Breaking News

मुख्य समाचार

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) मुख्यालय का दौरा किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) मुख्यालय का दौरा किया। गृह मंत्री ने बल के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की और CRPF के परिचालन और प्रशासनिक प्रदर्शन की व्यापक समीक्षा की। बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव सहित गृह मंत्रालय के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

बैठक के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक श्री अनीश दयाल सिंह ने गृह मंत्री को CRPF में अनुकम्पा आधारित नियुक्तियों सहित बल के शहीद जवानों के परिवारों के लिए चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराया।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में आंतरिक सुरक्षा और शांति सुनिश्चित करने में CRPF की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। श्री शाह ने कहा कि नक्सलवाद से निपटने, पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू एवं कश्मीर में शांति और स्थिरता बहाल करने में CRPF ने सराहनीय कार्य किया है।

शाह ने भाषाई एकता को मजबूत करने के लिए बल के दैनिक कामकाज में हिंदी को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। श्री अमित शाह ने जवानों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए श्री अन्न (मोटे अनाज) के अधिक से अधिक उपयोग पर बल देने के साथ-साथ बेहतर स्वास्थ्य के लिये जवानों से प्रकृति परीक्षण अभियान के अर्न्तगत आयुर्वेद के अधिकाधिक उपयोग का भी आह्वान किया।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री का यह दौरा राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सीआरपीएफ की प्रतिबद्धता तथा राष्ट्र निर्माण में इसके बहुमुखी योगदान के प्रति सरकार की मान्यता को रेखांकित करता है।

Read More »

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्म शताब्दी पर नई दिल्ली स्थित ‘सदैव अटल’ स्मृति स्थल जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्म शताब्दी पर नई दिल्ली स्थित ‘सदैव अटल’ स्मृति स्थल जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

X प्लेटफॉर्म पर अपनी पोस्ट्स में श्री अमित शाह ने कहा कि सुशासन और जनकल्याण के प्रति अटल जी का समर्पण भावी पीढ़ियों को दिशा दिखाता रहेगा। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन करते हुए कहा कि अटल जी ने विचारधारा के प्रति समर्पण और मूल्य-आधारित राजनीति से देश में विकास और सुशासन के नए युग की शुरुआत की। श्री शाह ने कहा कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को कार्य संस्कृति बनाने वाले वाजपेयी जी ने देश की सुरक्षा और जनकल्याण को सदैव सर्वोपरि रखा। उन्होंने कहा कि अटल जी ध्रुवतारे के समान अनंत काल तक देशवासियों को राष्ट्रसेवा के पथ पर दिशा दिखाते रहेंगे।

Read More »

प्रधानमंत्री रोजगार मेले के अंर्तगत 23 दिसंबर को केंद्र सरकार के विभागों और संगठनों में नवनियुक्त भर्तियों के लिए 71,000 से अधिक नियुक्ति पत्रों का वितरण करेंगे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 दिसंबर को सुबह करीब 10:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नवनियुक्त भर्तियों के लिए 71,000 से अधिक नियुक्ति पत्रों का वितरण करेंगे। इस अवसर पर वे उपस्थित लोगों को संबोधित भी करेंगे।

रोजगार मेला रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में एक कदम है। यह युवाओं को राष्ट्र निर्माण और आत्म-सशक्तिकरण में उनकी भागीदारी के लिए सार्थक अवसर प्रदान करेगा।

रोजगार मेला देश भर में 45 स्थलों पर आयोजित किया जाएगा। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लिए भर्तियां हो रही हैं। देश भर से चयनित नए कर्मचारी गृह मंत्रालय, डाक विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, वित्तीय सेवा विभाग सहित विभिन्न मंत्रालयों/विभागों में शामिल होंगे।

Read More »

अश्विनी वैष्णव ने आज नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में 101 रेलवे अधिकारियों को 69वें अति विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कार 2024 तथा विभिन्न श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 22 मंडलों को शील्ड प्रदान की

केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में 101 रेल अधिकारियों को 69वें अति विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कार तथा विभिन्न श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 22 मंडलों को शील्ड प्रदान की। इस समारोह में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं सीईओ श्री सतीश कुमार, रेलवे बोर्ड के सदस्य तथा विभिन्न रेल मंडलों एवं उत्पादन इकाइयों के महाप्रबंधक उपस्थित रहे ।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001UDE7.jpg

पुरस्कार और शील्ड प्रदान करने के बाद उपस्थित गणमान्‍य व्‍यक्तियों को संबोधित करते हुए रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने सभी पुरस्कार विजेताओं को उनके असाधारण कार्यों और प्रयासों के लिए बधाई दी। उन्होंने पिछले एक दशक में भारतीय रेल में हुई परिवर्तनकारी प्रगति को रेखांकित किया। उन्होंने निर्माण की तीव्र गति, कश्मीर से कन्याकुमारी रेल लिंक जैसी परियोजनाओं को पूरा करने और लंबित पूर्वोत्तर कनेक्टिविटी पहलों पर जोर दिया। 2025 तक 100 प्रतिशत विद्युतीकरण के लक्ष्य के साथ विद्युतीकरण के प्रयासों में तेजी आई है, जबकि वंदे भारत, नमो भारत और माल ढुलाई गलियारों जैसी परियोजनाओं ने रफ्तार पकड़ी है। कवच सुरक्षा प्रणाली को बड़े पैमाने पर लागू किया गया है। श्री वैष्णव ने स्टेशन पुनर्विकास में उल्लेखनीय प्रगति, गंभीर दुर्घटनाओं के मामलों में पर्याप्त कमी (345 से 90 तक) और शिकायतों से मुक्त कुशल भर्ती प्रक्रिया, 1.5 लाख पदों को भरने को रेखांकित किया। उन्‍होंने कहा कि स्वच्छता की दिशा में उठाए गए कदमों ने सराहना बटोरी है, जिसमें विपक्षी नेताओं द्वारा की गई प्रशंसा भी शामिल है, तथा एक नया सुपर ऐप जल्द ही यात्रियों के अनुभव में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला है।

