कानपुर 11 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च कॉलेज परिसर में मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड द्वारा” प्लेसमेंट ड्राइव” कार्यक्रम, महाविद्यालय के कैरियर काउंसलिंग सेल द्वारा अयोजित किया गया।मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड की ओर से सोनू वर्मा ( ब्रांच हेड कानपुर), उपेंद्र सिंह (एच.आर.), शोभित और ऐश्वर्या(टीम लीड)के नेतृत्व में पहले चरण का साक्षात्कार किया गया, साथ ही उन्होंने बताया कि वे सब इसी प्रकार से प्रतिभागियों का मार्ग दर्शन आगे भी करते रहेंगे जो कि उनके भविष्य के लिए अत्यंत फलदायी होगा ,
इस सत्र में महाविद्यालय के स्नातक अंतिम वर्ष तथा परास्नातक के कुल 86 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग लिया , जिसमे से पहले चरण के साक्षात्कार के लिए 27 छात्र-छात्राओं को चयनित किया गया।
सभी प्रतिभागियों ने अपने कौशल के अनुसार साक्षात्कार में अपना बेहतर प्रदर्शन किया और इसे प्लेसमेंट की दिशा में एक शुभ अवसर बताया ।
सत्र में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. जोसेफ डेनियल के मार्गदर्शन में किया गया। कॅरियर काउंसलिंग सेल की संयोजिका प्रो. मीत कमल तथा अन्य स्टाफ प्रो. ज्योत्षना लाल,अंकिता ब्रगेंज़ा, आशीष दुबे,अरुनेश शुक्ला, तथा छात्र प्रतिनिधि सुंदरम मिश्रा, वैष्णवी, अनंत, उज्जवल, ,अंजलि, अभिषेक, यश, एवम महाविद्यालय के विद्यार्थी मौजूद रहे सभी ने इस सत्र को अत्यंत प्रभावपूर्ण बताया।
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सौर ऊर्जा क्षमता मार्च 2014 में 2.82 गीगावॉट से बढ़कर दिसंबर 2023 में 73.32 गीगावॉट हो गई: केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह
केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और विद्युत मंत्री श्री आरके सिंह ने बताया कि देश में सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता 31.03.2014 को 2.82 गीगावॉट से बढ़कर 31.12.2023 तक 73.32 गीगावॉट हो गई है।
राष्ट्रीय सौर मिशन के अंतर्गत सौर ऊर्जा क्षमता की राज्यवार स्थापना का विवरण नीचे दिया गया है।
सौर ऊर्जा की राज्य–वार स्थापित क्षमता (31.12.2023 तक)
क्रम संख्या | राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश | सौर ऊर्जा क्षमता मेगावाट में |
1 | आंध्र प्रदेश | 4565.60 |
2 | अरुणाचल प्रदेश | 11.79 |
3 | असम | 155.81 |
4 | बिहार | 223.54 |
5 | छत्तीसगढ़ | 1072.24 |
6 | गोआ | 35.76 |
7 | गुजरात | 10549.07 |
8 | हरियाणा | 1240.47 |
9 | हिमाचल प्रदेश | 111.55 |
10 | जम्मू-कश्मीर | 54.98 |
11 | झारखंड | 121.77 |
12 | कर्नाटक | 9412.71 |
13 | केरल | 859.01 |
14 | लद्दाख | 7.80 |
15 | मध्य प्रदेश | 3170.05 |
16 | महाराष्ट्र | 5080.28 |
17 | मणिपुर | 13.04 |
18 | मेघालय | 4.19 |
19 | मिज़ोरम | 30.43 |
20 | नागालैंड | 3.17 |
21 | ओड़ीशा | 473.03 |
22 | पंजाब | 1266.55 |
23 | राजस्थान | 18777.14 |
24 | सिक्किम | 4.69 |
25 | तमिलनाडु | 7360.94 |
26 | तेलंगाना | 4712.98 |
27 | त्रिपुरा | 18.47 |
28 | उत्तर प्रदेश | 2740.87 |
29 | उत्तराखंड | 575.53 |
30 | पश्चिम बंगाल | 194.06 |
31 | अंडमान-निकोबार द्वीप समूह | 29.91 |
32 | चंडीगढ़ | 64.05 |
33 | दादरा और नगर हवेली तथा दमण और दीव | 46.47 |
34 | दिल्ली | 237.29 |
35 | लक्षद्वीप | 4.97 |
36 | पुद्दुचेरी | 43.27 |
37 | अन्य | 45.01 |
कुल योग (मेगावाट) | 73318.49 |
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय छत पर सौर ऊर्जा पैनल (आरटीएस) लगाने के कार्यक्रम का चरण- II लागू कर रहा है, जिसमें आवासीय कल्याण संघ (आरडब्ल्यूए)/समूह सहित केवल आवासीय क्षेत्र में छत पर सौर ऊर्जा पैनल (आरटीएस) की स्थापना के लिए केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) प्रदान की जा रही है। हाउसिंग सोसायटी (जीएचएस)। कार्यक्रम में 31.03.2026 तक आवासीय क्षेत्र में 4,000 मेगावाट छत पर सौर ऊर्जा पैनल (आरटीएस) क्षमता की स्थापना की परिकल्पना की गई है। केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) अन्य श्रेणियों यानी संस्थागत, शैक्षणिक, सामाजिक, सरकारी, वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए उपलब्ध नहीं है क्योंकि इन क्षेत्रों में लाभार्थी उच्च टैरिफ-भुगतान करने वाले उपभोक्ता हैं और केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) के बिना भी सौर ऊर्जा को अपनाना उनके लिए आर्थिक रूप से लाभदायक होगा।
