कानपुर 18 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, लिटरेरी एक्टिविटी क्लब क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर द्वारा अपराजिता साहित्य के अविस्मरणीय स्त्री चरित्र विषय पर आयोजित व्याखानमाला का तीसरा व्याख्यान 17/10/2023 को सर्वपल्ली राधाकृष्णन सभागार में संपन्न हुआ। इस विषय पर बोलने के लिए मुख्य अतिथि के रूप में महात्मा गांधी हिंदी विश्वविद्यालय , वर्धा की सह अध्यापिका सुप्रिया पाठक उपस्थित थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज की उप प्राचार्या प्रोफेसर सबीना बोडरा ने की। कॉलेज की प्रथम वर्ष की छात्रा सृष्टि मिश्रा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। तत्पश्चात सुप्रिया पाठक जी ने अपने भाषण की शुरुआत राष्ट्रवाद से शुरू की तथा ब्रिटिश काल में स्त्री योगदान की चर्चा करते हुए उन्होंने प्रेमचंद के साहित्य की स्त्री पत्रों को वर्णित किया। प्रेमचंद जनता के लेखक है जिनके साहित्य में गांधी जी की आदर्शवादी स्त्री हमें दिखाई देती हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पितृसत्ता न केवल महिलाओं अपितु पुरुषों के लिए समान रूप से हानिकारक है और इसके चलते दोनों पक्ष स्वयं को बंधन मुक्त नहीं पाते । उन्होंने बताया कि इससे मुक्ति का प्रयास दोनों जब साथ मिल कर करेंगे तब कहीं हम इससे कुछ समय में मुक्त हो पाएंगे और इसके लिए पुरुषों को भी स्वयं आगे आना होगा ।तत्पश्चात प्रोफेसर आनंदिता ने उनके वक्तव्य पर अत्यंत सारगर्भित टिप्पणी की । उप प्राचार्य प्रोफेसर सबीना बोदरा ने अपने वक्तव्य में यह बात कही कि हम इस बात का सदैव ध्यान रखे कि स्त्री सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए तथा पितृसत्ता का विरोध करते हुए उसके नकारात्मक एवं सकारात्मक पक्ष क्या होगा और अंत में वे उनके भाषण से खुद को लाभवान्वित महसूस करती हैं। इस अवसर पर छात्र छात्राओं ने सुश्री सुप्रिया पाठक से कई प्रश्न किए जिसका उन्होंने समुचित उत्तर दिया। कार्यक्रम के प्रारंभ में जहां अतिथियों का स्वागत पौधों से किया गया वही अंत में मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट कर उप प्राचार्य द्वारा सम्मानित किया गया। औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन बी ए तृतीय वर्ष की छात्रा मानवी शुक्ला द्वारा किया गया । कार्यक्रम का सफल संचालन बी ए की ही छात्रा मानसी बाजपेई ने किया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में शिक्षक शिक्षेकेत्त कर्मचारी विद्यार्थी और शोधार्थी उपस्थित रहे।