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Bharatiya Swaroop

भारतीय स्वरुप एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र है। सम्पादक मुद्रक प्रकाशक अतुल दीक्षित (published from Uttar Pradesh, Uttrakhand & maharashtra) mobile number - 9696469699

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने युवाओं से मजबूत और आत्मनिर्भर ‘न्यू इंडिया’ के लिए नवाचार करने: नई प्रौद्योगिकियों का विकास करने तथा कंपनियों की स्थापना करने का आह्वान किया

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री  मोदी के मजबूत एवं आत्मनिर्भर ‘न्‍यू इंडिया’ के सपने को साकार करने के लिए युवाओं से नवाचार करने, नई तकनीकों को विकसित करने और कंपनियों, अनुसंधान प्रतिष्ठानों तथा स्टार्ट-अप की स्थापना करने का आह्वान किया है। 18 नवंबर, 2022 को कर्नाटक के उडुपी में मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन (एमएएचई) के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया देश के उज्ज्वल युवा दिमाग की ताक़त को स्वीकार कर रही है एवं गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एडोब व आईबीएम जैसी प्रमुख कंपनियां भारतीयों को सम्मानजनक पदों पर नियुक्त कर रही हैं।

रक्षा मंत्री ने यहां उपस्थित लगभग 5,000 छात्रों से पूछते हुए उनसे आत्मनिरीक्षण कर देश में एक सुधारवादी परिवर्तन लाने का आग्रह किया कि, “यदि भारतीय दुनिया भर में प्रमुख फर्मों को आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं, तो हम यहां शीर्ष कंपनियों की स्थापना क्यों नहीं कर सकते?” उन्होंने भारतीय स्टार्ट-अप पारितंत्र की बढ़ती ताकत का श्रेय युवाओं की क्षमताओं, प्रतिभा एवं उज्ज्वल मस्तिष्क को दिया। उन्होंने कहा, “पहले देश में कोई स्टार्ट-अप इकोसिस्टम नहीं था। वर्ष 2014 से पहले लगभग 400-500 स्टार्टअप थे। आज यह संख्या 70,000 को पार कर गई है। इनमें से 100 से अधिक यूनिकॉर्न बन गए हैं।”

श्री राजनाथ सिंह ने छात्रों से केवल किताबों से जानकारी प्राप्त करने से अधिक ज्ञान प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “किताबों से ज्ञान प्राप्त करना पर्याप्त नहीं है। बुद्धिमत्ता उस ज्ञान का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करती है, जो कि देश को अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए महत्वपूर्ण है। यह अक्षमता, गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ेपन जैसी सीमाओं से मुक्त करती है। यह हमारी सोच और संवेदनाओं के दायरे को विस्तृत करती है। यह व्यक्ति को स्वार्थ से ऊपर उठकर सामाजिक, राष्ट्रीय व वैश्विक कल्याण के लिए काम करने में मदद करती है।”

रक्षा मंत्री ने छात्रों से देश की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं से परिचित होने और इसके गौरवशाली अतीत को पुनर्स्थापित करने का प्रयास करने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा, “भारत विज्ञान, अर्थशास्त्र, इतिहास, राजनीति विज्ञान और लोक प्रशासन जैसे अनेक क्षेत्रों में अग्रणी था। विदेशी आक्रमणों के कारण इसने धीरे-धीरे अपना गौरव खो दिया। हमें अपने अतीत के गौरव को बहाल करना चाहिए, जिसके लिए आर्थिक प्रगति केंद्रीय है।” राजनाथ सिंह ने वर्तमान युग को ज्ञान-प्रधान और निरंतर विकसित होने वाला युग बताते हुए देश के विकास के लिए  महत्वपूर्ण मानव पूंजी की गुणवत्ता और मात्रा को उन्नत करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश को आगे ले जाने में तकनीकी क्षमताएं तथा नागरिकों की नवोन्मेषी प्रवृत्ति सबसे निर्णायक कारक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार युवाओं को उचित शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान कर रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर रक्षा मंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य पारंपरिक और आधुनिक ज्ञान के माध्यम से युवा पीढ़ी को वैश्विक नागरिक के रूप में अवसर प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि, “युवा हमारी सबसे मूल्यवान संपत्ति और विकास का इंजन है। हमारी युवा सेना 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। अमेरिकी बैंकिंग समूह मॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत अगले 5-6 वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है। भारत की इस उभरती शक्ति को ‘वंस इन ए जेनरेशन शिफ्ट’ की संज्ञा दी गई है। यह सिर्फ शुरुआत है। मुझे विश्वास है कि भारत 2047 तक सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।” प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत की बदली हुई वैश्विक छवि पर अधिक प्रकाश डालते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नई दिल्ली को अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ध्यान और गंभीरता से सुना जाता है। उन्होंने कहा, “भारत ने आतंकवाद जैसे मुद्दों पर दुनिया का नेतृत्व किया है और इस खतरे को जड़ से खत्म करने के लिए समर्थन हासिल करने में सफल रहा है। आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने वाले देश अब भारत की क्षमताओं से भली-भांति परिचित हैं। भारत न तो किसी देश को भड़काता है और जो इसकी एकता एवं अखंडता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है उसको बख्शता भी नहीं है। “क्षा मंत्री ने शिक्षा एवं अनुसंधान में योगदान के लिए मणिपाल ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की सराहना की। उन्होंने स्नातक करने वाले छात्रों को बधाई दी,  उन्हें बेहतर भविष्य बनाने के लिए बाधाओं के बावजूद आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने विश्वास जताते हुए छात्राओं को विशेष बधाई दी कि वे एक मजबूत और समृद्ध ‘न्यू इंडिया’ के स्तंभ होंगी।

इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य लोगों में एमएएचई के प्रो-चांसलर डॉ. हेब्री सुभाषकृष्ण बल्लाल, वाइस चांसलर लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ.) एमडी वेंकटेश (सेवानिवृत्त) और महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, नासिक के वाइस चांसलर लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ) माधुरी कानिटकर (सेवानिवृत्त) शामिल थे।

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प्रधानमंत्री मोदी 19 नवंबर को वाराणसी में महीने भर चलने वाले ‘काशी तमिल संगमम’ का उद्घाटन करेंगे

प्रधानमंत्री  मोदी 19 नवंबर को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में महीने भर चलने वाले काशी तमिल संगमम नामक विशिष्‍ट आयोजन का उद्घाटन करेंगे। ‘काशी तमिल संगमम’ का आयोजन 17 नवंबर से 16 दिसंबर, 2022 तक वाराणसी (काशी) में किया जाएगा, जिसका उद्देश्य देश के दो सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन ज्ञान केंद्रों तमिलनाडु एवं काशी के बीच सदियों पुरानी कड़ियों को फिर से तलाशना, उनकी पुन: पुष्टि करना और उनका उत्सव मनाना है।

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केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान प्रधानमंत्री के काशी दौरे से पहले की गई समस्‍त व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए वाराणसी में इस आयोजन की तैयारियों की सक्रियता से निगरानी कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने ‘काशी तमिल संगमम’ का सफल आयोजन सुनिश्चित करने के लिए रेल मंत्री, भारत सरकार, तमिलनाडु के राज्यपाल, उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों और अन्य प्रमुख हितधारकों के साथ बैठकें कीं।

‘काशी तमिल संगमम’ का आयोजन शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अन्य मंत्रालयों जैसे कि संस्कृति, वस्‍त्र, रेल, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, सूचना व प्रसारण मंत्रालयों और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य इन दोनों ही क्षेत्रों के विद्वानों, छात्रों, दार्शनिकों, व्यापारियों, कारीगरों, कलाकारों और जीवन के अन्य क्षेत्रों के लोगों को एकजुट होने, अपने ज्ञान, संस्कृति व सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और एक दूसरे के अनुभवों से सीखने का अवसर प्रदान करना है। यह आयोजन दरअसल एनईपी 2020 के तहत भारतीय ज्ञान प्रणालियों की मूल्‍यवान सामग्री को ज्ञान की आधुनिक प्रणालियों के साथ एकीकृत करने पर विशेष जोर देने के अनुरूप है। इस विशिष्‍ट आयोजन के लिए आईआईटी मद्रास और बीएचयू दो कार्यान्वयन एजेंसियां हैं।

छात्र, शिक्षक, साहित्य, संस्कृति, शिल्प, अध्यात्म, विरासत, व्यवसाय, उद्यमी, पेशेवर आदि  सहित 12 श्रेणियों के तहत तमिलनाडु के 2500 से अधिक प्रतिनिधि वाराणसी के आठ दिवसीय दौरे पर जाएंगे। वे 12 श्रेणियों में से प्रत्येक के लिए क्यूरेट किए गए विशेष कार्यक्रमों में सेमिनारों, व्‍याख्‍यानों में हिस्‍सा लेंगे और विभिन्‍न स्‍थानों की यात्रा करेंगे ताकि उसी व्यापार, पेशे से जुड़े और उनके जैसी रुचि रखने वाले स्थानीय लोगों के साथ बातचीत कर सकें। प्रतिनिधि प्रयागराज व अयोध्या सहित वाराणसी और उसके आसपास के दर्शनीय स्थलों का भी दौरा करेंगे। बीएचयू और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्र शैक्षणिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे। वे दो क्षेत्रों में विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित तुलनात्मक कार्य प्रणालियों का अध्ययन करेंगे और अध्‍ययनों का दस्तावेजीकरण करेंगे। 200 छात्रों के प्रतिनिधियों के पहले समूह ने 17 नवम्‍बर को चेन्नई से अपना दौरा शुरू किया। उनकी ट्रेन को तमिलनाडु के राज्यपाल श्री आर एन रवि ने चेन्नई रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इसके साथ ही स्थानीय लोगों के लाभ के लिए वाराणसी में दो क्षेत्रों के हथकरघा, हस्तशिल्प, ओडीओपी उत्पादों, पुस्तकों, वृत्तचित्रों, व्यंजनों, कला रूपों, इतिहास, पर्यटन स्थलों आदि की एक महीने लंबी प्रदर्शनी लगाई जाएगी।

उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री तमिलनाडु से आने वाले प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेंगे। उद्घाटन समारोह में श्री इलैयाराजा द्वारा गायन और पुस्तक विमोचन जैसे विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने को मिलेंगे।

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गडकरी ने पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर में 5351 करोड़ रुपये की 4 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, गडकरी ने आज पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर में 5351 करोड़ रुपये की 4 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

जिस परियोजना को आज राष्ट्र को समर्पित किया गया है उसमें 55 किमी खड़गपुर से चिचरा तक 4-लेन सड़क का निर्माण शामिल है, जिसकी कुल लागत 613 करोड़ रूपये है। इस खंड के विकास से आसपास के जनजातीय क्षेत्रों की प्रगति और समृद्धि सुनिश्चित होगी।

पानागढ़ से दनकुनी राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-2) तक 162 किलोमीटर 6 लेन सड़क के निर्माण के लिए आधारशिला रखी गई, जिसकी कुल लागत 4215 करोड़ रूपये है। इस मार्ग के निर्माण से सिक्किम, भूटान, नेपाल, बांग्लादेश, असम, बिहार, झारखंड, ओडिशा और बंगाल की खाड़ी से संपर्क बढ़ेगा।

साथ ही 175 करोड़ रुपये की कुल लागत से 10 किमी 4-लेन पुरुलिया बाईपास के लिए भी आधारशिला रखी गई जो दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा। इस बाइपास मार्ग के बनने से शहर के अंदर ट्रैफिक की समस्या का भी निराकरण होगा और दुर्गापुर, आसनसोल, बोकारो धनबाद, जमशेदपुर और रांची जाने वाले वाहनों के आने-जाने का समय, दूरी में कमी और होने वाला व्यय भी बचेगा।

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) ने आकाश को सुशोभित करने के लिए भारत के पहले निजी विक्रम- सबऑर्बिटल (वीकेएस) रॉकेट को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित करके आज इतिहास रचा

भारत के पहले निजी रॉकेट के सफल प्रक्षेपण के तुरंत बाद, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह जो कि प्रक्षेपण स्थल पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित थे, ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि, “बधाई हो भारत! भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नई शुरुआत! बहुत बहुत धन्यवाद। सार्वजनिक-निजी-भागीदारी के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलकर इस प्रयास को संभव बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी को बहुत-बहुत धन्यवाद। भारत के स्टार्ट-अप आंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़! इसरो को एक नई उपलब्धि के लिए बधाई।”

मंत्री महोदय ने कहा, प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा निजी भागीदारी के लिए 2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने (अनलॉक करने) के बाद, यह सफलता इसरो की यात्रा में एक बड़े कीर्तिमान की स्थापना है।

भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) का कहना है कि “मिशन प्रारंभ फलतापूर्वक पूरा हुआ है”, वहीं स्काईरूट एयरोस्पेस ने कहा कि “विक्रम-एस ने आकाश को सुशोभित करने वाले भारत के पहले निजी रॉकेट के रूप में इतिहास रच दिया हैI”

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज भारत के पहले निजी विक्रम-सबऑर्बिटल (वीकेएस) रॉकेट का सफल प्रक्षेपण कर इतिहास रच दिया है।

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह व्यक्तिगत रूप से आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में इस महत्वपूर्ण अवसर के साक्षी बने।

