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श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के नव्य-दिव्य स्वरूप में आने के बाद देश भर में डाक विभाग द्वारा बाबा के प्रसाद मँगाने की बढ़ी माँग

  देश भर में डाक विभाग के माध्यम से श्रद्धालु मँगा रहे श्री काशी विश्वनाथ प्रसाद, मात्र 251 रूपये के ई-मनीऑर्डर द्वारा

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के नव्य-दिव्य स्वरूप में आने के बाद देश भर के श्रद्धालुओं में इसके प्रसाद की भी माँग बढ़ी है। डाक विभाग और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के बीच हुये एक एग्रीमेण्ट के तहत श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद देश भर में स्पीड पोस्ट सेवा द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है। जून 2020 में नए स्वरुप में आरम्भ इस सेवा के तहत अब तक लगभग साढ़े चार हजार लोगों को डाक विभाग के माध्यम से प्रसाद उपलब्ध कराया जा चुका है और इससे करीब 10 लाख 13 हजार रूपये का राजस्व डाक विभाग को प्राप्त हुआ। उक्त जानकारी वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी।  श्री यादव ने इस अवसर पर एक विशेष पोस्टर भी जारी किया, जिसे देश भर के प्रमुख डाकघरों में लगाने के लिए भेजा जायेगा ताकि देश भर में अधिकाधिक लोग घर बैठे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद स्पीड पोस्ट से मँगा कर लाभान्वित हो सकें। फ़िलहाल  प्रसाद की ज्यादा मांग कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलांगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तराखंड इत्यादि राज्यों से डाक विभाग को ज्यादा प्राप्त हो रही है।

 पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि देश के किसी भी कोने में रह रहे श्रद्धालु स्पीड पोस्ट से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद मँगा सकते हैं। इसके तहत अपने नजदीकी डाकघर से मात्र ₹ 251 रूपये का ई-मनीआर्डर प्रवर अधीक्षक डाकघर, वाराणसी (पूर्वी) मंडल-221001 के नाम भेजना होता है। ई-मनीऑर्डर प्राप्त होते ही डाक विभाग द्वारा तत्काल दिए गए पते पर स्पीड पोस्ट द्वारा प्रसाद भेज दिया जाएगा। डिब्बा बंद प्रसाद टेंपर प्रूफ इनवेलप में होगा, जिस पर वाराणसी के घाट पर जारी डाक टिकट की प्रतिकृति भी अंकित होगी। इससे किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। इसके अलावा इसे मात्र ₹ 201 में वाराणसी सिटी डाकघर के काउंटर से भी प्राप्त किया जा सकता है।

श्री काशी विश्वनाथ प्रसाद में शामिल वस्तुएं-

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि प्रसाद में श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिङ्ग की छवि, महामृत्युंजय यंत्र, श्री शिव चालीसा, 108 दाने की रुद्राक्ष की माला, बेलपत्र, माता अन्नपूर्णा से भिक्षाटन करते भोले बाबा की छवि अंकित सिक्का, भभूति, रक्षा सूत्र, रुद्राक्ष मनका, मेवा, मिश्री का पैकेट इत्यादि शामिल हैं। सूखा होने के कारण यह प्रसाद लम्बे समय तक उपयोग में बना रहता है।  प्रवर अधीक्षक डाकघर, वाराणसी पूर्वी मंडल श्री राजन ने बताया कि, डाक विभाग ने इस बात के भी प्रबंध किए हैं कि, श्रद्धालुओं को मोबाइल नंबर पर स्पीड पोस्ट का विवरण एस.एम.एस के माध्यम से मिलेगा। इसके लिए उन्हें  ई-मनीऑर्डर में अपना पूरा पता, पिन कोड और मोबाइल नंबर लिखना अनिवार्य होगा।

इस अवसर पर डाक अधीक्षक पी.सी. तिवारी, सहायक निदेशक दिनेश साह, ब्रजेश शर्मा, सहायक डाक अधीक्षक अजय मौर्या, सहायक लेखा अधिकारी संतोषी राय, निरीक्षक श्रीकांत पाल, रामचंद्र यादव, श्री प्रकाश गुप्ता, राजेंद्र यादव, राहुल वर्मा, सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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दुनिया में सहज कुछ भी नही मिलता