यह जानकारी केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और विद्युत मंत्री आर.के. सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी है।
वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए राष्ट्रीय नीति
पिछले 05 वर्षों में 2018-19 से 2022-23 के बीच विशेष अवसंरचना योजना (एसआईएस), सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) और विशेष केंद्रीय सहायता (एससीए) योजनाओं के तहत वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों की क्षमता निर्माण के लिए 4931 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इसके अलावा, वामपंथी उग्रवाद प्रबंधन के लिए केंद्रीय एजेंसियों को सहायता (एसीएएलडब्ल्यूईएम) योजना के अंतर्गत वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा शिविरों में हेलीकॉप्टरों के संचालन और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को संबोधित करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों को 765 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
विकास के मोर्चे पर, भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं के अलावा वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों में कई विशिष्ट पहलें की गई हैं, जिनमें सड़क नेटवर्क के विस्तार, दूरसंचार कनेक्टिविटी में सुधार, कौशल विकास और वित्तीय समावेशन पर विशेष जोर दिया गया है। कुछ उपाय इस प्रकार हैं:
- सड़क नेटवर्क के विस्तार के लिए 13620 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया है।
- दूरसंचार कनेक्टिविटी में सुधार के लिए वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में 13823 टावरों को मंजूरी दी गई है। अब तक 3700 से अधिक टावर चालू हो चुके हैं।
- वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में स्थानीय जनसंख्या के वित्तीय समावेशन के लिए 4903 नए डाकघर खोले गए हैं। इसके अलावा, अप्रैल-2015 से 30 सबसे अधिक वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में 955 बैंक शाखाएं और 839 एटीएम खोले गए हैं।
- कौशल विकास के लिए वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में 46 आईटीआई और 49 कौशल विकास केंद्र (एसडीसी) क्रियाशील बनाए गए हैं।
वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों के आदिवासी प्रखंडों (ब्लॉकों) में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए 130 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) को क्रियाशील बनाया गया है।
नीति के दृढ़ कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप हिंसा में लगातार गिरावट आई है और इसके भौगोलिक प्रसार में कमी आई है। वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा की घटनाओं और उनकी परिणामी मौतें (नागरिक + सुरक्षा बल) 2010 के उच्चतम स्तर से 2023 में क्रमशः 73% और 86% कम हो गई हैं।
वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा की सूचना देने वाले पुलिस स्टेशनों की संख्या 2010 में 96 जिलों के 465 पुलिस स्टेशनों से घटकर 2023 में 42 जिलों के 171 पुलिस स्टेशनों पर आ गई है। भौगोलिक प्रसार में गिरावट सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) योजना। के अंतर्गत कवर किए गए जिलों की कम संख्या में भी परिलक्षित होती है। अप्रैल 2018 में एसआरई जिलों की संख्या 126 से घटकर 90 हो गई थी और जुलाई 2021 में और घट कर 70 रह गई।
यह जानकारी गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी है ।
वर्ष 2014-23 की अवधि के दौरान, 10867 रोड ओवर ब्रिज/रोड अंडरब्रिज का काम पूरा हुआ
