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Bharatiya Swaroop

भारतीय स्वरुप एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र है। सम्पादक मुद्रक प्रकाशक अतुल दीक्षित (published from Uttar Pradesh, Uttrakhand & maharashtra) mobile number - 9696469699

प्रधानमंत्री ने गुजरात के त्रिमंदिर, अडालज में मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के त्रिमंदिर, अडालज में उत्कृष्ट मिशन स्कूलों (मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस) का शुभारंभ किया। मिशन की परिकल्पना कुल 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ की गई है। त्रिमंदिर में कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने लगभग 4260 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया। यह मिशन गुजरात में नई कक्षाओं, स्मार्ट कक्षाओं, कंप्यूटर प्रयोगशालाओं की स्थापना और राज्य में स्कूलों के बुनियादी ढांचे के समग्र आधुनिकीकरण से शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद करेगा।

उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज गुजरात अमृत काल की अमृत पीढ़ी के निर्माण की तरफ बहुत बड़ा कदम उठा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “यह अवसर विकसित भारत और विकसित गुजरात के लिए मील का पत्थर साबित होगा।” उन्होंने मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस के लिए सभी नागरिकों, शिक्षकों, युवाओं और गुजरात की भावी पीढ़ियों को बधाई दी।

5जी प्रौद्योगिकी के हालिया विकास पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि यद्यपि हमने इंटरनेट की पहली से चौथी पीढ़ी तक का उपयोग किया है, अब देश में 5जी बड़ा बदलाव लाने वाला है। “हर पीढ़ी के साथ, प्रौद्योगिकी ने हमें जीवन के हर छोटे पहलू से जोड़ा है।” श्री मोदी ने आगे कहा, “इसी तरह हमने स्कूलों की विभिन्न पीढ़ियों को देखा है।” 5जी प्रौद्योगिकी की क्षमताओं पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शिक्षा प्रणाली को स्मार्ट सुविधाओं, स्मार्ट कक्षाओं और स्मार्ट शिक्षण से आगे ले जाएगी और इसे अगले स्तर पर पहुंचाएगी। “हमारे युवा छात्र अब स्कूलों में वर्चुअल वास्तविकता और इंटरनेट ऑफ थिंग्स की ताकत का अनुभव कर सकेंगे।” प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस के माध्यम से गुजरात ने पूरे देश में पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रधानमंत्री ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की टीम को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने पिछले दो दशकों में शिक्षा के क्षेत्र में गुजरात में हुए बदलावों पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने गुजरात में शिक्षा क्षेत्र की बदहाल स्थिति को याद किया और बताया कि 100 में से 20 बच्चे कभी स्कूल नहीं गए। उन्होंने आगे कहा कि जो छात्र स्कूल गए वह 8वीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ देते थे। उन्होंने यह भी बताया कि जिन बालिकाओं को स्कूल जाने से रोक दिया गया, उनकी हालत बाकियों से भी बदतर है। जनजातीय क्षेत्रों में शैक्षिक केन्‍द्रों की कमी पर टिप्पणी करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि विज्ञान शिक्षा के लिए कोई योजना नहीं थी। श्री मोदी ने रेखांकित किया, “इन दो दशकों में गुजरात के लोगों ने अपने राज्य में शिक्षा प्रणाली में बदलाव दिखाया है।” प्रधानमंत्री ने बताया कि इन दो दशकों में गुजरात में 1.25 लाख से अधिक नए क्लासरूम बनाए गए और 2 लाख से अधिक शिक्षकों की भर्ती की गई। श्री मोदी ने कहा, “मुझे आज भी वह दिन याद है जब शाला प्रवेशोत्सव और कन्या केलवानी महोत्सव जैसे कार्यक्रम शुरू किए गए थे। कोशिश यह थी कि जब बेटा और बेटी पहली बार स्कूल जाएंगे तो इसे एक त्योहार की तरह मनाया जाएगा।”

प्रधानमंत्री ने शिक्षा की गुणवत्ता पर केंद्रित त्योहार ‘गुणोत्सव’ को भी याद किया। इस योग्यता में, छात्रों के कौशल व क्षमताओं का मूल्यांकन किया गया और उचित समाधान सुझाए गए। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि गुजरात में विद्या समीक्षा केन्‍द्र में ‘गुणोत्सव’ का अधिक उन्नत प्रौद्योगिकी आधारित संस्करण काम कर रहा है। “गुजरात हमेशा से शिक्षा के क्षेत्र में कुछ अनोखे और बड़े प्रयोगों का हिस्सा रहा है। हमने शिक्षक शिक्षा संस्थान की स्थापना की, जो गुजरात में पहला शिक्षक प्रशिक्षण विश्वविद्यालय है।

प्रधानमंत्री ने उस समय को याद किया जब वह राज्य के मुख्यमंत्री थे। श्री मोदी ने बताया कि उन्होंने एक गांव से दूसरे गांव की यात्रा की और सभी लोगों से अपनी बेटियों को स्कूल भेजने का अनुरोध किया। “नतीजा यह हुआ है कि आज गुजरात में सभी बेटे-बेटियां स्कूल और उसके बाद कॉलेज जा रहे हैं। उन्होंने उन माता-पिता की भी सराहना की जिन्होंने अपने बच्चों को स्कूल भेजने के उनके अनुरोध पर ध्यान दिया।

प्रधानमंत्री ने बताया कि एक दशक पहले भी गुजरात के 15,000 स्कूलों में टीवी, 20 हजार से अधिक स्कूलों में कंप्यूटर की सहायता से अध्ययन की व्यवस्था हो चुकी थी और इस तरह की अनेक प्रणालियां कई वर्षों से गुजरात के स्कूलों का अभिन्न अंग बन गई हैं। शिक्षा के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आज गुजरात में 1 करोड़ से अधिक छात्र और 4 लाख से अधिक शिक्षक ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराते हैं। उन्होंने आगे विस्तार से बताया कि आज गुजरात में 20 हजार स्कूल शिक्षा के 5जी युग में प्रवेश करने जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस के तहत शामिल परियोजनाओं पर प्रकाश डाला और बताया कि इन स्कूलों में 50 हजार नए क्लासरूम और एक लाख से अधिक स्मार्ट क्लासरूम बनने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इन स्कूलों में न केवल आधुनिक, डिजिटल और भौतिक बुनियादी ढांचा होगा, बल्कि यह बच्चों के जीवन और उनकी शिक्षा में बड़ा बदलाव लाने का अभियान भी है। उन्होंने कहा, “यहां बच्चों की क्षमता बढ़ाने के लिए हर पहलू पर काम किया जाएगा।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सभी उपायों से 5जी के आने से काफी फायदा होगा। चूंकि यह सुदूरवर्ती क्षेत्रों सहित सभी के लिए सर्वोत्तम सामग्री, शिक्षाशास्त्र और शिक्षक उपलब्ध कराने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, “शैक्षिक विकल्पों की विविधता और लचीलापन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जमीनी स्तर तक पहुंचाएगा।” प्रधानमंत्री ने आगामी 14.5 हजार पीएमश्री स्कूलों की चर्चा की, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए मॉडल स्कूल होंगे। इस योजना पर 27 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने बताया, “नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश को गुलामी की मानसिकता से मुक्त करने और प्रतिभा एवं नवाचार को बढ़ावा देने का एक प्रयास है।” प्रधानमंत्री ने अफसोस व्यक्त कि अंग्रेजी भाषा को ज्ञान के उपाय के रूप में लिया गया, जबकि भाषा केवल संपर्क का माध्यम है। लेकिन इतने दशकों से भाषा एक ऐसी बाधा बन गई थी कि देश को गांवों और गरीब परिवारों में प्रतिभा पूल का लाभ नहीं मिल सका। “अब इस स्थिति को बदला जा रहा है। अब छात्रों को भारतीय भाषाओं में भी विज्ञान, प्रौद्योगिकी और चिकित्सा का अध्ययन करने का विकल्प मिलने लगा है। गुजराती समेत कई भारतीय भाषाओं में पाठ्यक्रम बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की ‘किसी को पीछे नहीं छोड़ना’ की भावना को भी दोहराया, क्योंकि यह एक विकसित भारत के लिए ‘सबका प्रयास’ का समय है।

