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आसरा आवास योजनान्तर्गत निर्मित भवनों का निरीक्षणः-*

भारतीय स्वरूप कानपुर 22 अगस्त मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन के द्वारा सजारी, कानपुर नगर में डूडा विभाग द्वारा संचालित आसरा आवास योजनान्तर्गत निर्मित भवनों का निरीक्षण किया, निरीक्षण के समय तेज कुमार, परियोजना अधिकारी, डूडा, कानपुर नगर, कार्यदायी विभाग, सर्वेश कुमार वर्मा परियोजना प्रबन्धक, सी०एण्ड डी०एस० यूनिट 05, कानपुर नगर, राहुल सिंह, सहायक अभियन्ता, लोक निर्माण विभाग, (नि०ख०भवन), कानपुर नगर, पीयूष, विद्युत सुरक्षा, एस० पी० दोहरे, सहायक अभियन्ता, केस्को, कानपुर नगर उपस्थित थे।

परियोजना प्रबन्धक, सी० एण्ड डी०एस० यूनिट 05, कानपुर नगर, द्वारा अवगत कराया गया कि डूडा विभाग द्वारा संचालित आसरा आवास योजनान्तर्गत कुल 1104 नग आवासों के सापेक्ष 720 नग आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया जा चुका है. जिसमें ओवर हेड टैंक, बोरिंग, पम्प हाउस, वाटर लाइन, सीवर लाइन आदि का कार्य पूर्ण कराया जा चुका है, जिसको दिनांक 11-07-2024 को डूडा को हस्तगत किया जा चुका है। स्थलीय निरीक्षण करने पर भवन के जो आवास खाली थे, उनके किचेन के प्लेटफार्म की फिनसिंग समुचित नहीं थी, जिसे सही कराने के निर्देश दिये गये, इसके अतिरिक्त सीढियों में कतिपय स्थानों पर प्लास्टर टूटा था, इण्टरलांकिंग रोड से भवन तक जाने के लिए रास्ता न होने की पृक्षा करने पर परियोजना प्रबन्धक द्वारा अवगत कराया गया कि इसका स्टीमेट में प्राविधान नहीं था। भवन के चारों ओर अप्रोच रोड व नाली का निर्माण नगर निगम द्वारा कराया जाना है, जिसमें नाली व इण्टरलांकिंग रोड का निर्माण कराया गया है, किन्तु कतिपय स्थानों पर इण्टरलांकिंग धंसी हुई पायी गयी, इसके अतिरिक्त नाली बनायी गयी है, किन्तु इसमें मिट्टी भरी हुई है, जिसके कारण जल निकासी में अवरोध हो रहा है जिसके कारण भूतल के कुछ आवासों में सीलन की समस्या परिलक्षित हो रही है। नगर निगम के द्वारा बाउण्ड्रीवाल का निर्माण नहीं कराया गया है और मौके पर नगर निगम से सम्बन्धित अधिशाषी अभियन्ता उपस्थित नहीं थे, उनके स्थान पर सुपरवाइजर उपस्थित थे, जिनको परियोजना के सम्बन्ध में कोई जानकारी नही थी। इस पर गहरा रोष प्रकट करते हुए श्री दिवाकर भाष्कर, अधिशाषी अभियन्ता, नगर निगम जोन-2, कानपुर को कारण बताओ नोटिस निर्गत करने के निर्देश दिये गये तथा नगर निगम के अवस्थापना सम्बन्धी अवशेष कार्य शीघ्र पूर्ण कराये जाने के निर्देश दिये गये।

विद्युत आपूर्ति हेतु विद्युत लाइन एवं ट्रांसफार्मर कार्य कराया गया है, उपस्थित विद्युत सुरक्षा के सहायक अभियन्ता के द्वारा बताया गया कि ट्रांसफार्मर की बेरीकेटिंग, विद्युत पोलों में अर्थिग का कार्य कराये जाने के उपरान्त ही विद्युत सुरक्षा का अनापत्ति प्रमाण-पत्र निर्गत किया जायेगा। मौके पर देखा गया कि कार्य प्रगति पर है, परियोजना प्रबन्धक, सी० एण्ड डी०एस० को निर्देश दिये गये कि विद्युत सम्बन्धी अवशेष कार्य शीघ्र पूर्ण कराकर विद्युत सुरक्षा का अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त कर विद्युत संयोजन का कार्य शीघ्र पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। दो पोल के बीच स्पैन की गार्डिंग का कार्य शेष है, जिसे भी पूर्ण कराने के निर्देश दिये गये। जिन आवासों का आवंटन किया जा चुका है विद्युत आपूर्ति न होने के कारण वहां आवंटी निवास नहीं कर रहे है।
अवशेष 384 नग आवासों के निर्माण कार्य की जी०एस०टी० धनराशि रू0 398.37 लाख सूडा से प्राप्त होनी है, जिसे शीघ्र प्राप्त कर कार्य को पूर्ण कराये जाने के निर्देश दिये गये।
यह भी निर्देशित किया गया कि सजारी आवास का कार्यदायी संस्था व परियोजना अधिकारी, डूडा द्वारा संयुक्त रूप से निरीक्षण करते हुए जो छोटे-मोटी कमियां आवासों में है, उनकी सूची तैयार करके उनका निराकरण कराए।

