Breaking News

मेजर जनरल अमिता रानी ने एमएनएस, अपर महानिदेशक के रूप में कार्यभार ग्रहण किया

मेजर जनरल अमिता रानी ने 1 अगस्त, 2023 को मिलिट्री नर्सिंग सर्विस (एमएनएस) में अपर महानिदेशक के रूप में पदभार ग्रहण किया। जनरल ऑफिसर नर्सिंग कॉलेज, सेना अस्पताल (आर एंड आर), दिल्ली की पूर्व छात्र रही हैं। इस पद पर तैनात होने से पहले वह एमएनएस, मुख्यालय (एनसी) में ब्रिगेडियर थीं

जनरल ऑफिसर 1983 में मिलिट्री नर्सिंग सेवा में शामिल हुईं। मेजर जनरल अमिता रानी ने गुणवत्ता नियंत्रण, संक्रमण नियंत्रण और रोकथाम प्रबंधन, स्वास्थ्य देखभाल में सिक्स सिग्मा ग्रीन बेल्ट पर अल्पकालिक पाठ्यक्रम पूरा किया है। इसके अलावा उन्होंने नेशनल हेल्थ केयर एकेडमी, जिसका मुख्यालय सिंगापुर में स्थित है, वहां से अस्पताल और गुणवत्ता प्रबंधन में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम का  प्रमाणपत्र  हासिल किया है। एक सक्षम प्रशासक के रूप में उन्होंने डीपीएम सीएच (ईसी) कोलकाता, 154 जीएच में प्रिंसिपल मैट्रॉन, एमएच जालंधर, एमएच इलाहाबाद और कमांड हॉस्पिटल एयर फोर्स, बैंगलोर जैसे प्रमुख पदों पर काम किया है।

 

Read More »

प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के पुणे में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री  मोदी ने आज पुणे मेट्रो के पूर्ण हो चुके खंडों के उद्घाटन के अवसर पर मेट्रो ट्रेनों को झंडी दिखाई। उन्होंने पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम (पीसीएमसी) द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित 1280 से अधिक घर और पुणे नगर निगम द्वारा निर्मित 2650 से अधिक पीएमएवाई के तहत तैयार किए गए घर भी लाभार्थियों को सौंपे। उन्होंने पीसीएमसी द्वारा निर्मित किए जाने वाले लगभग 1190 पीएमएवाई घरों और पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित किए जाने वाले 6400 से अधिक घरों की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने पीसीएमसी के तहत लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किए गए अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र का भी उद्घाटन किया।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अगस्त उत्सव और क्रांति का महीना है। स्वतंत्रता संग्राम में पुणे शहर के योगदान पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महानगर ने बाल गंगाधर तिलक सहित देश को कई स्वतंत्रता सेनानी दिए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आज महान अन्ना भाऊ साठे की जयंती है जो एक समाज सुधारक थे और डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर के आदर्शों से प्रेरित थे। प्रधानमंत्री ने आज भी बताया कि कई छात्र और शिक्षाविद् उनके साहित्यिक कार्यों पर शोध करते हैं और उनके कार्य और आदर्श सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, “पुणे एक जीवंत शहर है जो देश की अर्थव्यवस्था को गति देता है और पूरे देश के युवाओं के सपनों को पूरा करता है। आज की लगभग 15 हजार करोड़ की परियोजनाएं इस पहचान को और मजबूत करेंगी।”

प्रधानमंत्री ने शहरी मध्यम वर्ग के जीवन की गुणवत्ता को लेकर सरकार की गंभीरता की ओर लोगों का ध्‍यान दिलाया। प्रधानमंत्री ने पांच साल पहले मेट्रो के काम की शुरुआत को याद करते हुए कहा कि इस अवधि में 24 किलोमीटर का मेट्रो नेटवर्क पहले ही काम करना शुरू कर चुका है।

श्री मोदी ने हर शहर में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए सार्वजनिक परिवहन के बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कारण से मेट्रो नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है, नए फ्लाईओवर बनाए जा रहे हैं और ट्रैफिक लाइटों की संख्या कम करने पर जोर दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 से पहले देश में केवल 250 किलोमीटर का मेट्रो नेटवर्क था और ज्यादातर मेट्रो लाइनें दिल्ली तक ही सीमित थीं, जबकि आज देश में मेट्रो नेटवर्क 800 किलोमीटर से ज्यादा हो गया है और 1000 किलोमीटर की नई मेट्रो लाइनों पर काम चल रहा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 से पहले मेट्रो नेटवर्क भारत के केवल 5 शहरों तक ही सीमित था, जबकि आज मेट्रो पुणे, नागपुर और मुंबई सहित 20 शहरों में काम कर रही है, जहां नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने पुणे जैसे शहर में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए मेट्रो विस्तार की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा, “मेट्रो आधुनिक भारत के शहरों के लिए एक नई जीवन रेखा बन रही है।”

श्री मोदी ने शहरी जीवन की गुणवत्ता में सुधार में स्वच्छता की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, स्वच्छ भारत अभियान केवल शौचालय तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अपशिष्ट प्रबंधन भी एक बड़ा फोकस क्षेत्र है। मिशन मोड में कूड़े के पहाड़ हटाये जा रहे हैं। उन्होंने पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम (पीसीएमसी) के तहत अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र के लाभों के बारे में बताया।