टीम इसरो और एक भारतीय अंतरिक्ष- तकनीक स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस, को अपने संक्षिप्त बधाई भाषण में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि “प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक कीर्तिमान की स्थापना! भारतीय स्टार्ट-अप्स के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़! क्योंकि इसरो के लिए एक नई शुरुआत” के रूप में अब पहला निजी रॉकेट “विक्रम-एस” अंतरिक्ष में है।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसरो ने स्वतंत्र भारत के 75 वर्षों के इतिहास में एक शानदार उपलब्धि प्राप्त करने के साथ ही अपनी गौरवशाली अंतरिक्ष यात्रा में एक और कीर्तिमान स्थापित किया है। मंत्री महोदय ने कहा कि इस प्रक्षेपण ने भारत को दुनिया की अग्रणी अंतरिक्ष शक्तियों में शामिल कर दिया है और कई महत्वाकांक्षी देश अब भारतीय विशेषज्ञता से प्रेरणा लेने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा निजी भागीदारी के लिए दो साल पहले भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने (अनलॉक) करने के बाद एक प्रमुख उपलब्धि  बताया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि विक्रम-एस एक एकल चरण ईंधन (सिंगल स्टेज फ्यूल) रॉकेट है जो अगले साल विक्रम-1 के प्रक्षेपण (लॉन्च) से पहले स्काईरूट एयरोस्पेस की परियोजना में अधिकांश प्रणालियों और प्रक्रियाओं का परीक्षण करेगा। उन्होंने कहा कि रॉकेट अधिकतम 81.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाता है और उसके बाद समुद्र में गिर जाता है तथा प्रक्षेपण की कुल अवधि लगभग 300 सेकंड ही होती है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्काईरूट अपने रॉकेट लॉन्च करने के लिए इसरो के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाला पहला स्टार्टअप था। उन्होंने कहा, कि देश का पहला निजी प्रक्षेपण (लॉन्च) होने के अलावा यह स्काईरूट एयरोस्पेस का पहला मिशन भी है, जिसे “प्रारंभ” नाम दिया गया है।

इसरो ने एक वक्तव्य में कहा कि मिशन “प्रारंभ” सफलतापूर्वक पूरा हो गया है, जबकि स्काईरूट एयरोस्पेस ने कहा कि विक्रम-एस ने आसमान को सुशोभित करने वाले भारत के पहले निजी रॉकेट के रूप में इतिहास रचा है। यह अपने साथ अंतरिक्ष में कुल तीन पेलोड ले गया, जिसमें एक विदेशी ग्राहकों का भी था।

बाद में मीडिया को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, भारत के लिए वह महत्वाकांक्षी सपना जो भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) के पहले अध्यक्ष और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई ने अपनी प्रारम्भिक अत्यल्प संसाधनों वाली वैज्ञानिक व्यवस्था में बैठकर देखा था, आज शानदार ढंग से पूरा सिद्ध हुआ है ।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने याद दिलाया कि डॉ. विक्रम साराभाई ने हमेशा इसरो से “राष्ट्रीय स्तर पर” एक सार्थक भूमिका निभाने पर जोर दिया और कहा कि यह एक प्रमाण है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के आठ वर्षों के दौरान, भारत की युवा प्रतिभा, जिसका इंतजार किया जा रहा था कि वह अन्वेषण की, जोश के साथ अपनी क्षमता का पूरा उपयोग करने के लिए नए आउटलेट खोले। उन्होंने कहा, भारत में हमेशा विशाल प्रतिभा पूल और बड़े सपने देखने का जुनून था, लेकिन आखिरकार यह श्री मोदी ही थे जिन्होंने उन्हें एक आदर्श आउटलेट दिया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, अंतरिक्ष सुधारों ने स्टार्ट अप्स की नवोन्मेषी क्षमताओं को उजागर किया है और तीन-चार साल पहले कुछ ही समय के भीतर, अंतरिक्ष स्टार्ट-अप्स की तुलना में  आज हमारे पास अंतरिक्ष के अत्यंत प्रति-स्पर्धी मलबा प्रबंधन, नैनो-उपग्रह, प्रक्षेपण यान, भू– केंद्र प्रणालियों, अनुसंधान इत्यादि अत्याधुनिक क्षेत्रों में काम करने वाले 102 स्टार्ट- अप्स हैं।

मंत्री महोदय ने रेखांकित किया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने भारत को देश की विज्ञान, प्रौद्योगिकी – नवाचार क्षमताओं के लिए सार्वभौमिक मान्यता अर्जित करने में सक्षम बनाया है और हमारे स्टार्ट-अप्स की बहुत मांग है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया भारत को एक प्रेरणादायक स्थान के रूप में देख रही है, क्योंकि यह क्षमता निर्माण और नैनो उपग्रहों सहित उपग्रह निर्माण में नवोदित देशों की सहायता भी कर रहा है।

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प्रदूषण…. एक गंभीर समस्या ~प्रियंका वर्मा महेश्वरी

