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केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर का प्रिंट मीडिया मालिकों एवं संपादकों से सीधा संवाद

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर गुजरात के दौरे पर हैं। मंत्री ने आज गांधीनगर में प्रमुख समाचार पत्रों के मालिकों और प्रमुख संपादकों के साथ बैठक की। इस अनौपचारिक बैठक में अखबार जगत के नेताओं ने मीडिया जगत से जुड़े क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विस्तार से जानकारी दी. मंत्री ने कहा कि सरकार लोकतंत्र के इस चौथे स्तंभ को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्री ने कहा कि सरकार पत्रकारों के साथ-साथ समाचार पत्रों के लाभ के लिए कई कदम उठा रही है।

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प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा आयोजित, मंत्री ने जनहित के कई मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया। मंत्री ने भ्रामक और झूठी खबरों पर अंकुश लगाने के लिए अखबार जगत से राय मांगी। इस अवसर पर पीआईबी के अतिरिक्त ADG डॉ धीरज काकड़िया, राज्य सरकार के सूचना एवं प्रसारण सचिव सुश्री अवंतिका सिंह, सूचना निदेशक श्री आरके मेहता आदि भी उपस्थित थे। 

 

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उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने जम्मू और कश्मीर में एक जिला एक उत्पाद के तहत विशाल क्रेता-विक्रेता सम्मेलन आयोजित किया

जम्मू और कश्मीर व्यापार संवर्धन संगठन (जेकेटीपीओ) के सहयोग से उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के ‘एक जिला एक उत्पाद’ पहल के तहत व्यापार को बढ़ावा देने और बाजार संपर्क बनाने की दृष्टि से, जम्मू और कश्मीर में 21 अप्रैल 2022 को एक विशाल क्रेता-विक्रेता सम्मेलन का आयोजन किया गया।

क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में 8,000 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व वाले कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों की उपस्थिति रही और उनके उत्पाद दुनियाभर में एक मिलियन से अधिक खुदरा दुकानों पर उपलब्ध हैं। जम्मू और कश्मीर के विभिन्न जिलों के विक्रेताओं, व्यापारियों, किसानों, एग्रीगेटर्स ने अपने उत्पादों को प्रदर्शित किया जो घाटी की अद्वितीय चीजें हैं। इसमें विश्व प्रसिद्ध कश्मीरी केसर, हिमालयन व्हाइट बबूल शहद, लाल चमकदार किडनी बीन्स, ताजी उगाई गई जैविक सब्जियां और बहुत कुछ शामिल हैं।

क्रेता-विक्रेता सम्मेलन ने एक ऐसा मंच प्रदान किया, जहां विभिन्न सरकारी विभाग और संस्थान चयनित उत्पादों के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक साथ आए। जम्मू एवं कश्मीर कृषि और उद्योग विभाग बाजार की आवश्यकता के अनुसार गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। साथ ही किसानों की आय क्षमता में सुधार के लिए इस श्रेणी के सर्वश्रेष्ठ उत्पादों को प्रसिद्ध ब्रांडों के साथ जोड़ना अनिवार्य है। सभी हितधारकों के बीच सामूहिक चर्चा से केसर आधारित डेयरी उत्पादों, अखरोट आधारित बेकरी उत्पादों आदि जैसे उत्पादों की विविधता पर नए-नए विचार सामने आए। खरीदारों और विक्रेताओं के बीच व्यापार पर केंद्रित चर्चा की सुविधा प्रदान की गई, जिसके परिणामस्वरूप 1.2 करोड़ रुपये की धनराशि के 4 उत्पादों के लिए आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।

