Breaking News

Bharatiya Swaroop

भारतीय स्वरुप एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र है। सम्पादक मुद्रक प्रकाशक अतुल दीक्षित (published from Uttar Pradesh, Uttrakhand & maharashtra) mobile number - 9696469699

प्रधानमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने के मुख्य न्यायाधीश के विचार का स्वागत किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने के बारे में भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी. वाई.चंद्रचूड़ के विचार की सराहना की है।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया;

‘हाल ही में आयोजित एक समारोह में भारत के मुख्य न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने की दिशा में काम करने की आवश्यकता के बारे में चर्चा की। उन्होंने इसके लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने का सुझाव भी दिया। यह एक प्रशंसनीय विचार है, जिससे अनगिनत लोगों, विशेषकर युवाओं को काफी मदद मिलेगी।’

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा,

‘भारत में अनगिनत भाषाएं हैं, जो हमारी सांस्कृतिक जीवंतता को काफी हद तक बढ़ा देती हैं। केंद्र सरकार भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने के लिए अथक प्रयास कर रही है, जिसमें इंजीनियरिंग और चिकित्सा जैसे विषयों को संबंधित विद्यार्थि‍यों की मातृ भाषा में पढ़ने का विकल्प देना भी शामिल है।’

Read More »

गणतंत्र दिवस परेड 2023 के दौरान 17 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और 6 विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की कुल तेईस झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी

26 जनवरी,2023 को कर्तव्‍य पथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस परेड के दौरान 17 राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 23 झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी। इनके अलावा परेड में केन्‍द्रीय मंत्रालयों तथा विभागों की छह झांकियां भी शामिल होंगी। इन झांकियों में देश की समृद्ध सांस्‍कृतिक धरोहर, आर्थिक और सामाजिक प्रगति तथा आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा को दर्शाया जाएगा।

इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड के दौरान देश की भौगोलिक और समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हुए को विभिन्न सफलताओं को प्रदर्शित किया जाएगा। 17 झांकियां असम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, दादर नगर हवेली तथा दमन व दीव, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक एवं केरल जैसे राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों की ऐतिहासिक विरासत वाली झलक प्रस्तुत करेंगी।

संस्कृति मंत्रालय, गृह मंत्रालय (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल), गृह मंत्रालय (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो), आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (केंद्रीय लोक निर्माण विभाग), जनजातीय कार्य मंत्रालय तथा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) से आने वाली छह झांकियां पिछले कुछ वर्षों में किए गए कार्यों व उपलब्धियों को दर्शाएंगी।

गणतंत्र दिवस परेड के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियों का चयन आंचलिक आधार पर किया गया है, जिसमें राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को छह मंडलों उत्तरी क्षेत्र, मध्य क्षेत्र, पूर्वी क्षेत्र, पश्चिमी क्षेत्र, दक्षिणी क्षेत्र और पूर्वोत्तर क्षेत्र में वर्गीकृत किया गया है। आम तौर पर, गणतंत्र दिवस परेड के लिए प्रत्येक क्षेत्र के आनुपातिक परिमाण के आधार पर राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों से लगभग 15 झांकियों का चयन किया जाता है।

चयन प्रक्रिया में एक विशेषज्ञ समिति द्वारा विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियों के प्रस्तावों की जांच की गई। इसके अलावा समिति के सदस्यों द्वारा झांकी की विषय-वस्तु, प्रस्तुति, कलात्मक प्रदर्शन और तकनीकी अंशों पर राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ कई दौर की बातचीत भी हुई थी।

Read More »

राष्ट्रपति छह श्रेणियों में असाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले 11 बच्चों को कल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2023 प्रदान करेंगी

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू कल यानी  23 जनवरी, 2023 को विज्ञान भवन में पुरस्कार वितरण समारोह में 11 असाधारण बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, 2023 प्रदान करेंगी।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 जनवरी, 2023 को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत करेंगे।

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी 24 जनवरी, 2023 को राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई की उपस्थिति में बच्चों के साथ बातचीत करेंगी और उन्हें उनकी संबंधित श्रेणियों में उनके अनुकरणीय प्रदर्शन के लिए बधाई देंगी।

भारत सरकार बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (पीएमआरबीपी) पुरस्कार प्रदान करती है। यह पुरस्कार 5 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को छह श्रेणियों – कला और संस्कृति, बहादुरी, नवाचार, शैक्षिक, सामाजिक सेवा और खेल में उनकी उत्कृष्टता के लिए प्रदान किया जाता है, जो राष्ट्रीय मान्यता के पात्र हैं। पीएमआरबीपी के प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार और एक प्रमाणपत्र दिया जाता है।

इस वर्ष प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार देश के सभी क्षेत्रों से चुने गए 11 बच्चों को कला और संस्कृति (4), वीरता (1), नवाचार (2), समाज सेवा (1), और खेल (3) के क्षेत्र में उनकी असाधारण उपलब्धि के लिए प्रदान किया जा रहा है।

Read More »

