Breaking News

मुख्य समाचार

जम्मू-कश्मीर में 82 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 395 मीटर (2-लेन) मारोग सुरंग के साथ 250 मीटर सेतु (2-लेन) का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है : गडकरी

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक पोस्ट में कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुमानित लागत पर 395 मीटर (2-लेन) मारोग सुरंग के साथ 250 मीटर सेतु (2-लेन) का 82 करोड़ रुपये का निर्माण कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001H71O.jpg

गडकरी ने कहा कि यह अवसंरचना एनएच-44 के रामबन से बनिहाल खंड के साथ स्थित है। बड़ी परियोजना के हिस्से के रूप में यह 645 मीटर का खंड, न केवल यात्रा की दूरी को 200 मीटर तक कम कर देगा, खड़ी ढलानों को कम करेगा, बल्कि प्रसिद्ध सीता राम पासी स्लाइड क्षेत्र के लिए एक वैकल्पिक मार्ग की सुविधा भी प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्‍त, यह चुनौतीपूर्ण मार्गों क्षेत्र की ढलानों को दरकिनार करते हुए वाहनों के सुचारू प्रवाह की सुविधा प्रदान करता है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image00242LH.jpg

गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत हमने जम्मू और कश्मीर में अद्वितीय राजमार्ग बुनियादी ढांचा प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता को दृढ़ता से बरकरार रखा है। उन्होंने कहा कि यह रूपांतरकारी विकास न केवल क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि में योगदान देता है बल्कि एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में इसके आकर्षण को भी बढ़ाता है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image003BVBQ.jpg

Read More »

राष्ट्रपति ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के नये भवन की आधारशिला रखी

इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने न्यायपालिका से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति से आम जनता को सरल, सुलभ और त्वरित न्याय प्रदान करने के प्रयास करने का आग्रह किया। उन्होंने न्यायपालिका के सामने आने वाली चुनौतियों जैसे बड़ी संख्या में लंबित मामले, बड़ी संख्या में विचाराधीन कैदियों, अदालतों में बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि देश भर की निचली अदालतों में करीब 4.5 करोड़ मामले लंबित हैं और इनमें से कई मामले 20 से 30 वर्षों से लंबित हैं। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने जिला न्यायालयों में दशकों से लंबित मामलों को निपटाने के लिए ’25 डीईबीटी’ नामक एक विशेष अभियान शुरू किया है, जिसके तहत जिला न्यायालय के न्यायाधीशों को अपने न्यायालयों में 25 पुराने मामलों को नियमित रूप से निपटाने के लिए कहा गया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि यह ‘पंच परमेश्वर’ का देश है और न्याय की अवधारणा हमारी ग्रामीण व्यवस्था में शुरू से मौजूद थी। उन्होंने वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे एक ओर जहां विवादों का समाधान सस्ता और आसान हो जाएगा, वहीं दूसरी ओर न्यायपालिका पर बोझ भी कम हो जाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मध्यस्थता अधिनियम, 2023 के प्रावधानों का उपयोग करने से मध्यस्थता को व्यापक और संस्थागत स्वीकृति मिलेगी और मुकदमेबाजी का बोझ कम होगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज टेक्नोलॉजी हर क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी तेजी से बढ़ा है। उन्होंने आगे कहा कि ई-कोर्ट, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, ई-प्रोसिडिंग और ई-फाइलिंग की मदद से जहां न्याय दिलाना आसान हो गया है, वहीं कागज के इस्तेमाल में कमी आने से प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण भी संभव हो गया है। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि सरकार ने हाल ही में ई-कोर्ट परियोजना के तीसरे चरण को मंजूरी दे दी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस चरण के सफल कार्यान्वयन से न्याय प्रणाली सभी हितधारकों के लिए अधिक सुलभ, किफायती, विश्वसनीय और पारदर्शी हो जाएगी।

राष्ट्रपति ने वकील संगठनों और समूहों से वंचितों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए आगे आने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हमें यह ध्यान रखना होगा कि न्याय इतना महंगा न हो जाए कि आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाए। उन्होंने आगे कहा कि इस संबंध में संस्थागत प्रयासों को मजबूत करने की जरूरत है।