इसमें प्रत्येक स्टेशन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए स्टेशनों पर स्टेशन एक्सेस ,सर्कुलेटिंग क्षेत्रों, प्रतीक्षालयों, शौचालयों, जहां आवश्यकता हो, वहां लिफ्ट/एस्केलेटर, स्वच्छता, निशुल्क वाई-फाई, ‘ एक स्टेशन एक उत्पाद ‘ जैसी योजनाओं के माध्यम से स्थानीय उत्पादों के लिए कियोस्क, बेहतर यात्री सूचना प्रणालियां, एक्सेक्यूटिव लौंज, व्यवसाय बैठकों के लिए नामित स्थान, लैंडस्केपिंग आदि सुविधाओं में सुधार लाने के लिए चरणों में मास्टर प्लानों की तैयारी करना और उनका कार्यान्वयन करना शामिल है।
इस स्कीम में भवन में सुधार, स्टेशन को शहर के दोनों तरफों के साथ समेकित करना, मल्टीमॉडल एकीकरण, दिव्यांगजनों के लिए सुविधाओं, टिकाऊ एवं प्र्यावरण अनुकूल समाधान, गिट्टीरहित ट्रैक का प्रावधान, आवश्यकता के अनुरुप ‘ रूफ प्लाजा ‘ दीर्घ अवधि में स्टेशन पर सिटी सेंटरों की चरणबद्धता और व्यवहार्यता तथा निर्माण की भी परिकल्पना की गई है। इस स्कीम के तहत, भारतीय रेल के उन्नयन/आधुनिकीकरण के लिए बीकानेर मंडल के 23 स्टेशनों और जोधपुर मंडल के 18 स्टेशनों सहित 1318 स्टेशनों की पहचान की गई है।
वर्ष 2014-23 की अवधि के दौरान, कुल 10867 रोड ओवर ब्रिज (आरओबी)/रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) पूरे किए गए, जबकि 2004-14 की अवधि के दौरान, केवल 4148 नंबर आरओबी/आरयूबी पूरे किए गए। वर्ष 2023-24 के दौरान दिसंबर 2023 तक 612 आरओबी/आरयूबी का काम पूरा हो चुका है। वर्ष 2023-24 के दौरान दिसंबर 2023 तक आरओबी और आरयूबी के निर्माण पर 3970 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
मानवयुक्त लेवल क्रॉसिंग गेटों को खत्म करने के लिए रोड ओवर ब्रिज (आरओबी)/रोड अंडर ब्रिज ( आरयूबी ) का निर्माण किया जाता है। लेवल क्रॉसिंग (एलसी) के बदले रोड ओवर ब्रिज (आरओबी)/रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) के कार्यों को मंजूरी देना भारतीय रेलवे की एक सतत और गतिशील प्रक्रिया है। ऐसे कार्य ट्रेन संचालन में सुरक्षा, ट्रेनों की गतिशीलता और सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए प्रभाव और व्यवहार्यता आदि पर इसके प्रभाव के आधार पर किए जाते हैं।
31.01.2024 तक, भारतीय रेलवे पर कुल 1948 आरओबी और 2325 आरयूबी स्वीकृत किए गए हैं, जो योजना निर्माण, आकलन और निष्पादन आदि के विभिन्न चरणों में हैं।
ट्रेन संचालन में सुरक्षा बढ़ाने, गतिशीलता बढ़ाने और सड़क क्रॉसिंग कार्यों में तेजी लाने के लिए रेलवे ने 02.03.2023 को नई नीति जारी की है। नीति की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं :
1. एलसी उन्मूलन की प्राथमिकता ट्रेन परिचालन में सुरक्षा, ट्रेनों की गतिशीलता और सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए प्रभाव, निष्पादन की व्यवहार्यता और लागत पर विचार पर आधारित है।
2. जहां भी संभव हो रेलवे द्वारा एकल इकाई के आधार पर कार्य का निष्पादन। यदि कोई सड़क स्वामित्व प्राधिकरण/राज्य सरकार चाहे तो रेलवे उन्हें एकल इकाई के आधार पर कार्य निष्पादित करने की अनुमति दे सकता है।
यह जानकारी रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन के तहत 474.7 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 137 अनुसंधान परियोजनाओं को मंजूरी दी गई
पिछले तीन वर्षों के दौरान उक्त मिशन के तहत विभिन्न संस्थानों को सरकार द्वारा प्रदान किए गए अनुदान का विवरण इस प्रकार है:
क्रमांक | वर्ष | जारी की गई धनराशि (करोड़ रुपये में) |
1 | 2020-2021 | 0.0 |
2 | 2021-2022 | 59.64 |
3 | 2022-2023 | 35.47 |
यह जानकारी केंद्रीय वस्त्र राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा है कि एक अत्यधिक सक्षम आत्मनिर्भर रक्षा अंतरिक्ष इकोसिस्टम के निर्माण का समय आ चुका है