रामू काका सब खिड़कियाँ दरवाज़े अच्छे से बंद कर दीजिए,आज बारिश खूब जम कर हो रही है।अपने नौकर को आवाज़ दे कर श्वेता ने खिड़की से झांका तो सोच रही थी,चलो अच्छा भी है आज मेरे पौधों को पानी मिल गया।पिछले काफ़ी दिनों से तेज धूप से बेचारे मुरझा से गये थे। इतने में कबीर ,श्वेता के पति जो शहर के अच्छे बिज़नेस मैन मे से एक है ,कमरे में दाखिल हुए और कहने लगे।खुद से क्या बातें किये जा रही हो ?श्वेता कहने लगी !आज बोर हो गई हूँ सुबह से बारिश भी हो रही है।श्वेता ने कबीर से पूछा !कंयू न आज सावी के यहाँ चले? श्वेता की सहेली”सावी का पति भी शहर का माना हुआ सर्जन है,
श्वेता कहती जा रही थी।सावी न जाने कब से ,मुझे अपने घर आने के लिए कह भी चुकी है।मै ही हूँ जो वक़्त नही निकाल पाई।क्या कहते हो कबीर ?चले क्या ? श्वेता ने बड़े प्यार से फिर कबीर से पूछा।कबीर जो सारा दिन अपने काम से थका हुआ घर आया था कहने लगा ! ओह !मै तो भूल ही गया तुम्हें बताना कि सावी के पति का फ़ोन भी आया था कि कल उनके घर मे थोड़ा गैट टूगैदर रखा है और हमे बुलाया है,और फिर कबीर ने श्वेता से कहा कि इस बार कोई बहाना नहीं करना ,कल हम जा रहे है तो जा रहे है। कह कर कबीर सोने के लिये कमरे में चला गया।अगली शाम को श्वेता और कबीर सावी के यहाँ पहुँच गये।उन दोनो के देख कर सावी और उसके पति राकेश बहुत ख़ुश हुये ,क्यूँकि श्वेता कम ही पार्टीयों में आया ज़ाया करती थी या यूँ कह लीजिए इक घबराहट सी महसूस करती थी बहुत लोगों के बीच।शवेता धीरे धीरे सब से मिलने लगी।श्वेता के बचपन के कई दोस्त भी थे वहाँ।किसी ने श्वेता से कहा ! वाह !!क्या लिखती हो।श्वेत इक लेखिका ✍️ है।जैसे जैसे श्वेता लोगों के बीच जाती जा रही थी लोगों के मुँह से अपनी प्रशंसा सुनना उसे अच्छा भी लग रहा था और मन ही मन ख़ुशी भी हो रही थी।नीता ने तो श्वेता को अपनी बाँहों मे भर ही लिया और कहने लगी ! ,आ आ हाहा !आ गई मेरी हीरे जैसे सहेली ,और कहने लगी !वाह यार !क्या लिखने लगी हो ।कहाँ से प्रेरणा मिल रही है तुम्हें।कई सवाल श्वेता के सामने रख दिये।कई बार हम यूँ ही बात को कह देते हैं।मतलब शायद हमें भी नहीं पता होता।वैसे ही श्वेता ने भी कह दिया।नहीं रे ! कहाँ आता था कुछ लिखना ✍️ जो देखती हूँ समझती हूँ अपने आसपास ,वही काग़ज़ पर लिख देती हूँ श्वेता अच्छे घराने की होने के बावजूद ,घमण्ड जैसा उस मे ज़रा भी न था।सीधी साधी सरल ,सहज स्वभाव की स्वामिनी श्वेता, इक ठहरी हुई सी शख़्सियत तो थी ही।कोई अच्छा या बुरा ,कोई कुछ भी उसे कह जाये।श्वेता उस पर सिर्फ़ मुस्कुरा कर ही जवाब देती।आज भी हाथ जोड़ कर नीता से बोली !”मै खुद को सब के पैरो की धूल ही समझती हूँ।सच कहूँ तो ,मै तो आप सब की जूती के बराबर भी नही।कहाँ है मुझ मे कोई लियाक़त। नीता ने उसे वही रोका और टोंकने के लिहाज़ से जो कहा ,उसने तो श्वेता की ज़िन्दगी ही बदल डाली।नीता ने श्वेता से कहा! क्या वाक़ई मे दिल से कह रही हो।श्वेता बोली हाँ नीता सच ही तो कह रही हूँ ,तू तो मुझे बचपन से जानती हो।कैसी चुप चुप सी रहा करती थी।चार लोगों के बीच बात भी नही कर पाती थी।नीता ने कहा ! “रूक जा रूक जा” मेरी जान !ज़रा सोच कर देख ,जब तुम आज यहाँ आई और मैं तुम्हें देख कर अगर ये कहती कि वो देखो सब के पैरो की जूती या धूल आ रही है तो क्या तुम इस बात को सहन कर पाती ? तो क्या तब भी ऐसे ही तुम्हारे चेहरे पर मुस्कुराहट होती ? क्या ऐसे ही तुमहारे चेहरा शांत दिखाई देता जैसे अब दिख रही हो ?एक मिनट के लिए तो श्वेता का सिर ही घूम गया।हम अकसर बातों को एक कान से सुन कर दूसरे कान से निकाल देते है मगर कुछ बाते सीधा दिल और रूह पर असर कर जाती है नीता की कही बात ने श्वेता को अन्दर तक झिंझोड़ दिया और सच में ,श्वेता थोड़ा रूकी ,सोचने लगी कि क्या वाक़ई में मेरा रिएक्शन यही होता, जब मैं आज पार्टी मे आई थी और अगर नीता ऐसे ही कह देती।दोस्तों !अकसर हम लोग यूं ही सरसरा सा कुछ भी कह देते है बिना सोचे समझे।तारीफ़ और अलोचना सुनते वक़्त हमारा रिएकशन क्या एक सा ही होता है ?कया हम अपनी आलोचना इतनी सहजता से स्वीकार करते है ? शायद नहीं ।” हमे किसी की भी बात का बुरा नही लगता क्या ? जब हम दोनों ही ,अच्छे या बुरे कैमेंट पर मुस्कुराने की ताक़त अर्जित कर लेंगे तो सच मे ही हम वो इन्सान बन सकेंगे जिस पर हमे खुद पर नाज हो सकेगा।सोने को कुन्दन बनने के लिये पहले ताप से गुजरना पड़ता है तब ही उसमे चमक आती है ठीक ऐसे ही ,हालात जो भी हो अच्छे या बुरे ।हमे कोई फ़र्क़ न पड़े हमारा रिएक्शन पाजिटिव ही हो ,तब ही हमारी शख़्सियत में निखार आ सकेगा ।इस दुनिया में सहज कुछ भी नही मिलता।सब की क़ीमत चुकानी पड़ती है हीरा जैसा व्यक्तित्व यूं ही नही बन सकता। बहुत कुछ सुनना या सहना पड़ता है।कया हम वाक़ई में इसके लिये तैयार हैं शायद नहीं। दोस्तों 🙏मान अपमान दोनों का ही स्वागत खुले दिल से स्वीकार करने की कोशिश जाये 🙏 लेखिका स्मिता कैंथ

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प्रमुख खाद्य तेल ब्रांडों ने कीमतों में 10 से 15 रुपये की कटौती की; समय पर अनेक मोर्चों पर सरकारी हस्तक्षेप के कारण खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट आई : खाद्य सचिव

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग में सचिव श्री सुधांशु पांडेय ने आज यहां कहा कि पिछले एक सप्‍ताह में वनस्‍पति, सोयाबीन तेल, सूरजमुखी तेल और आरबीडी पामोलिन का थोक और खुदरा मूल्‍य गिरा है। खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट का रुझान दिखने और आगे भी इसमें और गिरावट आने के साथ ही, भारतीय उपभोक्ता अपने खाद्य तेलों के लिए कम भुगतान की उम्मीद कर सकते हैं। खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट से मुद्रास्फीति को भी कम करने में मदद मिलेगी। ।

श्री पांडे ने कहा, “सभी प्रमुख खाद्य तेल ब्रांडों ने कीमतों में 10-15 रुपये की कटौती की है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा निरंतर निगरानी, ​​सभी हितधारकों के साथ निरंतर जुड़ाव और सरकार के अनेक हस्तक्षेपों के कारण यह संभव हो पाया है। सूत्रों के मुताबिक , फॉर्च्यून रिफाइंड सनफ्लावर ऑयल का 1 लीटर पैक की एमआरपी 220 रुपये से घटकर 210 रुपये हो गया है। सोयाबीन (फॉर्च्यून) और कच्ची घानी तेल के 1 लीटर पैक की एमआरपी 205 रुपये से घटकर 195 रुपये हो गई है। केन्‍द्र सरकार द्वारा खाद्य तेलों पर आयात शुल्क कम करने के बाद तेल के मूल्‍यों में गिरावट आई है।