यह आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण का प्रत्यक्ष परिणाम है। अपने एक जिला एक उत्पाद पहल के तहत, डीपीआईआईटी किसानों की आय बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस तरह के जुड़ाव को सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है। कृषि, कपड़ा, हस्तशिल्प और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में 700 से अधिक उत्पादों के साथ, ओडीओपी पहल के जरिए देश के हर जिले से एक उत्पाद का चयन, ब्रांड और प्रचार किया जाता है। समन्वय और सहयोगात्मक नेटवर्क तैयार करना इसकी मुख्य भूमिका है। व्यापार को बढ़ावा देने और सुविधा के लिए यह खरीदारों और विक्रेताओं की मदद करता है।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने मुख्य संबोधन दिया। कार्यक्रम के दौरान सुमिता डावरा, अपर सचिव डीपीआईआईटी, नवीन कुमार चौधरी प्रधान सचिव कृषि उत्पादन और किसान कल्याण विभाग के अलावा जम्मू और कश्मीर सरकार के कृषि एवं बागवानी विभागों के विषय विशेषज्ञ आदि विभिन्न गणमान्य उपस्थित रहे।

क्रेता-विक्रेता सम्मेलन के साथ-साथ वेब आधारित बिक्री के जरिए व्यापार का विस्तार करने के लिए जम्मू-कश्मीर के विक्रेताओं का सहयोग करने को देश के एक प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा ई-कॉमर्स सत्र भी आयोजित किया गया। इससे पहले ओडीओपी पहल के माध्यम से बडगाम, कश्मीर से 6750 किलोग्राम सेब और 2000 किलोग्राम अखरोट कर्नाटक के खरीदारों को बेचा गया, जो पहले इसका आयात कर रहे थे। विभिन्न उत्पादों के अनूठे बिक्री प्रस्ताव (यूएसपी) की पहचान और सहयोग के माध्यम से, ओडीओपी पहल अपने विशाल क्रेता-विक्रेता सम्मेलन के माध्यम से ऐसे प्रयासों को बड़े पैमाने पर दोहराने का प्रयास कर रही है।

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कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर और फिलीपींस के कृषि मंत्री श्री डार के बीच हुई बैठक

नई दिल्ली 21 अप्रैल, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर से आज कृषि भवन, नई दिल्ली में फिलीपींस के कृषि मंत्री श्री विलियम डार ने प्रतिनिधिमंडल सहित मुलाकात की। इस दौरान श्री तोमर ने आश्वासन दिया कि भारत जल्द ही आगामी संयुक्त कृषि कार्य बैठक की मेजबानी करेगा, जिसमें सभी द्विपक्षीय कृषि मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। श्री तोमर ने सभी का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए श्री डार की दिल्ली यात्रा के साथ-साथ भारत और फिलीपींस के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों पर प्रसन्नता व्यक्त की। श्री तोमर ने व्यापार और कृषि क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों पर संतोष व्यक्त करने के साथ ही कृषि क्षेत्र में फिलीपींस के लोगों की कड़ी मेहनत पर प्रसन्नता व्यक्त की और उनसे कृषि क्षेत्र में फिलीपींस के नए अनुसंधान के बारे में अपने ज्ञान व अनुभव को भारत के साथ साझा करने का अनुरोध किया। श्री तोमर ने कहा कि दोनों देशों में चावल का काफी उपभोग होता है और चावल प्रिय देश हैं, जिससे ये भौगोलिक रूप से समरूप और एक-दूसरे से घनिष्ठ हो जाते हैं। फिलीपींस के कृषि मंत्री श्री डार ने कृषि एवं अन्य क्षेत्रों में दोनों देशों के अच्छे संबंधों की सराहना की। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत के फिलीपींस के साथ बेहतर संबंध है। वर्तमान में भारत, आर्थिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। श्री डार ने जैविक और गैर-जैविक क्षेत्र जैसे बेहतर कृषि उत्पादों के क्षेत्र में भारत के साथ काम करने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने जोर दिया कि प्रकृति को प्रभावित किए बिना दोनों देशों को जैविक उत्पादों के क्षेत्र में संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। श्री डार ने किसानों की आय दोगुनी करने के भारत सरकार के विचार पर प्रकाश डालते हुए स्थानीय किस्म की कृषि को बढ़ावा देने के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारत अपने स्तर पर जेडब्ल्यूजी बैठक करें, जो गत वर्ष से महामारी के कारण लंबित है।

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जनपद स्तरीय अप्रेन्टिसशिप मेला आयोजित

