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डीआरडीओ ने उद्योग और शैक्षणिक क्षेत्र में रक्षा अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करने हेतु ‘अनुसंधान चिंतन शिविर’ का आयोजन किया

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने उद्योग और शिक्षा जगत के भीतर रक्षा अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 27 जून, 2023 को नई दिल्ली में एक ‘अनुसंधान चिंतन शिविर’ का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान मुख्य अतिथि थे।

इस अवसर पर 75 प्रौद्योगिकी से संबंधित प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की सूची जारी की गई। डीआरडीओ द्वारा पहचान की गई इस सूची को 403 तकनीकी श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिनका विस्तार 1,295 वर्तमान और भविष्य के प्रौद्योगिकी विकास कार्यों तक है। डीआरडीओ टेक्नोलॉजी फोरसाइट 2023 में सूचीबद्ध प्रौद्योगिकी से संबंधित प्राथमिकता वाले क्षेत्र इस प्रकार हैं:

क्र.सं प्रौद्योगिकी क्षेत्र
1 एडिटिव मैन्यूफैक्चरिंग
2 एयरो स्ट्रक्चर्स
3 एयरोडाइनैमिक्स
4 एयरोमैकेनिकल सिस्टम्स
5 एग्रो टेक्नोलॉजी फॉर मिलिट्री सपोर्ट इन हाई ऑल्टीच्यूड एरियाज
6 एआई/एमएल टेक्नोलॉजी
7 अल्टरनेटिव पॉवर प्लांट
8 ऐन्टेनाज
9 आर्मर्ड एंड कॉम्बैट व्हीकल्स
10 ऑटोनोमस सिस्टम्स एंड रोबोटिक्स
11 बिहेवियरल एनालिसिस फॉर सोल्जर्स
12 बायो डिफेन्स
13 बायो रिमीडीएशन
14 बायोमेडिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजीज
15 सी4आईएसआर
16 कैमफ्लाश टेक्नोलॉजी
17 सीबीआरएन डिफेन्स
18 कम्यूनिकेशन
19 कंट्रोल सिस्टम्स
20 काउंटर स्वॉर्म टेक्नोलॉजी
21 साइबर, इन्फोर्मेशन एंड कम्यूनिकेशन सिक्योरिटी
22 डिकॉयज
23 डेटोनिक्स एंड मैकेनिज्म
24 डीजल इंजन
25 डायरेक्टेड एनर्जी
26 इलेक्ट्रिक पॉवर टेक्नोलॉजी
27 इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स
28 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस
29 इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर
30 ईएम रेल गन
31 एम्बेडेड सिस्टम्स
32 एनर्जी
33 एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन
34 एनवायरनमेंटल टेस्टिंग
35 फायर फाइटिंग
36 गाइडेंस एंड नेविगेशन
37 गाइडेड आर्टिलरी
38 गन टेक्नोलॉजी
39 हार्डवेयर इन लूप सिमुलेशन
40 हाई परफॉरमेंस कंप्यूटिंग
41 हाइड्रो स्ट्रक्चर्स
42 हाइपरसॉनिक टेक्नोलॉजीज
43 लाइफ सपोर्ट
44 मैटेरियल्स
45 मिलिट्री फूड टेक्नोलॉजी
46 माइंस एंड माइंस डिटेक्शन
47 मिसाइल सिस्टम्स
48 मल्टी-बैरल रॉकेटस
49 म्यूनिशन/ एम्यूनिशन
50 नेचुरल हैजर्ड मैनेजमेंट
51 नॉन डिस्ट्रक्टिव इवैल्यूएशन
52 ओशन प्रोफाइलिंग
53 पैराशूट टेक्नोलॉजी
54 पैसिव काउंटरमेजर्स
55 प्रपल्शन टेक्नोलॉजीज
56 प्रोटेक्टिव क्लोदिंग एंड गियर्स
57 क्वांटम टेक्नोलॉजीज
58 रडार टेक्नोलॉजीज
59 रैडम टेक्नोलॉजीज
60 रेस्पिरेटरी मैनेजमेंट
61 सीकर टेक्नोलॉजीज
62 सेंसर्स / डिटेक्टर्स
63 सोल्जर सपोर्ट
64 सोनार टेक्नोलॉजीज
65 स्पेस सिचुएशनल अवेयरनेस
66 स्पेस टेक्नोलॉजीज
67 सर्विलांस एंड ट्रैकिंग
68 स्वार्म टेक्नोलॉजी
69 टेरहर्ट्ज
70 यूएवी
71 यूजीवी
72 अंडरवाटर डिफेन्स टेक्नोलॉजीज
73 वारगेमिंग
74 वारहेड/ एक्सप्लोसिव एंड बैलिस्टिक प्रोटेक्शन
75 वेस्ट मैनेजमेंट

इन 75 प्रौद्योगिकी से संबंधित प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को खोलने से भारत को आत्मनिर्भरता के पथ अग्रसर करने हेतु रक्षा प्रौद्योगिकियों के स्वदेशीकरण और उनमें नवाचार करने के लिए उद्योग जगत को प्रोत्साहित करते हुए रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा। इस प्रकार, उद्योग और शिक्षा जगत के साथ जुड़ाव के माध्यम से देश में सैन्य प्रौद्योगिकी डिजाइन और विकास को बढ़ावा मिलेगा।

सभी क्षेत्रों, श्रेणियों और प्रौद्योगिकी के विकास से जुड़ी गतिविधियों को सूचीबद्ध करने वाली डीआरडीओ टेक्नोलॉजी फोरसाइट 2023 के बारे में भी जानकारी दी गई। यह दस्तावेज़ उन प्रौद्योगिकी क्षेत्रों की पहचान करता है जिन पर डीआरडीओ की विभिन्न प्रयोगशालाएं वर्तमान में काम कर रही हैं। यह दस्तावेज www.drdo.gov.in  पर उपलब्ध है। गतिविधियों की सूची भविष्य के उन प्रौद्योगिकी क्षेत्रों की पहचान करती है जो राष्ट्र की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए रक्षा प्रणालियों के विकास और रक्षा अनुसंधान एवं विकास की दृष्टि से आवश्यक हैं। यह वेबपेज निकट भविष्य में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संबंधी जरूरतों के लिए परिकल्पित प्रमुख प्रौद्योगिकी कार्यों को सूचीबद्ध करेगा। उद्योग और शिक्षा जगत को संबंधित क्षेत्रों में काम करने वाले डीआरडीओ के विभिन्न प्रतिष्ठानों की सूची दी जाती है, जिससे विभिन्न हितधारकों के बीच समझ का एक सहज चैनल स्थापित होता है।

