Breaking News

एक राष्ट्र एक चुनाव पर उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) की  5वीं बैठक हुई

भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में एक राष्ट्र एक चुनाव पर उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) ने आज जोधपुर ऑफिसर्स हॉस्टल नई दिल्ली में अपने कार्यालय में अपनी पांचवीं बैठक की। बैठक में 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री एन.के. सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ. सुभाष सी. कश्यप और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त श्री संजय कोठारी ने भाग लिया।

भारतीय उद्योग परिसंघ (कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्रीज-सीआईआई) के प्रतिनिधिमंडल में महा निदेशक  श्री चंद्रजीत बनर्जी, महानिदेशक, अध्यक्ष श्री आर दिनेश, अध्यक्ष, नामित अध्यक्ष श्री संजीव पुरी,, उप महानिदेशक श्री मारुत सेन गुप्ता, उप महानिदेशक,  सुश्री अमिता सरकार, कार्यकारी निदेशक, श्री बिनॉय जॉब शामिल थे। मुख्य आर्थिक रणनीति और परियोजना समन्वय श्री जी श्रीवास्तव ने समिति के समक्ष एक प्रस्तुति दी जिसमें एक राष्ट्र एक चुनाव (वन नेशन वन इलेक्शन –ओएनओई) और इसके प्रभाव पर उद्योग के विचारों पर प्रकाश डाला गया, जिसके बाद उन्होंने एक औपचारिक ज्ञापन प्रस्तुत किया।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/ChairmanHLCwithmembersofHAMparty7FJ7.jpg

उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) के अध्यक्ष श्री कोविंद ने आज बिहार सरकार के मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार सुमन के साथ भी बातचीत की, जिन्होंने एक साथ चुनाव कराने पर अपनी पार्टी का विचार प्रस्तुत किया।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/ChairmanHLCwithdelegationofCII4CA7.jpg

कल 1 फरवरी को संपन्न अपनी बैठकों में श्री कोविंद ने राजनीतिक दलों के साथ उनके परामर्श, के एक अंग के रूप में सांसद श्री राहुल शेवाले, लोकसभा में शिवसेना पार्टी के नेता (एकनाथ संभाजी शिंदे), सांसद श्री राजेंद्र गावित, सांसद श्री श्रीरंग बार्ने और श्री आशीष कुलकर्णी के साथ बातचीत की।  जिन्होंने इस विषय पर अपनी सुविचारित राय दी।

 

Read More »

फेम इंडिया योजना के चरण-II के तहत 13,41,459 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पर इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को 5,790 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई

हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों का तीव्र अंगीकरण और विनिर्माण (फेम) योजना के चरण-II के तहत बजटीय आवंटन और धनराशि के परिव्यय का विवरण निम्नलिखित है:

क्रम संख्या वित्तीय वर्ष बजट आवंटन धनराशि का उपयोग (31.01.2024 की स्थिति के अनुसार)
1 2019-20 500 करोड़ रुपये 500 करोड़ रुपये
2 2020-21 318.36 करोड़ रुपये 318.36 करोड़ रुपये
3 2021-22 800 करोड़ रुपये 800 करोड़ रुपये
4 2022-23 2897.84 करोड़ रुपये 2402.51 करोड़ रुपये
5 2023-24 5171.97 करोड़ रुपये 1980.83 करोड़ रुपये

 

भारी उद्योग मंत्रालय ने 25 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 68 शहरों में 2,877 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन की मंजूरी दी है। इन चार्जिंग स्टेशनों में से 148 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण किया जा चुका है और इनका परिचालन किया जा रहा है।

इसके अलावा भारी उद्योग मंत्रालय ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की तीन तेल विपणन कंपनियों को 7,432 इलेक्ट्रिक वाहन सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए पूंजीगत सब्सिडी के रूप में 800 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।