मानव जाति हेतु और युद्ध में जाने वाले सशस्त्र बलों के लिए भी अंतरिक्ष की जीवन शक्ति की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए जनरल अनिल चौहान ने कहा कि भूमि, वायु, समुद्र तथा साइबर तकनीकी के पारंपरिक क्षेत्रों में युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से अंतरिक्ष का उपयोग बल गुणांक के रूप में किया जा सकता है। उन्होंने रक्षा अंतरिक्ष इकोसिस्टम के सभी हितधारकों से देश की अंतरिक्ष संपत्तियों की सुरक्षा के उद्देश्य से रक्षा निवारक के रूप में उद्योग जगत से अंतरिक्ष-सुरक्षा की क्षमताओं पर काम करने के लिए आह्वान किया।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने सशस्त्र बलों की क्षमताओं को सशक्त करने के लिए अंतरिक्ष का उपयोग करने की सरकार की प्रमुख गतिविधियों का उल्लेख किया। उन्होंने आईडेक्स पहल के तहत मिशन डेफस्पेस 2022 के हिस्से के रूप में 75 अंतरिक्ष संबंधी चुनौतियों का भी जिक्र किया। जनरल अनिल चौहान ने कहा कि इस पहल के तहत, कुल पांच अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए गए हैं और अतिरिक्त चार अनुबंध दस्तावेजीकरण के विभिन्न चरणों में हैं। उन्होंने बताया कि इसी समय सीमा में, 12 मेक-आई चुनौतियों का व्यवहार्यता अध्ययन भी आगे बढ़ाया जा रहा है।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने इस बात पर बल दिया कि सरकार देश के भीतर एक भरोसेमंद अंतरिक्ष इकोसिस्टम का विकास करने के लिए स्टार्ट-अप सहित सभी हितधारकों को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारे पास वर्ष 2014 में एक ही स्टार्ट अप था, जो 2023 में ही अंतरिक्ष क्षेत्र में 54 नए स्टार्टअप के साथ 204 स्टार्टअप तक बढ़ गया है। जनरल अनिल चौहान ने कहा कि वर्ष 2023 में हमने एक राष्ट्र के रूप में इस क्षेत्र में 123 मिलियन डॉलर का निवेश किया, जिससे कुल निधि 380.25 मिलियन डॉलर हो गई।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने इस तथ्य पर जोर दिया कि वर्तमान में भारतीय अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था लगभग 8.4 अरब डॉलर होने का अनुमान है और वर्ष 2033 तक स्वदेशी अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के 44 अरब डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सीड फंड योजना, 0% जीएसटी व्यवस्था, परीक्षण सुविधाओं को साझा करना, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण जैसी सरकारी गतिविधियों ने निजी उद्योग को उचित सहयोग प्रदान किया है। जनरल अनिल चौहान ने कहा कि मांगों के संरेखण और वित्त पोषण समर्थन के साथ यह ढांचा निजी क्षेत्र को आगे बढ़ने के लिए सही वातावरण प्रदान करता है।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने कार्यक्रम स्थल पर एक प्रदर्शनी और उत्पाद प्रस्तुति के माध्यम से निजी अंतरिक्ष उद्योग भागीदारों द्वारा की गई विभिन्न तकनीकी प्रगति को दर्शाने वाली एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।
भारतीय सशस्त्र बलों में संयुक्तता, एकीकरण और परिवर्तन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एकीकृत रक्षा कार्मिक मुख्यालय के साथ एक थिंक टैंक के रूप में सेंटर फॉर जॉइंट वारफेयर स्टडीज द्वारा सैटकॉम इंडस्ट्री एसोसिएशन – इंडिया (एसआईए) के साथ आयोजित सेमिनार का उद्देश्य नागरिक, वाणिज्यिक एवं रक्षा अंतरिक्ष कार्यक्रमों के बीच समन्वय तथा तालमेल को बढ़ावा देना है। जिसे अंतरिक्ष क्षेत्र की दोहरे उपयोग की प्रकृति का लाभ उठाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
नई मंजिल योजना के तहत 98,712 लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया गया
परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों के माध्यम से यह योजना कार्यान्वित की गई थी, इसलिए, निधि आवंटन पर राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश-वार आंकड़े मंत्रालय में नहीं रखे जाते हैं। शुरुआत से ही योजना के तहत 562.39 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसमें से. 2022-23 तक 456.19 करोड़ का उपयोग किया जा चुका है।
तालाश उसकी.. जो रूह को छुए
न ही मोहताज हूँ मैं…
और .. न ही आरज़ू है कोई..
कि वो मुझे गुलाब देता …
बेहतरीन सौग़ातों से नवाज़ा हुआ है उसने मुझे …
शिद्दत दी ..
लम्हे दिये..
यादे दी ..
इन्तज़ार दिया ..
उसपर वो ..
उसका
बेशक़ीमती इश्क़ जो
आज भी
मेरी रूह को
महका रहा है
🌹♥️🌹♥️
ये फूल है .. या फिर तेरा ख़याल .. जिसे छूते ही ..महक जाती हूँ मैं .,
दोस्तों !