इस अवसर पर बोलते हुए, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने ‘अनुसंधान चिंतन शिविर’ के आयोजन के लिए डीआरडीओ की सराहना की और सशस्त्र बलों के लिए स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकियों के महत्व पर जोर दिया।

अपने संबोधन में, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने कहा कि डीआरडीओ, उद्योग और शिक्षा जगत को प्रौद्योगिकियों को निचले स्तर से उठाकर उन्नत स्तर तक ले जाने के लिए आपस में तालमेल के साथ काम करना चाहिए, जहां इसका उपयोग व्यापक पैमाने पर उत्पादन के लिए किया जा सके।

महानिदेशक (प्रौद्योगिकी प्रबंधन) डॉ. सुब्रत रक्षित, आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी और एलएंडटी के कार्यकारी उपाध्यक्ष श्री अरुण रामचंदानी ने इस शिविर के दौरान रक्षा अनुसंधान एवं विकास के बारे में डीआरडीओ, शिक्षा जगत और उद्योग जगत के दृष्टिकोण को सामने रखा।

चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के चेयरमैन, चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीआईएससी) लेफ्टिनेंट जनरल जॉनसन पी मैथ्यू, डीजी (एडमिन) वायुसेना मुख्यालय एयर मार्शल पी.के. घोष, रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, डीआरडीओ के वैज्ञानिक, उद्योग जगत के प्रमुख और शिक्षा विशेषज्ञ भी उपस्थित थे।

डीआरडीओ अपने प्रयोगशालाओं और केंद्रों के नेटवर्क के साथ एयरोनॉटिक्स, आयुध, इलेक्ट्रॉनिक्स, लड़ाकू वाहन, इंजीनियरिंग सिस्टम, इंस्ट्रूमेंटेशन, मिसाइल, एडवांस्ड कंप्यूटिंग सिमुलेशन, विशेष सामग्री, नौसेना प्रणाली, जीवन विज्ञान, प्रशिक्षण सूचना प्रणाली और आधुनिक कृषि प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न विषयों को कवर करने वाली रक्षा प्रौद्योगिकियों के विकास में गंभीरतापूर्वक जुटा हुआ है। अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों और उपकरणों के विकास के माध्यम से महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करना डीआरडीओ की मुख्य गतिविधियों में से एक है। डीआरडीओ नई प्रौद्योगिकियों को विकसित करने हेतु उद्योग और अकादमिक जगत के साथ सहयोग को बढ़ावा देने के लिए रक्षा इकोसिस्टम के विभिन्न हितधारकों के साथ बातचीत कर रहा है।

 

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समाचार कानपुर से

थाना सीसामऊ के पी रोड अन्तर्गत
श्रीमती मणि राणा पत्नी संजय राणा निवासी पी रोड जरीब चौकी थाना सीसामऊ कानपुर उम्र 53 वर्ष अपने बंद कमरे में मृत अवस्था में मिली है। जिनके परिजनों की सूचना पर थाना प्रभारी सीसामऊ मय फोर्स के मौके पर जाकर देखा गया तो दरवाजा अंदर से बंद है, मौके पर देखने पर उक्त महिला अपने कमरे की किचन के दरवाजे में जमीन पर पड़ी है। फील्ड यूनिट को सूचित कर बुलाया गया है एवम अन्य विधिक कार्यवाही की जा रही है।

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योग करने से सभी बीमारियो से बचा जा सकता है- सतीश महाना

अन्तराष्ट्रीय योग दिवस पर एंटी करप्शन फाउंडेशन आफ इंडिया के डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टर जग महेंद्र अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश विधान सभा अघ्यक्ष को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

आज अन्तराष्ट्रीय योग दिवस पर उत्तर प्रदेश विधान सभा अघ्यक्ष सतीश महाना ने राम अवतार महाना जन समुदाय केन्द्र, जाजमऊ मे योग दिवस समारोह मनाया।
उन्होने अपने सम्बोधन मे कहा कि योग करने से बीमारियो से बचा जा सकता है, हर व्यक्ति को स्वस्थ जीवन जीने के लिए योग अवश्य करना चाहिए। एंटी करप्शन फाउंडेशन आफ इंडिया के डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टर व समाज सेवी जग महेंद्र अग्रवाल व अग्रवाल स्टोर के चेयरमैन अरूण अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश विधान सभा अघ्यक्ष का रूपटटा पहनाकर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
इसमे प्रमुख रूप से चन्द्रेश सिह, अनिल राय, पार्षद कैलाश पाण्डेय, पार्षद अशोक मेम्बर, मनोज सेगर, बलराम सिंह, रवि तिवारी,दिनेश शास्त्री,सोनू बाबा, आदि लोग विशेष रूप से मौजूद रहे।

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जी20 के अंतर्गत पर्यटन कार्य समूह की चौथी बैठक का उद्घाटन सत्र गोवा में आयोजित

पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित जी20 के अंतर्गत पर्यटन कार्य समूह की चौथी बैठक का उद्घाटन सत्र आज सुबह गोवा में आयोजित किया गया। केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। पर्यटन राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट, पर्यटन राज्य मंत्री श्री श्रीपाद येसो नाईक और गोवा के मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत और पर्यटन मंत्री श्री रोहन खौंटे भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय संस्कृतिपर्यटन और उत्तर पूर्वी क क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी.के. रेड्डी ने कहा कि जी20 में भारत की अध्यक्षता में पिछले कुछ महीनों में पर्यटन कार्य समूह की बैठकें अलग-अलग स्थानों पर आयोजित हो रही हैं। पहली बैठक गुजरात में कच्छ के रण, दूसरी पश्चिम बंगाल में सिलीगुड़ी और तीसरी बैठक जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर में आयोजित की गई है। दुनिया भर के विशेषज्ञों, नवोन्मेषकों और नेताओं के साथ पर्यटन से जुड़ें विभिन्न पहलुओं पर व्यावहारिक, विचारशील और सकारात्मक चर्चा हुई।

उन्होंने कहा कि हमारी आध्यात्मिक शक्ति और देश के विभिन्न स्थानों की विविधता का सुंदरता और समृद्धि का अनुभव किए बिना भारत की यात्रा अधूरी होगी। उन्होंने कहा कि भारत में 50 से अधिक शक्तिपीठ हैं, जहां महिला शक्ति की दिव्यता की आराधना की जाती है। यह सिख धर्म की जन्मस्थली है। देश में भाईचारे और समानता का प्रतीक अमृतसर का स्वर्ण मंदिर है।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत बौद्ध और जैन धर्म का उद्गम स्थल है, यहां लगभग 80 प्रतिशत हिंदू आबादी है। देश के 200 बड़े बौद्ध मठ हमें अहिंसा के बौद्ध सिद्धांतों और प्रकृति के साथ सद्भाव से रहने के जैन दर्शन का स्मरण कराते हैं। सरकार के मिशन लाइफ- पर्यावरण के लिए जीवनशैली (लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट) का आधार है।

उन्होंने भारतीय पर्यटन को वैश्विक स्तर पर ले जाने का श्रेय प्रधानमंत्री के नेतृत्व को देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने पर्यटन दूत के रूप में विश्व पटल पर भारत के पर्यटन क्षेत्र को गति दी है। उन्होंने कहा कि हमारी समृद्ध विरासत और संस्थागत शक्ति को पहचान मिली है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार 2014 से पर्यटन को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने रेखांकित करते हुए कहा कि प्राचीन काल से ही भारत की यात्रा आत्म मंथन का एक अवसर था और भारत हमेशा विश्व के सभी कोनों से आने वाले यात्रियों के लिए लोकप्रिय गंतव्य रहा है। इसने 200 देशों और विभिन्न धर्मों के लोगों को भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक विरासत के अनुभव अवसर प्रदान किया है।  जी. किशन रेड्डी ने आगे बताया कि ‘अतिथि देवो भव’ के प्राचीन दर्शन की भावना निहित है। हमारे यहां अतिथि को दिव्य माना जाता है। कोविड महामारी के पश्चात देश में विदेशी पर्यटकों की संख्या में उत्तरोतर वृद्धि हुई है और जनवरी से अप्रैल 2023 के बीच 2022 की इसी अवधि की तुलना में पर्यटकों की संख्या में 166 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आशा है कि इस वर्ष 2023 के कार्यकाल में पर्यटकों की संख्या महामारी से पूर्व देश में आने वाले पर्यटकों के बराबर हो जाएगी।उन्होंने कहा कि अंतिम बैठक में सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय और अन्य राज्य सरकारों और पर्यटन हितधारकों के लिए कार्य प्रणाली और सिफारिशें प्रस्तुत की जाएंगी। जी. किशन रेड्डी ने बताया कि वर्तमान में हमारी सरकार की दो प्राथमिकताएं हैं- पर्यटकों की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सतत बुनियादी ढांचे का निर्माण और पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली को अपनाने के लिए पर्यटकों के बीच जागरूकता बढ़ाना जी20 टूरिज्म और सतत विकास लक्ष्य डैशबोर्ड की एक विरासत बनाई गई है, जो समावेशी और लचीले पर्यटन क्षेत्र के निर्माण में नीतियों और पहलों को बढ़ावा देगी। उन्होंने यह भी अपील की कि भावी पीढ़ी के लिए एकजुट होकर लचीले और टिकाऊ पर्यटन क्षेत्र का निर्माण करें।

इस अवसर पर अपने संबोधन में, पर्यटन राज्य मंत्री श्री श्रीपाद येसो नाईक ने कहा कि गोवा छुट्टियां मनाने के लिए एक बेहद उपयुक्त जगह है। यहां शांत परिदृश्य, ताड़ के किनारे वाले समुद्रतट, सुनहरी रेत, हरे-भरे इलाके, अद्भुत सांस्कृतिक इतिहास का अद्भुत संगम और पूर्व और पश्चिम संस्कृतियों का एक अनूठा मिश्रण है।

श्री श्रीपाद येसो नाईक ने यह भी कहा कि तटीय क्षेत्रों और जल निकायों के साथ-साथ विकसित पर्यटन बुनियादी ढांचा देश में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायक है। घरेलू और विदेशी पर्यटकों के बीच यह स्थल बहुत लोकप्रिय है।

उन्होंने कहा कि भारत को एक पसंदीदा साहसिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने और देश में साहसिक पर्यटन को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय रणनीति बनाई गई है। इसके तहत रोमांचक स्थलों का विकास, साहसिक पर्यटन में सुरक्षा में बढ़ावा, कौशल विकास, क्षमता निर्माण और विपणन पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

श्री नाईक ने कहा कि पर्यटन के लिए गोवा रोडमैप एक स्थायी, समावेशी और लचीले पर्यटन क्षेत्र के निर्माण के लिए एक प्रमुख मार्गदर्शक होगा। गोवा रोडमैप पिछले तीन वर्षों में जी20 पर्यटन कार्य समूह के प्रयासों का प्रतिरूप है और जी20 की भारत की अध्यक्षता के तहत हरित पर्यटन, डिजिटलीकरण, कौशल विकास, पर्यटन सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्योगों और गंतव्य प्रबंधन के पांच परस्पर प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान करता है। सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए 2030 के एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए अनुशंसित कार्रवाई करता है।

