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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, इसरो लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमताओं के प्रदर्शन के माध्यम से अंतरिक्ष पर्यटन की दिशा में स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने की प्रक्रिया में है

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसरो लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता के प्रदर्शन द्वारा अंतरिक्ष पर्यटन की दिशा में स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने की प्रक्रिया में है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज राज्यसभा में एक सवाल का लिखित उत्तर देते हुए कहा कि भारतीय राष्‍ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (इन-स्‍पेस) अंतरिक्ष गतिविधियों को पूरा करने में निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देना चाहता है, जिसमें अंतरिक्ष पर्यटन भी शामिल है।

अंतरिक्ष क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अंतरिक्ष गतिविधियों के विभिन्न क्षेत्रों में 61 देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और संबंधों को आगे बढ़ाता है।

उल्लेखनीय है कि भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्‍पेस) की स्थापना अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत एक सिंगल विंडो एजेंसी के रूप में की गई है, जिसे अंतरिक्ष डोमेन में निजी क्षेत्र की गतिविधियों को बढ़ावा देने, समर्थन देने और प्राधिकृत करने के लिए बनाया गया है, जिसमें युवा उद्यमी और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में रुचि रखने वाले छात्र शामिल हैं।

इन-स्पेस, इसरो केंद्रों में उपलब्ध तकनीकी सुविधाओं और विशेषज्ञता को निजी संस्थाओं के साथ साझा करने में सक्षम तंत्र को लेकर आएगा।

एक संबंधित प्रश्न के जवाब में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) एक व्यापक, एकीकृत अंतरिक्ष नीति का मसौदा तैयार कर रहा है, जो निजी भारतीय अंतरिक्ष उद्योग की गतिविधियों को दिशा प्रदान करेगा।

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पर्यटन और आतिथ्य भारत में रोजगार पैदा करने वाले सबसे बड़े क्षेत्रों में शुमार है: जी किशन रेड्डी

पर्यटन और आतिथ्य का क्षेत्र भारत में सबसे बड़े रोजगार सृजन के क्षेत्रों में शुमार है और विदेशी मुद्रा आय (एफईई) का एक बड़ा  हिस्सा पैदा करने में योगदान दे रहा है। वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के तीसरे टीएसए (पर्यटन उपग्रह खाता) के अनुसार देश के रोजगार में पर्यटन का योगदान इस प्रकार है:

2017-18 2018-19 2019-20
नौकरी में हिस्सेदारी (फीसदी में) 14.78 14.87 15.34
प्रत्यक्ष (फीसदी में) 6.44 6.48 6.69
अप्रत्यक्ष (फीसदी में) 8.34 8.39 8.65
पर्यटन के कारण प्रत्यक्ष/ अप्रत्यक्ष रोजगार (मिलियन में) 72.69 75.85 79.86

18 जुलाई 2022 तक अतुल्य भारत पर्यटन सुविधा (आईआईटीएफ) मूल प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम के 3 बैचों के लिए परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित की गई है, जिसके तहत कुल 3795 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया है और उनका पुलिस सत्यापन पूरा होने के बाद उन्हें प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। आईआईटीएफ प्रमाणन कार्यक्रम के लिए संशोधित दिशानिर्देश के तहत, मौजूदा क्षेत्रीय स्तर के गाइड (आरएलजी) का नाम बदलकर अतुल्य भारत पर्यटक गाइड (आईआईटीजी) कर दिया गया है। कुल 1795 आईआईटीजी (पूर्व में जिसे आरएलजी के रूप में जाना जाता है) ने रिफ्रेशर कोर्स सफलतापूर्वक पूरा किया है।

देशभर में सुप्रशिक्षित और पेशेवर पर्यटक सुविधाकर्ताओं का एक पूल बनाने के उद्देश्य से आईआईटीएफसी कार्यक्रम एक जनवरी 2020 को शुरू किया गया था। यह एक डिजिटल पहल है जो  उम्मीदवारों के लिए बुनियादी, उन्नत (विरासत और साहसिक), स्पोकन लेंग्वेज और रिफ्रेशर कोर्स के लिए आईआईटीएफसी कार्यक्रम के तहत एक ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफाॅर्म प्रदान करती है। आईआईटीएफसी के लिए दिशानिर्देश बाजार की मांग, पर्यटन हितधारकों के अनुरोध आदि को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए हैं। हाल ही में, हितधारकों से प्राप्त अनुरोध के अनुसार, आईआईटीजी (एडवांस एंड हेरिटेज) पाठ्यक्रम के लिए न्यूनतम शैक्षिक मानदंड स्नातक या समकक्ष डिग्री तक बढ़ा दिया गया है।

यह जानकारी पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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कानपुरः गुजैनी थाना पुलिस का गुडवर्क सवालों के घेरे में ?