नेता जी सुभाष चंद्र बोस जयंती के अवसर पर सड़क सुरक्षा शपथ ग्रहण समारोह संपन्न

कानपुर 23 जनवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर ‌‌की एनएसएस इकाई ने नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर सड़क सुरक्षा माह के अंतर्गत महाविद्यालय में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जिसमें कॉलेज के प्राचार्या डॉ जोसेफ डेनियल तथा कार्यक्रम अधिकारी डॉ सुनिता वर्मा शामिल हुए इस अवसर पर एनएसएस के स्वयंसेवी तथा महाविद्यालय के कर्मचारी भी उपस्थित रहे। साथ ही महाविद्यालय के प्राचार्या डॉ जोसेफ डेनियल ने सभी को सड़क सुरक्षा के विषय में शपत ग्रहण कराई तथा सड़क सुरक्षा के विषय में जागृत किया और साथ ही कुछ स्वयंसेवकों ने नेता जी सुभाष चंद्र बोस के विषय में उपदेश दिया इसके पश्चात स्वयंसेवको की मानव श्रृंखला का निर्माण कराया गया और महाविद्यालय में स्लोगन जैसे सड़क सुरक्षा नियमो को अगर अपनाओगे खुद के साथ-साथ दूसरों को भी बचाओगे आदि स्लोगन बोले सभी स्वयंसेवकों ने इस कार्यक्रम से सड़क सुरक्षा के विषय में जानकारी प्राप्त की ओर साथ ही शपथ ग्रहण की,

कार्यक्रम का समापन डॉ सुनिता वर्मा ने एनएसएस स्वयंसेवी विलायत फातिमा तथा मोमिन अली ने अपनी टीम जिसमे रितेश, ज़रीन,सौम्या,सैयद,फरीना,आयुषी, वैशनवी,मुस्कान,यशी,सिमरन ने मिल कर कार्यक्रम का सफलता पूर्वक समापन किया।

Read More »

छात्राओं ने मानव श्रृंखला बनाकर दिया सड़क सुरक्षा का संदेश

कानपुर 23 जनवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज मे सड़क सुरक्षा माह कार्यक्रम के अंतर्गत ‘मानव श्रंखला’ बनाकर जनमानस को जागरूक करने हेतु प्राचार्या प्रो. अर्चना वर्मा जी के निर्देशन में एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी तथा सड़क सुरक्षा क्लब को-ऑर्डिनेटर डॉ संगीता सिरोही के द्वारा सड़क सुरक्षा शपथ दिलवाई गई। जिसमें महाविद्यालय की छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। महाविद्यालय की प्राध्यापिकाओ तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने भी सड़क सुरक्षा संबंधी शपथ ली तथा आश्वस्त किया कि वे सभी स्वयं तो सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करेंगे ही अपने घर परिवार व पडोस तथा समाज के लोगों को भी सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करते हुए उसकी महत्ता को बताएंगे तथा यातायात के सभी नियमों का पालन करने हेतु आग्रह करेंगे ताकि दिन-प्रतिदिन बढ़ने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाई जा सके। यह मुहिम भविष्य में सड़क सुरक्षा तथा मानव जीवन को सुरक्षित करने के लिए एक बड़ी पहल साबित होगी। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ श्वेता गोंड, डॉ अंजना श्रीवास्तव, अर्चना दीक्षित, आकांक्षा अस्थाना व कृष्णेंद्र श्रीवास्तव आदि की विशेष भूमिका रही।

Read More »