कानपुर 21 अप्रैल (सू0वि0) प्रदेश सरकार के निर्देशों के क्रम में जनपद स्तरीय अप्रेन्टिसशिप मेला का आयोजन आज राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, पाण्डुनगर में किया गया। इस अप्रेन्टिसशिप मेला का शुभारम्भ विधायक गोविन्द नगर सुरेन्द्र मैथानी ने दीप प्रज्जवलित कर किया। अप्रेन्टिसशिप मेला में प्रदेश सरकार के द्वारा अप्रेन्टिसशिप करे, आत्मनिर्भर बने के अन्तर्गत विभिन्न कम्पनियों ओईएफ, शिवम स्प्रिरिंग, कैलाश मोटर्स सहित कुल 38 कम्पनियों ने भागीदारी करते हुये विभिन्न ट्रेड जैसे-फिटर, इलेक्ट्रीशियन, मशीनिस्ट, ऑटोमोबाइल आदि सेक्टर के अप्रेन्टिसशिप हेतु लगभग 300 अभ्यर्थियों/छात्रों का चयन किया। के0एम0 सिंह, प्राधानाचार्य राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, पाण्डुनगर ने बताया है कि आज अप्रेन्टिस मेला में जनपद के लगभग 2800 अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग करते हुये विभिन्न व्यवसाय में अप्रेन्टिस किये जाने हेतु अपना इन्टरव्यू दिया। इस अवसर पर गोविन्द नगर विधायक श्री सुरेन्द्र मैथानी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अप्रेन्टिसशिप मेला के माध्यम से राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों व अन्य संस्थानों में तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त किये अभ्यर्थियों को विभिन्न कम्पनियों में अप्रेन्टिसशिप करने का अच्छा अवसर मिलेगा और इसके पश्चात उन्हें आत्म निर्भर बनने हेतु स्वरोजगार व रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
इस अवसर पर संयुक्त निदेशक राहुल देव, उपायुक्त जिला उद्योग एस0पी0 यादव, सहायक निदेशक सेवायोजन एस0पी0 द्विवेदी, विवेक शुक्ला आदि अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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ग्रामीण क्षेत्र के चिन्हित हाई रिस्क एरिया में वेक्टर घनत्व का आंकलन करने हेतु कार्यवाही कराई गयी

कानपुर दिनांक 21 अप्रैल (सू0वि0) प्रदेश सरकार के निर्देशों के क्रम में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अंतर्गत मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 नेपाल सिंह ने बताया है कि आज जनपद के ग्रामीण क्षेत्र के चिन्हित हाई रिस्क एरिया में वेक्टर घनत्व का आंकलन करने हेतु कार्यवाही कराई गयी, जिसके अंर्तगत ग्रामीण क्षेत्र के हाई रिस्क एरिया के ब्लाक चौबेपुर के ग्राम भवानीपुर में स्वास्थ्य विभाग की 05 टीमों द्वारा सघन भ्रमण किया गया। जिसमें गाँव के 90 घरों में भ्रमण के दौरान 02 घरों में मच्छर का लार्वा पाया गया तथा नगरीय क्षेत्र के चिन्हित हाई रिस्क एरिया में वेक्टर घनत्व का आंकलन करने हेतु कार्यवाही कराई गयी, जिसमें 20 हाई रिस्क मोहल्लों (चटाई मोहाल, सूटरगंज, नवाबगंज, कलेक्टर गंज, जेके कॉलोनी, अंबेडकरनगर काकादेव, चीना पार्क, दलेल पुरवा, सी0 ब्लाक गोविन्द नगर, एनएलसी बाबू पुरवा, गडियाना, चाणक्यपुरी, बेकनगंज, गडियाना, पुरानी बस्ती काकादेव, सुंदर नगर पनकी, डिकल कॉलेज डॉक्टर आवास, कच्ची मडैया हर्षनगर, पीडब्ल्यूडी कॉलोनी शास्त्री नगर, बर्रा विश्व बैंक बी ब्लॉक, मनोहर विहार, योगेन्द्र विहार) के 2006 घरों में भ्रमण कर मच्छरों के प्रजनन वाले स्थान देखे गए जिसमें 03 घरों में मच्छरों के लार्वा पाए गए जिसको खाली कराकर नष्ट कराया गया।
उन्होंने बताया कि अब तक जनपद के कुल 29963 घरों का भ्रमण एंटोमोलॉजीकल सर्वे किया गया जिसमें 92 घरों में मच्छरों के लार्वा पाया गया जिनको खाली कराकर नष्ट भी कराया गया।
उन्होंने बताया कि आज आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत ब्लाक बिल्हौर एवं ककवन में स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया, जिसमें संचारी रोग/वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम से संबंधित स्टाल लगा कर जनमानस को जागरूक किया गया।
सहयोगी विभाग ग्राम विकास/ग्राम पंचायत, नगर निगम व नगर पालिकाओं द्वारा नालियों की साफ सफाई तथा फागिंग करायी जा रही है। पशुपालन विभाग द्वारा सूकर पलकों का संवेदीकरण कराया जा रहा है। कृषि रक्षा विभाग द्वारा चूहा,छडूंदर से बचाव हेतु किसानों का संवेदीकरण कराया जा रहा है।

