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हैलट के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में शुरू की गई स्पेशलिटी क्लीनिक की श्रृंखाला मे आज मेनोपॉज क्लीनिक का उद्घाटन

कानपुर 28 जुलाई भारतीय स्वरूप संवाददाता! मरीजों को उच्च कोटि के चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने हेतु हैलट के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में दिनांक21-7-2022 को शुरू की गई स्पेशलिटी क्लीनिक की श्रृंखाला मे, आज दिनांक 29-07-2022 को मेनोपॉज क्लीनिक का उद्घाटन मुख्य अतिथि डा0 राजशेखर, मंडलायुक्त कानपुर द्वारा किया गया । उद्घाटन में डॉ संजय काला, प्राचार्य जीएसवीएएम मेडिकल कॉलेज विशेष अतिथि के तौर पर सम्मलित हुए तथा उन्होंने speciality clinic के लिए स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के प्रयासों के लिए विभागाध्यक्ष डा नीना गुप्ता को बधाई दी। कार्यक्रम में डॉ.रिचा गिरी (उप – प्राचार्य ),

डॉ. आर के मौर्या  (एसआईसी एलएलआर अस्पताल) भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि डॉ राजशेखर ने बताया कि menopausal महिलाओं में होने वाली कैल्शियम की कमी, स्थानीय उपलब्ध खाद्य पदार्थों से काफी हद तक पूरी की जा सकती है । उन्होंने ओपीडी में आने वाली सभी महिलाओं को खाद्य पदार्थों की फोटो एवं नाम की सूची बटवाए जाने का सुझाव दिया तथा इस कार्य हेतु मदद देने का आश्वासन भी दिया। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर नीना गुप्ता ने बताया कि मेनोपॉज अर्थात रजो – निवृत्ति स्त्री के जीवन चक्र का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। यह अमूमन 45 से 50 साल की उम्र में होता है परंतु विगत वर्षों में ऐसा देखा जा रहा है कि भारत एवं अन्य एशियाई देशों में मेनोपॉज की यह उम्र और घट गयी है। यह वह समय है जब महिलाएं ,चाहे वह कामकाजी हो या गृहणी, अपनी जिम्मेदारियों के लिए पूरी तरीके से समर्पित होती हैं। शारीरिक एवं मानसिक रूप से इस समय उनके ऊपर काफी दबाव होता है, ऐसे में मेनोपॉज से होने वाली परेशानियां जैसे ओस्टेपोरोसीस के फ्रैक्चर, अत्यधिक रक्तस्त्राव, मूत्र सम्बन्धी परेशानिया या कमजोरी उनके स्वस्थ जीवन में बाधा बन सकती है।

मेनोपॉज क्लीनिक का उद्देश्य महिलाओं एवं साथ ही साथ पुरुषों को भी जागरूक करना है तथा इन परेशानियों का निदान करना है । मेनोपॉज क्लीनिक की इंचार्ज प्रोफेसर शैली अग्रवाल व सह इंचार्ज डॉक्टर गरिमा गुप्ता है। डॉ नीना गुप्ता ने बताया कि भारत में 2023 तक लगभग 40 करोड़ महिलाएं मेनोपॉज के पड़ाव में होंगी । अतः उनके स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के निदान के लिए इस प्रकार की क्लीनिक काफी मददगार साबित हो सकती हैं । मेनोपॉज क्लीनिक के सह इंचार्ज डॉ .गरिमा गुप्ता ने बताया कि इस अवसर पर लगभग 80 महिलाओं की बोन मैरो डेंसिटी (BMD) करने के लिए निशुल्क कैंप भी लगाया गया है। क्योंकि यह पाया गया है कि 50 वर्ष की उम्र में महिलाओं में osteoporosis ( उम्र के साथ होने वाली हड्डियों की एक कमज़ोरी ) होने के लगभग 40% संभावना होती हैं और उम्र के साथ यह प्रतिशत बढ़ता जाता है । समय पर BMD करा लेने से और उसके बाद ओस्टेपोरोसीस का इलाज कर लेने से इससे होने वाले फ्रैक्चर को कम किया जा सकता है । कार्यक्रम का संचालन डॉ. दिव्या द्विवेदी द्वारा किया गया। सभी संकाय सदस्यो, जूनियर डॉक्टर एवं कर्मचारियों सहित लगभग 150 लोगों ने कार्यक्रम में भाग लिया, जिसमें डा0 रीता गुप्ता, डॉ नीलिमा वर्मा, डॉ. संजय कुमार आदि भी उपस्थित रहे ।

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सकून तेरे पास है और तू भटकाता फिर रहा