प्रदूषण सिर्फ मल, कचरा, सीवर लाइनों का बहना या यहां वहां पानी का जमा होना ही नहीं है बल्कि ऐसे तमाम कारक है जो प्रदूषण के दायरे में आते हैं और उनसे बचने का उपाय, उन्हें सुधारना, स्वच्छ रखना आज की मुख्य जरूरत है। भागमभाग वाली जीवनशैली, समयाभाव, कम समय में ज्यादा सुविधाओं की उपलब्धता और प्रकृति के प्रति लापरवाही ऐसे कारक हैं जो वातावरण में प्रदूषण बढ़ा रहे हैं और इसी वजह से प्राकृतिक वातावरण में प्रतिकूल परिवर्तन हो रहा है। वातावरण में फैले हानिकारक तत्व से अनजाने में ही व्यक्ति उनका शिकार होते जा रहा है, फलस्वरुप सांस की बीमारी, हृदयाघात, एलर्जी, कैंसर जैसी बीमारियांज्यादा पनप रही हैं। आज सड़कों पर नजर घुमायें तो दो चक्के और चार चक्कों से भरी हुई सड़कें दिखाई देंगी। अक्सर पैदल यात्रियों के चलने के लिए जगह भी कम पड़ जाती है और तो और इस समस्या से निजात पाने के लिए फ्लाईओवर बना दिए जा रहे हैं जो समस्या का कुछ हद तक निदान तो कर देता है लेकिन जगह का दायरा धीरे धीरे कम होते जा रहा है, खुलापन खत्म होते जा रहा है। साथ ही ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण को भी बढ़ावा मिल रहा है। बड़ी-बड़ी मिलों से और कारखानों से निकलता हुआ धुआं सिर्फ बीमार ही नहीं करता बल्कि प्रकृति को भी नुकसान पहुंचाता है। घने शहरीकरण और औद्योगिकरण के कारण ध्वनि प्रदूषण आम हो गया है और इसकी वजह से बहरापन, नींद विकार, बीपी की समस्या जैसी बीमारियां आम हो गई है। बात जब प्रदूषण की निकली है तो जल प्रदूषण को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता है। कहते हैं कि जल ही जीवन है और यही जीवनदायिनी जल अब दूषित जल में परिवर्तित हो गया है। मुझे याद नहीं आता कि बचपन में हमने कभी आर ओ का पानी या बिसलेरी का पानी पिया हो। सीधे नगरपालिका का पानी ही पीने के काम में और घर के कामकाज में इस्तेमाल किया जाता था। कहीं सफर पर भी जा रहे हों तो स्टेशन पर लगे नल से ही पानी भरकर काम चल जाता था लेकिन अब स्वच्छ हवा, पानी सब बिकने लगा है। आर ओ या फिल्टर पानी पीने से व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर होता जा रहा है लेकिन आज इसके अलावा कोई पर्याय भी नहीं बचा है। सबसे बड़ी समस्या तब आती है जब पानी निकासी की व्यवस्था सही ढंग से नहीं हो पाती है। बारिश से जमा हुआ पानी, सीवर लाइनों और गटर का भरा हुआ होना, जहां तहां लीकेज यह प्रशासन की अव्यवस्था दर्शाती है और साथ ही बीमारियों को न्योता भी देती है। नदियों को स्वच्छ करने का अभियान काफी समय से चल रहा है लेकिन गंगा अभी तक दूषित है। कुछ ऐसी चीजों जिनका दैनिक जीवन में बहुत महत्व है लेकिन साथ ही वह जीवन के लिए हानिकारक भी है मसलन पॉलिथीन, प्लास्टिक से बनी चीजें, बॉटल यह जितनी सुविधाजनक है उतनी ही नुकसानदेह भी होती हैं। मुझे याद है कि बचपन में हमारे घरों में सामान लाने के लिए कपड़े की थैली का इस्तेमाल किया जाता था। दूध, छाछ, घी लाने के लिए बरनियों का इस्तेमाल किया जाता था, आज की तरह प्लास्टिक का इस्तेमाल नहींहोता था। लोगबाग सफाई के लिए भी जागरूक नहीं दिखाई देते हैं। पहले सड़कों पर सफाई कर्मचारी रोज सुबह झाड़ू लगाते थे लेकिन अब कर्मचारी गायब दिखते हैं। कचरा उठाने वाली गाड़ियाँ दो दो दिन तक गायब रहतीं हैं। जनता जनार्दन भी कचरा फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ती है। आज बहुत जरूरत है कि प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए यातायात के कुछ नियम बनाए जायें। नदियों का जल स्वच्छ किया जाए ताकि आर ओ या फिल्टर का पानी पीने से बचा जा सके और पानी की गुणवत्ता को बनाए रखा जा सके। प्रकृति की अवहेलना नहीं की जानी चाहिए वरना उसका खामियाजा भुगतना पड़ता है प्राकृतिक आपदाओं के रूप में। दिल्ली एक ऐसा शहर है जहां इस समय सबसे ज्यादा प्रदूषण फैला हुआ है, और यह सरकार की विफलता और अव्यवस्था ही है कि हम प्रदूषण के इस भयानक मंजर पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं। दिल्ली वाले एक बार फिर से नजर बंद हो गए। दिल्ली में ए क्यू आई (गुणवत्ता सूचकांक) लेवल के खतरनाक स्तर तक पहुंचने के बाद सख्त नियम लागू किए गए थे जिसका प्रभाव आम नागरिकों को रोजगार और आर्थिकी रूप से चुकाना पड़ा। प्रदूषण स्तर में बढ़ोतरी के मद्देनज़र दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने शहर में BS-4 डीजल और BS-3 पेट्रोल गाड़ियों पर रोक लगाई थी। साथ ही लोगों को एक बार फिर से वर्क फार होम के लिए आदेश मिल गए थे। स्कूल कॉलेज बंद हो गए थे, फिर से ऑनलाइन क्लासेस शुरु हो गई थी। ऐसे में बच्चे क्या अपनी शिक्षा के साथ न्याय कर पाएंगे? और पराली जैसी गंभीर समस्या का स्थाई हल क्यों नहीं निकाला जा रहा?