कानपुरः  भारतीय स्वरूप संवाददाता, गुजैनी थानाध्यक्ष का सामने आया बड़ा खेल! लूट की तीन वारदातों का किया शातिराना मेल! एक पीड़ित को वादी, दूसरे को गवाह और तीसरे को आरोपी बना भेज दिया जेल! अब सभी तथ्यों के मिलने पर खुल गया पुलिस का खेल!
जी हाँ? उपरोक्त पंक्तियाँ चरित्रार्थ हो रहीं हैं और महानगर के नव सृजित थाना क्षेत्र गुजैनी में बिगत दिनों एक ही रात्रि में घटित तीन घटनाओं को एक दिखाकर खुलासा किया गया है। इसकी पुष्टि पुलिस द्वारा किये गये नाटकीय खुलासे के स्वयं पात्र कर रहे हैं परिणामतः पुलिस द्वारा किये गये खुलासे पर सवालिया निसान लग रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कानपुर पुलिस कमिश्नरेट अन्तर्गत नवसृजित थाना गुजैनी क्षेत्र में बिगत 18/19 जून 2022 को गुजैनी नहर व हाइवे के पास एक ही रात में कुछेक मिनटों के अन्तराल पर लूट की तीन वारदातों को अंजाम दिया गया। किन्तु पुलिस ने ना जाने क्यों इतनी शीघ्रता दिखाई कि तीनों वारदातों को एक दिखा दिया और पहली घटना के पीड़ित को वादी मुकदमा, दूसरी घटना के पीड़ित को गवाह और तीसरी घटना के शिकायतकर्ता को आरोपी बनाकर जेल के सलाखों के पीछे भेज दिया?
पहली पहल तो दिखाई गई लूट की घटना व उस घटना के सम्बन्ध में तत्काल ही आरोपियों को गिरफ्तार कर माल बरामदगी दिखाकर अपनी पीठ थपथपाने वाली पुलिस की कहानी पर घटना के वादी और पुलिस द्वारा बनाये गये मौके के चश्मदीद गवाह ने स्वयं ही पुलिस के द्वारा तैयार की गई कहानी को फर्जी बताकर लूट के आरोपी को निर्दोष बता दिया था और वादी मुकदमा व चश्मदीद गवाह ने बताया था कि गुजैनी थाना पुलिस ने जिन आरोपियों को मुल्जिम बनाया था उसमें से एक आरोपी तो पूरी तरह से निर्दोष था और पुलिस की मनगढ़न्त कहानी पर सवालिया निसान लगाये थे किन्तु अब नया मोड़ उस समय तब आ गया जब जेल की सलाखों से बाहर निकल कर वारदात के आरोपी ने अपनी पीड़ा डीसीपी साउथ के समक्ष बयां कर न्याय की गुहार लगाई है और उसने कहा कि उसके साथ भी लूट हुई थी और यह शिकायत उसने पुलिस हेल्पलाइन नम्बर 112 पर की तो पुलिस के जवान उसे थाने ले आये और लूट करने का आरोपी बना दिया। विदित हो कि 18/19 जून 2022 की रात्रि में घटित वारदात से सम्बन्धित आरोपियों में से एक को भाग जाना दिखाया गया जबकि तीन आरोपियों को जेल भेज दिया गया था। खास बात यह है कि जेल भेजे गये आरोपियों में से एक आरोपी को निर्दोष बताया जा रहा था। यह बात किसी और ने नहीं बल्कि, स्वयं मुकदमा वादी व पुलिस द्वारा मौके के दिखाये गये चश्मदीद गवाह ने पुलिस आयुक्त व माननीय अदालत में दिये गये शपथपत्रों के माध्यम से बताई थी।
अब इस खुलासे में नया मोड़ आ गया है और जेल छूटे आरोपी राजन सिंह ने बताया कि उसके साथ भी लूट की गई थी जिसकी सूचना उसने 112 पर दी थी किन्तु उसकी कोई बात नहीं सुनी गई बल्कि पुलिस ने उसे आरोपी बनाकर जेल भेजकर उसका कैरियर खत्म कर दिया।
उपलब्ध जानकारी के अनुसार नवसृजित थाना गुजैनी क्षेत्र के अम्बेकर नगर निवासी गोविन्द प्रसाद पुत्रश्री राम गोपाल के साथ बिगत 18 जून 2022 को समय लगभग 11ः20 बजे रात्रि में गुजैनी नहर के पास लूट हो गई थी और उसका मोबाइल व दौ सौ रुपये लूट लिये गये थे। लगभग उसी समय पर नहर के ऊपर सड़क पर एक दूसरी घटना में ब्रजेश कुमार सैनी के साथ भी मारपीट व लूट हो रही थी। इस दौरान ब्रजेश के साथ 1300 रुपये की लूट हुई थी, ठीक उसी रात्रि लगभग सवा 12 बजे अम्बेडकर नगर निवासी राजन सिंह के साथ भी लूट की वारदात हुई थी और उसकी एक चांदी की अगूठी, एक घड़ी व 350 रुपये की लूट हुई थी। लेकिन, गुजैनी थाना प्रभारी ने तीनों घटनाओं को एक बनाकर एच ब्लॉक गुजैनी निवासी भानु सिंह पुत्र फूल सिंह, अम्बेडकर नगर निवासी राजन सिंह पुत्रश्री सत्यभानु सिंह व जी0 ब्लॉक गुजैनी निवासी अर्जुन पुत्र सुशील कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