बात बात पर भड़क रही थी शैफाली आज।रसोई के बर्तनो की आवाज़ से ही उसकी मन की व्यथा का अंदाज़ा लगाया जा सकता था।समीर की पत्नी शैफाली,जो किटी पार्टीयो में अक्सर आया जाया करती और आ कर अपने पति को परेशान करती और कहती ! समीर देखा !मेरी सहेली रीटा का घर बेस्ट लोकेशन में है हमारा कंयू नही। मोनिका ने अभी बंगला ख़रीदा है हम क्यों नहीं ले पा रहे।रात के खाने के बर्तन समेटते हुए शैफाली ने समीर से पूछा ?समीर तुम्हारी प्रमोशन का क्या बना ?बॉस से बात हुई क्या ? कब से कह रही हूँ बंगला ले लो।साल से ज़्यादा वक़्त हो गया हमें इस शहर में आये हुये।समीर चुपचाप अपनी पत्नी शैफाली की बाते सुन रहा था।शैफाली बोले जा रही थी ,मेरा मन भी करता है कि मै बंगले में रहूँ।अब तो मुझे ईर्ष्या सी होने लगी है सभी सहेलियों से।समीर तुम इतने काबिल हो कर भी कुछ कर नहीं पा रहे और बेधड़क भगवान को कोसे जा रही थी कि भगवान ने उसे ये फ़्लैट कंयू दिया,बंगला कयू नही दीया वग़ैरह वग़ैरह।समीर की ये सब बातें सुनना उसकी दिनचर्या में शामिल था।हर रोज ये बातें सुनता और मन ही मन में झुंझला जाता।चुपचाप अपने सोने के कमरे में चला गया।आँखे मूँद कर सोने का बहाना करने लगा।नींद तो उसे भी नहीं आ रही थी क्योंकि सोच तो वो भी यही रहा था कि कैसे तैसे कर के इक बंगला बन जाये।पता नहीं कब आँख लगी और सुबह हो गई।जल्दी से उठा और नाश्ता करके आफ़िस चला गया तो उसे वहाँ जा कर पता चला कि उसकी कंपनी जिस में वो काम करता था ,बैंकरपसी मतलब बंद होने को है और बॉस ने हाथ जोड़कर कर सभी कर्मचारियों को कहा !अब मेरी कंपनी बंद हो रही है और आप कहीं और काम देखिए।समीर के पैरो तले जैसे ज़मीन निकल गई।समीर अपनी कंपनी में बहुत अच्छी पोस्ट पर था।बड़ा अच्छा घर चल रहा था।ओह !अब क्या करेगा।आफ़िस से सीधा घर आया और शैफाली को भी ये बात बताई।अब दोनो परेशान कि अब कैसे घर चलेगा ,बच्चों की स्कूल की भारी फ़ीस कहाँ से देगा ,फ़्लैट की किश्त कैसे भरेंगा ।रात दिन नौकरी तालाश करने लगा।उसकी तो रातों की नींद ही उड़ गई।परेशान सा सोच रहा था कि अब जल्दी ही फ़्लैट भी ख़ाली करना पड़ेगा ,क्योंकि अगले महीने फ़्लैट की किश्त वो नहीं भर पायेगा।महीने का आख़िरी दिन है और जगह जगह नौकरी के लिये अपलाई कर चुका है मगर कहीं से कोई जवाब हाँ में नहीं आ रहा।कोई जवाब न पा कर बेहद निराश सा ,खोया सा बैठा था।कुछ नही सूझ रहा था उसे ।अचानक से दरवाज़े की घंटी बजी।समीर ने भारी कदमो से दरवाज़ा खोला ।वहाँ कोई उसे लैटर देने आया था।लैटर खोला तो देखा उसे इक कंपनी मे अच्छी नौकरी मिल गई है समीर इतना ख़ुश कि ख़ुशी से रोने ही लगा और कहने लगा कि शुक्र है भगवान ,तू कितना दयालु है मुझे सड़क पर जाने से बचा लिया।वरना मैं कहाँ ले कर जाता बच्चों को,और फ़्लैट को ऐसे देख रहा था जैसे वो फ़्लैट न हो कर उसका महल हो।शैफाली और समीर ख़ुशी से नाच रहे थे और भगवान का शुक्रिया कर रहे थे।
दोस्तों फ़्लैट तो वही था जो दोनों के दुख का कारण था और आज वही फ़्लैट सुख का कारण बना हुआ था।ख़ुशी कहाँ से आई अन्दर से ,स्वीकार करने मे ,शुक्र करने मे।ख़ुशी हमारी प्रतिक्रियाओं मे है कि हम हर हालात मे कैसे रिएक्ट करते है ।कैसे किसी हालात को समझते है।अपनी चीजों की कद्र हमे तब होती है जब वो हमारे हाथों से जा रही होती है या जा चुकी होती है ।सो वक़्त रहते हमे चीजो की,या हालातो की या अपने आसपास के लोगों की कद्र करना सीख लेना चाहिए।अकसर लोग सोचते है कि वो बहुत ख़ुश होते,अगर वो कहीं बाहर के देशों मे सैटल होते। विदेशों मे रहने वाले लोगों से पूछिए।वो भी परेशान है किसी न किसी बात पर।किसी को काम नही मिल रहा ,कोई बीमारी की वजह से परेशान,किसी के घर तालाक की बाते चल रही है कोई डिप्रेशन से घिरा हुआ है। जिसको सुख और सकून मिलना है वो कहीं भी रह कर भी मिल सकता है ।
दोस्तों ! दूसरो की उन्नति से ईषा करके कोई फ़ायदा नहीं ।अपने पास जो है उसी में सकून ढूँढिए।
“सकून की तालाश में अपना वक़्त न ज़ाया कर..सकून तेरे पास है और तू भटकाता फिर रहा है ..ऐ सकूने यार मे”।
✍️ लेखिका स्मिता केंथ (England)

