Breaking News

54वें इफ्फी में लता मंगेशकर मेमोरियल टॉक का आरंभ

गोवा में आयोजित 54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) में एक गहन बोध वाले सत्र में फिल्म निर्माता शेखर कपूर ने “मानव रचनात्मकता बनाम कृत्रिम आसूचना” विषय पर वार्तालाप में भाग लिया। इस सत्र का संचालन सुधीर मिश्रा ने किया। इस मास्टर क्लास का आयोजन लता मंगेशकर मेमोरियल टॉक सीरिज के अंतर्गत किया गया। इसका आयोजन इफ्फी और सत्यजीत रे फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान ने संयुक्त रूप से किया।

वार्तालाप की शुरुआत करते हुए शेखर कपूर ने मानव बुद्धि के अद्वितीय गुणों पर जोर देते हुए व्यक्तियों से अपने दिल की बुद्धिमत्ता पर गर्व करने का आग्रह किया। उन्होंने मानसिक बुद्धिमत्ता से अधिक भावनात्मक बुद्धिमत्ता के महत्व पर जोर देने के लिए बॉब डायलन को उद्धृत करते हुए कहा, “मेरी सबसे अच्छी पंक्तियां उतनी ही तेजी से लिखी गईं जितनी तेजी से मेरा हाथ लिख सकता था।”

उन्होंने मानव स्वभाव को विशिष्ट बनाने वाले अंतर्ज्ञान, पसंद और सनकीपन जैसे तत्वों को रेखांकित करते हुए एआई के मानव बुद्धि पर हावी होने की धारणा पर सवाल उठाया। यद्यपि एआई संरचनाओं को तोड़ सकती है और तेजी से बदलाव ला सकती है, लेकिन कपूर ने प्राय: रचनात्मकता और परिवर्तन के साथ आने वाले अज्ञात और भय को अंगीकार करने के महत्व पर जोर दिया।

अपनी फिल्म निर्माण की यात्रा पर मंथन करते हुए कपूर ने बताया कि किस तरह अज्ञात का भय और रहस्य का विचार कलात्मक प्रयासों को प्रेरित करता है। उन्होंने कहा, “ एक ही पहाड़ पर दोबारा चढ़ना मुझे भयभीत करता है। यही कारण है कि मेरी सभी फिल्में अलग-अलग शैली की हैं।”

उन्होंने कहा  कि एआई अराजकता पैदा नहीं कर रही है, बल्कि परिवर्तन हैरतंगेज गति से आ रहा है और मनुष्य इसे संभालने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि एआई के प्रभुत्व वाली दुनिया में कलाकारों और दार्शनिकों को नेतृत्व करना चाहिए, क्योंकि वे अराजकता से सहजता से निपटने में सक्षम हैं। उन्होंने अनुचित में कारण तलाशने में कला की भूमिका पर बल देते हुए एक दार्शनिक परिप्रेक्ष्य बल दिया, जिसमें कहा गया है कि “सभी कलाएं स्वयं को तलाशने का रचनात्मक कार्य है।”

एआई को तेजी से अपनाए जाने के संबंध में कपूर ने इसकी अनिवार्यता को स्वीकार किया और समाजों को इसकी संभावनाओं पर विचार करने की आवश्यकता बतायी । उन्होंने एआई की परिवर्तनकारी प्रकृति का स्वागत करते हुए एक ऐसे भविष्य की परिकल्पना की जहां तर्क और विवेक रचनात्मकता को राह देंगे। अस्तित्व के उभरते परिदृश्य में सृजन और विनाश की चक्रीय प्रकृति पर बल देते हुए कपूर ने परिवर्तन की आवश्यकता पर गौर करते हुए अपनी बात समाप्त की।

Read More »