रूह रोती है तो आंखों से लावा टपकता है

इतनी तेज गर्मी है आज, और ऊपर से गाड़ी बीच सड़क पर रूक गई।कोई मैकेनिक भी नज़र नहीं आ रहा। किसे कहूँ कि मेरी कोई मदद कर दे। कोई आस पास दिखाई भी नहीं दे रहा था।खुद पर ही झुनझुला उठी थी रेवा। रेवा ने टैक्सी ली और घर पहुँच
गई।रेवा पानी का गिलास ले कर निढाल सी सोफ़े पर बैठ गई।मन भर आया था उसका ,किस से कहे ,अपने मन की बात।
जब से होश सँभाला था तब से काम कर रही थी।बच्चे जब छोटे थे।अपनी माँ रेवा को इतना काम करते देखते तो कहते,बस माँ !तुम फ़िक्र न करो जब हम बड़े हो जायेगे।तुम्हें हम रानी बना कर रखेंगे।नौकर होंगे हमारी माँ के आसपास।
आँखे नम हो गई रेवा की ,सोचने लगी।कैसे जब उसके घुटनों में बहुत दर्द था सीढ़ियाँ भी नहीं चढ़ पाती थी तो कैसे उसके बेटे हाथ दे कर उसे ऊपर के फ़्लोर पर ले कर ज़ाया करते थे।अपने बच्चों को याद कर रेवा का धैर्य टूट गया और आँखे दरिया की तरह बह निकली। दोस्तों ! कभी-कभी हम जब रोते है तो सिसकियाँ सुनाई देती है मगर जब कभी रूह रोती है तो आवाज़ नहीं होती सिर्फ़ आँखों से लावा टपकने लगता है। सोचा करती थी कि कुछ सालों में बेटे बड़े हो जायेंगे तो ज़िन्दगी आसान हो जायेगी।थक कर घर आती ,तो भी ख़ुश रहती ,अपने बेटों को देख कर ,अपने पति को देख कर।दोनों बेंटो को पढ़ा लिखा कर रेवा ने उन्हें पैरों पर खड़ा कर दिया था।अब दोनों बेटे अलग रहते थे।एक बेटा तो शादी करके अलग हो गया था जिसके ऊपर रेवा को बहुत नाज़ था।रेवा हर वक़्त उसे छोटे -छोटे कह कर पूरा घर सिर पर उठा लिया करती।रेवा को यकीन था कि उसका वो बेटा उसके साथ कंधे से कंधा मिला कर उसकी ज़िन्दगी को आसान कर देगा मगर विधाता को कुछ और मंज़ूर था। क्या वजह रही होगी ,रेवा आज तक नहीं समझ पाई।उसके बाद दुख हो या सुख,कभी उसके बेटे का फ़ोन तक नहीं आया ।
अब रेवा अकेली रहती हैं अपने किराये के मकान में ,ज़िन्दगी का सफ़र हँस कर गुज़ार रही है बिना किसी शिकायत के।किस से कहे,कि वो अब थक चुकी है काम करते करते मानसिक रूप से और शारीरिक रूप से।रेवा का बड़ा बेटा बहुत ध्यान रखता था उसका।हर रोज़ मिलने भी आ जाया करता।रेवा का हर दुख समझता था,जितनी हिम्मत होती ,उतनी मदद भी कर देता।यूँ तो रेवा अपनी रोटी कमाने में संक्षम थी मगर कभी-कभी उसका भी मन करता उसके बच्चे भी उसे उतना प्यार करें जैसे वो किया करती थीं।
देखते ही देखते एक दम से बाहर बादल घिरने लगे,अन्धेरा छाने लगा था,जैसे बारिश बरसने को बेक़रार थी।बिजली गरजने के साथ तेज बरसात शुरू हो गई।रेवा खिड़की के पास खड़ी ,बाहर बरसात को देख कर ,
यादों के समुद्र में डूब कर सुनहरी यादो के मोती चुनने लगी।ठीक ऐसी ही बरसात थी।जब वो कालेज के बाहर खड़ी बस का इंतज़ार कर रही थी।बसों की स्ट्राइक की वजह से परेशान और ऊपर से बारिश,अभी सोच ही रही थी कि क्या करें।तभी शरद ने मोटर बाईक उसके पास रोक दी।हर रोज़ रेवा को देखा करता मगर बात करने की हिम्मत कभी नहीं हुई थी उसकी। शरद ने कहा ! मैं घर छोड़ देता हूँ आप को। आइये ! इतनी बारिश में कब तक भीगतीं रहेगी।रेवा भी उस दिन न नही कर पाई थीं।उसके बाद मुलाक़ातों का सिलसिला शुरू हो गया था।जल्दी ही दोनों की शादी हो गई।बहुत खुश भी थे दोनो अपने घर संसार में ,उनके बच्चे हुये मगर कुछ सालों बाद शरद बिमार रहने लगे थे और वही बीमारी फिर वजह बन गई उन दोनों के बिछड़ने की।आज रेवा शरद को बहुत याद कर रही थी कि हालात कोई भी रहे शरद ने उसका पूरा साथ दिया।उसे याद आ रहा था कि कैसे जब वो काम से वापस आती ,तो उसका पति उसे ख़ुश करने के लिये गाना गाया करता और रेवा भी उसके सुर में अपना सुर मिला देती और इस तरह रेवा की सारी थकान उतर जाती।
सोच रही थी, कितना सुंदर संसार था उसका ..रौनक़ शोर शराबा , हंसी के ठहाकों से भरा घर,जो आज ख़ाली था,ठीक उसके “दिल की तरह”।
रेवा के पास बहुत पैसा बेशक नहीं था मगर दिल की अमीरीयत बहुत थी। वो सब को प्यार देती।तवज्जो देती। सब का करती मगर अब शरीर काम कर कर के जर्जर हो चुका था उसका।अब सिर्फ़ उसके पास था तो बस “इक इन्तज़ार “कि शायद वो भी कभी सुख की साँस ले सके, वो भी आम लोगों की तरह अपने पोते पोतीयो के साथ वक़्त बिता सके।रेवा बाहर से बहुत स्ट्रोंग बताती थी खुद को मगर अन्दर से बिखर चुकी थी रेवा।इसी उम्मीद पर ही जी रही थी ,कि काश ..कोई उसे भी कह दे कि तुम फ़िक्र न करो ,
हम है न !!तुम्हें समेट लेंगे अपनी आग़ोश में। ये कहानी घर घर की हो सकती है दोस्तों ! ये बात मैं अपने लेखों में लिख बार बार लिखती ही रहूँगी।जिसने माँ बाप को पूज लिया फिर उसे किसी देवता को पूजने की कोई ज़रूरत रह ही नहीं जाती। मगर अफ़सोस हमारा समाज किस और जा रहा है। प्राईवसी के नाम पर ,माडर्नेटी के नाम पर,कहीं न कहीं हम सब ही कितना ग़लत कर रहे हैं।बाहर के देशों का ये चलन हो सकता है मगर हमारे भारत की संस्कृति ये कभी नही हो सकती है। दोस्तों! सोचो !अगर माँ बाप भी लापरवाह हो कर अपने बच्चों को बचपन मे ही छोड़ कर अपना ही स्वार्थ देखते ,तो बच्चों का क्या होता ? अगर माँ बाप ने अपने मुँह से रोटी का निवाला निकाल कर बचपन मे अपने बच्चों का पेट भरा है तो आज बच्चों का भी फ़र्ज़ बनता है कि वो बड़े हो कर अपने माँ बाप को भी सँभाले
यही असली पूजा है भगवान मंदिर में ही नहीं बल्कि सारे देवी देवता हमारे आस पास ही रहते है भिन्न भिन्न रूपों मे। बस देखने का नज़रिया ही चाहिए होता है
लेखिका स्मिता ✍️

