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बड़ी हिट होने की तैयारी में इंडिया इंटरनेशनल हॉस्पिटैलिटी एक्सपो 2024

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के ग्रेटर नोएडा में 3 से 6 अगस्त 2024 तक इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में इंडिया इंटरनेशनल हॉस्पिटैलिटी एक्सपो (आईएचई 2024) के सातवें संस्करण का आयोजन किया जा रहा है। इसने हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में पूरे आतिथ्य उद्योग का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। यहां उद्योग जगत से जुड़े हितधारक स्टैंड-आउट इवेंट में भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं। यह आयोजन पहले से ही एक बड़ा हिट होने की तैयारी में है। आईएचई 2024 भारत के प्रमुख हॉस्पिटैलिटी एक्सपो के रूप में अपनी विरासत को जारी रखते हुए अपना सातवां संस्करण लाने के लिए तैयार है। इसमें 1000 से अधिक प्रदर्शक (एग्जीबिटर्स) शामिल होंगे। इसके अलावा लग्जरी होटल, रिसॉर्ट्स, होमस्टे, रेस्तरां, क्लाउड किचन और एफएंडबी सेक्टर से 20,000 से अधिक बी2बी खरीदार आएंगे।

A large room with many people walking aroundDescription automatically generated with medium confidence इसके अलावा आईएचई का नवीनतम संस्करण आतिथ्य क्षेत्र से संबंधित चार संबद्ध शो से जुड़ा है। इसमें कैटरिंग एशिया, टेंट डेकोर एशिया और आयुष एक्सपो शामिल हैं। एक छत के नीचे आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम इस क्षेत्र की बहुआयामी जरूरतों के लिए वन-स्टॉप समाधान की पेशकश करके आतिथ्य उद्योग के समाभिरूपता को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार है। यह सामूहिक आयोजन उद्योग जगत के पेशेवरों के लिए एक अमूल्य संसाधन होने का भरोसा दिलाता है, जो नवीनतम रुझानों, तकनीक और सेवाओं तक पहुंच प्रदान करता है। इसके साथ ही उन संबंधों को बढ़ावा देता है जो आतिथ्य उद्योग को आगे बढ़ाएंगे। आईएचई 2024 ने आतिथ्य उद्योग के भीतर सहयोग की श्रृंखला में एक कदम आगे बढ़ाते हुए वियतनाम के साथ भागीदार देश के रूप में साझेदारी की है। आईएचई 2024 में भारत और इसके आतिथ्य क्षेत्र के साथ व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए राजनयिक, आतिथ्य पेशेवर, शेफ और एसोसिएट्स शामिल होंगे। प्रसिद्ध वियतनामी शेफ फेम वान डोंग और गुयेन वान थोंग भारत के सेलिब्रिटी शेफ नंदलाल और गौतम के साथ अपने मास्टरक्लास आयोजित करने के लिए तैयार हैं। यह उत्साह तब और बढ़ जाएगा जब हिमाचल प्रदेश आईएचई 2024 में मुख्य केंद्र बिंदु राज्य के रूप में शामिल होगा। इस दौरान हिमाचल पर्यटन अपने अद्भुत पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देगा।

A large room with many booths and peopleDescription automatically generated with medium confidence इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि यह हम सभी के लिए एक-दूसरे से सीखने, नई साझेदारी बनाने और विकास और सहयोग के रास्ते तलाशने का अवसर है। उन्होंने सभी से आतिथ्य के भविष्य का पता लगाने और उसे आकार देने के लिए एक साथ आने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित हो कि हमारा उद्योग वैश्विक मंच पर अनुकूल माहौल बनाने के साथ विकास करे और फलता-फूलता रहे। आईएचई 2024 हमारा सबसे सफल संस्करण और एक मील का पत्थर होने का वादा करता है जो व्यवसाय के विकास में योगदान करने और आतिथ्य क्षेत्र की गतिशील और सुदृढ़ प्रकृति को प्रदर्शित करने के लिए तैयार है।

आईएचई 2024 ने कई अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों का विश्वास जीता है जिन्हें इस मंच पर अपने बेहतरीन उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करने के लिए शामिल किया गया है। प्रमुख प्रदर्शकों और सहयोगियों की सूची में टॉप्स इंडिया, वीनस, अनुपम रॉयल्स, बून, अल्फाड्रॉइड, करामत, एलई 5 स्टैगियोनी, आईएफबी, पतंजलि, नेचुरिन, कोहे, बोरेचा, वीएफआई ग्रुप आदि शामिल हैं। टॉप्स इंडिया सुविधाजनक और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों जैसे पाक सॉस, जैम, अचार आदि की रेंज प्रदर्शित करने के लिए तैयार है, जो गोल्डन पार्टनर के रूप में आईएचई 2024 में शामिल हो गया है।

चार संबद्ध शो के 1000 से अधिक प्रदर्शकों की संयुक्त भागीदारी के साथ आईएचई 2024 में विभिन्न प्रकार की श्रेणियां शामिल हैं। यह व्यवसायों के लिए उत्पादों और सेवाओं की एक व्यापक श्रृंखला पेश करती हैं।