उन्होंने यह भी कहा कि गोवा रोडमैप एक स्थायी, समावेशी और लचीले पर्यटन क्षेत्र के निर्माण के लिए एक प्रमुख मार्गदर्शक उपकरण होगा।

इस अवसर पर बोलते हुए पर्यटन राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने कहा कि पर्यटन लोगों को अन्य संस्कृतियों के बारे में जानने का अवसर प्रदान करता है और समुदायों को सशक्त बनाता है, जिससे अर्थव्यवस्था वृद्धि में सहायता मिलती है।

इसके अलावा, सोशल मीडिया ने कम लोकप्रिय पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने में भी बहुत योगदान दिया है क्योंकि पर्यटक रोमांच, आनंद और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के समृद्ध अनुभवों की खोज करता है।

तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्द्धन अभियान'(प्रसाद) योजना के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि भारत आध्यात्मिक और विरासत पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र है। मुझे यह सूचित करते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान (पिलग्रिमेज रिवाइवल एंड स्पिरिचुअल एनरिचमेंट स्कीम – प्रसाद) योजना पर्यटन मंत्रालय ने 2014-2015 में तीर्थ स्थलों और विरासत शहरों के विकास के लिए शुरू की  थी।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय ग्रामीण पर्यटन स्थलों के विकास पर भी बहुत ध्यान देता है, इसका उद्देश्य सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करना और बढ़ावा देना और पर्यटन के सतत विकास को सुनिश्चित करना है।

उन्होंने कहा कि वैश्विक पर्यटन प्लास्टिक पहल एकीकृत लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्लास्टिक प्रदूषण को उत्पति स्थल से ही समाप्त करने के लिए पर्यटन उद्योग को एकजुट करने की पहल है। इसके लिए सरकारों, प्रमुख उद्योग घरानों और अन्य पर्यटन हितधारकों के सहयोगी और समर्पित प्रयासों की आवश्यकता है।

उद्घाटन सत्र में को संबोधित करते हुए गोवा के मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत ने कहा कि गोवा एक ऐसा पर्टयन स्थल है जो पर्यटन से जुड़े विविध आयामों के कारण पूरे वर्ष पर्यटकों को आकर्षित करता है।

उन्होंने कहा कि हम आज गोवा में वसुधैव कुटुम्बकम विषय के तहत एकत्रित हुए हैं, हम अधिक समावेशी, टिकाऊ और समृद्ध दुनिया की दिशा में सामूहिक यात्रा शुरू कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गोवा ‘पर्ल ऑफ द ओरिएंट’ के रूप में प्रसिद्ध है और सालाना लाखों घरेलू और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है। उन्होंने यह भी कहा कि गोवा अपने खूबसूरत समुद्र तटों, जीवंत नाइटलाइफ़, रोमांचकारी साहसिक खेलों, प्राचीन पश्चिमी घाटों, मंत्रमुग्ध करने वाले झरनों, शांत बैकवाटर, योग और वेलनेस रिट्रीट, स्वादिष्ट व्यंजनों और अनूठी संस्कृति और विरासत के लिए जाना जाता है।

आज भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ साझेदारी में मेकिंग इंडिया ए हब फॉर क्रूज टूरिज्म‘ पर एक विषयगत चर्चा भी आयोजित की गई।

इस आयोजन में क्रूज पर्यटन के विभिन्न आयामों के संवर्धन और विकास के तरीकों पर चर्चा की गई।

श्री जी. किशन रेड्डी, श्री श्रीपाद येसो नाईक और श्री अजय भट्ट ने साइड इवेंट में ‘ड्राफ्ट स्ट्रैटेजी-विजन एंड इंटीग्रेटेड क्रूज टूरिज्म स्ट्रैटेजी फॉर इंडिया’ का अनावरण किया गया।

विषयगत चर्चा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि भारत सरकार क्रूज पर्यटन को प्रोत्साहित करने और इसमें सुधार के लिए सभी प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हम क्रूज पर्यटन में क्रांति लाने के लिए विभिन्न मंत्रालयों, राज्य सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, हितधारकों और उद्योग के साथ समन्वय कर रहे हैं। श्री रेड्डी ने आगे कहा कि हमारे पास 7500 किलोमीटर से अधिक लंबी समुद्री सीमा है, जिसे हम क्रूज टूरिज्म की संभावनाओं का विस्तार कर सकते हैं।

गोवा के मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सामंत ने टिप्पणी की कि गोवा में अपार संभावनाएं हैं और एक सुदृढ़ जहाज निर्माण और क्रूज उद्योग है। उन्होंने कहा कि ‘मेक इन गोवा फॉर द ग्लोब’ दृष्टिकोण के साथ, गोवा क्रूज बुनियादी ढांचे के विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहा है और क्रूज पर्यटन उद्योग को सुदृढ़ बनाने के लिए इस क्षेत्र में निवेश करने को कहा है। गोवा में समुद्री उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विशिष्ट समुद्री क्लस्टर बनाया गया है।

पर्यटन राज्य मंत्री, श्री अजय भट्ट ने ‘मेकिंग इंडिया ए हब फॉर क्रूज टूरिज्म’ विषय पर चर्चा के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत हितधारकों के बीच सक्रिय सहयोग और सरकार की पहल के साथ क्रूज पर्यटन के क्षेत्र में वैश्विक गंतव्य के रूप

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डी जी कॉलेज द्वारा मनाया गया 9वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