डीएफपीडी में संयुक्त सचिव पार्थ एस दास ने कहा कि महाराष्ट्र राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और कर्नाटक में चरण- I और चरण- II में क्रमशः 156 और 84 संस्थाओं का अचानक निरीक्षण किया गया। निरीक्षणों का अच्‍छा प्रभाव पड़ा क्योंकि आकस्मिक निरीक्षण के चरण- II में चूक करने वाली संस्थाओं की संख्या में कमी आई। उन्‍होंने कहा कि चरण-I में  53 संस्थाओं और चरण-II में जिन 12 संस्थाओं के निरीक्षण किए गए वह केन्‍द्रीय स्टॉक नियंत्रण आदेश पर चूक कर रही थी। सम्‍बद्ध राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया है कि आवश्यक वस्तु कानून, 1955 के तहत कानून में किए गए प्रावधानों के अनुसार दोषी संस्थाओं के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। हालांकि, उचित कार्रवाई करते हुए, राज्य सरकारों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है कि प्रतिकूल तरीके से आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित न हो।

खाद्य तेलों की कीमतों को कम करने और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने की अपनी नवीनतम पहल में, सरकार ने शून्य आयात शुल्क और शून्य एआईडीसी पर वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 में 20 एलएमटी कच्चे सोयाबीन तेल और 20 एलएमटी कच्चे सूरजमुखी तेल के आयात के लिए टैरिफ दर कोटा (टीआरक्यू) के आवंटन के लिए अधिसूचना जारी की है। ऐसा  खाद्य तेलों की बढ़ती घरेलू कीमतों, घरेलू मांग में औसत वृद्धि और वैश्विक पाम तेल की उपलब्धता में अनिश्चितता / गिरावट को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

उल्‍लेखनीय है कि पिछले एक साल से खाना पकाने के तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए, केन्‍द्र सरकार ने पहले कच्चे पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर मूल शुल्क 2.5 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया था। इन तेलों पर कृषि उपकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। रिफाइंड सोयाबीन तेल और परिष्कृत सूरजमुखी तेल पर मूल शुल्क मौजूदा 32.5 प्रतिशत से घटाकर 17.5 प्रतिशत कर दिया गया है और रिफाइंड पाम तेल पर मूल शुल्क 17.5 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है। सरकार ने रिफाइंड पाम तेल के मुफ्त आयात की अवधि 31.12.2022 तक बढ़ा दी है।

इसके अलावा, देश में खाद्य तेलों और तिलहनों की सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य तेलों और तिलहनों पर स्टॉक सीमा 31 दिसंबर 2022 तक की अवधि के लिए लगाई गई है। नियंत्रण आदेश को सख्ती से लागू करने के लिए, जमाखोरी और मुनाफाखोरी को रोकने के लिए प्रमुख तिलहन उत्पादक/उपभोक्ता राज्यों में खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं द्वारा रखे गए खाद्य तेलों और तिलहनों के स्टॉक का अचानक निरीक्षण करने के लिए खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग की केन्‍द्रीय टीमों को नियुक्त किया गया था।

सरकार द्वारा सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क में कटौती और इंडोनेशिया द्वारा निर्यात प्रतिबंध को हटाने के साथ समय पर उठाए गए उपरोक्‍त सभी हस्‍तक्षेपों ने खाद्य तेल कंपनियों के लिए खुदरा कीमतों में कटौती करने के लिए एक सक्षम वातावरण बनाया। वैश्विक आपूर्ति में सुधार और टैरिफ दर कोटा (टीआरक्यू) का संचालन से कच्‍चे खाद्य तेलों की कीमतों में और कटौती की उम्मीद की जा सकती है। सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर लगाए गए उत्पाद शुल्क को कम करने के हालिया फैसले ने सभी आवश्‍यक वस्‍तुओं की कीमतों को कम करने में मदद की है।

उपरोक्त वस्तुओं की कीमत की स्थिति पर दिन-प्रतिदिन बारीकी से नजर रखी जा रही है ताकि उनकी कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए उचित समय पर उपाय किए जा सकें। सचिव (खाद्य) की अध्यक्षता में कृषि-वस्तुओं पर अंतर-मंत्रालयी समिति किसान, उद्योग और उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए कृषि वस्तुओं की कीमतों और उपलब्धता की बारीकी से निगरानी करती है। समिति साप्ताहिक आधार पर मूल्य की स्थिति की समीक्षा करती है, घरेलू उत्पादन, मांग, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कीमतें और अंतरराष्ट्रीय व्यापार की मात्रा के आधार पर खाद्य तेलों और अन्य खाद्य पदार्थों के संबंध में महत्‍वपूर्ण उपायों पर विचार करती है। ।

जरूरत पड़ने पर सरकार द्वारा समय पर हस्तक्षेप और उपायों का इन आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने पर एक संचयी प्रभाव पड़ा है और यह सुनिश्चित किया है कि कीमतें स्थिर रहें और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा हो।

सचिव ने वन नेशन वन राशन कार्ड के बारे में भी बात की जिसे अब पूरे देश में लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगस्त 2019 से अब तक 71 करोड़ से अधिक कुल पोर्टेबल लेनदेन की जानकारी दी गई। पोर्टेबल लेनदेन के माध्यम से 40 करोड़ से अधिक की सब्सिडी वितरित की गई है।

उन्होंने कहा कि विभाग ने 79 करोड़ राशन कार्डों को रखने के लिए एक मजबूत केन्‍द्रीय डेटाबेस बनाया है जिसका उपयोग भारत सरकार जनता के लाभ के लिए भविष्य की नीतियों और कार्यक्रमों को तैयार करने के लिए कर सकती है। इस डेटाबेस का उपयोग आयुष्मान भारत, पीएम किसान योजना, श्रम मंत्रालय के लिए कार्यान्वयन को गहराई से लागू करने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विभाग ने 4.74 करोड़ फर्जी राशन कार्ड हटा दिए हैं।

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भारतीय नौसेना कर्मियों के मर्चेंट नेवी में स्थानांतरण के लिए भारतीय नौसेना और शिपिंग महानिदेशालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

