यह योजना अपने 10वें वर्ष में है, और इसने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 56 लाख से अधिक नामांकन के साथ योजना के तहत कुल सकल नामांकन 7 करोड़ को पार कर गया है।
पेंशन के दायरे में समाज के सबसे कमजोर वर्गों को लाने की यह उपलब्धि सभी बैंकों और एसएलबीसी/युटीएलबीसी के अथक प्रयासों से संभव हुई है।
पीएफआरडीए ने हाल ही में योजना के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के लिए कई पहल की हैं जैसे राज्य और जिला स्तरों पर एपीवाई आउटरीच कार्यक्रम आयोजित करना, जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना, विभिन्न मीडिया चैनलों के माध्यम से प्रचार, हिंदी, अंग्रेजी और 21 क्षेत्रीय भाषाओं में एक-पेज का सरल एपीवाई फ्लायर/हैंडआउट जारी करने सहित प्रदर्शन की निरंतर समीक्षा करना।
एपीवाई को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह न केवल अभिदाता को जीवन भर परिभाषित और गारंटीकृत पेंशन राशि प्रदान करके ‘संपूर्ण सुरक्षा कवच‘ प्रदान करता है, बल्कि अभिदाता की मृत्यु के बाद पति या पत्नी को भी समान पेंशन राशि प्रदान करके और फिर अभिदाता और पति या पत्नी की मृत्यु के बाद नामांकित व्यक्ति को संपूर्ण राशि (60 वर्ष की आयु तक संचित) वापस करके परिवार को भी प्रदान करता है।