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न्याय की चाहत में बेगुनाह व उसके परिजन लगा रहे अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के चक्कर

कानपुरः भारतीय स्वरूप संवाददाता। न्याय पाने की चाहत में बेगुनाह लुटेरा व उसके परिजन अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगा रहे हैं। उन्हें विश्वास है कि उन्हें न्याय मिलेगा और मनगढ़न्त कहानी रचने वाले दोषी पुलिसवालों को सजा अवश्य मिलेगी।
जी हां, मामला गुजैनी थाने का है। मिली जानकारी के अनुसार गुजैनी थाना क्षेत्र के अम्बेडकर नगर नहर पुल के पास 18/19 जून 2022 की रात्रि में लूट की तीन वारदातों को अंजाम दिया गया। लेकिन पुलिस ने पहली लूट के पीड़ित को वादी, दूसरे पीड़ित को गवाह और तीसरे पीड़ित को आरोपी बनाकर जेल भेज दिया! लेकिन कहा जाता है कि सच्चाई सामने आ ही जाती है और यही हुआ भी। अब तीनों वारदातों के तथ्यों के मिलने पर पुलिस की फर्जी खेल खुल गया। परिणामतः पुलिस द्वारा किये गये लूट के खुलासे पर सवालिया निसान लग रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कानपुर पुलिस कमिश्नरेट अन्तर्गत नवसृजित थाना गुजैनी क्षेत्र में बिगत 18/19 जून 2022 को गुजैनी नहर व हाइवे के पास एक ही रात में कुछेक मिनटों के अन्तराल पर लूट की तीन वारदातों को अंजाम दिया गया। किन्तु पुलिस ने तीनों वारदातों को एक दिखा दिया और पहली घटना के पीड़ित को वादी मुकदमा, दूसरी घटना के पीड़ित को गवाह और तीसरी घटना के शिकायतकर्ता अम्बेडकर नगर निवासी राजन सिंह को आरोपी बनाकर जेल के सलाखों के पीछे भेज दिया?इसके बाद प्रकाश में आया है कि वादी मुकदमा गोविन्द प्रसाद व चश्मदीद गवाह ब्रजेश कुमार सैनी ने जेल भेजे गये राजन सिंह को निर्दोष बताते हुए माननीय न्यायालय व पुलिस आयुक्त के समक्ष शपथपत्र दे दिये थे। साथ ही अब इस खुलासे में नया मोड़ आ गया है और जेल छूटे आरोपी राजन सिंह ने बताया कि उसके साथ भी लूट की गई थी जिसकी सूचना उसने 112 पर दी थी किन्तु उसकी कोई बात नहीं सुनी गई बल्कि पुलिस ने उसे आरोपी बनाकर जेल भेजकर उसका कैरियर खत्म कर दिया। वादी मुकदमा गोविन्द प्रसाद व चश्मदीद गवाह ब्रजेश कुमार सैनी ने गुजैनी पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाया कि सिर्फ गुडवर्क के चक्कर में थानाध्यक्ष रवि शंकर त्रिपाठी ने राजन सिंह को आरोपी बनाया है।
राजन के भाई शिववीर सिंह ने बताया कि जिले के आलाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को मामले से अवगत करा चुका है लेकिन दोषी पुलिस वालों पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई जिससे लगता है कि पुलिस के कुछ अधिकारियों का संरक्षण दोषी पुलिस वालों को प्राप्त है। शिववीर ने बताया कि अपने भाई को न्याय दिला कर रहेगा और न्याय दिलाने के लिये वो निचली अदालत से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक की चौखट तक जायेगा। लेकिन अपने निर्दोष भाई को जेल भेजने वालों को सख्त से सख्त सजा दिलाकर रहेगा।
बताते चलें कि लूट का फर्जी खुलासा करने वाली टीम में गुजैनी थाना प्रभारी रवि शंकर त्रिपाठी, उप निरीक्षक राकेश दीक्षित, उप निरीक्षक अरुण कुमार, उप निरीक्षक रिन्कू कुमार, हे0 का0 देवेन्द्र सिंह,