मुकदमा वादी गोविन्द ने बताया था कि जब मेरे साथ लूट की घटना घटित हुई थी उसी दौरान अम्बेडकर नगर निवासी राजन सिंह अपनी गाय को ढूड़ते हुए वहीं पर आ गया तो सूचना पर पहुंचे पुलिस वालों ने बिना कुछ पूंछतांछ किये व बिना सच्चाई जाने उसे भी पकड़ लिया और मुल्जिम बना दिया जबकि राजन सिंह का इन घटनाओं से कोई लेना-देना ही नहीं है। गोविन्द प्रसाद ने पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाया कि सिर्फ गुडवर्क के चक्कर में थानाध्यक्ष रवि शंकर त्रिपाठी ने राजन सिंह को आरोपी बनाया था।
वहीं पुलिस द्वारा बनाये गये चश्मदीद गवाह मर्दनपुर निवासी ब्रजेश कुमार सैनी पुत्रश्री विशम्भर नाथ सैनी अर्थात दूसरी घटना का पीड़ित व्यक्ति ने बताया था कि रात्रि 11ः40 बजे के लगभग नहर पुल पर पहले से घात लगाये बदमाशों ने मुझे मारपीट कर चोटिल कर दिया था और मेरी जेब से 1300 रुपये छीन लिये। मेरे द्वारा 112 पर सूचना देने के बाद मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने मेरे सहयोग से उनमें से दो लोगों को पकड़ लिया और थाने ले आये।
ब्रजेश कुमार सैनी के मुताबिक, जब मैं डाक्टरी करवाकर थाने पहुंचा था तो पहले से बन्द राजन को मेरे साथ घटित वारदात में शामिल कर दिया जबकि राजन का इस घटना से कोई लेना देना नहीं था। लूट व मारपीट में शामिल शातिर लोग गोविन्द नगर थाना क्षेत्र के गुजैनी के एच ब्लॉक मुहल्ले के रहने वाले हैं। ब्रजेश के मुताबिक उसका मोबाइल पुलिस ने जमा करवा लिया था और इसके बाद मनगढ़न्त कहानी बनाकर उसे राजन सिंह से बरामद दिखा दिया गया था। राजन पूरी तरह से निर्दोष है।
वादी मुकदमा गोविन्द प्रसाद व पुलिस द्वारा बनाये गये चश्मदीद अर्थात दूसरी वारदात के पीड़ित ब्रजेश कुमार सैनी (दोनों ने) पुलिस आयुक्त व माननीय अदालत में उपरोक्त मामलों के सम्बन्ध में यह शपथपत्र भी दिये कि गुजैनी थाना प्रभारी ने अपनी मनमर्जी के मुताबिक मनगढ़न्त कहाना बनाकर राजन सिंह को फंसाया है जबकि राजन सिंह का दोनों वारदातों से कोई लेना देना नहीं है। चोरी व लूट के मामले में उसे फर्जी फंसाया गया।
वहीं अम्बेडकर नगर निवासी आरोपी राजन सिंह जब जेल से छूट कर बाहर आया और उसने अपना मोबाइल दिखाते हुए पूरी व्यथा जब बताई तो कहानी में एक नया मोड़ आ गया क्योंकि 18/19 जून 2022 की रात्रि में लूट की दो वारदातें घटित नहीं हुई थीं बल्कि कुछेक समय के अन्तराल पर लूट की तीन वारदातें घटित हुई थीं।
उपरोक्त घटनाक्रम के सम्बन्ध में जेल से छूट कर आये राजन सिंह ने बताया कि उसके साथ भी लूट हुई थी। इसकी शिकायत उसने 112 पर डायल सहायता मांगी थी। इसके बाद मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मी उसे थाने ले गये थे और लूट में शामिल दिखाकर जेल भेज दिया था।
राजन के भाई शिववीर सिंह ने एक प्रार्थना पत्र पुलिस आयुक्त को भेजकर न्याय की गुहार लगाई थी किन्तु दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही ना होती देख आज राजन व उनके भाई शिववीर ने पुलिस उपायुक्त दक्षिण के समक्ष प्रस्तुत होकर अपने भाई को निर्दोेष बताते हुए न्याय की गुहार लगाई है। उपरोक्त प्रकरण में डीसीपी साउथ ने बताया कि पूरे मामले की जांच एसीपी गोविन्द नगर को सौंप दी है। जांचोपरान्त दोषियों पर कार्यवाई की जायेगी। बताते चलें कि लूट का फर्जी खुलासा करने वाली टीम में गुजैनी थाना प्रभारी रवि शंकर त्रिपाठी, उप निरीक्षक राकेश दीक्षित, उप निरीक्षक अरुण कुमार, उप निरीक्षक रिन्कू कुमार, हे0 का0 देवेन्द्र सिंह, का0 ऋषि यादव व का0 अजय कुमार शामिल थे।