राष्ट्रपति ने कहा कि समावेशी भारत के लिए महिला सशक्तिकरण आवश्यक है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में महिलाओं की उचित भागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं में न्याय की सहज भावना होती है और कहा जाता है कि माताएं अपने बच्चों में भेदभाव नहीं करतीं। न्याय प्रदान करने की प्रक्रिया किसी एक गणितीय सूत्र पर आधारित नहीं है और न्याय प्रशासन के लिए किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान की भी आवश्यकता होती है। इस प्रक्रिया में भावनाएँ, परिस्थितियाँ और संवेदनाएँ जैसे अन्य आयाम भी महत्वपूर्ण हैं। अतः न्याय व्यवस्था में महिलाओं की अधिकतम भागीदारी भी न्यायपालिका के हित में होगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि जब न्यायपालिका में सुधार का दृष्टिकोण आता है तो जबलपुर का नाम स्वत: ही मन में आ जाता है। एडीएम जबलपुर बनाम शिवकांत शुक्ला के मामले में, जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा के पक्ष में जबलपुर उच्च न्यायालय के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 1976 में खारिज कर दिया था। 42 साल बाद वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला पलट दिया और मौलिक अधिकारों के पक्ष में जबलपुर हाई कोर्ट के तत्कालीन फैसले के मूल सिद्धांतों को सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा स्थापित किया है। इस प्रकार, जबलपुर का नाम भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में न्याय प्रणाली की प्रगतिशील यात्रा का प्रतीक बन गया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का नया भवन आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगा। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि महिला वकीलों के लिए अलग से बार रूम का प्रस्ताव दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था न सिर्फ महिला वकीलों बल्कि महिला याचिकाकर्ताओं के लिए भी सुविधाजनक होगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नया भवन पूरा होने पर न्यायाधीशों, वकीलों और प्रशासनिक कर्मचारियों को अधिक समर्पण, प्रतिबद्धता और दक्षता के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करेगा।

Read More »

एस. एन.सेन बालिका विद्यालय पी. जी. कॉलेज मे विश्व जंतु दिवस के उपलक्ष में माडल प्रतियोगिता आयोजित

कानपुर 4 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता एस. एन.सेन बालिका विद्यालय पी. जी. कॉलेज के जन्तु विज्ञान विभाग मे विश्व जंतु दिवस दिवस के उपलक्ष में माडल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर (डॉ.) सुमन तथा निर्णायक मंडल के सदस्य डॉ गार्गी यादव, डॉ प्रीति सिंह ने द्वीप प्रज्वलन करके किया। विषय की जानकारी देते हुए जन्तु विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शिवांगी यादव ने बताया कि विश्व जंतु दिवस का महत्व और जंतु संरक्षक के महत्व को बताया।
इस प्रतियोगिता में बी.एससी. प्रथम वर्ष , बी.एससी. द्वितीय वर्ष तथा बी.एससी. तृतीय वर्ष की छात्राओ ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। प्राचार्या प्रोफेसर(डॉ) सुमन मुख्य अतिथि एवं जज डॉ. गार्गी यादव एवं डॉ प्रीति सिंह ने छात्राओं के माडल का अवलोकन एवं मूल्यांकन किया । इस प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार बी. एससी प्रथम वर्ष की तुलिका चटर्जी, द्वितीय पुरुस्कार बी. एससी प्रथम वर्ष की अंशिका चौरसिया तथा
तृतीय पुरुस्कार काव्या यादव तथा पूजा को मिला।

बी. एससी. तृतीय वर्ष से अनन्या, महक विश्वकर्मा को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।