नवोन्मेषी प्रौद्योगिकियों से लेकर पारंपरिक आतिथ्य पेशकशों तक आईएचई 2024 में उद्योग जगत के एक गतिशील मिश्रण को एक साथ लाकर एक ऐसा मंच बना रहा है जहां व्यवसाय खोज सकते हैं, जुड़ सकते हैं और फल-फूल सकते हैं।

इसके अलावा, द होटल एंड रेस्तरां इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एचओटीआरईएमएआई) एसोसिएशन ऑफ रिसोर्स कंपनीज फॉर द हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एआरसीएचआईआई) निप्पॉन ग्लोबल, इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन इंटीरियर डिजाइनर (आईआईआईडी) दिल्ली चैप्टर, परचेजिंग प्रोफेशनल फोरम (पीपीएफ) और होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ इंडिया (एचआरएएनआई) सहित आतिथ्य उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों से कई प्रसिद्ध आतिथ्य संघ और परिषदें  आईएचई 2024 में शामिल होने के लिए कृतसंकल्प हैं। वे सभी अपने सहयोगियों और सदस्यों को मेगा हॉस्पिटैलिटी एक्सपो में लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आईएचई 2024 में  एचआरएएनआई 5 और 6 अगस्त 2024 को इंडिया एक्सपो मार्ट लिमिटेड के हॉल 14 और हॉल 15 में अपना वार्षिक कॉन्क्लेव आयोजित करेगा। दूसरी ओर क्षेत्र-विशिष्ट ज्ञान प्रदान करने और अपने क्षेत्र में फलने-फूलने वाले अपार अवसरों का अवलोकन देने के लिए आईआईआईडी, दिल्ली क्षेत्रीय चैप्टर को ज्ञान भागीदार के रूप में शामिल किया गया है।

समग्र आयोजन को रोचक बनाने के लिए चार दिवसीय हॉस्पिटैलिटी सोर्सिंग गाला रोमांचक पाक शाला संबंधी प्रतियोगिताओं से भी भरा हुआ है, जिसमें शामिल हैं:

  • पेस्ट्री क्वीन इंडिया प्रतियोगित
  • मास्टर बेकर्स चैलेंज इंडिया 2024
  • इंडिया पिज्जा लीग चैंपियनशिप

इन पाक शाला (रसोई) संबंधी प्रतियोगिताओं के दौरान युवा आतिथ्य पेशेवरों और रसोइयों को भाग लेने और नवीनतम खाना बनाने के कौशल सीखने का शानदार मौका मिल सकता है।

आईएचई 2024 की प्रमुख श्रेणियों में हॉस्पिटैलिटी उद्योग के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है, जिसमें होरेका (होटल, रेस्तरां और खानपान) परिचालन आपूर्ति और उपकरण, आतिथ्य तकनीक, खाद्य और पेय पदार्थ, हाउसकीपिंग और चौकीदारी (जननिटरी), रखरखाव और इंजीनियरिंग, फर्नीचर, फिक्स्चर और उपकरण सुविधाएं प्रबंधन, और सफाई और स्वच्छता शामिल हैं।

आईएचई उनकी सभी सोर्सिंग जरूरतों को पूरा करने और आतिथ्य उद्योग में नवीनतम नवाचारों, रुझानों और प्रगति के बारे में जानने के लिए एक बहुप्रतीक्षित वार्षिक बी2बी एक्सपो है जो उद्योग में ऐतिहासिक ऊंचाइयों, मान्यता और उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए एक यात्रा के लायक है।

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10वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उत्‍सव मनाने के लिए नई दिल्ली के हथकरघा हाट में “विरासत” प्रदर्शनी शुरू हुई

10वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उत्‍सव मनाने को समर्पित एक पखवाड़े तक चलने वाली प्रदर्शनी “विरासत” शनिवार, 3 अगस्त, 2024 को जनपथ स्थित हथकरघा हाट में शुरू हुई। इस प्रदर्शनी का आयोजन भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय, के तत्वावधान में राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम लिमिटेड (एनएचडीसी) कर रहा है, जिसका समापन 16 अगस्त, 2024 को होगा।

“विरासत” श्रृंखला – “विशेष हथकरघा प्रदर्शनी” पिछले वर्ष राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर आयोजित समारोहों की अगली कड़ी है। इस वर्ष 10वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 7 अगस्त को मनाया जाएगा। इस आयोजित कार्यक्रम का फोकस  हथकरघा और हस्तशिल्प की गौरवशाली परंपरा पर है। यह हथकरघा बुनकरों और कारीगरों को बाजार भी उपलब्‍ध करवाता है और इससे जोड़ता है।

यह प्रदर्शनी सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक आम जनता के लिए खुली रहेगी। प्रदर्शनी में भारत के कुछ आकर्षक स्थलों के हथकरघा उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री की जाएगी।