भारतीय नौसेना के सेवारत और सेवानिवृत्त दोनों तरह के कर्मियों को मर्चेंट नेवी में स्थानांतरित करने के लिए भारतीय नौसेना (आईएन) और नौवहन महानिदेशालय के बीच 20 जून 2022 को एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से, नौवहन महानिदेशालय ने अंतरराष्ट्रीय एसटीसीडब्ल्यू (नाविकों के लिए प्रशिक्षण, प्रमाणन और निगरानी के मानक) परंपरा के अनुसार भारतीय नौसेना कर्मियों के प्रमाणीकरण की कल्पना की है, जो माननीय प्रधानमंत्री के वैश्विक नाविकों में भारतीय उपस्थिति और हिस्सेदारी का विस्तार करने के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए है। यह समझौता ज्ञापन नीली अर्थव्यवस्था सहित समुद्री क्षेत्र पर भारत सरकार के फोकस के साथ-साथ कुशल और प्रशिक्षित मानव संसाधनों के इष्टतम उपयोग के भी अनुरूप है। https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/Pix(1)MO6F.jpg

इस बदलाव को प्रभावी करने के लिए विस्तृत प्रक्रिया डीजी शिपिंग द्वारा 2022 के डीजीएस आदेश 17 के माध्यम से जारी की गई है। यह आदेश नौसेना समुद्री सेवा और भारतीय नौसेना (आईएन) कर्मियों द्वारा दिए गए उन्नत प्रशिक्षण को विधिवत स्वीकार करता है जिसमें समुद्री के साथ ही तकनीकी, दोनों क्षेत्र में आईएन के लगभग सभी अधिकारियों और नाविकों के कैडर शामिल हैं। यह योजना नौसेना कर्मियों को आवश्यक ब्रिजिंग पाठ्यक्रमों और परीक्षाओं से गुजरने के बाद और कुछ मामलों में एसटीसीडब्ल्यू प्रावधानों के तहत अनिवार्य न्यूनतम व्यापारी जहाज समुद्री सेवा पूरी कर सक्षमता का प्रमाण पत्र प्राप्त करना सुनिश्चित करेगी। यह आईएन कर्मियों को भारत में और साथ ही दुनिया भर में शिपिंग कंपनियों में मर्चेंट जहाजों पर विभिन्न पदनामों के लिए सहज स्थानांतरण में सहायता करेगा।

इस स्थानांतरण योजना को काफी परिश्रम और अंतर्राष्ट्रीय नियमों सहित कई कारकों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इन योजनाओं में कई प्रावधान हैं जो मर्चेंट नेवी में शीर्ष रैंक तक भी आईएन कर्मियों को सीधे बिठाने की पेशकश करते हैं। नौसेना में पर्याप्त अनुभव वाले आईएन कर्मी अब समुद्री क्षेत्र में असीमित टन भार के साथ विदेश जाने वाले जहाजों पर सीधे प्रमुख के रूप में और इंजीनियरिंग क्षेत्र में मुख्य अभियंता के पद तक शामिल हो सकेंगे।

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रक्षा मंत्रालय ने 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की 75 सीमावर्ती सड़कों के किनारे ‘बीआरओ कैफे’ की सुविधायें स्थापित करने को मंजूरी दी

रक्षा मंत्रालय ने 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की सीमावर्ती सड़कों के विभिन्न इलाकों के 75 स्थानों पर सड़क किनारे सुविधायें स्थापित करने को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य है पर्यटकों को बुनियादी सुविधायें प्रदान करना और सीमावर्ती इलाकों में आर्थिक गतिविधियों को गति देना। इस कदम से स्थानीय लोगों के लिये रोजगार भी पैदा होंगे। सड़क किनारे स्थित इन सुविधाओं को ‘बीआरओ कैफे’ के नाम से जाना जायेगा।  बीआरओ की पहुंच दूर-दराज के सीमावर्ती इलाकों तक है और उन इलाकों की सामरिक जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ वह उत्तरी और पूर्वी सीमाओं में सामाजिक-आर्थिक उन्नति की दिशा में भी काम करता है। इस तरह प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थानों पर पर्यटकों की तादाद बढ़ी है। इन स्थानों पर आसानी से पहुंचना कठिन होता है। सख्त जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों वाली इन सड़कों पर पर्यटकों की आवाजाही को आरामदेह बनाने के लिये, सड़कों के किनारे बहुपयोगी सुविधायें तैयार करने की जरूरत है। यह कदम इन क्षेत्रों के प्रमुख पर्यटन सर्किटों को चिह्नित करने के बाद उठाया जा रहा है। चूंकि ये सड़कें दूर-दराज स्थित हैं और वहां तक पहुंचना कठिन है, इसलिये वहां व्यापारिक विकास होना मुश्किल हो जाता है। बीआरओ वहां पहले से कार्यरत है, इसलिये इन दूर-दराज के इलाकों में ऐसी सुविधायें उपलब्ध कराने का बीड़ा उसने खुद उठाया है।  इस योजना के तहत एजेंसियों के साथ मिलकर सार्वजनिक-निजी भागीदारी में सड़क किनारे सुविधायें विकसित तथा संचालित की जायेंगी। एजेंसियों को इसके लिये लाइसेंस दिया जायेगा और वे बीआरओ के दिशा-निर्देश में इन सुविधाओं की डिजाइन, निर्माण और संचालन करेंगी। सुविधाओं में दो पहिया और चार पहिया वाहनों की पार्किंग, फूड प्लाजा/रेस्त्रां, महिलाओं, पुरुषों व दिव्यांगों के लिये अलग-अलग प्रसाधन सुविधा, फर्स्ट-एड सुविधा/एमआई कक्ष आदि का प्रस्ताव किया गया है। प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के जरिये लाइसेंस देने का कार्य पूरा किया जायेगा।

