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Bharatiya Swaroop

भारतीय स्वरुप एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र है। सम्पादक मुद्रक प्रकाशक अतुल दीक्षित (published from Uttar Pradesh, Uttrakhand & maharashtra) mobile number - 9696469699

स्वस्थ समाज के लिए मानसिक विकारों से छुटकारा जरूरी : डॉ अमरीन

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर कानपुर प्रेस क्लब में एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सल रिलीफ ऐड (AURA) ट्रस्ट की संस्थापक डॉ अमरीन फातिमा ने प्रेसवार्ता करते हुए बताया, ” AURA ट्रस्ट के बैनर तले ट्रस्ट के सदस्यों के सहयोग से जमीनी स्तर पर कार्य किया जा रहा है। अनेक बच्चों को नशे की लत से छुटकारा दिलाया गया है और निरन्तर छुटकारा दिलाया जा रहा है। इसके साथ ही कई लोगों को मानसिक विकारों से उबारने का काम किया है। “

डॉ फातिमा ने यह भी बताया कि संस्था का उद्देश्य है कि लोगों के बेहतर जीवन के लिए कार्य करना है।
उन्होंने अपील की कि अगर किसी को मानसिक स्वास्थ्य की समस्या है तो वह कभी भी मुझसे या ट्रस्ट के सदस्यों से सम्पर्क कर सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि लोगो को अपने मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए। भावनात्मक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक संतुलन बनाये रखना चाहिए। क्योंकि आत्महत्या का एक कारण यह भी है।
यह भी कहा कि मानसिक स्वास्थ्य की परिभाषा के मुताबिक, लोगों को मानसिक विकारों से ही मुक्ति नहीं बल्कि भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहना, सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाना और मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत रहना भी मानसिक स्वास्थ्य का अभिन्न हिस्सा है।
प्रेस वार्ता में मौजूद फिजियोथेरेपिस्ट सौम्या बाजपेयी ने मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें और स्वस्थ समाज के निर्माण में अहम योगदान करें। उन्होंने लोगों से अपील की कि संस्था से जुड़ें और समाजहित में सहयोग करें।
प्रेस वार्ता में संस्था की संस्थापक डॉ अमरीन फातिमा, फिजियोथेरेपिस्ट सौम्या बाजपेयी, पत्रकार श्याम सिंह पंवार मौजूद रहे।

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दयानंद गर्ल्स कॉलेज में सड़क सुरक्षा पखवाड़ा के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिता आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता  दयानन्द गर्ल्स पी जी कालेज, कानपुर में सड़क सुरक्षा पखवाड़ा के अंतर्गत चलाए जा रहे हैं अभियान में आज दिनांक 9 अक्टूबर 2024 को महाविद्यालय की रोड सेफ्टी क्लब की कोऑर्डिनेटर डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में *सड़क सुरक्षा , जीवन रक्षा* विषय पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिनमें।यातायात से सम्बन्धित पोस्टर प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, मेहंदी प्रतियोगिता एवम् व्याख्यान का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओ के माध्यम से छात्राओं ने यातायात नियमों एवं नियमों के पालन न करने पर क्या दुष्परिणाम हो सकतें है? विषय पर विचार विमर्श किया। महाविद्यालय प्राचार्या प्रो. वंदना निगम तथा सेल्फ फाइनेंस डायरेक्टर प्रो. अर्चना वर्मा जी ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन कर किया। निर्णायक मंडल में आई क्यू ए सी इंचार्ज प्रो. सुगंधा तिवारी, नेक इंचार्ज प्रो. अलका त्रिपाठी, डॉ अंजना श्रीवास्तव डॉ श्वेता गोंड रही। प्रतिभागी छात्राओं में मुख्य रूप से सान्या, श्रद्धा तिवारी, सिमरन, जाह्नवी कश्यप, अंतरा कश्यप, आकांक्षा यादव, नूर एमन, अदिति एवम् आदित्रि द्विवेदी आदि प्रमुख रही। कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में कार्यालय अधीक्षक कृष्णेंद्र श्रीवास्तव, आकांक्षा अस्थाना दीपक कश्यप सहित समस्त वॉलिंटियर्स एवं छात्राओं का विशेष सहयोग रहा।

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“महिला सुरक्षा एवम पुलिस की भागीदारी” विषय पर संगोष्ठी आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 9 अक्टूबर कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय, स्वरूप नगर कानपुर में समाजशास्त्र विभाग एवम पुलिस विभाग कानपुर नगर के संयुक्त तत्वावधान से *”महिला सुरक्षा एवम पुलिस की भागीदारी”* विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि अर्चना सिंह, एडीसीपी, कानपुर ट्रैफिक पुलिस, कानपुर नगर एवम विशिष्ट अतिथि महेश कुमार एडीसीपी कानपुर सेंट्रल पुलिस कानपुर नगर उपस्थित रहें। प्राचार्या प्रो. पूनम विज द्वारा अतिथियों का स्वागत पौध एवं पुष्पगुच्छ द्वारा किया गया। अथितियों द्वारा सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्लन द्वारा संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया। प्राचार्या पूनम विज द्वारा अपने उद्बोधन में बालिकाओं की सुरक्षा और पुलिस की भूमिका पर प्रकाश डाला गया। तत्पश्चात कार्यक्रम की मुख्य अथिति आदरणीय अर्चना सिंह जी के द्वारा छात्राओं को जागरूक किया गया कि किस प्रकार से युवतियां फेक फेसबुक , इंस्टा आईडी और कॉल से गलत लोगों के संपर्क में आ जाती हैं और महिला अपराध का शिकार बन जाती हैं। आप किस तरह से जागरूक होकर, पुलिस हेल्पलाइन नंबर का प्रयोग करके अपने साथ-साथ, परिवार तथा अन्य को भी सुरक्षित कर सकती हैं। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एडीसीपी सेंट्रल महेश कुमार जी ने बताया की पुलिस महिलाओं की सुरक्षा के कौन-कौन से अभियान चला रही है। आपकी सुरक्षा के लिया मिशन शक्ति कार्यक्रम चलाया जाता है। आप कभी भी अकेले परेशान होने की जरूरत नहीं है पुलिस पीआरवी, महिला हेल्पलाइन नम्बर डायल करके खुद को सुरक्षित कर सकती हैं। इन हेल्पलाइन नंबर पर आपकी पहचान को छुपा कर आपको सुरक्षित किया जाएगा। छात्राओं में उपस्थित सभी छात्राओं ने पुलिस के सभी हेल्प लाइन नंबरों को नोट किया। छात्राएं बहुत उत्साहित और संगोष्ठी से प्राप्त जानकारी से संतुष्ट हुई । छात्राओं ने कहा कि हम सभी संगोष्ठी से बहुत ही लाभान्वित महसूस कर रहे हैं। संगोष्ठी में लगभग 70 छात्राएं एवम महाविद्यालय की शिक्षिकाएं उपस्थिति रही। संगोष्ठी का सफल संयोजन एवं संचालन डॉ पूर्णिमा शुक्ला, असिस्टेंट प्रोफेसर समाजशास्त्र विभाग द्वारा तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ शोभा मिश्रा असिस्टेंट प्रोफेसर वनस्पति विभाग द्वारा किया गया