*लखनऊ-कानपुर रेलमार्ग के सम्पार संख्या 43 जयपुरिया स्कूल के निकट रेल उपरिगामी सेतुः-*

इस उपरिगामी सेतु के निरीक्षण के समय परियोजना प्रबन्धक, सेतु निगम उपस्थित नहीं थे, जिसके कारण इस सेतु का निरीक्षण नहीं किया जा सका।

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मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन के द्वारा 37वीं वाहिनी पी०ए०सी० में 200 क्षमता के बैरक का निरीक्षण

कानपुर 22 अगस्त (सू0वि0) 37वीं वाहिनी पी०ए०सी० में 200 क्षमता के बैरक का निरीक्षण मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन के द्वारा 37वीं वाहिनी पी०ए०सी० में 200 क्षमता के बैरक का निरीक्षण किया गया, बैरक को हैण्डओवर किये जाने हेतु जिलाधिकारी द्वारा नामित जांच कमेटी (अधिशाषी अभियन्ता, प्रा०ख० लो०नि०वि०, अधिशाषी अभियन्ता, निचली गंगा नहर, अधिशाषी अभियन्ता, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0, गोविन्द नगर सेनानायक, 37वीं वाहिनी पी०ए०सी०, कानपुर) की गयी है। निरीक्षण के समय राहुल सिंह सहायक अभियन्ता, लोक निर्माण विभाग, (नि०ख०भवन), कानपुर नगर/कार्यदायी संस्था। निरीक्षण के समय पी०ए०सी० सेनानायक के अतिरिक्त कार्यदायी संस्था एवं जांच समिति के सभी नामित अधिशाषी अभियन्ता स्वयं उपस्थित न होकर अपने सहायक अभियन्ताओं को भेजा गया इस पर घोर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए जांच समिति के अधिशाषी अभियन्ताओं एवं कार्यदायी संस्था के अधिशाषी अभियन्ता को कारण बताओ नोटिस निर्गत किये जाने के निर्देश दिये गये।

यह बैरक जी+11 (12 खण्ड) जिसकी क्षमता 200 जवनों को ठहरने की है। इस भवन में दो लिफ्ट भी लगायी गयी है। स्थलीय निरीक्षण करने पर भूतल के पंखें जो लगे थे उनकी गुणवत्ता बहुत प्रभावी प्रतीत नहीं हो रही थी और वे अत्यधिक कम्पित (Vibrate) हो रहे थे, जिन्हें तत्काल बदलवाने के निर्देश दिये गये। भवन की कतिपय दीवारों में प्लास्टर में दरार (केक) है। सीलन की भी समस्या उद्घाटित हुई है। शौचालयों में जो यूरनल का फ्लश लगा है उसकी गुणवत्ता असंतोषजनक है, जिसे बदलवाने के निर्देश दिये गये। भूतल में स्थित कमरे में फर्श की ढाल सही नहीं है, जिससे पानी दीवारों की ओर जा रहा है। सीवरेज एवं पेयजल की जो पाइप लाइन डाली गयी है उसकी गुणवत्ता भी संतोषजनक नहीं है, कतिपय स्थानों पर लीकेज पाया गया जिसे सही कराने के निर्देश दिये गये। तृतीय तल की सीढी का पत्थर टूटा है प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ एवं 11वें तल का निरीक्षण करने पर सभी में रंग-रोगन के उपरान्त हाल ही में सीलन आने के कारण पुट्टी किया जाना परिलक्षित हुआ है, यह एक गंभीर विषय है, खिड़कियों की जाली की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं पायी गयी है। स्विच बोर्ड पुराने शैली का लगाया गया है। भवन के कतिपय बालकनियों का एलाइमेण्ट सही नहीं है कोई बालकनी आगे निकली है तो कोई पीछे है, जिसमें समानता का अभाव है, इसी प्रकार जो पिलर है उनमें भी ऊपर जाकर असमानता परिलक्षित हो रही है इसके अतिरिक्त भवन की दीवारों के कोनों की कार्निस एवं बालकनियों की कार्निस में लगाये गये प्लास्टर एक समान नहीं है, जिससे फिनिशिंग का अभाव है।
उपरोक्त कमियों को एक पक्ष में दूर करके अवगत कराने के निर्देश दिये गये। यदि एक पक्ष के अन्दर सम्बन्धित फर्म के द्वारा कार्य पूर्ण न कराया जाए तो पायी गयी कमियों का आंकलन करके इनको भुगतान की जाने वाली धनराशि से कटौती कर ली जाए और कार्यदायी संस्था के अधिशाषी अभियन्ता के विरूद्ध पर्यवेक्षणीय दायित्व में शिथिलता बरतने के सम्बन्ध में कारण बताओ नोटिस निर्गत किया जाए।

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मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन की अध्यक्षता में पीएम सूर्यघर योजना के सम्बन्ध में बैठक सम्पन्न