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एसोसियेशन ऑफ स्मॉल एण्ड मीडियम न्यूज पेपर्स ऑफ इण्डिया के तत्वावधान में राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित

जयपोर, उड़ीसा। एसोसियेशन ऑफ स्मॉल एण्ड मीडियम न्यूज पेपर्स ऑफ इण्डिया के तत्वावधान में राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस अवसर पर देश के लघु और मध्यम समाचार पत्रों के अनेक प्रकाशक/स्वामी सम्मिलित हुए और अपने अपने विचार व्यक्त किये। सम्मेलन को राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव दत्त चन्दोला ने वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित किया और समाचार पत्रों की समस्याओं का निस्तारण कराने बल बल दिया। राष्ट्रीय सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ0 अनन्त शर्मा ने प्रिंट मीडिया के सामने उपस्थित चुनौतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। इतना ही नहीं उन्होंने सोशल मीडिया व नई टेक्नोलॉजी के जरिए कैसे इस से मुकाबला किया जा सकता है इस पर अपने विचार प्रकट किए। साथ ही उपभोक्ता जागरूकता में मीडिया की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। एसोसियेशन ऑफ स्मॉल एण्ड मीडियम न्यूज पेपर्स ऑफ इण्डिया के इस राष्ट्रीय सम्मेलन में स्थानीय सांसद, उपकुलपति उपकुलपति, एसोसिएशन के महासचिव शंकर कतीरा, उड़ीसा राज्य इकाई के अध्यक्ष रबीरथ, विनोद महापात्रा, कोण्डलराव सेंडीरेड्डी, अरविन्द्र सिंह जादौन सहित, उत्तर प्रदेश से प्रदेश इकाई के अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार, धीरेंद्र मैथानी, और अतुल दीक्षित ने जूम के माध्यम से भाग लिया।

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दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होने के साथ साथ घर का वातावरण भी संतुलित रहता है

