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Bharatiya Swaroop

भारतीय स्वरुप एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र है। सम्पादक मुद्रक प्रकाशक अतुल दीक्षित (published from Uttar Pradesh, Uttrakhand & maharashtra) mobile number - 9696469699

बैंक कर्मचारी परिवार पेंशन को अंतिम आहरित वेतन के 30% तक बढ़ाया जाएगा

बैंक कर्मचारियों के परिवारों को राहत देने के लिए, सरकार ने इंडियन बैंकिंग एसोसिएशन के परिवार पेंशन को अंतिम आहरित वेतन के 30% तक बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम से बैंक कर्मचारियों की प्रति परिवार पारिवारिक पेंशन 30,000 रुपये से 35,000 रुपये तक हो जाएगी। वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के सचिव ने आज मुंबई में वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा संबोधित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की।

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सचिव ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों के वेतन संशोधन पर 11वें द्विपक्षीय समझौते में, जिस पर इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) ने 11 नवंबर, 2020 को यूनियनों के साथ हस्ताक्षर किए थे, राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत पारिवारिक पेंशन वृद्धि और नियोक्ता के योगदान की बढ़ोतरी का भी प्रस्ताव था। इसे स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि “पहले इस योजना में पेंशनभोगी के अंतिम आहृत वेतन का 15, 20 और 30 प्रतिशत का स्लैब था। इसकी अधिकतम सीमा 9,284/- रुपये थी। वह बहुत ही मामूली राशि थी जिसके बारे में वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण चिंतित थीं और चाहती थीं कि इसे संशोधित किया जाए ताकि बैंक कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों को जीवन यापन के लिए एक बेहतर राशि मिल सके।

सरकार ने नई पेंशन योजना के तहत नियोक्ताओं के योगदान को मौजूदा 10% से बढ़ाकर 14% करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।

बढ़ी हुई पारिवारिक पेंशन से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों के हजारों परिवार लाभान्वित होंगे, जबकि नियोक्ताओं के योगदान में वृद्धि से नई पेंशन योजना के तहत बैंक कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा में बढ़ोतरी होगी।

वित्त मंत्री ने अपनी दो दिवसीय मुंबई यात्रा के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कामकाज की समीक्षा की और स्मार्ट बैंकिंग के लिए ईज़ 4.0 सुधार एजेंडा लॉन्च किया।

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राष्‍ट्रपति भवन ने केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालयों के संकाय सदस्‍यों और छात्रों से आगंतुक पुरस्‍कार 2021 के लिए आवेदन आमंत्रित किए

राष्‍ट्रपति भवन ने केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालयों के संकाय सदस्‍यों और छात्रों से आगंतुक पुरस्‍कार 2021 के लिए विभिन्‍न श्रेणियों में आवेदन आमंत्रित किए हैं। इन श्रेणियों में 1. नवाचार के लिए आगंतुक पुरस्‍कार, 2. (अ) मानविकी, कला और सामाजिक विज्ञान (ब) भौतिक विज्ञान और (स) जैविक विज्ञान में शोध के लिए आगंतुक पुरस्‍कार, 3. प्रौद्योगिकी विकास के लिए आगंतुक पुरस्‍कार।

आवेदक इसके लिए वेबसाइट www.presidentofindia.nic.in और ‘7वें विजिटर्स अवार्ड 2021’ लिंक पर क्लिक कर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 31 अक्‍टूबर, 2021 है और इसके लिए विस्‍तृत जानकारी https://rb.nic.in/visitorawards से ली जा सकती है।

इन पुरस्‍कारों की स्‍थापना 2014 में केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालयों के बीच स्‍वस्‍थ प्रतिस्‍पर्धा को बढ़ावा देने और उत्‍कृष्‍टता हासिल करने की दिशा में विश्‍व भर की बेहतर पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्‍य से की गई थी।

भारत के राष्‍ट्रपति केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालयों के विजिटर के रूप में इन पुरस्‍कारों को प्रदान करते हैं।

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तीन दिवसीय मेगा पर्यटन कार्यक्रम “लद्दाख : नई शुरुआत, नए लक्ष्य” कल से लेह में शुरू हो रहा है

मुख्य विशेषताएं :

  1. इस कार्यक्रम का उद्देश्य साहसिक, सांस्कृतिक और जिम्मेदार पर्यटन के पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए लद्दाख को एक पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देना है।

 