भारतीय स्वरूप कानपुर 21 अगस्त (सू0वि0) मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन की अध्यक्षता में विकास भवन के सभागार में पीएम सूर्यघर योजना के सम्बन्ध में एक बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक में बसुधा फाण्डेशन के सहयोग से पीएम सूर्यघर सम्बन्धी एक दिवसीय कार्यशाला भी सम्पन्न हुई, जिसमें केस्को एवं डिस्काम के अभियन्तागण, बैंकर्स प्रतिनिधि तथा यूपीनेडा में पंजीकृत कानपुर नगर के समस्त वेंण्डर द्वारा प्रतिभाग किया गया। पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना में वेण्डर्स के क्षमता सम्वर्धन हेतु कार्यशाला का शुभारम्भ मुख्य विकास अधिकारी द्वारा दीपप्रज्जवलन के साथ किया गया।
उक्त योजना के सम्बन्ध में परियोजना अधिकारी यूपीनेडा ने विस्तृत जानकारी देते हये बताया कि विद्युत कनेक्शन धारक उपभोगता जिनका विद्युत बिल अद्यावदिक जमा है, इस योजना के पात्र हैं। उपभोगता विद्युत विभाग से स्वीकृत विद्युतभार के समतुल्य अथवा कम क्षमता का सोलर रूफटॉप संयंत्र अपने निज आवास पर लगवा सकते हैं। इसके लिये उपभोक्ता को PM suryagharyojna Portal पर अथवा http://www.pmsuryagharyojna website पर सर्फिंग कर अपना पंजीकरण करते हुये संयंत्र लगा कर लाभ ले सकते हैं यदि उपभोक्ता ऋण ले कर लगाना चाहते हैं तो ऐसी स्थिति में उक्त पोर्टल से लिंक जनसमर्थ प्रोर्टल पर आवेदन कर बैंक 07 प्रतिशत के न्यूनतम ब्याजदर पर ऋण के माध्यम से भी लगवा सकते हैं। संयंत्र लगने के बाद नेटमीटरिंग का कार्य संबंधित डिस्काम/विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किया जाता है। नेटमीटरिंग कार्य पूर्ण होने पर उपभोक्ता स्वयं अथवा सोलर रूफटॉप वेण्डर के सहयोग से समस्त प्रपत्रों को अंतिम रूप से पोर्टल पर अनुदान प्राप्त किये जाने हेतु अपलोड कर दिया जाता है। अनुदान मांग पत्र प्रेषण के दो माह के अन्दर राज्य एवं भारत सरकार से अनुमोदित अनुदान की राशि Direct To Benefit (DBT) द्वारा उपभेक्ता के बैंक खाते में अवमुक्त कर दी जाती है।
कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा कार्यशाला में उपस्थित वेण्डर्स को सम्बोधित करते हुये योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार में सहयोग करने तथा उपभोगताओं के पंजीकरण बढाने के प्रति प्रेरित किया, साथ ही जनपद के 1.70 लाख विद्युत उपभोगताओं के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु सप्ताह में 02 कैम्पों के आयोजन की रूपरेखा तैयार कराते हुये समस्त स्टेक होल्डर्स यथा वेण्डर्स, बैंकर्स, केस्को/डिस्काम को निर्देशित किया कि लक्षित संख्या के 05 गुना के बारबर अर्थात 6.50 लाख उपभोगताओं के पंजीकरण कराये जायें एवं माईको लेवल पर डोर-टू-डोर सम्पर्क अभिसयान चलायें। बसुधा फाउण्डेशन से पधारे प्रतिनिधियों ने सोलर रूफटाप पोर्टल के सम्बन्ध में विरूतृत प्रस्तुति की गयी एवं वेण्डर्स की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया।
कार्यक्रम के अन्त में परियोजना अधिकारी यूपीनेडा द्वारा समस्त उपस्थित अधिकारी, बसुधा फाउण्डेशन के पधारे प्रतिनिधियों एवं वेण्डर्स का धन्यबाद ज्ञापित करते हुये कार्यक्रम का समापन किया गया।

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जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में आयोजित निराश्रित/बेसहारा गोवंश संरक्षण सम्बन्धी जिला स्तरीय अनुश्रवण, मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की बैठक संपन्न

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में आयोजित निराश्रित/बेसहारा गोवंश संरक्षण सम्बन्धी जिला स्तरीय अनुश्रवण, मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान गोवंश आश्रय स्थलों में भूसे की उपलब्धता,हरा चारा,पेयजल तथा जनपद के अन्य समस्त विकास खंड़ों में अतिरिक्त निर्माणाधीन अस्थाई गौवंश आश्रय स्थलों के निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई।

समीक्षा के दौरान उपस्थित समस्त संबंधित विभागों के अधिकारियों को निम्नलिखित निर्देश दिए :-

• जनपद में निर्माणाधीन गोवंश आश्रय का कार्य युद्ध स्तर में गुणवत्तपूर्ण कराया जाए, समस्त उपजिलाधिकारी द्वारा समय समय पर गुणवत्ता की स्वयं जांच की जाए तथा जनपद में निर्माणाधीन गोवंश आश्रय स्थलों में वन विभाग के सहयोग से छायादार वृक्ष लगाया जाए