श्री वैष्णव ने सुरक्षा, रखरखाव, गुणवत्ता और प्रशिक्षण में प्रयासों को तीन गुना बढ़ाने, बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने और यात्रियों को विश्व स्तरीय अनुभव प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने जमीनी स्तर से फीडबैक को शामिल करते हुए रखरखाव में नवाचार पर महत्वपूर्ण रूप से ध्यान देने की घोषणा की, जिसमें उद्योग सहकारिता, उन्नत निरीक्षण प्रणालियां तथा अधिकारियों और तकनीशियनों के लिए बेहतर प्रशिक्षण शामिल है। जीरो डिरेलमेंट ज़ोन जैसी पहलों को शील्ड और वित्तीय पुरस्कारों से पुरस्‍कृत किए जाने सहित सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है। उन्होंने सतत प्रगति सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीक, नीतिगत सुधारों और संरचनात्मक परिवर्तनों के एकीकरण पर जोर दिया। “राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम” के लोकाचार पर विचार करते हुए श्री वैष्‍णव ने रेल को उत्कृष्टता का प्रतीक बनाए रखने के लिए प्रत्येक नागरिक, विशेष रूप से वंचितों की कुशलता और देखभाल के साथ सेवा करते हुए अद्वितीय टीमवर्क और अथक प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने अगले साल से उत्कृष्ट एसएमक्यूटी (सर्वाधिक सुरक्षित, रखरखाव, गुणवत्ता और प्रशिक्षण) प्रथाओं के माध्यम से रेलवे की कार्य संस्कृति में उत्कृष्टता लाने के लिए शील्ड के साथ वित्तीय पुरस्कारों की भी घोषणा की।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ श्री सतीश कुमार ने अपने स्वागत भाषण में भारत में रेल यात्रियों को विश्व स्तरीय यात्रा के अनुभव के साथ-साथ किफायती रेल सेवाएं प्रदान करने की भारतीय रेल की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। नई दिल्ली में प्रगति मंडपम में हिंदी में सभा को संबोधित करते हुए सीआरबी ने कहा कि गति, आराम और सुरक्षा के सिद्धांतों में उत्कृष्टता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हम यात्री अनुभव को बेहतर बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक को शामिल कर रहे हैं। सुरक्षा के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने सतर्कता की संस्कृति विकसित करने के लिए रेल अधिकारियों की प्रशंसा की।

अमृत भारत स्टेशन जैसी परियोजनाएं लिफ्ट, एस्केलेटर और दिव्यांगजनों के अनुकूल बुनियादी ढांचे सहित विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ स्टेशनों को बदल रही हैं। श्री कुमार ने रेलवे के भीतर बेजोड़ टीमवर्क की सराहना करते हुए इसे अपने संचालन का सबसे महत्‍वपूर्ण भाग करार दिया और बड़े पैमाने पर परियोजनाओं को क्रियान्वित करने में सच्चे नेतृत्व की भूमिका को रेखांकित किया। सभी को एक साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने भविष्य के मानक निर्धारित करते हुए समकालीन मांगों को पूरा करने के लिए आधुनिकीकरण और सुरक्षा के रेलवे के मिशन को दोहराया। उन्होंने कहा कि रेलवे निर्बाध गति, आधुनिकीकरण और भारत के लोगों की सेवा के प्रति समर्पण के माध्यम से उत्कृष्टता और प्रगति का प्रतीक है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0037ETI.jpg

भारतीय रेल द्वारा हर साल अपने कर्मचारियों को अति विशिष्ट रेल पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। ये पुरस्कार दो श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं, व्यक्तिगत पुरस्कार, साथ ही सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले रेलवे मंडल को शील्ड प्रदान की जाती है। व्यक्तिगत पुरस्कार भारतीय रेल को अधिक कुशल, सुरक्षित और यात्री-अनुकूल संगठन बनाने की दिशा में रेल कर्मियों के समर्पण, कड़ी मेहनत और असाधारण योगदान की सराहना करने और जश्न मनाने के मंच का कार्य करते हैं। विभिन्न श्रेणियों में शील्ड पुरस्कार भारतीय रेल के समग्र प्रदर्शन में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों और योगदान की प्रशंसा करते हुए प्रदान किए जाते हैं।

Read More »

नए ऊंचाईंयां को छू रही है पीएलआई योजना

भारत का विनिर्माण क्षेत्र एक बदलावकारी यात्रा की राह पर है, जिसका मकसद दूरदर्शी नीतियों के माध्यम से वैश्विक जगत में अपनी मौजूदगी दर्ज करना है.  इस विकास का केंद्रबिंदु उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना है, जो नवाचार को बढ़ावा देते हुए, दक्षता में वृद्धि करते हुए, और महत्वपूर्ण उद्योगों में प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देते हुए देश को एक अग्रणी वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने के सरकार के साहसिक दृष्टिकोण की आधारशिला है।