प्रतियोगिता के अवसर पर रसायन विज्ञान की विभाग अध्यक्ष डॉ गार्गी यादव एवं वनस्पति विभाग की विभागद्यक्ष डॉ प्रीति सिंह ने छात्राओं का उत्साहवर्धन किया।
कार्यक्रम का समापन डॉ शैल वाजपेयी ने सभी शिक्षक तथा शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का धन्यवाद ज्ञापन करके किया। इस मौके पर वनस्पति विज्ञान की डॉ समीक्षा सिंह, रसायन विज्ञान की अमिता सिंह, डॉ मीनाक्षी व्यास, डॉ ममता अग्रवाल समेत महाविद्यालय की अन्य सम्मानित शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।

Read More »

डी जी कॉलेज में “स्वच्छता ही सेवा है” पखवाड़े में की गई सरसैया घाट की सफाई

कानपुर 2 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता “स्वच्छता ही सेवा” पखवाड़ा (15 सितंबर से 02 अक्टूबर) के अंतर्गत डी जी कॉलेज, कानपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा देश के दो अमर सपूत महापुरुषों महात्मा गांधी तथा लाल बहादुर शास्त्री को उनकी जयंती के अवसर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। इस अवसर पर नागरिकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने हेतु एक स्वच्छता रन का आयोजन भी किया गया। महाविद्यालय प्राचार्य ने अपने उद्बोधन में छात्राओं को गांधी जी एवम् शास्त्री जी के जीवन वृतांत को विस्तार पूर्वक बताते हुए कहा कि हमें उनके आदर्शों पर चलना चाहिए। सेल्फ फाइनेंस की डायरेक्टर प्रोफेसर वंदना निगम ने कहा कि गांधी जी अहिंसा के पुजारी तो लाल बहादुर शास्त्री जय जवान जय किसान के विचार को लेकर आगे बढ़े। चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर अर्चना श्रीवास्तव ने छात्राओं के द्वारा स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत की गई गतिविधियों – जन जागरूकता रैली, शपथ, गंगा घाट की सफाई, नागरिकों को सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग न करने, कूड़े का सही निस्तारण करने, महाविद्यालय अपने घर में आसपास की साफ सफाई स्वच्छता बनाए रखने, बस्ती के बच्चों व महिलाओं को साफ सफाई स्वच्छता के प्रति जागरूक करने, हाथों को धोने का सही तरीका बताने संबंधी किए गए समस्त कार्यों की भूरी-भूरी प्रशंसा की। कार्यालय अधीक्षक श्री कृष्णेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि इस प्रकार पर्यावरण का ध्यान रख हम वर्तमान में उत्पन्न हो रहे भयावह वैश्विक जलवायु संकट से बचाव के प्रयास कर सकते हैं। स्वयंसेविकाओं, शिक्षिकाओं एवं कर्मचारियों ने सम्मिलित रूप से अपने घरों में जमा किए गए सिंगल यूज़ प्लास्टिक “कानपुर प्लॉगर्स” संस्था के सहयोग से रिसाइक्लिंग हेतु भेजने का निश्चय भी किया। स्वच्छता पखवाड़े का आयोजन डॉक्टर संगीता सिरोही कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना तथा जिला नोडल अधिकारी कानपुर नगर के कुशल निर्देशन में डॉ अंजना श्रीवास्तव एवम् डॉ ज्योत्सना के सहयोग से किया गया।

Read More »

एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज के एन एस एस द्वारा गाँधी जयंती समारोह मनाया गया

कानपुर 2 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज की ऍन एस एस कादम्बिनी देवी द्वारा गाँधी जयंती समारोह को महाविद्याकाया में पुरे उत्साह पूर्वक मनाया गया । इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो सुमन द्वारा गाँधी जी एवम शास्त्री जी के चित्रों पर माल्यार्पण किया गया एवं दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का उदघाटन किया गया। महाविद्यालय की समस्त शिक्षिकाओं एवम शिक्षणेतर कर्मचारियों ने पुष्पांजलि में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर एक भजन कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। प्राचार्या ने गाँधी जी के सिद्धांतो पर भी प्रकाश डाला । इस दिवस को अहिंसा दिवस के रूप में मनाया गया एवं जिसमें गांधी जी के अहिंसा के विचारों से प्रेरित एक स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें ऍन एस एस, ऍन सी सी तथा रेंजर रोवर्स की छात्राओं ने प्रतिभाग किया।इससे पूर्व १५/०९/२०२३ से ०२/१०/२०२३ तक स्वच्छता पखवाड़ा (स्वछता मेरा अभिमान) के अंतर्गत महाविद्यालय में ऍन एस एस, ऍन सी सी तथा रेंजर रोवर्स के द्वारा वृहद् स्वछता अभियान चलाया गया, जिमसें महाविद्यालय परिसर बस्ती तथा घाट की सफाई का कार्य किया गया। इस अभियान में महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो सुमन ऍन एस एस, ऍन सी सी तथा रेंजर रोवर्स की समस्त इकाईओं एवम शिक्षणेतर कर्मचारियों ने उत्साह पूर्वक प्रतिभाग किया।