  1. इस कार्यक्रम का उद्देश्य उद्योग के हितधारकों को स्वदेशी उत्पादों के बारे में जानकारी उपलब्ध करना तथा देश के बाकी हिस्सों के टूर ऑपरेटरों और खरीदारों के साथ बातचीत करने के लिए स्थानीय हितधारकों को एक मंच उपलब्ध कराना भी है।

 

  1. इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में लद्दाख की पर्यटन सुविधाओं और पर्यटन उत्पादों के प्रदर्शन के लिए प्रदर्शनी, पैनल चर्चा, बी2बी बैठकें, तकनीकी पर्यटन और सांस्कृतिक संध्या जैसी गतिविधियों को शामिल किया जाएगा।

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के उप-राज्यपाल श्री राधा कृष्ण माथुर और केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी 26 से 28 अगस्त 2021 तक लेह में आयोजित किए जाने वाले मेगा-पर्यटन कार्यक्रम “लद्दाख: नई शुरुआत, नए लक्ष्य” को संबोधित करेंगे। श्री जी. किशन रेड्डी इस कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल होंगे। इस कार्यक्रम के दौरान लद्दाख क्षेत्र के समग्र विकास पर केंद्रित दस्तावेज “लद्दाख के लिए एक पर्यटन विजन” का विमोचन किया जाएगा। यह दस्तावेज़ सतत पारिस्थितिक प्रथाओं की पृष्ठभूमि में स्थानीय सामग्री और मानव संसाधनों के निर्माण की परिकल्पना करता है। लद्दाख के सांसद श्री जम्यांग त्सेरिंग नामग्याल, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के पर्यटन और संस्कृति सचिव श्री के. महबूब अली खान, पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव, श्री अरविंद सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।

पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख प्रशासन के पर्यटन विभाग और एडवेंचर टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एटीओएआई) के सहयोग से 25 से 28 अगस्त, 2021 तक “लद्दाख: नई शुरुआत, नए लक्ष्य” नामक इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं। इसका उद्देश्य साहसिक, संस्कृति और जिम्मेदार पर्यटन के पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए लद्दाख को एक पर्यटक स्थल के रूप में बढ़ावा देना है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उद्योग के हितधारकों को स्वदेशी उत्पाद प्रदान करना और देश के बाकी हिस्सों के टूर ऑपरेटरों/खरीदारों के साथ बातचीत करने के लिए स्थानीय हितधारकों को एक मंच प्रदान करना है।

घरेलू पर्यटन देश के पर्यटन क्षेत्र के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पर्यटन मंत्रालय घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार की प्रचार गतिविधियों का आयोजन करता है। इन गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य पर्यटन स्थलों और उत्पादों के बारे में जागरूकता को बढ़ाना, पूर्वोत्तर, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और जम्मू-कश्मीर जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देना है।

हालांकि कोविड-19 महामारी ने दुनिया को एक अप्रत्याशित रूप से प्रभावित किया है और इसने एक ठहराव पैदा किया है, लेकिन अब रिकवरी के संकेत देखे जा रहे हैं और देश में लोगों की आवाजाही शुरू हो गई है। यात्रा के साधन यानि एयरलाइंस,  ट्रेन और राजमार्गों पर घरेलू पर्यटन खंड में पर्यटन यातायात में नियमित बढ़ोतरी की जानकारी मिल रही है। मंत्रालय ने भी उद्योग हितधारकों की भागीदारी के साथ पर्यटन को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है। पर्यटन मंत्रालय विभिन्न अभियानों और पहलों जैसे ‘देखो अपना देश’ के माध्यम से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में लद्दाख को बढ़ावा दे रहा है।  लद्दाख के बारे में एक समर्पित वेबिनार का भी आयोजन किया गया था। अतुल्य भारत वेबसाइट और  मंत्रालय के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, प्रिंटिंग ऑफ फ्लायर्स आदि के माध्यम से भी लद्दाख का प्रचार किया जाता है।

इस कार्यक्रम में लगभग 150 प्रतिभागियों के शामिल होने का अनुमान है, जिनमें ओपिनियन मेकर,  टूर ऑपरेटर, होटल व्यवसायी, राजनयिक,  होमस्टे मालिक, भारत सरकार और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के वरिष्ठ अधिकारी  और मीडियाकर्मी शामिल हैं। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में लद्दाख की पर्यटन सुविधाओं और पर्यटन उत्पादों को दर्शाने के लिए प्रदर्शनी, पैनल चर्चा, बी2बी बैठकें, तकनीकी पर्यटन, सांस्कृतिक संध्या जैसी गतिविधियों को शामिल किया जाएगा।