Read More »

णतंत्र दिवस समारोह 2023 में नए कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित

राष्ट्र 26 जनवरी, 2023 को अपना 74वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। समारोह में कर्तव्य पथ पर पारंपरिक मार्च पास्ट शामिल है, जिसमें सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियों द्वारा एक भव्य परेड शामिल है, राज्यों और केन्‍द्रीय मंत्रालयों/विभागों द्वारा झांकी का प्रदर्शन; विजय चौक पर बीटिंग द रिट्रीट समारोह के अलावा बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां, मोटरसाइकिल सवारों की कलाबाजियां और एक फ्लाई पास्ट तथा प्रधानमंत्री की एनसीसी रैली शामिल है।

रक्षा सचिव श्री गिरिधर अरमाने ने 18 जनवरी, 2023 को नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की जनभागीदारी की परिकल्‍पना को प्रतिबिंबित करते हुए समारोहों की योजना बनाई गई है। गणतंत्र दिवस समारोह महान राष्ट्रीय नेता नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी को शुरू होकर 30 जनवरी को शहीद दिवस पर समाप्‍त होने के साथ सप्ताह भर चलेगा। यह समारोह आईएनए के दिग्गजों, लोगों और आदिवासी समुदायों को श्रद्धांजलि होगी जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था।

इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह में अनेक नए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें सैन्य टैटू और जनजातीय नृत्य उत्सव, वीर गाथा 2.0, वंदे भारतम नृत्य प्रतियोगिता का दूसरा संस्करण, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर सैन्य और तटरक्षक बैंड का प्रदर्शन; राष्‍ट्रीय युद्ध स्‍मारक में अखिल भारतीय स्कूल बैंड प्रतियोगिता, बीटिंग द रिट्रीट समारोह के दौरान एक ड्रोन शो और प्रोजेक्शन मैपिंग। कार्यक्रमों का विवरण इस प्रकार है :

सैन्य टैटू और जनजातीय नृत्य महोत्सव

गणतंत्र दिवस समारोह के अंतर्गत और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती (पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जाती है) के अवसर पर, नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में 23 और 24 जनवरी, 2023 को एक सैन्य टैटू और जनजातीय नृत्य उत्सव ‘आदि-शौर्य – पर्व पराक्रम का’ आयोजित किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं, जिसमें भारतीय तट रक्षक समन्वय एजेंसी है। इस दौरान 10 सैन्य टैटू प्रदर्शन और 20 जनजातीय नृत्य देखने को मिलेंगे।

अपनी अनूठी और रंगीन वेशभूषा, हेडड्रेस, संगीत वाद्ययंत्रों और लयबद्ध नृत्य बीट्स के साथ 1,200 से अधिक कलाकार प्रतिदिन रिहर्सल में अपनी कला को बेहतर करने में लगे हुए हैं। मुख्य कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुत किए जाने वाले पारंपरिक नृत्य रूपों में गौर मारिया, गद्दी नटी, सिद्दी धमाल, बैगा परधोनी, पुरुलिया, बगुरूम्बा, घुसादी, बाल्टी, लम्बाडी, पाइका, राठवा, बूदीगली, सोंगीमुखवाटे, कर्मा, मंघो, का शाद मस्तीह, कुम्मीकली, पलैयार, चेराव और रेखम पाडा शामिल हैं।

भारतीय सशस्त्र बल हॉर्स शो, खुकुरी नृत्य, गतका, मल्लखंब, कलारीपयट्टू, थंग-टा, मोटरसाइकिल प्रदर्शन, वायु योद्धा ड्रिल, नेवी बैंड और मार्शल आर्ट का प्रदर्शन करेंगे। देश भर के 20 जनजातीय नृत्य समूह सैन्य टैटू कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शन करेंगे। इस कार्यक्रम में लगभग 60,000 दर्शकों के भाग लेने की उम्मीद है।

ग्रैंड फिनाले में प्रसिद्ध पार्श्व गायक श्री कैलाश खेर का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम के लिए प्रवेश निःशुल्क है। टिकट www.bookmyshow.com.पर उपलब्ध हैं।

