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भारत में शीघ्र ही विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो सेवा नेटवर्क उपलब्ध होगा: हरदीप सिंह पुरी

आवासन एवं शहरी कार्य तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने देश भर में शहरी परिवहन नेटवर्क को सशक्त बनाने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता पर जोर दिया है। वे कल आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) से जुड़ी संसदीय सलाहकार समिति के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। इस बैठक में चर्चा का मुख्य विषय शहरी परिवहन था।

इस बैठक में आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री कौशल किशोर, संसद सदस्य (लोकसभा) श्री तिरु ए.के.पी. चिनराज, संसद सदस्य (लोकसभा) श्री एम.वी.वी. सत्यनारायण, संसद सदस्य (लोकसभा) डॉ. श्रीकांत एकनाथ शिंदे, संसद सदस्य (लोकसभा) श्री रमेश बिधूड़ी और संसद सदस्य (राज्यसभा) श्री अबीर रंजन विश्वास, संसद सदस्य (राज्यसभा) श्रीमती वंदना चव्हाण और संसद सदस्य (राज्यसभा) तथा आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय में सचिव श्री मनोज जोशी व आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।

आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव और विशेष कार्य अधिकारी श्री जयदीप ने इस बैठक में शामिल हुए सदस्यों के समक्ष नगरीय परिवहन पर विस्तार से एक विशेष प्रस्तुति दी। इस व्याख्यान में देश भर में वर्तमान मेट्रो नेटवर्क के विकास पर विवरण को साझा किया गया।

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कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी प्रतिनिधियों को एकल कार्ड द्वारा मेट्रो, रेल, बस एवं अन्य सार्वजनिक परिवहन सेवा प्रदाताओं (पीटीओ) के माध्यम से निर्बाध यात्रा करने में समर्थ बनाने और खुदरा दुकानों/रेस्तरां/एटीएम/कियोस्क/ईंधन भरवाने/पार्किंग तथा रिटेल आउटलेट आदि में खरीदारी हेतु अपने उपयोग के लिए ‘वन नेशन वन कार्ड’ के इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी गई। स्वदेशी रूप से विकसित इस नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) कार्ड का शुभारंभ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मार्च 2019 में एक कार्यक्रम के दौरान किया गया था। वर्तमान में नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड का इस्तेमाल इन मेट्रो रेल सेवाओं का उपभोग करने के लिए किया जा सकता है:

दिल्ली मेट्रो (डीएमआरसी)

बेंगलुरु मेट्रो (बीएमआरसीएल)

मुंबई मेट्रो

चेन्नई मेट्रो (सीएमआरएल)

अहमदाबाद मेट्रो (जीएमआरसीएल)

कानपुर मेट्रो (यूपीएमआरसीएल)

इसके अलावा, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड के इकोसिस्टम को अपनाने वाले परिवहन सेवा प्रदाताओं के लिए राज्य सड़क परिवहन उपक्रमों (एसआरटीयू) में कदंबा ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड, गोवा, बी.ई.एस.टी. उपक्रम, मुंबई और हरियाणा रोडवेज शामिल हैं।

संसद सदस्यों ने इस बैठक के दौरान नगरीय परिवहन से संबंधित मुद्दों का उल्लेख किया, जिनमें उनके संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों/राज्यों में मेट्रो सेवा संचालन, देश के अन्य भागों में मेट्रो परिचालन को बढ़ाना, अंतिम छोर तक परिवहन सेवा की उपलब्धता, सुविधाओं में बढ़ोतरी, यात्रा में सुलभता व यात्रियों से जुड़ी सुविधाओं आदि से संबंधित मामले शामिल थे।

आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने सांसदों की जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए बताया कि फिलहाल देशभर के 20 शहरों में करीब 874 किलोमीटर मेट्रो रेल सेवा जारी है और अनेक शहरों में करीब 986 किलोमीटर मेट्रो रेल का कार्य निर्माणाधीन है। उन्होंने जोर देते हुए बताया कि भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क सेवा बनाने की राह पर अग्रसर है।