31 जनवरी, 2024 की स्थिति के अनुसार फेम इंडिया योजना के चरण-II के तहत इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं को 13,41,459 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पर 5790 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है। (31 जनवरी, 2024 की स्थिति के अनुसार फेम-II पोर्टल पर दावाकृत इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नीचे दिए गए ब्यौरे के अनुसार)

क्रम संख्या वाहन का प्रकार कुल वाहन संख्या
1 दोपहिया 11,85,829
2 तिपहिया 1,38,639
3 चौपहिया 16,991
  कुल 13,41,459

इसेक अलावा भारी उद्योग मंत्रालय ने शहर के भीतर परिचालन के उद्देश्य से विभिन्न शहरों/एसटीयू/राज्य सरकार की इकाइयों के लिए 6862 इलेक्ट्रिक बसों को मंजूरी दी है। 29 नवंबर, 2023 की स्थिति के अनुसार इन 6,862 ई-बसों में से 3487 बसों की आपूर्ति एसटीयू को की जा चुकी है।

यह जानकारी भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर ने आज राज्य सभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी।

Read More »

सरकार ने तमिलनाडु के समुद्र तट पर 4 गीगावॉट अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं

भारत सरकार ने 4 गीगावॉट की कुल क्षमता की समुद्र तट पर पवन ऊर्जा के विकास के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से तमिलनाडु के समुद्र तट पर अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए खुली पहुंच के आधार पर प्रत्येक 1 गीगावॉट के चार खंडों के लिए आमंत्रित बोलियां हैं। इस व्यवस्था के अंतर्गत, प्रत्येक खंड के लिए बोली जीतने वाले डेवलपर्स 1 गीगावॉट अपतटीय पवन ऊर्जा क्षमता स्थापित करेंगे और ओपन एक्सेस व्यवस्था के अंतर्गत सीधे उपभोक्ताओं को बिजली बेचेंगे। ओपन एक्सेस बोलियों के अंतर्गत कोई व्यवहार्यता गैप फंडिंग (वीजीएफ) नहीं दी जाती है और उत्पन्न नवीकरणीय ऊर्जा उद्योगों जैसी संस्थाओं को बेची जाएगी जो वर्तमान में उच्च-टैरिफ बैंड में हैं।

अपतटीय पवन के अनेक लाभ हैं। यह भूमि की उपलब्धता की बाधाओं को दूर करता है; इसमें उच्च क्षमता उपयोग फ़ंक्शन (सीयूएफ) है – जो लगभग 50 प्रतिशत है। इसके अलावा, अपतटीय पवन टर्बाइनों की क्षमताएं ऑन-शोर पवन टर्बाइनों की तुलना में अधिक हैं; प्रत्येक टरबाइन 15 मेगावाट की है।

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत भारत सरकार के उपक्रम सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेकी) के माध्यम से ऑफ-शोर पवन ऊर्जा बोलियां आमंत्रित की गई हैं। सभी आवश्यक पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करने के बाद बोलियां आमंत्रित की जा रही हैं। निविदा आमंत्रण सूचना यहाँ पर प्राप्त की जा सकती है।

भारत पहले ही नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व के रूप में उभरा है। यह कदम भारत की नवीकरणीय ऊर्जा यात्रा को एक और आयाम में ले जाएगा।

Read More »

रेल स्टेशनों पर भीड़भाड़ के कारण होने वाली भगदड़ और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय रेल के उठाए गए कदम

भारतीय रेल ने यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने और अतिरिक्त स्थान प्रदान करने के लिए नई सेवाएं शुरू करने के साथ उनका विस्तार किया है, उनकी उपलब्धता और सवारी डिब्बों की संख्या में बढ़ोतरी की जाती है, जो परिचालन संबंधित व्यवहार्यता, संसाधनों की उपलब्धता, प्रतिस्पर्धी मांगों आदि के अधीन संचालित प्रक्रियाएं हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान आरंभिक आधार पर यात्रियों की संख्या 639 करोड़ है।