Read More »

पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू होने के दस दिन के भीतर 1.40 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए – नारायण राणे

पीएम विश्वकर्मा योजना की सफलता की जानकारी देते हुए राणे ने एक्स पर अपने एक पोस्ट के माध्यम से लिखा कि पीएम विश्वकर्मा योजना  प्रधानमंत्री  की दूरदर्शिता का परिणाम है और योजना के शुभारंभ के दस दिन के भीतर इतनी अधिक संख्या में आवेदन प्राप्‍त होना योजना की सफलता और सर्वोच्‍च महत्व का प्रमाण है।

केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना, हमारे सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित विश्वकर्मा भाइयों और बहनों के व्यापक विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी और यह उनकी खोई हुई पहचान को बहाल करेगी जिसका लंबे समय से इंतजार किया जा रहा है।

इस योजना के माध्यम से विश्वकर्मा भाइयों और बहनों को प्रशिक्षण, टूल किट और बिना कुछ गिरवी रखे ऋण प्रदान किया जाएगा। प्राप्त आवेदनों का सफलतापूर्वक सत्यापन कर सभी योजना का लाभ हमारे विश्वकर्मा भाई-बहनों को दिया जायेगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाना और उनके उत्पादों को घरेलू और वैश्विक बाजारों तक पहुंचाना है। योजना के तहत 18 प्रकार के कारीगरों और शिल्पकारों को लाभ मिलेगा। लाभार्थियों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और उन्हें प्रशिक्षण के दौरान 500 रुपये का दैनिक वजीफा मिलेगा। इसके अलावा टूल किट खरीदने के लिए 15,000 रुपये की सहायता दी जाएगी। लाभार्थी 3 लाख तक बिना कुछ गिरवी रखे ऋण के भी पात्र होंगे।

Read More »

वरिष्ठ नागरिकों को सहायता और सहायक उपकरणों के वितरण के लिए देश भर में विभिन्न स्थानों पर ‘सामाजिक अधिकारिता शिविर’ लगाए गए

देश के दिव्‍यांगजन और वरिष्ठ नागरिकों को सशक्त बनाने के प्रयास में, भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने देश भर में एक साथ 72 स्थानों पर ‘सामाजिक अधिकारिता शिविरों’ का आयोजन किया।

इस कार्यक्रम का शुभांरभ प्रत्येक शिविर स्थल पर माननीय प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ एपिसोड के प्रसारण के साथ हुआ। यह कार्यक्रम लंबे समय से देश के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है और इसमें भारत के हर हिस्‍से से विविध मुद्दों और दृष्टिकोणों को एक साथ एक मंच पर लाया जाता है। इसके बाद, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में मुख्य कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस मुख्‍य समारोह के साथ देशभर के 20 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के विभिन्न स्थल पर आयो‍जित होने वाले कार्यक्रम ऑनलाइन जुड़े हुए थे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में, केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के मूल मंत्र “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” का पालन करते हुए मंत्रालय वरिष्ठ नागरिकों के सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक और उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए एक समावेशी और सुलभ वातावरण बनाने हेतु आर्थिक सशक्तिकरण के लिए विभिन्न केंद्रीकृत योजनाएं लागू कर रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मंत्रालय ने दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए उच्च गुणवत्तायुक्‍त  सहायता और सहायक उपकरण बनाने के लिए नई तकनीक का उपयोग करने पर काफी जोर दिया है। उन्होंने कहा कि विभाग अब कृत्रिम अंग बनाने के लिए 3डी स्कैनिंग तकनीक पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और इस नई पहल के साथ टीकमगढ़ इससे लाभान्वित होने वाला पहला जिला है।

