भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 8 दिसंबर एस एन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज द्वारा अंतर महाविद्यालय छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय महिला हैंडबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया यह प्रतियोगिता सेठ मोतीलाल खेड़िया स्कूल में आयोजित की गई जिसमें कानपुर नगर से पांच महाविद्यालयों ने ट्रायल में प्रतिभा किया। इस अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिता में टीमों की संख्या की प्रतिभागिता कम होने के कारण ट्रायल करवाया गया जिसमें 21 खिलाड़ियों का चयन किया गया। रेफरी श्री अनुज , श्री हरप्रीत , एवंअनुराग को कानपुर हैंडबॉल एसोसिएशन से आमंत्रित किया गया था।ट्रायल में कुल 35 खिलाड़ियों ने प्रतिभा किया जिसमें से 21 खिलाड़ियों को चयनित किया गया यह सभी चयनित खिलाड़ी एक हफ्ते के कैंप के बाद छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय की हैंडबॉल महिला टीम बनाकर नॉर्थ जोन अंतर विश्वविद्यालय ही प्रतियोगिता में प्रतिभा करेंगे प्राचार्य प्रोफेसर सुमन ने सभी चयनित खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी और प्रोफेसर प्रीति पांडेय जो इस कार्यक्रम की आयोजन सचिव थी उनको सफल ट्रायल हेतु बधाई दी एवं टीम को आगे और मेहनत कर कानपुर विश्वविद्यालय टीम को को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
चयनित खिलाड़ियों के नाम निम्न वत हैं– आरती देवी, दिव्यांशी सिंह ,अनामिका कुमारी ,आरोही द्विवेदी ,दीक्षा कुमारी ,दिव्या सिंह, अंकित यादव, आराध्या यादव ,प्रीति सिंह , नित्या ,मुस्कान गौतम ,अंजलि छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय से निशा विश्वकर्मा, रागिनी गिरी ,नैंसी वर्मा ,निशा, दीपिका कुमारी ए एन डी कॉलेज कानपुर से, स्वाति , प्रिया एस एन सेन बालिका विद्यालय, पीजी कॉलेज से , दीशिका सिंह VSSD कॉलेज कानपुर , जहान्वी DAV कॉलेज कानपुर इस प्रकार कुल 21 खिलाड़ियों का चयन किया गया। इन सभी खिलाड़ियों का छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय की तरफ से नॉर्थ जोन महिला हैंडबॉल अंतर विश्वविद्यालय प्रतियोगिता में प्रतिभा करने वाली छात्रों के लिए चयन किया जाएगा इन सभी खिलाड़ियों के लिए एक हफ्ते का कैंप लगेगा उपरांत टीम हेतु 16 खिलाड़ियों का चयन करके विश्वविद्यालय को प्रतिनिधित्व करते हुए टीम का चयन किया जाएगा पूरे कार्यक्रम का आयोजन प्रोफेसर प्रीति पांडेय विभागध्यक्ष शारीरिक शिक्षाविभाग सेन कॉलेज के द्वारा किया गया प्राचार्य प्रोफेसर सुमन एवं शिक्षिकाओं ने आयोजन सचिव को सफल कार्यक्रम के लिए बधाई दी। हैंडबॉल प्रतियोगिता का आयोजन सेठ मोतीलाल खेड़िया स्कूल में कराया गया जहां की प्राचार्य एवं खेल शिक्षक श्री शंकर जी ने पूर्ण सहयोग के साथ कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दिया ।आयोजन सचिव ने सेन प्राचार्य प्रोफेसर सुमन एवं सेठ मोतीलालविद्यालय के प्राचार्य एवं सहयोगियों को धन्यवाद प्रेषित किया।
कृष्णवेणी संगीत नीराजनम संगीत समारोह के दूसरे संस्करण का विजयवाड़ा में उद्घाटन हुआ
तीन दिवसीय महोत्सव विजयवाड़ा के तीन प्रतिष्ठित स्थानों पर आयोजित किया जा रहा है, जिसमें 140 से अधिक प्रतिभाशाली कलाकार भाग लेंगे और 35 मंत्रमुग्ध कर देने वाले कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे, जो कर्नाटक संगीत की समृद्ध विरासत का जश्न मनाएंगे।
अपने मुख्य भाषण के दौरान, श्री सुरेश गोपी ने इस उत्सव को तेलुगु परंपराओं की समृद्ध सांस्कृतिक और संगीत विरासत का सम्मान करने के एक मंच के रूप में मनाया। उन्होंने त्यागराज, अन्नामाचार्य और रामदास जैसे महान संगीतकारों के योगदान पर प्रकाश डाला, जिनकी रचनाएँ वैश्विक स्तर पर गूंजती रहती हैं। मंत्री ने इस उत्सव की प्रशंसा “संगीत पर्यटन” के लिए एक अग्रणी मॉडल के रूप में की, जिसमें सांस्कृतिक संरक्षण को पर्यटन संवर्धन के साथ एकीकृत किया गया है। उन्होंने आंध्र प्रदेश में आध्यात्मिक और विरासत स्थलों पर आयोजित प्रीक्वल कार्यक्रमों की सराहना की, जिसने कर्नाटक संगीत को स्थानीय समुदायों और छोटे शहरों के करीब ला दिया है।