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सिंधिया ने जबलपुर-कोलकाता के बीच सीधी उड़ान का शुभारंभ किया

नागर विमानन उड्डयन मंत्रीश्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया और नागर विमानन राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह (सेवानिवृत्त) ने आज स्पाइसजेट द्वारा जबलपुर और कोलकाता के बीच सीधी उड़ान का शुभारंभ किया।

इस कार्यक्रम में संसद सदस्य (लोकसभा) श्री राकेश सिंह, संसद सदस्य (राज्य सभा) श्री विवेक के. तन्खा, जबलपुर छावनी के विधानसभा सदस्य श्री अशोक रोहानी, नागर विमानन मंत्रालय के सचिव श्री राजीव बंसल, और स्पाइसजेट के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री अजय सिंह की उपस्थिति के साथ-साथ कई अन्य गणमान्य व्यक्ति वर्चुअल तौर पर उपस्थित थे।

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एयरलाइन इस रूट पर दैनिक उड़ानों का संचालन करेगी और कम दूरी की उड़ानों के लिए डिजाइन किए गए अपने क्यू400,78-सीटर टर्बो प्रोप विमान को तैनात करेगी। उड़ान का यह नया रूट 26 नई घरेलू उड़ानों का एक हिस्सा है जिसे स्पाइसजेट आज लॉन्च कर रही है। इस अवसर पर अपने संबोधन में, श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि पिछले एक साल में देश में हवाई सेवाओं में व्यापक विस्तार हुआ है, खासकर मध्य प्रदेश में जहां जुलाई 2021 में प्रति सप्ताह 554 विमानों का आवागमन हो रहा था और अब यह आंकड़ा 980 तक चला गया है। उन्होंने कहा कि जबलपुर अब 10 शहरों से जुड़ गया है, और विमानों का आवागमन बढ़कर 182 हो गया है। इसी तरह, ग्वालियर जुलाई, 2021 में 56 विमानों के आवागमन के साथ 4 शहरों से जुड़ा था, और यह आंकड़ा बढ़कर एक सौ हो गया है। इंदौर में 308 विमानों का आवागमन हो रहा था जो बढ़कर 468 हो गया है और अब यह 20 शहरों से जुड़ा है। राज्य की राजधानी भोपाल, जिसका जुलाई 2021 में 5 शहरों के साथ हवाई संपर्क था, अब 13 शहरों से जुड़ गया है और इसमें 226 विमानों का आवागमन हो रहा है। खजुराहो हवाई अड्डा भी दिल्ली से जुड़ा है और यहां से प्रति सप्ताह 4 उड़ानें संचालित हैं।

नागर विमानन मंत्री ने कहा कि जबलपुर हवाईअड्डा 1930 में स्थापित किया गया था, और द्वितीय विश्व युद्ध में इसका इस्तेमाल किया गया था। अब, हवाई अड्डे का विस्तार किया जा रहा है, जिसमें रनवे की लंबाई 1988 मीटर से बढ़कर 2750 मीटर हो गई है। पीक आवर्स में टर्मिनल बिल्डिंग की क्षमता 200 यात्रियों से बढ़ाकर 250 की जा रही है, और इसका क्षेत्रफल 2600 वर्ग मीटर से बढ़कर 10713 वर्ग मीटर हो जाएगा। 3 एयरो ब्रिज बनाए जा रहे हैं, और नए एटीसी टावर और फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि 412 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा विस्तार कार्य अगले साल मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा।

जनरल वी.के. सिंह (सेवानिवृत्त) ने जबलपुर के लोगों को नई कनेक्टिविटी मिलने पर बधाई दी, जिससे क्षेत्र में कारोबार, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

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जबलपुर और उसके आस पास के क्षेत्रों के लोगों को सीधी हवाई कनेक्टिविटी मिलने से लाभ होगा जिससे यात्रियों के लिए निर्बाध आवागमन की सुविधा होगी। नई सीधी उड़ान से आम लोगों को यात्रा करने का एक नया विकल्प मिलेगा जिससे पर्यटन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा और दोनों क्षेत्रों की आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। जबलपुर पहले ही नौ शहरों यानी बेंगलुरु, दिल्ली, बिलासपुर, हैदराबाद, इंदौर, मुंबई, पुणे, चेन्नई और भोपाल से जुड़ चुका है। अब इसे 10वें शहर कोलकाता से जोड़ा जा रहा है।

उड़ान की सूची इस प्रकार है:

क्र.सं. उड़ान  प्रस्थान आगमन एयरलाइन बारंबारता प्रस्थान (समय) आगमन (समय) विमान का प्रकार शुरुआत की तिथि
1 एसजी 3003 जबलपुर कोलकाता स्पाइसजेट प्रतिदिन 19:15 21:15 क्यू400 22 जुलाई से
2 एसजी 3002 कोलकाता जबलपुर स्पाइसजेट प्रतिदिन 06:10 08:30 क्यू400 23 जुलाई से