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प्रधानमंत्री महाराष्ट्र में 7600 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे

प्रधानमंत्री मोदी 9 अक्टूबर को दोपहर करीब 1 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से महाराष्ट्र में 7600 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे।

प्रधानमंत्री कुल 7000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, नागपुर के उन्नयन की परियोजना की आधारशिला रखेंगे। यह परियोजना विनिर्माण, विमानन, पर्यटन, रसद और स्वास्थ्य सेवा सहित कई क्षेत्रों में विकास के लिए उत्प्रेरक का काम करेगी, जिससे नागपुर शहर और व्यापक विदर्भ क्षेत्र को लाभ होगा।

प्रधानमंत्री शिरडी हवाई अड्डे पर 645 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाले नए एकीकृत टर्मिनल भवन की आधारशिला रखेंगे। इससे शिरडी आने वाले धार्मिक पर्यटकों के लिए विश्व स्तरीय सुविधाएं और सुख-सुविधाएं मिलेंगी। प्रस्तावित टर्मिनल के निर्माण की थीम साईं बाबा के आध्यात्मिक नीम के पेड़ पर आधारित है।

प्रधानमंत्री सभी के लिए किफायती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, महाराष्ट्र में मुंबई, नासिक, जालना, अमरावती, गढ़चिरौली, बुलढाणा, वाशिम, भंडारा, हिंगोली और अंबरनाथ (ठाणे) में स्थित 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों के संचालन का शुभारंभ करेंगे। ये कॉलेज स्नातक और स्नातकोत्तर सीटों को बढ़ाने के साथ-साथ, लोगों को विशेष तृतीयक स्वास्थ्य सेवा भी प्रदान करेंगे।

भारत को “विश्व की कौशल राजधानी” के रूप में स्थापित करने के अपने दृष्टिकोण के अनुरूप, प्रधानमंत्री भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) मुंबई का भी उद्घाटन करेंगे, जिसका उद्देश्य अत्याधुनिक तकनीक और व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ उद्योग के लिए लायक कार्यबल तैयार करना है। सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत स्थापित, यह टाटा एजुकेशन एंड डेवलपमेंट ट्रस्ट और भारत सरकार के बीच एक सहयोग है। संस्थान मेक्ट्रोनिक्स, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा एनालिटिक्स, औद्योगिक स्वचालन और रोबोटिक्स जैसे अत्यधिक विशिष्ट क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करने की योजना बना रहा है।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री महाराष्ट्र के विद्या समीक्षा केंद्र (वीएसके) का उद्घाटन करेंगे। वीएसके छात्रों, शिक्षकों और प्रशासकों को स्मार्ट उपस्थिती, स्वाध्याय जैसे लाइव चैटबॉट के माध्यम से महत्वपूर्ण शैक्षणिक और प्रशासनिक डेटा तक पहुंच प्रदान करेगा। यह स्कूलों को संसाधनों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने, अभिभावकों और राज्य के बीच संबंधों को मजबूत करने और उत्तरदायी सहायता प्रदान करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली जानकारियां प्रदान करेगा। यह शिक्षण के तौर तरीकों और छात्रों की शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए तैयार किए गए निर्देशात्मक संसाधन भी प्रदान करेगा।

 

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केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे सड़क के किनारे सुविधाओं के लिए ऑनबोर्डिंग सेवा प्रदाताओं के लिए ‘हमसफर नीति’ का अनावरण किया

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने श्री अजय टम्टा, राज्य मंत्री की उपस्थिति में राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा की सुविधा बढ़ाने और सड़क के किनारे सुविधाओं के विकास में तेजी लाने के लिए आज नई दिल्ली में ‘हमसफर नीति’ का शुभारंभ किया।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने अनावरण के अवसर पर कहा कि इस पहल से समाज के स्थानीय सीमांत वर्ग लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि यह योजना उपयोगकर्ताओं के लिए सुगम, सुरक्षित और सुखद यात्रा की सुविधा प्रदान करने में मदद करेगी। यह पर्यावरण के अनुकूल और पारिस्थितिकी तथा स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि इस नीति को तैयार करते समय जल संरक्षण, मृदा संरक्षण, अपशिष्ट पुनर्चक्रण,  सौर ऊर्जा आदि को ध्यान में रखा गया है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंत्रालय के अधिकारियों से कहा कि वे इस नीति के माध्यम से यात्रियों को गुणवत्तापूर्ण सेवा सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि एनएचएआई के कई हरित राजमार्गों की योजना बनाई गई है,  जिसमें कई सुविधाओं को ध्यान में रखा गया है।

उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थापित पेट्रोल पंप मालिकों से कहा कि वे मानकों के अनुसार पेट्रोल पंप पर बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि इस नीति के तहत फूड कोर्ट, कैफेटेरिया, फ्यूल स्टेशन, इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन, पार्किंग,  शौचालय सुविधा,  बेबी केयर रूम, एटीएम, वाहन मरम्मत की दुकान,  फार्मेसी सेवाएं राजमार्ग उपयोगकर्ताओं के लिए बेहतर अनुभव सुनिश्चित करेंगी।

इस अवसर पर सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा ने कहा कि श्री नितिन गडकरी के मार्गदर्शन में 1.5 लाख किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री के मार्गदर्शन ने कई बाधाओं के बावजूद देश में बुनियादी ढांचे को बदल दिया है।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी और राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा ने प्रदर्शित प्रदर्शनी को भी देखा।

इस नीति का उद्देश्य राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर मौजूदा और आने वाले सेवा प्रदाताओं को शामिल करके यात्रियों को मानकीकृत, सुव्यवस्थित और स्वच्छ सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक ढांचा प्रदान करना है। भोजनालयों, ईंधन स्टेशन और ट्रॉमा सेंटर की श्रेणियों के तहत मौजूदा और आने वाले सेवा प्रदाता हमसफ़र नीति के तहत पंजीकरण के लिए पात्र होंगे। नीति का उद्देश्य सभी हितधारकों को लाभ पहुंचाना है। पंजीकृत सेवा प्रदाताओं को मौजूदा पहुंच अनुमति के नवीनीकरण के लिए शुल्क में छूट का लाभ मिलेगा और उन्हें दृश्यता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों पर अपने प्रतिष्ठान के साइनेज लगाने के लिए स्थान प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, सेवा प्रदाताओं को उनकी ऑनलाइन दृश्यता बढ़ाने के लिए एनएचएआई के ‘राजमार्ग यात्रा’ मोबाइल ऐप पर दिखाया जाएगा।

‘हमसफर नीति’ से यात्रियों को मानकीकृत, सुव्यवस्थित और स्वच्छ सुविधाएं मिलने में मदद मिलेगी। यात्री ‘राजमार्ग यात्रा’ ऐप पर तुरंत अपने स्थान के पास संबंधित सेवा प्रदाताओं का विवरण प्राप्त कर सकेंगे। ऐप यात्रियों को मुद्दों की रिपोर्ट करने और प्रदान की गई सेवा और सुविधाओं को रेटिंग देने के लिए भी सशक्त करेगा। पंजीकृत सेवा प्रदाता एक्सेस अनुमतियों के लिए नवीकरण शुल्क की छूट का लाभ उठाने में सक्षम होंगे, यदि वे 3 या उससे अधिक की औसत रेटिंग बनाए रखते हैं।

नीति सुविधाओं के मानक को बनाए रखने और यात्रियों को गुणवत्ता सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए पंजीकृत सेवा प्रदाताओं की ‘निगरानी और निरीक्षण’ के लिए कड़े प्रावधानों की रूपरेखा भी तैयार करती है। प्राधिकरण द्वारा नियुक्त तृतीय पक्ष एजेंसी द्वारा नियमित निरीक्षण किया जाएगा। सेवा प्रदाताओं को उनकी रेटिंग 3-स्टार के औसत से कम होने पर ईमेल/एसएमएस अलर्ट भेजे जाएंगे और कम स्कोर वाली ऐसी सुविधाओं पर अधिक बार निरीक्षण किया जाएगा।

‘हमसफर नीति’ यात्रियों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाओं का मानकीकरण करके और राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं के समग्र यात्रा अनुभव को बढ़ाकर राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ विश्वस्तरीय सेवाएं स्थापित करने में एक लंबा रास्ता तय करेगी।

इस कार्यक्रम में मंत्रालय में महानिदेशक और विशेष सचिव श्री डी. सारंगी,  एनएचएआई के अध्यक्ष श्री संतोष कुमार यादव और मंत्रालय तथा एनएचएआई, एनएचएलएमएल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ वेसाइड फैसिलिटीज डेवलपर्स,  हॉस्पिटैलिटी कंपनियों, तेल विपणन कंपनियों, ईवी चार्जिंग कंपनियों, सलाहकारों और शिक्षाविदों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 56 लाख से अधिक नामांकन के साथ अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के तहत कुल सकल नामांकन 7 करोड़ को पार कर गया

एपीवाई, भारत सरकार की एक प्रमुख सामाजिक सुरक्षा योजना हैं जो 9 मई 2015 को शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य सभी भारतीयों, विशेष रूप से गरीबों, वंचितों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली बनाना है।

यह योजना अपने 10वें वर्ष में है, और इसने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 56 लाख से अधिक नामांकन के साथ योजना के तहत कुल सकल नामांकन करोड़ को पार कर गया है।

पेंशन के दायरे में समाज के सबसे कमजोर वर्गों को लाने की यह उपलब्धि सभी बैंकों और एसएलबीसी/युटीएलबीसी के अथक प्रयासों से संभव हुई है।

पीएफआरडीए ने हाल ही में योजना के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के लिए कई पहल की हैं जैसे राज्य और जिला स्तरों पर एपीवाई आउटरीच कार्यक्रम आयोजित करना, जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना, विभिन्न मीडिया चैनलों के माध्यम से प्रचार, हिंदी, अंग्रेजी और 21 क्षेत्रीय भाषाओं में एक-पेज का सरल एपीवाई फ्लायर/हैंडआउट जारी करने सहित प्रदर्शन की निरंतर समीक्षा करना।