समझौते की अवधि 15 वर्ष होगी और उसे पांच वर्ष की अवधि तक बढ़ाया जा सकता है।

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प्रधानमंत्री ने ‘वाणिज्य भवन’ का उद्घाटन किया और निर्यात पोर्टल का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री मोदी ने आज दिल्ली में ‘वाणिज्य भवन’ का उद्घाटन किया और निर्यात पोर्टल (एनआईआरवाईएटी) (राष्ट्रीय आयात-निर्यात वार्षिक व्यापार विश्लेषण रिकॉर्ड) का शुभारंभ किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल, श्री सोम प्रकाश और श्रीमती अनुप्रिया पटेल उपस्थित थे। सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने आज कहा कि नए भारत में सिटिजन सेंट्रिक गवर्नेंस के जिस सफर पर देश बीते 8 वर्षों से चल रहा है, आज उस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि देश को आज नया और आधुनिक वाणिज्य भवन और साथ ही निर्यात पोर्टल की भेंट मिल रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश के पहले उद्योग मंत्री डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्य तिथि भी है। उन्होंने कहा, “उनकी नीतियां, उनके निर्णय, उनके संकल्प, उनके संकल्पों की सिद्धि, स्वतंत्र भारत को दिशा देने में बहुत अहम रहे। आज देश उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि दे रहा है।” मंत्रालय के नए बुनियादी ढांचे का जिक्र करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कारोबारी सुगमता के साथ-साथ जीवन में आसानी के संकल्प को दोहराने का भी समय है। उन्होंने कहा, पहुंच में आसानी होना इन दोनों के बीच की कड़ी है। उन्होंने कहा कि सरकार से संवाद स्थापित करने में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए और सरकार को सुगमता से सुलभ बनाना सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों में यह दृष्टि स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है।

हाल के दिनों के कई उदाहरणों के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि नए भारत की नई कार्य संस्कृति में, पूर्णता तिथि एसओपी का हिस्सा है और इसका कड़ाई से पालन किया जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रोजेक्ट्स बरसों तक लटके नहीं, समय पर पूरे हों, सरकार की योजनाएं अपने लक्ष्यों तक पहुंचे, तभी देश के टैक्सपेयर का सम्मान है। अब तो पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के रूप में हमारे पास एक आधुनिक प्लेटफॉर्म भी है। उन्होंने कहा कि यह वाणिज्य भवन राष्ट्रों की ‘गति शक्ति’ को बढ़ावा देगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह नया वाणिज्य भवन इस कालखंड में कॉमर्स के क्षेत्र में हमारी उपलब्धियों का भी सिंबॉल है। उन्होंने याद करते हुए कहा कि शिलान्यास के समय मैंने इनोवेशन और ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में सुधार की जरूरत पर बल दिया था। आज हम ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 46वें स्थान पर है और लगातार सुधार कर रहे हैं। उन्होंने उस समय ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार की भी बात कही थी, आज 32000 से ज्यादा अनावश्यक अनुपालनों को हटा दिया गया है। इसी तरह भवन के शिलान्यास के समय जीएसटी नया था, आज प्रतिमाह 1 लाख करोड़ जीएसटी संग्रह आम बात हो गई है। जीईएम की बात करें तो 9 हजार करोड़ रुपये के ऑर्डर की चर्चा हुई थी, आज 45 लाख से ज्यादा छोटे उद्यमी पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं और 2.25 लाख करोड़ से ज्यादा के ऑर्डर दिए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री ने उस समय 120 मोबाइल इकाइयों की बात की थी, जो 2014 में सिर्फ 2 थी, आज यह संख्या 200 को पार कर गई है। आज भारत में 2300 पंजीकृत फिन-टेक स्टार्टअप हैं, जो 4 साल पहले केवल 500 थे। प्रधानमंत्री ने बताया कि वाणिज्य भवन की आधारशिला रखने के समय भारत हर साल 8000 स्टार्टअप को मान्यता देता था, आज यह संख्या 15000 से अधिक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल ऐतिहासिक ग्लोबल डिसरप्शंस के बावजूद भारत ने 670 बिलियन डॉलर यानि 50 लाख करोड़ रुपए का टोटल एक्सपोर्ट किया। पिछले साल देश ने तय किया था कि हर चुनौती के बावजूद 400 बिलियन डॉलर यानि 30 लाख करोड़ रुपए के मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट का पड़ाव पार करना है। लेकिन हमने इसको भी पार करते हुए 418 बिलियन डॉलर यानि 31 लाख करोड़ रुपए के एक्सपोर्ट का नया रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने कहा, “पिछले वर्षों की इस सफलता से उत्साहित होकर, हमने अब अपने निर्यात लक्ष्य बढ़ा दिए हैं और उन्हें प्राप्त करने के अपने प्रयासों को दोगुना कर दिया है। इन नए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सभी का सामूहिक प्रयास बहुत आवश्यक है।” उन्होंने यह भी कहा कि न केवल अल्पकालिक बल्कि दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित किए जाने चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि निर्यात (एनआईआरवाईएटी)- राष्ट्रीय आयात-निर्यात व्यापार वार्षिक विश्लेषण पोर्टल के लिए सभी हितधारकों को तत्काल डेटा प्रदान करके साइलो को तोड़ने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “इस पोर्टल से दुनिया के 200 से अधिक देशों को निर्यात किए जाने वाले 30 से अधिक कमोडिटी समूहों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध होगी। इस पर आने वाले समय में जिलेवार निर्यात से जुड़ी जानकारी भी उपलब्ध होगी। इससे जिलों को निर्यात के महत्वपूर्ण केंद्रों के रूप में विकसित करने के प्रयासों को भी मजबूती मिलेगी।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी देश को विकासशील से बदल कर विकसित देश के दर्जे तक पहुंचाने में उसके निर्यात में वृद्धि की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में भारत भी लगातार अपने निर्यात में वृद्धि कर रहा है और निर्यात लक्ष्यों को प्राप्त कर रहा है। एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए बेहतर पॉलिसीज हों, प्रोसेस को आसान करना हो, प्रॉडक्ट्स को नए बाजार में ले जाना हो, इन सबने, इसमें बहुत मदद की है। उन्होंने कहा कि आज सरकार का हर मंत्रालय, हर विभाग, ‘होल ऑफ गवर्मेंट’ अप्रोच के साथ एक्सपोर्ट बढ़ाने को प्राथमिकता दे रहा है। एमएसएमई मंत्रालय हो या फिर विदेश मंत्रालय, कृषि हो या कॉमर्स, सभी एक साझा लक्ष्य के लिए, साझा प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “नए क्षेत्रों से निर्यात बढ़ रहा है। कई आकांक्षी जिलों से भी अब निर्यात कई गुना बढ़ गया है। कपास और हथकरघा उत्पादों के निर्यात में 55 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है कि जमीनी स्तर पर कैसे काम किया जा रहा है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार वोकल फॉर लोकल अभियान, ‘वन डिस्टिक, वन प्रोडक्ट’ योजना के जरिए जो स्थानीय उत्पादों पर बल दे रही है, उसने भी एक्सपोर्ट बढ़ाने में मदद की है। अब दुनिया के नए-नए देशों में हमारे अनेक प्रॉडक्ट्स पहली बार निर्यात किए जा रहे हैं। उन्होंने सीताभोग मिठाई को बहरीन में निर्यात किए जाने, नगालैंड की ताजा राजा मिर्च को लंदन, असम के ताजा बर्मी अंगूर को दुबई, छत्तीसगढ़ से आदिवासी महुआ उत्पादों को फ्रांस और कारगिल के खुमानी को दुबई में निर्यात किए जाने जैसे उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा, “हमारा लोकल तेजी से ग्लोबल हो रहा है।” हाल ही में उठाए गए कदमों को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “हम अपने किसानों, बुनकरों और हमारे पारंपरिक उत्पादों को निर्यात की इको-सिस्टम से जोड़ने के लिए जीआई टैगिंग पर भी मदद करने के साथ-साथ उस पर जोर दे रहे हैं।” उन्होंने पिछले साल संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार सौदों का भी जिक्र करते हुए कहा कि अन्य देशों के साथ भी काफी प्रगति हुई है। उन्होंने भारत के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण माहौल को अवसरों में बदलने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए विदेशों में भारतीय राजनयिक संस्थानों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “देश की प्रगति के लिए, व्यवसाय के लिए, नए बाजारों की पहचान करना और उत्पादों का निर्माण उनकी जरूरतों की पहचान करना बेहद जरूरी है।” अंत में, प्रधानमंत्री ने प्रत्येक विभाग से हाल के दिनों में विकसित किए गए पोर्टलों और प्लेटफार्मों की समय-समय पर समीक्षा करने का अनुरोध किया। “जिन लक्ष्यों के साथ हमने इन उपकरणों को विकसित किया है, उन्हें कहां तक प्राप्त किया जा रहा है और यदि कोई समस्या है तो उन्हें हल करने के प्रयास किए जाने चाहिए।”