इसके अलावा त्यौहारों के मौसम और छुट्टियों आदि के दौरान यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ की जरूरतों पूरा करने के लिए विशेष ट्रेनों का परिचालन व इनकी संख्या में अस्थायी बढ़ोतरी भी की जाती है।

भारतीय रेल ने स्टेशनों पर अधिक भीड़ के कारण होने वाली भगदड़ और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए हैं:-

  1. भीड़ प्रबंधन के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कर्मियों को वाणिज्यिक विभाग और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के साथ समन्वय से स्टेशनों व रेल परिसरों में तैनात किया गया है।
  2. आरपीएफ की ओर से त्यौहारों के मौसम के दौरान ट्रेनों के लगने से पहले प्लेटफार्म पर यात्रियों की कतार बनाकर अनारक्षित कोचों में यात्रियों के व्यवस्थित प्रवेश के लिए हरसंभव प्रयास किए जाते हैं।
  3. भीड़ नियंत्रण के लिए सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली के माध्यम से बार-बार उद्घोषणा की जाती हैं।
  4. यात्रियों के आवागमन को व्यवस्थित करने के लिए जीआरपी के समन्वय से आरपीएफ कर्मियों द्वारा फुट ओवर ब्रिज, प्रवेश और निकास द्वारों, प्लेटफॉर्मों पर सुरक्षा प्रदान की जाती है।
  5. भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों की निगरानी और संभावित भीड़ के आवागमन की सूचना स्टेशन परिसर में तैनात कर्मियों को देने के लिए क्लोज्ड सर्किट टेलिविजन (सीसीटीवी) निगरानी कमरों में प्रशिक्षित रेल सुरक्षा बल के कर्मियों की तैनाती की गई है।
  6. रेलवे सुरक्षा विशेष बल (आरपीएसएफ) बटालियनों से सुरक्षा कर्मियों की अतिरिक्त जनशक्ति उपलब्ध कराई जाती है।
  7. सादे कपड़ों में कर्मियों को तैनात कर आपराधिक गतिविधियों पर निगरानी और सतर्कता सुनिश्चित की जाती है।

31 मार्च, 2023 की स्थिति के अनुरूप परिचालन के लिए 65301 सवारी डिब्बे उपलब्ध हैं।

कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए भारतीय रेल ने 23 मार्च, 2020 से सभी नियमित यात्री रेलगाड़ियों को बंद कर दिया था और केवल विशेष रेलगाड़ी सेवाएं चलाई जा रही थीं। इस दौरान भारतीय रेल ने आईआईटी बॉम्बे की सहायता से समय-सारणी का एक वैज्ञानिक विधि से युक्तिकरण किया था। इस अभ्यास को अन्य बातों के साथ-साथ अनुरक्षण गलियारा ब्लॉकों का सृजन करके बेहतर यात्री सुरक्षा उपलब्ध कराने, मौजूदा समय-सारणी में विरोधाभासों को न्यूनतम करने, जिसमें अन्य बातों के साथ- साथ यात्री सेवाओं को मेल/एक्सप्रेस सेवाओं परिवर्तित करना शामिल है, शुरू किया गया। नवंबर, 2021 से मेल/एक्सप्रेस सेवाओं को परिवर्तित समय-सारणी और नियमित गाड़ी संख्या के साथ-साथ परिचालित किया जा रहा है।

यह जानकारी रेल, संचार व इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज राज्य सभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी।

Read More »

अमृत ​​भारत स्टेशन योजना के तहत विकास/पुनर्विकास के लिए 1318 स्टेशनों की पहचान की गई है