पीएलआई योजना ने निवेश, उत्पादन और रोजगार सृजन के मामले में शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं। अगस्त 2024 तक 14 क्षेत्रों में 1.46 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप 12.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का क्रमागत उत्पादन/बिक्री , 9.5 लाख से अधिक रोजगार सृजन और 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात हुआ है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों का महत्वपूर्ण योगदान है। वित्त वर्ष 2022-23 और वित्त वर्ष 23-24 के दौरान क्रमशः 8 क्षेत्रों में 2,968 करोड़ रुपये और 9 क्षेत्रों में 6,753 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया गया।

2020 में शुरू की गई पीएलआई योजना सिर्फ़ एक नीति ही नहीं है बल्कि यह आत्मनिर्भरता की दिशा में एक रणनीतिक छलांग है। आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल के दृष्टिकोण के साथ तैयार की गई पीएलआई योजना विनिर्माण की रीढ़ को मज़बूत करने, आयात पर निर्भरता कम करने और विकास को स्थिरता के साथ संतुलित करने का प्रयास करती है। यह उत्पादन उत्कृष्टता में अग्रणी होने, नवाचार को बढ़ावा देने और एक संपन्न औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के राष्ट्र के संकल्प को रेखांकित करती है जो स्थानीय प्रगति और वैश्विक प्रतिस्पर्धा दोनों को शक्ति प्रदान करती है। भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बढ़ाने के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 14 प्रमुख क्षेत्रों के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं की घोषणा की गई है । ये 14 क्षेत्र हैं:

  1. मोबाइल विनिर्माण और निर्दिष्ट इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट,
  2. महत्वपूर्ण प्रमुख शुरूआती सामग्री/ड्रग इंटरमीडियरीज एंड एक्टिव
  3. चिकित्सा उपकरणों का विनिर्माण
  4. ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट
  5. फार्मास्यूटिकल्स ड्रग्स
  6. स्पेशलिटी स्टील
  7. दूरसंचार एवं नेटवर्किंग उत्पाद
  8. इलेक्ट्रॉनिक/ प्रौद्योगिकी उत्पाद
  9. व्हाइट गुड्स(एसी और एलईडी)
  10. खाद्य उत्पाद
  11. वस्त्र उत्पाद: एमएमएफ सेगमेंट और टेक्निकल टेक्सटाइल्स
  12. उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल
  13. उन्नत रसायन सेल (एसीसी) बैटरी
  14. ड्रोन और ड्रोन कंपोनेंट।

पीएलआई योजनाओं में उत्पादन को बढ़ावा देने, विनिर्माण गतिविधियों में वृद्धि करने और अगले पांच वर्षों में आर्थिक विकास में योगदान करने की क्षमता है। अभी तक, 14 क्षेत्रों में पीएलआई योजनाओं के तहत 764 आवेदनों को मंजूरी दी गई है। इन 764 में से, खाद्य उत्पाद क्षेत्र 182 मंजूरी के साथ शीर्ष पर बना हुआ है, इसके बाद ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट क्षेत्र 95 मंजूरी के साथ दूसरे स्थान पर है। कपड़ा उत्पाद: एमएमएफ सेगमेंट और टेक्निकल टेक्सटाइल्स के लिए 74 आवेदन स्वीकृत हुए  है जबकि, स्पेशलिटी स्टील के लिए67 प्रस्ताव मंजूर हुए हैं  और व्हाइट गुड्स (एसी और एलईडी) के लिए 66 आवेदन मिल चुके हैं।इसके अतिरिक्त, महत्वपूर्ण प्रमुख शुरूआती सामग्री/ड्रग इंटरमीडियरीज एंड एक्टिव दवा सामग्री जैसे क्षेत्रों के लिए51 कोफार्मास्युटिकल ड्रग्स के लिए 5, दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए42, ड्रोन और ड्रोन घटकों जैसे उभरते क्षेत्रों के लिए23, उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के लिए 14 और उन्नत रसायन सेल (एसीसी) बैटरी के लिए4 को मंजूरी मिली है। मंजूरी में विविधता भविष्य के लिए तैयार उद्योगों पर योजना के फोकस को उजागर करती है, जो वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए इसके व्यापक दृष्टिकोण को रेखांकित करती है।

निष्कर्ष निकाला जाए तो पीएलआई योजना मुख्य रूप से एमएसएमई क्षेत्र के भीतर मूल्य श्रृंखलाओं में सहायक इकाइयों के विकास को बढ़ावा देकर भारत के एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र पर व्यापक प्रभाव डालने के लिए पूरी तरह तैयार है। आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के साथ, पीएलआई योजना न केवल औद्योगिक विकास को बढ़ावा दे रही है, बल्कि विनिर्माण में भारत की आत्मनिर्भरता और वैश्विक अगुवाई करने का मार्ग भी प्रशस्त कर रही है।

Read More »

सीएक्यूएम उप-समिति ने पूरे एनसीआर में जीआरएपी शेड्यूल (13.12.2024 को जारी) के चरण-IV (‘गंभीर+ वायु गुणवत्ता) को तत्काल प्रभाव से लागू किया

माननीय सर्वोच्च न्यायालय नेदिनांक 05.12.2024 को डब्ल्यूपी(सी) एनओ13029/1985 के एमसी मेहता बनाम भारत संघ एवं अन्य के मामले में, अन्य बातों के अलावा , आयोग को निम्नानुसार निर्देश दिया:

“…हमें यहाँ यह दर्ज करना चाहिए कि यदि आयोग पाता है कि एक्यूआई 350 से ऊपर चला जाता हैतो एहतियाती कदम के रूप मेंचरण-III उपायों को तुरंत लागू करना होगा। यदि किसी दिन एक्यूआई 400 को पार कर जाता हैतो चरण-IV उपायों को फिर से लागू करना होगा…”

माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने उपरोक्त मामले में अपने दिनांक 12.12.2024 के आदेश में इसे पुनः दोहराया।

माननीय सर्वोच्च न्यायालय के उपरोक्त निर्देशों के अनुसरण में, आयोग ने अपने पूर्व आदेश के तहतउस समय जीआरएपीचरण-III लागू किया था, जब प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों और प्रदूषकों के फैलाव के अन्य कारकों के कारण दिल्ली का एक्यूआई 350 के स्तर को पार कर गया था।

हालांकि, मिक्सिंग लेयर की ऊंचाई में भारी कमी और दिल्ली में पूरी तरह शांत हवा की स्थिति के कारण वायु गुणवत्ता के पैरामीटर और भी खराब हो गए हैं। तदनुसार, जीआरएपी संबंधी उप-समिति दिल्ली में वायु गुणवत्ता परिदृश्य पर कड़ी नज़र रख रही है। उप-समिति ने पाया कि वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्तर रात लगभग 400 के स्तर को छू गया था, यानी रात 9 बजे यह 399 था और रात 10 बजे यह 401 दर्ज किया गया, जो 400 के स्तर से ज्यादा था।

तदनुसार, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में, उप समिति जीआरएपीशेड्यूल के चरण-IV को तत्काल प्रभाव से लागू करती है, जिसे 13.12.2024 को व्यापक रूप से संशोधित करके जारी किया गया था। चरण-IV के अंतर्गत की जाने वाली कार्रवाइयाँ पहले से लागू चरण III, II और I के अंतर्गत की जाने वाली कार्रवाइयों के अतिरिक्त होंगी।

संशोधित जीआरएपी शेड्यूल (दिसंबर, 2024) का पूरा विवरण आयोग की आधिकारिक वेबसाइट https://caqm.nic.in  पर देखा जा सकता है।

Read More »

उपभोक्ता मामले का विभाग 24 दिसंबर 2024 को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर ‘जागो ग्राहक जागो ऐप’, ‘जागृति ऐप’ और ‘जागृति डैशबोर्ड’ का शुभारंभ करेगा, ताकि उपभोक्ताओं को डार्क पैटर्न्‍स से बचाया जा सके

डिजिटल युग में उपभोक्ता संरक्षण को मजबूत करने और ई-कॉमर्स और ऑनलाइन सेवाओं में अनुचित प्रथाओं पर अंकुश लगाने के लिए सरकार की व्यापक रणनीति और चल रहे प्रयासों के हिस्से के रूप में, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने 2023 में डार्क पैटर्न्‍स की रोकथाम और विनियमन के लिए दिशा-निर्देश अधिसूचित किए थे और 13 डार्क पैटर्न्‍स निर्दिष्ट किए थे, अर्थात्: झूठी तात्कालिकता, छुपी हुई खरीदारी, सहमति के लिए मजबूर करना, जबरन कार्रवाई, सदस्यता का जाल, इंटरफेस हस्तक्षेप, छल-कपट, धीरे-धीरे बढ़ती कीमतें, छुपा हुआ विज्ञापन और परेशान करना, छल-कपट वाली शब्‍दावली, सास बिलिंग और दुर्भावनापूर्ण मैलवेयर।

सीसीपीए ने पहले इंडिगो एयरलाइंस और बुकमाईशो को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत भ्रामक डिज़ाइन पैटर्न्‍स/डार्क पैटर्न्‍स के रूप में कथित भ्रामक विज्ञापन/अनुचित व्यापार प्रथाओं के लिए नोटिस जारी किया था।

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के संज्ञान में आया कि बुकमाईशो ने कन्फर्म टिकट बुक करने के बाद ग्राहकों पर कथित रूप से अतिरिक्त शुल्क लगाया था। उपभोक्ता की सहमति के बिना प्री-टिक के रूप में ‘बुकएस्‍माइल’ में योगदान के रूप में प्रति टिकट 1 रुपया स्वचालित रूप से जोड़ दिया गया था। यह डार्क पैटर्न्‍स की रोकथाम और विनियमन, 2023 के दिशा-निर्देशों के अनुलग्नक 1 के खंड (2) के तहत परिभाषित ‘बास्केट स्नीकिंग’ करना था। सीसीपीए के हस्तक्षेप के बाद बुकमाईशो ने ग्राहकों को यह चुनने का विकल्प देकर ‘बास्केट स्नीकिंग’ के मुद्दे को संबोधित किया कि वे बुकएस्‍माइल में योगदान करना चाहते हैं या नहीं।

राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों के आधार पर, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने इंडिगो एयरलाइंस ऐप पर ‘कन्फर्म शेमिंग’ से संबंधित कथित अनुचित व्यापार प्रथाओं / डार्क पैटर्न और सीट आवंटन पर पारदर्शी संचार की कमी के लिए इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड (इंडिगो एयरलाइन) को नोटिस जारी किया।