हमारे घरों मे प्राचीन काल से ही सुबह और शाम को दीपक जलाने का रिवाज रीत या चलन रहा है।आदमी या औरतें घर के काम के साथ ये काम भी बहुत शौक़ और श्रद्धा से करते थे। दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होने के साथ साथ घर का वातावरण भी संतुलित रहता है।शाम को दीपक जलाने से लक्ष्मी माता प्रसन्न होती है, दीपक अंधकार को मिटाकर घर में रोशनी देता है, जिससे घर परिवार का माहौल खुशनुमा बना रहता है।इसीलिए सब को दीपक लगाना भी चाहिए। मगर भगवान तो सारे संसार को रोशनी देते है ,उन्हें क्या ज़रूरत है हमारे दीपक की।वो रोशनी हम अपने लिये जलाते है ताकि हमारे मन मे प्रकाश हो। लेकिन अब दौर नया है नई पीढ़ी ये नही कर पाती न ही समझती है।बहुत ख़ुशक़िस्मत वाले लोग है जो ये पूजा पाठ कर पाते है। दोस्तों! अगर आज के वक़्त मे हम हर रोज सुबह शाम गैस का चूल्हा भी अपने हाथ से जला ले,और अग्नि उत्पन्न कर ले,और उस अग्नि पर अपने हाथ से खाना बना कर सारे परिवार को खिला पा रहे है।उस वक़्त आप इक ऐसा दीपक जला रहे होते है जो किसी के काम भी आ रहा है।अपने हाथो से किसी का पेट भी भर रहे होते है।  भगवान तो उसी गैस के चूल्हे से उत्पन्न हुई अग्नि को भी दीपक मान लेते है और ख़ुश हो जाते है। मगर आज दीपक तो दूर की बात है घर का खाना बनाने के लिये घर मे काम करने वाले लोग ही गैस को जलाते है। यानि घर मे सुबह शाम अग्नि भी कोई और ही जलाता है और सारे परिवार का पेट भी कोई और ही भरता है। सुबह शाम मंदिर मे घंटी बजाने का भी चलन है। वो भी शुभता का सूचक है और असीम शांति भी प्रदान करता है । अगर बजा सको तो बहुत शुभ है । नही तो जब हम अपने हाथ से चूल्हा जला कर परिवार को खाना खिला देते है ,तो बाद मे क्या करते है ,पानी से बर्तनों को धोते है।जो बर्तन धोते वक़्त जो बर्तनों के टकराव से ध्वनि प्रकट होती है भगवान तो इतने दयालु और सरल है वो तो उसी ध्वनि को घंटी के रूप मे स्वीकार कर लेते है । अफ़सोस ये है आज हमारे परिवार को खाना भी कोई और खिलाता है और बर्तन भी कोई और धोता है। सो इस हिसाब से अग्नि भी सुबह शाम कोई और प्रकट कर रहा है और हमारे परिवार की भूख अग्नि को बुझाने के बाद घंटी भी कोई और बजा देता है । हम वो सौभाग्य भी अपने हाथो से खो देते है अगर मन्दिर की सफ़ाई न भी कर पाये तो घर की ही अपने हाथो से कर लेनी चाहिए,क्योंकि घर मे साक्षात्कार रूप मे भगवान रहते है।सास ससुर की सेवा जिसने कर ली ।भगवान शिव पार्वती माता अपने आप ख़ुश ही रहेंगे।पति की सेवा कर ली तो भगवान विष्णु की पूजा हो गई समझो।पत्नी को ख़ुश किया तो माँ लक्ष्मी वैसे ही प्रसन्न रहेंगी।और अगर अपने पुत्रों और पुत्रियों या आसपास के छोटे बच्चों को प्यार किया उनकी देखभाल की तो भगवान गणपति की ख़ुशी प्राप्त की जा सकती है ,और कही जीवन भर किसी को दुख न दिया।न ही किसी की आह ली ,और न ही किसी के साथ ठगी की ,तो समझो नवग्रह अपने आप ही प्रसन्न रहेंगे।भगवान ने हमे सीधा सा जीवन दिया है ।जिसे हम सादगी से जी भी सकते है मगर हम वो भी नही कर पाते।

चिराग़े रोशन कर तो सही ,कभी खुद से ,कभी नज़रों से और कभी अपने करमो से ,चिराग़ जला तो सही।
हवा के ख़िलाफ़ जो चिराग़ जलाया मैंने,मासूमियत देख मेरी,हवा का रूख अपने आप ही मेरी ओर मुड़ गया 🙏 स्मिता

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सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे को अगला थल सेनाध्यक्ष नियुक्त किया