वैलेण्टाइन बहुत ख़ास दिन होता है उन लोगों के लिए जो प्यार का इज़हार करना चाहते हैं मेरे हिसाब से प्यार बताने की ..या जताने की चीज है ही नहीं .. इसे दिल और रूह अपने आप ही महसूस कर लेती है …
वैलेण्टाइन पर कुछ शेयर करना चाहती हूँ आप सब से .. 🙏
आज सब कन्फ़्यूज है सोचते हैं उन्हें मोहब्बत हो गई है..मगर कई बार वो महज़ एक आकर्षण या फिर ज़रूरत से बढ़ कर कुछ भी नहीं ..मोहब्बत तो इक पाक जज़्बा है जो सिर्फ़ इक बार ही होती है बार बार नही .. मगर लोगों का कहना है कि ये कभी भी हो सकता है।
..असल में ..ये एक अनियंत्रित मन की अवस्था है जिसे अपने मन पर ..इन्द्रियों पर कंट्रोल नही ।
हम सब…दोस्तों से
रिश्तेदारों से ..
बच्चों से और माँ बाप से करते है।
मगर हर प्यार मे फ़र्क़ होता है ..
शिद्दत का ..
तासीर का ..
केवल एक प्यार ,एक सम्बन्ध जो हमे सकून देता है जिसका सम्बंध हमारे जिस्म और रूह के साथ होता है वो एक ही हो सकता है ।
हमारे ऋषि मुनि कहा करते थे घर में रह कर ही ..
सब भोगों को ..भोग सकते है
भोगों को भोगते भोगते मन विरक्त होने लगता है .. और हम विरह की ओर चल पढ़ते हैं ।
विरह बहुत क्षरेठ अवस्था है जो इन्सान को भगवान की ओर ले जाने में सहायक होती है ..
जब इन्सान जीवन भोग चुकता है कुछ समय पश्चात कहने लगता है अब वो चीज़ नहीं रही ..चाहे वो रिश्ता हो या दुनियादारी हो ।
तब इन्सान उदासीनता को महसूस करने लगता है तो ऐसे मे ध्यान भटकता है यानि इधर उधर जाता है
जब कि वो ही अवस्था होती है जब हम अपने असली उद्देश्य की तरफ़ चल सके जिस कारण हम देह में आये हैं इक उम्र के बाद सहज होना .. रूक जाना और गहरा सोचना ज़रूरी है जो हम सब नहीं कर रहे ।
आज के दौर में लोग शादी को ले कर भी बड़े कन्फ़्यूज.है हर कोई यही चाहता कि उसकी शादी बड़े घर में हो … पैसे वाले के साथ हो .. जब कि हम सब जानते हैं कि पैसा हमें वो सुख नहीं दे सकता जिसे हम सकून कहते है।
दोस्तों !
लोगों की सूरतों पर न जा कर बल्कि दिल और संस्कारों को परखना लेना।
जीवन साथी पोटेन्षियिलटी …क्षमताओं .. और
क़ाबलियत के हिसाब से ही ढूँढना।याद ये भी रखना ..हर इन्सान पहले थोड़े से ही शुरू करता है फिर आगे बढ़ता है।जिन को पहले से ही सब बना बनाया मिल जाता है उनकी अपनी.. क्या क़ाबलियत हो सकती है। इन्सान वही है जो खुद खड़ा हो कर.. अपना रास्ता बनाता है गिर गिर कर संभलने वाला इन्सान ही असल मे सफल कहलाने के काबिल है ।
किसी ऐसे की तालाश…जो सिर्फ़ आप ही का हो .. जिसमें मर्यादा हो।
किसी ऐसे की तालाश.. जो तुम्हारी रूह को महका दे।
पैसा तो वक़्त के साथ बन भी जाता है और कई बार आप को दुख दे चला भी जाता है..देखा जा रहा है ..कई बार बच्चों की ..जहां शादियाँ हो रही होती है ..वहाँ सिर्फ़ पैसा ही पैसा होता है मगर सच्चाई ,लौयलटी ..,प्यार बिलकुल नहीं होते।लोग एक दूसरे से बहुत जल्दी ऊब रहे है ।
हर चीज़ की तरह ..उन्हें रिश्तो मे भी वैरायइटी चाहिए होती है।
यही वजह है कि लोग अपने रिश्तो मे ज़्यादा देर तक ख़ुश नहीं रह पा रहे ..और फिर शुरू हो जाती है किसी और की तालाश …जो लोगों के घुटन और डिप्रेशन की ख़ास वजह बन रही हैं समाज में।
दोस्तों ।