इस तीन दिवसीय आयोजन में 25 अगस्त को बी2बी मीटिंग आयोजित की जाएंगी। 26 अगस्त को पर्यटन से संबंधित विभिन्न विषयों को शामिल करते हुए पैनल चर्चाओं का आयोजन किया जाएगा। 27 अगस्त को प्रतिनिधि दो अलग-अलग समूहों में चिलिंग और लिकिर का तकनीकी दौरा करेंगे।

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भारत स्वच्छ ऊर्जा पर अमेरिका के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने आज ‘भारत-अमेरिका जलवायु एवं स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 साझेदारी’ के तहत जलवायु कार्रवाई एवं वित्तीय संग्रहण संवाद यानी क्लाइमेट एक्शन एंड फाइनेंस मोबिलाइजेशन डॉयलॉग  (सीएएफएमडी) ट्रैक और अन्य संबंधित मुद्दों पर अमेरिका के राष्ट्रपति के विशेष दूत (एसपीईसी) श्री जॉन केरी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की।

भारत और अमेरिका इस बात पर सहमत हुए कि दोनों पक्ष, ‘भारत-अमेरिका जलवायु एवं स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 साझेदारी’ के तहत एक रचनात्मक जुड़ाव के लिए काम करेंगे।पर्यावरण मंत्री ने कहा कि ये मंच जलवायु कार्रवाइयों के लिए एक साथ काम करने के अधिक अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत स्वच्छ ऊर्जा पर अमेरिका के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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वित्‍त वर्ष 2022 में आसियान को भारत का निर्यात 46 बिलियन डॉलर रहने का अनुमान : अनुप्रिया पटेल

केंद्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग राज्‍य मंत्री सुश्री अनुप्रिया पटेल ने विदेश मंत्रालय और वाणिज्‍य विभाग के सहयोग से इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) द्वारा आयोजित ‘भारत-आसियान इंजीनियरिंग भागीदारी शिखर सम्‍मेलन’ का उद्घाटन किया। आज का शिखर सम्‍मेलन इंजीनियरिंग क्षेत्र में सहयोग पर केंद्रित रहा। यह शिखर सम्‍मेलन इंजीनियरिंग व्‍यापार और निवेश में भारत-आसियान भागीदारी के संबंध में भारतीय उद्योग की साझेदारी के लिए महत्‍वपूर्ण मंच प्रस्‍तुत करता है। यह मंच इंजीनियरिंग के साथ ही साथ व्‍यापारिक वस्‍तुओं के निर्यात, दोनों के संदर्भ में सरकार द्वारा निर्धारित अभूतपूर्व निर्यात लक्ष्‍य को हासिल करने का माध्‍यम भी बनेगा।

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उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सुश्री अनुप्रिया पटेल ने सबसे बड़े व्यापारिक भागीदारों में से एक आसियान के साथ शिखर सम्मेलन आयोजित करने के लिए ईईपीसी इंडिया को बधाई दी। सुश्री पटेल ने कहा कि व्यापार, भारत और आसियान के लिए विकास का महत्वपूर्ण वाहक है। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग निर्यात व्यापारिक वस्‍तुओं के निर्यात का एक-चौथाई हिस्सा है और यह सभी निर्यात क्षेत्रों में से सबसे ज्‍यादा विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाला है तथा पिछले कुछ वर्षों से इंजीनियरिंग निर्यात का प्रदर्शन शानदार रहा है। भारत के ग्‍लोबल इंजीनियरिंग शिपमेंट में आसियान की 15 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है और वर्ष 2021-22 के दौरान  लगभग 16 बिलियन डॉलर के निर्यात के लक्ष्य के लिए इस क्षेत्र पर मुख्‍य रूप से ध्‍यान केंद्रित किए जाने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि आसियान भारतीय निर्यात के लिए सबसे बड़े गंतव्यों में से एक है, इ‍सलिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में 400 बिलियन डॉलर के वैश्विक निर्यात लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में 46 बिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य के साथ यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र होगा। आसियान, एक क्षेत्र के रूप में यूरोपीय संघ और उत्तरी अमेरिका के बाद भारतीय इंजीनियरिंग उत्पादों का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है। आसियान के सदस्य देशों में से सिंगापुर और मलेशिया भारतीय इंजीनियरिंग उत्पादों के लिए प्रमुख निर्यात गंतव्य हैं।