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आयकर विभाग ने राजस्थान और मुंबई में छापामारी अभियान चलाया

आयकर विभाग ने 16 जून, 2022 को कुछ सर्राफा कारोबारियों के साथ हस्तशिल्प की खुदरा व निर्यात बिक्री, नकद वित्तीय पोषण और भूमि व आवासों की खरीद व बिक्री में शामिल एक कारोबारी समूह के खिलाफ छापामारी और जब्ती अभियान चलाया। इसके तहत राजस्थान और मुंबई में फैले 25 से अधिक परिसरों पर छापामारी की गई। इस छापामारी अभियान के दौरान कई दोषी ठहराने योग्य दस्तावेज मिले हैं और इन्हें जब्त किया गया है। इन जब्त किए गए साक्ष्यों को देखने से इसके संकेत मिलते हैं कि समूह ने अचल संपत्ति के कारोबार में बेहिसाब नकद लेनदेन के साथ-साथ फर्जी खरीद बिल प्राप्त किए। इस समूह की कार्यप्रणाली सर्राफा कारोबारियों से प्राप्त सोने और चांदी के फर्जी बिलों के जरिए लेखा-बही में खरीद को बढ़ाकर हस्तशिल्प व्यवसाय के लाभ को छिपाने की रही है। छापामारी के दौरान यह भी पाया गया है कि इन सर्राफा कारोबारियों को जारी किए गए चेक के बदले नकद वापस मिल गया है। इस नकदी का उपयोग रियल एस्टेट में निवेश के साथ-साथ लेखा- बही में क्रेडिट के रूप में प्रस्तुत किए जाने वाले चेक प्राप्त करने के लिए किया गया था। इसके अलावा इन जब्त किए गए साक्ष्यों से यह भी पता चला है कि समूह ने हाल ही में समायोजन (इंट्री) परिचालकों के जरिए कुछ फर्जी कंपनियों का अधिग्रहण किया था। इस छापामारी अभियान में 1.30 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी और 7.90 करोड़ रुपये से अधिक के बेहिसाब सोने के आभूषण जब्त किए गए हैं। शुरुआती जांच में अब तक 100 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का पता चला है। इस मामले में आगे की जांच जारी है।

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खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने ‘भारत के लिए भविष्य का सुपर फूड’ विषय पर राष्ट्रीय बाजरा सम्मेलन का उद्घाटन किया

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने आज नई दिल्ली में ‘भारत के लिए भविष्य का सुपर फूड’ विषय पर राष्ट्रीय बाजरा सम्मेलन का उद्घाटन किया, जिसका आयोजन उद्योग निकाय एसोचैम ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के सहयोग से किया। इस सम्मेलन का आयोजन खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए किया गया। सम्मेलन में अपने उद्घाटन भाषण में केंद्रीय मंत्री श्री पटेल ने बताया कि देश में मोटे अनाज का उत्पादन 2020-21 में बढ़कर 17.96 मिलियन टन हो गया है, जो 2015-16 में 14.52 मिलियन टन था और बाजरा (मोती बाजरा) का उत्पादन भी इसी अवधि में बढ़कर 10.86 मिलियन टन हो गया है। प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में भी आसानी से लम्बे समय तक सुरक्षित रहने की क्षमता के कारण अकाल के समय में मोटे अनाज को भण्डार गृह भी माना जाता है।

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राष्ट्रीय बाजरा सम्मेलन में बाजरा के फायदों के बारे में बात करते हुए एफपीआई राज्य मंत्री श्री पटेल ने कहा कि बाजरा देश के सबसे पुराने खाद्य पदार्थों में से एक रहा है। यह छोटे बीजों से उगाई जाने वाली फसल है जिसे शुष्क क्षेत्रों में या यहां तक कि कम उर्वरता वाली भूमि पर भी उगाया जा सकता है। यही कारण है कि इसे भारत के सुपरफूड के रूप में जाना जाता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फसल का छोटा सीजन होने के कारण, बाजरा लगभग 65 दिनों में छोटे बीज से तैयार होकर काटे जाने लायक फसल के रूप में विकसित हो सकता है। बाजरा फसल की यह विशेषता दुनिया की घनी आबादी वाले क्षेत्रों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। अगर ठीक से इसे संग्रहित किया जाए तो बाजरा दो साल या उससे अधिक समय तक सुरक्षित रह सकता है। उन्होंने कहा कि भारत के पोषण परिणामों में सुधार के लिए बाजरा को मुख्यधारा में लाने की आवश्यकता है, प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि भारत सरकार ने अन्य राज्यों में बाजरा के अधिशेष उत्पादन की पहल को सुविधाजनक बनाने के लिए दिशा-निर्देशों को पहले ही संशोधित कर दिया है। फसलों की खरीद शुरू होने से पहले ही उपभोक्ता राज्यों की अग्रिम मांगों को पूरा करने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के माध्यम से अधिशेष बाजरा के अंतर-राज्यीय परिवहन का प्रावधान किया गया है।