रेल मंत्रालय ने भारतीय रेलवे पर स्टेशनों के विकास के लिए ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ शुरू की है। यह योजना दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ निरंतर आधार पर स्टेशनों के विकास की परिकल्पना करती है। इसमें ऐसे प्रत्येक स्टेशन पर आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए स्टेशन पहुंच, सर्कुलेटिंग एरिया, वेटिंग हॉल, शौचालय, आवश्यकतानुसार लिफ्ट/एस्केलेटर, स्वच्छता, मुफ्त वाई-फाई, ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ जैसी योजनाओं के माध्यम से स्थानीय उत्पादों के लिए कियोस्क जैसी सुविधाओं में सुधार, बेहतर यात्री सूचना प्रणाली, कार्यकारी लाउंज, व्यावसायिक बैठकों के लिए नामांकित स्थान, भूनिर्माण आदि के लिए मास्टर प्लान तैयार करना और चरणों में उनका कार्यान्वयन शामिल है।

इस योजना में इमारतों के सुधार, शहर के दोनों किनारों के साथ स्टेशन को एकीकृत करने, मल्टीमॉडल एकीकरण, ‘दिव्यांगजनों’ के लिए सुविधाएं, टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल समाधान, गिट्टी रहित ट्रैक का प्रावधान, आवश्यकता के अनुसार ‘रूफ प्लाजा’, लंबी अवधि में स्टेशन पर चरणबद्धता और व्यवहार्यता और सिटी सेंटरों के निर्माण की भी परिकल्पना की गई है।

इस योजना के तहत अब तक विकास/पुनर्विकास के लिए 1318 स्टेशनों की पहचान की गई है। भारतीय रेलवे पर ‘आदर्श स्टेशन योजना’ के तहत 1251 स्टेशनों का विकास किया गया है।

स्टेशनों के विकास और रखरखाव के लिए आवंटन और व्यय का विवरण क्षेत्रीय रेलवे-वार रखा जाता है, न कि राज्य-वार या स्टेशन-वार या योजना-वार। स्टेशनों के विकास और यात्री सुविधाओं के प्रावधान को आम तौर पर योजना शीर्ष – 53 ‘ग्राहक सुविधाएं’ के तहत वित्त पोषित किया जाता है। 02 क्षेत्रीय रेलवे हैं, अर्थात, उत्तर रेलवे (एनआर) और उत्तर पश्चिम रेलवे (एनडब्ल्यूआर) जो पंजाब राज्य को सेवाएं प्रदान करते हैं। वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के दौरान योजना शीर्ष-53 के तहत कुल ₹ 1148.74 करोड़ व्यय किए गए हैं और चालू वर्ष का कुल आवंटन ₹ 2613.36 करोड़ है।

‘रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण सहित यात्री सुविधाओं’ पर रेलवे पर स्थायी समिति (17वीं लोकसभा) की छठी रिपोर्ट में निहित सिफारिशों के कार्यान्वयन की स्थिति 08.03.2021 को संसद के दोनों सदनों के पटल पर रखी गई है।

यह जानकारी रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

Read More »

देश में डिफेंस इकोसिस्टम

सरकार ने देश के रक्षा इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए विभिन्न कार्य योजनाएं बनाई हैं। सार्वजनिक और निजी दोनों भारतीय उद्योगों को रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 (डीएपी-2020) के अध्याय-III में निर्धारित ‘मेक प्रोसीजर’ के तहत रक्षा प्रणालियों के डिजाइन, विकास और निर्माण में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिसमें प्रोटोटाइप विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के प्रावधान भी शामिल हैं।

पूर्वनिर्धारित वित्तीय और गुणवत्ता प्रमाण-पत्र वाली फर्मों को ग्रीन चैनल का दर्जा देने के लिए रक्षा भंडार और पुर्जों की खरीद के लिए एक ग्रीन चैनल नीति शुरू की गई है। ग्रीन चैनल सर्टिफिकेट का अनुदान रक्षा मंत्रालय के तहत विभिन्न खरीद एजेंसियों द्वारा संपन्न अनुबंधों के तहत आपूर्तिकर्ता की गारंटी/वारंटी के तहत भंडार के प्री-डिस्पैच निरीक्षण और स्वीकृति की छूट प्रदान करता है। रक्षा उद्योगों के लिए निवेश आकर्षित करने, घरेलू आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने और देश में डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग ईकोसिस्टम को मजबूत करने के उद्देश्य से दो डिफेंस इंडस्ट्रियल कोरिडोर (डीआईसी) – उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कोरिडोर (यूपीडीआईसी) और तमिलनाडु डिफेंस इंडस्ट्रियल कोरिडोर (टीएनडीआईसी) स्थापित किए गए हैं। ।