एपीवाई को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह न केवल अभिदाता को जीवन भर परिभाषित और गारंटीकृत पेंशन राशि प्रदान करके संपूर्ण सुरक्षा कवच प्रदान करता है, बल्कि अभिदाता की मृत्यु के बाद पति या पत्नी को भी समान पेंशन राशि प्रदान करके और फिर अभिदाता और पति या पत्नी की मृत्यु के बाद नामांकित व्यक्ति को संपूर्ण राशि (60 वर्ष की आयु तक संचित) वापस करके परिवार को भी प्रदान करता है।

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केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश में आज कई योजनाओं का शुभारंभ व  500 किमी नयी पक्की सड़कों का शिलान्यास किया

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के भैरूंदा में ग्रामीण विकास मंत्रालय के ग्रामीण स्वरोजगार कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास सखी मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया। 18 राज्यों के 100 समुदाय प्रबंधित प्रशिक्षण केंद्रों – सीएमटीसी का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत 500 किमी नयी पक्की सड़कों का शिलान्यास तथा ग्राम सड़क सर्वेक्षण एवं प्लानिंग टूल का शुभारंभ किया। साथ ही, मध्य प्रदेश के 5 नए आरसेती प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना के लिए स्वीकृति भी दी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान, पंचायती राज मंत्री प्रहलाद पटेल , ग्रामीण विकास सचिव शैलेश कुमार सहित मंत्रालय के कई अधिकारी कार्यक्रम में शामिल हुए। 

शिवराज सिंह ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अनेकों काम शुरू हुए हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण काम – पूरे देश में आज से कच्चे घर का सर्वे शुरू हो रहा है। जिनके नाम 2018 की पक्के घर की सूची में छूट गये थे अब उनके नाम शामिल किये जायेंगे। यह सर्वे 6 महीने के अन्दर पूरा कर लिया जायेगा ताकि कोई बहन और भाई वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि फोन, मोटर साइकिल या स्कूटर होने पर भी प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम जोड़ा जायेगा। लाडली बहना के साथ -साथ लखपति दीदी बनाने का अभियान भी पूरे देश में चलेगा। भारत सरकार प्रधानमंत्री के नेतृत्व में निरंतर काम कर रही है। लखपति दीदी का मतलब है हर एक बहन को प्रत्येक माह 10 हजार रूपये से ज़्यादा की आमदनी हो। पहले 10 हजार रूपये की आमदनी वाले को ही आवास योजना का लाभ मिलता था लेकिन अब 15 हजार प्रति मास आय होने पर भी नाम आवास योजना में जोड़ा जायेगा। लखपति दीदी अभियान के लिए 100 करोड़ रूपये दिये गये हैं। जिनकी ढ़ाई एकड़ तक सिंचित जमीन है और 5 एकड़ तक असिंचित जमीन होने पर भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलेगा। किसानों के हित में कैबिनेट रोज़ फैसले कर रही है। सोयाबीन के दाम विदेशों से तेल आयात होने के कारण कम हो रहे थे। भारत सरकार ने विदेशों से आने वाले तेल पर साढ़े 27 प्रतिशत टैक्स लगा दिया जायेगा ताकि देश में सोयाबीन के दाम बढ़ें। केंद्र सरकार ने अनुमोदन दे दिया है अब मध्य प्रदेश में सोयाबीन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जायेगी। इसके लिए रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिये हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने इससे पहले मूंग की पूरी खरीद की है। बासमती धान पर मिनिमम एक्पोर्ट दर भी खत्म कर दी है। अब चावल विदेशों में जायेगा जिससे धान के दाम बढ़ेंगे। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों का भला करने वाली सरकार होती है तो किसान हितैषी फैसले किये जाते हैं। इस बार मसूर, उड़द, तुअर जितना पैदा होगा उतना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पूरा खरीदेंगे ताकि किसानों को उसके ठीक दाम मिलें। 109 बीजों की नई किस्में जारी की गई हैं जोकि कम समय में ज्यादा उपज देगी। रबी की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा होने वाली है। मेरे लिए आपकी सेवा ही भगवान की पूजा है। सिहोर ज़िला भी पीछे नहीं रहेगा। केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार पैसा देगी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 3 लाख 68 हजार मकान ग़रीबों को मिले हैं जो कि राज्य सरकार देगी। आपकी सेवा ही मेरी जिन्दगी का मिशन है। केंद्र सरकार मध्य प्रदेश के लिए कोई भी कमी नहीं छोड़ेगी। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ग़रीब की सेवा होती रहेगी और खेती भी लगातार आगे बढ़ती रहेगी। हम आपकी आय दोगुनी करके दिखायेंगे। सीएम राज्य स्कूल और खुलेंगे। तेंदु पत्ते को बोनस देने के लिए भी मैं सरकार का अभिनंदन करता हूं। श्री शिवराज सिंह ने सभी उपस्थित लोगों को नवरात्र की शुभकामनाएं दीं।

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पिछले तीन महीनों में प्रमुख मंडियों में तुअर और उड़द की कीमतों में लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट

उपभोक्ता कार्य विभाग की सचिव श्रीमती निधि खरे ने आज रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) और प्रमुख संगठित खुदरा श्रृंखलाओं के साथ बैठक की अध्यक्षता की और प्रमुख दालों की कीमतों के परिदृश्य और रुझानों पर चर्चा की। यह बैठक त्यौहारी सीजन को देखते हुए समय पर और महत्वपूर्ण है। गौरतलब है कि इस साल खरीफ दालों की बेहतर उपलब्धता और अधिक बुवाई क्षेत्र की वजह से हाल के महीनों में अधिकांश दालों की मंडी कीमतों में गिरावट का रुख रहा है।