देशभर में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार इस प्रकार से है:

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आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के आधार पर 10,000 ई-बसों को तैनात करके नगरीय बस संचालन को बढ़ाने के उद्देश्य से हाल ही में मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित एक योजना “पीएम-ईबस सेवा” के बारे में भी जानकारी साझा की। इस योजना की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार से हैं:

  • सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल के आधार पर 10,000 ई-बसों की तैनाती
  • 10 वर्षों तक बसों के संचालन में सहयोग
  • बस डिपो के विकास एवं उन्नतिकरण के लिए सहायता
  • बिजली की आवश्यकता पूरा करने हेतु बुनियादी ढांचे के लिए मदद
  • 3 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में विस्तार
  • चुनौती पद्धति के माध्यम से शहरों का चयन

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विज्ञान और टेक्नोलॉजी मंत्रालय के समर्थन से वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग का “सीआरटीडीएच एम्पावरिंग एमएसएमई” विषय पर एक दिन का चिंतन शिविर दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (डीपीएसआरयू), नई दिल्ली में सफलतापूर्वक संपन्न

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image005YUWQ.jpg   विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग के सीआरटीडीएच कार्यक्रम के अंतर्गत पांच चिंतन शिविरों की श्रृंखला में पांचवें “सीआरटीडीएच एम्पावरिंग एमएसएमईः विषय पर चिंतन शिविर” का उद्घाटन 13 अक्टूबर 2023 को दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी के डीएसआईआर-सीआरटीडीएच में हुआ। डीपीएसआरयू), नई दिल्ली। चिंतन शिविर अधिक सार्थक अनुसंधान को मजबूत बनाने तथा वैज्ञानिक ज्ञान, विचारों और आविष्कारों तथा बाजार योग्य उत्पादों और सेवाओं के व्यावहारिक अप्लीकेशन के बीच के अंतर को पाटने के लिए एक अनुकूल इको-सिस्टम बनाने में उद्योग और अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग को सहज बनाने के लिए आयोजित किया गया था। चिंतन शिविर के प्रारंभ में मुख्य अतिथि, डीएसआईआर की सचिव और महानिदेशक डॉ. एन. कलईसेल्वी का उद्घाटन भाषण हुआ। डॉ. कलईसेल्वी ने अपनी टिप्पणी में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के “आत्मनिर्भर भारत” बनाने के विजन को साकार करने के लिए एमएसएमई, स्टार्टअप और इनोवेटर्स को सक्षम बनाने में डीएसआईआर और सीआरटीडीएच के महत्त्व पर बल दिया। डीपीएसआरयू के कुलपति प्रोफेसर रमेश के गोयल ने विभिन्न हितधारकों को उनकी अनुसंधान एवं विकास संबंधी गतिविधियों में सहायता करने में डीएसआईआर-सीआरटीडीएच-डीपीएसआरयू के प्रयासों की सराहना की। सीआरटीडीएच की प्रमुख डॉ. सुजाता चकलानोबिस ने चिंतन शिविर के बारे में संपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने नवाचार की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि एमएसएमई नवाचार इको-सिस्टम के एक प्रमुख घटक के रूप में भारत को वैश्विक स्तर पर अनुसंधान एवं विकास और मेन्युफेक्चरिंग के केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। डीपीएसआरयू के रजिस्ट्रार प्रोफेसर हरविंदर पोपली ने डीपीएसआरयू में अनुसंधान एवं विकास तथा नवाचार के लिए उद्योगों को संगठित करने की दिशा में डीपीएसआरयू के प्रयासों की जानकारी दी। डीपीएसआरयू में सीआरटीडीएच की परियोजना समन्वयक प्रोफेसर गीता अग्रवाल ने सीआरटीडीएच के उद्देश्य, प्राप्त उद्देश्य तथा भविष्य के लक्ष्यों, एमएसएमई कनेक्ट पहल, एमएसएमई के लिए सुलझाए गए विषयों, प्रस्तुत सेवाओं और एमएसएमई के लिए उपलब्ध अवसरों के बारे में जानकारी दी।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0045GWU.jpg