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खुद से हठ करना ग़लत नहीं है इक ताक़त है

अक्तूबर का महीना और सुहानी हवायों का धीरे धीरे चलना।होटल के लॉन में फूलो की सजावट क़ाबिले तारीफ़ थी और फूलो की सोंधी सोंधी ख़ुशबू हवा मे जैसे घुल कर सारे वातावरण को मदहोश कर रही थी। होटल भी इक पहाड़ी पर, वाह !जहां से चारों ओर पहाड़ ही पहाड़,ढलती हुई शाम और उस पर गाने की धुन बड़ी ही मनमोहक प्रतीत हो रही थी।शाही खानो के स्टालस और उसपर खाने की ख़ुशबू ,मैं उस शादी के माहौल का पूरे मन से आनन्द ले रही थी।बहुत सालों के बाद इंग्लैंड से भारत आई थी,बानी की शादी मे शामिल होने के लिये।बानी मेरी सहेली की
बेटी।हालाँकि शादियाँ इंग्लैंड में भी बहुत अच्छे से होती हैं, मगर इंगलिश टच तो कहीं न कहीं होता ही है।मैं बहुतों से मिलते मिलाते बानी को मिली।बहुत ही प्यारी लग रही थी दुल्हन के रूप में।बानी के पिता का अच्छा कारोबार था तो ज़ाहिर था,शादी भी बड़े ही स्तर पर थी।जो साज सजावट से ही साफ़ दिखाई दे रही थी।मेरे बचपन की सहेली निशा भी मिली।बड़ा अच्छा लग रहा था।खाने की ख़ुशबू मुझे खाने की स्टालस की ओर खींचने लगी।मै और निशा स्टालस की बढ़ रही थी तो पीछे से आवाज़ आई ,बेटा आरूश तुम्हारी ममी कहाँ है ? जा बेटा ,ज़रा बुला कर ला।आरूश अपनी दादी से कह रहा था।दादी इतने लोगों के बीच कहाँ ढूँढू ममी को।अच्छा देखता हूँ शायद शैल आंटी से पास खडी हो।आरूश भागा भागा गया और अपनी ममी स्वाति को बुला लाया।दादी ने स्वाति से कह रही थी।
बहू स्वाति !मेरी खाने की प्लेट तो बना ला ज़रा ,और ये भी देख लेना ,तुमहारे पापा ने खाना खा लिया क्या ?और हाँ सुन ज़्यादा तीखी चीजें मेरी प्लेट मत लाना।सब थोड़ा ही डालना ,बहुत ज़्यादा खाना तो मै खा ही नही सकूँगी ।
इक और आवाज़ फिर सुनाई दी ,जो कह रही थी ! नही पूनम तुम ख़ुद उठो और खुद अपनी प्लेट बना कर लाओ।ये क्या तरीक़ा है पूनम ऐसे तो तुमहारी टाँगें काम करना बंद कर देंगी,और अगर तुम खुद चलोगी तो अपनी पसंद का खाना ,ज़रूरत के मुताबिक़ डाल कर ला सकती हो।बहू तो मर्ज़ी से कुछ भी प्लेट में डाल कर ले आयेगी।वो शायद तुम खाना चाहोगी कि नहीं ,इसी लिये कह रही हूँ ।अभी तुम चल सकती हो ,तो चलना चाहिए न ।इस तरह बच्चों से ऐसे छोटी छोटी बाते की अपेक्षा कंयू करती हो और तुम अपने पति गोयल साहब की भी फ़िक्र क्यों कर रही हो ,देखा नही वो अपने दोस्तों के बीच कितना हंस खेल रहे है ,वो भी खा ही लेंगे अपने दोस्तों के साथ।