• समस्त उपजिलाधिकारियोंको निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद की ऐसी गौशालाए जिनमें चारागाह की भूमि नहीं है, ऐसी समस्त गौशालाओं के आस पास की गोचर भूमि को चिन्हित करते हुए उन गौशालाओं से लिंक कराते हुए उनमे नेपेयर घास लगाए जाए ।

• गोचर भूमि पर तारबाड़ी करके नेपियर/ हरे चारे की बुआई कराना सुनिश्चित किया जाए।
• गो आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंश के भरण-पोषण हेतु फण्ड रिक्वेस्ट की अद्यतन स्थिति सुनिश्चित की जाए।

• जनपद में संचालित समस्त वृहद/अस्थाई गोवंश आश्रय स्थलों में साफ सफाई तथा वृहद वृक्षारोपण कराना सुनिश्चित किया जाए।

• समस्त खंड विकास अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि समय से समस्त केयर टेकरो के मानदेय भुगतान सुनिश्चित किए जाए।

• समस्त खंड विकास अधिकारियों द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जाए कि समस्त संचालित गोवंश आश्रय स्थलों में संरक्षित गौवंशों को हरा चारा, पेयजल तथा भूसे की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

• ककवन तथा बिल्हौर के निर्माणाधीन गोवंश आश्रय स्थलों के निर्माण की गति धीमी होने पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए युद्ध स्तर गोवंश आश्रय स्थलों का निर्माण कराने के निर्देश दिए ।

• जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा गोवंश आश्रय स्थलों का समय समय पर निरीक्षण किया जाता है जिसमे अधिशाषी अभियन्ता विधुत यांत्रिक, तहसीलदार नर्वल,तहसीलदार सदर,खंड शिक्षा अधिकारीबिल्हौर,अधि०अभि० जलनिगम ग्रामीण पेयजल, अधिशाषी अभियन्ता जल निगम नगरीय (सीवर), तहसीलदार बिल्हौर द्वारा निरीक्षण आख्या उपलब्ध नहीं कराने जिसके दृष्टिगत सभी अधिकारियों का स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए गए ।

• जनपद के सभी विकास खण्डों में कैटिल कैचर खरीदा जाना है जिसमें कल्याणपुर ,चौबेपुर ,शिवराजपुर ,ककवन तथा भीतरगांव विकास खण्ड में अभी तक कैटिल कैचर नही खरीदा जा सका जिस पर जिलाधिकारी ने समस्त खण्ड विकास अधिकारियो को कड़े निर्देश देते हुए कहा की अगले माह की समीक्षा से पहले सभी विकास खण्डो में कैटिल कैचर खरीदा जाए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन,मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी , समस्त खण्ड विकास अधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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केंद्रीय अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “चंद्रयान-3 एक प्रमुख उपलब्धि था: अब चंद्रयान-4 और चंद्रयान-5 का प्रक्षेपण किया जाएगा”

केंद्रीय अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की पूर्व संध्या पर मीडिया से बातचीत में इस कार्यक्रम के पूर्वावलोकन की घोषणा की। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “चंद्रयान-3 एक प्रमुख उपलब्धि था और अब चंद्रयान-4 और-5 का प्रक्षेपण किया जाएगा।”

नई दिल्ली में आज राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के भव्य समारोह के लिए प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।

भारत 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा और इसके दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर उतरने वाला पहला देश बन गया। इस ऐतिहासिक उपलब्धि का उत्सव मनाने के लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 23 अगस्त को “राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस” ​​​​के रूप में घोषित किया था।

भारत 23 अगस्त, 2024 को अपना पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस [एनएसपीडी-2024] मना रहा है। इसका विषय है “चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा।” इसका आयोजन नई दिल्ली में भारत मंडपम के प्लेनरी हॉल में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु की गरिमामय उपस्थिति में किया जाएगा।

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन विभाग, में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “गगनयान मिशन 2025 में पहले भारतीय को अंतरिक्ष में भेजना है” जो अंतरिक्ष क्षेत्र में विश्व नेतृत्व के रूप में उभरने के भारत के प्रयासों पर प्रकाश डालता है। उन्होंने नौसेना प्रमुख एडमिरल डी. के. त्रिपाठी के साथ अपनी हालिया बैठक का भी स्मरण किया और मुख्य रूप से क्रू मॉड्यूल रिकवरी के लिए भारतीय नौसेना के साथ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की साझेदारी को रेखांकित किया।

केंद्रीय राज्य मंत्री महोदय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि निजी भागीदारों के साथ सहयोग के कुछ महीनों के भीतर अंतरिक्ष क्षेत्र में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्टार्टअप्स की भूमिका पर बल दिया और दोहराया कि अंतरिक्ष क्षेत्र में शुरुआत में बहुत कम स्टार्टअप्स थे, लेकिन अब इसमें लगभग 300 स्टार्टअप्स हैं, जिनमें से कई वैश्विक क्षमता वाले हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री महोदय ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री श्रीमती सीतारामण के बजट भाषण को याद किया जिसमें उन्होंने उल्लेख किया था कि अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था अगले 10 वर्षों में 5 गुना बढ़ जाएगी।