प्रधानमंत्री ने अपनी टिप्पणी में कहा, “आजादी के बाद से ही महाराष्‍ट्र के औद्योगिक विकास ने भारत के औद्योगिक विकास को निरंतर गति दी है।” राज्य में औद्योगिक विकास को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र में सरकार द्वारा किए जा रहे अभूतपूर्व निवेश के बारे में चर्चा की। उन्होंने राज्य में नए एक्सप्रेसवे, रेलवे मार्गों और हवाई अड्डों के विकास का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने बताया कि रेलवे के विस्तार के लिए 2014 से पहले की तुलना में खर्च में बारह गुना वृद्धि हुई है। महाराष्ट्र के विभिन्न शहर पड़ोसी राज्यों के आर्थिक केंद्रों से भी जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री ने मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल का उदाहरण दिया, जिससे महाराष्ट्र और गुजरात दोनों को लाभ होगा, दिल्ली-मुंबई आर्थिक गलियारा जो महाराष्ट्र को मध्य प्रदेश और उत्तर भारत के अन्य राज्यों से जोड़ेगा, राष्ट्रीय समर्पित माल ढुलाई गलियारा जो बदलाव लाएगा। महाराष्ट्र और उत्तर भारत के बीच रेल संपर्क, और राज्य को छत्तीसगढ़, तेलंगाना, अन्य पड़ोसी राज्यों से जोड़ने के लिए ट्रांसमिशन लाइन नेटवर्क, जिससे उद्योगों, तेल और गैस पाइपलाइनों, औरंगाबाद औद्योगिक शहर, नवी मुंबई हवाई अड्डे और शेंद्रा बिडकिन औद्योगिक पार्क को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि ऐसी परियोजनाएं महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार करने की क्षमता रखती हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य के विकास से देश के विकास के मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा, “जब महाराष्ट्र विकसित होगा, तो भारत विकसित होगा। जब भारत बढ़ेगा, तो महाराष्ट्र को भी लाभ मिलेगा।” नवाचार और स्टार्टअप के केंद्र के रूप में भारत की बढ़ती पहचान के बारे में चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत ने 9 साल पहले कुछ सौ की तुलना में 1 लाख स्टार्टअप को पार कर लिया है। उन्होंने इस सफलता के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे के विस्तार को श्रेय दिया और भारत के डिजिटल बुनियादी ढांचे की नींव में पुणे की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा, “सस्ता डेटा, किफायती फोन और हर गांव तक पहुंचने वाली इंटरनेट सुविधाओं ने इस क्षेत्र को मजबूत किया है। भारत 5जी सेवाओं के सबसे तेज़ रोलआउट वाले देशों में से एक है।” उन्होंने यह भी कहा कि फिनटेक, बायोटेक और एग्रीटेक में युवाओं द्वारा की गई प्रगति से पुणे को फायदा हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने कर्नाटक और बेंगलुरु के लिए राजनीतिक स्वार्थ के परिणामों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कर्नाटक और राजस्थान में विकास ठप होने पर भी अफसोस जताया।

श्री मोदी ने कहा, “देश को आगे ले जाने के लिए नीति, नियत और नियम (नीति निष्ठा और नियम) भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं।” उन्होंने कहा कि यह विकास के लिए एक निर्णायक शर्त है। उन्होंने बताया कि 2014 से पहले के 10 सालों में उस वक्त की दो योजनाओं में सिर्फ 8 लाख घर बने थे। उन्होंने बताया कि लाभार्थियों ने महाराष्ट्र में 50 हजार सहित 2 लाख से अधिक ऐसे घरों को खराब गुणवत्ता के कारण खारिज कर दिया।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार ने सही इरादे से काम करना शुरू किया और 2014 में सत्ता में आने के बाद नीति में बदलाव किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 9 वर्षों में सरकार ने गांवों और शहरी गरीबों के लिए 4 करोड़ से अधिक पक्के घर बनाए हैं, जबकि शहरी गरीबों के लिए 75 लाख से अधिक घर बनाए गए हैं। उन्होंने निर्माण में लाई गई पारदर्शिता और उनकी गुणवत्ता में सुधार पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी बताया कि देश में पहली बार अधिकांश पंजीकृत घर आज महिलाओं के नाम पर हैं। यह देखते हुए कि इन घरों की लागत कई लाख रुपये है, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पिछले 9 वर्षों में देश में करोड़ों महिलाएं अब ‘लखपति’ बन गई हैं। प्रधानमंत्री ने उन सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दीं जिन्होंने अपना नया घर पाया है।

उन्होंने कहा, ”गरीब हो या मध्यमवर्गीय परिवार, हर सपने को पूरा करना मोदी की गारंटी है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि एक सपने के साकार होने से कई संकल्पों की शुरुआत होती है और यह उस व्यक्ति के जीवन में प्रेरक शक्ति बन जाती है। उन्होंने कहा, “हमें आपके बच्चों, आपकी वर्तमान और आपकी आने वाली पीढ़ियों की परवाह है।”

संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने एक मराठी कहावत उद्धृत करते हुए कहा कि सरकार का प्रयास न केवल आज को बेहतर बनाना है बल्कि कल को भी बेहतर बनाना है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के निर्माण का संकल्प इसी भावना की अभिव्यक्ति है। श्री मोदी ने महाराष्ट्र में एक ही उद्देश्य के साथ एक साथ आने वाली कई अलग-अलग पार्टियों की तरह एक साथ काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने अंत में कहा, “उद्देश्य यह है कि सभी की भागीदारी से महाराष्ट्र के लिए बेहतर काम किया जा सके, महाराष्ट्र का तेज गति से विकास हो।”

इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री रमेश बैस, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फड़नवीस और श्री अजीत पवार और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और अन्य लोग उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने पुणे मेट्रो चरण-I के दो गलियारों के पूर्ण खंडों पर सेवाओं के उद्घाटन के अवसर पर मेट्रो ट्रेनों को झंडी दिखाई। ये खंड फुगेवाड़ी स्टेशन से सिविल कोर्ट स्टेशन और गरवारे कॉलेज स्टेशन से रूबी हॉल क्लिनिक स्टेशन तक हैं। परियोजना की आधारशिला भी 2016 में प्रधानमंत्री द्वारा रखी गई थी। नए खंड पुणे शहर के महत्वपूर्ण स्थानों जैसे शिवाजी नगर, सिविल कोर्ट, पुणे नगर निगम कार्यालय, पुणे आरटीओ और पुणे रेलवे स्टेशन को जोड़ देंगे। यह उद्घाटन पूरे देश में नागरिकों को आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल व्यापक तीव्र शहरी परिवहन प्रणाली प्रदान करने के प्रधानमंत्री के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मार्ग पर कुछ मेट्रो स्टेशनों का डिज़ाइन छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरणा ग्रहण करता है। छत्रपति संभाजी उद्यान मेट्रो स्टेशन और डेक्कन जिमखाना मेट्रो स्टेशनों का अनोखा डिज़ाइन छत्रपति शिवाजी महाराज के सैनिकों द्वारा पहनी जाने वाली टोपी से मिलता-जुलता है – जिसे ‘मावला पगड़ी’ के नाम से भी जाना जाता है। शिवाजी नगर भूमिगत मेट्रो स्टेशन का एक विशिष्ट डिज़ाइन है जो छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा निर्मित किलों की याद दिलाता है।

एक अनूठी विशेषता यह है कि सिविल कोर्ट मेट्रो स्टेशन देश के सबसे गहरे मेट्रो स्टेशनों में से एक है, जिसकी सबसे अधिक गहराई 33.1 मीटर है। स्टेशन की छत इस तरह बनाई गई है कि प्लेटफॉर्म पर सीधी धूप पड़े।

सभी के लिए आवास प्राप्त करने के मिशन की दिशा में आगे बढ़ते हुए, प्रधानमंत्री ने पीसीएमसी द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित 1280 से अधिक घरों के साथ-साथ पुणे नगर निगम द्वारा निर्मित 2650 से अधिक पीएमएवाई घरों को सौंप दिया। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने पीसीएमसी द्वारा निर्मित किए जाने वाले लगभग 1190 पीएमएवाई घरों और पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित 6400 से अधिक घरों की आधारशिला भी रखी।

प्रधानमंत्री ने पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम (पीसीएमसी) के तहत अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन किया। इसे लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है, जो बिजली उत्पादन के लिए सालाना लगभग 2.5 लाख मीट्रिक टन कचरे का इस्‍तेमाल करेगा।

Read More »

जुलाई 2023 के लिए सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 1,65,105 करोड़ रुपये रहा; वर्ष-दर-वर्ष 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई

जुलाई, 2023 महीने में संग्रह किया गया सकल जीएसटी राजस्व 1,65,105 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें सीजीएसटी 29,773 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 37,623 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 85,930 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर एकत्र 41,239 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 11,779 करोड़ रुपये है (वस्तुओं के आयात पर संग्रहित 840 करोड़ रुपये सहित) रहा है।

सरकार ने आईजीएसटी से सीजीएसटी में 39,785 करोड़ रुपये और एसजीएसटी को 33,188 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। नियमित भुगतान के बाद जुलाई 2023 महीने में केंद्र और राज्यों का कुल राजस्व सीजीएसटी के लिए 69,558 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 70,811 करोड़ रुपये है।

जुलाई 2023 महीने का राजस्व पिछले साल के इसी महीने में प्राप्त जीएसटी राजस्व से 11 प्रतिशत अधिक है। इस मास के दौरान, घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से प्राप्त राजस्व पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान इन स्रोतों से प्राप्त राजस्व से 15 प्रतिशत अधिक है। ऐसा पांचवीं बार है, जब सकल जीएसटी संग्रह 1.60 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है।

नीचे दिया गया चार्ट चालू वर्ष के दौरान मासिक सकल जीएसटी राजस्व में आए रुझान को दर्शाता है। तालिका-1 जुलाई 2022 की तुलना में जुलाई 2023 के महीने के दौरान प्रत्येक राज्य में संग्रहित जीएसटी के राज्य-वार आंकड़े दर्शाती है और तालिका-2 जुलाई 2023 में राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों को प्राप्त/भुगतान किए गए आईजीएसटी के एसजीएसटी और एसजीएसटी हिस्से को दर्शाती है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001O9II.png

 

जुलाई 2023 के दौरान जीएसटी राजस्व की राज्यवार वृद्धि [1] (करोड़ रुपये में)

राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश जुलाई’22 जुलाई’23 विकास(प्रतिशत)
जम्मू एवं कश्मीर 431 549 27
हिमाचल प्रदेश 746 917 23
पंजाब 1733 2000 15
चंडीगढ़ 176 217 23
उत्तराखंड 1390 1607 16
हरियाणा 6791 7953 17
दिल्ली 4327 5405 25
राजस्थान 3671 3988 9
उत्तर प्रदेश 7074 8802 24
बिहार 1264 1488 18
सिक्किम 249 314 26
अरुणाचल प्रदेश 65 74 13
नगालैंड 42 43 3
मणिपुर 45 42 -7
मिजोरम 27 39 47
त्रिपुरा 63 78 23
मेघालय 138 175 27
असम 1040 1183 14
पश्चिम बंगाल 4441 5128 15
झारखंड 2514 2859 14
ओडिशा 3652 4245 16
छत्तीसगढ़ 2695 2805 4
मध्य प्रदेश 2966 3325 12
गुजरात 9183 9787 7
दमन और दीव 313 354 13
दादरा और नगर हवेली
महाराष्ट्र 22129 26064 18
कर्नाटक 9795 11505 17
गोवा 433 528 22
लक्षद्वीप 2 2 45
केरल 2161 2381 10
तमिलनाडु 8449 10022 19
पुदुचेरी 198 216 9
अंडमान व निकोबार द्वीप समूह 23 31 32
तेलंगाना 4547 4849 7
आंध्र प्रदेश 3409 3593 5
लद्दाख 20 23 13
अन्य क्षेत्र 216 226 4
केंद्र क्षेत्राधिकार 162 209 29
कुल योग 106580 123026 15
[1] इसमें माल के आयात पर जीएसटी शामिल नहीं है

जुलाई‘ 2023 में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को भुगतान किए गए आईजीएसटी के एसजीएसटी और एसजीएसटी हिस्से की राशि (करोड़ रुपये में)

राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश एसजीएसटी संग्रह आईजीएसटी का एसजीएसटी भाग कुल
जम्मू एवं कश्मीर 234 429 663
हिमाचल प्रदेश 233 285 518
पंजाब 727 1138 1865
चंडीगढ़ 57 133 190
उत्तराखंड 415 210 625
हरियाणा 1610 1256 2866
दिल्ली 1221 1606 2827
राजस्थान 1380 1819 3199
उत्तर प्रदेश 2751 3426 6176
बिहार 718 1469 2187
सिक्किम 30 53 83
अरुणाचल प्रदेश 37 113 150
नगालैंड 18 70 88
मणिपुर 23 58 80
मिजोरम 22 57 79
त्रिपुरा 40 86 125
मेघालय 50 99 149
असम 451 696 1146
पश्चिम बंगाल 1953 1531 3483
झारखंड 721 330 1051
ओडिशा 1300 416 1716
छत्तीसगढ़ 627 382 1009
मध्य प्रदेश 1045 1581 2626
गुजरात 3293 1917 5210
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव 56 29 85
महाराष्ट्र 7958 4167 12124
कर्नाटक 3181 2650 5831
गोवा 173 146 320
लक्षद्वीप 2 13 14
केरल 1093 1441 2534
तमिलनाडु 3300 2119 5419
पुदुचेरी 41 57 99
अंडमान व निकोबार द्वीप समूह 11 25 37
तेलंगाना 1623 1722 3345
आंध्र प्रदेश 1199 1556 2755
लद्दाख 11 47 58
अन्य क्षेत्र 19 55 75
कुल योग 37623 33188 70811

Read More »

सहकारी आंदोलन की अग्रणी संस्था कानपुर क्रय विक्रय सहकारी समिति लिमिटेड के निर्वाचन की घोषणा

कानपुर सहकारी आंदोलन की अग्रणी संस्था कानपुर क्रय विक्रय सहकारी समिति लिमिटेड के निर्वाचन का क्रियान्वन घोषणा निर्वाचन अधिकारी दिग्विजय सिंह जिला उद्यान अधिकारी ने भाजपा के राहुल सिंह को सभापति श्रीमती श्वेता सिंह को उप सभापति घोषित किया तथा संचालक सर्वश्री ज्ञान पाल सिंह अभिलाष कुमार त्रिपाठी जयराम रोहित कुमार उमेश कुमार निषाद सुमन लता सिंह प्रताप सिंह रामचंद्र भारती नीरज सिंह को निर्वाचित घोषित किया निर्वाचन में सभापति हेतु राहुल सिंह ने अपने प्रतिद्वंदी  प्रताप सिंह को 5 वोटों से पराजित किया तथा उपसभापति में  श्वेता सिंह ने भी रामचंद्र भारती को 5 मतों से हराया निर्वाचन की घोषणा होते ही राहुल सिंह के कैंप व  श्वेता सिंह के कैंपों में खुशी की लहर दौड़ गई लोगों ने मालाओं से लाद दिया की जबकि नामांकन ज्ञातव्य हो ‌ कि जब नामांकन में प्रत्याशी सहित दो संचालकों के और हस्ताक्षर होते हैं कुल 3 मत की जगह दो मत ही मिले लगता है कि प्रस्तावक या समर्थक में कोई एक मत जो राहुल सिंह व श्वेता सिंह को प्राप्त हुआ!. ‌ ‌‌‌उक्त निर्वाचन में सहकारिता आंदोलन के खाटी नेता सुरेश गुप्ता की अहम भूमिका रही उक्त निर्वाचन के समय श्री अजय प्रताप सिंह चेयरमैन जिला सहकारी फेडरेशन शिव हर्षवर्धन सिंह शिव मोहन सिंह ए.पी.सिंह भदोरिया गंगाराम शर्मा पुष्पेंद्र सिंह आदित्य तिवारी संजय सिंह सत्यम सिंह संदीप गुप्ता शिवनाथ कुरील रमाशंकर अग्रहरि आदि प्रमुख थे

Read More »

दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज में सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान के अंतर्गत सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा अर्थात सड़क सुरक्षा पखवाड़ा आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता, विगत दिवस दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज, कानपुर में सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान के अंतर्गत महाविद्यालय में गठित किए गए रोड सेफ्टी क्लब तथा राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के संयुक्त तत्वाधान में रोड सेफ्टी क्लब की प्रभारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में *सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा अर्थात सड़क सुरक्षा पखवाड़े* के समापन 31 जुलाई, 2023 के अवसर पर छात्राओं के द्वारा निबंध लेखन व पोस्टर प्रतियोगिता, जन-जागरण रैली एवम् शपथ का आयोजन किया गया। जन–जागरण हेतु वॉलिंटियर्स के द्वारा महाविद्यालय के बाहर एवं मर्चेंट चेंबर चौराहे पर आने जाने वाले यात्रियों, वाहन चालको, विशेष रुप से ई- रिक्शा चालक को रोककर
रोड सेफ्टी तथा यातायात के नियमों के बारे में अवगत कराया गया ताकि दिन-प्रतिदिन होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके तथा ट्रैफिक जाम की समस्या को भी समाप्त किया जा सके। छात्राओं के द्वारा जनसामान्य को रोड एक्सीडेंट के समय बरतने वाली सुविधाओं व किए जाने वाले प्राथमिक उपचार के बारे में भी बताया गया। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो अर्चना वर्मा ने रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय कार्यालय अधीक्षक कृष्णेंद्र कुमार श्रीवास्तव, प्रो मधुरिमा, डॉ अंजना श्रीवास्तव आदि प्राध्यापिकाओं का विशेष योगदान रहा।

Read More »