कानपुर 22 जून भारतीय स्वरूप संवाददाता, डी जी कॉलेज, कानपुर राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के दिशा निर्देशन में एनएसएस ग्रुप लीडर्स और स्वयं सेविकाओं तथा छात्राओं ने सर्वप्रथम ग्रीन पार्क स्टेडियम मे प्रशासन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सक्रिय सहभागिता की गई। वहां सभी छात्राओं को योग दिवस की टी-शर्ट का वितरण भी प्रशासन के द्वारा किया गया। यहां आयोजित कार्यक्रम में कुल 200 छात्राओं ने प्रतिभागीता की। तत्पश्चात समस्त एनएसएस वॉलिंटियर्स ने विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित 75 गांव में योगा कार्यक्रम के अंतर्गत महाविद्यालय इकाई द्वारा अधिग्रहित मलिन बस्ती अस्पताल घाट में जाकर बस्तिवासियों को योग और प्राणायाम के लाभों से अवगत कराते हुए सभी से प्रतिदिन योग और प्राणायाम करने का आग्रह किया ताकि वह निरोग रह कर अपने दिन प्रतिदिन के कार्यों का संचालन भली-भांति कर सके तथा राष्ट्र के विकास में अपना भरपूर सहयोग कर पाए। यहां आयोजित कार्यक्रम में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर से मनोनीत योगाचार्या कु. अंजलि त्रिवेदी के द्वारा छात्राओं तथा बस्ती वासियों को योग व प्राणायाम के विभिन्न आसनों का अभ्यास कराया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय प्राचार्या प्रो अर्चना वर्मा, डॉ अंजना श्रीवास्तव, डॉ मिथलेश गंगवार, कु अनुराधा समेत समस्त स्वयं सेविकाओं तथा बस्तीवासियों की सक्रिय सहभागिता सराहनीय रही। अंत में कार्यक्रम अधिकारी द्वारा जलपान वितरण करवाया गया एवम सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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उपराष्ट्रपति 22 जून, 2023 को जम्मू-कश्मीर जाएंगे

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ 22 जून, 2023 को पहली बार केन्‍द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जाएंगे, जहां वे जम्मू विश्वविद्यालय के विशेष दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि होंगे।

विशेष दीक्षांत समारोह के बाद उपराष्ट्रपति माता वैष्णो देवी के पवित्र मंदिर में पूजा-अर्चना करने और दर्शन करने के लिए कटरा जाएंगे।

अपनी एक दिन की यात्रा के दौरान, उपराष्ट्रपति का जम्मू और कश्मीर राजभवन जाने का भी कार्यक्रम है।

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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अप्रैल, 2023 के महीने के दौरान समग्र 17.20 लाख सदस्य जोड़े

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ द्वारा 20 जून, 2023 को जारी किया गया तत्कालिक पेरोल डेटा कई प्रमुख मापदंडों पर महत्वपूर्ण वृद्धि का संकेत देता है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि ईपीएफओ ने मार्च, 2023 के पिछले महीने के दौरान 13.40 लाख की कुल वृद्धि की तुलना में अप्रैल, 2023 के महीने में 17.20 लाख सदस्य जोड़े हैं। साल-दर-साल बढ़ते हुए अप्रैल, 2023 के महीने के लिए समग्र पेरोल वृद्धि में बढ़त की प्रवृत्ति देखी गई है।

अप्रैल माह के दौरान जोड़े गए कुल 17.20 लाख सदस्यों में से करीब 8.47 लाख नए सदस्य पहली बार ईपीएफओ के तहत सामाजिक सुरक्षा दायरे में आए हैं। इस तरह से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से जुड़ने वाले नये सदस्यों में से 18-25 वर्ष की आयु वर्ग से कुल नए सदस्यों की संख्या लगभग 54.15 प्रतिशत है। 18-25 वर्ष का आयु समूह यह इंगित करता है कि देश के संगठित क्षेत्र के कार्यबल में शामिल होने वाले अधिकांश सदस्य पहली बार नौकरी प्राप्त करने वाले युवाओं में शामिल हैं।

इन आंकड़ों में ईपीएफओ में फिर से शामिल होने वाले सदस्यों की बढ़ती संख्या को भी दर्शाया गया है क्योंकि मार्च, 2023 के पिछले महीने में 10.09 लाख की तुलना में 12.50 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर निकल गए लेकिन फिर से शामिल हो गए। ये वैसे सदस्य हैं जिन्होंने अपनी नौकरी बदल ली होगी तथा ईपीएफओ के अंतर्गत सेवाएं देने वाले प्रतिष्ठानों में फिर से शामिल हो गए होंगे और उन्होंने अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने के बजाय अपने संचय को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना होगा, जिससे उनकी सामाजिक सुरक्षा सुरक्षा का विस्तार होगा।

पिछले महीने की तुलना में अप्रैल, 2023 में 3.77 लाख के साथ निकासी की संख्या में 11.67 प्रतिशत की कमी आई है। साल-दर-साल तुलना करने से यह भी पता चलता है कि अप्रैल, 2023 के महीने में निकासी की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है।

पेरोल डेटा के लिंग-वार विश्लेषण से पता चलता है कि मार्च, 2023 के दौरान 2.57 लाख की तुलना में अप्रैल, 2023 में कुल महिला सदस्यों का नामांकन 3.48 लाख रहा है। इस महीने के दौरान जोड़े गए कुल 8.47 लाख नए सदस्यों में से लगभग 2.25 लाख नई महिला सदस्य भी हैं, जो पहली बार ईपीएफओ में शामिल हो रही हैं। अप्रैल महीने के दौरान महिला सदस्यों की सभी नए नामांकनों में कुल हिस्सेदारी लगभग 26.61 प्रतिशत रही है, जो नए सदस्यों के बीच पिछले छह महीनों में महिलाओं की उच्चतम भागीदारी को दर्शाता है।

अखिल भारतीय पेरोल डाटा के विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि कुल सदस्यों की संख्या में वृद्धि से महीने-दर-महीने की बढ़ती प्रवृत्ति अधिकांश राज्यों में परिलक्षित होती है। अप्रैल माह के दौरान प्राप्त आंकड़ों में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात और दिल्ली जैसे प्रदेश शीर्ष पांच राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो लगभग 59.20 प्रतिशत कुल सदस्य जोड़ रहे हैं।