इस कार्यक्रम में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने दुनिया को अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की प्रगति देखने के लिए श्रीहरिकोटा के द्वार खोलने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया। यह एक निजी प्रक्षेपण केंद्र की भी मेज़बानी करता है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री महोदय ने भविष्य की योजनाओं को साझा करते हुए कहा, “आधारशिला परियोजनाओं में से एक वर्ष 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना और वर्ष 2045 तक चंद्रमा पर एक भारतीय की लैंडिंग करनी है।” उन्होंने यह भी बताया कि राकेश शर्मा गगनयान मिशन टीम का मार्गदर्शन कर रहे हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री महोदय ने सुनीता विलियम्स को शुभकामनाएं भी दीं।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिक सचिव शांतनु भटवाडेकर भी बातचीत के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री महोदय के साथ उपस्थित थे। उन्होंने कहा, “इसरो ने हमारे देश के सात क्षेत्रों में कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की। प्रत्येक क्षेत्र ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा को प्रदर्शित करने के लिए प्रदर्शनियों, अंतरिक्ष विज्ञान मेलों और वैज्ञानिकों के साथ बातचीत के सत्र की मेजबानी की। कार्यक्रमों में उपग्रह प्रौद्योगिकी, मॉडल रॉकेटरी कार्यशालाओं का प्रदर्शन शामिल था। इन आयोजनों में अंतरिक्ष मिशनों के आभासी वास्तविकता अनुभव और इसरो रोबोटिक्स चैलेंज और भारतीय अंतरिक्ष हैकथॉन सहित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं शामिल हैं।” इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर बल दिया कि यह उत्सव सिर्फ वैज्ञानिक समुदाय के लिए नहीं बल्कि हर भारतीय के लिए है। देश भर के विद्यालयों और महाविद्यालयों ने अंतरिक्ष-विषय वाली प्रतियोगिताओं, वाद-विवाद और प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में भाग लिया। अनुसंधान संगठनों, मंत्रालयों और गैर-सरकारी संगठनों ने कार्यशालाओं और जनसंपर्क कार्यक्रमों का संचालन करने के लिए इसरो के साथ सहयोग किया, जिससे अंतरिक्ष विज्ञान को जनता के लिए सुलभ बनाया गया। भारतीय नागरिकों को अंतरिक्ष प्रदर्शनियों को देखने, वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करने और यहां तक ​​कि इसरो केंद्रों पर सजीव प्रक्षेपण देखने का अवसर मिला।

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गृह मंत्री अमित शाह ने श्री अमरनाथ जी यात्रा के सफलतापूर्वक संपन्न होने पर सभी सुरक्षाकर्मियों, श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं को बधाई दी

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने श्री अमरनाथ जी की पवित्र यात्रा के सफलतापूर्वक संपन्न होने पर सभी सुरक्षा कर्मियों, श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं को बधाई दी।

X प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में श्री अमित शाह ने कहा कि “श्री अमरनाथ जी की पवित्र यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न हुई। 52 दिनों तक चली इस पवित्र यात्रा में इस बार रिकॉर्ड 5.12 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने बाबा के दर्शन किये, जो कि बीते 12 वर्षों की सर्वाधिक संख्या है। इस यात्रा को सफल बनाने के लिए हमारे सभी सुरक्षा कर्मियों, श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं को बधाई देता हूँ। श्रद्धालुओं की यात्रा को सुरक्षित व सुगम बनाने में आप सभी का अद्वितीय योगदान रहा है। बाबा सभी पर अपनी कृपा बनाये रखें। जय बाबा बर्फानी!”

 

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भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण ने नागरिकों को अपने नाम से धोखाधड़ी करने वाले कॉल के संबंध में आगाह किया

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के संज्ञान में यह लाया गया है कि नागरिकों को इस प्राधिकरण से होने का दावा करते हुए बहुत से प्री-रिकॉर्डेड कॉल किए जा रहे हैं। नागरिकों को धमकी दी जाती है कि उनके नंबर जल्द ही ब्लॉक कर दिए जाएंगे और उनसे कुछ व्यक्तिगत जानकारी देने के लिए कहा जाता है।

यहां पर यह सूचित किया जाता है कि ट्राई के संदेशों या अन्य माध्यमों से मोबाइल नंबर डिस्कनेक्ट करने के बारे में ग्राहकों से संचार शुरू नहीं किया जाता है। ट्राई ने ऐसे उद्देश्यों की पूर्ति हेतु ग्राहकों से संपर्क करने के लिए किसी भी तीसरे पक्ष की एजेंसी को अधिकृत नहीं किया है। इसलिए, ट्राई से होने का दावा करने वाले अथवा मोबाइल नंबर डिस्कनेक्ट करने की धमकी देने वाले किसी भी प्रकार के संचार (कॉल, संदेश या नोटिस) को संभावित धोखाधड़ी का प्रयास माना जाना चाहिए और इस पर विचार नहीं किया जाना चाहिए।