 

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यदि गलत धारणा बनायी जा रही हो, तो मीडिया को आत्मनिरीक्षण की जरूरत : अनुराग ठाकुर

“ये आकाशवाणी है”, वे अमर शब्द हैं, जिन्हें हर भारतीय पहचान सकता है, इनकी गूंज आज आकाशवाणी भवन के रंग भवन सभागार में सुनायी दे रही थी, क्योंकि श्री अनुराग ठाकुर ने इन शब्दों के साथ “और आज आप सूचना प्रसारण मंत्री को सुन रहे हैं” कहकर अपना वाक्य पूरा किया था। इन शुरुआती शब्दों ने आज राष्ट्रीय प्रसारण दिवस उत्सव को रेखांकित किया, इन्हीं शब्दों के साथ ऑल इंडिया रेडियो की 1927 में शुरुआत हुई थी, जो अब तक एक लंबी और शानदार यात्रा रही है।

उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कुछ लोगों ने अनुमान लगाया था कि टेलीविजन और बाद में इंटरनेट के आने से रेडियो का अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा, लेकिन रेडियो ने अपने दर्शकों की पहचान की है और न केवल अपनी प्रासंगिकता बल्कि विश्वसनीयता को भी बनाए रखा है।

उन्होंने कहा कि आज, जब लोग निष्पक्ष समाचार सुनना चाहते हैं, तो वे स्वाभाविक रूप से आकाशवाणी और दूरदर्शन की खबरें सुनते हैं। उन्होंने कहा कि आकाशवाणी देश के 92 प्रतिशत भू-भाग और 99 प्रतिशत से अधिक लोगों को कवर करती है और यह एक सराहनीय उपलब्धि है।

एक प्लेटफार्म के रूप में रेडियो के महत्व के बारे में श्री ठाकुर ने कहा कि कई प्रधानमंत्री हुए हैं, लेकिन किसी ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरह रेडियो के मूल्य को नहीं समझा, जिन्होंने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिये देशवासियों से सीधे जुड़ने के लिए इसे अपने मनपसंद माध्यम के रूप में चुना है।

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केन्द्रीय मंत्री ने मीडिया को सतर्क करते हुए कहा कि अगर कहीं ‘मीडिया ट्रायल’ जैसे कथनों के माध्यम से निजी मीडिया के बारे में गलत धारणा पैदा हो रही है, तो हमें अपने कामकाज के बारे में आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है।

आजादी का अमृत महोत्सव के भाव को अभिव्यक्ति प्रदान करने में दो संस्थाओं- आकाशवाणी और दूरदर्शन- की भूमिका को श्रेय देते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि जहां स्वतंत्रता के बाद से अब तक की शिक्षा प्रणाली ने कई क्षेत्रीय स्वतंत्रता सेनानियों की भूमिका का उल्लेख नहीं किया, वहीं रेडियो और दूरदर्शन ने देश के दूर-दराज इलाकों के पांच सौ से अधिक गुमनाम नायकों के बारे में जानकारी एकत्रित की और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदानों की सराहना करते हुए इसे राष्ट्र के सामने प्रस्तुत किया।

केन्द्रीय मंत्री ने दोनों एजेंसियों के लिए सामग्री (कंटेंट) के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि यह सामग्री ही थी जिसने लोगों को इन दोनों चैनल की ओर खींचा। उन्होंने कहा कि टावरों के माध्यम से पहुंच चाहे जितनी भी हो जाए, वह सामग्री के महत्व की बराबरी नहीं कर सकती। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस डिजिटल युग में रेडियो लोगों के बीच अपनी उपस्थिति को और मजबूत करेगा।

केन्द्रीय मंत्री ने दूरदर्शन पर नए धारावाहिकों- कॉरपोरेट सरपंच: बेटी देश की, जय भारती, सुरों का एकलव्य और ये दिल मांगे मोर के साथ-साथ स्टार्टअप चैंपियंस 2.0 के प्रोमो को जारी किया।

केन्द्रीय सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने राष्ट्रीय प्रसारण दिवस के अवसर पर दर्शकों को शुभकामनाएं दीं। डॉ. मुरुगन ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान रेडियो द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला जब कई स्वतंत्रता सेनानियों ने इसका उपयोग ब्रिटिश साम्राज्यवादी सरकार के खिलाफ संचार के एक उपकरण के रूप में किया। उन्होंने देश के दूर-दराज के इलाकों को जोड़ने में रेडियो द्वारा निभाई गई भूमिका को रेखांकित किया और प्रसार भारती के दुनिया का सबसे बड़ा सार्वजनिक प्रसारक होने पर गर्व व्यक्त किया।