कार्यक्रम के दौरान, हथकरघा हाट में कई गतिविधियाँ का आयोजन किया जाएगा, इसमें हथकरघा बुनकरों और कारीगरों के लिए 75 स्टॉल, जहाँ वे सीधे उत्पादों की खुदरा बिक्री कर सकेंगे, भारत के उत्कृष्ट हथकरघा उत्पादों की क्यूरेटेड थीम डिस्प्ले, प्राकृतिक रंगों, कस्तूरी कपास, डिजाइन और निर्यात पर कार्यशालाएँ, लाइव करघा प्रदर्शन, भारत के लोक नृत्य, स्वादिष्ट क्षेत्रीय व्यंजन आदि शामिल हैं।

माननीय प्रधानमंत्री ने, मन की बात (112वें एपिसोड) के दौरान इस बात की सराहना की थी कि हथकरघा कारीगरों का कौशल देश के कोने-कोने में फैला हुआ है और जिस तरह से हथकरघा उत्पादों ने लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई है, वह अत्‍यन्‍त सफल और उल्‍लेखनीय है। साथ ही उन्होंने स्थानीय उत्पादों के साथ फोटो को हैशटैग ‘#MyProductMyPride’ के साथ सोशल मीडिया पर अपलोड करने का आग्रह किया।

7 अगस्त, 1905 को शुरू किए गए स्वदेशी आंदोलन ने स्वदेशी उद्योगों और विशेष रूप से हथकरघा बुनकरों को प्रोत्साहित किया था। भारत सरकार ने वर्ष 2015 में, हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 7 अगस्त 2015 को चेन्नई में प्रथम राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया गया। इस दिन हथकरघा बुनकर समुदाय को सम्मानित किया जाता है तथा देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में इस क्षेत्र के योगदान को विशिष्‍ट रूप से दर्शाया जाता है। हमारी हथकरघा विरासत की रक्षा करने तथा हथकरघा बुनकरों और श्रमिकों को अधिक अवसर प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाने के संकल्प की पुनः पुष्टि की जाती है। सरकार हथकरघा क्षेत्र के सतत विकास को सुनिश्चित करने का प्रयास करती है, जिससे हमारे हथकरघा बुनकरों और श्रमिकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सके तथा उनकी उत्कृष्ट शिल्पकला पर उन्‍हें गौरान्‍वित किया जा सके।

हथकरघा क्षेत्र हमारे देश की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। भारत का हथकरघा क्षेत्र प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 35 लाख व्‍यक्तियों को रोजगार प्रदान करता है, जो देश में कृषि क्षेत्र के बाद दूसरे स्थान पर है। हथकरघा बुनाई की कला में पारंपरिक मूल्यों से जुड़ाव है और इसके प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्ट विविधताएँ हैं। बनारसी, जामदानी, बालूचरी, मधुबनी, कोसा, इक्कत, पटोला, तसर सिल्क, माहेश्वरी, मोइरांग फी, बालूचरी, फुलकारी, लहरिया, खंडुआ और तंगलिया जैसे कुछ विशिष्‍ट उत्पादों के नाम हैं जिनकी विशिष्ट बुनाई, डिजाइन और पारंपरिक रूपांकन दुनिया भर के ग्राहकों को आकर्षित करता है।

भारत सरकार ने हथकरघा के लिए विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ किया हैं, जिसमें शून्य दोष और पर्यावरण पर शून्य प्रभाव वाले उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की ब्रांडिंग की जाती है, ताकि उत्पादों की विशिष्टता को प्रदर्शित करने के अलावा उत्पादों को प्रोत्साहित किया जा सके और उन्हें एक अलग पहचान प्रदान की जा सके। यह खरीदार के लिए एक गारंटी भी है कि खरीदा जा रहा उत्पाद वास्तव में हस्तनिर्मित है। प्रदर्शनी में सभी प्रदर्शकों को अपने उत्कृष्ट उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है और इस प्रकार हथकरघा उत्पादों के लिए बाजार और हथकरघा समुदाय की आय में सुधार करने का लक्ष्य रखा गया है।

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बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में संघीय बजट 2024- 25 पर वाद- विवाद प्रतियोगिता आयोजित

कानपुर 2 अगस्त भारतीय स्वरूप संवाददाता एस .एन. सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज ,कानपुर में अर्थशास्त्र विभाग द्वारा संघीय बजट 2024- 25 पर एक वाद- विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि एवं महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सुमन,विशिष्ट अतिथि डॉ रामकृपाल,निर्णायक सदस्य डॉक्टर किरण, प्रोफेसर मीनाक्षी व्यास तथा विभाग के सदस्यों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया । छात्राओं ने संघीय बजट 2024- 25 पर पक्ष- विपक्ष में अपने-अपने विचार प्रस्तुत किया। प्राचार्य जी, निर्णायक सदस्यों के द्वारा भी बजट के विभिन्न पहलुओं पर अपना विचार प्रस्तुत किया गया।विशिष्ट अतिथि ने बजट के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से बताया।कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर रोली मिश्रा तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर निशा वर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में प्रोफेसर प्रोफेसर गार्गी यादव ,डॉक्टर प्रीति सिंह , डॉ प्रीति पांडे, डॉ रचना निगम,प्रीति यादव, डॉ श्वेता डॉक्टर , प्रीता अवस्थी एवं डॉक्टर कीर्ति अवस्थी आदि उपस्थित रहे।