उपभोक्ता कार्य विभाग की सचिव ने बताया कि पिछले तीन महीनों के दौरान प्रमुख मंडियों में तुअर और उड़द की कीमतों में औसतन लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट आई है, लेकिन खुदरा कीमतों में ऐसी कोई गिरावट नहीं देखी गई है। चना के मामले में, पिछले एक महीने में मंडी कीमतों में गिरावट देखी गई है, लेकिन खुदरा कीमतों में वृद्धि जारी है। उन्होंने बताया कि थोक मंडी कीमतों और खुदरा कीमतों के बीच अलग-अलग रुझान खुदरा विक्रेताओं द्वारा बाजार से निकाले जा रहे अनुचित मार्जिन का संकेत देते हैं। इन रुझानों पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है और अगर यह अंतर बढ़ता हुआ पाया जाता है तो आवश्यक उपाय शुरू करने होंगे।

इस बैठक में आरएआई के अधिकारियों और रिलायंस रिटेल लिमिटेड, विशाल मार्ट, डी मार्ट, स्पेंसर और मोर रिटेल के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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उपभोक्ता कार्य विभाग की सचिव ने उपलब्धता की स्थिति के संबंध में बताया कि खरीफ उड़द और मूंग की आवक बाजारों में शुरू हो गई है, जबकि पूर्वी अफ्रीकी देशों और म्यांमार से तुअर और उड़द का आयात घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए लगातार आ रहा है। घरेलू उपलब्धता की सहज स्थिति इस तथ्य से भी स्पष्ट होती है कि उपभोक्ता मामलों के विभाग के स्टॉक प्रकटीकरण पोर्टल में बड़े-चेन खुदरा विक्रेताओं की ओर से घोषित दालों के स्टॉक की मात्रा हर हफ्ते बढ़ रही है।

उन्होंने यह भी बताया कि इस वर्ष खरीफ दलहनों की बुवाई का रकबा पिछले वर्ष से 7 प्रतिशत अधिक है तथा फसल की स्थिति अच्छी है। रबी की बुवाई की तैयारी में, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने दलहनों में उत्पादन बढ़ाने तथा आत्मनिर्भरता पाने के उद्देश्य से प्रत्येक प्रमुख उत्पादक राज्य को फोकस योजनाएं सौंपी हैं। आगामी रबी सीजन में किसानों के पंजीकरण तथा किसानों के बीच बीज वितरण में नैफेड और एनसीसीएफ शामिल होंगे, जैसा कि इस वर्ष खरीफ बुवाई सीजन में किया गया था।

मौजूदा उपलब्धता की स्थिति तथा मंडी कीमतों में नरमी को देखते हुए, सचिव ने खुदरा उद्योग से कहा कि वे दालों की कीमतों को उपभोक्ताओं के लिए किफायती बनाए रखने के सरकार के प्रयासों में हर संभव सहायता प्रदान करें। इस संबंध में, उन्होंने संगठित खुदरा शृंखलाओं को भारतीय दालों, विशेषकर भारतीय मसूर दाल तथा भारतीय मूंग दाल के वितरण में एनसीसीएफ तथा नैफेड के साथ समन्वय करने के लिए आमंत्रित किया, ताकि उपभोक्ताओं के बीच भारतीय दालों की पहुंच को बढ़ाया जा सके।

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भारत 14 से 24 अक्टूबर के दौरान नई दिल्ली में आईटीयू-डब्ल्यूटीएसए24 की मेजबानी करेगा, यह कार्यक्रम एशिया प्रशांत क्षेत्र में पहली बार आयोजित होगा

अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) की विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (डब्ल्यूटीएसए) 14 से 24 अक्टूबर, 2024 तक नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी। आईटीयू के इतिहास में यह पहली बार होगा कि यह प्रतिष्ठित वैश्विक तकनीकी कार्यक्रम एशिया-प्रशांत क्षेत्र में हो रहा है। 190 से अधिक देशों के 3,000 से अधिक विश्व नेता और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ 6जी, एआई, आईओटी, बिग डेटा, साइबर सुरक्षा, एम2एम संचार और क्वांटम प्रौद्योगिकियों जैसे क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी मानक के भविष्य को आकार देने के लिए सहयोग करेंगे।

डब्ल्यूटीएसए के अन्य कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में, अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) और भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (डीओटी) के सहयोग से आयोजित एआई भारत 5जी/6जी हैकाथॉन का दूसरा चरण आज शुरू हुआ।

 

दो दिवसीय व्यक्तिगत कोडिंग प्रतियोगिता आज भारत मंडपम में शुरू हुई, जिसमें 12 चयनित टीमें – सात भारतीय और पांच अंतर्राष्ट्रीय – प्रतिस्पर्धा के लिए एक साथ आईं। अगले दो दिनों में ये टीमें अगली पीढ़ी के 5जी और 6जी नेटवर्क के लिए अत्याधुनिक एआई और मशीन लर्निंग (एआई/एमएल) समाधान विकसित करेंगी। हैकाथॉन को भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय सलाहकारों के एक विशिष्ट पैनल द्वारा समर्थित किया गया है, इसमें 12 भारतीय और दो अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल होंगे तथा एक आईटीयू कार्यक्रम अधिकारी का मार्गदर्शन भी शामिल है।

भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों प्रतिभागियों के लिए खुला यह कार्यक्रम सहयोग के लिए एक असाधारण मंच प्रदान कर रहा है।

पहला चरण 7 अगस्त से 30 सितंबर 2024 तक आयोजित किया गया। इसका शुभारंभ दूरसंचार विभाग के सचिव ने वरिष्ठ आईटीयू अधिकारियों और आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों की मौजूदगी में किया। इस ऑनलाइन चरण के दौरान अंतर्राष्ट्रीय टीमों सहित विविध पृष्ठभूमि के प्रतिभागियों ने 5जी/6जी इंफ्रास्ट्रक्चर में एआई/एमएल को एकीकृत करने के उद्देश्य से चुनौतियों की एक श्रृंखला में प्रतिस्पर्धा की। इस दौरान सभी टीमों द्वारा विस्तृत परियोजना संग्रह प्रस्तुत करने के साथ पांच परामर्श सत्र आयोजित किए गए। मुख्य रूप से सत्र 7 अगस्त 2024 से 28 अगस्त 2024 तक प्रत्येक बुधवार को निर्धारित किए गए थे। इसके अतिरिक्त 26 सितंबर, 2024 को दिल्ली, हैदराबाद और बैंगलोर में डब्ल्यूटीएसए आउटरीच कार्यक्रम के तहत आधे घंटे का सत्र आयोजित किया गया।