व्रत त्यौहार पर अवधारणाएं क्यों~प्रियांका वर्मा महेश्वरी

कुछ व्रत त्यौहार बहुत खास होते हैं और वो अपने शहरों तक ही सीमित रहते हैं लेकिन अब बहुत से व्रत त्यौहार बहुत से राज्यों में मनाये जाने लगे हैं जैसे करवा चौथ पहले कुछ शहरों तक ही सीमित था लेकिन फिल्मों के जरिए धीरे-धीरे इतना ज्यादा प्रचलित हो गया कि जगह जगह यह त्यौहार मनाया जाने लगा। मैं मेरे प्रदेश गुजरात की ही बात करती हूं कि कुछ सालों पहले तक करवा चौथ का व्रत करते कोई नहीं दिखाई देता था। हिंदी भाषी लोग ही यह व्रत करते थे लेकिन अब गुजराती महिलाएं भी यह व्रत करते हुए दिखाई दे रहीं हैं वो भी बहुत धूमधाम से। एक करवा चौथ ही नहीं हरियाली तीज भी बहुत उत्साह से मनाते हुए देखा जा सकता है। ऐसे कई त्यौहार है जो अब जाति या भाषाई महत्व को नकार कर उत्साहपूर्वक अपना रहे हैं।

हमारा आम सामाजिक जीवन इन तीज त्योहारों पर से बहुत जुड़ा हुआ है, खास तौर पर महिलाओं का। घरेलू महिलाओं की दुनिया बहुत छोटी होती है। वो घर, पति और बच्चों तक ही सीमित रहती है। ये छोटे बड़े त्यौहार ही उनके जीवन में खुशियाँ बिखेरते हैं। एक करवा चौथ ही क्यों बल्कि तीज, वटसावित्री, गणेश चतुर्थी (सकट), छठ पूजा और भी अन्य त्यौहार हैं जो बड़े उत्साह से वे मनाती आ रही हैं। पकवान बनाना, तैयार होना और अपनी संगी साथियों के साथ उत्सव मनाना उनका शगल होता है। इसी बहाने परिचितों और रिश्तेदारों के साथ वक्त भी गुजरता है। यह बात घरेलू महिलाओं पर ज्यादा लागू होती है।
बदलते समय के चलते आज महिलाएं घर से बाहर की दुनिया में लगातार कदम बढ़ाते जा रही हैं साथ ही उनके काम और जिम्मेदारी भी बढ़ती जा रही है। ऐसे समय में घर और बाहर की दोहरी भूमिका निभाते हुए इस प्रकार का पूजा पाठ करना उनके लिए संभव नहीं होता। और वो इनसे बचतीं हैं।  हालांकि इसके लिए उन्हें घर बड़े बुजुर्गों की नाराजगी उठानी पड़ती है मगर अनदेखा करने के अलावा कोई पर्याय नहीं रहता है या फिर कलह की वजह बनती हैं यह बातें। यह भी कहते सुना है कि आज मनुष्य चांद पर पहुंच गया है तो फिर इस प्रकार के व्रत के क्या मायने? बहुत सी महिलाएं ऐसे व्रत नहीं रखती हैं तो उन पर दबाव का भी कोई मतलब नहीं रहता क्योंकि मन से की गई हर चीज की खुशी मिलती है ना कि जबरदस्ती से कराये गये काम की। एक तरफ इस प्रकार का सवाल है तो दूसरी ओर पढ़ी – लिखी महिलाएं भी चांद को पूजती है, पति के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और इस प्रकार के सभी नियम पालती हैं।
मैंने देखा है कि कुछ महिलाएं अनिच्छा से इस तरह के व्रत उपवास करतीं है। परिवार और समाज के दबाव के चलते मजबूरीवश निभाती हैं इन रीति रिवाजों को।  काफी समय से चली आ रही परंपराओं को बदल पाना और लोगों को समझाना खासकर बुजुर्गों को यह बहुत मुश्किल काम है। अक्सर देखा है कि पति पत्नी के रिश्तों में कड़वाहट है, अपनापन नहीं है, सम्मान नहीं है तो ऐसे में इस प्रकार के पूजा पाठ की क्या अहमियत रह जाती है? वो इन बंधनों में इस तरह जकड़ी हुई हैं कि उन्हें इसमें से बाहर निकल पाना आसान नहीं लगता और कुछ तो खुद ही महिलाओं ने ही अपने आप को जकड़ रखा है इन रूढ़ियों में।
कहीं कहीं सकारात्मक पहलू भी दिख जाता है कि पत्नी के साथ पति भी उपवास रखते हैं। एक रंग के कपड़े पहनना, एकसाथ उपवास खोलना, साथ साथ खाना खाना। यह प्रेम है और एक दूसरे के प्रति देखभाल का नजरिया है। उपहारों का देन लेन भी महज प्रेम प्रदर्शन का जरिया मात्र है। बहुत से लोग उपहार नहीं भी देते हैं तो क्या इससे प्रेम नहीं रहता  है? यह एक मिथ्या बात है।
समाज में इन व्रत उपवासों का दूसरा पहलू भी देखने को मिलता है कि बड़े घर घरानों की महिलाओं ने इस प्रकार के व्रतों को काफी लग्जरियस त्यौहार बना दिया हुआ है। ड्रेस कोड, पूजा थाली डेकोरेशन, प्राइज , गिफ्ट्स वगैरह प्रोग्राम अरेंजमेंट और भी तरह तरह के कार्यक्रमों के जरिये यह त्यौहार मनाया जाता है।
यूं भी त्यौहार उल्लास का पर्व है ना कि बंधन और रूढ़ियों का। पकवान बनाने से लेकर सजने संवरने और हंसी ठिठोलियों के बीच त्यौहार को मनाने का आनंद कुछ और होता है। इसलिए हर त्यौहार मनाए उल्लास और आनंद के साथ। महिलाएं किटी पार्टी या गेट टू गेदर रखतीं हैं तो वो भी आनंद का एक तरीका ही है।
बदलते समय के साथ साथ इसमें भी बदलाव आने चाहिए। यदि कोई गर्भवती महिला कठोर व्रत करे उसका शरीर यह सहन नहीं कर सकेगा, एक दुधमुँहे बच्चे की भूख शांत करने के लिए मां का स्वस्थ होना जरूरी है, एक स्त्री जो दिनभर घर के काम कर रही है उसे भूख प्यास तो लगेगी ही, बाहर काम करने वाली महिलाओं को ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता है। ये व्रत उपवास स्वास्थ्य सही रखने के लिए रखे जाते हैं ना कि स्वास्थ्य खराब करने के लिए। वक्त के साथ साथ इनमें भी बदलाव आना चाहिए और सेहत को ध्यान में रखते हुए ही नियम तय करने चाहिए।
बदलाव होने चाहिए ना कि रुढ़ियों को ढोते रहना।