बिलिंग, केवाईसी या दुरुपयोग के कारण किसी भी मोबाइल नंबर का डिस्कनेक्ट संबंधित दूरसंचार सेवा प्रदाता (टीएसपी) द्वारा किया जाता है। नागरिकों को सतर्क रहने और संदिग्ध धोखेबाजों के झांसे में आने से घबराने की सलाह नहीं दी जाती है। उन्हें संबंधित दूरसंचार सेवा प्रदाता के अधिकृत कॉल सेंटर या ग्राहक सेवा केंद्रों से संपर्क करके ऐसी फोन कॉल की पुष्टि करने की भी सलाह दी जाती है।

साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के लिए दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से नागरिकों को दूरसंचार विभाग के संचार साथी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध सुविधा के माध्यम से संदिग्ध धोखाधड़ी वाले संचार की रिपोर्ट करने के लिए आग्रह किया जाता है। इस प्लेटफॉर्म को https://sancharsaathi.gov.in/sfc/ पर देखा किया जा सकता है। साइबर अपराध के पुष्ट मामलों के लिए, पीड़ितों को निर्दिष्ट साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर ‘1930’ पर या आधिकारिक वेबसाइट https://cybercrime.gov.in/ के माध्यम से घटना की रिपोर्ट करनी चाहिए।

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राष्ट्रपति ने अतिरिक्त न्यायाधीशों को उच्च न्यायालयों में स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया है

राष्ट्रपति ने भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश के साथ परामर्श के बाद, निम्नलिखित अतिरिक्त न्यायाधीशों को उच्च न्यायालयों में स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया है-

क्रम सं. नाम (श्रीमती/श्री) विवरण
1. न्यायमूर्ति श्री सैयद कमर हसन रिज़वी, अतिरिक्त न्यायाधीश इलाहाबाद उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त
2. न्यायमूर्ति श्री मनीष कुमार निगम, अतिरिक्त न्यायाधीश
3. न्यायमूर्ति श्री अनीश कुमार गुप्ता, अतिरिक्त न्यायाधीश
4. न्यायमूर्ति सुश्री नंदप्रभा शुक्ला, अतिरिक्त न्यायाधीश
5. न्यायमूर्ति श्री क्षितिज शैलेन्द्र, अतिरिक्त न्यायाधीश
6. न्यायमूर्ति श्री विनोद दिवाकर, अतिरिक्त न्यायाधीश
7. न्यायमूर्ति श्री प्रशांत कुमार, अतिरिक्त न्यायाधीश
8. न्यायमूर्ति श्री मंजीव शुक्ला, अतिरिक्त न्यायाधीश
9. न्यायमूर्ति श्री अरुण कुमार सिंह देशवाल, अतिरिक्त न्यायाधीश
10. न्यायमूर्ति श्रीमती वेंकट ज्योतिर्मई प्रताप, अतिरिक्त न्यायाधीश आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त
11. न्यायमूर्ति श्री वेणुथुरुमल्ली गोपाल कृष्ण राव, अतिरिक्त न्यायाधीश

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राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन उ0प्र0 ने विभागीय समीक्षा बैठक की

कानपुर 20 अगस्त (सू.वि.) राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन उ.प्र. रवीन्द्र जायसवाल द्वारा आज जनपद भ्रमण के दौरान सर्किट हाउस के सभागार में विभागीय समीक्षा बैठक की गई।