वंदे भारतम 2.0

वंदे भारतम नृत्य प्रतियोगिता का दूसरा संस्करण आरडीसी 2023 के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया था। 15 अक्टूबर से 10 नवम्‍बर, 2022 तक 17-30 वर्ष के आयु वर्ग के प्रतिभागियों से लोक/आदिवासी, शास्त्रीय और समकालीन शैलियों में प्रविष्टियां मांगी गई थीं। संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्‍द्रों द्वारा 17 नवम्‍बर से 10 दिसम्‍बर, 2022 तक राज्य/केन्‍द्र शासित प्रदेश स्तर और क्षेत्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।

ग्रैंड फिनाले 19 और 20 दिसम्‍बर, 2022 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था, जिसमें 980 नर्तकियों ने भाग लिया था। उनमें से 503 नर्तकियों को एक जूरी द्वारा चुना गया था। ये नर्तकियां गणतंत्र दिवस परेड के दौरान ‘नारी शक्ति’ की विषय वस्‍तु पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्‍तुत करेंगी।

वीर गाथा 2.0

वीर गाथा, पिछले साल ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के एक भाग के रूप में शुरू की गई अनूठी परियोजनाओं में से एक थी, जिसका आयोजन सशस्त्र बलों के वीरतापूर्ण कार्यों और बलिदानों के बारे में बच्चों को प्रेरित करने और जागरूकता फैलाने के लिए किया गया था। इस साल भी, तीनों सेनाओं ने वीरता पुरस्कार विजेताओं के साथ स्कूली बच्चों की वर्चुअल और आमने-सामने बातचीत का आयोजन किया और छात्रों (तीसरी से 12 वीं कक्षा तक) ने कविता, निबंध, पेंटिंग, मल्टीमीडिया प्रस्तुति आदि के रूप में अपनी प्रविष्टियाँ जमा कीं। इनका मूल्यांकन एक राष्ट्रीय समिति द्वारा किया गया, जिसने सुपर-25 का चयन किया। विजेताओं को 25 जनवरी, 2023 को नई दिल्ली में रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा सम्मानित किया जाएगा। ये विजेता गणतंत्र दिवस परेड में भी शामिल होंगे।

झांकियां

गणतंत्र दिवस परेड के दौरान देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, आर्थिक और सामाजिक प्रगति और मजबूत आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को दर्शाती तेईस झांकियां-राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों से 17 और विभिन्न मंत्रालयों/विभागों से छह झांकियां कर्तव्‍य पथ पर देखने को मिलेंगी।

भारत पर्व

जनभागीदारी विषय को दर्शाते हुए, पर्यटन मंत्रालय द्वारा 26-31 जनवरी, 2023 तक दिल्ली के लाल किले के सामने ज्ञान पथ पर ‘भारत पर्व’ का आयोजन किया जाएगा। इसमें गणतंत्र दिवस की झांकी, सैन्य बैंड के प्रदर्शन, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, पैन इंडिया फूड कोर्ट और क्राफ्ट बाजार का प्रदर्शन किया जाएगा।

ई-आमंत्रण

इस वर्ष, मेहमानों और दर्शकों को निमंत्रण कार्डों के स्‍थान पर ई-निमंत्रण दिए गए हैं। इस उद्देश्य के लिए, एक समर्पित पोर्टल www.amantran.mod.gov.in शुरू किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से टिकटों की बिक्री, प्रवेश पत्र, निमंत्रण पत्र और कार पार्किंग लेबल ऑनलाइन जारी किए जा रहे हैं। यह पूरी प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित और कागज रहित बनाना सुनिश्चित करेगा और देश के सभी हिस्सों के लोग इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में भाग लेने में सक्षम हो सकेंगे।

विशेष निमंत्रण

इस वर्ष समाज के सभी वर्गों के आम लोगों को निमंत्रण भेजा गया है जैसे कि सेंट्रल विस्टा, कर्तव्य पथ, नए संसद भवन के निर्माण में शामिल श्रमयोगी, दूध, सब्जी विक्रेता, स्ट्रीट वेंडर आदि। इन विशेष आमंत्रितों को कर्तव्य पथ पर प्रमुखता से बैठाया जाएगा।

राष्‍ट्रीय युद्ध स्‍मारक में स्कूल बैंड का प्रदर्शन

बच्चों के बीच अनुशासन, टीमवर्क और राष्ट्रीय गौरव के मूल्यों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिस्पर्धा करने और प्रदर्शन करने के लिए गणतंत्र दिवस तक विभिन्न स्कूलों के लिए एक अखिल भारतीय स्कूल बैंड प्रतियोगिता आयोजित की गई। शिक्षा मंत्रालय के साथ रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में 300 से अधिक स्कूलों ने भाग लिया। आठ स्कूल बैंड चुने गए, जिन्होंने 15 जनवरी से राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शन 22 जनवरी तक जारी रहेगा।