सीसीपीए के हस्तक्षेप के बाद इंडिगो एयरलाइन ने शब्द बदलकर ‘‘नहीं, मैं यात्रा में कोई बदलाव नहीं करूंगा’’ करके, इस मुद्दे को सुलझा लिया है, जो स्पष्टता और तटस्थता सुनिश्चित करता है। पहले इस्तेमाल किए गए शब्द ‘‘नहीं, मैं जोखिम लूंगा’’ थे, जो ‘सहमति के लिए मजबूर करना’ था, जो एक डार्क पैटर्न है। एक अन्य मामले में, एयरलाइन को ‘‘सीट का चयन’’ पृष्ठ पर ‘‘छोड़ें’’ बटन के साथ जुड़ी समस्या को संबोधित करने और अपने वेब चेक-इन पेज की व्यापक पुनः जांच और फिर से डिज़ाइन करने का निर्देश दिया गया था। तदनुसार, एयरलाइन ने ‘‘छोड़ें बटन’’ के बाईं ओर एक अस्वीकरण प्रदान करके अपनी वेबसाइट/ऐप में संशोधन करके ‘प्राथमिकतापूर्ण सीटिंग’ के इस मुद्दे को संबोधित किया, जहां यह लिखा है कि ‘‘आप पसंदीदा सीट का चयन छोड़ सकते हैं और अपनी बुकिंग पूरी कर सकते हैं। इंडिगो आपकी यात्रा से पहले एक सीट स्वचालित रूप से आवंटित करेगा।’’

अपने विधायी उद्देश्‍य के हिस्से के रूप में, सीसीपीए ने उद्योग हितधारकों के साथ कई बैठकें कीं और उनसे डार्क पैटर्न्‍स का उपयोग करने से दूर रहने का अनुरोध किया, क्‍योंकि ऐसा करना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत अनुचित व्यापार प्रथा है। सीसीपीए ने डार्क पैटर्न्‍स पर सूचनात्मक पोस्ट, वीडियो और कहानियों के जरिए से अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करके अपने उपभोक्ता आउटरीच का विस्तार करने पर भी ध्यान केंद्रित किया है। सीसीपीए ने डार्क पैटर्न्‍स से संबंधित शिकायतों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर अपनी टीम को भी प्रशिक्षित किया है।

उपभोक्ता मामले का विभाग अब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर डार्क पैटर्न्‍स की पहचान करने के लिए साधनों और संसाधनों से लैस है और जल्द ही इन टूल्‍स के साथ उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने जा रहा है। आईआईटी (बीएचयू) इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग के एनसीसी लैब में छात्रों द्वारा किए गए गहन शोध के भाग के रूप में, प्रिंस अमन और नमित मिश्रा द्वारा तीन ऐप्‍स विकसित किए गए हैं, जिनमें नाम हैं; ‘जागो ग्राहक जागो ऐप’, ‘जागृति ऐप’ और ‘जागृति डैशबोर्ड’ शामिल हैं। ये ऐप्‍स एक बुद्धिमान साइबर-भौतिक प्रणाली का हिस्सा हैं, जो वास्तविक समय में काम करते हैं और एआई और डेटा एनालिटिक्स के लिए राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत ऐरावत एआई सुपरकंप्यूटर पर चलते है। यह अभिनव प्रणाली ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर मौजूदा टेक्स्ट और डिज़ाइन एलिमेंट्स का विश्लेषण करती है, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि उनका उपयोग उपभोक्ता मनोविज्ञान को प्रभावित करने के लिए किया जा रहा है या नहीं।

‘जागो ग्राहक जागो ऐप’ उपभोक्ता की ऑनलाइन गतिविधियों के दौरान सभी यूआरएल के बारे में आवश्यक ई-कॉमर्स जानकारी प्रदान करता है, उन्हें सचेत करता है कि कोई यूआरएल असुरक्षित हो सकता है और सावधानी बरतने की जरूरत है। इस बीच, ‘जागृति ऐप’ उपयोगकर्ताओं को उन यूआरएल की रिपोर्ट करने की अनुमति देता है, जहां उन्हें एक या अधिक डार्क पैटर्न्‍स की उपस्थिति का संदेह है, जिन्हें अवैध घोषित किया गया है। इन रिपोर्टों को फिर संभावित निवारण और बाद की कार्रवाई के लिए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) में शिकायत के रूप में पंजीकृत किया जाता है। इसके अलावा, सीसीपीए को ‘जागृति डैशबोर्ड’ के साथ मजबूत किया जा रहा है, जिसका उपयोग उपरोक्त डार्क पैटर्न्‍स की उपस्थिति के लिए ई-कॉमर्स यूआरएल पर वास्तविक समय की रिपोर्ट बनाने के लिए किया जाता है, जिससे ऑनलाइन उपभोक्ता इंटरैक्शन की प्रभावी रूप से निगरानी और विनियमन करने की क्षमता बढ़ जाती है। यह समाधान सीसीपीए को डार्क पैटर्न की पहचान करने, उपभोक्ता विवादों के समाधान में तेजी लाने और उपभोक्ता हितों के लिए हानिकारक प्रथाओं पर अंकुश लगाने में सहायता करेगा।

उपरोक्त पहलों के जरिए विभाग निम्नलिखित प्रयास करता है:

  • एक पारदर्शी और न्‍यायसंगत डिजिटल बाजार बनाना, जहां उपभोक्ता बिना किसी धोखे या दबाव के सूचित निर्णय ले सकें;
  • उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करना;
  • ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को विनियमित करना, ताकि सब्सक्रिप्शन ट्रैप जैसी प्रथाओं को रोका जा सके, जहां उपभोक्ता अनजाने में आवर्ती भुगतान या भ्रामक उत्पाद पेशकश के लिए साइन अप कर लेते हैं;
  • कंपनियों को नैतिक डिज़ाइन प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना, जो उपभोक्ता अधिकारों और पारदर्शिता को प्राथमिकता देते हैं।

Read More »