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महिलाओं के लिए हैं विशेष रूप से 33 में से 19 राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान 

33 में से 19 राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान (एनएसटीआई) विशेष रूप से महिलाओं के लिए हैं।  ये महिला एनएसटीआई शिल्प प्रशिक्षक प्रशिक्षण योजना (सीआईटीएस) के तहत 19 पाठ्यक्रमों के साथ-साथ शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) के तहत 23 पाठ्यक्रम प्रदान करती हैं।  महिला एनएसटीआई सीटीएस और सीआईटीएस दोनों में महिला प्रशिक्षुओं को कंप्यूटर ऑपरेटर और प्रोग्रामिंग असिस्टेंट (सीओपीए), इलेक्ट्रॉनिक्स मैकेनिक, आर्किटेक्चरल ड्राफ्ट्समैन, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन, डेस्कटॉप पब्लिशिंग ऑपरेटर आदि जैसे ट्रेडों में पाठ्यक्रम भी प्रदान करती है।  यहां तक ​​कि इंदौर और वडोदरा में महिला एनएसटीआई में इलेक्ट्रीशियन जैसे ट्रेड भी शुरू किए गए हैं। सत्र 2023-24 से, तीन महिला एनएसटीआई में ‘सर्वेयर’ का व्यापार शुरू किया गया है।  सीटीएस के तहत एक और नया ट्रेड अर्थात् ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्रामिंग असिस्टेंट’ पहली बार वर्ष 2024-25 से आठ महिला एनएसटीआई में शुरू किया जा रहा है।

सीआईटीएस के तहत स्वीकृत सीटों में से 50.45% महिला प्रशिक्षु थीं जबकि एनएसटीआई में सीटीएस प्रशिक्षण के तहत 84% प्रशिक्षु महिलाएं थीं।

महिला पाठ्यक्रमों में भागीदारी को और बढ़ाने के लिए, सभी लड़की उम्मीदवारों के लिए ट्यूशन और परीक्षा शुल्क माफ कर दिया गया है और सामान्य एनएसटीआई में प्रवेश के लिए सामान्य ट्रेडों में महिलाओं के लिए 30% सीटें आरक्षित हैं।

यह जानकारी कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर

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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 1386 किलोमीटर लंबाई वाले 53 पैकेजों में स्पर्स सहित दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू किया है। जून 2024 तक कुल 26 पैकेज पूरे हो चुके हैं। कार्य की भौतिक प्रगति 82 प्रतिशत है और कुल 1136 किलोमीटर लंबाई का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है।

संशोधित निर्धारित समापन तिथि अक्टूबर, 2025 है।

यह कॉरिडोर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के प्रमुख आर्थिक केंद्रों को कनेक्टिविटी प्रदान करता है। विस्‍तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के अनुसार, दिल्ली से जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह (जेएनपीटी) की दूरी में लगभग 180 किलोमीटर की कमी और जुड़े हुए गंतव्यों तक यात्रा के समय में 50 प्रतिशत तक की कमी शामिल है।

यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए महिला उद्यमिता कार्यक्रम शुरू किया गया

महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने महिला उद्यमिता कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह कार्यक्रम उन विशिष्ट चुनौतियों का समाधान करने के लिए बनाया गया है, जिनका सामना महिलाएं व्यवसाय शुरू करने और उसे बढ़ाने के दौरान करती हैं। ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड के साथ साझेदारी में, यह पहल वित्तीय अनुदान भी प्रदान करेगी और स्किल इंडिया डिजिटल हब पर अपने उत्पादों एवं सेवाओं को प्रदर्शित करेगी, जो महिला उद्यमियों के लिए समावेशी वातावरण को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस कार्यक्रम के शुभारंभ पर कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि ब्रिटानिया ने महिला उद्यमिता पर ध्यान केंद्रित करते हुए हमारे साथ भागीदारी की है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमने राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी) और जनजातीय कार्य मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय और अन्य मंत्रालयों के साथ विशेष कार्यक्रमों के माध्यम से उद्यमिता में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है। उन्होंने अन्य संगठनों और सरकारी विभागों के साथ मिलकर काम करने, महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने, चाहे वे व्यक्तिगत रूप से हों या सामूहिक रूप से, तथा उन्हें विभिन्न व्यावसायिक संस्थाओं में संगठित करने में मदद करने के महत्व के बारे में भी बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जन शिक्षण संस्थान के तहत कौशल खंड में, हमारे 82 प्रतिशत प्रशिक्षु महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि पीएमकेवीवाई अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में, लगभग 45 प्रतिशत प्रतिभागी महिलाएं हैं।

इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को महत्वपूर्ण कौशल, ज्ञान और नेटवर्किंग के अवसर प्रदान करके उद्यमिता में आने वाली चुनौतियों से निपटना है। इस कार्यक्रम की शुरुआत स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच) पर कई भाषाओं में उपलब्ध मानार्थ स्व-शिक्षण बुनियादी उद्यमिता पाठ्यक्रमों की शुरुआत के साथ की गई है। इन पाठ्यक्रमों को पूरा करने पर, प्रतिभागियों को एनएसडीसी, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज और एनआईईएसबीयूडी से एक सह-ब्रांडेड प्रमाणपत्र प्राप्त होगा, जिसमें उनके उद्यमशीलता कौशल और दक्षताओं को मान्यता दी जाएगी। इस पहल का उद्देश्य भारत भर में लगभग 25 लाख महिलाओं को सशक्त बनाना है, उन्हें सफल व्यवसाय शुरू करने और विकसित करने के लिए आवश्यक कौशल, ज्ञान और संसाधन प्रदान करना है। इस पहल का समापन एक भव्य समापन समारोह में होगा, जहां शीर्ष 50 प्रतियोगी अपने व्यावसायिक विचारों को एक प्रतिष्ठित जूरी के सामने प्रस्तुत करेंगे। नवाचार एवं उत्कृष्टता को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज 10 सबसे सफल प्रतियोगियों में से प्रत्येक को 10 लाख रुपये का वित्तीय अनुदान देगी।

इस भावना को दोहराते हुए एनएसडीसी के सीओओ (कार्यवाहक सीईओ) और एनएसडीसी इंटरनेशनल के एमडी श्री वेद मणि तिवारी ने कहा कि आज यह कार्यक्रम महिलाओं के नेतृत्व वाली उद्यमिता के बारे में है और महिला विकास के लिए प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप है। उन्होंने आगे कहा कि इसका सबसे महत्वपूर्ण घटक यह है कि निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के संगठन मिलकर महिलाओं को उद्यमशीलता की महत्वाकांक्षा रखने के लिए कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ से लेकर लखपति दीदी तक, भारत ने महिला विकास के मामले में बहुत लंबी दूरी तय की है।

इस अवसर पर कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में संयुक्त सचिव सुश्री सोनल मिश्रा और सुश्री हेना उस्मान तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। एनएसडीसी के साथ मिलकर काम करने की ब्रिटानिया की प्रेरणा के बारे में बोलते हुए ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के सीईओ और कार्यकारी निदेशक श्री रजनीत सिंह कोहली ने कहा कि ब्रिटानिया मैरी गोल्ड का विजन महिला उद्यमियों को एक साथ आगे बढ़ने में मदद करना है ताकि वे और अधिक कर सकें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के साथ समझौता ज्ञापन भारत में महिला सशक्तिकरण के लिए एक बड़ा बदलाव है। भारत सरकार आवश्यक कौशल विकास के अवसरों, निःशुल्क स्व-शिक्षण पाठ्यक्रमों तक पहुंच और व्यापक इनक्यूबेशन समर्थन के माध्यम से महिला उद्यमियों को समर्थन देने के लिए समर्पित है। महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप, इस कार्यक्रम को व्यापक समर्थन और अधिकतम प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए कई चरणों में लागू किया जाएगा। दो चरणों में विभाजित, एनएसडीसी, राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी) के समर्थन से, स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच) के माध्यम से मुफ्त ऑनलाइन स्व-शिक्षण उद्यमिता पाठ्यक्रम प्रदान करेगा। कई भाषाओं में उपलब्ध ये पाठ्यक्रम उद्यमशीलता कौशल, उद्यम सेटअप, वित्त की मूल बातें, डिजिटल कौशल और बाजार विश्लेषण जैसे महत्वपूर्ण विषयों को कवर करेंगे। अगले चरण में, एनएसडीसी 100 व्यावसायिक मॉडलों में 10,000 शॉर्टलिस्ट किए गए प्रतियोगियों को मजबूत इनक्यूबेशन समर्थन प्रदान करता है। इस समर्थन में व्यवसाय मॉडल का चयन, उद्यमिता विकास कार्यक्रम, औद्योगिक कार्यशालाएं, व्यवसाय पंजीकरण सहायता, परियोजना रिपोर्ट तैयार करना और विभिन्न सरकारी उद्यमिता और स्टार्टअप योजनाओं के माध्यम से वित्त पोषण पर मार्गदर्शन शामिल है। इसके अतिरिक्त, प्रतिभागियों के उत्पादों और सेवाओं को एसआईडीएच के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म उद्यमकार्ट और महिला उद्यमिता के लिए ब्रिटानिया के डिजिटल इकोसिस्टम पर हाइलाइट किया जाएगा, यह पहल महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों की पहुंच और दृश्यता को व्यापक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो एक सहायक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करता है जो महिला उद्यमियों को उनकी पूरी क्षमता का एहसास करने के लिए सशक्त बनाता है। एनएसडीसी और ब्रिटानिया के बीच साझेदारी एक ऐसे माहौल को विकसित करने की साझा प्रतिबद्धता को उजागर करती है जहां महिला उद्यमी फल-फूल सकें और भारत की आर्थिक उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।