सुश्री पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि भारत और आसियान दोनों के पास कुशल लोग, सुदृढ़ सेवा और विनिर्माण क्षेत्रों का बड़ा हिस्सा है तथा व्‍यापक सहयोग के लिए कई अन्योन्याश्रित क्षेत्र और उत्पाद उपलब्ध हैं। लगभग 5.8 ट्रिलियन डॉलर की मिश्रित अर्थव्यवस्था के साथ भारत और आसियान के बीच व्यापार और निवेश भागीदारी को बढ़ाने की महत्वपूर्ण संभावना मौजूद है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए भारत को और भी आकर्षक गंतव्य बनाने के लिए अनेक उपाय किए हैं। सुश्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 400 बिलियन डॉलर के व्यापारिक वस्‍तु निर्यात का लक्ष्य रखा है और इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए एक योजना की भी परिकल्पना की है। ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के एक भाग के रूप में निवेश को आकर्षित करने और भारत की विनिर्माण क्षमताओं को संवर्धित करने के लिए सरकार ने हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स, सौर मॉड्यूल, विशेषकर इस्‍पात, ऑटोमोबाइल और चिकित्सा उपकरणों सहित 13 क्षेत्रों को शामिल  करते हुए 26 बिलियन डॉलर की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किए जा रहे चार दिवसीय भारत-आसियान इंजीनियरिंग भागीदारी शिखर सम्मेलन में भारतीय उद्योग जगत के 300 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है। आसियान देशों के प्रतिनिधि भी बड़ी संख्या में शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। शिखर सम्मेलन में बी 2 बी बैठकें, बातचीत आदि भी शामिल होंगे। विषय संबंधी सत्रों में देश के सत्र और उद्योग 4.0 जैसे सहयोग के उभरते क्षेत्रों, क्षेत्रीय मूल्य श्रृंखला में एमएसएमई का एकीकरण सहित विविध विषयों को शामिल किया जाएगा। तमिलनाडु सरकार इस आयोजन में “भागीदार राज्‍य” के रूप में जबकि हरियाणा सरकार “फोकस राज्‍य” के रूप में शामिल होगी।

यह वर्ष दोनों भागीदारों के लिए खास है क्योंकि यह भारत-आसियान संवाद साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ और रणनीतिक साझेदारी के 10 वर्ष पूरे होने का प्रतीक है।

उद्घाटन सत्र के दौरान इंजीनियरिंग और एमएसएमई क्षेत्र पर जोर देते हुए भारत-आसियान व्यापार और निवेश पर एक ई-बुक भी लॉन्च की गई। इस पुस्तक में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ाने के कई महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है तथा यह भारत और दस आसियान देशों के बारे में विस्तृत जानकारी भी प्रदान करती है।

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अफीमकोठी से झकरकटी तक लगा जाम, डीसीपी साउथ ने जाम हटवाया

अफीमकोठी से झकरकटी जाने वाले रास्ते पर जाम लगने की सूचना पर डीसीपी साउथ रवीना त्यागी व बाबूपुरवा थाने की फोर्स पहुंच गईं और बस अड्डे के बाहर सड़क घेरे खड़े ऑटो-टेंपो और ई-रिक्शा को हटवाया। रक्षाबंधन पर अपने घर और रिश्तेदारों के यहां जाने वालों की भीड़ से शहर ही नहीं दक्षिण के भी कई प्रमुख चौराहों पर रविवार को जाम की स्थिति रही। दादानगर क्रॉसिंग से सीटीआई आने वाली रोड पर भी दिनभर जाम की स्थिति रही। इस दौरान वाहन रेंगते हुए निकले। इसी तरह बर्रा पटेल चौक चौराहा, नंदलाल चौराहा से चावला चौराहा, बर्रा बाईपास से कर्रही रोड पर भी रुक-रुककर जाम लगा। ट्रैफिक पुलिस ने भी चौराहों पर सड़क घेर खड़े सवारी वाहनों को हटवाया।

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कानपुर में मुंबई की तरह एमएसटी शुरू की जाए

कानपुर। यूपी दैनिक रेल यात्री कल्याण समिति के संरक्षक राजेश शुक्ल, सचिव राहुल शुक्ल, मनीष मिश्रा, श्रीधर कश्यप, अभिषेख सिंह, गौरव जायसवाल, अमन, रीतेश सिंह ने रविवार को सांसद सत्यदेव पचौरी से मुलाकात कर ट्रेनों में मुंबई की तर्ज पर एमएसटी खोलने की मांग की। प्रतिनिधियों ने कहा कि लखनऊ, फतेहपुर, प्रयागराज तक हर दिन हजारों लोगों को अप-डाउन करना पड़ रहा है लेकिन रोज हर यात्री को चार सौ रूपए खर्च करने पड़ रहे हैं।

