विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग के सीआरटीडीएच कार्यक्रम के अंतर्गत पांच चिंतन शिविरों की श्रृंखला में पांचवें “सीआरटीडीएच एम्पावरिंग एमएसएमईः विषय पर चिंतन शिविर” का उद्घाटन 13 अक्टूबर 2023 को दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी के डीएसआईआर-सीआरटीडीएच में हुआ। डीपीएसआरयू), नई दिल्ली। चिंतन शिविर अधिक सार्थक अनुसंधान को मजबूत बनाने तथा वैज्ञानिक ज्ञान, विचारों और आविष्कारों तथा बाजार योग्य उत्पादों और सेवाओं के व्यावहारिक अप्लीकेशन के बीच के अंतर को पाटने के लिए एक अनुकूल इको-सिस्टम बनाने में उद्योग और अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग को सहज बनाने के लिए आयोजित किया गया था। चिंतन शिविर के प्रारंभ में मुख्य अतिथि, डीएसआईआर की सचिव और महानिदेशक डॉ. एन. कलईसेल्वी का उद्घाटन भाषण हुआ। डॉ. कलईसेल्वी ने अपनी टिप्पणी में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के “आत्मनिर्भर भारत” बनाने के विजन को साकार करने के लिए एमएसएमई, स्टार्टअप और इनोवेटर्स को सक्षम बनाने में डीएसआईआर और सीआरटीडीएच के महत्त्व पर बल दिया। डीपीएसआरयू के कुलपति प्रोफेसर रमेश के गोयल ने विभिन्न हितधारकों को उनकी अनुसंधान एवं विकास संबंधी गतिविधियों में सहायता करने में डीएसआईआर-सीआरटीडीएच-डीपीएसआरयू के प्रयासों की सराहना की। सीआरटीडीएच की प्रमुख डॉ. सुजाता चकलानोबिस ने चिंतन शिविर के बारे में संपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने नवाचार की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि एमएसएमई नवाचार इको-सिस्टम के एक प्रमुख घटक के रूप में भारत को वैश्विक स्तर पर अनुसंधान एवं विकास और मेन्युफेक्चरिंग के केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। डीपीएसआरयू के रजिस्ट्रार प्रोफेसर हरविंदर पोपली ने डीपीएसआरयू में अनुसंधान एवं विकास तथा नवाचार के लिए उद्योगों को संगठित करने की दिशा में डीपीएसआरयू के प्रयासों की जानकारी दी। डीपीएसआरयू में सीआरटीडीएच की परियोजना समन्वयक प्रोफेसर गीता अग्रवाल ने सीआरटीडीएच के उद्देश्य, प्राप्त उद्देश्य तथा भविष्य के लक्ष्यों, एमएसएमई कनेक्ट पहल, एमएसएमई के लिए सुलझाए गए विषयों, प्रस्तुत सेवाओं और एमएसएमई के लिए उपलब्ध अवसरों के बारे में जानकारी दी।
सीआरटीडीएच द्वारा “मैन्य़ुफेक्चरिंग और अनुसंधान एवं विकास चुनौती: हेल्थकेयर एमएसएमई के लिए समर्थन प्रणाली बनाने” के विषय पर एक पैनल चर्चा का संचालन वैज्ञानिक-एफ और सदस्य सचिव-सीआरटीडीएच, डीएसआईआर डॉ. विपिन सी शुक्ला ने किया। चर्चा में विभिन्न पैनलिस्ट उद्योग, शिक्षा और सरकार की ओर से थे। कार्यक्रम में उपस्थित अन्य डीएसआईआर अधिकारी डॉ. वंदना कालिया, डॉ. रणजीत बैरवा, डॉ. शशि कुमार और श्री नवीन चंद थे। इस कार्यक्रम में डीपीएसआरयू, नई दिल्ली की सीआरटीडीएच टीम, उद्योग के प्रतिनिधि और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के प्रतिनिधि, स्टार्ट-अप, व्यक्तिगत नवाचारी, फैकल्टी और विद्यार्थी भी उपस्थित थे। इस आयोजन में गहन चर्चा, महत्वपूर्ण विश्लेषण और रणनीतिक योजना के माध्यम से सरकारी अधिकारियों, डीपीएसआरयू और हितधारकों के संयुक्त समझ, ज्ञान और विशेषज्ञता का उपयोग किया गया। इस सार्थक बातचीत में देश में एमएसएमई, स्टार्ट-अप और इनोवेटर्स के सामने आने वाली चुनौतियों को हल करने के संभावित उपायों पर विचार-मंथन किया गया, साथ ही भारत को किफायती स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में औद्योगिक अनुसंधान और मैन्युफेक्चरिंग का प्रमुख वैश्विक केंद्र बनाने के अवसरों का लाभ उठाया गया।