घरेलू रक्षा और एयरोस्पेस मैन्युफेक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम शुरू की गई है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य सरकारी सहायता के लिए एक सामान्य परीक्षण सुविधा के रूप में ग्रीनफील्ड डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करना है, जिसके तहत देश में रक्षा परीक्षण बुनियादी ढांचे में कमियों को कम करने के लिए एमएसएमई और स्टार्ट-अप की भागीदारी पर विशेष ध्यान देने के साथ स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देना है।

इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सिलेंस (आईडेक्स) को स्टार्ट-अप और एमएसएमई को इनोवेशन करने, प्रौद्योगिकियों को विकसित करने और रक्षा और एयरोस्पेस से संबंधित समस्याओं को हल करने के लिए लॉन्च किया गया है, जिसका उद्देश्य रक्षा और एयरोस्पेस, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों में  इनोवेशन और प्रौद्योगिकी विकास और एकेडमिया को बढ़ावा देने के लिए एक ईकोसिस्टम का निर्माण करना है।  साथ ही उन्हें अनुसंधान एवं विकास के लिए अनुदान/धन और अन्य सहायता प्रदान करता है जिसमें भविष्य में भारतीय रक्षा और एयरोस्पेस आवश्यकताओं के लिए अपनाने की क्षमता है। डीएसपीयू विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं के लिए विभिन्न उत्कृष्टता केंद्रों/शैक्षणिक संस्थानों जैसे आईआईटी, आईआईएससी, आईआईएम आदि के साथ हाथ मिला रहे हैं।

डीआरडीओ ने एक प्रक्रिया निर्धारित की है जिसके द्वारा वह अपनी विकसित प्रौद्योगिकियों को उद्योगों को ट्रांसफर करता है। इसके लिए लाइसेंसिंग एग्रीमेंट फॉर ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलजी साइन किया जाता है। डीआरडीओ ने अपने इंडस्ट्री पार्टनर्स (विकास सह उत्पादन भागीदार (डीसीपीपी)/विकास भागीदार (डीपी)) के लिए जीरो टीओटी फीस और भारतीय सशस्त्र बलों और सरकारी विभागों को आपूर्ति के लिए जीरो रॉयल्टी के साथ एक नई टीओटी नीति और प्रक्रियाएं विकसित की हैं। डीआरडीओ लैब्स में उद्योगों के लिए परीक्षण सुविधाएं अब खोली गई हैं। डीआरडीओ ने प्रौद्योगिकी विकास कोष (टीडीएफ) लॉन्च किया है जो नवीन रक्षा उत्पादों के डिजाइन विकास के लिए भारतीय उद्योगों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। जून 2023 में, डीआरडीओ ने उद्योग में रक्षा अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करने के लिए 75 प्राथमिकता वाले प्रौद्योगिकी क्षेत्रों/उत्पादों/प्रणालियों को जारी किया जिसे डीआरडीओ नहीं करेगा।