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में एनएसएस तथा एनसीसी इकाई द्वारा कानपुर विजन @ 2047 के अंतर्गत जागरूकता रैली निकली

कानपुर 19 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च कॉलेज में एनएसएस तथा एनसीसी इकाई द्वारा कानपुर विजन @ 2047 के अंतर्गत जागरूकता रैली निकाली गई । जिसका प्रारंभ कॉलेज की उप प्राचार्य डॉ सबीना बोदरा , एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ सुनीता वर्मा तथा एनसीसी अभीक्षक डॉ हिमांशु दीक्षित के निर्देशन में हुआ। जिसमे एनएसएस एवं एनसीसी के स्वयंसेवक तथा वरिष्ठ ट्रैफिक इंस्पेक्टर राजबीर सिंह परिहार के द्वारा हम सब ने ये ठाना है , कानपुर को स्वच्छ बनाना है आदि के नारे लगाते हुए लोगो के बीच जागरूकता बढ़ते हुए कॉलेज से लेकर बड़े चौराहे तक रैली निकाली इस रैली में सब ने बढ़ चढ़ के भाग लिया, कार्यक्रम का समापन उप प्राचार्या डॉ सबीना बोदरा,डॉ सुनीता वर्मा तथा डॉ हिमांशु दीक्षित ने अपने स्वयंसेवक जिनमें विलायत फातिमा, प्रियांशी सिंह, मोमिन अली, निखिल सिंह, मेनका, अदिति तिवारी, रितेश, सिद्धार्थ सिंह, फरीना, आयुष वर्मा, अरबाज के साथ मिल कर कार्यक्रम का सफलता पूर्वक समापन किया।

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दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज, एनएसएस एनसीसी व मिशन शक्ति द्वारा विजन कानपुर @2047 के संबंध में जन जागरूकता रैली निकली

कानपुर 19 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज, एनएसएस एनसीसी व मिशन शक्ति की छात्राओं के द्वारा महाविद्यालय से ग्रीन पार्क तथा एल्गिन मिल तक 3 किलोमीटर के क्षेत्र में विजन कानपुर @2047 के संबंध में स्लोगन व बैनर के द्वारा जन जागरूकता पैदा करने हेतु रैली निकाली गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, कानपुर रिपुदमन सिंह रहे। वीरांगना लक्ष्मीबाई जयंती को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सहयोग से नारी शक्ति दिवस के रूप में माल्यार्पण व पुष्पांजलि देकर मनाया गया। इस अवसर पर अभिव्यंजना सिंह ने रानी लक्ष्मीबाई बनकर उनके द्वारा कहे गए वक्तव्य को छात्राओं तक पहुंचाया तथा अन्य छात्राओं ने उनके जीवन वृत्त से संबंधित कविताएं व भाषण भी दिए। डॉ निवेदिता टंडन, डॉ साधना सिंह, डॉ सुमन सिंह, डॉ अर्चना दीक्षित, डॉ स्वाति सक्सेना, डॉ शुभ्रा राजपूत, डॉ संगीता सिरोही, व कृष्णेंद्र श्रीवास्तव समेत महाविद्यालय की सभी प्राध्यापिकाएं तथा छात्राएं रैली में उपस्थित रही।