विज्ञान और ज्ञान के क्षेत्र में भारत के पूर्वजों के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की, “शिक्षा, पुरातन काल से ही भारत के विकास की धुरी रही है।” उन्होंने कहा कि भारत कुदरती तौर पर ज्ञान का समर्थक रहा है और सैकड़ों वर्ष पहले हमारे पूर्वजों ने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों का निर्माण किया और सबसे बड़े पुस्तकालयों की स्थापना की। प्रधानमंत्री ने उस काल पर खेद व्यक्त किया जब भारत पर आक्रमण किया गया था और भारत की इस संपदा को नष्ट करने का अभियान चलाया गया था। प्रधानमंत्री ने हस्तक्षेप किया, “हमने शिक्षा पर अपने मजबूत आग्रह को नहीं छोड़ा है।” यही कारण है कि आज भी ज्ञान और विज्ञान की दुनिया में नवाचार में भारत की एक अलग पहचान है। श्री मोदी ने कहा, “आजादी का अमृत काल अपनी प्राचीन प्रतिष्ठा वापस पाने का अवसर है।”

संबोधन के समापन में, प्रधानमंत्री ने दुनिया में एक महान ज्ञान अर्थव्यवस्था बनने के लिए भारत की अपार क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने समझाया, “21वीं सदी में, मुझे यह दावा करने में कोई संकोच नहीं है कि विज्ञान से संबंधित अधिकांश नवाचार, प्रौद्योगिकी से संबंधित अधिकांश नवाचार, भारत में होंगे।” प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि गुजरात के लिए एक बड़ा अवसर खुलने वाला है। उन्होंने कहा, ‘अभी तक गुजरात को व्यापार और कारोबार के लिए जाना जाता है, यह विनिर्माण के लिए है। लेकिन 21वीं सदी में गुजरात देश के ज्ञान केंद्र, नवोन्मेष केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। मुझे विश्वास है कि उत्कृष्ट मिशन स्कूल इस भावना को बढाएंगे।”

इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल, गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत और गुजरात सरकार के मंत्री श्री जीतूभाई वघानी, श्री कुबेरभाई डिंडोर और श्री किरीटसिंह वाघेला उपस्थित थे।

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पराली प्रबंधन पर अंतर-मंत्रालयी बैठक आयोजित

दिल्ली एनसीआर में पराली जलाने की घटना के मद्देनजर पराली प्रबंधन के मुद्दे पर कृषि और किसान कल्याण मंत्री, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री की सह अध्यक्षता में एक अंतर-मंत्रालयी बैठक आज आयोजित किया गया।

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एनसीआर राज्यों और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की संबंधित कार्य योजनाओं के कार्यान्वयन की स्थिति, इन-सीटू और एक्स-सीटू प्रबंधन के लिए मशीनरी के उपयोग, धान के भूसे के इन-सीटू प्रबंधन के लिए जैव अपघटक के व्यापक उपयोग, विभिन्न औद्योगिक, वाणिज्यिक इकाइयों को धान के भूसे की आपूर्ति की व्यवस्था, जैव-ऊर्जा और अन्य अनुप्रयोगों, किसानों, अनाज संग्रहकर्ताओं, निर्माताओं, बेलिंग / रेकिंग संचालन की स्थापना के लिए उद्यमियों को सुविधा प्रदान करने, भंडारण, पेलेटाइजिंग और परिवहन बुनियादी ढांचे, ताप विद्युत संयंत्रों में को-फायरिंग की सुविधा (टीपीपी), गुजरात और राजस्थान समेत अन्य जगहों में चारा की कमी वाले क्षेत्रों में चारे के रूप में गैर-बासमती पराली का उपयोग करना इत्यादि विषयों पर चर्चा की गई रिपोर्ट की गई आग की घटनाओं आदि पर राज्यों द्वारा की गई निगरानी और नियंत्रण कार्रवाई पर भी चर्चा की गई। कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने फसल अवशेष जलाने के प्रबंधन के लिए पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा की गई कार्रवाइयों पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि हरियाणा में पराली प्रबंधन की स्थिति पंजाब की तुलना में काफी बेहतर है। पंजाब के 22 में से 9 जिले और हरियाणा के 22 में से 4 जिले इन राज्यों में पराली जलाने जाने की घटना में मुख्य जिम्मेदार हैं। इसलिए, इन 13 जिलों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। इनमें संगरूर, मोगा, तरनतारन और फतेहाबाद शामिल हैं। 15 अक्टूबर तक पिछले साल की तुलना में आग की घटनाओं का रुझान कम था, लेकिन अब यह तेजी से बढ़ने लगा है, खासकर पंजाब में। जल्दी कटाई अमृतसर और तरनतारन में आग की अधिक संख्या का कारण है। यह भी अवगत कराया गया कि पंजाब में पूसा अपघटक अनुप्रयोग के लिए भूमि का कवरेज कम है जिसे बढ़ावा देने और बढ़ाने की आवश्यकता है। विद्युत मंत्रालय के प्रतिनिधि ने बताया कि उसने ताप विद्युत संयंत्रों (टीपीपी) में को-फायरिंग के लिए कोयले के साथ बायोमास पैलेट के 5% सम्मिश्रण को अनिवार्य किया है। सह-फायरिंग सीओ2 उत्सर्जन को रोकने में भी मदद करता है। अब तक, 0.1 मिलियन मीट्रिक टन सीओ2 उत्सर्जन को रोका गया है। अध्यक्ष, सीएक्यूएम ने बताया कि उन्होंने पराली के इन-सीटू और एक्स-सीटू प्रबंधन के लिए एक विस्तृत ढांचा तैयार किया है और राज्यों को सलाह दी गई है कि वे पराली जलाने से रोकने के लिए इसे लागू करें। बैठक में उल्लेख किया गया कि सीएक्यूएम द्वारा कई बैठकों और प्रयासों के बावजूद, पंजाब द्वारा उठाए गए कदम अपर्याप्त हैं।