बैठक के पश्चात् मंत्री ने मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा कि यहां पर इन्वेस्टर्स की संख्या बढ़ रही है तथा रहने वाले आशियाना बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग अपना मकान/घर वहां बनाते हैं जहां की कानून व्यवस्था अच्छी होती है और इसका प्रमाण होता है रजिस्ट्री विभाग, जब ज्यादा रजिस्ट्री हो रही हो, ज्यादा रेवेन्यू आ रहा हो यह इस बात का प्रमाण है कि उ.प्र. में कानून व्यवस्था अच्छी है और कानपुर में विगत वर्षों की तुलना में ज्यादा रेवेन्यू आ रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कई नवाचार किये गये हैं, जैसे ब्लड के रिश्ते में दान की रजिस्ट्री कराने पर मात्र पांच हजार रूपये स्टॉम्प शुल्क कर दिया गया है, जिससे जनता को ब्लड रिलेशन में सम्पत्ति देने मे सहायता हो रही है। इसी प्रकार यदि कोई पुस्तैनी प्रापर्टी किसी के पास है तो उस प्रापर्टी के फैमली सेटेल्मेट की रजिस्ट्री में बैनामे के बराबर स्टाम्प शुल्क लगता है तथा यदि परिवार के सदस्यों के बीच प्रापर्टी का बटवारा करना है तो बटवारे के बैनामे में भी स्टाम्प शुल्क देना पड़ता है। उ.प्र. सरकार द्वारा फैमली सेटेल्मेट तथा बटवारे में मामूली स्टाम्प लेने की व्यवस्था की जा रही है, जिससे परिवार में विवाद की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी, लोगों का समय कोर्ट कचहरी में बर्बाद नहीं होगा और आपसी सामन्जस से उनकी समस्या का समाधान हो जायेगा तथा घर-घर में भाई चारे का सौहार्दपूर्ण वातावरण स्थापित होगा।
उ.प्र. सरकार द्वारा पांच सौ रूपये तक के स्टाम्प शुल्क के लिये सेल्फ प्रिन्टिंग का कानून लाया जा रहा है, जिससे कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन पेमेन्ट करके पॉच सौ रूपये तक के स्टाम्प खुद ही निकाल सकता है।
मंत्री ने उप निबन्धक सदर के चार कार्यालयों के लिये भूखण्ड आवंटन की आवश्यकता पर बल दिया तथा ए.आई.जी. स्टाम्प को निर्देशित किया कि जिलाधिकारी से मिलकर कार्यालयों के लिये भूखण्ड प्राथमिकता से आवंटित करवायें।
मा. मंत्री ने सर्किल रेट के संशोधन के लिये जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) व ए.आई.जी. स्टाम्प को निर्देशित किया कि यथाशीघ्र संशोधन कर जनपद में नया रेट लागू करायें।
इस अवसर पर सहायक महानिरीक्षक निबन्धन कानपुर श्याम सिंह बिसेन, सहायक महानिरीक्षक निबन्धन कन्नौज सुषमा, सब रजिस्ट्रार प्रथम आर.के. सिंह, सब रजिस्ट्रार द्वितीय नवीन कुमार शर्मा, सब रजिस्ट्रार चतुर्थ पदमा सिंह, प्रभारी उप निबन्धक महेन्द्र प्रताप सिंह, उप निबन्धक अकबरपुर कानपुर देहात संतोष, उप निबन्धक इटावा सदर विनय कुमार सिंह, उप निबन्धक भर्तना इटावा अशोक कुमार सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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भारतीय सेना के वरिष्ठ नेतृत्व ने विकसित भारत@2047 की कार्य योजना पर विचार-विमर्श किया

थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल उपेन्द्र द्विवेदी की अध्यक्षता में भारतीय सेना का वरिष्ठ नेतृत्व 19 अगस्त 2024 को एक महत्वपूर्ण चर्चा के लिए नई दिल्ली में एकत्र हुआ। 30 जून 2024 को थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) का पद भार संभालने के बाद से जनरल द्विवेदी के नेतृत्व में यह पहली उच्च स्तरीय बैठक है। यह बैठक 20 अगस्त तक जारी रहेगी। भारतीय सेना की सात कमानों के  जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सीएस) इस बैठक में भाग ले रहे हैं।

आज की चर्चा का मुख्य केंद्र अमृत काल के दौरान भारतीय सेना के भविष्य के पाठ्यक्रम को तैयार करने, भारत को एक विकसित देश, एक महत्वपूर्ण वैश्विक प्रतिनिधि और वर्ष 2047 तक दुनिया के सबसे वांछनीय देशों में से एक बनाने के भारत सरकार के दृष्टिकोण के साथ तालमेल बिठाने पर था। इस मंच से भारतीय सेना के शीर्ष अधिकारियों को रणनीतिक मुद्दों पर विचार-विमर्श करने और अगले दो दशकों में भारतीय सेना के परिवर्तन की दिशा निर्धारित करने का अवसर प्राप्त हुआ।

आज की बैठक के दौरान भारतीय सेना द्वारा चल रही परिवर्तनकारी पहलों और विकसित भारत@2047 के उद्देश्य को प्राप्त करने में इसके योगदान पर चर्चाएँ केंद्रित थीं। वरिष्ठ नेतृत्व ने राष्ट्रीय दृष्टिकोण में सेना की भूमिका को परिभाषित करने के लिए आपसी बातचीत की और भारतीय सेना के विज़न@2047 को इस प्रकार व्यक्त किया:

“एक आधुनिक, चुस्त, अनुकूल, प्रौद्योगिकी-सक्षम और आत्मनिर्भर भविष्य-तैयार बल में परिवर्तित होना, जो संचालन के स्पेक्ट्रम में बहु-क्षेत्रीय वातावरण में युद्धों को रोकने और जीतने में सक्षम हो, हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा और अन्य सेवाओं के लिए तालमेल के साथ हो।”

परिवर्तन के दशक के प्रमुख लक्ष्य

भारतीय सेना ने परिवर्तनकारी पहलों के प्रति अपनी रैंक और फ़ाइल को संरेखित करने के लिए वर्ष 2023 को ‘परिवर्तन का वर्ष’ और 2024 को ‘प्रौद्योगिकी अवशोषण का वर्ष’ घोषित करके परिवर्तन के दशक में प्रवेश किया।