हैकाथॉन दो समस्या कथनों पर केंद्रित है:

  1. एआई भारत 5जी/6जी सैंडबॉक्स – 5जी/6जी के लिए स्वयं का एआई/एमएल मॉडल बनाना : टीमें आईटीयू अनुशंसाओं का लाभ उठाते हुए एआई/एमएल पाइपलाइन विकसित करेंगी जिसमें ITU-T Y.3172 और ITU-T Y.3061 शामिल हैं, इसका उद्देश्य 5जी/6जी के लिए अभिनव सृजन में वृद्धि करना है।
  2. एआई भारत 5जी/6जी सैंडबॉक्स – स्वायत्त 5जी/6जी के लिए स्वयं का एक्सऐप बनाना : प्रतिभागी आईटीयू विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में स्वायत्त 5जी/6जी नेटवर्क को बढ़ाने के लिए एक्सऐप्स बनाएंगे।

दूसरे चरण का उद्घाटन करते हुए, डिजिटल संचार आयोग की सदस्य (प्रौद्योगिकी) सुश्री मधु अरोड़ा ने विशिष्ट अतिथियों, प्रतिभागियों और पहले चरण के विजेताओं का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा,”यह अंतर्राष्ट्रीय हैकाथॉन युवा नवप्रवर्तकों के लिए एक मंच है, यह अंतर्राष्ट्रीय हैकाथॉन युवा नवप्रवर्तकों के लिए एक मंच है, जहाँ वे अपने सपनों को वास्तविकता में बदल सकते हैं और समाज पर ठोस प्रभाव डाल सकते हैं।”

सदस्य (टी) ने भी हैकथॉन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि,”5जी और 6जी प्रौद्योगिकियों में एआई/एमएल का एकीकरण असीमित संभावनाओं के द्वार खोलता है, और इस पहल से उभरने वाले नवीन समाधानों का उत्सुकता से इंतजार है।”

प्रतिभागी वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों के साथ महत्वपूर्ण चुनौतियों पर काम कर रहे हैं, जिसमें स्मार्ट सिटी ट्रांजिट, बाढ़ निगरानी, ​​यातायात अनुकूलन, “औरत रक्षा” के साथ महिला सुरक्षा शामिल है।

5जी और 6जी नेटवर्क के साथ एकीकृत एआई/एमएल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके “सिम धोखाधड़ी संरक्षण” और नेटवर्क विश्वसनीयता स्थापित करना है। टीमों के पास अत्याधुनिक संसाधनों जैसे क्लाउड क्रेडिट सिमुलेटर और कंप्यूट सर्वर तक पहुंच है। इस कार्यक्रम में एआई और दूरसंचार क्षेत्र के वैश्विक अग्रजों की विशेषज्ञ वार्ता भी शामिल है।

हैकाथॉन के उपयोग के मामले कई क्षेत्रों तक विस्तृत हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • नेक्स्ट जेन : निर्बाध डेटा प्रवाह और वास्तविक समय अपडेट के लिए 5G-सक्षम स्मार्ट सिटी सार्वजनिक परिवहन प्रणाली।
  • वज्र आईआईटीबी : शहरी क्षेत्रों में वास्तविक समय आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए बाढ़ निगरानी और चेतावनी प्रणाली।
  • ब्लेज-आईआईटीजे : 5जी-सक्षम ड्रोन संसाधन शेड्यूलिंग फ्रेमवर्क अति-विश्वसनीय कम-विलंबता संचार के लिए एआई का उपयोग।
  • आईआईआईटीए ईसीई : नदी प्रदूषण को रोकने के लिए अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली।
  • टेक रेंजर्स: अफ्रीका के योगदानकर्ताओं के लिए 6जी मानकों की बाधा को कम करने के लिए एक एआई-संचालित पहल।
  • हेक्साकोर : महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक प्लेटफार्म “औरत रक्षा”, जिसे असुरक्षित स्थितियों में वास्तविक समय पर अलर्ट देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • न्यूरल नोमैड्स: एग्रीशील्ड – छोटे स्तर पर खेती करने वाले किसानों के लिए एआई-संचालित 5जी/6जी समाधान जिम्बाब्वे और अफ्रीका में छोटे किसानों के लिए कृषि लचीलापन सुधारने पर केंद्रित है। यह प्लेटफॉर्म वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करने के लिए एआई-संचालित फसल निगरानी और पूर्वानुमान विश्लेषण का उपयोग करता है, साथ ही एक एकीकृत एआई बाजार के माध्यम से खेत से बाज़ार तक लॉजिस्टिक्स को सुव्यवस्थित करता है, जिससे किसानों को डेटा-संचालित निर्णय लेने वाले उपकरणों के साथ सशक्त बनाया जाता है।

 मधु अरोड़ा ने प्रतिभागियों को नवाचार की सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा, “आपके द्वारा यहां बनाए गए समाधानों में वैश्विक दूरसंचार के भविष्य को आकार देने की क्षमता है।”

जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ेगा, प्रतिभागी अपनी परियोजनाओं को और बेहतर बनाते जाएंगे, जिसके बाद विजेताओं की घोषणा की जाएगी, जिन्हें समापन समारोह में पुरस्कृत और सम्मानित किया जाएगा।

पुरस्कार : शीर्ष तीन टीमें ($1,000, $700, $500) सर्वश्रेष्ठ छात्र टीमसर्वश्रेष्ठ स्टार्ट-अप और सर्वश्रेष्ठ महिला टीम को विशेष मान्यता दी जाएगी, जिनमें से प्रत्येक को $500 मिलेंगे।

एआई भारत 5जी/6जी हैकाथॉन भारत और दुनिया भर के छात्रों, स्टार्टअप्स और प्रौद्योगिकी के प्रति उत्साही लोगों को एक साथ लाकर नवाचार का केंद्र बन गया है। यह एआई और अगली पीढ़ी के दूरसंचार के भविष्य को आकार देने में मदद करेगा।

(हैकाथॉन पर और अपडेट के लिए, कृपया क्लिक करें: https://challenge.aiforgood.itu.int/match/matchitem/95.)