भारत में प्रमुख बाजरा उत्पादक राज्यों में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना शामिल हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री मिन्हाज आलम ने दुनिया भर में बाजरा के बारे में जागरूकता फैलाने के बारे में बात की क्योंकि भारत अब दुनिया में बाजरा का 5वां सबसे बड़ा निर्यातक देश है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष होगा जो खाद्य विकल्पों में मूल्य सृजन और टिकाऊ उत्पादों को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि बाजरा के उत्पादन और प्रसंस्करण में अधिक निवेश की आवश्यकता है।

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एम्‍ब्रेन ने भारत में ब्लूटूथ कॉलिंग के साथ “वाइज़ रोम स्मार्टवॉच” लॉन्च की

मुंबई, 21 जून 2022 : भारत में मोबाइल एक्सेसरीज के सबसे बड़े घरेलू ब्रैंड, एम्‍ब्रेन ने “वाइज़ रोम” के
लॉन्‍च के साथ अपनी वाइज़ स्मार्टवॉच सीरीज के पोर्टफोलियो को और मजबूत किया है। सर्कलुर यूआई के
साथ स्‍लीक और ट्रेंडी डिजाइन की वाइज़ रोम स्मार्टवॉच एक वियरेबल है, जो यूजर को नियमित घड़ी की
अपेक्षा ज्यादा काम करने की इजाजत देती है। वाइज़ रोम यूजर्स की जरूरत के लिए सभी कुछ ऑफर करती
है। यह वॉच ब्लूटुथ कॉलिंग से सहज रूप में ही कनेक्ट होती है। इसमें 100 से ज्यादा क्लाउड बेस्ड फेस में
यूजर्स अपना पसंदीदा फेस सिलेक्ट कर सकता है। इससे यूजर्स वॉच को अपने स्टाइल के अनुकूल बना
सकता है। इस वॉच में लोगों का और ज्यादा मनोरंजन करने के लिए इन-बिल्ट गेम्स दिए गए हैं। युवाओं को
ध्यान में रखकर बनाई गई यह स्मार्टवॉच फ्लिपकार्ट पर 1799 रुपये में उपलब्ध है और 365 दिनों की
वॉरंटी के साथ आती है। वाइज़ रोम स्मार्टवॉच 3 अलग-अलग रंगों- जेड ब्लैक, स्टोन ग्रे और फर्न ग्रीन में उपलब्ध है। वाइज़ रोम को
1.28 इंच के सर्कुलर ल्यूसिड डिस्प्ले™ और हाई क्वॉलिटी के स्‍क्रैच-प्रूफ 2.5डी कर्व्ड ग्लास के साथ
डिजाइन किया गया है। स्क्रीन को 450 निट्स की चमक के साथ डिजाइन किया गया है, जिससे इस घड़ी
को आप सूरज की तेज रोशनी में भी आसानी से देख सकते हैं। यह थियेटर मोड को भी सपोर्ट करती है,
जिससे चमक कम हो जाती है। वाइब्रेशन की रफ्तार धीमी हो जाती है, और आप रोजाना होने वाली
वर्चुअल मीटिंग्स पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। इसके साथ स्मार्ट फोन एक शानदार कारीगरी से सजे
डिजाइन और हल्के वजन का वायदा करती है, जो नौजवानों की लाइफस्टाइल को और बेहतर बनाती है।
इस बेहद स्टाइलिश स्मार्टवॉच को अपनी पर्सनैलिटी और स्टाइल के अनुकूल बनाने के कई विकल्प शामिलहैं, जिसमें से यूजर को अपने मूड के अनुसार वॉच फेस बदलने की इजाजत मिलती है। यह स्मार्टवॉच यूजर्स
को नया अहसास कराती है। वह इसमें चाहे तो अपना अनोखा वॉलपेपर पसंद कर या 100 से ज्यादा
क्लाउड बेस्ड फेस में अपनी पसंद का वॉच फेस चुनकर इस वॉच को अपने स्टाइल के मुताबिक बना सकते हैं
। यह स्मार्टवॉच वॉटरप्रूफ है। इस पर पानी के छींटों या पसीने का कोई असर नहीं पड़ता। यह आईपी 68 के
मानकों के अनुकूल है, जो इसे रोजाना इस्तेमाल के लिहाज से परफेक्ट बनाते हैं।
वाइज़ रोम आधुनिक हेल्थ और वेलनेस सेंसर्स और फीचर्स से लैस है, जो हार्ट रेट, ब्‍लड प्रेशर, एसपीओ2
की गणना के साथ मासिक धर्म के दिनों का हिसाब रखती है। इसके अलावा यह यूजर्स की नींद की गुणवत्ता
की भी निगरानी करती है। स्मार्टवॉच जिन दूसरे फीचर्स को सपोर्ट करती है, उनमें खाली बैठने का
रिमाइंडर देना, मौसम का पूर्वानुमान लगाना और महिलाओं के स्वास्थ्य की निगरानी रखना जैसे फीचर्स
शामिल है। इसमें हाई एआर अलर्ट और सांस लेने का प्रशिक्षण जैसे फीचर्स भी हैं। स्मार्टवॉच में 60 से
ज्यादा स्पोर्ट्स मोड्स हैं, जिससे यूजर्स को अपनी रोजाना की फिटनेस और ट्रेनिंग रूटीन से जुड़े विस्तृत
आंकड़े हासिल करने की इजाजत मिलती है। यह ब्रांड डा फिट ऐप के साथ यूजर को शानदार अनुभव देता है। यह फीचर्स एंड्रॉयड और आईओएस दोनों के अनुकूल है। इसके अलावा यह स्मार्टवॉच गूगल फिट और
ऐप्‍पल हेल्थ के लिए भी फिट है, जिससे यूजर्स को पूरी तरह से बेमिसाल अनुभव मिलता है।
यह स्मार्टवॉच चार्ज होने में दो घंटे तक का समय लगता है। वाइज़ रोम स्मार्टवॉच की बैटरी लगातार
इस्तेमाल करने पर 10 दिन तक चल सकती है। चाहे स्मार्टवॉच से आपकी गतिविधियों की निगरानी करनी
हो या आपकी नींद की क्वॉलिटी परखनी हो, स्मार्टवॉच अपनी विशाल 260 एमएएच की बैटरी के साथ यह
सभी काम बेहद आसानी से कर सकती है। यह डिवाइस सुपरफास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करता है। इससे इस
स्मार्टवॉच को 0 से 100 फीसदी तक चार्ज होने पर केवल 2 घंटे का समय लगता है। यह स्मार्टवॉच
इनबिल्ट माइक के साथ आती है। यूजर्स को शानदार और सहज अनुभव कराने के लिए यह ब्लूटूथ कॉलिंग
को सपोर्ट करती है। कनेक्टिवटी के मोर्चे पर वाइज़ रोम स्मार्ट नोटिफिकेशन फीचर्स के साथ मिलती है,
जिससे आप इनकमिंग कॉल, टेक्‍स्‍ट मैसेज और कई अन्य चीजों से अपडेट रह सकते हैं। वास्तविक रूप से
यह नेक्सट जनरेशन का अनुभव कराने के लिए वॉयस असिस्टेंट के साथ आती है।
एम्‍ब्रेन के निदेशक सचिन रेल्हन ने कहा, “वाइज़ रोम हमारे स्मार्ट वियरेबल्स की वाइज़ सीरीज में एक
आदर्श संकलन है। यह आजकल के नौजवानों की जरूरतों की कसौटी पर पूरी तरह खरा उतरता है। यह
आधुनिक, आसानी से दिशाओं का पता लगाने में सक्षम सुपर स्टाइलिश और टिकाऊ स्मार्टवॉच है, जो नए-
नए फीचर्स से लैस प्रीमियम क्वॉलिटी की है और उपभोक्ताओं को उनके खर्च किए गए पैसे का पूरा मूल्य
अदा करती है।”
सबसे आखिरी में, स्मार्टवॉच में फीचर्स सै लैस टैग को एक लेवल ऊपर उठाया गया है। वाइज़ रोम
अनलिमिटेड मनोरंजन और प्रॉडक्टिविटी के तमाम विकल्प पेश करती है, जिसमें अलार्म, म्यूजिक कंट्रोल,
रिमोट कैमरा शटर, फ्लैशलाइट, फाइंड फोन, स्टॉपवॉच फीचर्स और दो इनबिल्ट गेम्स शामिल हैं। यह
फीचर्स हमेशा आपका मनोरंजन करते रहेंगे।
एम्ब्रेन इंडिया के विषय में:
एम्ब्रेन इंडिया 2012 से ही तकनीक में अग्रणी रही है। तकनीक में अग्रणी एम्ब्रेन ने एक व्यापक नेटवर्क के
माध्यम से देश भर में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रखी है। इसके देशव्यापी नेटवर्क में 330 से अधिक सर्विस
टच प्वाइंट्स शामिल हैं। किफायती कीमतों में खूबसूरती से डिजाइन किये गये उत्पाद एम्ब्रेन को अपनी कई
उत्पाद श्रेणियों में अग्रणी बाजार हिस्सेदारी का आनंद उठाने में मदद करते हैं। देश भर में 330 से अधिक
सर्विस सेंटर्स और ऑनलाइन कंज्यूमर सपोर्ट आधारभूत संरचना, बाधारहित सर्विस सपोर्ट और उपभोक्ता
संतुष्टि के माध्यम से एम्ब्रेन के अस्तित्व के मूल को सुदृढ़ बनाया जाता है। एम्ब्रेन के उत्पादों की बिक्री सभी
अग्रणी ऑनलाइन मंचों जैसे कि होमशॉप 18, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, अमेज़न, इंडियाटाइम्स, शॉप क्लूज व
अन्य पर की जाती है। इसके साथ ही रिलायंस डिजिटल, मेट्रो, डिजिटल एक्सप्रेस, बेस्ट प्राइस और अन्य
रीटेल स्टोर्स पर भी ये उपलब्ध हैं।
वेबसाइट – https://ambraneindia.com/
मीडिया संबंधी विस्तृत जानकारी के लिए संपर्क करें :
हस्‍ती भद्रा | साइनैप्‍स पीआर
91522 02289