सीआरटीडीएच द्वारा “मैन्य़ुफेक्चरिंग और अनुसंधान एवं विकास चुनौती: हेल्थकेयर एमएसएमई के लिए समर्थन प्रणाली बनाने” के विषय पर एक पैनल चर्चा का संचालन वैज्ञानिक-एफ और सदस्य सचिव-सीआरटीडीएच, डीएसआईआर डॉ. विपिन सी शुक्ला ने किया। चर्चा में विभिन्न पैनलिस्ट उद्योग, शिक्षा और सरकार की ओर से थे। कार्यक्रम में उपस्थित अन्य डीएसआईआर अधिकारी डॉ. वंदना कालिया, डॉ. रणजीत बैरवा, डॉ. शशि कुमार और श्री नवीन चंद थे। इस कार्यक्रम में डीपीएसआरयू, नई दिल्ली की सीआरटीडीएच टीम, उद्योग के प्रतिनिधि और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के प्रतिनिधि, स्टार्ट-अप, व्यक्तिगत नवाचारी, फैकल्टी और विद्यार्थी भी उपस्थित थे।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002XG4D.jpg इस आयोजन में गहन चर्चा, महत्वपूर्ण विश्लेषण और रणनीतिक योजना के माध्यम से सरकारी  अधिकारियों, डीपीएसआरयू और हितधारकों के संयुक्त समझ, ज्ञान और विशेषज्ञता का उपयोग किया गया। इस सार्थक बातचीत में देश में एमएसएमई, स्टार्ट-अप और इनोवेटर्स के सामने आने वाली चुनौतियों को हल करने के संभावित उपायों पर विचार-मंथन किया गया, साथ ही भारत को किफायती स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में औद्योगिक अनुसंधान और मैन्युफेक्चरिंग का प्रमुख वैश्विक केंद्र बनाने के अवसरों का लाभ उठाया गया।

 

 

 

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एस एन सेन महाविद्यालय में मेरी माटी, मेरा देश” कार्यक्रम की श्रंखला में कॉलेज परिसर में अमृत कलश वाटिका की स्थापना की

कानपुर 14 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस. ऍन. सेन महाविद्यालय की ऍन. एस. एस. यूनिट ने स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत “मेरी माटी, मेरा देश” कार्यक्रम की श्रंखला में अमृत कलश वाटिका की स्थापना कॉलेज परिसर में की जिसमें ऍन. एस. एस. की स्वयंसेविकाओं ने औषधिय पौधे लगाकर वाटिका के संरक्षण की शपथ ली । महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो० सुमन ने तुलसी का पौधा लगाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया । चीफ प्रॉक्टर ममता अग्रवाल, कार्यक्रम अधिकारी प्रो० चित्रा सिंह तोमर, सह-प्रभारी डॉ० प्रीति सिंह तथा अन्य शिक्षिकाओं ने कार्यक्रम में भाग ले कर कार्यक्रम सफल बनाया

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वित्तीय सेवा विभाग के सचिव डॉ. विवेक जोशी ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के त्वरित कार्यान्वयन के लिए पंजाब, हरियाणा एवं केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव डॉ. विवेक जोशी ने नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के त्वरित कार्यान्वयन के संबंध में क्रमशः पंजाब और हरियाणा एवं केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ के अधिकारियों के साथ चंडीगढ़ में 12 अक्टूबर, 2023 को दो बैठकों की अध्यक्षता की। इन बैठकों में बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों के अतिरिक्त, केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय के अपर सचिव, संयुक्त सचिव (डीएफएस), केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के क्षेत्रीय निदेशक के साथ-साथ दोनों राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

पंजाब सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक

हरियाणा राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के अधिकारियों के साथ बैठक