ड्रोन शो

भारत में सबसे बड़ा ड्रोन शो, जिसमें 3,500 स्वदेशी ड्रोन शामिल हैं, रायसीना की पहाड़ियों पर शाम के आसमान को रोशन करेगा, सहज तालमेल के माध्यम से राष्ट्रीय आकृतियों/कार्यक्रमों के असंख्य रूपों को गूंथेगा। यह स्टार्ट-अप इकोसिस्‍टम की सफलता, देश के युवाओं तकनीकी कौशल को दर्शाता है और भविष्य के पथ-प्रदर्शक रुझानों के लिए मार्ग प्रशस्त करता है। इस कार्यक्रम का आयोजन मैसर्स बोटलैब्स डायनेमिक्स द्वारा किया जाएगा।

एनामॉर्फिक प्रोजेक्‍शन

बीटिंग रिट्रीट समारोह 2023 के दौरान नॉर्थ और साउथ ब्लॉक के अग्रभाग पर पहली बार 3-डी एनामॉर्फिक प्रोजेक्शन का आयोजन किया जाएगा।

Read More »

ट्राई ने ‘भारत में समुद्र के नीचे केबल बिछाने के लिये लाइसेंस देने के प्रारूप और नियामक प्रणाली’ विषयक परामर्श-प्रपत्र पर टिप्पणियां प्राप्त करने की अंतिम तिथि बढ़ाई

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 23 दिसंबर, 2022 को लाइसेंसिंग फ्रेमवर्क एंड रेगुलेटरी मैकेनिज्म फॉर सबमेरीन केबल लैंडिंग इन इंडिया (भारत में समुद्र के नीचे केबल बिछाने के लिये लाइसेंस देने के प्रारूप और नियामक प्रणाली) पर एक परामर्श-प्रपत्र जारी किया था। परामर्श-प्रपत्र में उठाये गये मुद्दों पर हितधारकों से टिप्पणियां प्राप्त करने की अंतिम तिथि 20 जनवरी, 2023 तथा विपक्ष में टिप्पणियां प्राप्त करने की अंतिम तिथि तीन फरवरी, 2023 निर्धारित की गई थी।

हितधारकों/संघों ने पक्ष-विपक्ष में टिप्पणियां जमा करने का समय बढ़ाने के बारे में जो आग्रह किया था, उसे ध्यान में रखते हुये यह तय किया गया कि पक्ष-विपक्ष में टिप्पणियां जमा करने की तिथि क्रमशः 10 फरवरी, 2023 और 24 फरवरी, 2023 कर दी जाये। पक्ष-विपक्ष में टिप्पणियां इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में  advbbpa@trai.gov.in पर और उसकी प्रति jtadvbbpa-1@trai.gov.in पर भेजी जा सकती हैं। आगे और स्पष्टीकरण/सूचना प्राप्त करने के लिये श्री संजय कुमार शर्मा, सलाहकार (ब्रॉडबैंड और नीति विश्लेषक), टीआरएआई से टेलीफोन नं. +91-11-23236119 पर संपर्क किया जा सकता है।

Read More »

नितिन गडकरी ने 4200 करोड़ रुपये की कुल लागत से बनाए जा रहे अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेस वे की प्रगति का निरीक्षण किया

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे (पैकेज 1) की प्रगति का निरीक्षण किया। ये 109 किमी लंबा ग्रीनफील्ड कॉरिडोर कुल 4200 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है।

ये अहमदाबाद और धोलेरा को जोड़ने तथा धोलेरा के कई विशेष निवेश क्षेत्रों को अहमदाबाद से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग के रूप में कार्य करेगा। ये एक्सप्रेसवे अहमदाबाद और धोलेरा के बीच तेज गति से यात्रा को सक्षम करेगा और यात्रा के समय को लगभग 1 घंटे (वर्तमान में 2.25 घंटे से) कम कर देगा। ये धोलेरा में हवाई अड्डे के लिए सीधी कनेक्टिविटी भी प्रदान करेगा।

ये मार्ग सरखेज को धोलेरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के माध्यम से नवगाम और धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र (एसआईआर) के पास सरदार पटेल रिंग रोड से जोड़ता है। ये एक्सप्रेस-वे अहमदाबाद और धोलेरा में औद्योगिक गतिविधियों को रफ्तार देने में भी मददगार साबित होगा।

 

Read More »

प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के कलबुरगी में नवघोषित राजस्व गांवों के लगभग पचास हजार लाभार्थियों को मालिकाना अधिकार पत्र (हक्कू पत्र) वितरित किए

प्रधानमंत्री मोदी ने कर्नाटक के नव-घोषित राजस्व गांवों के पात्र लाभार्थियों को मालिकाना अधिकार पत्र (हक्कू पत्र) वितरित किए। सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने याद किया कि जनवरी के महीने में हमारे देश का संविधान लागू हुआ था, देशवासियों को आजाद भारत में उनके अधिकार सुनिश्चित हुए थे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे पावन महीने में आज कर्नाटका की सरकार ने सामाजिक न्याय के लिए एक बहुत बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज कर्नाटका के लाखों बंजारा साथियों के लिए बहुत बड़ा दिन है, क्योंकि अभी 50 हजार से अधिक परिवारों को पहली बार उनके घर, उनकी रिहाइश का हक मिला है, हक्कू पत्र, मिला है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह ‘टांडा’ बस्तियों में रहने वाले ऐसे परिवारों के बेटे और बेटियों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करेगा और कलबुरगी, यादगिरि, रायचूर, बीदर और विजयपुरा के पांच जिलों के बंजारा समुदाय के नागरिकों को बधाई देने का अवसर है।