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मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना के लिए 1389.5 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित

मुंबईअहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआरपरियोजना का निर्माण कार्य चल रहा है और यह गुजरात, महाराष्ट्र और केंद्रशासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली से होकर गुजरेगी।

एमएएचएसआर परियोजना के बारे में

परियोजना की लंबाई 508 किलोमीटर है और इसमें मुंबई, ठाणे, विरार, बोइसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती में 12 स्टेशन बनाने की योजना है। परियोजना की स्वीकृत लागत 1,08,000 करोड़ रुपये है।

परियोजना के लिए पूरी भूमि (1389.5 हेक्टेयर) अधिग्रहित की गई है। अब तक 350 किलोमीटर पियर फाउंडेशन, 316 किलोमीटर पियर निर्माण, 221 किलोमीटर गर्डर कास्टिंग और 190 किलोमीटर गर्डर लॉन्चिंग का काम पूरा हो चुका है। समुद्र में जलस्तर से नीचे टनल (लगभग 21 किलोमीटर) का काम भी शुरू हो चुका है।

बुलेट ट्रेन परियोजना एक बहुत ही जटिल और प्रौद्योगिकी गहन परियोजना है। उच्चतम स्तर की सुरक्षा और संबंधित रखरखाव प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए, बुलेट ट्रेन परियोजना को जापानी रेलवे के सहयोग से डिजाइन किया गया है। इसे भारतीय आवश्यकताओं और जलवायु परिस्थितियों के लिए अनुकूलित किया गया है। सिविल स्ट्रक्चर, ट्रैक, इलेक्ट्रिकल, सिग्नलिंग और दूरसंचार और ट्रेनसेट की आपूर्ति के सभी संबंधित कार्यों के पूरा होने के बाद परियोजना के पूरा होने की समयसीमा का उचित रूप से पता लगाया जा सकता है।

एमएएचएसआर परियोजना के निष्पादन की नियमित रूप से निगरानी/समीक्षा की जाती है।

रेल, सूचना और प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज यह जानकारी लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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सीमा सुरक्षा बल में रिक्तियां

01 जुलाई 2024 तक सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में रिक्तियों का विवरण इस प्रकार है: –
विशिष्ट विवरण       रिक्ति
राजपत्रित अधिकारी (जीओ) (समूह ‘क’) 387
अधीनस्थ अधिकारी (एसओ) (समूह ‘ख’) 1,816
अन्य रैंक (ओआरएस) (समूह ‘ग’) 7,942
कुल 10,145

पिछले पांच वर्षों में बीएसएफ में सृजित नए पदों की संख्या 7,372 है। वर्षवार विवरण इस प्रकार है:-

वर्ष सृजित नये पदों की संख्या
2020 शून्य
2021 108
2022 शून्य
2023 54
2024 7,210
कुल 7,372

इसके अलावा, पिछले पांच वर्षों में बीएसएफ में 54,760 कर्मियों की भर्ती की गई है।

बल की परिचालन आवश्यकता के आधार पर पदों का निर्माण और कैडर पुनर्गठन एक सतत प्रक्रिया है। 01.07.2024 तक बीएसएफ की क्षमता  इस प्रकार है: –

विशिष्ट विवरण राजपत्रित अधिकारी (जीओ) अधीनस्थ अधिकारी (एसओ) अन्य रैंक कुल
स्वीकृत पद 5,532 38,344 2,81,932 2,65,808
नियुक्त पद 5,145 36,528 2,13,990 2,55,663
रिक्ति 387 1,816 7,942 10,145

सरकार ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में  आरक्षी (कांस्टेबल) सामान्य कार्य  (जीडी) के पद पर भर्ती के लिए दिनांक 06.03.2023 को जनरल ड्यूटी कैडर (गैर-राजपत्रित) के लिए अधिसूचित भर्ती नियमों के अंतर्गत आरक्षी (कांस्टेबल) सामान्य कार्य  (जीडी) के पदों  पर पूर्व अग्निवीरों की भर्ती के लिए  विशेष प्रावधान किया है ।

10 प्रतिशत रिक्तियां पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित होंगी।

पूर्व अग्निवीरों के उम्मीदवारों के लिए ऊपरी आयु सीमा में तीन (03) वर्ष तक की छूट होगी। इसके अलावा, अग्निपथ योजना के पहले बैच के उम्मीदवारों को निर्धारित ऊपरी आयु सीमा से पांच (05) वर्ष की छूट दी जाएगी।

पूर्व अग्निवीरों को शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी) से छूट दी जाएगी।

यह जानकारी गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी है ।

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जून 2024 तक भारत सरकार के खातों की मासिक समीक्षा

जून 2024 तक भारत सरकार के मासिक खातों को समेकित कर दिया गया है और रिपोर्ट प्रकाशित कर दी गई हैं। मुख्य अंश नीचे दिए गए हैं:-