बैठक में उल्लेख किया गया कि मुख्य चिंताओं में से एक पंजाब और हरियाणा में सीआरएम मशीनों की डिलीवरी में देरी है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और एनसीआर राज्यों से अपेक्षा की जाती है कि वे निधियों का प्रभावी ढंग से उपयोग करें और प्रदान की गई सीआरएम मशीनों के रखरखाव करें। पूसा अपघटक अनुप्रयोग को बढ़ावा देने की जरूरत है। टीपीपी में पैलेटों के उपयोग के लिए राज्यों द्वारा एक उचित आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन को भी विकसित करने की आवश्यकता है। धान की पराली के उत्पादन को कम करने के लिए, बासमती किस्म को बढ़ावा देना और फसल विविधीकरण इस खतरे को कम करने के प्रभावी तरीके हैं। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए राज्य की व्यापक कार्य योजनाओं को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है। बैठक में चर्चा की गई कि पराली के प्रभावी एक्स-सीटू प्रबंधन के लिए धान की पराली के संग्रहण, एकत्रीकरण, भंडारण और परिवहन के लिए एक समन्वित पारितंत्र होना चाहिए। यह बताया गया कि इसरो और एमओए एंड एफडब्ल्यू के प्रयासों से टीपीपी द्वारा को-फायरिंग पर सटीक डेटा प्राप्त करने में मदद मिली है। पंजाब सरकार के मुख्य सचिव को पूसा अपघटक के अनुप्रयोग को बढ़ाने और अमृतसर में सक्रिय आग की घटनाओं की बढ़ती दर को नियंत्रित करने और पिछले साल की तुलना में राज्य में सक्रिय आग की घटनाओं के मामलों में 50% की कमी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया। हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव ने पिछले वर्ष की तुलना में राज्य में सक्रिय आग की घटनाओं में 55% की कमी की सूचना दी। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) के रिमोट सेंसिंग मॉनिटरिंग और विशेषज्ञों की मदद से किसानों को वांछित कृषि पद्धतियों और पराली जलाने की रोकथाम के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को अपने सकारात्मक प्रयासों को जारी रखने और पराली प्रबंधन के क्षेत्र में अब तक प्राप्त प्रगति को बरकरार रखने को सुनिश्चित करने की सलाह दी गई। दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव ने पूसा के अनुप्रयोग कवरेज के तहत भूमि क्षेत्र के कवरेज में वृद्धि की जानकारी दी। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने उल्लेख किया कि देश के विभिन्न हिस्सों में चारे की कमी है और सुझाव दिया कि चारा की कमी वाले क्षेत्रों में एनसीआर क्षेत्र में उपलब्ध पराली के परिवहन के लिए एक कुशल प्रणाली विकसित करना आवश्यक है।
कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने आगे बताया कि किसानों को इन विवरण के बारे में शिक्षित करने के लिए 4 नवंबर, 2022 को पूसा डीकंपोजर एप्लीकेशन पर एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में आईसीएआर के वैज्ञानिक के साथ एक खुली चर्चा शामिल होने की संभावना है। बैठक के दौरान बोलते हुए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह जानकर खुशी हो रही है कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार ने पराली जलाने पर नियंत्रण की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है। उन्होंने राज्यों में कार्य योजना को लागू किया है जिसमें इन-सीटू प्रबंधन, एक्स-सीटू प्रबंधन, प्रभावी निगरानी और प्रवर्तन और आईईसी गतिविधियां शामिल हैं, जिसके परिणामस्वरूप पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं। यादव ने चिंता व्यक्त की कि पंजाब सरकार राज्य में पराली जलाने को रोकने के लिए समन्वित कार्रवाई करने में सक्षम नहीं है। उन्होंने दोहराया कि राज्य को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की सीआरएम योजना के तहत पर्याप्त संख्या में उपकरण और कृषि मशीनरी प्रदान की गई है और पर्याप्त धनराशि भी प्रदान की गई है, फिर भी कार्य योजना के कार्यान्वयन में पर्याप्त प्रगति नहीं हुई है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने कहा कि पराली प्रबंधन के लिए पर्याप्त संख्या में मशीनरी वितरित की गई है। उन्होंने हरियाणा सरकार को सोनीपत, पानीपत, फरीदाबाद और गुरुग्राम में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। माननीय मंत्री ने आशा व्यक्त की कि समन्वित कार्यों से क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार होगा। बैठक में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, सीएक्यूएम के वरिष्ठ अधिकारियो और हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों और अधिकारियों तथा एनटीपीसी आदि के अधिकारियों ने भाग लिया।

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केंद्रीय मंत्रीअनुराग ठाकुर ने स्वच्छ भारत 2022 के अंतर्गत चांदनी चौक से पूरे भारत के लिए मेगा स्वच्छता अभियान का शुभारंभ किया

केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज दिल्ली के चांदनी चौक से स्वच्छ भारत 2022 के अंतर्गत पूरे भारत में मेगा स्वच्छता अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर स्वच्छता शपथ भी दिलाई गई। इस अवसर पर युवा कार्यक्रम और खेल विभाग के सचिव श्री संजय कुमार तथा मंत्रालय के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। इसी तरह के स्वच्छता अभियान 19 अक्टूबर 2022 को देश भर के गांवों और जिलों में चलाए जा रहे हैं।