आज के दौर में प्यार जिस्मों तक ही सीमित है, जो बेहद अफ़सोस की बात है …इन्सान उस जिस्म की चाह में रहता है जो ख़त्म हो जायेगा ..किसी को अगर अपना बनाने की चाह हो, तो कोशिश करो कि उसकी रूह को छू पाओ या कोई …तुम्हारी रूह को छू पाये …जो वाक़ई में तुम्हारे सकून का सबब होगा ..सच्चे प्यार की तलाश अगर है तो पहले खुद सच्चा बनना पढ़ता .. अगर सीता जैसा पार्टनर चाहिए तो खुद को राम बनाना होगा ..केवल यही एक रास्ता है
जो आप को सकून की ओर ले जायेगा 🙏🌹
एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज द्वारा मतदाता जागरुकता विषय पर एक-दिवसीय शिविर आयोजित
कानपुर 7 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज की एन एस एस इकाई द्वारा मतदाता जागरुकता विषय पर एक-दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभ आरम्भ महाविद्यालय में ऍन एस ऐस यूनिट की स्वयंसेविकाओं द्वारा स्लोगन के द्वारा किया गया एवम ऍन एस एस प्रभारी प्रोफ चित्रा सिंह तोमर ने मतदाता जागरुकता पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया जिसमें महाविद्यालय की सब शिक्षिकाओं ने तथा छात्राओं ने भी प्रतिभाग किया । इसके पश्च्यात स्वयंसेविकाओं ने रैली निकल कर मतदाता जागरुकता के विषय में आम नागरिकों को जागरूक किया साथ ही गॉड ली हुई बस्ती ‘छोटी बीवी का हाता’ के प्रत्येक घर में जाकर महिलाओं, पुरुषों व युवाओं को मतदान के विषय में जानकारी प्रदान की तथा उन्हें मतदान के महत्व को समझाते हुए मतदान करने के लिए प्रेरित किया। शिविर का समापन महाविद्यालय में प्राचार्य प्रो. सुमन के स्वयंसेविकाओं को दिए गए मार्ग दर्शन के द्वारा किया गया । इस अवसर पर ऍन सी सी की इकाई प्रमुख डॉ प्रीति यादव भी सक्रिय रूप से उपस्थित रहीं । एवम शिविर का सफलतापूर्वक संचालन ऍन एस एस कार्यक्रम अधिकारी प्रो. चित्रा सिंह तोमर ने किया।
Read More »तंत्र छोटे से शब्द की बड़ी कहानी…
तंत्र छोटे से शब्द की बड़ी कहानी भाग 10
जय श्री महाकाल
आज हम जानेंगे कन्फ्यूजन स्पेल/ इल्यूजन स्पेल
इल्यूजन स्पेल का अर्थ है विभभ्र्म, भ्रम, जा ल, मिथ्या भ्रांति या माया
इस क्रिया में इंद्रियों से प्राप्त ज्ञान में गड़बड़ ( अ सत्य ) यानी जो कुछ आपने सीखा है या जानते हैं उसमें हेर फेर कर देना जैसे वास्तविकता की जगहकुछ और हो दिखाई देना जैसे आप सोते हुए सपने देखते हैं उन सपनों में आपकी परिस्थिति भयावह कर दी जाती है नॉर्मल सपने कुछ देर चलते हैं और आप उन सपनों से विचलित नहीं होते ना ही डरते हैं क्योंकि आप उन सपनों को भूल जाते हैं जबकि जब आप पर इस तरह की क्रिया की जाती है तो वह सपने लंबे समय तक चलते हैं आपको याद रहते हैं और उठने के बाद आप खुद को काफी लो फील करते हैं बीमार महसूस करते हैं और बहुत थक गए हो जैसे ऐसा आपको महसूस होता है।
इन सपनों में आप खुद को किसी भी भयानक स्थिति में देख सकते हैं जैसे
1 ) आप किसी रेगिस्तान में चले जा रहे हैं आपको भूख प्यास लगी है लेकिन आपके आसपास कोई नहीं है तेज धूप है और आप सिर्फ दूर तक रेतीले टी लों में चलते-चलते जा रहे हैं और प्यास के मारे आपका गला पूरी तरह से सूखा जा रहा है जैसे आप अभी गिर पड़ेंगे !
2 ) आप कुछ बिल्डिंगों के ऊपर से, छतो पर पानी की टंकियों से कूदते हुए भाग रहे हैं, आपके पीछे कोई पड़ा है जिसे आप देख नहीं सकते लेकिन आपको महसूस हो रहा है कि कोई आपके पीछे पड़ा है जिससे आपको खुद को बचाना है।
3 ) आप किसी समुद्र या नदी में डूब रहे हैं कोई बड़ी मछली जानवर आपके पीछे पड़ा है और आप उससे बचने की कोशिश किया जा रहे हैं हाथ पांव मार रहे हैं तैरने की कोशिश कर रहे हैं!