वर्तमान में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे को सरकार ने अगला सेनाध्यक्ष नियुक्त किया है। इस पद पर उनकी नियुक्ति 30 अप्रैल, 2022 की दोपहर से प्रभावी होगी। 06 मई, 1962 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे को 24 दिसंबर, 1982 को भारतीय सेना की कोर ऑफ इंजीनियर्स (द बॉम्बे सैपर्स) में कमीशन दिया गया था। 39 वर्षों से अधिक समय की अपनी लंबी और विशिष्ट सेवा अवधि के दौरान श्री मनोज सी पांडे ने विभिन्न कमानों, अधिकारी पदों और प्रशिक्षण सम्बन्धी नियुक्तियों पर काम किया है। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे ने अपनी कमान की नियुक्तियों के दौरान पश्चिमी युद्ध क्षेत्र में एक इंजीनियर ब्रिगेड की कमान संभाली है, उन्होंने हमलावार फौजी दस्ते के साथ काम किया है और इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर एक पैदल ब्रिगेड के साथ उनकी सेवाएं भी शामिल हैं। श्री मनोज सी पांडे की अन्य महत्वपूर्ण कमांड नियुक्तियों में पश्चिमी लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्र में एक माउंटेन डिवीजन तथा एलएसी के साथ और पूर्वी कमान के काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन क्षेत्र में एक कोर की कमान संभाली।

लेफ्टिनेंट जनरल के रैंक पर मनोज सी पांडे अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ और कोलकाता में पूर्वी कमान के जीओसी-इन-सी के पद पर सेवारत रहे हैं और ये उनकी सेना के उप प्रमुख के रूप में कार्यरत होने से पहले की महत्वपूर्ण नियुक्तियां हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र हैं और उन्होंने केम्बरली (यूके) के स्टाफ कॉलेज, महू के आर्मी वार कॉलेज और नई दिल्ली में राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की है।

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया है।

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भारत की चीनी, घोल रही है विश्व में मिठास!

भारत के चीनी निर्यात में वित्त वर्ष 2013-14 के 1,177 मिलियन डॉलर की तुलना में 291 प्रतिशत की आश्चर्यजनक वृद्धि दर्ज की गई है जो वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 4600 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई है। डीजीसीआईएंडएस के डाटा के अनुसार, भारत ने विश्व भर के 121 देशों को चीनी का निर्यात किया। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में चीनी के निर्यात में 65 प्रतिशत की उछाल दर्ज की गई। यह वृद्धि उच्च माल भाड़ा बढोतरी, कंटेनरों की कमी आदि के रूप में कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न लॉजिस्ट्क्सि संबंधी चुनौतियों के बावजूद अर्जित की गई। एक ट्वीट में इस ऐतिहासिक उपलब्धि को रेखांकित करते हुए, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियां किसानों को वैश्विक बाजारों का दोहन करने के माध्यम से उनकी आय बढ़ाने में सहायता कर रही हैं। डीजीसीआईएंडएस के डाटा के अनुसार, भारत ने वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 1965 मिलियन डॉलर के बराबर का चीनी निर्यात किया था जो वित्त वर्ष 2020-21 में 2790 मिलियन डॉलर तथा वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 4600 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया। वित्त वर्ष 2021-22 (अप्रैल-फरवरी) में, भारत ने इंडोनेशिया को 769 मिलियन डॉलर के बराबर का चीनी निर्यात किया था जिसके बाद बांग्लादेश (561 मिलियन डॉलर), सूडान (530 मिलियन डॉलर) तथा संयुक्त अरब अमीरात (270 मिलियन डॉलर) का स्थान रहा। भारत ने सोमालिया, सऊदी अरब, मलेशिया, श्रीलंका, अफगानिस्तान, इराक, पाकिस्तान, नेपाल, चीन आदि देशों में भी चीनी का निर्यात किया। भारतीय चीनी का आयात अमेरिका, सिंगापुर, ओमान, कतर, टर्की, ईरान, सीरिया, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, जर्मनी, फ्रांस, न्यूजीलैंड, डेनमार्क, इजरायल, रूस, मिस्र आदि देशों में किया गया है। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक की देश में कुल चीनी उत्पादन में लगभग 80 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। देश के अन्य प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों में आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, बिहार, हरियाणा तथा पंजाब शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि भारत ब्राजील के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है। वित्त वर्ष 2010-11 के बाद से, भारत निरंतर चीनी का अधिशेष उत्पादन करता रहा है और आराम से घरेलू आवश्यकताओं से अधिक उत्पादन करता रहा है। रिकॉर्ड निर्यात चीनी उत्पादकों को उनके भंडार में कमी लाने में सक्षम बनाएगा तथा गन्ना किसानों को भी लाभान्वित करेगा क्योंकि भारतीय चीनी की बढ़ी हुई मांग से उनकी प्राप्ति में सुधार आने की उम्मीद है। कृषि निर्यातों में उल्लेखनीय वृद्धि को देश के कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने की सरकार की प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप् में भी देखा जा रहा है। निर्यात किए जाने वाले उत्पादों का निर्बाधित गुणवत्तापूर्ण प्रमाणन सुनिश्चत करने के लिए, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने उत्पादों तथा निर्यातकों की एक व्यापक श्रृंखला को जांच की सुविधाएं प्रदान करने के लिए भारत भर में 220 प्रयोगशालाओं को मान्यता प्रदान की है। एपीडा अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों में निर्यातकों की भागीदारी का आयोजन करतता है जो निर्यातकों को वैश्विक बाजारों में उनके खाद्य उत्पादों के विपणन के लिए एक मंच उपलब्ध करता है। एपीडा कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए आहार, जैविक विश्व कांग्रेस, बायोफैच इंडिया आदि जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों का भी आयोजन करता है। वर्ष 2019 में, एपीडा ने रोड शो का आयोजन करने के लिए इंडोनेशिया में निर्यातकों का एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया और संबंधित प्राधिकारियों के साथ बैठकें आयोजित कीं। इसके बाद इंडोनेशिया को होने वाले निर्यात में तेजी आई तथा आज वे भारत से चीनी के सबसे बड़े आयतक हैं।