वरिष्ठ नेतृत्व ने अगले दशक में अपनाए जाने वाले कई व्यापक लक्ष्यों की रूपरेखा तैयार की, जिनमें शामिल हैं: रंगमंचीकरण, सेना और कमान मुख्यालयों का पुनर्गठन, कमान, कोर और क्षेत्रीय मुख्यालय सीमाओं का पुनर्गठन। अन्य चर्चा एजेंडे में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे का विकास, भूमि, वायु, साइबर और अंतरिक्ष को शामिल करने के लिए मल्टी-डोमेन और क्रॉस-डोमेन परिचालन क्षमताओं को बढ़ाना शामिल है।

वर्तमान क्षमताओं को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ लेकर डेटा-केंद्रित व्यवहार के संचालन पर विचार-विमर्श किया गया। इसके अलावा, मैकेनाइज्ड फोर्सेज, आर्टिलरी, कॉम्बैट एविएशन, एयर डिफेंस और इन्फैंट्री के उन्नयन के लिए क्षमता विकास की रूप रेखा पर चर्चा की गई, जिसमें लॉजिस्टिक्स, गोला-बारूद के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के विकल्पों, मल्टी डोमेन संचालन का समर्थन करने के लिए नई संरचनाओं की आवश्यकता और सिस्टम, प्रक्रियाओं और कार्यों के स्वचालन और नेटवर्किंग में तेजी लाने के लिए ढांचे पर चर्चा की गई।

थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) ने सभी हितधारकों से आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने, उपकरणों, प्लेटफार्मों और हथियारों के स्वदेशीकरण में आत्मनिर्भरता हासिल करने का प्रयास करने, न केवल विश्व स्तरीय उपकरण विकसित करने में भारतीय रक्षा उद्योगों का समर्थन करने, बल्कि एक अग्रणी रक्षा निर्यातक बनने में भी सहायता करने का आह्वान किया।

लॉजिस्टिक्स, संचार और अन्य आवश्यक सेवाओं के लिए सामान्य सैन्य स्टेशनों और इकाइयों की स्थापना की आवश्यकता के अलावा संयुक्त सेवा संरचनाओं और संगठनों को मजबूत करने के लिए सशस्त्र बलों में संयुक्तता और एकीकरण को बढ़ाने की कार्रवाइयों पर भी चर्चा की गई। सभी रैंकों के कर्मियों की गुणवत्ता और प्रभावशीलता में सुधार लाने के उद्देश्य से मानव संसाधन विकास पहल पर भी विचार-विमर्श किया गया।

मुख्य चर्चाएँ और पहल

  • अधिकतम दक्षता और परिचालन तत्परता सुनिश्चित करने के लिए सेना मुख्यालय, कमान मुख्यालय और अन्य प्रमुख संरचनाओं का पुनर्गठन।
  • सभी लड़ाकू हथियारों, लड़ाकू सहायता हथियारों और लॉजिस्टिक्स इकाइयों का आधुनिकीकरण।
  • युद्ध की भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सेना, नौसेना और वायु सेना के बीच संयुक्त संचालन और एकीकरण को बढ़ाना।
  • स्वदेशीकरण के लिए प्रतिबद्धता, घरेलू रक्षा उद्योग का समर्थन करना और एक प्रमुख रक्षा निर्यातक के रूप में भारत की स्थिति को सुविधाजनक बनाना।

अतिरिक्त पहलें

  • निम्नलिखित पहलों को शामिल करने के लिए राष्ट्रीय दृष्टिकोण से जुड़ी भारतीय सेना की चल रही पहलों के साथ चर्चा समाप्त हुई:
  • सैन्य शिक्षा और प्रशिक्षण: सैन्य शिक्षा में भारत के नेतृत्व पर प्रकाश डाला गया, संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र (सीयूएनपीके) को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में मान्यता प्रदान की गई।
  • रक्षा कूटनीति: रक्षा विंगों की संख्या बढ़ाना, संयुक्त राष्ट्र मिशनों में भारतीय सेना की भूमिका बढ़ाना और विदेशी देशों के साथ संयुक्त अभ्यास में भागीदारी करना।
  • संपूर्ण राष्ट्र दृष्टिकोण: गति शक्ति जैसी राष्ट्रीय पहल में सेना की भागीदारी पर चर्चा की गई, जिसमें दोहरे उपयोग वाले बुनियादी ढांचे की पहचान और विकास में महत्वपूर्ण प्रगति हुई।
  • स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा: भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) और सैन्य अस्पतालों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा में भारतीय सेना के योगदान के साथ-साथ कौशलवीर योजना जैसी पहल के माध्यम से शिक्षा और कौशल विकास में इसकी भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया।
  • युवा सशक्तिकरण और खेल: राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाने और ओलंपिक में संभावित पदक विजेताओं को विश्व स्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए मिशन ओलंपिक के माध्यम से खेलों को प्रोत्साहन प्रदान करने में सेना के प्रयास। 

बैठक के दौरान चर्चाओं ने भविष्य के लिए तैयार बल के रूप में विकसित होने की भारतीय सेना की प्रतिबद्धता की पुष्टि कीजो न केवल राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में सक्षम है बल्कि विकसित भारत@2047 के दृष्टिकोण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

 

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