4) जैसे जंगल से गुजर रहे हैं वहां दलदल में आप फस गए और जोर-जोर से ची ख रहे हैं बचाओ बचाओ कोई तो बचाओ कई बार आपके पीछे कोई जानवर पड़ जाता है और आप उससे बचने के लिए कहीं गुफाओं में घुस रहे हैं एवं किसी पेड़ के ऊपर चढ़ रहे हैं।
5) आप महसूस करते हैं जैसे आप किसी कमरे में हैं और उस कमरे की दीवारें आपके पास आती चली जा रही हैं और आप उन चारों दीवारों के बीच फंस जाने वाले हो, दब जाने वाले हो इस तरह के सीन कई बार पुरानी पिक्चरों में भी दिखाए जाते थे।
6) आप महसूस कर सकते हैं जैसे आपके शरीर पर कुछ कीड़े जैसे कॉकरोच,बिच्छू, सांप,कनखजूरे,चींटी,जोक,चूहे आदि आपके ऊपर चढ़ रहे हैं और आप वास्तव में उनसे डर कर उन्हें खुद से हटाने की कोशिश कर रहे हैं एवं नींदों में आपके हाथ पांव चलने लगते हैं उनको हटाने के लिए।
7) आपको अपने शरीर में जलन महसूस हो सकती है जैसे किसी ने पेट्रोल मिट्टी का तेल आदि डालकर जला दिया हो और आप बचने के लिए भाग रहे हैं जहां पानी दिख रहा है पानी में कूद रहे हैं मिट्टी दिख रही है मिट्टी में लो ट रहे हैं और वह आग बुझने का नाम ही नहीं ले रही।
8) कई बार आपको आपके परिवार के ही मरे हुए लोग दिखाई देते हैं जो आपको मार रहे होते हैं पीट रहे होते हैं या खींचकर अपने साथ ले जा रहे होते हैं इस तरह के के बुरे सपने आते हैं पूरी तरह से नेगेटिव।
इस तरह के स्वप्न पूरी रात चलते रहते हैं आप डरते रहते हैं और जब सुबह उठते हैं तो पूरी तरह से हैरान परेशान बीमार जैसे किसी ने आपकी पूरी एनर्जी ही खींच ली हो इसी तरह से कई बुरे अनुभव उस इंसान को हो सकते हैं। इससे बचने के लिए कोशिश करें जैसे ही आपको पहला हल्का अनुभव होता है उसी वक्त से मंत्र जाप करे,अपनी नजर उतारे औरा क्लीन करें खुद की भी और घर की भी, रात को कोई ना कोई कवच सुने जिस भी ईस्ट को आप मानते हैं, खुद को पैक करके सोए खुद को सकारात्मक रखें किसी भी नकारात्मकता को स्वयं पर हावी न होने दें ऐसी क्रिया करने वाले लोग तो चाहते ही यही है कि आप कई रातों तक डर से सो ना पाए आपके व्यक्तित्व में नकारात्मकता झलके,आप परेशान रहे और किसी भी तरह का कार्य आप ना कर सके।
आपको कुछ भी हो रहा हो तुरंत उस परेशानी से संबंधित डॉक्टर से मिले लेकिन अपने कॉन्शियस लेवल को बनाए रखें क्योंकि इस तरह की क्रिया जो भी करता है वह आपके पास का ही आपका अपना खास व्यक्ति, दोस्त,रिश्तेदार होता है ऐसा ना हो कि वह आपको किसी गलत डॉक्टर के पास ले जाए या गलत दवाइयां दे जिससे आपकी स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ जाए।
कन्फ्यूजन स्पेल इसका अर्थ है उलझा हुआ, उलझन में डालना अ स्पष्ट जैसे
1) कई प्रश्न पूछ कर उलझन में डाल देना
2) क्लियर रोड साइन ना होने पर उलझा जाना गलत दिशा में जाना
3) इतने ऑप्शन दे देना या दिखाना की आप समझ ही ना पाए आपको करना क्या है आप चाहते क्या है?