प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री मयंक अग्रवाल ने टेलीविजन और रेडियो जैसे दो माध्यमों के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि इन प्लेटफार्मों पर प्रस्तुत समाचार सामग्री ने विश्वसनीयता की दृष्टि से निजी मीडिया की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है और इस तथ्य को विभिन्न सर्वेक्षणों द्वारा सामने लाया गया है।

इस अवसर पर आकाशवाणी के महानिदेशक श्री एन. वेणुधर रेड्डी तथा प्रसार भारती, दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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लोकसभा ने भारतीय अंटार्कटिक विधेयक, 2022 पारित किया, जिसका उद्देश्य भारत द्वारा अंटार्कटिक पर्यावरण और इस पर आश्रित व संबद्ध पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए राष्ट्रीय उपाय करना है

लोकसभा ने आज भारतीय अंटार्कटिक विधेयक, 2022 को पारित कर दिया। इस विधेयक को पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह द्वारा पेश किया। विधेयक का उद्देश्य भारत द्वारा अंटार्कटिक पर्यावरण और इस पर आश्रित व संबद्ध पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए राष्ट्रीय उपाय करना है। विधेयक के बारे में जानकारी देते हुए, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य खनन या अवैध गतिविधियों से छुटकारा पाने के साथ-साथ क्षेत्र का विसैन्यीकरण सुनिश्चित करना है। इसका उद्देश्य यह भी है कि क्षेत्र में कोई परमाणु परीक्षण/विस्फोट नहीं होना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि यह विधेयक अंटार्कटिक संधि, पर्यावरण संरक्षण पर प्रोटोकॉल (मैड्रिड प्रोटोकॉल) के लिए अंटार्कटिक संधि और अंटार्कटिक समुद्री जीव संसाधनों के संरक्षण पर सम्मेलन के प्रति भारत के दायित्व के अनुरूप है।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि विधेयक सुस्थापित कानूनी तंत्रों के माध्यम से भारत की अंटार्कटिक गतिविधियों के लिए एक सामंजस्यपूर्ण नीति और नियामक ढांचा प्रदान करता है और यह भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम के कुशल और वैकल्पिक संचालन में भी सहायता प्रदान करेगा। यह विधेयक बढ़ते अंटार्कटिक पर्यटन और अंटार्कटिक जल में मत्स्य संसाधनों के सतत विकास के प्रबंधन में भारत की रुचि और सक्रिय भागीदारी को भी सुविधाजनक बनाएगा। यह अंतरराष्ट्रीय दृश्यता और ध्रुवीय क्षेत्र में भारत की विश्वसनीयता को बढ़ाने में भी सहायता करेगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय सहयोग और वैज्ञानिक एवं रसद क्षेत्रों में सहयोग मिल सकेगा।

डॉ जितेंद्र सिंह ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि अंटार्कटिका में भारतीय वैज्ञानिकों की निरंतर और बढ़ती उपस्थिति अंटार्कटिक अध्ययन के लिए समवर्ती प्रतिबद्धता और संवेदनशील अंटार्कटिक पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के साथ अंटार्कटिका पर घरेलू कानून को अपनाने के लिए अंटार्कटिक संधि प्रणाली के सदस्य के रूप में अपने दायित्वों के अनुरूप है। इस तरह के कानूनों को लागू करने से अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में किए गए किसी भी विवाद या अपराधों से निपटने के लिए भारत की अदालतों को अधिकार क्षेत्र प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस तरह का कानून नागरिकों को अंटार्कटिक संधि प्रणाली में प्रदत्त नीतियों के लिए बाध्य करेगा। यह विश्वसनीयता बनाने और विश्व स्तर पर देश की स्थिति को बढ़ाने में भी उपयोगी होगा।