इस अवसर पर बोलते हुए श्री ठाकुर ने कहा कि स्वच्छ भारत केवल एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह आम आदमी की वास्तविक चिंताओं और इस मुद्दे को दूर करने के उनके संकल्प को दर्शाता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा ‘जनभागीदारी से जन आंदोलन’ की बात को दोहराया है और युवाओं की भागीदारी के बिना कोई भी अभियान अधूरा है। उन्होंने आगे कहा कि स्वच्छ भारत के सपने को पूरा किए बिना एक नए भारत और एक विकसित भारत के सपने को पूरा नहीं किया जा सकता है। ठाकुर ने कहा कि एक महीने की अवधि में एक करोड़ किलो ग्राम कचरा इकट्ठा करने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी और हम 18 दिनों में 84 लाख किलो ग्राम प्लास्टिक कचरा एकत्र कर चुके हैं और अपने लक्ष्य के पार जाने को तैयार हैं। यह स्वच्छता कार्य देश के जिलों के ऐतिहासिक स्थलों, सामुदायिक केन्द्रों, विद्यालयों, गांवों तथा अन्य स्थानों पर किया गया। बहुत सारे लोग और विशेष रूप से युवा, अपनी पृष्ठभूमि और जुड़ाव के इतर, न सिर्फ इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं बल्कि दूसरों को भी इस पूरी तरह से स्वैच्छिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रेरित करने और प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए  ठाकुर ने कहा कि स्वच्छता के बिना हम लोगों के अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित नहीं कर सकते। केंद्रीय मंत्री ने आग्रह किया कि हमें ‘स्वच्छ भारत’ का दूत बनना होगा। इसके लिए हमें जागरूकता पैदा करने और लोगों की मानसिकता बदलने की जरूरत है। मंत्री महोदय ने युवाओं से अपने आसपास के वातावरण को साफ रखने के लिए दीपावली के दो दिन समर्पित करने का भी आग्रह किया। अनुराग सिंह ठाकुर द्वारा 1 अक्टूबर 2022 से प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में एक महीने के राष्ट्रव्यापी स्वच्छ भारत 2022 कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया था। स्वच्छ भारत 2022 कार्यक्रम नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस), उससे जुड़े यूथ क्लबों और राष्ट्रीय सेवा योजना से संबद्ध संस्थानों के नेटवर्क के माध्यम से देश भर के 744 जिलों के 6 लाख गांवों में आयोजित किया जा रहा है।

 

 

इसका उद्देश्य युवा कार्यक्रम विभाग और उसके सहयोगी संगठनों एनवाईकेएस और एनएसएस द्वारा स्वच्छ भारत 2022 के प्रयासों को मजबूत करना और देश भर के सभी गांवों में इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करके इस अभियान में जन भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए गतिविधियों को और तेज करना है। एक सरल शुरुआत ही महान परिवर्तन और बड़े कायापलट की ओर ले जा सकती है। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में युवा कार्यक्रम विभाग द्वारा शुरू किया गया स्वच्छ भारत कार्यक्रम इसी बात की गवाही देता है। ये कार्यक्रम अपने आकार और पहुंच, दोनों लिहाज से अनूठा है और इसे युवा भागीदारी से जन आंदोलन के मॉडल पर सोचा गया है और इसके माध्यम से इस कार्यक्रम की सफलता और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक नागरिक की भूमिका और योगदान को हासिल किया गया है। इस पहल का प्रमुख प्रेरक तत्व – अपने अपने साइलोज़ को भूलकर सभी हितधारकों के बीच समन्वय और तालमेल का रहा है। विभिन्न विभाग/एजेंसियां, सीबीओ और नागरिक समाज संगठन, ये सभी सिंगल यूज प्लास्टिक को खत्म करने और स्वच्छता सुनिश्चित करने के साझा लक्ष्य को साकार करने के लिए एक साथ आए हैं।

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एस एन सेन महाविद्यालय क़ी एन एस एस यूनिट फूलबाग तथा आस पास की मलिन बस्ती की सफ़ाई की गयी एवं प्लास्टिक का कचरा एकत्र किया गया

कानपुर १९ अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन महाविद्यालय क़ी एन एस एस यूनिट कदोमबिनी देवी द्वारा कार्यक्रम अधिकारी प्रो. चित्रा सिंह तोमर तथा हेल्थ क्लब इंचार्ज डॉ प्रीति सिंह के निर्देशन में फूलबाग तथा आस पास की मलिन बस्ती की सफ़ाई की गयी एवं प्लास्टिक का कचरा एकत्र किया गया! प्रत्येक स्वयमसेवक द्वारा १.o kg प्लास्टिक एकत्रीकरण किया गया! कुल 40kg प्लास्टिक एकत्र किया गया! कार्यक्रम गवर्नमेंट स्कूल की प्रिंसिपल डॉ शर्मिस्था मलिक की उपस्थिति में स्वच्छता ड्राइव किया गया! सम्पूर्ण पार्क एवं गणेश शंकर विद्यार्थी उद्यान एवं बस्ती के आस पास का क्षेत्र से प्लास्टिक एकत्र किया गया! स्वयं सेविकाओं के प्रयास को समस्त क्षेत्र वासियों व गवर्नमेंट प्रतिनिधि महोदया ने बहुत सराहा! कॉलेज क़ी प्राचार्या प्रफ़ेसर सुमन ने को उत्साहित करते हुए कार्यक्रम का शुभारम्भ स्वयं प्लास्टिक उठाकर किया और एन एस एस यूनिट को क्षेत्र स्वच्छता व प्लास्टिक एकत्रीकरण क़े लिए सराहा

कार्यउपरांत एकत्र किया गया प्लास्टिक वेस्ट मटीरियल नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी के पास निस्तारण हेतु भिजवा कर रसीद भी प्राप्त की गयी!महाविद्यालय की एन सी सी प्रभारी ड़ा प्रीति यादव तथा ३० कडेट्स ने सक्रिय सहयोग किया कार्यक्रम में कुल ६० छात्राओं ने हिस्सा लिया।

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भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप पात्र किसानों को प्रधानमंत्री द्वारा 12वीं किस्त की धनराशि निर्गत की गयी

कानपुर 19 अक्टूबर, 2022(सू0वि0)* मुख्य विकास अधिकारी  सुधीर कुमार ने बताया है कि शासन के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनान्तर्गत लाभार्थी कृषकों को रूपये 2000/- की समान किस्तों में रूपये 6000/- प्रति वर्ष प्रदान किये जाने का प्राविधान है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप पात्र किसानों को प्रधानमंत्री महोदय के द्वारा 12वीं किस्त की धनराशि निर्गत की गयी है। यह सम्भव है कि जिला प्रशासन प्रयासों के बाद भी कतिपय कृषकों के भूलेख अंकित न हो पाये हो। उक्त के अतिरिक्त आधार इनवैलिड ई०के०वाई०सी० तथा नाम मिसमैच के भी कतिपय प्रकरण लम्बित चल रहे है, जिनमें डाटा सुधार आवश्यक है। उक्त कृषकों की समस्याओं के समाधान हेतु जनपद एवं विकास खण्ड स्तर पर हेल्प डेस्क/कॉल सेन्टर स्थापित किया जा रहा है जिसे 02 पालियों (प्रथम पाली प्रातः 8ः00 बजे से अपरान्ह 2ः00 बजे तक एवं द्वितीय पाली अपरान्ह 2ः00 बजे से सायं 8ः00 बजे तक) में संचालित किया जायेगा। जनपद स्तर पर स्थापित हेल्प डेस्क/कॉल सेन्टर पर कृषक भाई फोन द्वारा अपनी समस्या बताकर निवारण प्राप्त कर सकते है तथा विकास खण्ड स्तर पर स्थापित हेल्प डेस्क पर कृषक भाई सम्बन्धित विकास खण्ड के राजकीय कृषि बीज भण्डार पर उपस्थित होकर अपनी-अपनी समस्या का निवारण प्राप्त कर सकते है। उन्होंने बताया कि जनपद स्तर पर स्थापित कॉल सेन्टर का हेल्पलाइन नम्बर-7388042157 व 7398642157 है।
उन्होंने किसान भाइयों से अनुरोध किया है कि पी०एम० किसान योजनान्तर्गत भूलेख अभिलेख अंकित न होने, इनवैलिड आधार, ई0के0वाई०सी०, नाम मिसमैच से सम्बन्धित समस्याओं के निस्तारण हेतु अपने विकास खण्ड से सम्बन्धित हेल्प डेस्क पर उपस्थित होकर योजना से सम्बन्धित अपनी समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते है अथवा जनपद स्तर पर स्थापित कॉल सेन्टर पर फोन कर योजना से सम्बन्धित अपनी समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते है।