उपराष्ट्रपति ने कहा- चौधरी चरण सिंह ने पारदर्शिता, जवाबदेही, ईमानदारी और निडर राजनेता होने का उदाहरण प्रस्तुत किया

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज कृषि, ग्रामीण विकास और पत्रकारिता में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए चौधरी चरण सिंह पुरस्कार 2024 प्रदान किए। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री धनखड़ ने चौधरी चरण सिंह की असाधारण विरासत की सराहना करते हुए ग्रामीण विकास, किसानों के कल्याण एवं समावेशी विकास के प्रति उनके अथक समर्पण का उल्लेख किया।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि चौधरी चरण सिंह देश के उत्कृष्ट व्यक्तित्वों में से एक थे। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जो पारदर्शिता, जवाबदेही, ईमानदारी, ग्रामीण विकास और किसानों के लिए प्रतिबद्धता तथा अपने विचारों को व्यक्त करने में निडर थे।

उनके नेतृत्व का उल्लेख करते हुए, श्री धनखड़ ने कहा कि चौधरी चरण सिंह की पहचान उत्कृष्टता, संपूर्ण राजनेता, दूरदर्शिता और समावेशी विकास से है। इसमें किसी तरह का कोई आश्चर्य नहीं कि वे भारत के सबसे बड़े राज्य के पहले मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री बने।

उनके योगदान को कम मान्यता मिलने पर चिंता जताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि जब लोग ऐसे व्यक्ति के महान योगदान का मूल्यांकन करने में अदूरदर्शिता दिखाते हैं तो मन को ठेस पहुंचती है। उनके अद्भुत गुण, गहरी लगन और ग्रामीण भारत के बारे में उनका ज्ञान दुनिया भर के प्रबुद्ध व्यक्तियों के लिए चिंतन का विषय है। एक धरतीपुत्र के रूप में, वह न केवल ग्रामीण भारत के बारे में बल्कि शहरी भारत के बारे में भी सजग थे और उनकी दूरदृष्टि हमारी सभ्यतागत लोकाचार से जुड़ी हुई थी।

आज नई दिल्ली में चौधरी चरण सिंह पुरस्कार 2024 के विजेताओं को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि कृषि ग्रामीण विकास की रीढ़ है। जब तक कृषि का विकास नहीं होगा, ग्रामीण परिदृश्य को नहीं बदला जा सकता और जब तक ग्रामीण परिदृश्य नहीं बदलेगा, हम विकसित राष्ट्र बनने की आकांक्षा नहीं रख सकते।

भारत की आर्थिक प्रगति पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस समय भारत पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। निस्संदेह, हमारी अर्थव्यवस्था फल-फूल रही है। हम वैश्विक स्तर पर पांचवें सबसे बड़े देश हैं और जापान और जर्मनी से आगे निकलकर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर हैं लेकिन 2047 तक विकसित देश बनने के लिए हमारी आय में आठ गुना वृद्धि होनी चाहिए जो एक बड़ी चुनौती है।

इस चुनौती को संबोधित करते हुए, श्री धनखड़ ने गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि गांव की अर्थव्यवस्था तभी बेहतर हो सकती है जब किसान और उनका परिवार विपणन, मूल्य संवर्धन और हर जगह क्लस्टर बनाने में शामिल हो, जिससे आत्मनिर्भरता आए। हमारे पास सबसे बड़ी बाजार कृषि उपज है, फिर भी कृषक समुदाय इससे शायद ही जुड़े हों। कृषि क्षेत्र को सरकारों द्वारा प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि यह आर्थिक विकास का इंजन बन सके।

उपराष्ट्रपति ने लोकतंत्र के सार को भी रेखांकित करते हुए कहा कि अभिव्यक्ति और संवाद लोकतंत्र को परिभाषित करते हैं। एक राष्ट्र कितना लोकतांत्रिक है, यह उसके व्यक्तियों और संगठनों की अभिव्यक्ति की स्थिति से परिभाषित होता है। किसी भी लोकतंत्र की सफलता के लिए, अभिव्यक्ति और संवाद दोनों पक्षों की बड़ी जिम्मेदारी के साथ चलना चाहिए।

सांसदों के बीच जवाबदेही का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हर विचारशील भारतीय अपने दिमाग को खंगाले और उन सभी लोगों के प्रति जवाबदेही की गहरी भावना आत्मसात करे, जिन पर दायित्व हैं। कोई गलती न करें क्योंकि वह सांसदों की बात कर रहे है। लोगों ने अव्यवस्था को व्यवस्था के रूप में लेना सीख लिया है। अब घृणा की कोई भावना नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि लोगों की कलम चलेगी, लोगों के विचार चलेंगे, लोग मजबूर करेंगे की आप सोचिए आप वहां क्यों गए थे। उन्होंने कहा कि इस विचार के साथ वह इसे समाप्त करते है।

चौधरी चरण सिंह पुरस्कारों पर विचार करते हुए उपराष्ट्रपति ने उनकी स्थिरता पर जोर देते हुए कहा कि इन पुरस्कारों को समय के साथ इस तरह से संरचित किया जाना चाहिए कि भावी पीढ़ी आत्मनिर्भर हो सके। कामकाज में उदारता के लिए वित्तीय मजबूती बहुत जरूरी है। जो कोई भी ग्रामीण भारत और किसानों के कल्याण के बारे में सोचता है, चाहे वह कॉर्पोरेट क्षेत्र से हो, बुद्धिजीवियों से हो या समाज के अन्य क्षेत्रों से, उसे इस तरह के विश्वास को बढ़ावा देने के लिए आगे आना चाहिए, क्योंकि लंबे समय तक हमें दूसरा चौधरी चरण सिंह नहीं मिलेगा।