डॉ. जोशी ने इस बात पर बल दिया कि पारंपरिक शिल्प और कौशल में लगे व्यक्तियों की आवश्यकताओं को पूरा करने और प्रधानमंत्री के सबका विकास (समावेशी विकास) के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए,  प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना को कौशल प्रशिक्षण तक पहुंच के माध्यम से 18 चिन्हित व्यवसायों से जुड़े पारंपरिक कलाकारों और शिल्पकारों की सहायता, संपार्श्विक मुक्त ऋण, आधुनिक उपकरण,  बाजार लिंकेज समर्थन और डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए समग्र रूप से इसे विस्तारित करने हेतु डिजाइन किया गया है।

डीएफएस के सचिव ने राज्य सरकार के क्षेत्र पदाधिकारियों से प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत लाभ प्रदान करने के लिए लाभार्थियों का निर्बाध नामांकन, त्वरित सत्यापन और पंजीकरण सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। इस योजना का मुख्य जोर आज के विश्वकर्माओं को कल के उद्यमियों में रूपांतरित करना है।

 

बैठकों के दौरान, एमएसएमई, एमएसडीई, क्षेत्रीय कौशल विकास और उद्यमिता निदेशालय (आरडीएसडीई) तथा डीएफएस एवं भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) द्वारा व्यापक प्रस्तुतियां दी गईं। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना और कार्यान्वयन की प्रगति का विवरण देते हुए ये प्रस्तुतियां दी गईं।

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नारी शक्ति तेजी से आगे बढ़ी!

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा 9 अक्टूबर 2023 को जारी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण रिपोर्ट 2022-23 से पता चलता है कि ‘श्रम बल भागीदारी मापने के ‘सामान्य स्थिति’ सिद्धांत के अनुसार, देश में महिला श्रम बल भागीदारी में उल्‍लेखनीय सुधार हुआ और यह दर 2023 में बढ़कर 37.0 प्रतिशत हो गई जो पहले 4.2 प्रतिशत अंक थी।

महिला श्रम बल भागीदारी दर में यह महत्वपूर्ण उछाल महिलाओं के दीर्घकालिक सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक विकास के उद्देश्य से की गई नीतिगत पहलों से महिला सशक्‍तिकरण सुनिश्चित करने के सरकार के निर्णायक कार्यक्रम का परिणाम है। सरकार की पहल महिलाओं के जीवनचक्र तक फैली हुई है, जिसमें लड़कियों की शिक्षा, कौशल विकास, उद्यमिता सुविधा और कार्यस्थल में सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर पहल शामिल हैं। इन क्षेत्रों में नीतियां और कानून सरकार के ‘महिला-नेतृत्व वाले विकास’ एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं।

स्रोतआवधिक श्रम बल सर्वेक्षण 2022-23

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पीयूष गोयल ने “भारत के विनिर्माण उद्योग की क्षमताओं को सामने लाने” पर उद्योगपतियों के साथ हुए एक चिंतन शिविर की अध्यक्षता की

 केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने विनिर्माण से जुड़े इकोसिस्टम का समर्थन करने के लिए सरकार की तरफ से किए गए विभिन्न सुधारों और लागू की गई योजनाओं पर प्रकाश डाला और इसके विस्तार को बढ़ावा देने की प्रक्रिया को गति देने के लिए सुझाव आमंत्रित किए। आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में “चिंतन शिविर- भारत के विनिर्माण उद्योग की क्षमताओं को सामने लाना” की अध्यक्षता करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने वहां उपस्थित लोगों की सराहना की, भारत के विनिर्माण क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाने और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने के लिए उनकी व्यापक प्रतिबद्धता और बेजोड़ समर्पण को स्वीकार किया।