श्री सुरेश गोपी ने कर्नाटक संगीत की प्रामाणिकता को बनाए रखने में गुरु-शिष्य परंपरा के महत्व पर जोर दिया और शास्त्रीय संगीत में उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए अन्य दक्षिणी राज्यों, विशेष रूप से केरल में भी इसी तरह के उत्सवों का विस्तार करने की कल्पना की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारतीय विरासत को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के दृष्टिकोण का हवाला देते हुए सांस्कृतिक संरक्षण के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने इस उत्सव की अवधारणा बनाने, संस्कृति और पर्यटन को शास्त्रीय कलाओं के उत्सव के लिए एक स्थायी मंच में मिलाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को भी श्रेय दिया।
पर्यटन, संस्कृति और छायांकन मंत्री श्री कंडुला दुर्गेश ने आंध्र प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने में महोत्सव की भूमिका की सराहना की। उन्होंने इसे संगीत पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक शानदार मंच बताया, जिसमें कर्नाटक संगीत, पारंपरिक शिल्प और क्षेत्र की कलात्मक विरासत को उजागर किया गया। मंत्री ने त्यागराज और अन्नामाचार्य जैसे महान संगीतकारों की विरासत को संरक्षित करने और पिनाकिनी और द्वारम वेंकटस्वामी जैसे कलात्मक दिग्गजों को सम्मानित करने की योजना की घोषणा की। उन्होंने आश्वासन दिया कि कलाकारों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए कदम उठाए जाएंगे और आंध्र प्रदेश में नृत्य अकादमी के लिए अध्यक्ष नियुक्त करने की योजना का खुलासा किया।
कृष्णवेणी संगीत नीराजनम महोत्सव संगीत से आगे बढ़कर आंध्र प्रदेश की समृद्ध विरासत के विभिन्न पहलुओं को एकीकृत करके एक समग्र सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करता है। इस महोत्सव का एक मुख्य आकर्षण आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के जीआई-टैग किए गए हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों का प्रदर्शन है, जिसे कपड़ा मंत्रालय के हस्तशिल्प और हथकरघा विकास आयुक्त द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। यह पहल क्षेत्र की कारीगर विरासत का जश्न मनाती है, जिससे आगंतुकों को राज्य की सांस्कृतिक पहचान को परिभाषित करने वाले शिल्प कौशल की सराहना करने का अवसर मिलता है।
इस उत्सव में एक अनूठा आयाम जोड़ते हुए, तिरुपति स्थित भारतीय पाककला संस्थान (आईसीआई) ने आंध्र प्रदेश की पाककला परंपराओं को उजागर करके महत्वपूर्ण योगदान दिया है। एक समर्पित खाद्य स्टाल के माध्यम से, आईसीआई के छात्र और संकाय प्रामाणिक क्षेत्रीय व्यंजन परोस रहे हैं, जिससे उत्सव में आने वाले लोगों को राज्य की पाक विरासत का स्वाद मिल रहा है। यह पहल न केवल इस आयोजन की सांस्कृतिक कथा को समृद्ध करती है, बल्कि व्यंजनों और सांस्कृतिक पहचान के बीच गहरे संबंध को भी रेखांकित करती है, जो संगीत पर्यटन को बढ़ावा देने के उत्सव के लोकाचार के साथ पूरी तरह से मेल खाती है।
संगीत, शिल्प और व्यंजनों को एक साथ पिरोकर कृष्णवेणी संगीत नीराजनम महोत्सव आंध्र प्रदेश की मूर्त और अमूर्त विरासत का जीवंत चित्रण करता है, जो पर्यटन मंत्रालय के अभिनव दृष्टिकोण को दर्शाता है। तीन दिनों तक चलने वाला कृष्णवेणी संगीत नीराजनम महोत्सव कर्नाटक संगीत की दिव्य धुनों के माध्यम से आंध्र प्रदेश की सांस्कृतिक समृद्धि का उत्सव मनाता है, समुदायों को जोड़ता है और तेलुगु भाषी क्षेत्र के आध्यात्मिक और कलात्मक सार को प्रदर्शित करता है।
विकसित भारत क्विज मेगा इवेंट आयोजित
भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 5 दिसम्बर दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज, कानपुर की एनएसएस इकाई द्वारा कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संगीता सिरोही के कुशल मार्गदर्शन में कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए विकसित भारत क्विज में भाग लेने के लिए एक मेगा इवेंट का आयोजन किया गया। यह क्विज युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा माय भारत पोर्टल के माध्यम से 25 नवंबर से 5 दिसंबर तक किया गया। इसमें विजेता छात्राओं को सेकंड राउंड में जाने का मौका मिलेगा। जो सेकंड राउंड में विजेता होंगे उन्हें जनवरी 2025 में नई दिल्ली में आयोजित होने वाले नेशनल यूथ फेस्टिवल में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से सीधे बात करने एवम् संपूर्ण देश के सम्मुख अपने विचार रखने का मौका मिलेगा। क्विज में आर्थिक विकास, बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी और स्थिरता जैसे विषयों को शामिल करते हुए विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में भारत की प्रगति को समझने की चुनौती दी गई। 5G के लॉन्च से लेकर महत्वपूर्ण नीतिगत बदलावों तक, यह वैश्विक नेता के रूप में भारत के उदय पर एक व्यापक नज़र डालता है। कॉलेज की 500 से अधिक छात्राओं ने उत्साहपूर्वक इस क्विज मे प्रतिभाग किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त वॉलिंटियर्स तथा प्राध्यापिकाओं का सहयोग सराहनीय रहा।
नए आपराधिक कानूनों में भीड़ द्वारा हत्या और छीना-झपटी से संबंधित प्रावधान
बीएनएस की धारा 304 में प्रावधान है कि इस तरह की चोरी छीना–झपटी कहलाती है, जब अपराधी चोरी करने के लिए अचानक या तेजी से या बलपूर्वक किसी व्यक्ति या उसके कब्जे से कोई चल संपत्ति जब्त कर लेता है या हासिल कर लेता है या झपट लेता है या छीन लेता है। धारा में यह भी प्रावधान है कि जो कोई भी व्यक्ति छीना–झपटी करेगा, उसे तीन वर्ष तक की कैद की सजा दी जाएगी और जुर्माना भी देना होगा।
यह जानकारी गृह राज्य मंत्री श्री बंदी संजय कुमार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
पिछले दो वर्षों के दौरान 1,68,964 शिकायतों का समाधान किया गया : केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह
सीपीग्राम्स (सीपीजीआरएएमएस) का उपयोग करने वाले नागरिकों की पहुंच: सरकार ने दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों की पहुंच बढ़ाने के लिए कई उपाय किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप देश भर के 795 जिलों से औसत 70,000 मासिक नागरिक पंजीकरण के साथ 28 लाख से अधिक नागरिक सीपीग्राम पोर्टल पर पंजीकृत हुए हैं। सरकार ने 5.6 लाख गांवों में सीएससी के ग्राम स्तरीय उद्यमियों (वीएलई) के नेटवर्क का लाभ उठाने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के साथ भागीदारी की है।
2023 और 2024 में कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से 4.68 लाख शिकायतें दर्ज की गई हैं। सरकार ने सीपीजीआरएएमएस के बारे में जागरूकता और उपयोगिता बढ़ाने के लिए सीपीजीआरएएमएस के 10 चरणों वाले सुधार को अपनाया है। इन सुधारों में सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर क्षेत्रीय भाषा की सुविधा, फीडबैक कॉल सेंटर के माध्यम से नागरिक जुड़ाव, नागरिक पंजीकरण में सरलीकरण, सीएससी के साथ सहयोग और सीपीजीआरएएमएस मोबाइल एप्लिकेशन का शुभारंभ शामिल है। सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) जैसी ग्रामीण/किसान केंद्रित योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए वीएलई के लिए कई जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए हैं। ग्रामीण आबादी के बीच सीपीजीआरएएमएस के बारे में जागरूकता और इसकी पहुंच बढ़ाने के लिए हर महीने की 20 तारीख को सीएससी-सीपीजीआरएएमएस दिवस के रूप में मनाया जाता है।
शिकायतों का समाधान और सीपीईएनजीआरएएमएस: केंद्रीकृत पेंशन शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीईएनजीआरएएमएस) ने बैकलॉग को कम कर दिया है और आज की तारीख में कोई भी मामला 2 साल से अधिक समय से लंबित नहीं है। पिछले दो वर्षों (01.11.2022 से 31.10.2024 तक) के दौरान 1,68,964 शिकायतों का समाधान किया गया है।