इस विधेयक में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय अंटार्कटिक प्राधिकरण (आईएए) की स्थापना का भी प्रस्ताव है, जो सर्वोच्च निर्णय लेने वाला प्राधिकरण होगा और विधेयक के तहत अनुमत कार्यक्रमों और गतिविधियों के लिए सुविधा प्रदान करेगा। यह अंटार्कटिक अनुसंधान और अभियानों के प्रायोजन और पर्यवेक्षण के लिए एक स्थिर, पारदर्शी और जवाबदेह प्रक्रिया प्रदान करेगा; अंटार्कटिक पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण; और अंटार्कटिक कार्यक्रमों और गतिविधियों में लगे भारतीय नागरिकों द्वारा प्रासंगिक नियमों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहमत मानकों के अनुपालन को भी सुनिश्चित करेगा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव, आईएए के अध्यक्ष होंगे और आईएए में संबंधित भारतीय मंत्रालयों के आधिकारिक सदस्यों के साथ इसके निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाएगें। वर्तमान में भारत के अंटार्कटिका में मैत्री (1989 में कमीशन) और भारती (2012 में कमीशन) नामक दो परिचालन अनुसंधान केंद्र हैं। भारत ने अब तक अंटार्कटिका में 40 वार्षिक वैज्ञानिक अभियानों का सफलतापूर्वक शुभारंभ किया हैं। आर्कटिक के एनवाई-एलसंड, स्वालबार्ड में हिमाद्री स्टेशन के साथ, भारत अब उन राष्ट्रों के कुलीन समूह से शामिल है जिनके पास ध्रुवीय क्षेत्रों के भीतर कई शोध केंद्र हैं। 1 दिसंबर, 1959 को वाशिंगटन डी.सी. में अंटार्कटिक संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे और प्रारंभिक तौर पर इसमें 12 देशों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। तब से, 42 अन्य देश भी इस संधि में शामिल हो चुके हैं। इस संधि मे कुल चौवन देश हैं, इनमें से उनतीस देशों को अंटार्कटिक सलाहकार बैठकों में मतदान के अधिकार के साथ सलाहकार देशों का दर्जा प्राप्त है और पच्चीस देश गैर-परामर्शदाता दल हैं जिन्हें मतदान देने का अधिकार नहीं है। भारत ने 19 अगस्त, 1983 को अंटार्कटिक संधि पर हस्ताक्षर किए थे और 12 सितंबर, 1983 को सलाहकार का दर्जा भी प्राप्त किया। अंटार्कटिक समुद्री जीवन संसाधनों के संरक्षण पर सम्मेलन पर 20 मई, 1980 को कैनबरा में हस्ताक्षर किए गए थे। इसमें अन्य बातों के साथ, अंटार्कटिक पर्यावरण के संरक्षण और सुरक्षा के लिए विशेष रूप से, समुद्री जीव संसाधनों के संरक्षण और सुरक्षा करना शामिल है। भारत ने 17 जून, 1985 को सम्मेलन में अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की और वह इस संधि के तहत अंटार्कटिक समुद्री जीव संसाधनों के संरक्षण आयोग का सदस्य है। अंटार्कटिक संधि प्रणाली को मजबूती प्रदान करने, अंटार्कटिक पर्यावरण और आश्रित एवं संबद्ध पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा के लिए एक व्यापक शासन को विकसित करने के लिए 4 अक्टूबर, 1991 को पर्यावरण संरक्षण पर मैड्रिड में अंटार्कटिक संधि के लिए प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए थे। भारत ने पर्यावरण संरक्षण पर अंटार्कटिक संधि के लिए 14 जनवरी, 1998 को प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए। अंटार्कटिका दक्षिण अक्षांश के 60 डिग्री दक्षिण में स्थित एक प्राकृतिक रिजर्व है, और यह शांति और विज्ञान के लिए एक समर्पित स्थल है जिसे किसी भी अंतरराष्ट्रीय विवाद का परिदृश्य या मामला नहीं बनना चाहिए।

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धर्मेंद्र प्रधान ने भारतीय छात्रों को शीघ्रता से वीजा प्रदान करने के ऑस्ट्रेलिया के आश्वासन का स्वागत किया; उन्होंने भारतीय श्रमशक्ति को विश्वस्तरीय कौशल से लैस करने के लिए कौशल विकास के क्षेत्र में गहन सहयोग का आह्वान किया

केन्द्रीय शिक्षा तथा कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज ऑस्ट्रेलियाई शिक्षा मंत्री महामहिम श्री जेसन क्लेयर के साथ विचार-विमर्श किया।

श्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंत्री क्लेयर को लेबर पार्टी की नई सरकार के तहत अपना पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी। महामहिम क्लेयर ने ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों में नामांकित भारतीय छात्रों की वीजा संबंधी समस्याओं के त्वरित समाधान का आश्वासन दिया। श्री प्रधान ने इस प्रगतिशील कदम का हार्दिक स्वागत किया।

श्री प्रधान ने कौशल, उच्च शिक्षा एवं स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में गहन सहयोग और भारतीय श्रमशक्ति को विश्वस्तरीय कौशल, जिसके लिए ऑस्ट्रेलिया प्रसिद्ध है, से लैस करने के बारे में भी बात की जिससे दोनों देशों के बीच एक सकारात्मक तालमेल पैदा होगा।

श्री प्रधान ने महामहिम क्लेयर को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और विभिन्न तौर-तरीकों के माध्यम से शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण के विस्तारित दायरे के साथ-साथ गिफ्ट सिटी के संस्थानों के लिए अनुकूल वातावरण के बारे में जानकारी दी।

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को देश के सर्वोच्च पद पर चुने जाने के ऐतिहासिक क्षण पर आज नई दिल्ली में उनसे भेंट कर उन्हें शुभकामनाएं दीं

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति पद पर उनकी ऐतिहासिक जीत की बधाई दी। श्री अमित शाह ने श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को देश के सर्वोच्च पद पर चुने जाने के ऐतिहासिक क्षण पर आज नई दिल्ली में उनसे भेंट कर उन्हें शुभकामनाएं दीं।