उद्योग-वार आंकड़ों की माह-दर-माह तुलना विनिर्माण एवं सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाती है। शीर्ष 10 उद्योगों में सबसे अधिक बढ़ोतरी विनिर्माण, विपणन-सेवा और कंप्यूटर सबंधित कार्य करने में लगे प्रतिष्ठानों में देखी गई है। इसके बाद इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल या सामान्य इंजीनियरिंग उत्पाद और अन्य व्यापारिक-वाणिज्यिक प्रतिष्ठान थे। बढ़त का रुख रखने वाले अन्य प्रमुख उद्योगों में गारमेंट मेकिंग, टेक्सटाइल, बिल्डिंग और कंस्ट्रक्शन तथा विशेषज्ञ सेवाएं शामिल हैं।

उपरोक्त पेरोल डेटा अस्थायी है, क्योंकि डेटा तैयार करना एक सतत प्रक्रिया है और कर्मचारियों के रिकॉर्ड को अपडेट करना एक जारी रहने वाली व्यवस्था है। इसलिए पिछला डेटा हर महीने अद्यतित किया जाता है। अप्रैल-2018 के महीने से ईपीएफओ सितंबर, 2017 की अवधि को कवर करते हुए पेरोल डेटा जारी कर रहा है। इस तरह से मासिक पेरोल डेटा में, आधार से मान्य सार्वभौमिक खाता संख्या (यूएएन) के माध्यम से पहली बार ईपीएफओ में शामिल होने वाले सदस्यों की गिनती, ईपीएफओ के कवरेज से बाहर निकलने वाले मौजूदा सदस्य और सदस्य के रूप में बाहर निकलने वाले लेकिन फिर से शामिल होने वालों की गणना शुद्ध मासिक पेरोल पर पहुंचने के लिए की जाती है।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन देश का प्रमुख संगठन है जो ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 के क़ानून के तहत संगठित/अर्ध-संगठित क्षेत्र के कार्यबल को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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एस० एन० सेन बा० वि० पी० जी० कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भव्यता एवम उत्साह के साथ संपन्न

कानपुर 22 जून भारतीय स्वरूप संवाददाता, 9 वां अंतराष्ट्रीय योग दिवस- योग शिविर 2023 अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में शासन के निर्देशानुसार पूरा भारतवर्ष ही योगमय हो गया है और इसी भव्य उपलक्ष्य में कानपुर नगर के एस० एन० सेन बा० वि० पी० जी० कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को पूरी भव्यता एवम उत्साह के साथ, एन०एस०एस०, एन०सी०सी०, रेंजर रोवर्स एवम शिक्षणोत्तर कर्मचारियों द्वारा सम्पन्न किया गया।
इस योग दिवस के अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या ने बड़े उत्साह से महाविद्यालय की एन०एस०एस० इकाई द्वारा काकोरी ग्राम में आयोजित योग शिविर में प्रतिभाग किया, साथ ही 50 से अधिक ग्राम-वासियों तथा स्वयं सेविकाओं ने भी प्रतिभाग किया। सूक्ष्म योग के द्वारा ग्राम वासियों को प्रतिदिन योग करने के लिए जागरूक एवं प्रोत्साहित किया।
शासन द्वारा निर्देशित कार्यक्रमों की कड़ी में नगर के भव्य आयोजन स्थल ग्रीन पार्क स्टेडियम में 50 से अधिक रेंजर रोवर्स तथा एन०सी०सी० के छात्राओं ने उत्साह पूर्वक प्रतिभाग किया गया।
महाविद्यालय में शासन ऐवम यूनिवर्सिटी के निर्देश का पालन करते हुए, (वृहद) तीन कार्यक्रमों द्वारा योग दिवस को उत्साहपूर्वक, सम्पूर्ण जागरूकता व उत्साह के रूप में सम्पन कराया गया।प्राचार्य प्रो सुमन, एन एस एस प्रभारी प्रो चित्रा सिंह तोमर , सह प्रभारी डा प्रीति सिंह ने काकोरी बस्ती तथा महाविद्यालय शिक्षनेत्तर कर्मचारियों का नेतृत्व किया एवं, प्रो निशा अग्रवाल और प्रो अलका टंडन ने ग्रीन पार्क में छात्राओ की अगुवाई की

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विभिन्न सागरमाला परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए श्री सर्बानंद सोनोवाल ने महाराष्ट्र के उपमुख्‍यमंत्री के साथ संयुक्त समीक्षा बैठक की

केंद्रीय पत्‍तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज मुंबई में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस के साथ एक संयुक्त समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान सोनोवाल और श्री फडणवीस ने पत्‍तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के सागरमाला कार्यक्रम के तहत महाराष्ट्र में बंदरगाह एवं पोत परिवहन क्षेत्र से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं की विस्तृत समीक्षा की।

बैठक में वाधवन एवं मुंबई बंदरगाह से संबंधित मामलों और लोथल के राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर में महाराष्ट्र तटीय राज्य पैविलियन की स्थापना पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।

महाराष्ट्र में सागरमाला परियोजनाओं के पूरा होने के बारे में चर्चा करते हुए श्री सोनोवाल ने कहा, ‘महाराष्ट्र में 14 सागरमाला परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कार्य में तेजी लाने पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। इन परियोजनाओं में करीब एक साल की देरी हो चुकी है। हम इन कार्य बिंदुओं को प्राथमिकता देते हुए महाराष्ट्र में सागरमाला परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा करने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में समुद्री बुनियादी ढांचे को बेहतर करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।’

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सागरमाला कार्यक्रम के तहत 1,13,285 करोड़ रुपये की 126 परियोजनाओं की योजना बनाई गई है। इन 126 परियोजनाओं में से 2,333 करोड़ रुपये की 46 परियोजनाएं आंशिक रूप से पत्‍तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित हैं। इनमें 1,387 करोड़ रुपये की 37 परियोजनाएं महाराष्ट्र सरकार के अधीन हैं। 279 करोड़ रुपये की 9 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। 777 करोड़ रुपये की 18 परियोजनाएं कार्यान्वयन चरण में और 331 करोड़ रुपये की 10 परियोजनाएं विकास चरण में हैं।