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54 पैरालंपिक एथलीट भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे और टोक्यो पैरालंपिक में पदक जीतने के लिए 25 अगस्त से अपनी यात्रा शुरू करेंगे

प्रमुख तथ्य :

•54 एथलीटों के साथ किसी भी पैरालंपिक में भारत द्वारा भेजी गई अब तक की यह सबसे बड़ी टीम है।

•भाविना और सोनलबेन पहले दिन यानी 25 अगस्त को टोक्यो में अपने अंतिम चयन प्रतिस्पर्धा (क्वालीफिकेशन राउंड) की शुरुआत करेंगी। वे टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) कोर ग्रुप का हिस्सा हैं।

•अरुणा महिलाओं के अंडर 49 किग्रा में के-44 वर्ग में भाग लेंगी। वे 2 सितंबर को राउंड ऑफ-16 राउंड्स से अपने प्रतिस्पर्धा की शुरुआत करेंगी। वे टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) का हिस्सा हैं।

•सकीना, जो महिलाओं के 50 किग्रा वर्ग में भाग लेंगी, राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय महिला पैरालंपिक खिलाड़ी हैं।

भारत के 54 एथलीट; तीरंदाजी, एथलेटिक्स (ट्रैक एंड फील्ड), बैडमिंटन, तैराकी, भारोत्तोलन समेत 9 खेलों में भाग लेंगे। यह किसी भी पैरालंपिक में भारत द्वारा भेजी गई अब तक की सबसे बड़ी टीम है। सभी 54 एथलीट टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) का हिस्सा हैं।

गुजरात राज्य की भाविना पटेल और सोनलबेन पटेल दोनों पैरालंपिक खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने की कोशिश करेंगी। यह जोड़ी क्रमशः पैरा टेबल टेनिस महिला एकल व्हीलचेयर वर्ग 4 श्रेणी और महिला एकल व्हीलचेयर वर्ग 3 श्रेणी में भाग ले रही है। वे महिला युगल स्पर्धा में भी जोड़ी के रूप में भाग लेंगी।

(चित्र: सोनलबेन पटेल)

भाविना और सोनलबेन अपने क्वालीफिकेशन राउंड की शुरुआत टोक्यो में पहले दिन यानी 25 अगस्त को करेंगी। क्वालीफाइंग राउंड 25, 26 और 27 अगस्त को होंगे, जबकि सेमीफाइनल और फाइनल क्रमशः 28 और 29 अगस्त को होंगे।

 

(चित्र: भाविना)

दोनों खिलाड़ियों ने अहमदाबाद स्थित ब्लाइंड पीपुल्स एसोसिएशन में प्रशिक्षक ललन दोषी की देख-रेख में प्रशिक्षण लिया है। भाविना जहां इस समय अपने वर्ग में दुनिया में 8वें स्थान पर हैं, वहीं सोनलबेन 19वें स्थान पर हैं। दोनों सरदार पटेल पुरस्कार और एकलव्य पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं और एशियाई खेलों में पदक विजेता रही हैं।

दोनों खिलाड़ी टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) कोर ग्रुप का हिस्सा हैं और दोनों को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के मामले में भारत सरकार से महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ है। भाविना को व्यक्तिगत प्रशिक्षण के लिए टीटी टेबल, रोबोट और टीटी व्हीलचेयर तथा आगामी टोक्यो पैरालंपिक खेलों की तैयारी के लिए फिजियोथेरेपी, आहार विशेषज्ञ, मनोवैज्ञानिक और प्रशिक्षण शुल्क के साथ-साथ प्रशिक्षण के लिए टेबल टेनिस बॉल, प्लाई, रबर, गोंद आदि जैसे उनके खेल से जुड़े विशिष्ट उपकरणों की खरीद के लिए वित्तीय सहायता भी मिली है।

पैरा टीटी से जुड़ी अपनी बड़ी बहनों के नक्शेकदम पर चलते हुए पैरालंपिक खेलों में पैरा ताइक्वांडो में भारत की एकमात्र प्रतिनिधि 21 वर्ष की अरुणा तंवर होंगी। हरियाणा की अरुणा महिलाओं के 49 किलोग्राम से कम भार के के-44 वर्ग में भाग लेंगी। वो 2 सितंबर को राउंड- ऑफ-16 राउंड्स में अपना जौहर दिखायेंगी।