वीर शहीद पुरुषों और महिलाओं के सम्मान में ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान शुरू किया जाएगा: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री मोदी ने लोकप्रिय कार्यक्रम ‘मन की बात’ के दौरान देश के लोगों को अपने संबोधन में हमेशा देश के खूबसूरत सांस्कृतिक ताने-बाने को प्रमुखता दी है और बताया है कि विविधता भी एक एकीकृत शक्ति के रूप में कैसे काम करती है। मन की बात के अपने नवीनतम संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत महोत्सव की गूंज और 15 अगस्त करीब आने के बीच, देश में एक और महान अभियान शुरू होने की कगार पर है। हमारे वीर शहीपुरुषों और महिलाओं के सम्मान में ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान शुरू किया जाएगा।

उन्होंने यह भी बताया, “इसके तहत हमारे अमर शहीदों की याद में देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इन विभूतियों की स्मृति में देश की लाखों ग्राम पंचायतों में विशेष शिलालेख भी लगाये जायेंगे। इस अभियान के तहत देशभर में ‘अमृत कलश यात्रा’ भी आयोजित की जाएगी।”

उन्होंने कहा कि यह ‘अमृत कलश यात्रा’ देश के कोने-कोने से 7500 कलशों में मिट्टी लेकर देश की राजधानी दिल्ली पहुंचेगी। यह यात्रा अपने साथ देश के विभिन्न हिस्सों से पौधे भी लेकर आएगी। 7500 कलशों में आने वाली मिट्टी और पौधों को मिलाकर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के पास ‘अमृत वाटिका’ बनाई जाएगी। ये ‘अमृत वाटिका’ एक भारत-श्रेष्ठ भारत का भी भव्य प्रतीक बनेगी।

एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के जुड़ाव की अवधारणा के माध्यम से विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लोगों के बीच बातचीत और आपसी समझ को बढ़ावा देना है।

अमृत सरोवरों के बारे में बोलते हुए श्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि बारिश का यह चरण ‘वृक्षारोपण’ और ‘जल संरक्षण’ के लिए महत्वपूर्ण है। ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के दौरान बने 60 हजार से ज्यादा अमृत सरोवर उदहारणस्वरुप हैं। वर्तमान में 50 हजार से अधिक अमृत सरोवरों के निर्माण का कार्य चल रहा है। हमारे देशवासी पूरी जागरूकता और जिम्मेदारी के साथ ‘जल संरक्षण’ के लिए नये प्रयास कर रहे हैं।

भविष्य की पीढ़ी के लिए जल संचयन और संरक्षण के उद्देश्य से 24 अप्रैल 2022 को मिशन अमृत सरोवर शुरू किया गया है। मिशन अमृत सरोवर की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं-

  • मिशन अमृत सरोवर ग्रामीण विकास मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और तकनीकी संगठनों की भागीदारी के साथ “संपूर्ण सरकार” के दृष्टिकोण पर आधारित है।
  • मिशन के तहत देश के हर जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवरों का निर्माण या कायाकल्प किया जाएगा।
  • प्रत्येक अमृत सरोवर में कम से कम 1 एकड़ का तालाब क्षेत्र होगा और लगभग 10,000 घन मीटर जल धारण क्षमता होगी।
  • प्रत्येक अमृत सरोवर नीम, पीपल और बरगद आदि वृक्षों से घिरा होगा।
  • प्रत्येक अमृत सरोवर सिंचाई, मछली पालन, बत्तख पालन, सिंघाड़े की खेती, जल पर्यटन और अन्य गतिविधियों जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए पानी का उपयोग करके आजीविका सृजन का स्रोत होगा। अमृत सरोवर उस इलाके में एक सामाजिक मिलन स्थल के रूप में भी काम करेगा।
  • मिशन अमृत सरोवर आज़ादी का अमृत महोत्सव के दौरान किए गए कार्यों का एक सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।

कला और संस्कृति भारत की समृद्ध एवं विविध विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मन की बात के 103वें एपिसोड में भारत की समृद्ध विरासत के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “आइए हम न केवल अपनी विरासत को अपनाएं, बल्कि इसे दुनिया के सामने जिम्मेदारी से पेश भी करें। और मुझे खुशी है कि ऐसा ही एक प्रयास इन दिनों उज्जैन में चल रहा है, यहां देशभर के 18 चित्रकार पुराणों पर आधारित आकर्षक चित्र कथा पुस्तकें बना रहे हैं। ये पेंटिंग कई विशिष्ट शैलियों जैसे बूंदी शैली, नाथद्वारा शैली, पहाड़ी शैली और अपभ्रंश शैली में बनाई जाएंगी। इन्हें उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा।”

प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि प्राचीन काल से, हमारे धर्मग्रंथों और पुस्तकों को भोजपत्रों पर संरक्षित किया गया है। महाभारत भी भोजपत्र पर लिखा गया था। आज देवभूमि (उत्तराखंड) की महिलाएं भोजपत्र से बेहद खूबसूरत कलाकृतियां और स्मृति चिन्ह बना रही हैं। आज भोजपत्र के उत्पाद यहां आने वाले तीर्थयात्रियों को काफी पसंद आ रहे हैं और वे इसे अच्छे दामों पर खरीद भी रहे हैं। भोजपत्र की ये प्राचीन विरासत उत्तराखंड की महिलाओं के जीवन में खुशियों के नए रंग भर रही है।

प्रधानमंत्री ने इस बात का भी जिक्र किया कि पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पूरा देश ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के लिए एक साथ आया था और कहा कि इसी तरह इस बार भी हमें हर घर पर तिरंगा फहराना है और इस परंपरा को जारी रखना है।

Read More »

प्रधानमंत्री महाराष्ट्र के पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित

प्रधानमंत्री को महाराष्ट्र के पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया प्रधानमंत्री मोदी को आज महाराष्ट्र के पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।Image लोकमान्य तिलक की विरासत का सम्मान करने के लिए तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा 1983 में इस पुरस्कार की स्थापना गई थी। प्रधानमंत्री ने नकद पुरस्कार की धनराशि नमामि गंगे परियोजना को दान में दी।