प्रधानमंत्री ने कर्नाटक सरकार द्वारा तीन हजार से अधिक टांडा बस्तियों को राजस्व गांवों के रूप में घोषित करने के महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी दी और श्री बसवराज बोम्मई जी और उनकी पूरी टीम को इस उल्लेखनीय कदम के लिए बधाई दी।

इस क्षेत्र और बंजारा समुदाय के साथ अपने लगाव को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समुदाय के लोगों ने अपने तरीके से राष्ट्रीय विकास में योगदान दिया है। उन्होंने उस अविस्मरणीय क्षण को याद किया जब लाखों बंजारा परिवार एक रैली के लिए आए थे, जिसमें प्रधानमंत्री ने 1994 के विधानसभा चुनावों के दौरान भाग लिया था, और उन माताओं और बहनों को भी देखा, जिन्होंने अपने पारंपरिक परिधान में उन पर अपना आशीर्वाद बरसाया था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार सुशासन और सद्भावना के उस रास्ते पर चल रही है जो भगवान बसवेश्वर ने दिखाया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान बसवेश्वरा ने अनुभव मंडपम जैसे मंच से सामाजिक न्याय का, लोकतंत्र का एक मॉडल दुनिया को दिया और समाज के भेद-भाव, हर ऊंच-नीच से ऊपर उठकर सबके सशक्तिकरण का मार्ग उन्होंने हमें दिखाया था। उन्होंने कहा, ‘भगवान बसवेश्वर के आदर्शों से प्रेरित होकर हम सभी के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि बंजारा समुदाय ने कठिन दिन देखे हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि वे सहजता और गरिमा के साथ जिएं। उन्होंने बंजारा समुदाय के युवाओं के लिए छात्रवृत्ति और आजीविका, पक्के घरों के रूप में मदद जैसे उपायों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि घुमंतू जीवन-शैली के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं का भी समाधान किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उठाए गए कदमों की सिफारिश 1993 में की गई थी, लेकिन वोट बैंक की राजनीति में इसमें देर हो गई। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लेकिन अब वह उदासीन माहौल बदल गया है।’

प्रधानमंत्री ने बंजारा समुदाय की माताओं से अपील करते हुए कहा, “चिंता मत करो! आपका एक बेटा दिल्ली से आप सबका ध्यान रख रहा है।” प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि टांडा जनजाति के आवासस्थलों को गांवों के रूप में मान्यता मिलने के बाद गांवों में बुनियादी सुविधाओं के विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि परिवार स्वतंत्र रूप से रहेंगे और उनके हक के कागजात मिलने के बाद बैंकों से ऋण लेना बहुत आसान हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार स्वामित्व योजना के माध्यम से पूरे देश में ग्रामीण घरों के लिए संपत्ति कार्ड वितरित कर रही है और अब कर्नाटक में बंजारा समुदाय भी इसका लाभ उठा सकता है। प्रधानमंत्री ने पक्के घर, शौचालय, बिजली कनेक्शन, पाइप वाले पानी के कनेक्शन और गैस कनेक्शन देने वाली पीएम आवास योजना पर प्रकाश डाला और कहा कि बंजारा समुदाय अब डबल इंजन सरकार की इन सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘झुग्गियों में रहना अब अतीत की बात हो गई है।’

प्रधानमंत्री ने बंजारा समुदाय के लिए कर्नाटक सरकार द्वारा सृजित रोजगार के अवसरों के बारे में भी बताया। चाहे वनोपज हो, सूखी लकड़ी हो, शहद हो, फल हों या ऐसे ही अन्य उत्पाद हों, ये अब आय का साधन बनते जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछली सरकारें केवल मुट्ठी भर वन उपज पर एमएसपी देती थीं, लेकिन आज यह संख्या 90 से अधिक हो गई है। उन्होंने कर्नाटक सरकार के उन फैसलों के बारे में भी बताया, जिससे बंजारा समुदाय को लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के कई दशक बाद भी आबादी का एक बड़ा हिस्सा विकास के लाभ से वंचित था और सरकारी सहायता के दायरे से बाहर था। दलितों, वंचितों, पिछड़ों, आदिवासियों, दिव्यांगों, बच्चों और महिलाओं को पहली बार उनका हक मिल रहा है। उन्हें मूलभूत सुविधाएं मिल रही हैं और वे तेजी से मिल रही हैं। श्री मोदी ने जोर देकर कहा, ‘हम लोगों को सशक्त बनाने के लिए एक स्पष्ट रणनीति के साथ काम कर रहे हैं।’