Read More »

एस एन सेन बी वी पी जी कॉलेज में यातायात माह संपन्न

कानपुर, भारतीय स्वरूप संवाददाता एसएन सेन बीवी पीजी कॉलेज कानपुर में आज एक माह से चल रहे यातायात माह का समापन किया गया। जिसमें पूर्व में हुई प्रतियोगिताएं 1.भाषण प्रतियोगिता में अमृता शुक्ला प्रथम स्थान ,प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता दीपिका प्रथम स्थान ,चित्रकला प्रतियोगिता श्रव्य महाजन एवं संस्कृति, रंगोली प्रतियोगिता मैं सेमी प्राचार्य एवं मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कृत किया गया। प्रशिक्षण देने आए सी तोमर जी एवं अनिल मिश्रा जी ने सभी छात्राओं को यातायात के नियमों से अवगत कराया तत्पश्चात एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया प्राचार्य महोदय ने सभी छात्राओं को मुख्य रूप से स्कूटी चलाने वाली छात्रों को हेलम टी की उपयोगिता समझते हुए ओवरटेक की विस्तार से जानकारी दी।के. ममता अग्रवाल मुख्य कुलानुशासिका जी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम संयोजिका डॉक्टर प्रीति पांडे ने पूरे कार्यक्रम को संचालित किया। कार्यक्रम में प्रो. प्रकाश ,डॉ किरण , डॉ प्रीति सिंह , डॉमीनाक्षी व्यास डॉ रेखा चौबे आदि अध्यापिकाएं उपस्थित रही।

Read More »