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कलेक्ट्रेट सभागार में बाढ़ से पूर्व तैयारियों की बैठक की गयी

कानपुर 18 अप्रैल (सू0वि0) जिलाधिकारी के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) श्री दयानन्द प्रसाद ने कलेक्ट्रेट सभागार में बाढ से पूर्व तैयारियों की बैठक की गयी। बैठक में उन्होंने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि आगामी बरसात के मौसम में सम्भावित बाढ की स्थिति से निपटने हेतु अपने-अपने विभागों की कार्य योजना बनाकर तत्काल प्रस्तुत करे। उन्होंने सभी तहसीलों में बाढ प्रबन्धन के संबंध में आवश्यक व्यवस्थायें व कार्य योजना बनाये जाने के निर्देश दिये।
उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को सम्भावित बाढ की स्थिति में कंट्रोल रूम बनाये जाने तथा चिकित्सकों की टीमें गठित किये जाने एवं संक्रामक रोगों से निपटने हेतु आवश्यक व्यवस्थायें किये जाने की कार्य योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने जिला पूर्ति अधिकारी को खादय पदार्थो के समुचित व्यवस्था तथा पेट्रोल, डीजल व गैस सैलेण्डरों की रिजर्व व्यवस्था रखने व खादय राहत सामग्री वितरण हेतु व्यवस्था की कार्य योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने नगर निगम व जल संस्थान द्वारा कंट्रोल रूम, जल निकासी की व्यवस्था व अन्य उपकरणों की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। सिचाईं विभाग द्वारा बाढ चौकियों की स्थापना, तटबन्धों को सुरक्षित रखने व नदियों के जल स्तर पर नजर रखने के निर्देश दिये। कृषि विभाग द्वारा सम्भावित बाढ की स्थिति में किसानों को बीज की उपलब्धता सुनिश्चित कराये जाने तथा किसानों के खेतों से जल भराव की स्थिति उत्पन्न होने पर जल निकासी की व्यवस्था कराये जाने के निर्देश दिये। जिला पंचायत राज विभाग द्वारा बाढ चौकियों में निगरानी रखने हेतु कर्मियों की व्यवस्था व ग्राम प्रधानों के सहयोग से बाढ राहत में सहयोग कराये जाने के निर्देश दिये गये।
बैठक में अधिशाषी अभियन्ता सिंचाई श्री यासीन खान सहित समस्त उप जिलाधिकारी एवं संबंधित विभागों अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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