युवाओं को इनोवेशन, प्रौद्योगिकी विकास और रक्षा एवं एयरोस्पेस से संबंधित समस्या समाधान में आईडेक्टस योजना के तहत स्टार्ट-अप के रूप में जोड़ा जाता है। युवा इंजीनियर विभिन्न परियोजनाओं के लिए रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों के उत्कृष्टता केंद्रों/शैक्षणिक संस्थानों के साथ गठजोड़ के माध्यम से शामिल होते हैं जिनमें अनुसंधान एवं विकास और विनिर्माण शामिल हैं। डीआरडीओ ने विभिन्न आईआईटी, आईआईएससी, केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों में 15 डीआरडीओ उद्योग अकादमी-उत्कृष्टता केंद्र (डीआईए-सीओई) स्थापित किए हैं, जिनमें से छह 2023 में चालू हो गए हैं। डीपीएसयू और निजी क्षेत्र रक्षा क्षेत्र में विभिन्न परियोजनाओं के लिए विशेषज्ञता वाले प्रशिक्षित युवाओं को काम पर रख रहे हैं।

Read More »

प्रधानमंत्री कोयला मंत्रालय के अंतर्गत महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड की अनेक परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे

मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करने और दक्षता बढ़ाकर लॉजिस्टिक्स लागत कम करने के लिए पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के सिद्धांतों के अनुरूप, कोयला मंत्रालय ने कोयले की कुशल निकासी को और बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे में वृद्धि की है। कोयला उत्पादक क्षेत्रों में रेलवे नेटवर्क को बढ़ाने के उद्देश्य से सीआईएल, इरकॉन और ओडिशा सरकार ने “महानदी कोल रेल लिमिटेड” के रूप में संयुक्त उद्यम गठित किया है। सीआईएल ने अतिरिक्त रेल लाइनें बिछाने, मौजूदा रेल लाइनों के दोहरीकरण, रेल-ओवर-रेल (आरओआर), वाई-कर्व्स आदि के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण रेल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को वित्त पोषित किया है।

सभी सहायक कंपनियों में, सीआईएल ने फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) परियोजनाओं के निर्माण के माध्यम से पिट-हेड से रेलवे लोडिंग पॉइंट तक मशीनीकृत कोयला परिवहन बुनियादी ढांचा स्थापित करने की योजना बनाई है। सभी बड़ी खदानों के लिए कुल 100 से अधिक एफएमसी परियोजनाओं की योजना बनाई गई है। ये परियोजनाएँ एक ओर लोडिंग दक्षता में सुधार करती हैं, लोडिंग समय को कम करती हैं और दूसरी ओर उत्सर्जन और प्रदूषण को कम करने में योगदान देती हैं।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 3 फरवरी, 2024 को ओडिशा में महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) की महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इनमें से एक भुवनेश्वरी चरण- I, तालचेर कोलफील्ड्स, अंगुल जिले में एक फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) परियोजना है। 335 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह परियोजना रेक लोडिंग का समय लगभग 50 मिनट तक कम कर देगी, पर्यावरण-अनुकूल ढुलाई शुरू कर देगी, इससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आएगी और कोयले की ढुलाई लागत कम हो जाएगी।

एक अन्य महत्वपूर्ण परियोजना लगभग 375 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित लाजकुरा रैपिड लोडिंग सिस्टम (आरएलएस) है। इस प्रणाली को कोयले की गुणवत्ता और आपूर्ति बढ़ाने, लगभग 50 मिनट का लोडिंग समय प्राप्त करने, पर्यावरण-अनुकूल परिवहन को अपनाने, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और कोयले की समग्र ढुलाई लागत को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ये प्रयास न केवल पर्यावरणीय प्रभाव को काफी हद तक कम करते हैं बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के मूल्यवान अवसर भी पैदा करते हैं।

इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं के अलावा, प्रधानमंत्री ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले में 550 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित आईबी वैली वॉशरी का भी उद्घाटन करेंगे। यह परियोजना गुणवत्ता के लिए कोयला प्रसंस्करण में एक बुनियादी परिवर्तन, नवाचार और स्थिरता को दर्शाने, कोयला गुणवत्ता मानकों के लिए मानक बढ़ाने का प्रतीक होगी और स्वच्छ और अधिक कुशल ऊर्जा समाधानों के लिए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप होगी।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) द्वारा 878 करोड़ रुपये के निवेश से निर्मित झारसुगुड़ा-बारपाली-सारडेगा रेल लाइन चरण -1 का 50 किलोमीटर लंबा दूसरा ट्रैक राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह विस्तार रेल बुनियादी ढांचे को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने, निर्बाध परिवहन की सुविधा प्रदान करने और कुशल कोयला आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने के लिए तैयार है।