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कानपुर समाचार

समाचार कानपुर से

🌄🌄 महाराजपुर थाना क्षेत्र में शोहदा के हौसले बुलंद।

शोहदे में पड़ोस में रहने वाली महिला का नहाते हुए बनाया वीडियो।

महिला को वीडियो वायरल करने की धमकी देता है।

महिला ने अपने पति को बताया आप बीती।

महिला ने महाराजपुर थाने में दिया प्रार्थना पत्र।
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बेवफा महिला कांस्टेबल की बेवफाई में जहर खाने वाले दरोगा अनूप सिंह की हुई थी मौत

रीजेंसी अस्पताल में इलाज के दौरान हुई थी मौत रंगबाज महिला कांस्टेबल का वीडियो अब हो रहा है वायरल

ये वो कास्टेबल है जिसकी वजह से दरोगा ने सुसाइड किया बताया जा रहा है अपने लवर को बाबू कहते हुवे वीडियो वायरल
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मुफ्त का श्रेय लेने वाली कमिश्नरी पुलिस पुरी तरह से फेल

30 हजार की मांग पुरी न करने पर दबंग ने दुकानदार को दी जान से मारने की धमकी, मामला सीसीटीवी में हुआ कैद

विरोध करने पर पीड़ित की पत्नी के ऊपर तेजाब डालने की दी धमकी

12 नवंबर को पुलिस से शिकायत करने के बावजूद नहीं हुई थी कोई कार्रवाई, जिसके बाद दबंग ने दोबारा दी धमकी

बुधवार रात की घटना सीसीटीवी में हुई कैद

दबंग के ऊपर औरैय्या के थाना अजीतमल में दर्ज है कई मामले

मामला थाना जाजमऊ क्षेत्र नई बस्ती का है

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रैंकर पॉइंट कोचिंग सेंटर बच्चों का भविष्य कर रहा है बर्बाद*

*काकादेव क्षेत्र में बच्चों ने दिया धरना* ?

*कोचिंग में हुई जमकर तोड़फोड़*

*लाखों रुपए फीस लेकर बच्चों का भविष्य टीचर कर रहे हैं बर्बाद*

कोचिंग के बाहर बच्चो ने दिया धरना

*बच्चों ने लगाया आरोप की पैसा लेकर रैंकर पॉइंट के टीचरों ने भविष्य के साथ किया खिलवाड़*

*कानपुर जिला प्रशासन ऐसे टीचरों पर क्या सख्त कार्रवाई करेगा*
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कल्याणपुर थाना क्षेत्र में पनकी रोड चौकी इंचार्ज आदित्य बाजपेई को मिली बड़ी सफलता।

चौकी इंचार्ज ने दो चोरों को किया गिरफ्तार।

सात मोटरसाइकिल और तीन कटी हुई बाइक सहित किया गिरफ्तार।

चौकी इंचार्ज और भी चोरों का कर सकते हैं बड़ा खुलासा।

पूरा मामला कल्याणपुर थाना क्षेत्र के पनकी रोड का मामला।

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काकादेव क्षेत्र से दोस्त को घुमाने ले गया था लखनऊ युवक

कानपुर लाते वक्त दोस्त की हुई मौत

परिजनों का आरोप की मेरे बेटे की हत्या की गई है

परिवार के लोग काकादेव थाने में मौजूद

पुलिस टीम जांच करने निकली बाहर

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केस्को और नगर निगम की लापरवाही दे रही मौत को दावत

दस दिन से गिरे बिजली के खंभे की नहीं कर रहे हैं मरम्मत

केस्को व नगर निगम एक दूसरे पर थोप रहे है काम

मकान पर गिरा है बिजली का खम्बा

मोहल्ले के लोग अधिकारियों से कर चुके हैं कई बार शिकायत।

रावतपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बने नमक फैक्ट्री के सब स्टेशन के जेई बीके शुक्ला हुए लापरवाह।

कुछ दिन पहले संविदा कर्मचारी संगठन के महामंत्री दिनेश सिंह भोले ने एक आईजीआरएस पर की थी शिकायत।

जेई सब स्टेशन के अंदर खड़ा कर आते हैं फल का ठेला।

मामला काका देव थाना क्षेत्र के पी ब्लॉक के बंजारा बस्ती का है

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हिंदुस्तान बिल्हौर के दिवंगत पत्रकार नवीन गुप्ता की पत्नी को देवर नितिन गुप्ता ने लोहे के रॉड से पीट पीट कर किया अधमरा।

पिटाई से किरण गुप्ता का सर फटा हाथ की उंगली भी टूटी।

खुद को पत्रकार बताता है आरोपी नितिन गुप्ता। जिसके चलते पुलिस नही करती है आरोपी नितिन गुप्ता पर कोई कार्यवाही।