भारत सरकार को जून, 2024 तक 8,34,197 करोड़ रुपये (कुल प्राप्तियों के संगत बजट अनुमान 2024-25 का 27.1%) प्राप्त हुए हैं, जिसमें 5,49,633 करोड़ रुपये का कर राजस्व (केंद्र को शुद्ध), 2,80,044 करोड़ रुपये का गैर-कर राजस्व और 4,520 करोड़ रूपये के गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियां शामिल हैं, जो ऋणों की वसूली के कारण हैं। इस अवधि तक भारत सरकार द्वारा करों के हिस्से के हस्तांतरण के रूप में राज्य सरकारों को 2,79,502 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 42,942 करोड़ रुपये अधिक है।

भारत सरकार द्वारा किया गया कुल व्यय 9,69,909 करोड़ रुपये (संगत बजट अनुमान 2024-25 का 20.4%) है, जिसमें से 7,88,858 करोड़ रुपये राजस्व खाते पर और 1,81,051 करोड़ रुपये पूंजी खाते पर है। कुल राजस्व व्यय में से 2,64,052 करोड़ रुपये ब्याज भुगतान पर और 90,174 करोड़ रुपये प्रमुख सब्सिडी पर व्यय हुए हैं

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महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध साइबर अपराध रोकथाम’ योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता

भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार ‘पुलिस’ और ‘सार्वजनिक व्यवस्था’ राज्य के विषय हैं। राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश मुख्य रूप से अपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के माध्यम से साइबर अपराधों सहित अपराधों की रोकथाम, पता लगाने, जांच और अभियोजन के लिए जिम्मेदार हैं। केन्‍द्र सरकार राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों की पहलों को उनकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के क्षमता निर्माण के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत परामर्श और वित्तीय सहायता से पूरा करती है।

साइबर अपराध एक कठिन चुनौती है। इसकी विशाल और सीमाहीन प्रकृति के कारण, साइबर अपराधी कहीं भी बैठकर अपराध कर सकता है। राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर नागरिकों द्वारा बताए गए संदिग्ध मोबाइल नंबरों के आधार पर, 1 जनवरी 2024 से 22 जुलाई 2024 की अवधि के दौरान, देश में साइबर अपराध के प्रमुख शहर और उत्पत्ति स्थान डीग (राजस्थान), देवघर (झारखंड), नूह (हरियाणा), अलवर (राजस्थान), नवादा (बिहार), पश्चिमी दिल्ली (दिल्ली), नालंदा (बिहार), जामताड़ा (झारखंड), मथुरा (उत्तर प्रदेश), पटना (बिहार), बेंगलुरु शहरी (कर्नाटक), दुमका (झारखंड), गौतमबुद्ध नगर (उत्तर प्रदेश), जयपुर (राजस्थान), खेड़ताल-तिजारा (राजस्थान), उत्तर 24 परगना (पश्चिम बंगाल), कोलकाता (पश्चिम बंगाल), उत्तर पश्चिम दिल्ली (दिल्ली), शेखपुरा (बिहार) और दक्षिण पश्चिम दिल्ली (दिल्ली) हैं।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) अपने प्रकाशन “भारत में अपराध” में अपराधों के बारे में सांख्यिकीय डेटा संकलित और प्रकाशित करता है। नवीनतम प्रकाशित रिपोर्ट वर्ष 2022 के लिए है। साइबर अपराध में लिप्त अपराधियों के बारे में विशिष्ट डेटा एनसीआरबी द्वारा अलग से नहीं रखा जाता है।

साइबर अपराधों से व्यापक और समन्वित तरीके से निपटने के तंत्र को मजबूत करने के लिए, केन्‍द्र सरकार ने निम्नलिखित कदम उठाए हैं:

i. गृह मंत्रालय ने देश में सभी प्रकार के साइबर अपराध से समन्वित और व्यापक तरीके से निपटने के लिए एक संलग्न कार्यालय के रूप में ‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्‍द्र’ (I4सी) की स्थापना की है।

ii. मेवात, जामताड़ा, अहमदाबाद, हैदराबाद, चंडीगढ़, विशाखापत्तनम और गुवाहाटी के लिए I4सी के तहत सात संयुक्त साइबर समन्वय दल (जेसीसीटी) गठित किए गए हैं, जो साइबर अपराध हॉटस्पॉट/बहु-न्यायालयीय मुद्दों वाले क्षेत्रों के आधार पर पूरे देश को कवर करते हैं, ताकि राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय ढांचे को बढ़ाया जा सके। 2023 में हैदराबाद, अहमदाबाद, गुवाहाटी, विशाखापत्तनम, लखनऊ, रांची और चंडीगढ़ में जेसीसीटी के लिए सात कार्यशालाएं आयोजित की गईं।

