिलकर काम करने और सुबह की बैठक में लिए गए सभी निर्णयों को अमल में लाने के निर्देश दिए। साथ ही गृह मंत्री ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को सभी दिशानिर्देशों का सख्ती से अनुपालन कराने के निर्देश दिए। 

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