तुम बस मेरा हाथ पकड़ो ,मैं चलती हूँ तुमहारे साथ।और पूनम कह रही थी।मैं कहाँ जाऊँगी ,बहू ले आयेगी न अपने आप।मुझ से नहीं चला जाता इतनी भीड़ में।फिर इक ज़ोर से हंसी सुनाई दी।सारी बाते मेरे कानों मे साफ़ सुन रही थी।
मैंने मुड कर देखा तो इक बड़ी उम्र की महिला ,जो आंटी शोभना थी और अपनी सहेली पूनम का हाथ बड़े प्यार से पकड़ कर धीरे धीरे खाना की स्टालस की तरफ़ ले जा रही थी। मुख पर तेज ,आवाज़ मे रोबीलापन था और चाल भी बेमिसाल थी।बड़ा अच्छा लगा ये देख कर कि आंटी शोभना बड़ी उम्र होने के बाद भी उनकी सोच कितनी पाजीटिव है।जब कि हम इन्हें पुरानी पीढ़ी मे गिनते है और उन्हें पुराने ख़यालात वाले समझते है।
मैं खाने की प्लेट ले कर लाईन मे खड़ी थी।वो दोनों महिलायें हमारे पास आई तो मैंने शिष्टाचार निभाते हुए ,लाईन मे उन्हें आगे करना चाहा मगर आंटी शोभना ने बहुत ही प्यार से मुझे धन्यवाद दिया और कहाँ नही बेटा ,आप पहले अपनी प्लेट बनाइये ,हमारी बारी भी आ जायेंगीं जब कि आंटी शोभना के हाथ में भी चलने के लिये छड़ी पकड़ी हुई थी।मैं सोच रही थी ये आंटी जो खुद ठीक से चल भी नहीं पा रही।चेहरे पर पसीने की बूँदें भी चमक रही थी खुद आंटी की उम्र 80 साल के लगभग होगी शायद,मगर अपनी सहेली को कैसे समझा रही थी,और पूनम आंटी उनसे उम्र मे छोटी लग रही थी और यही नही ,निशा बता रही थी मुझे कि शोभना आंटी तो इस उम्र मे भी,इतनी शहर की ट्रैफ़िक होने के बावजूद भी ,खुद अपनी गाड़ी चलाती हैं ।बाहर के सारे काम खुद ही करती है।मैं सोचने लगी मैं आज भी अपनी सासु माँ की खाने की प्लेट लगा कर देती हूँ। कहीं न कहीं हम ही है जो बुजुर्गों को प्रोत्साहित नहीं करते कि वो अपना काम खुद से करते रहे।शोभना आंटी ठीक ही तो कह रही थी कि जब तक जान है।जब तक शरीर मे ताक़त है तब तक हिम्मत करते रहना चाहिए।ये कितनी अच्छी सीख है बुजुर्गों के लिये और हम सब के लिए ।
बहुत लोग ऐसा सोचते भी हैं कि बहू आ गई तो अब सास को बहू पर ज़िम्मेदारी सौंप देनी चाहिए।दोस्तों मैं खुद ऐसी सोच को सलाम करती हूँ ।बच्चे लाख अच्छे हो फिर भी अपने आप का काम करते रहना चाहिए।इससे शरीर भी चलता रहता है ।मन भी लगा रहता है।हठ करते रहना चाहिए।ये ज़रूरी नही कि आप की उम्र क्या है ज़रूरी ये है कि आप ,किस उम्र की सोच रखते है यू भी खुद से हठ करना ग़लत नहीं है ,ये इक ताक़त है सच में “कुछ लोग चंदन की तरह, ताउम्र खुशबू देते रहते हैं।”
बढ़ती उम्र उन्हें मुरझाने नहीं देती ,क्योंकि वो उम्र को हराना जानते हैं अपनी जवान सोच के साथ।
🙏लेखिका स्मिता