चौधरी चरण सिंह पुरस्कार 2024 में कृषि, ग्रामीण विकास और पत्रकारिता में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। सुश्री नीरजा चौधरी को व्यावहारिक पत्रकारिता के प्रति समर्पण के लिए कलाम रत्न पुरस्कार प्रदान किया गया। जल संरक्षण में उनके अग्रणी प्रयासों के लिए डॉ. राजेंद्र सिंह को सेवा रत्न पुरस्कार प्रदान किया गया। कृषि अनुसंधान और नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए डॉ. फिरोज हुसैन को कृषक उत्थान पुरस्कार प्रदान किया गया। श्री प्रीतम सिंह को कृषि उत्कृष्टता में उनके योगदान के लिए किसान पुरस्कार प्रदान किया गया।

इस अवसर पर केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

Read More »

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान में पश्मीना प्रमाणीकरण और अगली पीढ़ी के डीएनए अनुक्रमण सुविधा के लिए उन्नत सुविधा केंद्र का उद्घाटन किया

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने आज पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह की उपस्थिति में देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) में पश्मीना प्रमाणीकरण तथा अगली पीढ़ी के डीएनए अनुक्रमण सुविधा के लिए उन्नत केंद्र का उद्घाटन किया। ये नई सुविधाएं पिछले वर्ष रखी गई आधारशिला पर निर्मित की गई इमारत में उपलब्ध हैं। केंद्रीय मंत्री ने पश्मीना प्रमाणन केंद्र (पीसीसी) का उद्घाटन किया और इसका पहला विशिष्ट पहचान बारकोड तथा प्रमाण पत्र जारी किया।

अगली पीढ़ी अनुक्रमण सुविधा (एनजीएस):

अगली पीढ़ी की डीएनए अनुक्रमण सुविधा (एनजीएस) एक क्रांतिकारी तकनीक है, जो लाखों डीएनए अनुक्रमों का एक साथ विश्लेषण करते हुए संपूर्ण जीनोम के तीव्र और उच्च-थ्रूपुट डिकोडिंग को सक्षम बनाती है। इससे शोधकर्ताओं को आनुवंशिक विविधता, विकासवादी संबंधों और जनसंख्या स्वास्थ्य के बारे में गहन जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलती है। वन्यजीव संरक्षण में, एनजीएस की आनुवंशिक विविधता के संबंध में जनसंख्या आनुवंशिक स्वास्थ्य की पहचान करने, आनुवंशिक बाधाओं की जानकारी और आबादी पर उनके प्रभाव, अद्वितीय अनुकूलन एवं विशिष्ट विकासवादी इतिहास वाली प्रजातियों, रोग के प्रकोप को समझने, अवैध वन्यजीव व्यापार का पता लगाने तथा जैव विविधता पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन करने में महत्वपूर्ण भूमिका है। यह अत्याधुनिक एनजीएस सुविधा भारतीय वन्यजीव संस्थान को वन्यजीव संरक्षण में आणविक व आनुवंशिक अनुसंधान के लिए एक अग्रणी केंद्र के रूप में स्थापित करती है, जिससे जैव विविधता जीनोमिक्स, जनसंख्या आनुवंशिकी और रोग निगरानी जैसे क्षेत्रों में उन्नत अध्ययन संभव हो सकेगा।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह सुविधा भारत में वन्यजीव अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण परिवर्तनकारी कदम है। उन्होंने कहा कि यह वैज्ञानिकों को हमारी जैव विविधता के आनुवंशिक रहस्यों को समझने और इसे बचाने के उद्देश्य से विज्ञान आधारित समाधान बनाने के लिए नवीनतम उपकरणों से सशक्त बनाता है। भारत, एक महाविविध देश के रूप में आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारे बहुमूल्य वन्यजीवों के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लक्ष्य के साथ ऐसी उन्नत क्षमताओं की आवश्यकता है।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने इस सुविधा की क्षमता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अगली पीढ़ी की अनुक्रमण सुविधा के साथ, हम सटीकता और नवीनता के साथ आधुनिक संरक्षण चुनौतियों का समाधान करने के लिए स्वयं को सुसज्जित कर रहे हैं। ऐसी आधुनिक प्रौद्योगिकियों को संभालने हेतु स्वदेशी क्षमता का विकास करना और उन्नत क्षमता का निर्माण करना हमारे देश को आगे ले जाने के लिए महत्वपूर्ण है।

एनजीएस सुविधा केंद्र से चल रही परियोजनाओं को बढ़ावा मिलने और नए शोध के अवसर उपलब्ध होने की आशा है, जिसमें जलवायु परिवर्तन के लिए आनुवंशिक अनुकूलन का अध्ययन, रोगाणु-पोषक अंतःक्रिया और बाघ, हाथी, नदी डॉल्फिन तथा अन्य लुप्तप्राय प्रजातियों हेतु संरक्षण रणनीतियों का विकास शामिल है।

पश्मीना प्रमाणन के लिए उन्नत सुविधा

पीसीसी ने अपनी स्थापना के बाद से एक वर्ष में 15,000 से अधिक शॉलों को प्रमाणित किया है, जिससे उनकी प्रामाणिकता सुनिश्चित हुई है और उनमें अन्य रेशों की मिलावट नहीं हुई है, जिससे राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय दोनों बाजारों में असली पश्मीना उत्पादों का निर्बाध व्यापार संभव हो सका है। पश्मीना प्रमाणन के लिए उन्नत सुविधा में अब एनर्जी डिस्पर्सिव स्पेक्ट्रोस्कोपी (ईडीएस) के साथ एक विशेष स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप (एसईएम) शामिल है, जो ऊन के परीक्षण एवं प्रमाणन की सटीकता व विश्वसनीयता को बढ़ाता है।