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर लोकमान्य तिलक की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने लोकमान्य तिलक को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि यह उनके लिए एक विशेष दिन है। इस अवसर पर अपनी भावनाओं के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि तथा अन्ना भाऊ साठे की जयंती है। प्रधानमंत्री ने कहा, “लोकमान्य तिलक जी भारत के स्वतंत्रता संग्राम के ‘तिलक’ हैं।” उन्होंने समाज के कल्याण के लिए अन्ना भाऊ साठे के असाधारण और अद्वितीय योगदान को भी रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने छत्रपति शिवाजी, चापेकर बंधु, ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले की भूमि को श्रद्धांजलि दी। इसके पहले प्रधानमंत्री ने दगड़ूशेठ मंदिर में आशीर्वाद लिया।

प्रधानमंत्री ने आज लोकमान्य से सीधे जुड़े स्थान और संस्था द्वारा उन्हें दिए गए सम्मान को ‘अविस्मरणीय’ बताया। प्रधानमंत्री ने काशी और पुणे के बीच समानताओं का उल्लेख किया, क्योंकि दोनों स्थल ज्ञान-प्राप्ति के केंद्र हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कोई पुरस्कार प्राप्त करता है, तो उसकी जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं, विशेषकर जब पुरस्कार के साथ लोकमान्य तिलक का नाम जुड़ा हो। प्रधानमंत्री ने लोकमान्य तिलक पुरस्कार भारत के 140 करोड़ नागरिकों को समर्पित किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार उनके सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मदद करने में कोई कमी नहीं छोड़ेगी। प्रधानमंत्री ने नकद पुरस्कार की धनराशि नमामि गंगे परियोजना को दान करने के अपने फैसले की भी जानकारी दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता में लोकमान्य तिलक के योगदान को कुछ शब्दों या कुछ घटनाओं तक सीमित नहीं किया जा सकता, क्योंकि स्वतंत्रता संग्राम के सभी नेताओं और घटनाओं पर उनका स्पष्ट प्रभाव था। प्रधानमंत्री ने कहा, “यहां तक कि अंग्रेजों को भी उन्हें ‘भारतीय अशांति का जनक’ कहना पड़ता था।” श्री मोदी ने बताया कि लोकमान्य तिलक ने अपने ‘स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ के दावे के साथ स्वतंत्रता संग्राम की दिशा बदल दी। तिलक ने अंग्रेजों द्वारा भारतीय परंपराओं को पिछड़ा बताने को भी गलत सिद्ध किया। प्रधानमंत्री ने याद किया कि महात्मा गांधी ने तिलक को आधुनिक भारत का निर्माता कहा था।

प्रधानमंत्री ने लोकमान्य तिलक की संस्था-निर्माण क्षमताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। लाला लाजपत राय और बिपिन चंद्र पाल के साथ उनका सहयोग, भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक स्वर्णिम अध्याय है। प्रधानमंत्री ने तिलक द्वारा समाचार पत्रों और पत्रकारिता के उपयोग किये जाने को भी याद किया। ‘केसरी’ आज भी महाराष्ट्र में प्रकाशित होता है और पढ़ा जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “यह सभी लोकमान्य तिलक द्वारा मजबूत संस्था निर्माण के प्रमाण हैं।”

संस्था निर्माण से आगे बढ़ते हुए, प्रधानमंत्री ने तिलक द्वारा परंपराओं का पोषण किये जाने पर प्रकाश डाला और छत्रपति शिवाजी के आदर्शों का उत्सव मनाने के लिए गणपति महोत्सव तथा शिव जयंती की शुरुआत का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “ये आयोजन, भारत को एक सांस्कृतिक सूत्र में पिरोने तथा पूर्ण स्वराज की परिकल्पना से जुड़े अभियान भी थे। यह भारत की विशेषता रही है कि नेताओं ने स्वतंत्रता जैसे बड़े लक्ष्यों के लिए लड़ाई लड़ी और सामाजिक सुधार का अभियान भी चलाया।”

देश के युवाओं में लोकमान्य तिलक के विश्वास का जिक्र करते हुए, प्रधानमंत्री ने वीर सावरकर को मार्गदर्शन देने और श्यामजी कृष्ण वर्मा को सिफारिश करने को याद किया, जो लंदन में दो छात्रवृत्तियां चला रहे थे- छत्रपति शिवाजी छात्रवृत्ति तथा महाराणा प्रताप छात्रवृत्ति। पुणे में न्यू इंग्लिश स्कूल, फर्ग्यूसन कॉलेज और डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना इसी दृष्टिकोण के हिस्से हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “प्रणाली निर्माण से संस्था निर्माण, संस्था निर्माण से व्यक्ति निर्माण और व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण का विजन, राष्ट्र के भविष्य के लिए एक रोडमैप की तरह है और देश इस रोडमैप का प्रभावी ढंग से पालन कर रहा है।”