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इस वर्ष से नागरिकों के लिए टेली-लॉ सेवा निःशुल्क की जा रही है- किरेन रिजिजू

केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने आज जयपुर में 18वीं अखिल भारतीय विधिक सेवा बैठक में घोषणा करते हुए कहा कि इस वर्ष से  देश में नागरिकों के लिए टेली-लॉ सेवा नि:शुल्‍क की जा रही है। टेली-लॉ ने कानूनी सहायता से वंचित व्‍यक्तियों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए 1 लाख ग्राम पंचायतों में कॉमन सर्विस सेंटर्स (सीएससी) में उपलब्ध टेली/वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से इसे पैनल अधिवक्‍ताओं के साथ जोड़कर उन्‍हें कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यधारा में लाने का कार्य किया है। आसान और सीधी पहुंच के लिए टेली-लॉ मोबाइल एप्लिकेशन (एंड्रॉइड और आईओएस दोनों) का भी 2021 में शुभारंभ किया गया और यह वर्तमान में 22 अनुसूचीबद्ध भाषाओं में उपलब्ध है। इस डिजिटल क्रांति का लाभ उठाते हुए, टेली-लॉ ने केवल पांच वर्षों में कानूनी सेवाओं की पहुंच के दायरे का 20 लाख से अधिक लाभार्थियों तक विस्‍तार कर दिया है।

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आयोजन के दौरान विधि और न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) ने कानूनी सेवाओं के एकीकृत वितरण पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) का आदान-प्रदान किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि समझौता ज्ञापन सभी के लिए न्याय के उद्देश्य को आगे बढ़ाने और नागरिकों के बीच सबसे व्‍यापक स्‍तर के एकीकरण कारक के रूप में कानून के शासन को स्थापित करने की हमारी संयुक्त प्रतिबद्धता का प्रतीक है। समझौता ज्ञापन के प्रावधान के तहत नालसा प्रत्येक जिले में विशेष रूप से टेली-लॉ कार्यक्रम के लिए 700 अधिवक्‍ताओं की सेवाएं प्रदान करेगा। पैनल में शामिल ये अधिवक्‍ता अब रेफरल अधिवक्‍ताओं के रूप में भी कार्य करेंगे और मुकदमेबाजी से पहले के चरण में विवाद से बचने और विवाद समाधान के तंत्र को मजबूत करने में भी मदद करेंगे। श्री किरेन रिजिजू ने विश्वास व्यक्त किया कि एसोसिएशन कुछ ही समय में 1 करोड़ लाभार्थियों तक पहुंचने में भी सहायता प्रदान करेगी।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, श्री किरेन रिजिजू ने विचाराधीन कैदियों की रिहाई के माध्यम से जेलों की भीड़भाड़ कम करने की आवश्यकता पर बल दिया। नालसा अपने एसएलएसए  और डीएलएसए  के माध्यम से पहले से ही इस संबंध में विचाराधीन समीक्षा समिति (यूटीआरसी) के जरिए विचाराधीन कैदियों को नि:शुल्‍क कानूनी सहायता/कानूनी परामर्शदाता उपलब्ध करा रहा है। पिछले वर्ष के दौरान यूटीआरसी की कुल 21,148 बैठकें आयोजित की गईं, जिसके परिणामस्वरूप 31,605 विचाराधीन कैदियों को रिहा किया गया।

मंत्री महोदय ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकारियों से विचाराधीन कैदियों को कानूनी परामर्श/सहायता प्रदान करने के अपने प्रयासों को और तेज करने की अपील की ताकि विचाराधीन समीक्षा समिति के समन्वय से अधिक से अधिक विचाराधीन कैदियों को रिहा किया जा सके। उन्होंने उच्च न्यायालयों से इस अवधि के दौरान संबंधित जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में यूटीआरसी की नियमित बैठकें सुनिश्चित करने की अपील की ताकि जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों की अधिकतम संख्या को 15 अगस्त, 2022 से पहले रिहा करने की सिफारिश की जा सके। उन्होंने कहा कि विचाराधीन कैदियों की रिहाई संभव हो सकती है। इस संदर्भ में देखा जा सकता है कि “आजादी का अमृत महोत्सव” के उत्सव के हिस्से के रूप में भारत सरकार ने पहले ही कैदियों को विशेष छूट देने का फैसला किया है, जिसके लिए गृह मंत्रालय द्वारा दिशा-निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं।

अपने संबोधन के समापन पर श्री किरेन रिजिजू ने कहा कि न्याय तक पहुंच को भारत के संविधान के तहत निर्धारित हमारे कानूनी ढांचे के एक अभिन्न अंग के रूप में मान्यता दी गई है और इस अवधारणा को साकार करने तथा अब तक किए गए कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरणों और सरकार के विभिन्न विभागों और एजेंसियों के बीच अधिक सहयोग की आवश्यकता है।

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भारी वर्षा के कारण चमोली जिला अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग -07 पर सड़क क्षतिग्रस्त