गोयल ने उद्योग जगत से उत्पादन गतिविधियों में तेजी लाने और भारत को विनिर्माण के लिहाज से एक वैश्विक केंद्र बनाने में योगदान देने के लिए भी कहा। केंद्रीय मंत्री ने उद्योग जगत के प्रमुख लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका और समर्थन को स्वीकार करते हुए सुसंगत नीतियां बनाने के प्रति सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता पर जोर दिया। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री सोम प्रकाश की उपस्थिति ने इस अवसर के महत्व को रेखांकित किया और उन्होंने भारत के औद्योगिक विकास को आगे बढ़ाने वाली सहयोग की भावना पर जोर दिया गया। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने स्केल समिति और इन्वेस्ट इंडिया के सहयोग से एक “चिंतन शिविर – भारत के विनिर्माण उद्योग की क्षमताओं को सामने लाना” का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में सीआईआई, फिक्की, एसोचैम, एक्मा, सियाम जैसे दिग्गज उद्योग संगठनों के साथ-साथ नॉलेज पार्टनर्स बीसीजी और मैकिन्से भी शामिल हुए। यह कार्यक्रम आज भारत मंडपम, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। यह कॉन्क्लेव भारत के विनिर्माण क्षेत्र की चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में नजर आई। इसमें मुख्य रूप से विभिन्न क्षेत्रों में विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने और 2030 तक जीडीपी में योगदान बढ़ाने पर विचार-विमर्श करने पर जोर दिया गया था। इस कार्यक्रम में विनिर्माण से लेकर 12 क्षेत्रों (वस्त्र, पूंजीगत सामान, ऑटो और ईवी, रक्षा, एयरोस्पेस और अंतरिक्ष, धातु और खनन, चमड़ा और जूते, ऊर्जा, खाद्य प्रसंस्करण, रसायन, चिकित्सा उपकरण, ईएसडीएम मूल्य श्रृंखला, ड्रोन) से जुड़े विनिर्माण इकोसिस्टम बनाने, गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने, घरेलू मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देने, सरकारी नीतियों और समर्थन, उद्योग की चपलता को बढ़ावा देने जैसे प्रमुख विषयों पर उद्योग के साथ व्यापक चर्चा हुई। इन चर्चाओं ने नवीन रणनीतियां बनाने, व्यापार में बढ़ोतरी, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के साथ एकीकरण और भारतीय विनिर्माण उद्योग में निवेश में वृद्धि की नींव रखी। प्रत्येक क्षेत्र के द्वारा दी गई प्रस्तुतियों में उद्योग की एक बड़ी झलक नजर आई, जिनमें वर्तमान और अनुमानित उद्योग क्षमता और निर्यात क्षमता के बारे में बताया गया था। प्रस्तुतियों में इकोसिस्टम, नीति परिदृश्य, तकनीकी प्रगति और कौशल विकास से जुड़ी पहलों से जुड़े लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जरूरी महत्वपूर्ण प्रोत्साहनों पर प्रकाश डाला गया। इसके अलावा, उपस्थित लोगों ने इन पहलों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार और उद्योग के बीच प्रस्तावित सहयोगात्मक योजनाओं के बारे में विस्तार से अपने विचार रखे।

यह चर्चा उद्योग से जुड़े सदस्यों और स्केल समिति के साथ आयोजित कार्य समूहों के क्षेत्र-आधारित विचार-मंथन सत्र के परिणाम के रूप में सामने आई थी।

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मिशन लाइफ (एलआईएफई) ने पर्यावरण की रक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए दुनिया को एक नया व्यापक दृष्टिकोण दिया हैः लोकसभा अध्यक्ष

जी20 देशों और नए जुड़े अफ्रीकी संघ समेत अतिथि देशों के सांसद दिल्ली के भव्य इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, द्वारका में इकट्ठा हुए। यहां उन्होंने धरती के भविष्य को ध्यान में रखते हुए आवश्यक जीवनशैली पर विचार-विमर्श किया। लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) पर संसदीय फोरम की यह बैठक नौवें जी20 संसदीय अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन (पी20) के भव्य उद्घाटन से एक दिन पहले आयोजित की गई। इस दौरान कानून निर्माताओं ने मानवता के सामने मौजूद साझा चुनौतियों और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनसे निपटने के रास्ते पर अपने विचार सामने रखे।