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डी जी कॉलेज में किया गया प्लोग रन का आयोजन

प्रकृति के हैं दुश्मन तीन प्लास्टिक पाउच पॉलीथिन”

कानपुर 19 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, स्वच्छ भारत अभियान (क्लीन इंडिया)-2* के अंतर्गत डी.जी. कॉलेज, कानपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना की वॉलंटियर्स ने कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में रैली निकालकर तथा पोस्टर व स्लोगन लिखकर जन-जागरूकता करते हुए प्लाग रन किया। इस दौरान *सिंगल यूज प्लास्टिक, पाउच, पॉलिलिथिन* आदि का एकत्रीकरण महाविद्यालय परिसर से प्रारंभ कर दो टोलियों में अस्पताल घाट मलिन बस्ती तथा नवीन मार्केट तक किया गया। *स्थानीय पार्षद – मनोज पांडे* ने भारत सरकार द्वारा आरंभ किए गए ‘स्वस्थ इंडिया-स्वच्छ इंडिया’ अभियान के अंतर्गत वॉलिंटियर्स के द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। प्राचार्या प्रो. सुनंदा दुबे जी ने वॉलिंटियर्स को सामुदायिक सेवा व समाज सेवा के माध्यम से राष्ट्र विकास में योगदान करने के लिए प्रेरित किया। अभियान में कुल 50 छात्राओं ने प्रतिभाग किया इस दौरान छात्राओं के द्वारा लगभग 75 किलो कूड़ा एकत्रित कर उसका यथोचित निस्तारण किया गया। टीम लीडर सौम्या उपाध्याय, आकांक्षा, अभिव्यंजना व कायनात ने प्रशंसनीय कार्य किया।

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संयुक्त विपक्षी मोर्चा के तत्वाधान में एक प्रतिनिधिमंडल कानपुर नगर की समस्याओं को लेकर जिला अधिकारी कानपुर नगर विशाख जी से मिला

कानपुर 15 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, संयुक्त विपक्षी मोर्चा के तत्वाधान में एक प्रतिनिधिमंडल का.सुभाषिनी अली पूर्व सांसद के नेतृत्व में कानपुर नगर की समस्याओं को लेकर जिला अधिकारी कानपुर नगर विशाख जी अय्यर से मिला और कानपुर नगर की ज्वलंत समस्याओं का एक ज्ञापन दिया गया जिसमें जलभराव से होने वाली परेशानियों और उससे उठने वाली बीमारियों के संबंध में तथा नगर निगम चुनाव को देखते हुए वोटर लिस्ट ठीक कराने और वार्ड में मतदाता कैंप लगाने पर बात रखी नगर की जगह जगह-जगह जर्जर सड़क को अविलंब ठीक करा जाने पर जोर दिया महंगी बिजली प्रीपेड स्मार्ट मित्रों की शिकायत की पेयजल में सीवर का गंदा पानी आने से बीमारियां फैल रही है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत बद से बदतर और कीटनाशक दवाइयों के छिड़काव में प्राथमिकता देने और नगर में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर जोर देते हुए अपनी बात रखी जिस पर जिलाधिकारी श्री विशाल जी अय्यर ने सभी बिंदुओं पर गंभीरता से चर्चा कर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया ज्ञापन जिलाधिकारी महोदय कानपुर नगर विषय :-कानपुर की जन समस्याओं पर ध्यान आकर्षण हेतु ज्ञापन कानपुर की ज्वलंत समस्याओं पर हम सभी संयुक्त विपक्षी दलों के पदाधिकारी गण आपका ध्यान आकर्षण कराना चाहते हैं ,साथ ही साथ इन समस्याओं का त्वरित निदान कर कानपुर के नागरिकों को गरमा पूर्ण जीवन जीने लायक माहौल देने की आपसे आशा करते हैं ! 1- कानपुर के विभिन्न वार्ड में बीते हुए बरसात के मौसम में भयंकर जलभराव की समस्या लोगों ने देखी है जिसका प्रमुख कारण नालियों का चौक होना गली पीठ का निर्माण ना होना सड़कों के किनारे नालियों का ना होना प्रमुख तौर से है ! 2- जलभराव और गंदगी की वजह से बीमारियां भयंकर रूप से पूरे शहर में दस्तक दे रही है कई मौतें इसके कारण हो चुकी हैं, आगे भी आशंका बनी हुई है नगरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के हालात बद से बदतर हो रहे हैं उचित इलाज की व्यवस्था का सर्वथा अभाव है शहर में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव और सफाई की व्यवस्था युद्ध स्तर पर करने की जरूरत है 3- महंगी बिजली ने जहां नागरिकों के आर्थिक हालात जर्जर कर दिए हैं प्रीपेड स्मार्ट मीटर की अनायास भागती चाल ने नागरिकों का जीना दूभर कर दिया है 4 जर्जर सड़कों ने जहां यातायात व्यवस्था को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है वही बढ़ती मार्ग दुर्घटनाओं ने नागरिकों के अंदर आक्रोश और सदमे जैसे हालात उत्पन्न कर दिए हैं व्यवसायिक शहर कानपुर का व्यापार पूरी तरह प्रभावित हो रहा है 5- राशन की दुकानों में बड़ी संख्या में गरीब वर्ग के राशन कार्डों को रद्द किया जा रहा है, वही राशन की दुकानों को विभाग द्वारा वस्तुओं की आपूर्ति पूरी ना होने के कारण दुकानदार उपभोक्ताओं को वस्तुओं की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं महंगाई ने जनता को भूखे पेट रहने को मजबूर कर दिया है! 6 – जलकल द्वारा कानपुर नगर की जनता को आपूर्ति किए जा रहे पेयजल मैं सीवर का जल मिश्रण होने की पुष्टि कई वार्ड में हुई है और जल विभाग द्वारा यह पेयजल की आपूर्ति का पूरे शहर में कोई निश्चित समय और नियम भी नहीं है जो न्याय संगत नहीं है ! 7 – जैसा की सर्वविदित है नगर निगम के चुनाव निकट है पिछले व वर्तमान अनुभवों से पता चलता है कि विभिन्न वार्डों में कम आय वर्ग की आबादियों में कच्ची मलिन बस्ती इतिहास में रह रहे लोगों का नाम नगर निगम की वोटर लिस्ट से गायब रहते हैं ऐसे में हम लोग मांग करते हैं नगर निगम की वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण का कार्य बृहद रूप से कैंप लगाकर कराया जाए ! 8 – नगर में बढ़ती बिगड़ती कानून व्यवस्था पर अंकुश लगाने की जरूरत है ताकि सामान्य नागरिक अपने को सुरक्षित महसूस कर सकें ! आपसे अपेक्षा है कि उक्त बिंदुओं पर गंभीरता से विचार करते हुए निस्तारण करने का कष्ट करें ! प्रतिनिधिमंडल में सर्वश्री का.सुभाषिनी अली( पूर्व सांसद) ,सुरेश गुप्ता संयोजक) ,श्याम देव सिंह, नरेंद्र कुशवाहा चंचल ,(कांग्रेस )डॉ.इमरान . ,नरेंद्र सिंह पिंटू ठाकुर( सपा) ,,अशोक तिवारी (सी.पी.एम), मोहम्मद उस्मान( रालोद) प्रदीप यादव (राजद ) आर. पी.कनौजिया( सी.पी.आई )प्रशस्त धीर (फॉरवर्ड ब्लॉक) मोहम्मद इरफान( मुस्लिम लीग )सीमा कटिहार उमाकांत मोहम्मद वसी प्रमुख थे