नर्सिंस्ट या आपका बुरा चाहने वाला आपके आसपास होता है और यह क्रिया आप पर की जाती है तो आप अपने लिए कभी भी सही समय पर सही जगह सही निर्णय नहीं ले पाते वह आपके कार्य,रिश्तो, खुशियों पर ग्रहण लगने के लिए तैयार रहता है इसलिए जब आप कोई कार्य करने की शुरुआत करना चाहते हैं तो वह आपके सामने कई प्रकार के सवाल खड़े कर देगा जैसे वह पैसा कहां से आएगा – अगर लाभ नहीं हुआ तो चूकाओगे कैसे- जिससे पैसा ले रहे हैं यदि वह गलत इंसान हुआ तो – इस काम को करने से अच्छा तो ऐसा कर ले – वैसा कर ले इस तरह के अनगिनत सवाल आपके सामने रख दिए जाते हैं और आप पहली ही सिढ़ी पर कन्फ्यूजन होकर खड़े रह जाते हैं आगे बढ़ ही नहीं पाते।
इसी तरह आपके रिश्तों पर भी यह सवाल उठाते हैं कभी आपकी गलतियां दिखाते हैं जो पास्ट में कभी अा पने की थी या आपके साथी ने अनजाने में की थी, कभी आपके स्टेटस का हवाला दिया जाता है कभी धर्म का तो कभी कार्य पर सवाल उठा दिए जाते हैं आपके अहंकार को इतनी हवा दे दी जाती है कि आपको समझ ही नहीं आता कि रिश्ते निभाने के लिए हमेशा दिमाग को नहीं लगना चाहिए आपकी खुद की गलती हो और आप अपने साथी से माफी मांगना चाहते हैं तो भी यह लोग आपको इतनी बातें सुनते हैं आपके अहम को आपके अहंकार को और सामने वाले की कुछ ऐसी बातों को जिससे कि आप उन रिश्तो को सुधारने की जगह और बिगाड़ देते हैं और फिर अंत में अकेले रह जाते हैं।
आपकी खुशी किसमे है जब आप यह जानकर उस दिशा में बढ़ने लगते हैं तो आपसे जलन ईर्ष्या द्वेष का भाव रखने वाले लोग आपके ही प्रिय बन कर आपके सामने ऑप्शन का पिटारा खोल देते हैं जैसे काम करने के लिए कई ऑप्शन रिश्तो में ऑप्शन घूमने में ऑप्शन कई तरह की बातों में उलझा कर आपको सबसे गलत जो होगा वही आपको चुनने में मदद करते हैं आपसे वह चुनवाते हैं जिससे आप उनसे ज्यादा आगे ना बढ़ सके आप तरक्की ना कर सके और आपके सामने रोज एक नई समस्या नई परेशानी खड़ी हो आपके रिश्ते इतने कलुषित क्लेश वाले हो जाए की मानसिक शांति पूरी तरह से खत्म हो जाए आपकी आप जीवन से पूरी तरह निराश हो जाए और यह सोचने पर मजबूर हो जाए कि मैं आखिर मेरी गलती कहां थी आखिर मेरी किस्मत इतनी खराब क्यों है एवं आप कई बार आत्महत्या तक की सोच को हवा देने लगते हैं और ऐसा लगता हैं कि आपके लिए इस जीवन में कुछ बचा ही नहीं है।
ऐसी स्थिति अगर आपको महसूस होती है तो सबसे पहले खुद को कुछ दिन के लिए अकेला कर लीजिए उस भीड़ से अलग जो आपके मार्ग में अवरोध डाल रहे हैं आपको गलत डायरेक्शन दे रहे हैं शांत मन से स्वयं से बात कीजिए आपकी स्वयं की खुशी किस में है खुद को समझते हुए आपको आगे बढ़ना होता है और जैसे ही आप अपनी खुशी को समझते हैं खुद को समझते हैं आपकी जीत निश्चित हो जाती है आप किसी पर आश्रित नहीं रहते हैं आपके जो निर्णय होते हैं वह आपके अपने होते हैं जो दूसरों के बताए हुए सलाहों से कहीं ज्यादा बेहतर होते हैं क्योंकि यदि आप इसमें कुछ गलत भी करते हैं तो भी आप उनसे सीखते हैं और उन गलतियों के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होते हैं खुद को जिम्मेदार ठहराते हैं ना कि किसी और को इसलिए सबसे पहले स्वयं से सवाल कीजिए आपको अपने जीवन से क्या चाहिए आपको क्या काम करने से खुशी मिलेगी आपके साथी धनी होनी चाहिए या साथ देने वाले संस्कारी, इंसानियत,प्रेम का,सम्मान का भाव रखने वाले होने चाहिए इन सवालों का जवाब मिलते ही आप सही दिशा में आगे बढ़ते हैं सही समय पर सही निर्णय लेते हैं इस तरह से किसी भी स्थिति में स्वयं को शांत रखने का प्रयास करें और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़े।
जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाली
यदि आपको किसी भी तरह की सहायता की आवश्यकता है तो आप संपर्क कर सकते हैं ज्योतिष राखी हीलर तंत्र विशेषज्ञ सुनीता वाधवानी जी से 9784862029