एनसीसी के 76वें स्थापना दिवस के अवसर पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बालिका महाविद्यालय में एनसीसी के 76वें स्थापना दिवस (26 नवंबर,2023, नवंबर माह के अंतिम रविवार) के उपलक्ष्य में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में एनसीसी से संबंधित व समसामयिकी विषयों से जुड़े प्रश्नों का उत्तर प्रतिभागियों द्वारा दिया गया। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान- कैडेट राशि गुप्ता, द्वितीय स्थान- कैडेट प्रिया दुबे, तृतीय स्थान- कैडेट प्रियंका कुमारी ने प्राप्त किया। इस अवसर पर एनसीसी प्रभारी प्रीति यादव ने छात्राओं से एनसीसी दिवस की उपयोगिता, एनसीसी के माध्यम से राष्ट्र निर्माण, समाज कल्याण व कैडेट्स के व्यक्तित्व विकास में योगदान पर चर्चा की गई।इस अवसर पर एनसीसी कैडेट्स की प्रतियोगिता में सहभागिता सराहनीय रही।

Read More »

चुनाव की घोषणा के बाद से पांच चुनावी राज्यों में 1760 करोड़ रुपये से अधिक की रकम व सामान पकड़े जाने की सूचना

भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के लगातार प्रयासों की बदौलत पांच चुनावी राज्यों मिजोरम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में बरामदगी में महत्वपूर्ण और अभूतपूर्व तेजी देखी गई है। चुनाव की घोषणा के बाद से पांच चुनावी राज्यों में 1760 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती की सूचना मिली है, जो 2018 में इन राज्यों में पिछले विधानसभा चुनावों में की गई बरामदगी से सात गुना (239.15 करोड़ रुपये) अधिक है। पांच राज्यों में चल रहे चुनावों और पिछले कुछ राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान जब्ती के आंकड़े प्रलोभनों की निगरानी करने और समान अवसर के लिए चुनावी बेईमानी को रोकने के हवाले से मजबूत उपायों को लागू करके स्वतंत्र, निष्पक्ष और प्रलोभन मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए ईसीआई की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। याद रहे कि गुजरात, हिमाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, त्रिपुरा और कर्नाटक में पिछले छह राज्य विधानसभा चुनावों में 1400 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती की गई थी, जो इन राज्यों में पिछले विधानसभा चुनावों की तुलना में 11 गुना अधिक है।

इस बार आयोग ने इलेक्शन एक्सपेंडिचर मॉनिटरिंग सिस्टम (ईएसएमएस) के माध्यम से निगरानी प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी को भी शामिल किया है, जो बहुत सहायक साबित हो रहा है, क्योंकि यह बेहतर समन्वय और खुफिया जानकारी साझा करने के लिए केंद्र और राज्य प्रवर्तन एजेंसियों की एक विस्तृत श्रृंखला को एक साथ जोड़ता है।

चुनाव वाले राज्यों से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, चुनावों की घोषणा के बाद और 20.11.2023* की स्थिति के अनुसार निम्नलिखित जब्ती की गई है-

 

राज्य नकद (करोड़ रुपये) शराब (करोड़ रुपये) मादक पदार्थ (करोड़ रुपये) कीमती धातुएं (करोड़ रुपये) मुफ्त और अन्य वस्तुएं (करोड़ रुपये) योग (करोड़ रुपये)
छत्तीसगढ़ 20.77 2.16 4.55 22.76 26.68 76.9
मध्य प्रदेश 33.72 69.85 15.53 84.1 120.53 323.7
मिजोरम 0 4.67 29.82 0 15.16 49.6
राजस्थान 93.17 51.29 91.71 73.36 341.24 650.7
तेलंगाना 225.23 86.82 103.74 191.02 52.41 659.2
कुल (करोड़ रुपये) 372.9 214.8 245.3 371.2 556.02 ~ 1760
इन 5 राज्यों में 2018 विधानसभा चुनावों के दौरान जब्ती के आंकड़ों की तुलना में 636% की वृद्धि

* आंकड़े राउंड फिगर में हैं

पिछले राज्य विधानसभा चुनावों में की गई बरामदगी:

राज्य का नाम वर्ष 2017-18 में चुनाव के दौरान की गई कुल जब्ती (करोड़) वर्ष 2022-23 में चुनाव के दौरान की गई कुल जब्ती (करोड़) जब्ती में प्रतिशत की वृद्धि
हिमाचल प्रदेश 9.03 57.24 533.89
गुजरात 27.21 801.851 2846.90
त्रिपुरा 1.79 45.44 2438.55
नगालैंड 4.3 50.02 1063.26
मेघालय 1.16 74.18 6294.8
कर्नाटक 83.93 384.46 358.07
कुल 127.416 1413.191 1009.12