iii. राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश पुलिस के जांच अधिकारियों (आईओ) को प्रारंभिक चरण की साइबर फोरेंसिक सहायता प्रदान करने के लिए I4सी के एक भाग के रूप में नई दिल्ली में अत्याधुनिक ‘राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला (जांच)’ की स्थापना की गई है। अब तक, राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला (जांच) ने साइबर अपराधों से संबंधित मामलों की जांच में उनकी मदद करने के लिए मोबाइल फोरेंसिक, मेमोरी फोरेंसिक, सीडीआर विश्लेषण आदि जैसे लगभग 10,200 साइबर फोरेंसिक में राज्य एलईए को अपनी सेवाएं प्रदान की हैं।

iv. I4सी के एक भाग के रूप में ‘राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल’ (https://cybercrime.gov.in) शुरू किया गया है, ताकि आम जनता सभी प्रकार के साइबर अपराधों से संबंधित घटनाओं की रिपोर्ट कर सके, जिसमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस पोर्टल पर दर्ज साइबर अपराध की घटनाओं, उन्हें एफआईआर में परिवर्तित करने और उसके बाद की कार्रवाई को कानून के प्रावधानों के अनुसार संबंधित राज्य/केन्‍द्र शासित प्रदेश कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा नियंत्रित किया जाता है।

v. वित्तीय धोखाधड़ी की तत्काल रिपोर्टिंग और धोखेबाजों द्वारा धन की हेराफेरी को रोकने के लिए I4सी के तहत ‘नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली’ शुरू की गई है। अब तक 7.6 लाख से अधिक शिकायतों में 2400 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय राशि बचाई गई है। ऑनलाइन साइबर शिकायत दर्ज करने में सहायता प्रदान करने के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर ‘1930’ चालू किया गया है।

vi. साइबर अपराध जांच, फोरेंसिक, अभियोजन आदि के महत्वपूर्ण पहलुओं पर ऑनलाइन पाठ्यक्रम के माध्यम से पुलिस अधिकारियों/न्यायिक अधिकारियों की क्षमता निर्माण के लिए I4सी के तहत बड़े पैमाने पर ओपन ऑनलाइन पाठ्यक्रम (एमओओसी) प्लेटफॉर्म, जिसका नाम ‘साइट्रेन’ पोर्टल है, तैयार किया गया है। पोर्टल के माध्यम से राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के 96,288 से अधिक पुलिस अधिकारी पंजीकृत हैं और 70,992 से अधिक प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं।

vii. पुलिस अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, अब तक भारत सरकार द्वारा 5.8 लाख से अधिक सिम कार्ड और 1,08,000 आईएमईआई ब्लॉक किए जा चुके हैं।

viii. I4सी ने भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के 6,800 अधिकारियों को साइबर स्वच्छता प्रशिक्षण दिया है।

ix. I4सी ने 35,000 से अधिक एनसीसी कैडेटों को साइबर स्वच्छता प्रशिक्षण दिया हैI

x. गृह मंत्रालय ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकथाम (सीसीपीडब्ल्यूसी) योजना के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को साइबर फोरेंसिक-सह-प्रशिक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना, जूनियर साइबर सलाहकारों की भर्ती और एलईए के कर्मियों, सरकारी अभियोजकों और न्यायिक अधिकारियों के प्रशिक्षण जैसे क्षमता निर्माण के लिए 131.60 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है। 33 राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों में साइबर फोरेंसिक-सह-प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं चालू की गई हैं और 24,600 से अधिक एलईए कर्मियों, न्यायिक अधिकारियों और अभियोजकों को साइबर अपराध जागरूकता, जांच, फोरेंसिक आदि पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

xi. हैदराबाद में राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला (साक्ष्य) की स्थापना की गई है। इस प्रयोगशाला की स्थापना से साइबर अपराध से संबंधित साक्ष्यों के मामलों में आवश्यक फोरेंसिक सहायता मिलेगी, साक्ष्यों को संरक्षित किया जा सकेगा और आईटी कानून तथा साक्ष्य कानून के प्रावधानों के अनुरूप उनका विश्लेषण किया जा सकेगा; तथा समय की बचत होगी।

xii. साइबर अपराध के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए, केन्‍द्र सरकार ने कदम उठाए हैं, जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ, एसएमएस, आई4सी सोशल मीडिया अकाउंट यानी एक्स (पूर्व में ट्विटर) (@साइबरदोस्त), फेसबुक (साइबरदोस्तआई4सी), इंस्टाग्राम (साइबरदोस्तआई4सी), टेलीग्राम (साइबरदोस्ती4सी) के माध्यम से संदेशों का प्रसार, रेडियो अभियान, कई माध्यमों में प्रचार के लिए माईगव को शामिल करना, राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के सहयोग से साइबर सुरक्षा और सुरक्षा जागरूकता सप्ताह का आयोजन, किशोरों/छात्रों के लिए पुस्तिका का प्रकाशन आदि शामिल हैं। राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों से व्यापक जागरूकता पैदा करने के लिए प्रचार करने का भी अनुरोध किया गया है।

यह बात गृह राज्य मंत्री श्री बंदी संजय कुमार ने राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कही।

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