महाराष्ट्र में रो-रो/ रो-पैक्‍स/ पैसेंजर फेरी के परिचालन के लिए आवश्‍यक बंकर ईंधन पर वैट में छूट/ रियायत देने पर भी विस्तृत चर्चा की गई। फेरी संचालन की कुल ईंधन लागत में इसका योगदान 20 प्रतिशत से अधिक है।

बैठक के दौरान महाराष्ट्र में आगामी वाधवन बंदरगाह के विकास पर भी चर्चा की गई। वाधवन के पास 18 मीटर से अधिक का प्राकृतिक तलछट है जो बंदरगाह पर काफी बड़े कंटेनरों और कार्गो जहाजों की आवाजाही को आसान बनाता है। इससे प्रमुख शिपिंग लाइनों के लिए भारत को एक प्रमुख गंतव्य बनाने के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा और भविष्य में कार्गो की वृद्धि को समायोजित करने के लिए आवश्यक क्षमता प्रदान करने में मदद मिलेगी।

श्री सोनोवाल ने कहा, ‘हमारे माननीय प्रधानमंत्री के व्‍यापक दृष्टिकोण के अनुरूप देश के तटीय राज्यों की समुद्री गतिविधियों को प्रदर्शित करने के लिए राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर में एक तटीय राज्य पैविलियन स्‍थापित करने का प्रस्ताव दिया गया है। यहां महाराष्ट्र के लिए अपनी समृद्ध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने का एक अनूठा अवसर है। यह राज्य प्रायोजित होगा जिसमें महाराष्ट्र सरकार महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।’

श्री सर्बानंद सोनोवाल और श्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में समुद्री क्षेत्र में कौशल विकास और बंदरगाहों के लिए समुद्री मास्टर प्लान को अंतिम रूप देने पर काफी उपयोगी बातचीत की।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने विभिन्न मुद्दों को निपटाने और परियोजनाओं के कार्यान्वयन में जल्द से जल्द तेजी लाने के लिए प्रतिबद्धता जताई।

बाद में श्री सर्बानंद सोनोवाल ने सभी संबद्ध हितधारकों, सलाहकारों और उप सलाहकारों के साथ लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। बैठक के दौरान इस परियोजना की विभिन्न चुनौतियों और विकास योजना पर चर्चा की गई ताकि इसे समय पर पूरा किया जा सके। साथ ही प्रतिभागियों को निर्देश दिया गया कि वे इस परियोजना के जरिये दुनिया सामने तकनीकी चमत्कार का एक उदाहरण पेश करें और उसकी सराहना करें।

बैठक में मुंबई पोर्ट के अध्यक्ष श्री राजीव जलोटा, जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (जेएनपीए) के अध्‍यक्ष श्री संजय सेठी, सागरमाला के जेएस श्री भूषण कुमार और मंत्रालय एवं बंदरगाहों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पूर्व प्रशिक्षण एवम् जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

 

कानपुर | दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज कानपुर में कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के दिशा निर्देशन में एनएसएस ग्रुप लीडर्स और स्वयं सेविकाओं ने बस्ती में जाकर बस्तिवासियों को योग और प्राणायाम के लाभों से अवगत करवाया तथा उन्हें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून, 2023 के कार्यक्रम हेतु आमंत्रित किया। सभी से प्रतिदिन योग और प्राणायाम करने का आग्रह किया। कार्यक्रम अधिकारी के द्वारा छात्राओं को योग के विभिन्न आसनों का अभ्यास भी कराया गया।
कार्यक्रम में प्राचार्या प्रो अर्चना वर्मा, प्रो स्वाति सक्सेना, डॉ अंजना श्रीवास्तव समेत समस्त स्वयं सेविकाओं, बस्ती वासियों आदि का सहयोग सराहनीय रहा।

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भाव और विश्वास इन्सान की खुद के अंतर मन की उपज है