ईएसएमएस एक ऐसा प्रयास है, जिसका उद्देश्य प्रवर्तन एजेंसियों के माध्यम से अन्य संबंधित एजेंसियों को सूचना का त्वरित आदान-प्रदान करना है। ईएसएमएस चुनाव व्यय निगरानी प्रक्रिया में शामिल कई प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सीईओ और डीईओ स्तर पर आसान समन्वय प्रदान करता है। मंच वास्तविक समय की रिपोर्टिंग की सुविधा प्रदान करता है, विभिन्न एजेंसियों से रिपोर्ट एकत्र करने और संकलित करने और बेहतर समन्वय में समय बचाता है। चुनाव वाले राज्यों से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, यह आंतरिक ऐप अच्छी तरह से काम कर रहा है और चुनाव व्यय निगरानी प्रक्रिया में मदद कर रहा है।

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में निर्मित जब्त शराब

राजस्थान निर्मित जब्त शराब

निगरानी प्रक्रिया जून और अगस्त के बीच चुनाव वाले राज्यों में वरिष्ठ डीईसी/डीईसी की अध्यक्षता में टीमों के दौरे के साथ शुरू हुई, जिसमें भाग लेने वाले मैदानी स्तर पर सक्रिय बलों को व्यय निगरानी के महत्व के बारे में संवेदनशील बनाने तथा चुनावों की तैयारी के लिए उनके इनपुट की समीक्षा करने के उद्देश्य से प्रवर्तन एजेंसियों और जिलों के साथ चर्चा  की गई। इसके बाद, आयोग ने इन राज्यों में समीक्षा के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए प्रलोभनों के प्रवाह को रोकने और प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा बहु-स्तरीय कार्रवाई पर जीरो-टॉलरेंस दृष्टिकोण पर जोर दिया, जो इन राज्यों में जब्ती में वृद्धि में परिलक्षित होता है। इन दौरों के दिन से, प्रवर्तन एजेंसियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी और जब तक चुनावों की घोषणा की गई, तब तक वे पहले ही 576.20 करोड़ रुपये की जब्ती की सूचना दे चुके थे।

आयोग ने चुनाव वाले राज्यों और उनके संबंधित पड़ोसी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों, आबकारी आयुक्तों, महानिदेशक (आयकर) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा भी की।

आईआरएस, आईसी एंड सीईएस, आईआरएएस, आईडीएएस और अन्य केंद्र सरकार की सेवाओं के 228 अनुभवी अधिकारियों को व्यय पर्यवेक्षकों के रूप में तैनात किया गया है। कड़ी निगरानी के लिए, 194 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों को व्यय संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया गया है। यह भी सुनिश्चित किया गया है कि निगरानी प्रक्रिया में फील्ड स्तर की टीमों की पर्याप्त उपलब्धता हो और धन-बल के खतरे से निपटने के लिए डीईओ/एसपी और प्रवर्तन एजेंसियों के साथ नियमित फॉलो-अप किया जाए। चुनाव वाले राज्यों में चल रहे चुनावों के पूरा होने तक कड़ी निगरानी के प्रयास जारी रहेंगे और जब्ती के आंकड़ों में और वृद्धि होने की उम्मीद है।

Read More »

सीजीएसटी दिल्ली पूर्वी ने “ऑपरेशन क्लीन स्वीप” के तहत 199 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जी आईटीसी का लाभ उठाने वाली 48 फर्जी फर्मों के एक सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया, 3 गिरफ्तार

केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) दिल्ली पूर्वी आयुक्तालय (कमिश्नरेट) ने “ऑपरेशन क्लीन स्वीप” के तहत 199 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जी आईटीसी का लाभ उठाने वाली 48 एक-दूसरे से जुड़े फर्जी फर्मों के एक सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। सीजीएसटी दिल्ली पूर्वी ने एकत्रित मानव आधारित खुफिया जानकारी के आधार पर फर्जी बिलर्स के खिलाफ समन्वित रूप से “ऑपरेशन क्लीन स्वीप” शुरू किया, जिसे जमीनी खुफिया जानकारी की सहायता के साथ डेटा माइनिंग और डेटा एनालिसिस के माध्यम से आगे बढ़ाया गया।