 

(चित्र:अरुणा तंवर)

अरुणा इस समय के-44 वर्ग में 30वें स्थान पर हैं और वो 2018 में वियतनाम में आयोजित एशियाई पैरा ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में रजत पदक विजेता रही हैं। साथ ही, वो 2019 में तुर्की में आयोजित विश्व पैरा ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में कांस्य पदक विजेता रही हैं। वो टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) का एक हिस्सा हैं और उन्हें उनके खेल से जुड़े विशिष्ट उपकरणों की खरीद के लिए वित्तीय सहायता भी मिली है।

(चित्र:अरुणा तंवर)

पैरा पावरलिफ्टिंग के लिए भारत जय दीप और सकीना खातून के रूप में दो सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को वहां भेज रहा है। जहां एक ओर पश्चिम बंगाल में जन्मी सकीना बेंगलुरु स्थित साई राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र में प्रशिक्षण ले रही हैं, वहीं दूसरी ओर हरियाणा के रहने वाले जय दीप रोहतक स्थित राजीव गांधी स्टेडियम में प्रशिक्षण ले रहे हैं। ये दोनों ही टॉप्‍स कोर टीम का हिस्सा हैं।

सकीना, जो महिलाओं के 50 किग्रा तक के वर्ग में भाग लेंगी, अब तक की एकमात्र भारतीय महिला पैरालिंपियन हैं, जिन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में कोई पदक जीता है। उन्‍होंने वर्ष 2014 में ग्लासगो में यह पदक जीता था। वह पैरा एशियन गेम्स 2018 की रजत पदक विजेता भी हैं। बचपन में हुई पोलियो की गंभीर बीमारी की वजह से ही सकीना दिव्‍यांगता से ग्रस्‍त हो गई हैं। मैट्रिक तक पढ़ाई कर लेने के बाद उन्होंने दिलीप मजूमदार और अपने वर्तमान कोच फरमान बाशा से प्राप्‍त वित्तीय सहायता की बदौलत वर्ष 2010 में पावरलिफ्टिंग प्रशिक्षण शुरू किया।

(चित्र:सकीनाखातून)

जय दीप, जो पुरुषों के 65 किग्रा तक के वर्ग में भाग ले रहे हैं, भारतीय खेल प्राधिकरण में सहायक कोच हैं। इन दोनों ही खिलाडि़यों को तीन से भी अधिक अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने और खेल किट से युक्‍त खेल विज्ञान सहायता के साथ राष्ट्रीय कोचिंग शिविरों में भाग लेने में भारत सरकार की ओर से महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्‍त हुआ है। ये दोनों ही खिलाड़ी 27 अगस्त को अपने-अपने फाइनल राउंड में टोक्यो में खेलेंगे।

(चित्र:जय दीप)

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भारत में कोविड-19 टीकाकरण का कुल आंकड़ा 58 करोड़ के पार पहुंचा

भारत में कोविड-19 टीकाकरण का कुल आंकड़ा कल 58 करोड़ के पार पहुंच गया है। आज सुबह सात बजे तक प्राप्त अस्थायी रिपोर्ट के अनुसार बीते 24 घंटों में टीके की 52,23,612 डोज देने के साथ ही भारत में कोविड-19 टीकाकरण का कुल कवरेज 58.14 (58,14,89,377) करोड़ के पार पहुंच गया है। टीकाकरण का यह लक्ष्य 64,39,411 सत्रों के माध्यम से प्राप्त किया गया है।

 

आज सुबह 7 बजे तक की अस्थायी रिपोर्ट के अनुसार कुल टीकाकरण का विवरण इस प्रकार से है:

स्वास्थ्य कर्मी पहली खुराक 1,03,53,366
दूसरी खुराक 82,10,206
अग्रिम पंक्ति के कर्मी पहली खुराक 1,83,03,885
दूसरी खुराक 1,25,60,909
18-44 वर्ष आयु वर्ग पहली खुराक 21,63,66,206
दूसरी खुराक 1,93,27,127
45-59 वर्ष आयु वर्ग पहली खुराक 12,24,63,403
दूसरी खुराक 4,87,01,565
60 वर्ष से अधिक पहली खुराक 8,32,68,790
दूसरी खुराक 4,19,33,920
कुल   58,14,89,377