लगभग 2145 करोड़ रुपये के संयुक्त निवेश के साथ, ये प्रयास निरंतर और कुशल ऊर्जा आपूर्ति के लिए कोयला बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं। इन परियोजनाओं से ओडिशा में कोयला उद्योग को महत्वपूर्ण लाभ होने और देश की ऊर्जा सुरक्षा में योगदान मिलने की उम्मीद है।

Read More »

एस.एन. सेन बी.वी. पी.जी . महाविद्यालय तथा सी.एस.जे.एम. यू. कानपुर के ट्रेनिंग, नवाचार एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में उद्यमिता विकास : अवसर और कैरियर की संभावना ” विषय पर व्याख्यान आयोजित

एस.एन. सेन बी.वी. पी.जी . महाविद्यालय तथा सी.एस.जे.एम. यू. कानपुर के ट्रेनिंग, नवाचार एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में आज दिनांक 07/02/2024 को महाविद्यालय की छात्राओं हेतु “नवप्रवर्तन प्रौद्योगिकी में अभिनव विचारों के माध्यम से उद्यमिता विकास : अवसर और कैरियर की संभावना ” विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथि एवं वक्ता डॉ. अनिल त्रिपाठी (इनक्यूबेशन मैनेजर, सी.एस.जे.एम.आई.एफ.), डॉ.अजय जैन (ई.बी., सी.एस.जे.एम.यू.), प्राचार्या प्रोफेसर सुमन, सचिव श्री पी.के. सेन द्वारा सरस्वती माँ के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर किया गया। डॉ.अनिल कुमार त्रिपाठी ने नवाचार के संबंध में छात्रों का दृष्टिकोण, कंटेंट क्रिएटर्स के रूप में करियर, नए नवोन्वेषी रुझानों के रूप में सामग्री निर्माताओं की भूमिका तथा तीन प्रकार के इनोवेशन -प्रोडक्ट इनोवेशन, सेवा नवाचार, प्रक्रिया नवाचार आदि मुख्य पक्षों पर विस्तृत जानकारी छात्राओं को प्रदान के अंत में, नए कैरियर अवसर के रूप में नए नवीन रुझानों और तकनीकों के निर्माण में छात्रों के विचार भी जाने गए  कार्यक्रम का समापन समन्वयक प्रो.गार्गी यादव ने धन्यवाद ज्ञापन से किया  कार्यक्रम में प्रो. निशी प्रकाश, प्रो. रेखा चौबे, डॉ. रचना निगम (इनोवेशन सेल प्रभारी), डॉ प्रीति सिंह ,डॉ. शुभा बाजपेयी, डॉ.कोमल सरोज, डॉ. अनामिका, डॉ. प्रीता अवस्थी, डॉ. सपना रॉय आदि शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं|

Read More »