इन शिविरों का उद्देश्य भारत सरकार की राष्ट्रीय वयोश्री योजना योजना के तहत 12814 से अधिक पूर्व-चिह्नित वरिष्ठ नागरिकों को विभिन्न प्रकार की सहायता और सहायक उपकरण वितरित करना है।

इन शिविरों के आयोजन का उद्देश्य पूरे देश में एक समावेशी समाज के लिए एक परिप्रेक्ष्य तैयार करना और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सशक्तिकरण और सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करना है। इसका उद्देश्य उन्हें सकारात्‍मक, सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार प्रदान करना है। वितरण शिविरों का आयोजन भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एएलआईएमसीओ) के समन्वय से किया जाता है।

वितरण शिविरों की श्रृंखला एक साथ विभिन्न स्थानों पर आयोजित की जाएगी। त्रिपुरा के धलाई में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री कुमारी प्रतिमा भौमिक भी उपस्थित थीं। सभी वितरण शिविर टीकमगढ़ के मुख्य कार्यक्रम स्थल से ऑनलाइन जुड़े हुए थे।

इस अवसर पर फुट केयर यूनिट, स्पाइनल सपोर्ट, कमोड के साथ व्हीलचेयर, चश्मा, डेन्चर, सिलिकॉन कुशन, एलएस बेल्ट, ट्राइपॉड, घुटने के ब्रेस और वॉकर सहित विभिन्न प्रकार के सहायक उपकरण वितरित किए गए। इन सहायक उपकरणों का उद्देश्य लाभार्थियों को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें समाज की मुख्यधारा में एकीकृत करने के लिए सशक्त बनाना है।

Read More »

पलक झपकते ही छेड़छाड़ करने वाले होंगे धराशाई

कानपुर 29 सितंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर में दो दिवसीय सेल्फ डिफेंस कार्यशाला का आयोजन प्रिंसिपल प्रोफेसर जोसफ डेनियल के कुशल निर्देशन एवं संरक्षण में वूमेन डेवेलॉपमेंट एंड जेंडर सेंसटाइजेशन सेल द्वारा किया गया जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के कराटे कोच विजय कुमार द्वारा बच्चों को विभिन्न सेल डिफेंस स्किल के बारे में जानकारी दी गई. जिसमें आज प्रथम दिवस मे फ्रंट पंच,बैक पंच हुक पंच, लॉन्ग पांच, और फ्रंट किक के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई, 1090 हेल्पलाइन नंबर का किस तरह से इस्तेमाल किया जाए वूमेन पावर लाइन का कैसे इस्तेमाल किया जाए पिंक चौकी के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के प्रारंभ मे कार्यक्रम समन्वयक प्रोफेसर शिप्रा श्रीवास्तव द्वारा सेल्फ डिफेंस की महत्ता के विषय मे बताया एवं एक्सपर्ट कोच का परिचय कराया। उक्त कार्यक्रम मे संरक्षक एवं प्रिंसिपल प्रोफेसर जोसेफ डेनियल ने एक्सपर्ट विजय कुमार को मोमेंटो देकर स्वागत किया, प्रोफेसर सोफ़िया साहब ने प्रिंसिपल को पादप देकर उनका स्वागत किया इस अवसर पर जेंडर सेंसटाइजेशन के सेल के सदस्य उप प्राचार्य प्रोफेसर सबीना बोदरा, प्रोफेसर शालिनी कपूर, डॉ अंकिता तथा डॉक्टर आशीष कुमार दुबे आदि उपस्थित रहे हैं बच्चों ने अत्यंत उत्साह के साथ भागीदारी की। उक्त कार्यक्रम मे रितेश, मानवी, वैष्णवी, शिवांस, अंजलि, तरंग, आयुष आदि का विशेष योगदान रहा.