जलवायु परिवर्तन जैसी समसामयिक चुनौतियों से निपटने का नया तरीका

संसदीय फोरम को संबोधित करते हुए दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की लोकसभा के अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा प्रस्तावित लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) मिशन ने जलवायु परिवर्तन जैसी समकालीन चुनौतियों से निपटने और सतत विकास, स्वास्थ्य सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक नया नजरिया दिया है। अध्यक्ष ने कहा कि मिशन लाइफ पर्यावरण संरक्षण का एक व्यापक दृष्टिकोण है जो हर शख्स को कम उपयोग, फिर से इस्तेमाल करने और रीसाइकल (पुनर्चक्रण) की राह दिखाता है। यह देखते हुए कि लाइफ अब एक वैश्विक आंदोलन बन गया है, श्री बिरला ने आगे कहा कि इस विचार के आधार पर कई देश अपनी भौगोलिक और सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों के हिसाब से नीतियां और कार्य योजनाएं तैयार कर रहे हैं।

कोई भी देश अछूता नहींजलवायु परिवर्तन का डटकर मुकाबला करने की जरूरत

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि आज के समय में जलवायु परिवर्तन और उसका असर मानवता के साझा भविष्य के साथ गहराई से जुड़ा है। उन्होंने कहा, ‘जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से कोई भी देश अछूता नहीं रहा है। ऐसे में यह स्वाभाविक है कि भारत की पहल पर पी-20 सम्मेलन के दौरान पर्यावरण संबंधी मुद्दों को सर्वसम्मति से चर्चा के केंद्र में रखा जाए।’ दुनिया के सामने मौजूद चुनौतियों से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत पर बल देते हुए अध्यक्ष ने इस बात को रेखांकित दिया कि यह समय की मांग है कि जलवायु परिवर्तन का डटकर मुकाबला किया जाए।

 

नीतियां और कानून पर्याप्त नहींव्यक्तिगत और सामूहिक कार्रवाई भी जरूरी

पर्यावरण के लिए जीवनशैली विषय पर भारत की संसद की तरफ से की गई विधायी पहल का जिक्र करते हुए श्री बिरला ने कहा कि इस दिशा में संसद में व्यापक चर्चा हुई और कानून भी बनाए गए हैं। व्यक्तिगत जिम्मेदारी पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए केवल नीतियां और कानून ही पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि हर शख्स को अपनी जीवनशैली में बदलाव कर सामूहिक रूप से योगदान करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि प्रत्येक व्यक्ति की जीवनशैली कुछ इस तरह से हो कि पर्यावरण को कोई नुकसान न हो। ऐसा करना हर किसी की व्यक्तिगत और सामूहिक जिम्मेदारी है।  बिरला ने पीठासीन अधिकारियों से आग्रह किया कि मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) पर सभी संसदों में चर्चा की जानी चाहिए जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस मिशन का संदेश एक जन आंदोलन का आकार ले और बेहतर दुनिया का निर्माण हो सके।

जी20 देशों की संसदों के पीठासीन अधिकारियों ने ‘लाइफ’ मिशन शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की पहल की सराहना की और सामूहिक रूप से संकल्प लिया कि वे अपनी-अपनी संसदों में चर्चा एवं वाद-विवाद के जरिए इस पहल को आगे बढ़ाएंगे।

सतत जीवन की हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने इस बात पर जोर दिया कि मिशन लाइफ के तहत व्यक्तियों और समुदायों के प्रयासों को सकारात्मक बदलाव के लिए वैश्विक जन आंदोलन में तब्दील करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सतत जीवन की हमारी लंबी यात्रा में मिशन लाइफ एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटने के ठोस प्रयास किए हैं। उन्होंने स्थायी विरासत और बेहतर भविष्य के लिए संसद सदस्यों से पर्यावरण का संरक्षक और पथ प्रदर्शक बनने का आग्रह किया। हरिवंश ने कहा कि सामूहिक प्रयास से दुनिया उस ओर मुड़ेगी जहां जीवन पनपता है और हमारा ग्रह फलता-फूलता है।