क्राइस्ट चर्च कॉलेज में इमरटिकस लर्निंग द्वारा “वॉक-इन ड्राइव” कार्यक्रम अयोजित

कानपुर 7 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता क्राइस्ट चर्च कॉलेज परिसर में इमरटिकस लर्निंग के द्वारा “वॉक-इन ड्राइव” कार्यक्रम, महाविद्यालय के कैरियर काउंसलिंग सेल द्वारा अयोजित किया गया, इमरटिकस लर्निंग के सहायक उपाध्यक्ष अभिषेक कुमार ने बताया  कौशल आविष्कारों को पूरा करने के लिए मानव पंजी की गुणवत्ता में सुधार करना आवश्यक है, उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में अवसरों के बारे में बताया और बैंकिंग क्षेत्र में जोखिम विश्लेषक के महत्व के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जो शीघ्र ही तीसरी स्थान पर होने वाली है, और यह दिखाता है कि भारत में नौकरियों की कमी नहीं है, छात्रों को सिर्फ सही अवसर की तलाश करनी चाहिए।
उन्होंने छात्रों को सबसे महत्वपूर्ण अमेरिकी और विश्व बैंकों के बारे में बताया, Jio Mart में निवेश की महत्वपूर्णता पर चर्चा की, और LIC के महत्व को उजागर किया। “यदि आपका सही दृष्टिकोण है, लेकिन आपकी आवश्यक क्षमता नहीं है, तो सफलता प्राप्त करना कठिन हो सकता है। दृष्टिकोण यह परिभाषित करता है कि आप अपने लक्ष्य की ओर कैसे काम करते हैं या आगे बढ़ते हैं। विरूप, क्षमता यह परिभाषित करती है कि आपके पास कितनी स्पष्ट कौशल सीखने की क्षमता है या ज्ञान प्राप्त करने की क्षमता है जो आपकी लक्ष्य प्राप्ति में मदद करेगा।,” यह कहकर उन्होंने बताया कि सकारात्मक दृष्टिकोण कौशल की ओर ले जाता है। विभिन्न बैंकों के बारे में भी बताया जैसे कि निवेश बैंक, खुदरा बैंक, वित्तीय सेवाएं, उन्होंने बैंकिंग के विभिन्न पहलुओं की बात की। उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में अवसरों की बात की और बैंकिंग क्षेत्र में जोखिम विश्लेषण की महत्वपूर्णता को समझाया।
सत्र में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. जोसेफ डेनियल के मार्गदर्शन में कॅरियर काउंसलिंग सेल की संयोजिका प्रो. मीत कमल तथा अन्य स्टाफ प्रो. अंकिता ब्रगेंज़ा, आशीष दुबे,अरुनेश शुक्ला, तथा छात्र प्रतिनिधि वैष्णवी अनंत, उज्जवल,अंजलि सचान, सुंदरम,अंजलि गुप्ता, अभिषेक, यश, एवम महाविद्यालय के विद्यार्थी मौजूद रहे सभी ने इस सत्र को अत्यंत प्रभावपूर्ण बताया।

Read More »

डी जी कॉलेज में मनाया गया विश्व कैंसर दिवस

कानपुर 4 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, डी जी कॉलेज में सेंचरी क्लब , मिशन शक्ति तथा एन एस एस के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के निर्देशन में विश्व कैंसर दिवस मनाया गया। जिसमें प्राचार्य प्रो अर्चना वर्मा जी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिवर्ष विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी को कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसकी रोकथाम, पहचान और उपचार को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। इस अवसर पर छात्राओं ने भी अपने विचार रखें तथा पोस्टर बनाकर, नुक्कड़ नाटक के द्वारा पास में स्थित मलिन बस्ती अस्पताल घाट में जाकर लोगों को कैंसर के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान कर स्वस्थ कानपुर, स्वस्थ समाज के निर्माण का संदेश दिया। इस अवसर पर छात्राओं ने लोगों से बातचीत कर उन्हें तंबाकू, सिगरेट, नशीले पदार्थों का सेवन न करने तथा एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने एवं योग के द्वारा निरोग रहने की अपील की। कार्यक्रम को सफल बनाने में एनएसएस वालंटियर आकांक्षा यादव ने अग्रणी भूमिका निभाई साथ ही महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापिका डॉ निवेदिता टंडन समेत बायोटेक्नोलॉजी विभाग से अन्य प्राध्यापिकाओं डॉ मिली दुआ, डॉ पूनम, एवं डॉ मेहविश आदि का सहयोग भी सराहनीय रहा।

Read More »