चमोली जिला में  अभूतपूर्व भारी,बारिश, पिछले एक सप्ताह के दौरान 39 मिलीमीटर की औसत वर्षा की तुलना में 79.4 मिलीमीटर की भारी बारिश, ने राष्ट्रीय राजमार्ग -07 के कुछ हिस्सों को व्यापक नुकसान पहुंचाया है, जिस पर तुरंत ध्यान दिया गया और यातायात बहाल कर दिया गया। किलोमीटर 398+500 (कर्णप्रयाग) और किलोमीटर 419+900(पुरसारी) के दो गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त स्थानों पर भी सावधानी के साथ यातायात बहाल कर दिया गया है एवं ठेकेदार द्वारा सड़क को पूरी चौड़ाई में फिर से उपयोग लायक बनाने का कार्य किया जा रहा है।

हाल की मीडिया रिपोर्टों में यह आरोप लगाया गया है कि सरकार ने प्रतिष्ठित चारधाम परियोजना के कार्यान्वन के लिए एक ब्लैकलिस्टेड कंपनी को नियुक्त किया है एनएचआईडीसीएल एतद द्वारा यह स्पष्ट करता है कि कोई भी ब्लैकलिस्टेड ठेकेदार उसकी किसी भी परियोजना में संलग्न नहीं है और उसकी परियोजनाओं के लिए ठेकेदारों का चयन एक निर्धारित उचित प्रक्रिया के बाद किया जाता है। संलग्न कंपनियां केंद्र और राज्य सरकार की बुनियादी ढांचे की कई परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रही हैं।

सड़कों का निर्माण ईपीसी मोड में किया जा रहा है जिसमें निर्माण के बाद भी चार साल तक खामियों को दूर करने की जिम्मेदारी ठेकेदार की है। एनएचआईडीसीएल देश में उच्च गुणवत्ता वाले राजमार्ग की अवसंरचना के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।

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भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने अमृत महोत्सव के तहत एक दिन में लगभग 1.25 लाख पौधे लगाए

‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तत्वावधान में,भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने एक राष्ट्रव्यापी वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया और 114 चिन्हित स्थानों पर वृक्षारोपण के माध्यम से एक दिन में लगभग 1.25 लाख पौधे लगाए। दिन भर चलने वाली इस पहल की शुरुआत केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी द्वारा नागपुर में की गई। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) का लक्ष्य भारत की आजादी के 75वें वर्ष पर अमृत महोत्सव मनाने के क्रम में 15 अगस्त 2022 तक 75 लाख वृक्षारोपण करना है। अपने संबोधन में गडकरी ने कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय वृक्षारोपण एवं पौधरोपण पर ध्यान दे रहा है। इन पौधों की जियोटैगिंग पर भी काफी जोर दिया जा रहा है ताकि इन पौधों की प्रगति एवं वृद्धि पर नजर रखी जा सके। उन्होंने लोगों से आगे आकर इस कार्यक्रम में भाग लेने का आह्वान किया ताकि इस वृक्षारोपण अभियान का स्थायी एवं दीर्घकालिक लाभ प्राप्त किया जा सके।

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सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. वी.के. सिंह और एनएचएआई की अध्यक्ष ने भी गाजियाबाद के डासना में आयोजित एक समारोह में पौधे लगाए। अपने संबोधन मेंश्री सिंह ने कहा कि हम प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप एक व्यवहारिक एवं टिकाऊ इकोसिस्टम बनाने के लिए काम कर रहे हैं और यह वृक्षारोपण अभियान पर्यावरण को बेहतर बनाने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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एनएचएआई की अध्यक्ष श्रीमती अलका उपाध्याय ने कहा कि एनएचएआई न केवल विश्वस्तरीय राष्ट्रीय राजमार्ग का नेटवर्क बनाने के लिए लगन के साथ काम कर रहा है, बल्कि पर्यावरण को बनाए रखने की दिशा में भी काफी प्रयास कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ ही जल निकायों के पुनर्भरण एवं कायाकल्प के लिए देश भर में वनीकरण और ‘अमृत सरोवर’ के निर्माण पर काफी जोर दिया गया है।

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पर्यावरण की स्थिरता का संदेश फैलाने वाले इस अभियान में विभिन्न राज्यों के जनप्रतिनिधियों, नागरिक समाज के स्थानीय लोगों, गैर सरकारी संगठनों, कॉलेज के छात्रों और महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की सक्रिय भागीदारी देखी गई। ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत एनएचएआई ने कई पहल की हैं जिनमें वृक्षारोपण अभियान और राष्ट्रीय राजमार्गों के निकट स्थित तालाबों या ‘अमृत सरोवरों’ का निर्माण शामिल है, जोकि जल निकायों को पुनर्जीवित करने और भूजल के स्तर को ऊपर लाने में मदद करते हैं।

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प्रधानमंत्री ने वैक्सीन की 200 करोड़ खुराक का आंकड़ा पार करने पर देशवासियों को बधाई दी