Read More »

वस्त्र मंत्रालय ने टेक्निकल टेक्सटाइल के विभिन्न क्षेत्रों में 46.74 करोड़ रुपये मूल्य की 18 अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी

केंद्रीय वस्त्र, वाणिज्य और उद्योग तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन के मिशन संचालन समूह (एमएसजी) की 7वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में टेक्निकल टेक्सटाइल के स्वदेशी विकास के लिए उद्योग और संस्थान की सक्रिय और मजबूत भागीदारी आवश्यक है।

वस्त्र मंत्रालय ने 7वीं एमएसजी बैठक के दौरान जियोटेक, प्रोटेक, इंडुटेक, सस्टेनेबल टेक्सटाइल, स्पोर्टटेक, स्मार्ट ई-टेक्सटाइल, मेडिटेक सेगमेंट के प्रमुख कार्यनीतिक क्षेत्रों में 46.74 करोड़ रुपये की 18 अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी।

इन 18 अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं में से 14 उच्च मूल्य वाली परियोजनाएं हैं, 3 प्रोटोटाइप अनुदान परियोजनाएं हैं और 1 आइडिएशन ग्रांट परियोजना है। इन परियोजनाओं में टेक्निकल टेक्सटाइल के विभिन्न अनुप्रयोग क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जिनमें जियोटेक की 1, प्रोटेक की 2, इंदुटेक की 2, स्पोर्टटेक की 2, सस्टेनेबल टेक्सटाइल की 5, मेडिटेक की 3, स्मार्ट और ई टेक्सटाइल की 3 और जियोटेक्सटाइल की 1 परियोजना शामिल है। स्वीकृत परियोजनाओं का नेतृत्व बीटीआरए, एटीआईआरए, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी जम्मू, एनआईटी जालंधर, आईआईटी खड़गपुर, सीएसआईआर नई दिल्ली, आईआईटी मद्रास सहित अन्य संस्थानों और अनुसंधान निकायों ने किया था।

केंद्रीय मंत्री ने स्वीकृत अनुसंधान एवं विकास उत्पादों की समीक्षा, मिशन मोड में अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं, जीआरईएटी दिशानिर्देशों के तहत टेक्निकल टेक्सटाइल में स्टार्टअप के लिए एक समिति का गठन, एमओटी के छठे संस्करण सहित लोक संपर्क गतिविधियों और क्रमशः जुलाई और सितंबर 2023 में मानकों और विनियमों पर फिक्की-बीआईएस राष्ट्रीय सम्मेलन और मेडिटेक्स सम्मेलन कार्यक्रम सहित राष्ट्रीय टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन के विभिन्न घटकों की प्रगति की समीक्षा की

उन्होंने यह भी कहा कि भारत में आयात पर निर्भर टेक्निकल टेक्सटाइल वस्तुओं और विशेष फाइबर के अतिरिक्त विश्व स्तर पर अत्यधिक आयातित टेक्निकल टेक्सटाइल वस्तुओं के अनुसंधान एवं विकास पर जोर दिया जाना चाहिए।

इसके  अतिरिक्त,  केंद्रीय मंत्री ने शिक्षा, प्रशिक्षण और कौशल विकास के मोर्चे पर प्रगति की भी समीक्षा की, जिसमें 151.02 करोड़ रुपये मूल्य के 15 सार्वजनिक और 11 निजी संस्थानों के 26 आवेदनों को दस्तावेज प्रस्तुत करने, प्रयोगशाला अवसंरचना की खरीद और टेक्निकल टेक्सटाइल के विभिन्न अनुप्रयोग क्षेत्रों में प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए मंजूरी दी गई।

नीति आयोग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारी उद्योग मंत्रालय, रेल मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, व्यय विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य मंत्रालयों के सदस्यों तथा उद्योग जगत के विख्यात सदस्यों ने बैठक में भाग लिया।

Read More »