दोस्तों ! ज़िन्दगी बहुत ही सरल और सीधी है हम लोगों ने ही उसे मुश्किल बना रखा है किसी भी चीज़ को पाना हो अगर ,तो पहले विश्वास करना पढ़ता है।चाहे वो दुनिया की कोई खुवाईशात हो या रब को पाने की चाहत ..बात सिर्फ़ विश्वास की है।
ऐलिस मेरी सहेली स्पेन से मुझे मिलने आ रही थी।ऐयरपोर्ट पर काफ़ी इंतज़ार के बाद मैं अपने डाईवर को गाड़ी पार्किंग में पार्क करने के लिए फ़ोन करने ही वाली थी कि पीछे से ज़ोर से आवाज़ सुनाई दी। हाय स्मिता !
मैंने मुड़ कर देखा।ऐलिस भागती हुई आई और मेरे गले लग गई। मेरी सहेली ऐलिस जो मेरे ही शहर में रहा करती थी फिर कुछ सालों बाद वो स्पेन चली गई।मैंने कहा !कैसी हो ऐलिस ? कैसा रहा सफ़र ?इतने सालों बाद मिल रही हो।दुबली भी हो गई हो।मेरे गले में बाँहें डाल कर बोली !जल्दी से मुझे घर चलो ।बहुत थक गई हूँ ।फिर आराम से बातें करते हैं।उसने अपना बैग उठाया और हम गाड़ी में बैठ कर घर आ गये। बड़ी ख़ुश थी मुझे मिल कर।कहने लगी मुझे बहुत इन्तज़ार था तुम से मिलने का।घर आ कर चाय का प्याला ले कर हम दोनों बैठ गये। मैंने पूछा ! कैसे आना हुआ इस बार ? ऐलिस ने लम्बी सी साँस ली और कहने लगी !टूट सी गई हूँ अब तो।मेरी स्पेन की नौकरी चली गई ,जो बिज़नेस था वो चल ही नहीं सका।सोचा शादी कर लूँ उसके लिए मुझे कोई ढंग का लड़का ही नहीं मिल पाया।मेरी गाड़ी का भी पिछले महीने ऐकसीडैंट हो गया मैं उदास हो गई थी ,सोचा इंग्लैंड हो कर आती हूँ ,तुम्हें भी मिलना हो जायेगा और अपने भाई से भी स्कॉटलैंड में मिल लूँगी।रात को देर तक बैठे बातें करते रहे ।सुबह पता नहीं क्या मेरे मन में आया।मेरे घर में मंदिर बना हुआ है जहां एक क्षीं यंत्र पड़ा था। लोग बहुत तरहां से रब की भक्ति करते हैं मगर मैं भाव से भक्ति में विश्वास करती हूँ ,न की कर्मकांड पर या यूँ कह सकती हूँ कि मुझे भक्ति करना आता ही नहीं। रब को रिझाना कैसे हैं शायद जानती ही नही मैं ।मैंने कहा ऐलिस ये क्षीं यंत्र तुम ले जाओ किसी महात्मा ने मुझे दिया था और मैंने थोड़ा सा कुम कुम उसे दे दिया और कहा कि रोज़ क्षीं यंत्र के ऊपर कुम कुम का अभिषेक कर दिया करना ,शायद तुम्हारे सब काम ठीक हो जाए।किसी महात्मा ने ऐसा ही कहा था मुझे ये यंत्र देते हुए।ये क्षीं यंत्र मुझे महात्मा जी ने शायद तुम्हारे लिये ही दिया हो।कह कर मैंने क्षीं यंत्र उसे दे दिया। ऐलिस अगले दिन की फ़्लाइट से अपने भाई से मिलने स्कॉटलैंड चली गई। वक़्त गुजरने लगा। पाँच साल हो चुके थे।इक रोज़ ऐलिस का फ़ोन आया कि स्मिता मैं तुम्हारे शहर में हूँ ,तुम्हें मिलने आ रही हूँ ।मैं हैरान थी आज एकदम अचानक से कैसे?उसी शाम ऐलिस घर आई।बेहद खुश थी मैंने पूछा !
कैसी हो? कहने लगी मैं बहुत खुश हूँ मेरा बिज़नस बहुत अच्छा हो गया है अब मुझे नौकरी की कोई ज़रूरत नहीं रही। घर भी ले लिया मैंने। नई गाड़ी भी ले ली है।और आज से तीन महीने बाद मेरी शादी है उसी का इन्वाइट देने आई हूँ तुम्हें।
मैं आजकल देश विदेश बहुत ट्रैवल करती हूँ और कहने लगी !
जहां भी जाती हूँ तुम्हारा दिया हुआ यंत्र साथ ले जाती हूँ।माई डियर फ्रैंड!ये सब तेरी वजह से हुआ है ,मैं हैरान थी ये सुन कर।मैंने पूछा !
मेरी वजह से ? कहने लगी !
हाँ हाँ तुम्हारी वजह से ही मैं सब कुछ वापस पा सकी।फिर बताने लगी तुम्हारा दिया हुआ क्षीं यंत्र मैं हर जगह ले कर जाती हूँ जैसा तुमने कहा था वैसे ही क्षीं यंत्र का अभिषेक करती हूँ। सब ठीक हो गया मेरा।ख़ुशी से उसने मुझे गले से लगा लिया ।कहने लगी !तुम मेरी बहुत स्पेशल सहेली हो। मैं उसकी ख़ुशी से बहुत खुश हो भी रही थी।ऐलिस जल्दी से एक बैग में से क्षीं यंत्र निकाल कर मुझे दिखाने लगी और एक पैकेट भी दिखाया। मैंने पूछा !ऐलिस ये क्या है ?कहने लगी !ये कुमकुम है।
मैंने पूछा कहाँ से ये लिया तुमने ? कहने लगी! ये तो हर गरोसरी शाप पर होता है। तुम्हारा दिया कुम कुम मेरे पास ख़त्म हो गया था तो मैं स्पेन में इक गरोसरी शाप पर गई। वहाँ का शाप ओनर स्पैनिश है। उसने कहा तुम ये ले ज़ाया करो ,ये भी लाल रंग का पाउडर है ,बस फिर क्या था मेरा काम बन गया।
मेरी आँखें नम हो रही थी उसकी बात सुन कर, उसकी मासूमियत देख कर और रब की मेहरबानियाँ देख कर ..असल में दोस्तों !
वो कुम कुम था ही नहीं ।
वो जो क्षीं यंत्र पर लगाया करती थी। वो लाल मिर्ची का पाउडर था। उसकी बातें सुन कर यहाँ ये समझ में आया मुझे कि उसे जो मिला है उसे उसके विश्वास से मिला है।उसने मुझ पर विश्वास करके मुझ से कुम कुम लिया और फिर उस स्पैनिश गरोसरी वाले इन्सान पर भरोसा किया ।ऐलिस का अपना ही विश्वास था कि सब ठीक हो जायेगा और हुआ भी।यहाँ इक और बात साफ़ हो गई भगवान को भाव व विश्वास चाहिए और कुछ नहीं।और हम इन्सान ही है जो कहते है ये करो ,वो करो ,तो ही काम होगा। मंत्र सही से नहीं किया तो काम ख़राब हो जायेंगे।भगवान को केवल भाव ,विश्वास ही प्रिय है ये दूध,दही,हल्दी,फल,फूल,धूप
बाती,तेल घी शहद जो भी हम भगवान को अर्पित करते हैं ,इसे हम पहले कहीं से ख़रीदते हैं या यूँ कह लीजिए ये सब भगवान के अपने ही बनाये हुये हैं।उसकी बनाई चीजों को ही भगवान पर अर्पित कर देते है और इसके विपरीत ..भाव और विश्वास ये दोनों चीजें खुद इन्सान की अपने अंतर मन की उपज है। ये वाक़या अपने आप में सब कुछ कह रहा है मुझे ज़्यादा कुछ कहने की ज़रूरत ही नहीं।
दोस्तों।अगर आप का मन साफ़ सरल और छल कपट से दूर है ,यकीन कर सकता है विश्वास करता है तो ये मान कर चलो कि इक रोज़ वो सब होगा ….जैसा आप चाहते हैं
लेखिका स्मिता ✍️

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