लोकमान्य तिलक के साथ महाराष्ट्र के लोगों के विशेष बंधन पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात के लोग भी उनके साथ समान बंधन साझा करते हैं। उन्होंने उस समय को याद किया जब लोकमान्य तिलक ने अहमदाबाद की साबरमती जेल में लगभग डेढ़ महीने बिताए थे। उन्होंने बताया कि 1916 में 40,000 से अधिक लोग उनका स्वागत करने और उनके विचार सुनने के लिए इकट्ठा हुए थे। इन लोगों में सरदार वल्लभभाई पटेल भी शामिल थे। उन्होंने आगे कहा कि तिलक के भाषण के प्रभाव के कारण सरदार पटेल ने अहमदाबाद में लोकमान्य तिलक की एक प्रतिमा स्थापित की, जब वे अहमदाबाद नगर पालिका के प्रमुख थे। प्रधानमंत्री ने कहा, “सरदार पटेल में लोकमान्य तिलक के दृढ़ संकल्प को देखा जा सकता है।” यह प्रतिमा विक्टोरिया गार्डन में स्थापित की गई है। इस स्थल के बारे में प्रधानमंत्री ने बताया कि अंग्रेजों ने इस मैदान को 1897 में रानी विक्टोरिया के हीरक जयंती समारोह को मनाने के लिए विकसित किया था। उन्होंने लोकमान्य तिलक की प्रतिमा स्थापित करने में सरदार पटेल के क्रांतिकारी कार्य पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अंग्रेजों के विरोध के बावजूद महात्मा गांधी ने 1929 में इस प्रतिमा का अनावरण किया था। प्रतिमा के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक भव्य प्रतिमा है, जिसमें तिलक जी को आराम की मुद्रा में बैठे देखा जा सकता है। ऐसा महसूस होता है कि वे स्वतंत्र भारत के उज्ज्वल भविष्य पर विचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “गुलामी के काल में भी सरदार पटेल ने भारत के सुपुत्र का सम्मान करने के लिए पूरे ब्रिटिश शासन को चुनौती दी थी।” प्रधानमंत्री ने आज की स्थिति पर अफसोस जताते हुए कहा कि जब सरकार एक विदेशी आक्रमणकारी के नाम के बदले एक भारतीय व्यक्तित्व का नाम देना चाहती है, तो कुछ लोग शोरगुल करते हैं।

प्रधानमंत्री ने गीता में लोकमान्य की आस्था का जिक्र किया। सुदूर मांडले में कारावास में रहते हुए भी लोकमान्य ने गीता का अध्ययन करना जारी रखा और ‘गीता रहस्य’ के रूप में एक अमूल्य उपहार दिया।

प्रधानमंत्री ने प्रत्येक व्यक्ति में आत्मविश्वास जगाने की लोकमान्य की क्षमता के बारे में बात की। तिलक ने स्वतंत्रता, इतिहास और संस्कृति की लड़ाई के प्रति लोगों में विश्वास पैदा किया। उन्हें लोगों, श्रमिकों और उद्यमियों पर भरोसा था। उन्होंने कहा, “तिलक ने भारतीयों की हीनभावना के मिथक को तोड़ा और उन्हें उनकी क्षमताओं से अवगत कराया।”

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अविश्वास के वातावरण में देश का विकास संभव नहीं है। उन्होंने पुणे के एक व्यक्ति श्री मनोज पोचट जी के ट्वीट को याद किया, जिन्होंने उल्लेख किया था कि पीएम के तौर पर उन्होंने 10 साल पहले पुणे की यात्रा की थी। प्रधानमंत्री ने तिलक जी द्वारा फर्ग्यूसन कॉलेज की स्थापना के समय को याद किया और कहा कि उस समय भारत में विश्वास की कमी के बारे में बात की गई थी। प्रधानमंत्री ने विश्वास की कमी का मुद्दा उठाने के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि देश विश्वास की कमी से अतिरिक्त विश्वास की ओर बढ़ गया है।

प्रधानमंत्री ने पिछले 9 वर्षों में हुए बड़े बदलावों में इस अतिरिक्त विश्वास का उदाहरण दिया। उन्होंने उल्लेख किया कि इस विश्वास के परिणामस्वरूप भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने देश के स्वयं पर विश्वास के बारे में बात की। उन्होंने मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन जैसी सफलताओं का उल्लेख किया और कहा कि इस उपलब्धि में पुणे ने एक बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने भारतीयों की कड़ी मेहनत और निष्ठा के प्रति विश्वास के बारे में कहा कि मुद्रा योजना के तहत गिरवी-मुक्त ऋण इसका एक प्रतीक है। इसी तरह, अधिकांश सेवाएं अब मोबाइल पर उपलब्ध हैं और लोग अपने दस्तावेज़ों को स्वयं सत्यापित कर सकते हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि व्यापार अधिशेष के कारण स्वच्छता अभियान और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जन आंदोलन बन गये हैं। ये सभी देश में एक सकारात्मक वातावरण बना रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने इस बात को याद करते हुए कि लाल किले से अपने संबोधन के दौरान जब उन्होंने लोगों से गैस सब्सिडी छोड़ने का आह्वान किया था, तो इसके बाद लाखों लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ दी थी। उन्होंने बताया कि कई देशों का एक सर्वेक्षण किया गया था, जिसमें पता चला कि भारत का सरकार के प्रति सबसे अधिक विश्वास है। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि बढ़ता जन-विश्वास भारत के लोगों की प्रगति का माध्यम बन रहा है।

संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि आजादी के 75 वर्षों के बाद देश अमृत काल को कर्तव्य काल के रूप में देख रहा है, जहां प्रत्येक नागरिक देश के सपनों और संकल्पों को ध्यान में रखते हुए अपने-अपने स्तर पर काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, इसीलिए पूरी दुनिया भी आज भारत में अपना भविष्य देख रही है, क्योंकि हमारे आज के प्रयास पूरी मानवता के लिए आश्वासन बन रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकमान्य तिलक के विचारों और आशीर्वाद की शक्ति से देशवासी निश्चित रूप से एक मजबूत और समृद्ध भारत के सपने को साकार करेंगे। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि हिंद स्वराज्य संघ, लोगों को लोकमान्य तिलक के आदर्शों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।

इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री रमेश बैस, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस और श्री अजीत पवार, संसद सदस्य श्री शरदचंद्र पवार, तिलक स्मारक ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. दीपक तिलक, तिलक स्मारक ट्रस्ट के उपाध्यक्ष डॉ. रोहित तिलक, तिलक स्मारक ट्रस्ट के ट्रस्टी श्री सुशील कुमार शिंदे व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

लोकमान्य तिलक की विरासत का सम्मान करने के लिए तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा 1983 में इस पुरस्कार की स्थापना की गयी थी। यह उन लोगों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने राष्ट्र की प्रगति और विकास के लिए काम किया है तथा जिनके योगदान को उल्लेखनीय और असाधारण कहा जा सकता है। यह हर साल लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि, 1 अगस्त को प्रदान किया जाता है।