2070 तक देश को कार्बन न्यूट्रल बनाने के प्रधानमंत्री के विजन को हासिल करने के लिए निर्माण क्षेत्र में हरित पहल की जाएगी – नितिन गडकरी

 

नई दिल्ली में आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश को स्वच्छ और कचरा मुक्त बनाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि चल रहे स्वच्छता ही सेवा पखवाड़े में राष्ट्रीय राजमार्गों, सड़क किनारे सुविधाओं, ढाबों, टोल प्लाजा सहित 13000 स्थानों पर सफाई अभियान सहित कई कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है और लगभग 7000 स्थानों पर काम पूरा हो चुका है।

गडकरी ने कहा कि दैनिक आधार पर उत्पन्न होने वाले ठोस कचरे का निपटान देश भर के शहरी क्षेत्रों के समक्ष एक प्रमुख पर्यावरणीय चुनौती है। उन्होंने कहा कि लगभग 10000 हेक्टेयर भूमि डंप साइट बन चुकी है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय शहरी ठोस अपशिष्ट का उपयोग राजमार्ग निर्माण में करने के समाधानों पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी और दूरदर्शी नेतृत्व के माध्यम से कचरे से कंचन बनाना संभव है।

देश में वैकल्पिक जैव ईंधन के बारे में चर्चा करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि वह इथेनॉल अर्थव्यवस्था बनाने के प्रबल समर्थक रहे हैं और कृषि विकास को 6 प्रतिशत तक बढ़ावा देने के लिए इथेनॉल के बड़े पैमाने पर उपयोग पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य इथेनॉल अर्थव्यवस्था को 2 लाख करोड़ रुपये की बनाना है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में दुनिया के पहले बीएस-6 कॉम्प्लायंट फ्लेक्स फ्यूल स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड वाहन के लॉन्च के साथ फ्लेक्स इंजन 100 प्रतिशत इथेनॉल पर काम करेगा और अर्थव्यवस्था के लिए बचत 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पानीपत में आईओसीएल संयंत्र चावल के भूसे जैसे कृषि अपशिष्ट को इथेनॉल और बायोबिटुमेन में परिवर्तित करता है।

गडकरी ने कहा कि जैव-इथेनॉल उत्पादन प्रौद्योगिकियों में प्रगति के साथ, 1 टन चावल से लगभग 400 से 450 लीटर इथेनॉल प्राप्त हो सकता है, जो स्थिरता और ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।

गडकरी ने कहा कि 2025 तक भारत में 1 प्रतिशत सतत विमानन ईंधन का उपयोग करना अधिदेशित होगा और भविष्य में भारत में इसे 5 प्रतिशत मिश्रण तक बढ़ाने की संभावित योजना है। उन्होंने कहा कि इंडियन ऑयल पानीपत में 87,000 टन सतत विमानन ईंधन के उत्पादन की क्षमता वाला एक संयंत्र स्थापित कर रही है।

गडकरी ने कहा कि भारत में दूरसंचार क्षेत्र लगभग 6 लाख मोबाइल टावरों का संचालन करता है। परंपरागत रूप से, ये टावर बिजली के लिए डीजल जनरेटर सेट पर निर्भर रहे हैं और एक टावर में सालाना लगभग 8,000 लीटर डीजल की खपत होती है।

उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप कुल मिलाकर 250 करोड़ लीटर डीजल की खपत होती है, जिसकी लागत हर साल लगभग 25,000 करोड़ रुपये है। श्री गडकरी ने कहा कि इन जनरेटर सेटों के लिए ईंधन के रूप में इथेनॉल का मिश्रण डीजल का स्थायी विकल्प प्रदान करता है और बाजार ने पहले ही 100 प्रतिशत इथेनॉल वाला एक जनरेटर सेट विकसित कर लिया है। उन्होंने कहा कि वह जेनसेट उद्योग को आने वाले समय में केवल इथेनॉल आधारित जनरेटर पर काम करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

श्री गडकरी ने कहा कि हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन और सबसे महत्वपूर्ण तरीका है, जिसके माध्यम से भारत ऊर्जा का शुद्ध निर्यातक बन

Read More »