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काश! शहरों की भांति ग्रामीण क्षेत्र के भू माफियाओं पर भी गरजता बाबा का बुलडोजर

काश! भ्रष्ट तंत्रियों की ओर भी एक बार हो जाता बाबा के बुलडोजर का निशाना

जिस प्रकार से योगी सरकार पार्ट वन ने भू माफियाओं के खिलाफ बुलडोजर का अभियान चलाकर इनकी कमर तोड़ी है, जो निर्बाध रूप से बिना भेदभाव के पार्ट टु में भी तेजी से चल रहा है जिससे फर्जी ढंग से जनता में हुल थाप देने वाले गुरु घंटाल, भू माफिया बिलबिला गए हैं, काश अब इसी तरह से शहरों के स्वास्थ्य माफियाओं एवं प्रदेश के हर गांवों के भू माफियाओं व गांव- शहर मे तैनात भ्रष्ट तंत्रियों पर भी चल जाता योगी का बुलडोजर तो मानो राम राज्य आ गया, इन लोगों द्वारा जिस प्रकार से आज भी निरीह गरीब मजबूर लोगों का खून चूसा जा रहा है, जिससे भी भ्रष्टाचार बढ़ा है यदि इन लोगों पर लगाम लगा दिया जाए तो प्रदेश की आधी समस्या अपने आप खत्म हो जाएगी।

जिस प्रकार से यूपी चुनाव 2022 मे भाजपा की मोदी योगी की डबल इंजन की सरकार ने अपने ईमानदार छवि एवं सूझबूझ के साथ कार्य करने की इच्छा शक्ति व भ्रष्टाचार विरोधी एवं माफिया विरोधी वाले चेहरे के बल पर भारी जीत दर्ज कर पुनः योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई है, जिससे अच्छा एवं सही कार्य करने के लिए योगी जी का उत्साह दूसरी पारी में और बढा है साथ ही जनता का आशा भी बढी है, जिसके क्रम में योगी अपने उसी सिद्धांत एवं नीति के तहत कार्य करना प्रारंभ भी कर दिए है, सबसे पहले उन्होंने बड़े-बड़े सूरमाओ, मंत्रियों के विभाग बदल दिए और कुछ को तो पैदल कर दिए, दूसरा नंबर विभागों के तनखइयां गुरु घंटालो पर है, कामचोर मलाई प्रेमियों को सूखे चारा वाले स्थान पर लाया जा रहा है और कर्मठ लोगों को उचित जगह बैठाया जा रहा है जिनके साथ भ्रष्टाचार पर लगाम कसने का कार्य शुरू किया गया, लेकिन अभी भी मलाई खाने वाले गुरु घंटाल योगी के योजना में छेद कर रहे हैं, इसकी जानकारी योगी जी को है या नहीं लेकिन जिस प्रकार से योगी जी द्वारा गुंडों, लफंगो, माफियाओं के विरुद्ध बुलडोजर के साथ-साथ कानूनी चाबुक चलाकर इनको जेल की सलाखों के पीछे भेजने एवं इनके अवैध संपत्तियों को जप्त करवाने और इनके संपत्तियों का लेखा जोखा करवाने का अभियान चलाया जा रहा है, जिसका सीधा लाभ भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनाव में होगा, योगी जी अपने मिशन को लेकर निरंतर सफलता के साथ आगे बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन इसी बीच में कुछ गुरुघंटाल मिल-मिलाकर पीछे से चूहे की तरह योगी के पारदर्शी योजनाओं को कुतर रहे हैं जिसकी वजह से जनता में अभी भी थोड़ा निराशा बनी हुई है इन पर भी योगी जी को विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है।

आलम यह है कि प्रदेश के मुखिया के निर्देशों के क्रम मे जिस प्रकार से भ्रष्ट तंत्रियों द्वारा लिपा पोती किया जा रहा है और योजनाबद्ध तरीके से चोरों की जांच डकैतो से कराई जा रही है, जिनको गुरु घंटाल माफियाओं के परोक्ष एवं अपरोक्ष अवैध संपत्तियों की निगरानी एवं उनके जांच की जिम्मेदारी दी गई हैं वे भ्रष्ट तंत्री परोक्ष रूप से जगजाहिर माफियाओ के सम्बन्ध में रिपोर्ट भेजी और उनके विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है जो सबके सामने है, इन्हीं भ्रष्ट तंत्रियों ने अपरोक्ष माफियाओं से साठगांठ करके इनके नामों को दबा दिया, जिसकी वजह से योगी के ईमानदार छवि पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है, इससे जनता में थोड़ा निराशा की स्थिति बनी हुई है, दूसरी ओर सरकार के पारदर्शी योजना पर पट्टा लग रहा है, अब इस विकट समस्या को योगी जी को स्वयं देखना होगा, नहीं तो आने वाला 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

योगी के ईमानदार छवि भ्रष्टाचार एवं माफिया विरोधी दृढ़ इच्छाशक्ति के कार्य में यदि सही से भ्रष्ट तंत्रियों ने वास्तविक रुप सहयोग दे तो उन सभी परोक्ष अपरोक्ष माफियाओं के विरुद्ध तत्काल कार्यवाही हो सकती है, जिससे योगी के साथ साथ इनकी भी छवि बन सकती है और प्रदेश में विकास की गंगा बह सकती है और महाराष्ट्र गुजरात जैसे विकसित प्रदेश भी योगी के नेतृत्व में बन सकता है।