प्रधानमंत्री इस पुरस्कार के 41वें प्राप्तकर्ता बने हैं। इससे पहले डॉ. शंकर दयाल शर्मा, श्री प्रणब मुखर्जी, श्री अटल बिहारी वाजपेयी, श्रीमती इंदिरा गांधी, डॉ. मनमोहन सिंह, श्री एन.आर. नारायण मूर्ति और डॉ. ई. श्रीधरन जैसे प्रमुख व्यक्तियों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

Read More »

भारत रत्न राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कर्मठ पत्रकार तेजस्वी वक्ता समाज सुधारक थे ~सतीश महाना

कानपुर 1 अगस्त भारतीय स्वरूप संवाददाता, तुलसी उपवन मोतीझील में भारतरत्न राजर्षि पुरुषोत्तमदास टण्डन जी की 141वीं जयंती पर आयोजित संगोष्ठी में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा राजर्षि पुरुषोत्तमदास टण्डन जी महान स्वतन्त्रता सेनानी, समर्पित राजनयिक, हिन्दी के अनन्य सेवक, कर्मठ पत्रकार, तेजस्वी वक्ता और समाज सुधारक थे, खत्री विनय माधव खन्ना अध्यक्ष खत्री सभा कानपुर में बताया प्रखर विद्वान हिंदी भाषा के शिखर पुरुष महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की जयंती पर आज श्रद्धा स्मरण किया गया, इस दौरान मुख्य रूप से विधायक सुरेंद्र मैथानी विजय कपूर विनय माधव खन्ना , दीपक खन्ना सुरेश चंद्र मेहरोत्रा गीता कपूर टंडन निम्मी खन्ना रवि कोहली संजय मेहरोत्रा निखिल टंडन राजीव मेहरोत्रा सुनील खन्ना अतुल मेहरोत्रा राकेश मेहरोत्रा,वीडी राय ,आशीष शर्मा सानू,अमित मेहरोत्रा बबलू, पूनम कपूर भरत सेठ पदम खन्ना रामजी कपूर मोहित अरोड़ा सुधीर मेहरोत्रा श्याम मेहरोत्रा आदि लोग मौजूद थे

Read More »

एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज ने शैक्षणिक विकास हेतु भारतीय विचारक समिति के साथ एक मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग (MoU) किया।

कानपुर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज कानपुर ने शैक्षणिक विकास हेतु भारतीय विचारक समिति कानपुर के साथ एक मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग (MoU) किया भारतीय विचारक समिति के सचिव उमेश कुमार दीक्षित तथा एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज की प्राचार्य प्रो. सुमन ने MoU पर हस्ताक्षर किए। समारोह का आयोजन के. डी. पैलेस कानपुर में किया गया | महाविद्यालय की assistant professor डॉ. अनामिका को भारतीय विचारक समिति ने अपनी समिति के साथ जोड़ते हुए सम्मानित किया, महाविद्यालय प्रबंध तंत्र एवं समस्त महाविद्यालय परिवार इस MoU से आशान्वित तथा हर्ष उल्लासित है। इस MoU सेरेमनी के अवसर पर महाविद्यालय की शिक्षिकाएं किरन तथा डॉ. प्रीति सिंह उपस्थित रहीं।

Read More »

एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज में प्रेमचंद की जयंती के उपलक्ष में उनकी कहानियों पर परिचर्चा हुई

कानपुर 31 जुलाई, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज कानपुर में हिंदी विभाग द्वारा प्रेमचंद जी की जयंती मनाई गई इस समारोह में कथा सम्राट प्रेमचंद की कहानियो पर आशु विषयक परिचर्चा कराई गई।इस अवसर पर महाविद्यालय प्रबंध तंत्र समिति के अध्यक्ष प्रवीण कुमार मिश्रा ,सचिव प्रोबीर कुमार सेन ,संयुक्त सचिव सुब्रो सेन प्राचार्या प्रोफेसर सुमन ,समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर निशी प्रकाश, प्रोफ़ेसर रेखा चौबे अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर अलका टंडन तथा महाविद्यालय की चीफ प्रॉक्टर डॉ ममता अग्रवाल एवं हिंदी विभाग की प्रभारी डॉ सुभा बाजपेई ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया छात्राओं को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्या ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद की कहानियां आज भी प्रासंगिक है चाहे आर्थिक पक्ष हो चाहे राजनीतिक या सामाजिक आज भी हमें झकझोर देती है कथा शिल्पी के रूप में जितना उदात्त उनका अनुभूति पक्ष है उतना ही श्रेष्ठ उनका अभिव्यक्ति पक्ष है अपने युग की संपूर्ण संभावनाएं और उपलब्धियां उनकी कहानियों में व्याप्त हैं हर्षिता रूपाली तिवारी पारुल प्रगति त्रिवेदी शुभी त्रिपाठी अमृता शुक्ला ने प्रेमचंद जी की कहानियों पर अपने विचार व्यक्त किए हिंदी विभाग की प्रभारी डॉ सुभा बाजपेई मुख्य अतिथि का स्वागत किया व अन्य अतिथि का स्वागत सहायक आचार्य रेशमा ने किया कार्यक्रम में हिंदी विभाग की प्रवक्ता कुमारी अपर्णा त्रिपाठी ने सकृय भूमिका निभाई इस अवसर पर महा विद्यालय की शिक्षिकाएं प्रोफेसर रेखा चौबे गार्गी यादव हरीश झा डॉक्टर किरण रचना निगम प्रीति सिंह कोमल सरोज रश्मि गुप्ता पूजा गुप्ता समीक्षा सिंह अमिता सिंह आदि उपस्थित रही कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग की प्रभारी डॉ सुभा बाजपेई ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन हिंदी विभाग की सहायक आचार्य श्रीमती रेशमा ने किया

Read More »