अपने ट्वीट्स में श्री अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में उनकी प्रचंड विजय पर पूरा देश विशेषकर जनजातीय समाज उत्साह व हर्षोल्लास के साथ जश्न मना रहा है। एक अति सामान्य जनजातीय परिवार से आने वाली NDA प्रत्याशी श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी का भारत का राष्ट्रपति चुना जाना पूरे देश के लिए गौरव का पल है, उन्हें शुभकामनाएँ देता हूँ। यह विजय अन्त्योदय के संकल्प को चरितार्थ करने व जनजातीय समाज के सशक्तिकरण की दिशा में एक मील का पत्थर है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी जिन विषम परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए आज देश के इस सर्वोच्च पद पर पहुँची है वो हमारे लोकतंत्र की अपार शक्ति को दर्शाता है। इतने संघर्षों के बाद भी उन्होंने जिस नि:स्वार्थ भाव से खुद को देश व समाज की सेवा में समर्पित किया वो सभी के लिए प्रेरणादायी है। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने यह भी कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में NDA के सहयोगियों, अन्य राजनीतिक दलों व निर्दलीय जनप्रतिनिधियों का जनजातीय गौरव श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी के पक्ष में मतदान करने पर आभार व्यक्त करता हूँ। मुझे विश्वास है कि भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में मुर्मू जी का कार्यकाल देश को और गौरवान्वित करेगा।

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भारत और यूनाइटेड किंगडम ने उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) के बीच छात्रों की आवाजाही और शैक्षणिक सहयोग को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से शैक्षणिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता से संबंधित समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

शैक्षणिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता से संबंधित एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर आज यूनाइटेड किंगडम (यूके) के अंतरराष्ट्रीय व्यापार विभाग के स्थायी सचिव श्री जेम्स बॉलर और भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय में सचिव (उच्च शिक्षा) श्री के. संजय मूर्ति के बीच हस्ताक्षर किए गए।

मई 2021 में, भारत और ब्रिटेन के प्रधानमंत्रियों के बीच वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए 2030 तक का एक व्यापक रोडमैप अपनाया गया था। दोनों पक्ष एक नई संवर्धित व्यापारिक साझेदारी पर भी सहमत हुए थे। शिक्षा इस रोडमैप का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) के आलोक में, दोनों पक्ष शैक्षणिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता के बारे में सहमत होकर शैक्षिक संबंधों के विस्तार के लिए राजी हुए।

यह हमारे द्विपक्षीय शैक्षिक संबंधों में एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से दोनों देशों के बीच छात्रों की आवाजाही आसान होगी और मजबूत संस्थागत सहयोग विकसित करने में मदद मिलेगी। साथ ही, दोनों देशों के उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच शैक्षणिक एवं अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग का दायरा व्यापक होगा।

भारत सरकार शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण, जोकि एनईपी 2020 के तहत ध्यान दिए जाने वाले प्रमुख क्षेत्रों में से एक है, को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से दूसरे देशों के साथ अधिक से अधिक अंतरराष्ट्रीय सहयोग को अनुमति प्रदान करने के लिए कई कदम उठा रही है।

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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, इसरो लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमताओं के प्रदर्शन के माध्यम से अंतरिक्ष पर्यटन की दिशा में स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने की प्रक्रिया में है

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसरो लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता के प्रदर्शन द्वारा अंतरिक्ष पर्यटन की दिशा में स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने की प्रक्रिया में है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज राज्यसभा में एक सवाल का लिखित उत्तर देते हुए कहा कि भारतीय राष्‍ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (इन-स्‍पेस) अंतरिक्ष गतिविधियों को पूरा करने में निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देना चाहता है, जिसमें अंतरिक्ष पर्यटन भी शामिल है।

अंतरिक्ष क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अंतरिक्ष गतिविधियों के विभिन्न क्षेत्रों में 61 देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और संबंधों को आगे बढ़ाता है।

उल्लेखनीय है कि भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्‍पेस) की स्थापना अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत एक सिंगल विंडो एजेंसी के रूप में की गई है, जिसे अंतरिक्ष डोमेन में निजी क्षेत्र की गतिविधियों को बढ़ावा देने, समर्थन देने और प्राधिकृत करने के लिए बनाया गया है, जिसमें युवा उद्यमी और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में रुचि रखने वाले छात्र शामिल हैं।

इन-स्पेस, इसरो केंद्रों में उपलब्ध तकनीकी सुविधाओं और विशेषज्ञता को निजी संस्थाओं के साथ साझा करने में सक्षम तंत्र को लेकर आएगा।

एक संबंधित प्रश्न के जवाब में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) एक व्यापक, एकीकृत अंतरिक्ष नीति का मसौदा तैयार कर रहा है, जो निजी भारतीय अंतरिक्ष उद्योग की गतिविधियों को दिशा प्रदान करेगा।

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