चर्चा के दौरान जी20 देशों की संसदों के पीठासीन अधिकारियों ने सवाल-जवाब भी किए।

इस मौके पर भारत की जी20 प्रेसीडेंसी के शेरपा श्री अमिताभ कांत ने भी अपनी बात रखी। भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सचिव लीना नंदन ने ‘लाइफ’ पर एक प्रस्तुति दी। इसके बाद मिशन पर एक लघु फिल्म दिखाई गई।

शुक्रवार, 13 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी यशोभूमि, द्वारका, दिल्ली में 9वें पी-20 शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर लोकसभा के अध्यक्ष श्री ओम बिरला भी मौजूद रहेंगे। जी20 देशों की संसदों के पीठासीन अधिकारियों के अलावा आमंत्रित देशों की संसदों के पीठासीन अधिकारी भी सम्मेलन में भाग लेंगे। भारत की मेजबानी में आयोजित पी-20 शिखर सम्मेलन में पैन अफ्रीकी संसद के अध्यक्ष पहली बार हिस्सा लेंगे।

‘वसुधैव कुटम्बकम्- एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए संसद’ के दर्शन के तहत दो दिवसीय पी-20 शिखर सम्मेलन में निम्नलिखित समकालीन विषयों पर विचार मंथन होगा:

1. एसडीजी के लिए एजेंडा 2030: उपलब्धियों का प्रदर्शन, प्रगति में तेजी लाने पर जोर

2. हरित भविष्य की तरफ बढ़ने के लिए टिकाऊ ऊर्जा संक्रमण

3. लैंगिक समानता को बढ़ावा देना- महिलाओं के विकास से महिला नेतृत्व वाले विकास तक

4. सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों के जीवन में परिवर्तन

9वां पी20 सम्मेलन जी20 देशों की संसदों के पीठासीन अधिकारियों के सामूहिक नजरिये की गौरवशाली यात्रा को दर्शाता है, जो 2010 में एक परामर्श बैठक से शुरू हुआ था।

सतत जीवनशैली को आगे बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन से निपटने की रणनीतियों पर विचार-विमर्श करने के लिए लाइफ पर संसदीय फोरम जी20 सदस्यों के साथ-साथ आमंत्रित देशों के संसद सदस्यों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को एक साथ लाया है। इस फोरम का विशेष महत्व है क्योंकि यह सतत जीवनयापन को बढ़ावा देने वाले सफल दृष्टिकोण को साझा करने का बेहतर मंच प्रदान करता है। इसके अलावा, यह ‘लाइफ’ जन आंदोलन और इसके व्यापक उद्देश्यों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज कॉलेज में एनएसएस इकाई द्वारा “मेरी माटी मेरा देश” कार्यक्रम के तहत अमृत कलश यात्रा निकाली गई

कानपुर 13 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कॉलेज परिसर में एनएसएस इकाई के द्वारा “मेरी माटी मेरा देश” कार्यक्रम के तहत अमृत कलश यात्रा निकाली गई जिसमे देश के लिए शहीद हुए जवानों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए इस कार्यक्रम हुआ जिसमे प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. सुनीता वर्मा तथा उनके साथ डा. हिमांशु दीक्षित व डा.अंकिता जैसमीन लाल भी उपस्थित रहे इस कार्यक्रम के तहत कलश यात्रा का समापन करते हुए कॉलेज परिसर में एक छोटी सी यात्रा निकाली गई जिसमे एनएसएस इकाई के स्वयंसेवकों ने “मेरी माटी मेरा देश”तथा भारत माता की जय आदि देशभक्ति नारे लगाए इस कार्यक्रम के द्वारा समाज के देशप्रेम के विषय में भी जागरूक किया इस कार्यक्रम में एनएसएस हेड रितेश यादव तथा उनके साथ उनकी टीम जिसमे हर्षिता आर्या, नागेंद्र प्रताप सिंह, सैय्यद, अपेक्षा, तरंग,आर्यन,यश,विवेक आदि मौजूद रहे!