प्रधानमंत्री  मोदी ने विज्ञान में उल्लेखनीय विश्वास दिखाने और कोविड -19 वैक्सीन की 200 करोड़ खुराक का विशेष आंकड़ा पार करने पर देशवासियों की सराहना की है। उन्होंने इस अभियान में डॉक्टरों, नर्सों, अग्रिम पंक्ति के कर्मियों, वैज्ञानिकों, नवोन्मेषियों और उद्यमियों की भावना तथा दृढ़ संकल्प की भी सराहना की है।

प्रधानमंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मांडविया की घोषणा के जवाब में ट्वीट किया:

“भारत ने फिर रचा इतिहास! वैक्सीन की 200 करोड़ खुराक का विशेष आंकड़ा पार करने पर सभी भारतीयों को बधाई। उन लोगों पर गर्व है, जिन्होंने भारत के टीकाकरण अभियान को पैमाने और गति में अद्वितीय बनाने में योगदान दिया है। इसने कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत किया है।

वैक्सीन की शुरुआत से ही, भारत के लोगों ने विज्ञान में उल्लेखनीय विश्वास दिखाया है। हमारे डॉक्टरों, नर्सों, अग्रिम पंक्ति के कर्मियों, वैज्ञानिकों, नवोन्मेषियों और उद्यमियों ने पृथ्वी को सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मैं उनकी भावना और दृढ़ संकल्प की सराहना करता हूं।”

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35 साल देश की शानदार सेवा करने के बाद आईएनएस सिंधुध्वज सेवामुक्त

आईएनएस सिंधुध्वज ने 35 साल की शानदार अवधि तक अपनी सेवाएं देने के बाद शनिवार, 16 जुलाई 2022 को भारतीय नौसेना को अलविदा कह दिया। इस समारोह में पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल बिस्वजीत दासगुप्ता मुख्य अतिथि थे। इस डीकमीशनिंग कार्यक्रम में कोमोडोर एसपी सिंह (सेवानिवृत) समेत 15 पूर्व कमांडिंग ऑफिसर्स, कमिशनिंग सीओ और 26 अनुभवी कमीशनिंग क्रू ने हिस्सा लिया।

इस पनडुब्बी के शिखर पर एक भूरे रंग की नर्स शार्क चित्रित है और इसके नाम का अर्थ है समुद्र में हमारी ध्वजवाहक। जिस प्रकार इसके नाम से पता चलता है, सिंधुध्वज स्वदेशीकरण की ध्वजवाहक थी और नौसेना में अपनी पूरी यात्रा के दौरान रूस निर्मित सिंधुघोष श्रेणी की पनडुब्बियों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए भारतीय नौसेना के प्रयासों की ध्वजवाहक थी। इस पनडुब्बी को श्रेय जाता है कि कई चीजें इसने पहली बार कीं। जैसे, हमारे स्वदेशी सोनार यूएसएचयूएस, स्वदेशी उपग्रह संचार प्रणाली रुकमणी और एमएमएस, जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली और स्वदेशी टॉरपीडो फायर कंट्रोल सिस्टम का परिचालन इस पर ही हुआ। सिंधुध्वज ने डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल के साथ मेटिंग और कार्मिक स्थानांतरण का काम भी सफलतापूर्वक किया, और ये इकलौती पनडुब्बी है जिसे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा इनोवेशन के लिए सीएनएस रोलिंग ट्रॉफी से सम्मानित किया गया।  इस पारंपरिक समारोह को सूर्यास्त के समय आयोजित किया गया। बादलों से घिरे आसमान ने इस आयोजन की गरिमा को और बढ़ा दिया जब डीकमिशनिंग ध्वज को उतारा गया और 35 साल की शानदार गश्त के बाद इस पनडुब्बी को सेवामुक्त कर दिया गया।

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प्रधानमंत्री ने पी. वी. सिंधु को अपना पहला सिंगापुर ओपन खिताब जीतने पर बधाई दी

प्रधानमंत्री मोदी ने पी. वी. सिंधु को अपना पहला सिंगापुर ओपन खिताब जीतने पर बधाई दी है। श्री मोदी ने यह भी कहा है कि यह देश के लिए गर्व का क्षण है और यह उपलब्धि उभरते खिलाड़ियों को प्रेरणा भी देगी।

केन्द्रीय खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर के एक ट्वीट के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा;

“मैं @Pvsindhu1 को अपना पहला सिंगापुर ओपन का खिताब जीतने पर बधाई देता हूं। उन्होंने एक बार फिर से अपनी असाधारण खेल प्रतिभा का प्रदर्शन किया है और सफलता हासिल की है। यह देश के लिए गर्व का क्षण है और यह उपलब्धि उभरते खिलाड़ियों को प्रेरणा भी देगी।”

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