घायल महिला रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाने में बैठी पुलिस ने नही दर्ज की कथित पत्रकार के खिलाफ एफआइआर।

पुलिस आयुक्त के आदेश पर पुलिस ले जा रही है घायल को मेडिकल के लिए। लेकिन नही दर्ज कर रही है फिर। क्षेत्र में आतंक का पर्याय हैं कथित पत्रकार नितिन गुप्ता।

बिल्हौर कोतवाली का मामला।

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एस एन सेन बा वि पी जी कालेज में “विश्व दर्शन शास्त्र दिवस” के उपलक्ष्य में भविष्य का मानव /आगामी मानव विषय पर अतिथि व्याख्यान एवं पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित

कानपुर 17 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बा वि पी जी कालेज कानपुर के दश॔न शास्त्र विभाग द्वारा “विश्व दश॔न शास्त्र दिवस” के उपलक्ष्य में The Forthcoming Human अथवा भविष्य का मानव /आगामी मानव विषय पर एक अतिथि व्याख्यान एवं पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया ।
काय॔क्रम मे महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो.(डा.)सुमन, अतिथि वक्ता के रूप मे अथ॔शास्त्र विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा.रोली मिश्रा एवं निणा॔यक मण्डल की सदस्य के रूप मे मनोविज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा.प्रीति यादव उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का आरंभ माँ सरस्वती की पुष्पांजलि से हुआ।तदुपरांत प्राचार्या समेत सभी अतिथियों का स्वागत उत्तरीय द्वारा किया गया ।प्राचार्या प्रोफेसर सुमन ने अपने प्रेरक उद्बोधन से छात्राओं को जीवन के महत्वपूर्ण तत्वों से अवगत कराया तथा निरंतर विकास हेतु प्रेरणा प्रदान की ।अपने व्याख्यान मे डॉ रोली मिश्रा ने आर्टिफिशल इंटेलीजेंस के आधार पर आगामी मानव की अवधारणा को स्पष्ट किया ।धन्यवाद ज्ञापन दश॔न शास्त्र विभाग की अध्यक्षा श्रीमती किरण ने किया एवं संचालन बी ए द्वितीय वर्ष की छात्रा कशिश सिह ने किया ।
पोस्टर प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल के सदस्यो डा रेली मिश्रा एवं डा प्रीति यादव ने सभी पोस्टर का अवलोकन करने के उपरांत परिणाम घोषित किए जिसमे महिमा वर्मा प्रथम ,बीनू विश्वकर्मा द्वितीय, नैनसी यादव ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। रोनिका निषाद एवं वैष्णवी पाण्डेय को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।
काय॔क्रम के अंत मे दश॔न शास्त्र विभाग की ओर से प्राचार्या महोदया को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए एवं अतिथि व्याख्याता तथा निणा॔यक मण्डल के सदस्यों को प्रमाण पत्र दिए गये। काय॔क्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया ।

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प्रधानमंत्री की बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के साथ मुलाकात

प्रधानमंत्री मोदी ने आज बाली में जी-20 के नेताओं के शिखर सम्मेलन के अवसर पर अमेरिका के राष्ट्रपति  जोसेफ आर. बाइडेन और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से मुलाकात की।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात को दोहराया कि जी-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का एक प्रमुख मंच है। उन्होंने जी-20 द्वारा वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन जारी रखने के महत्व को रेखांकित किया। जी-20 हमारी अर्थव्यवस्थाओं और उससे आगे सतत एवं समावेशी विकास को बहाल करने, मौजूदा जलवायु, ऊर्जा एवं खाद्य संकट से निपटने, वैश्विक स्वास्थ्य संरचना को मजबूत करने और प्रौद्योगिकी संबंधी बदलाव को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम कर रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात की पुष्टि की कि भारत अपनी अध्यक्षता के दौरान अन्य विकासशील देशों की आवाज बनेगा। उन्होंने कमजोर देशों की सहायता करने, समावेशी विकास का समर्थन करने, आर्थिक सुरक्षा एवं वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने, बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों के लिए वित्तपोषण का बेहतर एवं अभिनव मॉडल विकसित करने, जलवायु परिवर्तन, महामारी, आर्थिक नाजुकता, निर्धनता कम करने और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने जैसी चुनौतियों का समाधान प्रदान करने, और सार्वजनिक एवं निजी वित्तपोषण का लाभ उठाकर बुनियादी ढांचे से सबंधित अन्तराल को पाटने में जी-20 की भूमिका पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत की अध्यक्षता के तहत जी-20 के कार्यों का समर्थन करने की प्रतिबद्धता के लिए राष्ट्रपति विडोडो और राष्ट्रपति बाइडेन को धन्यवाद दिया।

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