इतना ही नहीं तनखइयां लोग मोदी योगी द्वारा चलाई गई योजना को इस कदर दीमक की भांति चाट रहे हैं कि जिसका आलम यह दिखाई पड रहा है कि वे अपने भ्रष्टाचारी नीति से उक्त जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन वर्गो को ज्यादातर दे रहे हैं जो वर्ग मोदी योगी को वोट देना तो दूर है इनकी बात सुनना भी पसंद नहीं करते, लेकिन इन भ्रष्ट तंत्रियों इन्हीं को सरकारी लाभ दिलवाना पसंद करते हैं, इतना ही नहीं इन्होंने नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए अपने निजी हित को साधते हुए जिस परिवार को आवास, राशन कार्ड, पेंशन आदि सरकारी योजनाओं की आवश्यकता है उसको न देकर उस परिवार को देते हैं जिसको आवश्यकता नहीं है, जिसको आवश्यकता है वो आज भी भटक रहा है क्योंकि ये इन भ्रष्ट तंत्रियों के सिस्टम में नहीं बैठ पाते, इस पर भी योगी जी को ध्यान देना होगा, नहीं तो ये भ्रष्टाचारी सरकार के मुखिया को बदनाम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।

भ्रष्टाचार का आलम यह है कि गांव का राजस्वकर्मी, सेक्रेटरी, स्वास्थ्य विभाग सहित सभी विभागों के बाबूओ ने शहरों में दो-तीन आलीशान कोठिया बनवा रखी है, गांव का हाल ही मत पूछो जिसका जिक्र देश के प्रधानमंत्री भी अपने भाषण में करते रहते हैं, इतना ही नहीं मोदी योगी की डबल इंजन सरकार के जीरो टॉलरेंस की नीति को जिस प्रकार से धता बताते हुए योगी के नाक के नीचे लखनऊ प्राधिकरण के कर्मचारियों, अधिकारियों की मिलीभगत से जिस प्रकार से गलत ढंग से अखिलेश के बंगले का नक्शा पास कर दिया गया, जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया है, इसी प्रकार से गांव और शहरों में ऐसे ऐसे राजस्व कर्मी और बाबू हैं जो खुलेआम घूम घूम कर यह कहते हैं की चाहे जो सीएम पीएम हो जाए हमारे लिए हम जो चाहते हैं वही नियम कानून होता है, यह उनके ऊपर चरितार्थ दिखाई भी पड़ता है, जिस प्रकार से मनमानी तरीके कुछ राजस्व कर्मियों ने बिना रजिस्ट्री, बिना बैनामा गांव के अन्य लोगों की जमीनो को एवं सरकारी जमीनों को अपने एवं अपने परिवारजनों के नाम दर्ज करवा लिया है और जमीनों पर अपने बाप की बपौती मानकर माफिया जनप्रतिनिधियों के भारी निधि से बड़ी बड़ी बिल्डिंग बनवाकर स्कूल/कॉलेज चलवा कर भारी व्यापार किया जा रहा है एवं स्टेटस सिंबल बनाया गया है, यहां मजे की बात यह भी है कि जिस शिक्षा विभाग ने मान्यता देते वक्त यह जांच करता है कि इस स्कूल विद्यालय कॉलेज के नाम से रजिस्ट्री सुधा जमीन है कि नहीं लेकिन यहां यह भी बताते चलें की भारी तादात में सरकारी एवं प्राइवेट जमीन को चकबंदी विभाग के जमीर बेच घिनौने कृत्य के कर्मचारी, अधिकारी को मिलाकर विद्यालय के नाम करा लिया है जिस पर ही इन भ्रष्ट तंत्रियों ने मान्यता दे दिया है, इतना ही नहीं ये गुरु घंटाल भूमाफियां बाजारू वस्तु की भांति बिकने वाले चकबंदी विभाग के अधिकारियों को मिलाकर गांव में बीस-तीस वर्षों से ज्यादा चकबंदी प्रक्रिया बीत जाने के बाद भी जमीनों को इधर-उधर करवा देते हैं, इस बीभत्सवादी अव्यवस्था को सुधार करने के लिए, योगी को तत्काल आगे आना और उपरोक्त गुरु घंटालो के खिलाफ सख्त कार्यवाही करना चाहिए जिससे जनता में योगी का जो हनक है वह बनी रहे, साथ ही पारदर्शी व्यवस्था एवं कठोर कार्यवाही के लिए योगी जी को चाहिए कि प्रदेश के हर जिलों में राष्ट्रवादी एवं भ्रष्टाचार विरोधी अफसरों, पत्रकारों, शिक्षकों, अधिवक्ताओं, डॉक्टरों, समाजसेवियों, राजनेताओं, व्यापारियों कि एक कोर कमेटी बनवाएं एवं उनके जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्यवाही की व्यवस्था बनाएं, जिससे योगी जी के राष्ट्रव्यापी व्यक्तित्व में और बल मिलेगा।

(लेखक, वरिष्ठ पत्रकार, आचार्य श्रीकांत शास्त्री, राजनीतिक विश्लेषक हैं)

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एस.एन. सेन. पी. जी. बालिका विद्यालय में भारत रत्न भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की ९१वीं जयंती मनाई गई

कानपुर 15 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस.एन. सेन बालिका विद्यालय पी.जी . महाविद्यालय में भारत रत्न भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की ९१वीं जयंती रसायन शास्त्र विभाग द्वारा मनाई गई। इस अवसर पर पोस्टर प्रतियोगिता का उद्घाटन भी किया गया. दीप प्रज्वलन व डॉ कलाम के चित्र का माल्यार्पण प्राचार्या डॉ प्रोफेसर सुमन, निर्णायक मंडल के सदस्य डॉ प्रीती सिंह, विभागाध्यक्षा वनस्पति विज्ञान विभाग व डा. शिवांगी यादव , विभागाध्यक्षा , जंतु विज्ञान विभाग द्वारा किया गया। पोस्टर प्रतियोगिता का परिणाम इस प्रकार रहा,

प्रथम पुरस्कार: गीतांजलि सिंह एवं शिवांगी झा
द्वितीय पुरस्कार: गरिमा साहू
तृतीय पुरस्कार: श्वेता सिंह
सांत्वना पुरस्कार: वैष्णवी सिंह

महाविद्यालय की शिक्षिकाओं एवं विभाग की छात्राओं ने श्री कलाम जी के जीवन के विभिन्न पहलुओं को शब्दों द्वारा व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन रसायन शास्त्र विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर कु. अमिता सिंह ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन विभागाध्यक्षा डॉ गार्गी यादव ने किया। कार्यक्रम में कु वर्षा सिंह, कु तैयबा, डॉ निशा वर्मा, डॉ. मीना व्यास कीर्ति पांडे, कु. स्नेह आदि शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।