इस अभियान के पहले चरण में, कुल 48 नकली/फर्जी फर्मों की पहचान की गई है, जो या तो अस्तित्व में नहीं हैं या फिर कागजी फर्में हैं। ये फर्में फर्जी चालान का काम कर रही थीं। ऐसे चालान वस्तुओं या सेवाओं की वास्तविक आपूर्ति के बिना बनाए गए थे, जो जीएसटी कानून के तहत एक अपराध है। तीन लोगों को पकड़ लिया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट, पटियाला हाउस द्वारा दो सप्ताह के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस सिंडिकेट के अन्य सदस्यों और सरगनाओं की पहचान कर ली गई है और आगे की जांच की जा रही है।

पकड़े गए व्यक्तियों में से एक, जोकि मेसर्स एम.के. ट्रेडर्स का मालिक था, पांच करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी वाली आईटीसी का लाभ उठाने के कार्य में लिप्त पाया गया, जिसका बड़ा हिस्सा अन्य जुड़े लिंकों को दे दिया गया था। पकड़े गए अन्य दो व्यक्ति इस सिंडिकेट को सहायता व बढ़ावा दे रहे थे और सिंडिकेट के कामकाज में सहायक थे। इस अभियान के दौरान 55 अलग-अलग फर्मों से संबंधित टिकट, कई सिम कार्ड एवं आधार कार्ड जैसे दस्तावेज और तीसरे पक्ष से संबंधित बिजली बिल सहित आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई।

यह पूरा अभियान दुर्गम इलाके में चलाया गया, जिसमें दिल्ली की संकरी गलियां और संवेदनशील इलाके शामिल थे। यह अभियान केवल दिल्ली पुलिस के सौहार्दपूर्ण सहयोग के कारण संभव हुआ, जिसने जीएसटी अधिकारियों की सहायता के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया था। इस मामले में आगे की जांच जारी है।

Read More »

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने 54वें इफ्फी के अंतर्गत वीएफएक्स और टेक पवेलियन का उद्घाटन किया

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री  अनुराग ठाकुर ने आज गोवा में 54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के अंतर्गत वीएफएक्स और टेक पवेलियन का उद्घाटन किया। इफ्फी में एनएफडीसी द्वारा फिल्म बाजार के इतिहास में पहली बार स्थापित, वीएफएक्स और टेक पवेलियन एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, वर्चुअल रियलिटी और सीजीआई के क्षेत्र में फिल्म निर्माण तकनीक में कुछ सबसे गतिशील, गहन और अत्याधुनिक प्रगति का प्रदर्शन करेगा।

ठाकुर ने सिने संग्रहालय, अमेजॉन प्राइम और नेटफ्लिक्स के व्यूइंग ज़ोन आदि सहित पवेलियन के विभिन्न खंडों का उद्घाटन और निरीक्षण किया। ठाकुर ने सोनी के फुल फ्रेम सिनेमा लाइन कैमरों के उपयोग को देखा-समझा और 75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो पहल के तहत चुने गए युवा फिल्म निर्माताओं के साथ बातचीत की। उन्होंने टेक पवेलियन के बुक टू बॉक्स खंड के तहत चयनित लेखकों के साथ भी बातचीत की।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री फुल फ्रेम सिने कैमरे के उपयोग को देखते-समझते हुए

ठाकुर ने कहा कि 10वीं से 5वीं सबसे बड़ी मीडिया और मनोरंजन अर्थव्यवस्था बनने तक की भारत की प्रगति अभूतपूर्व रही है। उन्होंने कहा, ”देश में निर्मित फिल्म और मीडिया सामग्री की प्रतिभा और मात्रा को देखते हुए, भारत जल्द ही दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मीडिया और मनोरंजन उद्योग बन जाएगा।”