डब्ल्यूटीएसए2024 के बारे में:

प्रतिष्ठित विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (डब्ल्यूटीएसए) 15 से 24 अक्टूबर 2024 तक नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी, जो 5जी और 6जी नेटवर्क की प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। यह वैश्विक प्रौद्योगिकी परिदृश्य में देश के बढ़ते महत्व को भी दर्शाता है। डब्ल्यूटीएसए एक चतुर्भुजीय आयोजन है और आईटीयू (अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ) मानकीकरण क्षेत्र (आईटीयू-टी) के शासी सम्मेलन के रूप में कार्य करता है। यह अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ द्वारा आयोजित तीन विश्व सम्मेलनों में से एक है, जो संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के अंतर्गत एक इकाई है। यह आयोजन वैश्विक दूरसंचार मानकों को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे भारत द्वारा डब्ल्यूटीएसए की मेजबानी एक महत्वपूर्ण आयोजन बन जाता है।

इसमें 150 से अधिक देशों के 3,000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिनमें 1,000 से अधिक विदेशी प्रतिनिधि और 50 वैश्विक मंत्री शामिल होंगे, जो दूरसंचार, डिजिटल और आईसीटी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करेंगे। डब्ल्यूटीएसए 2024 6जी, एआई, आईओटी, बिग डेटा, साइबर सुरक्षा, एम2एम, ब्रॉडकास्टिंग, सैटकॉम और क्वांटम प्रौद्योगिकियों जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सार्वभौमिक और सस्ती कनेक्टिविटी के माध्यम से डिजिटल विभाजन को पाटने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

डब्ल्यूटीएसए से पहले 14 अक्टूबर, 2024 को भारत मंडपम, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में वैश्विक मानक संगोष्ठी (जीएसएस) का आयोजन किया जाएगा। जीएसएस आईसीटी मानकीकरण पर नीतिगत बहस के लिए एक उच्च स्तरीय मंच है जो इसके उभरते गतिशीलता और तकनीकी निहितार्थों को संबोधित करता है।

डब्ल्यूटीएसए 2024 के साथ अन्य संबंधित पहल भी होंगी जैसे आईटीयू कैलिडोस्कोप सम्मेलन, आईटीयू प्रदर्शनियां, महिलाओं का नेटवर्क और एआई फॉर गुड ताकि इस क्षेत्र में संवाद को समृद्ध किया जा सके और समावेशिता को बढ़ावा दिया जा सके।

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प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ने साइबर सुरक्षा की जागरूकता बढ़ाने और इलेक्ट्रॉनिक्स और विशेष अभियान 4.0 के अंतर्गत चल रही सूचना सुरक्षा मंत्रालय की पहल को बढ़ावा देने के लिए 7 अक्टूबर को सीएसओआई में साइबर सुरक्षा पर कार्यशाला का आयोजन किया

प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने सिविल सेवा अधिकारी संस्थान (सीएसओआई), विनय मार्ग, नई दिल्ली में साइबर सुरक्षा पर एक व्यापक कार्यशाला का आयोजन किया। यह पहल इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (सीईआरटी-आईएन) द्वारा साइबर स्वच्छता केंद्र की स्थापना से प्रेरित थी।

इस कार्यशाला का उद्देश्य साइबर सुरक्षा जागरूकता बढ़ाना, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की पहलों को बढ़ावा देना तथा सार्वजनिक ई-गवर्नेंस प्लेटफार्मों की सुरक्षा के लिए मजबूत साइबर बुनियादी ढांचे की आवश्यकता पर जोर देना था। यह कार्यशाला विशेष अभियान 4.0 के तहत आयोजित की गई, जिसमें 200 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इनमें नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर(एनआईसी) के वरिष्ठ अधिकारी, लोक शिकायत/ केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) के नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण मूल्यांकन (एनईएसडीए) 2023 के नोडल अधिकारी और मंत्रालय के डिजिटल प्लेटफार्मों के निर्माण और संचालन में शामिल वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

कार्यशाला में भारत में वर्तमान साइबर सुरक्षा परिदृश्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने, विभिन्न सरकारी अनुप्रयोगों के लिए साइबर सुरक्षा संबंधी विवेचन, और वर्तमान डिजिटल वातावरण में साइबर सुरक्षा की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया गया तथा उन उपायों के बारे में जानकारी प्रदान की गई जिनसे साइबर खतरों को कम किया जा सकता है।