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निर्जल व्रत अहोई अष्टमी

करवा चौथ व्रत के बाद माता अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है। इस व्रत में माताएं निर्जल व्रत रखते हुए उदय होते तारों को देखकर व्रत का समापन करती हैं। जिस तरह करवाचौथ के व्रत में चंद्रमा का महत्व है, उसी तरह अहोई अष्टमी व्रत में तारों का विशेष महत्व होता है। अहोई अष्टमी करवा चौथ के समान ही है। यह एक सख्त उपवास का दिन है। इस व्रत को रखने वाली महिलाएं पूरे दिन पानी पीने से भी परहेज करती हैं । वे केवल शाम को तारों को देखने और उनकी पूजा करने के बाद ही उपवास तोड़ सकतीं हैं।

यह व्रत माताएं अपने बच्चों की दीर्घायु की कामना के लिए करती हैं। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है। सुबह उठकर स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनें फिर दीवार पर अहोई माता की तस्वीर बनाएं या लगाएं। रोली, चावल और फूलों से माता अहोई की पूजा करें। इसके बाद कलश में जल भरकर माताएं अहोई अष्टमी कथा सुनें। माता अहोई को हलवा पूरी या फिर किसी मिठाई का भोग लगाएं।

अहोई अष्टमी व्रत से संबंधित दो कथाएं प्रचलित हैं:
पहली कथा:-
एक समय एक नगर में एक साहूकार रहता था। उसके सात-सात बेटे- बहुएं और एक बेटी थीं। दीपावाली से कुछ दिन पहले उसकी बेटी अपनी भाभियों संग घर की लिपाई के लिए जंगल से साफ मिट्टी लेने गई। जंगल में मिट्टी निकालते वक्त खुरपी से एक स्याहू का बच्चा मर गया। इस घटना से दुखी होकर स्याहू की माता ने साहूकार की बेटी को कभी भी मां न बनने का शाप दे दिया। उस शाप के प्रभाव से साहूकार की बेटी का कोख बंध गया। इस शाप से साहूकार की बेटी दुखी हो गई और उसने अपनी भाभियों से कहा कि उनमें से कोई भी ए​क भाभी अपनी कोख बांध ले। ननद की बात सुनकर सबसे छोटी भाभी तैयार हो गई। उस शाप के दुष्प्रभाव से उसकी संतान केवल सात दिन ही जिंदा रहती थी। जब भी वह कोई बच्चे को जन्म देती, वह सात दिन में ही मृत्यु को प्राप्त हो जाता था। वह परेशान होकर एक पंडित से मिली और उपाय पूछा। जब पंडित ने उन्हें सलाह दी कि सुरही गाय की सेवा करें। पंडित की सलाह मानकर उसने सुरही गाय की सेवा करनी शुरू की। उसकी सेवा से प्रसन्न गाय उसे एक दिन स्याहू की माता के पास ले जाती है। रास्ते में गरुड़ पक्षी के बच्चे को सांप मारने वाला होता है, लेकिन साहूकार की छोटी बहू सांप को मारकर गरुड़ पक्षी के बच्चे को जीवनदान देती है। तब तक उस गरुड़ पक्षी की मां आ जाती है। वह पूरी घटना सुनने के बाद उससे प्रभावित होती है और उसे स्याहू की माता के पास ले जाती है। स्याहू की माता जब साहूकार की छोटी बहू की परोपकार और सेवाभाव की बातें सुनती है तो प्रसन्न होती है। फिर उसे सात संतान की माता होने का आशीर्वाद देती हैं। आशीर्वाद के प्रभाव से साहूकार की छोटी बहू को सात बेटे होते हैं, जिससे उसकी सात बहुएं होती हैं। उसका परिवार बड़ा और भरापूरा होता है। वह सुखी जीवन व्यतीत करती हैं।

दूसरी कथा:-
अहोई अष्टमी और राधाकुण्ड से जुड़ी कथा:
बहुत पहले झाँसी के निकट एक नगर में चन्द्रभान नामक साहूकार रहता था। उसकी पत्नी चन्द्रिका बहुत सुंदर, सर्वगुण सम्पन्न, सती साध्वी, शिलवन्त चरित्रवान तथा बुद्धिमान थी। उसके कई पुत्र-पुत्रियां थी परंतु वे सभी बाल्यावस्था में ही परलोक सिधार चुके थे। दोनों पति-पत्नी संतान न रह जाने से व्यथित रहते थे। वे दोनों प्रतिदिन मन में सोचते कि हमारे मर जाने के बाद इस अपार धन-संपदा को कौन संभालेगा!
एक बार उन दोनों ने निश्चय किया कि वनवास लेकर शेष जीवन प्रभु-भक्ति में व्यतीत करें। इस प्रकार वे दोनों अपना घर-बार त्यागकर वन की ओर चल दिए। रास्ते में जब थक जाते तो रुक कर थोड़ा विश्राम कर लेते और फिर चल पड़ते। इस प्रकार धीरे-धीरे वे बद्रिका आश्रम के निकट शीतल कुण्ड जा पहुंचे। वहाँ पहुँचकर दोनों ने निराहार रह कर प्राण त्यागने का निश्चय कर लिया।
इस प्रकार निराहार व निर्जल रहते हुए उन्हें सात दिन हो गए तो आकाशवाणी हुई कि तुम दोनों प्राणी अपने प्राण मत त्यागो। यह सब दुःख तुम्हें तुम्हारे पूर्व पापों के कारण भोगना पड़ा है। यदि तुम्हारी पत्नी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली अहोई अष्टमी को अहोई माता का व्रत और पूजन करे तो अहोई देवी प्रसन्न होकर साक्षात दर्शन देगी। तुम उनसे दीर्घायु पुत्रों का वरदान मांग लेना। व्रत के दिन तुम राधाकुण्ड में स्नान करना। चन्द्रिका ने आकाशवाणी के बताए अनुसार विधि-विधान से अहोई अष्टमी को अहोई माता का व्रत और पूजा-अर्चना की और तत्पश्चात राधाकुण्ड में स्नान किया। जब वे स्नान इत्यादि के बाद घर पहुँचे तो उस दम्पत्ति को अहोई माता ने साक्षात दर्शन देकर वर मांगने को कहा। साहूकार दम्पत्ति ने हाथ जोड़कर कहा, हमारे बच्चे कम आयु में ही परलोक सिधार जाते है। आप हमें बच्चों की दीर्घायु का वरदान दें। तथास्तु! कहकर अहोई माता अंतर्ध्यान हो गई। कुछ समय के बाद साहूकार दम्पत्ति को दीर्घायु पुत्रों की प्राप्ति हुई और वे सुख पूर्वक अपना गृहस्थ जीवन व्यतीत करने लगे। करवा चौथ के समान ही इस व्रत का भी बहुत महत्व है।

~प्रियंका वर्मा महेश्वरी 

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