ठाकुर ने कहा कि भारत फिल्म निर्माण के नए तकनीकी हस्तक्षेप और नवाचारों को अपना रहा है। उन्होंने कहा, ”हमारे युवाओं और बच्चों की प्रतिभा और हमारे उद्योग जगत के अग्रणी लोगों के नवाचार द्वारा समर्थित फिल्म शूटिंग और पोस्ट प्रोडक्शन की बदौलत भारत सबसे अधिक मांग वाला गंतव्य है।”

नए तकनीकी हस्तक्षेपों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए  ठाकुर ने कहा, ”भारत कहानी सुनाने वालों का देश है और लोग गहन, रचनात्मक और मौलिक सामग्री पसंद करते हैं और उसका लुत्फ उठाते हैं।” श्री ठाकुर ने कहा कि सामग्री का सृजन करने वालों को मनोरंजन के साथ-साथ दर्शकों को सूचित करने और शिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए मीडिया और फिल्म निर्माण के क्षेत्र में निरंतर विकसित हो रही प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहिए।

ठाकुर ने कहा, ”भारत पोस्ट-प्रोडक्शन का केंद्र है। उन्होंने कहा कि नव स्थापित वीएफएक्स और टेक पवेलियन फिल्म निर्माण के क्षेत्र में पोस्ट-प्रोडक्शन को और अधिक बढ़ावा देंगे।”

रचनात्मक और एआई क्षेत्रों के विशेषज्ञ आभासी दुनिया तैयार करके, बुद्धिमान पात्रों का सृजन करके और दृश्यों की हद से पार जाने के लिए व्यक्तिगत अनुभव साझा करके फिल्म निर्माण में संभावनाओं और प्रगति की संभावनाओं का द्वार खोलेंगे।

इस वर्ष के भाग लेने वाले कुछ सम्मानित ब्रांडों  में गूगल आर्ट्स एंड कल्चर, नेटफ्लिक्स, और अमेजॉन  शामिल हैं।

इस अवसर ठाकुर के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में अपर सचिव सुश्री नीरजा शेखर; और पृथुल कुमार, संयुक्त सचिव (फिल्म), सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और एमडी, एनएफडीसी भी मौजूद थे।

Read More »

राष्ट्रपति ने बादामपहाड़ रेलवे स्टेशन से तीन नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया; नए रायरंगपुर डाक मंडल का उद्घाटन किया; रायरंगपुर डाक प्रभाग का स्मारक विशेष कवर जारी किया; और बादामपहाड़ रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखी

 महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (21 नवंबर, 2023) बादामपहाड़ रेलवे स्टेशन, ओडिशा से तीन नई ट्रेनों यथा -बादामपहाड़-टाटानगर एमईएमयू;  बादामपहाड़-राउरकेला वीकली एक्सप्रेस; और बादामपहाड़-शालीमार वीकली एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने आभासी रूप से नए रायरंगपुर डाक डिवीजन का उद्घाटन किया; रायरंगपुर डाक डिवीजन का स्मारक विशेष कवर जारी किया; और इस अवसर पर बादामपहाड़ रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला भी रखी।

इस अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी क्षेत्र का विकास उस क्षेत्र की कनेक्टिविटी पर निर्भर करता है। चाहे रेल हो, सड़क हो या डाक सेवाएं हों- ये सभी सेवाएं लोगों के जीवन को सुगम बनाती हैं। उन्होंने कहा कि आज शुरू की गई तीन ट्रेनें स्थानीय लोगों को झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे पड़ोसी राज्यों की यात्रा करने में मदद करेंगी। उन्होंने कहा कि ओडिशा के औद्योगिक शहर राउरकेला जाने में भी लोगों को कोई असुविधा नहीं होगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि सेल फोन और कूरियर सेवाओं के बढ़ते चलन के बावजूद, भारतीय डाक की प्रासंगिकता नहीं खोई है। रायरंगपुर में नए डाक डिवीजन का उद्घाटन इस क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस क्षेत्र के लोगों को अब डाक सेवाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि केंद्र सरकार जनजातीय समुदायों के विकास के लिए विभिन्न कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2013-14 के बजट की तुलना में इसके लिए मौजूदा बजट में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि जनजातीय लोगों के विकास के बिना समावेशी विकास अधूरा है, इसीलिए सरकार जनजातीय समुदायों के विकास को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने जनजातीय युवाओं से सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आत्म विकास के लिए व्यक्ति का प्रयास भी आवश्यक है। इसलिए युवाओं को अपने जीवन में आगे बढ़ने का प्रयास करते रहना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने पीवीटीजी के विकास के लिए इस वर्ष जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर पीएम जनमन (पीएम-जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान) शुरू किया है। उन्होंने कहा कि जनजातीय भाई-बहनों की प्रगति की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह पहल इस अमृत काल में लोगों को विकास से जोड़ेगी और विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद करेगी।

कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति ने बादामपहाड़-शालीमार एक्सप्रेस में बादामपहाड़ से रायरंगपुर तक की यात्रा की।

Read More »

स्वीप कार्यक्रम के अंतर्गत मतदाता शपथ एवं रैली आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च डिग्री कॉलेज , कानपुर द्वारा जिलाधिकारी महोदय/ जिला निर्वाचन अधिकारी कानपुर के निर्देशानुसार स्वीप कार्यक्रम के अंतर्गत मतदाता शपथ एवम रैली का आयोजन किया गया ।इसकी शुरुआत कॉलेज के प्राचार्य प्रो. जोज़ेफ डेनियल ने कॉलेज परिसर में मतदान शपथ ग्रहण के द्वारा किया गया ,और इसके साथ ही रैली का भव्य आयोजन भी किया गया जिससे अधिक से अधिक मतदान कर एक लोकतांत्रिक शक्तिशाली देश का निर्माण किया जा सके। उक्त कार्यक्रम मे कॉलेज के लगभग 150 से अधिक छात्र/छात्राओं एवॉम् एनसीसी, एनएसएस की यूनिट ने प्रतिभाग किया । रैली का आयोजन कालेज परिसर से होते हुए बड़े चौराहा और शिवाला मार्ग होते हुए कालेज मे आकर समाप्त हुआ। मतदाता रैली में मतदाता पंजीकरण केंद्र प्रभारी प्रो. सुनीता वर्मा , स्वीप नोडल अधिकारी डा आशीष कुमार दुबे, तथा सुपरवाइजर एस एस राजपूत , कॉलेज अध्यापकगण एवम कर्मचारीगण आदि उपस्थित रहे।

Read More »

“स्वीप-मतदाता जागरूकता अभियान” के अंतर्गत ऐस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज मतदाता केंद्र पर नुक्कड़ नाटक आयोजित

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित “स्वीप-मतदाता जागरूकता अभियान” के अंतर्गत ऐस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज मतदाता केंद्र पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया, जिसमे महाविद्यालय की तीनों इकाइयों – एन. एस. एस., एन. सी. सी. एवम रेंजर्स रोवर्स की छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक के मंधन द्वारा मतदाता जागरूकता के विषय में संदेश प्रसारित किया।
इससे पूर्व कार्यक्रम का सुभारंभ महाविद्यालय की प्रधानाचार्य प्रोo सुमन एवम कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रोली सचान, सोशल उद्यमी ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
प्राचार्या ने छात्राओं को मतदाता जागरूकता के लिए आवश्यक निर्देश दिए तथा नुक्कड़ नाटक के सफल मानधन के लिए छात्राओं की प्रशंसा की। मुख्य अतिथि ने मतदाता अभियान में एन. एस. एस. वालंटियर तनु सिंह को कैंपस एंबेसडर नियुक्ति की तथा उन्हें स्वीप-नोडल अधिकारी कैप्टन ममता अग्रवाल एवम मतदान केंद्र प्रभारी प्रोo चित्रा सिंह तोमर, एन. एस. एस. प्रोग्राम ऑफिसर के द्वारा उनके कार्यों से अवगत कराया गया। प्राचार्या प्रोo सुमन ने प्रतिभागी छात्राओं को पुरुस्कार देकर उनका उत्साह वर्धन किया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय की सभी शिक्षिकाएं, शिकनेतर कर्मचारी एवम बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीं।

Read More »