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अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में ब्रह्मानंद कालेज के प्रांगण में योग कार्यक्रम आयोजित

कानपुर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में ब्रह्मानंद कालेज के प्रांगण में योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में कर्नल पारितोष भौमिक जी एवं आयुष मंत्रालय द्वारा नामित योग विशेषज्ञ श्रीमती भावना श्रीवास्तव जी एवं ले० कर्नल अविनाश शर्मा जी पधारें तत्पश्चात ब्रह्मानंद कालेज के प्राचार्य डॉ० विवेक द्विवेदी जी के द्वारा सभी का पुष्प भेंट कर स्वागत और अभिनंदन किया गया। मंच संचालन का कार्य महाविद्यालय के योग प्रशिक्षक डॉ. एस. एस. भदौरिया जी में किया। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य जी ने अपने उदबोधन में NCC कैडेटो NSS स्वयंसेवकों के साथ साथ मिशन शक्ति से जुड़ी छात्राओं और छात्रों को अपने जीवन में योग को अपनाने और आम जनमानस को भी जागरूक करने हेतु प्रेरित किया। मुख्य अतिथि के रूप में पधारे कर्नल परितोष भौमिक जी ने भी सैनिक के जीवन में योग का अहम योगदान बताया। आयुष मंत्रालय द्वारा नामित श्रीमती भावना श्रीवास्तव जी ने अपने सम्बोधन में मानव जीवन में स्वस्थ समाज की परिकल्पना योग का अहम योगदान बताया । आयुष मंत्रालय द्वारा नामित श्रीमती भावना श्रीवास्तव जी ने अपने संबोधन में मानव जीवन में सवस्थ समाज की परिकल्पना योग के माध्यम से ही संभव है इस पर विस्तृत चर्चा की तथा युवाओं को बढ़चढ़ को योग को अपनाने हेतु आवाहन तथा अभ्यास भी कराया। इस अवसर पर ब्रह्मानन्द NCC के प्रभारी ले० अंजन कुमार NSS प्रभारी डा० प्रमोद कुमार व मिशन शक्ति प्रभारी डा० अर्चना पाण्डेय सुबेदार मेजर सतेन्द्र दुबे तथा अन्य NCC कार्यालय के कर्मचारियों के साथ-साथ महाविद्यालय के शिक्षकगण उपिस्थत रहे।

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