आयुष्मान भारत और मुफ्त राशन जैसी योजनाओं के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा ‘जब बुनियादी जरूरतें पूरी हो जाती हैं और गरिमा बहाल हो जाती है, तो नई आकांक्षाएं जन्म लेती हैं क्योंकि लोग रोजमर्रा की आकस्मिक जरूरतों से ऊपर उठते हैं और जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए काम करते हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि जन धन खातों ने इस उपेक्षित वर्ग को वित्तीय मुख्यधारा में ला दिया है। इसी तरह, मुद्रा योजना ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए बिना जमानत के लगभग 20 करोड़ ऋण सुनिश्चित किए, जिससे इन वर्गों के नए उद्यमियों को उभरने का अवसर मिला। उन्होंने बताया कि 70 प्रतिशत मुद्रा लाभार्थी महिलाएं हैं। स्वनिधि योजना में रेहड़ी-पटरी वालों को कॉलेटरल फ्री ऋण मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम ‘अवकाश’ के माध्यम से एक कदम आगे जा रहे हैं, जिसका अर्थ है नए अवसरों का निर्माण और वंचित वर्गों के युवाओं को नया आत्मविश्वास देना।’

प्रधानमंत्री ने समाज में महिलाओं के कल्याण के प्रति वर्तमान सरकार की संवेदनशीलता के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि महिला कल्याण के लिए संवेदनशील हमारी सरकार आज नए-नए सेक्टर्स में उनके लिए अवसर बना रही है। जनजातीय समुदायों के कल्याण के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आदिवासी कल्याण के लिए संवेदनशील हमारी सरकार आदिवासियों के योगदान, उनके गौरव को राष्ट्रीय पहचान देने का काम कर रही है। उन्होंने दिव्यांग समुदाय के विकास को सुनिश्चित करने के लिए पिछले आठ वर्षों में किए गए प्रयासों कि और भी लोगों का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि उपेक्षित वर्गों से जुड़े साथी आज पहली बार देश की अनेक संवैधानिक संस्थाओं के शीर्ष पर हैं। उन्होंने कहा कि यह वर्तमान सरकार ही थी जिसने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया, ऑल इंडिया मेडिकल कोटे में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया, केंद्र सरकार के ग्रुप सी और ग्रुप डी में साक्षात्कार की बाध्यता को समाप्त किया, और स्थानीय भारतीय भाषाओं में चिकित्सा, इंजीनियरिंग और तकनीकी विषयों को पढ़ाए जाने के लिए प्रावधान किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि कि इन कदमों के सबसे बड़े लाभार्थी हमारे गांवों के युवा और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग जैसे समुदाय के गरीब परिवार हैं।

प्रधानमंत्री ने बताया कि इस सरकार ने घुमंतू और अर्ध-घुमंतू समुदायों के लिए एक विशेष विकास और कल्याण बोर्ड की स्थापना की है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारी सरकार इन परिवारों को हर कल्याणकारी योजना से जोड़ने का काम कर रही है।’

इस बात पर जोर देते हुए कि डबल इंजन की सरकार भारत में रहने वाले हर समाज की परंपरा, संस्कृति, खान-पान और पहनावे को अपनी ताकत मानती है, प्रधानमंत्री ने कहा कि हम इस शक्ति को बचाने, इसे बनाए रखने के बहुत पक्षधर हैं। “सुहाली, लम्बानी, लम्बाडा, लबाना और बाजीगर, आप जो भी नाम लें, आप सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और जीवंत हैं, देश का गौरव हैं, देश की ताकत हैं। आपका हजारों साल का इतिहास है। इस देश के विकास में आपका योगदान है।”

अंत में, प्रधानमंत्री ने गुजरात और राजस्थान के बंजारा समुदायों और जल निकायों के निर्माण में लाखा बंजारा की भूमिका को याद किया। उन्होंने उसी बंजारा समुदाय की सेवा करने में सक्षम होने पर प्रसन्नता व्यक्त की।

इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावर चंद गहलोत, कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री भगवंत खुबा और कर्नाटक सरकार के मंत्री भी उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

सरकारी योजनाओं के शत-प्रतिशत कार्यान्वयन के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, कलबुरगी, यादगिरी, रायचूर, बीदर और विजयपुरा के पांच जिलों में लगभग 1475 गैर-रिकॉर्डेड बस्तियों को नए राजस्व गांवों के रूप में घोषित किया गया है। कलबुरगी जिले के सेदम तालुका के मलखेड गांव में, प्रधानमंत्री ने इन नए घोषित राजस्व गांवों के पात्र लाभार्थियों को मालिकाना अधिकार पत्र (हक्कू पत्र) वितरित किए। मुख्य रूप से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के हाशिए पर रहने वाले और कमजोर समुदायों के पचास हजार से अधिक लाभार्थियों को उनकी भूमि के लिए मालिकाना अधिकार पत्र जारी करना, सरकार की ओर से औपचारिक मान्यता प्रदान करने का एक कदम है, जो उन्हें पेयजल, बिजली, सड़क आदि जैसी सरकारी सेवाएं प्राप्त करने के लिए पात्र बनाएगा।

Read More »