कार्यशाला में पैनल चर्चा के दो महत्वपूर्ण दौर हुए। पहले दौर में ‘भारत में वर्तमान साइबर सुरक्षा परिदृश्य’ पर चर्चा हुई। इसकी अध्यक्षता सीईआरटी-इन के महानिदेशक डॉ. संजय बहल ने की, जिसमें श्री नवीन कुमार सिंह (डीजी, एनसीआईआईपीसी), श्री संतोष मिश्रा (साइबर सुरक्षा पर साझेदार पीडब्ल्यूसी और एनईएसडीए 2023), और सुश्री सीमा खन्ना (डीडीजी और एचओजी साइबर सुरक्षा – एनआईसी) तथा स्वयं डॉ. संजय बहल ने अपनी प्रस्तुतियां दीं। दूसरी पैनल चर्चा में ‘ई-ऑफिस, भविष्य और सीपीजीआरएएमएस के लिए साइबर सुरक्षा संबंधी विवेचन’ पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसमें श्रीमती जया दुबे (संयुक्त सचिव, डीएपीआरजी), डॉ. सुशील कुमार (डीडीजी और एचओजी, एनआईसी), सुश्री रचना श्रीवास्तव (वैज्ञानिक जी, एनआईसी – ई-ऑफिस), श्री अनिल बंसल (वरिष्ठ निदेशक (आईटी), डीओपीपीडब्ल्यू- भविष्य), और श्री संजीव सक्सेना (एसटीडी, एनआईसी, डीएआरपीजी- सीपीजीआरएएमएस) ने अपने विचार व्यक्त किए।

उद्घाटन सत्र की शुरुआत प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के अतिरिक्त सचिव श्री पुनीत यादव के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने वर्तमान डिजिटल वातावरण में मजबूत साइबर बुनियादी ढांचे के निर्माण के महत्व के बारे में एक ठोस संदेश के साथ अपनी बात रखकर विचार-विमर्श का माहौल तैयार किया। उन्होंने लोक सेवाओं में पारदर्शिता और विश्वास सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षित और कुशल ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म की आवश्यकता पर जोर दिया।

सीईआरटी-इन के महानिदेशक डॉ. संजय बहल ने भारत में अनुकूल साइबर व्यवस्था बनाने के उद्देश्य से चल रही पहलों पर चर्चा की। उन्होंने सुरक्षित डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण के अनुरूप साइबर खतरों के विरुद्ध डिजिटल प्लेटफॉर्म को मजबूत करने के प्रयासों पर जोर दिया। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) के संयुक्त सचिव श्री ध्रुवज्योति सेनगुप्ता ने भविष्य पोर्टल की साइबर सुरक्षा विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने पेंशन मामलों से जुड़ी संवेदनशील सूचनाओं की सुरक्षा और पेंशनभोगियों को सुरक्षित सेवा सुनिश्चित करने में डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के महत्व पर जोर दिया।

प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के सचिव श्री वी. श्रीनिवास ने भी साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत करने और ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म की सुरक्षा की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण मूल्यांकन (एनईएसडीए) जैसी प्रमुख पहलों पर भी प्रकाश डाला, जिसमें सूचना सुरक्षा और गोपनीयता के मुख्य मापदंडों के आधार पर यह सुनिश्चित किया जाता है कि सुरक्षित और कुशलतापूर्ण तरीके से लोक सेवाएं प्रदान की जाएं।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री एस. कृष्णन ने साइबर स्वच्छता केंद्र (बॉटनेट क्लीनिंग और मालवेयर एनालिसिस सेंटर) जैसी पहलों के माध्यम से भारत के साइबर सुरक्षा परिदृश्य को मजबूत करने में चल रहे भारत सरकार के प्रयासों को रेखांकित किया। CERT-In के नेतृत्व में यह प्रयास देश का सुरक्षित डिजिटल भविष्य सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

सीईआरटी-इन के महानिदेशक डॉ. संजय बहल के संचालन में पहले पैनल ने राष्ट्रीय साइबर व्यवस्था के निर्माण के प्रयासों का अवलोकन किया। एनसीआईआईपीसी के श्री नवीन कुमार सिंह ने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की साइबर खतरों से सुरक्षा की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। पीडब्ल्यूसी के श्री संतोष मिश्रा ने एनईएसडीए 2023 के तहत डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ाने वाले साइबर सुरक्षा के वर्तमान रुझानों पर चर्चा की, और एनआईसी की सुश्री सीमा खन्ना ने सरकारी डिजिटल प्लेटफार्मों के सामने आने वाली चुनौतियों और उन्हें सुरक्षित करने के लिए एनआईसी के प्रयासों के बारे में बताया। दूसरी पैनल चर्चा ई-ऑफिस, भविष्य और सीपीजीआरएएमएस के लिए साइबर सुरक्षा विचारों पर केंद्रित थी। इसका संचालन डीएआरपीजी की संयुक्त सचिव श्रीमती जया दुबे ने किया। उन्होंने ई-ऑफिस, भविष्य और सीपीजीआरएएमएस जैसे प्रमुख सरकारी प्लेटफार्मों की कुशलता और समग्रता को बढ़ाने के प्रयासों में मजबूत साइबर सुरक्षा उपायों को शामिल करने के महत्व को रेखांकित किया।

डीएआरपीजी की संयुक्त सचिव श्रीमती जया दुबे के संचालन में दूसरे पैनल ने ई-ऑफिस, भविष्य और सीपीजीआरएएमएस के लिए साइबर सुरक्षा उपायों की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया। डॉ. सुशील कुमार ने सरकारी कामकाज के निर्बाध संचालन के लिए ई-ऑफिस सुरक्षा पर जोर दिया, जबकि सुश्री रचना श्रीवास्तव ने उत्पादकता बढ़ाने में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। श्री अनिल बंसल ने भविष्य पोर्टल में डेटा गोपनीयता की आवश्यकता पर जोर दिया और श्री संजीव सक्सेना ने सुरक्षित नागरिक शिकायत निवारण व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सीपीजीआरएएमएस की साइबर सुरक्षा रणनीतियों का उल्लेख किया।

कार्यशाला के समापन में श्रीमती सरिता तनेजा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने श्री एस. कृष्णन और श्री वी. श्रीनिवास के नेतृत्व की प्रशंसा की। इस कार्यक्रम में सुरक्षित ई-गवर्नेंस के लिए साइबर सुरक्षा के विशेष महत्व को रेखांकित किया गया, तथा भारत की डिजिटल व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएपीआरपीजी) की पहलों को प्रदर्शित किया गया।

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