आत्मनिर्भर भारत में एक मील का पत्थर

डब्ल्यूआईआई और हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) के माध्यम से सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत स्थापित पीसीसी, पारंपरिक हस्तशिल्प में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हुए कारीगरों, बुनकरों तथा व्यापारियों को समर्थन देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का उदाहरण है।

उन्नत सुविधा में निम्नलिखित सुविधाएं शामिल हैं:

उन्नत फाइबर विश्लेषण: पश्मीना फाइबर की सटीक पहचान और प्रमाणीकरण के लिए एसईएम-ईडीएस प्रौद्योगिकी उपलब्ध है।

सुव्यवस्थित प्रमाणन: पता लगाने तथा गुणवत्ता आश्वासन के लिए विशिष्ट आईडी टैगिंग और ई-प्रमाणपत्र दिया जाता है।

वैश्विक व्यापार सुविधा: प्रमाणित उत्पादों का परेशानी मुक्त आवागमन, निकास बिंदुओं पर फाइबर जांच के कारण होने वाली देरी और वित्तीय नुकसान को समाप्त करना सुनिश्चित किया है।

कारीगरों और संरक्षण प्रयासों का सहयोग

पश्मीना जम्मू और कश्मीर के कारीगरों तथा बुनकर समुदायों के लिए आजीविका का आधार है। पीसीसी वास्तविक उत्पादों को प्रमाणित करके, वैश्विक बाजारों में उनकी विश्वसनीयता बढ़ाकर और निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करके उनके उद्योग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अतिरिक्त, यह सुविधा प्रतिबंधित रेशों के उपयोग को हतोत्साहित करती है, जो अप्रत्यक्ष रूप से तिब्बती मृग (चिरू) के संरक्षण में योगदान देती है, जिसका निवास स्थान पहले शहतूश ऊन के अवैध व्यापार से खतरे में था।

एक आत्मनिर्भर मॉडल

पीसीसी एक सरकारी संगठन के भीतर एक अद्वितीय, आत्मनिर्भर पहल का प्रतिनिधित्व करता है, जो पीपीपी मॉडल के तहत उभरते पेशेवरों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करते हुए राजस्व उत्पन्न करता है।

 

Read More »

केंद्रीय रेल राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने क्रिसमस और सबरीमाला तीर्थयात्रा के अवसर पर केरल के लिए विशेष ट्रेन सेवाएं प्रदान करने के लिए रेल मंत्री को हार्दिक धन्यवाद दिया

केंद्रीय अल्पसंख्यक मामले और मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन ने क्रिसमस और सबरीमाला तीर्थयात्रा के अवसर पर केरल के लिए विशेष ट्रेन सेवाएं प्रदान करने के लिए उनके अनुरोध के आधार पर मंजूरी देने के लिए केंद्रीय रेल, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव को अपना हार्दिक धन्यवाद व्यक्त किया है।

रेल मंत्रालयने 2024 में क्रिसमस के त्यौहार के दौरान केरल से आने-जाने वालों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 10 विशेष रेलगाड़ियों कोचलाने की घोषणा की है और क्रिसमस के लिए विभिन्न रेलवे ज़ोन में 149 विशेष ट्रेन यात्राएंशुरू की जाएँगी। इसके अलावा, सबरीमाला तीर्थयात्रियों की सुगम यात्रा के लिए केरल से आने-जाने के लिए 416 विशेष ट्रेन यात्राएं शुरू करने की घोषणा की गई है।

केंद्रीय अल्पसंख्यक मामले और मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन के अनुरोध पर केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने केरल के लिए विशेष ट्रेनेचलाने को मंजूरी दे दी है। त्योहारी सीजन के दौरान लोगों के लिए सुविधा को बेहतर करने हेतु ये घोषणाएं की गई हैं और ये प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में उत्तरदायी और प्रभावी शासन का प्रतीक है।

क्रिसमस महोत्सव 2024 के लिए विभिन्न जोनों में कुल 149 विशेष ट्रेन यात्राओं की घोषणा की गई है। ट्रेन सेवाओं का विवरण इस प्रकार है:

● दक्षिण पश्चिम रेलवे (एसडब्लयूआर): 17 यात्राएं

● मध्य रेलवे (सीआर): 48 यात्राएं

● उत्तर रेलवे (एनआर): 22 यात्राएं

● दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर): 2 यात्राएं

● पश्चिमी रेलवे (डब्लयूआर): 56 यात्राएं

● पश्चिम मध्य रेलवे (डब्लयूसीआर): 4 यात्राएं

केरल में सबरीमाला तीर्थयात्रा के लिए 416 विशेष ट्रेन यात्राओं का विवरण इस प्रकार है:

● दक्षिण पश्चिम रेलवे (एसडब्लयूआर): 42 यात्राएं

● दक्षिणी रेलवे (एसआर): 138 यात्राएं

● दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर): 192 यात्राएं

● ईस्ट कोस्ट रेलवे (ईसीओआर): 44 यात्राएं

इन ट्रेनों को चलाने का उद्देश्य छुट्टियों के मौसम में बढ़ती मांग को पूरा करते हुए यात्रियों के लिए सुगम और सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित करना है।

Read More »