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कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय में “स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना” के अंतर्गत छात्राओं को स्मार्टफ़ोन वितरित

कानपुर 13 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय, स्वरूपनगर में “स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना” के अंतर्गत सत्र 2022-23 की स्नातक तृतीय वर्ष की समस्त छात्राओं को स्मार्टफ़ोन का वितरण किया गया। कुल *213* छात्राओं को स्मार्टफ़ोन वितरित किए गए। उत्तर प्रदेश शासन की इस महत्वपूर्ण योजना का उद्देश्य छात्र- छात्राओं को डिजिटल माध्यमों से जोड़कर अधिक सशक्त एवं जागरूक बनाना है।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए प्राचार्या प्रो. पूनम विज ने सर्वप्रथम प्रबंध समिति के सचिव महोदय डॉ. डी.सी. गुप्ता का स्वागत किया एवं छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तकनीकी युग में स्मार्टफ़ोन, टैबलेट जैसे उपकरण हमें सूचनाओं एवं ज्ञान के असीमित भंडार से जोड़ते हैं। इन माध्यमों के समुचित उपयोग से हम स्वयं को शिक्षित एवं जागरूक बना सकते हैं। सचिव महोदय एवं प्राचार्या के द्वारा छात्राओं को स्मार्टफ़ोन प्रदान किए गए। छात्राएँ स्मार्टफ़ोन पाकर ख़ुशी से झूम उठीं।
महाविद्यालय की समस्त शिक्षिकाओं एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के सहयोग से वितरण का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ. ऑंचल तिवारी ने किया। कार्यक्रम का संयोजन उक्त योजना की नोडल अधिकारी सुश्री कल्पना देवी एवं डॉ. ऑंचल तिवारी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

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एस.एन सेन बी.वी.पी.जी. कॉलेज में “विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस” के उपलक्ष्य में “training: the body mind and soul by using acupressure techniques” विषय पर कार्यशाला आयोजित

कानपुर 11 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस.एन सेन बी.वी.पी.जी. कॉलेज के सभागार महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग द्वारा “विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस” के उपलक्ष्य में “training: the body mind and soul by using acupressure techniques” विषय पर एक कार्यशाला आयोजित की ग‌ई।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य वक्ता वरदान संस्थान की निदेशिका डॉ. पल्लवी रस्तोगी, प्राचार्या प्रो. सुमन, प्रबंध समिति की सदस्या दीपाश्री सेन, मुख्य अनुशासिका कैप्टन ममता अग्रवाल , मनोविज्ञान विभागाध्यक्षा डॉ. मोनिका सहाय तथा अन्य वरिष्ठ शिक्षिकाओं ने दीप प्रज्वलन व सरस्वती मां के समक्ष माल्यार्पण से किया। अतिथियों का स्वागत तथा आभार स्मृति चिन्ह प्रदान कर किया गया |
कार्यक्रम में वरदान संस्थान की निदेशिका डॉ. पल्लवी ने छात्राओं को विभिन्न प्राकृतिक चिकित्साओं तथा एक्यूप्रेशर टेक्निक्स के माध्यम से अपने मन व शरीर को स्वस्थ व तनाव मुक्त रखने तथा अपने जीवन को अधिक शांत व खुशहाल बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया। जिससे वे भविष्य में अपने जीवन व कार्य स्थल की समस्याओं को और अधिक अच्छे से समाधान कर सकें बेहतर प्रदर्शन करें।

कार्यक्रम के अंत में प्रो. निशि प्रकाश, विभागाध्यक्षा समाजशास्त्र विभाग ने कार्यक्रम की सफलता हेतु सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया| कार्यक्रम के सफलतापूर्वक संपादित होने में मनोविज्ञान विभाग की प्रवक्ताओं सुश्री प्रीति यादव, सुश्री मयूरिका गुप्ता आदि ने सक्रिय योगदान दिया |

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