 

केन्द्र सरकार देश भर में कोविड-19 टीकाकरण की गति में तेजी लाने तथा इसके दायरे को विस्तारित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

पिछले 24 घंटों में 38,487 कोरोना संक्रमित रोगियों के स्वस्थ होने के साथ ही कुल ठीक होने वाले मरीजों (महामारी की शुरुआत के बाद से) की संख्या बढ़कर 3,16,36,469 हो गई है।

 

स्वस्थ होने की दर 97.57 प्रतिशत पर पहुंची गई है, जो मार्च 2020 के बाद से अपने उच्च्तम स्तर पर है।

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कोविड-19 के कारण लगे प्रतिबंधों के बावजूद, भारत ने अप्रैल-जून (2021-22)तिमाही में कृषि तथा प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में 44.3प्रतिशतसे अधिक का रिकॉर्ड निर्यात अर्जितकरना जारी रखा

कोविड-19 के कारण लगेप्रतिबंधों के बावजूद, विशेष रूप से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान,महामारी की दूसरी लहर केप्रकोप के कारण, भारत ने 2021-22 (अप्रैल-जून) में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में2020-21 की इसी अवधि की तुलना में 44.3 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की।

चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों के दौरान कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में तेज बढ़ोत्तरी, वित्तीय वर्ष 2020-21 में निर्यात मेंआईवृद्धि की निरंतरता में है।

विश्व व्यापार संगठन के व्यापार मानचित्र के अनुसार, वर्ष 2019 में 37 बिलियन अमेरिकीडॉलर के कुल कृषि निर्यात के साथ, भारत विश्व रैंकिंग में 9वें स्थान पर है।

वाणिज्य मंत्रालय के तहत कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा)द्वारा की गई पहलों ने देश को ऐसे समय में इस उपलब्धि को अर्जित करने में मदद की जब महामारी का प्रकोप अपने चरमपर था।

वाणिज्यिक आसूचनाऔर सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआईएंडएस) द्वारा जारी त्वरित अनुमानों के अनुसार, अप्रैल-जून 2021 के दौरान एपीडा उत्पादों के कुल निर्यात में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में अमेरिकी डॉलर के हिसाब से44.3प्रतिशतकी वृद्धि देखी गई है। एपीडा उत्पादों का कुल निर्यात अप्रैल-जून 2020 में 3338.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर अप्रैल-जून 2021 में 4817.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।

भारतीय कृषि-निर्यात केहिसाब से, देश ने पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में वित्त वर्ष 2020-21 (अप्रैल-मार्च) में डॉलर के हिसाब से 25.02 प्रतिशत और रुपये के हिसाब से 29.43 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। हालांकि, यह अनुमान लगाया गया है कि चालू वर्ष (2021-22) में भी देश के कृषि निर्यात में लगभग 15 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्ज की जाएगी।

त्वरित अनुमानों के अनुसार, ताजे फलों और सब्जियों के निर्यात में 9.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों जैसे सुखाए या फुलाए गए अनाजों(सीरियल प्रीपेरेशन)और विविध प्रसंस्कृत वस्तुओं के निर्यात में 69.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। अप्रैल-जून, 2020-21 में, ताजे फल और सब्जियों का निर्यात 584.5 मिलियन अमेरिकीडॉलर का था जो अप्रैल-जून 2021-22 में बढ़कर 637.7 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।

भारत ने अन्य अनाजों के निर्यात में 415.5 प्रतिशत की तेज बढ़ोतरीदर्ज की, जबकि मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों के निर्यात में चालू वित्त वर्ष (2021-22) के पहले तीन महीनों में 111.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। अन्य अनाजों का निर्यात अप्रैल-जून 2020 में 44.9 मिलियन अमेरिकीडॉलर से बढ़कर अप्रैल-जून 2021 में 231.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया और मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात अप्रैल-जून 2020 में 483.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर अप्रैल-जून 2021में 1022.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।

 

चावल का निर्यात, जिसने 25.3 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्ज की, अप्रैल-जून 2020 के 1914.5 मिलियन अमेरिकीडॉलर से बढ़कर अप्रैल-जून 2021 में 2398.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में वृद्धि,कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों में बी 2 बी प्रदर्शनियों का आयोजन भारतीय दूतावासों की सक्रिय भागीदारीसे उत्पाद विशिष्ट और सामान्य विपणन अभियानों के माध्यम से नए संभावित बाजारों की खोज जैसी एपीडा की विभिन्न पहलों का परिणाम है।

एपीडा ने संयुक्त अरब अमीरात के साथ कृषि और खाद्य उत्पादों पर और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हस्तशिल्प सहित जीआई उत्पादों पर वर्चुअल क्रेता-विक्रेता बैठकका आयोजन करके भारत में पंजीकृत भौगोलिक संकेत (जीआई) वाले उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए भी कई पहल की हैं। एपीडानेनिर्यात की जाने वाली प्रमुख कृषि वस्तुओं के जीआई उत्पादों को लोकप्रिय बनाने के लिए संभावित आयातक देशों के साथ वर्चुअल क्रेता-विक्रेता बैठक (वीबीएसएम) आयोजित करने की अपनी पहल जारी रखी है।

निर्यात किए जाने वाले उत्पादों के निर्बाध गुणवत्ता प्रमाणन को सुनिश्चित करने के लिए, एपीडा ने उत्पादों और निर्यातकों की एक विस्तृत श्रृंखला को परीक्षण की सेवाएं प्रदान करने के लिए पूरे भारत में 220 प्रयोगशालाओं को मान्यता दी है।

एपीडा निर्यात परीक्षण और अवशेष निगरानी योजनाओं के लिए मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के उन्नयन और सुदृढ़ीकरण में भी सहायता करता है। एपीडा कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचा विकास, गुणवत्ता सुधार और बाजार विकास की वित्तीय सहायता योजनाओं के तहत भी सहायता प्रदान करता है।

एपीडाअंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों में निर्यातकों की भागीदारी का आयोजन करता है, जिसने निर्यातकों को वैश्विक बाजार में अपने खाद्य उत्पादों के विपणन के लिए एक मंच प्रदान कियाहै। एपीडा कृषि-निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आहार, ऑर्गेनिक वर्ल्ड कांग्रेस, बायोफैच इंडिया आदि जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों का भी आयोजन करता है।

एपीडा ने अंतरराष्ट्रीय बाजार की गुणवत्ता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बागवानी उत्पादों के लिए पैक-हाउस का पंजीकरण भी शुरू कियाहै।उदाहरण के लिए,मूंगफली के छिलके और ग्रेडिंग तथा प्रसंस्करण इकाइयों के लिए निर्यात इकाइयों केपंजीकरणका उद्देश्य यूरोपीय संघ और गैर-यूरोपीय संघ के देशों के लिए गुणवत्ता पालन सुनिश्चित करना है।

एपीडा वैश्विक खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता आवश्यकताओं के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए मांस प्रसंस्करण संयंत्रों और बूचड़खानों का पंजीकरण करता है। एक अन्य प्रमुख पहल में ट्रेसिएबिलिटी सिस्टम का विकास और कार्यान्वयन शामिल है जो आयात करने वाले देशों की खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता अनुपालन सुनिश्चित करता है। विभिन्न अंतरराष्ट्रीय व्यापार विश्लेषणात्मक सूचनाओं का संकलन और प्रसार, निर्यातकों के बीच बाजार पहुंच की जानकारी साझा करना और व्यापार पूछताछका समाधानकरना भी उसी समग्र प्रेरकबल का हिस्सा हैजो एपीडा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उपलब्धकराता है।

भारत के निर्यात का तुलनात्मक विवरण एपीडा उत्पाद
उत्पाद शीर्ष जून, 2020 अप्रैलजून, 2020 जून, 2021 अप्रैलजून, 2021 बदलाव (जून,2021) बदलाव (अप्रैलजून,2021)
मिलियन अमेरिकी डॉलर मिलियन अमेरिकी डॉलर मिलियन अमेरिकी डॉलर मिलियन अमेरिकी डॉलर अमेरिकी डॉलर अमेरिकी डॉलर
फल एवं सब्जियां 189.8 584.5 204.9 637.7 8.0 9.1
सूखाए या फुलाए अनाज (सीरियल प्रीपरेशन तथा विविध प्रसंस्कृत मदें 143.2 311.1 198.0 527.7 38.3 69.6
मांस, डेयरी एवं पोल्ट्री उत्पाद 203.7 483.5 329.6 1022.5 61.8 111.5
चावल 681.3 1914.5 741.0 2398.5 8.8 25.3
अन्य अनाज 25.2 44.9 84.4 231.4 235.3 415.5
कुल 1243.1 3338.5 1558.0 4817.9 25.3 44.3
स्रोत:डीजीसीआईएस,त्वरित आकलन      

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