पारिवारिक पेंशनभोगियों और अति वरिष्ठ पेंशनभोगियों की शिकायतों के निवारण के लिए, पारिवारिक पेंशन और अतिरिक्त पेंशन शुरू होने में देरी सहित ऐसी शिकायतों का विशिष्ट वर्गीकरण किया गया है, ताकि बेहतर निगरानी की जा सके। इसके अलावा, नियमित अनुस्मारक जारी किए जाते हैं और ऐसे मामलों के लिए मासिक अंतर-मंत्रालयी समीक्षा बैठकें (आईएमआरएम) आयोजित की जाती हैं। साथ ही, 100 दिवसीय कार्य योजना के तहत, पारिवारिक पेंशन शिकायतों के निवारण के लिए जुलाई, 2024 में एक महीने का विशेष अभियान शुरू किया गया, जिसमें 94% निवारण हासिल किया गया।
पेंशन शिकायतों का निवारण एक लगातार जारी रहने वाली प्रक्रिया है। नीति के अनुसार, सभी पेंशन शिकायतों का निवारण मौजूदा नियमों के अनुसार संबंधित मंत्रालयों/विभागों द्वारा विकेंद्रीकृत और समयबद्ध तरीके से किया जाता है और यदि समय सीमा के भीतर अंतिम निवारण नहीं किया जाता है, तो देरी के कारण के साथ एक अंतरिम उत्तर प्रदान किया जाना चाहिए।
विभाग ने समय-समय पर निर्देश जारी किए हैं, जिनमें शिकायतों के अंतिम एवं निर्णायक निवारण को 30 दिनों के बजाय 21 दिनों के भीतर करने पर जोर दिया गया है। निवारण की गुणवत्ता की निगरानी फीडबैक सेंटर के माध्यम से की जाती है और ‘खराब’ श्रेणी के मामलों में अपील दायर की जाती है। इन पहलों से निवारण में लगने वाले समय और निवारण की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिली है।
शिकायतों को स्वतः आगे भेजने और ऑटो लेटर संचलन को कवर करने वाली तकनीकी प्रगति ऐसी पहल हैं, जो निवारण में लगने वाले समय को और कम कर देंगी तथा निवारण की गुणवत्ता को बढ़ा देंगी।
पिछले पांच वर्षों के दौरान सीपीजीआरएएमएस पोर्टल www.pgportal.gov.in पर प्राप्त और निपटाई गई कुल शिकायतों की संख्या अनुलग्नक 1 में संलग्न है। इस अवधि के दौरान पीजी पोर्टल पर प्राप्त राज्यवार शिकायतों का विवरण अनुलग्नक II में संलग्न है। 2020-2024 तक कुल 1,12,30,957 शिकायतों का निवारण किया गया और जनवरी-अक्टूबर, 2024 तक सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर अब तक की सबसे अधिक 23,24,323 शिकायतों का निवारण किया गया है। सरकार ने शिकायत निवारण को समय पर, सार्थक और सुलभ बनाने के लिए सीपीजीआरएएमएस के 10 चरणीय सुधारों को अपनाया है और सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर 103,183 शिकायत अधिकारियों का उल्लेख किया है। इससे 31 अक्टूबर 2024 तक भारत सरकार में लंबित लोक शिकायतों को 54,339 के निम्नतम स्तर पर लाने में मदद मिली। निवारण की औसत समयसीमा 2019 में 28 दिनों से घटकर 2024 में 13 दिन रह गई है। सरकार ने 23 अगस्त 2024 को लोक शिकायतों के प्रभावी निवारण के लिए व्यापक दिशानिर्देश जारी किए। इन दिशानिर्देशों में विभिन्न लोक शिकायत मंचों को एकीकृत करना, मंत्रालयों/विभागों में समर्पित शिकायत प्रकोष्ठों का निर्माण करना, अनुभवी और सक्षम नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करना, शिकायतों के मूल कारण का विश्लेषण और फीडबैक पर कार्रवाई करने पर जोर देना, अपीलीय प्राधिकारियों की नियुक्ति करके प्रक्रियाओं को मजबूत करना, शिकायत समाधान के लिए दिशा-निर्देश जारी करना तथा समाधान समय की ऊपरी सीमा को 30 दिन से घटाकर 21 दिन करना शामिल है।
स्वच्छता को संस्थागत बनाने और सरकारी कार्यालयों में लंबित मामलों को कम करने के लिए 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक सरकार द्वारा चलाए गए विशेष अभियान के प्रमुख क्षेत्रों में से एक लोक शिकायतों का निवारण भी है। विशेष अभियान 2024 के दौरान लगभग 5.55 लाख लोक शिकायतों और अपीलों का निपटारा किया गया है।
विभिन्न मंत्रालयों/विभागों में रिक्त पदों का होना और उनका भरा जाना एक सतत प्रक्रिया है। रिक्तियों का विवरण संबंधित मंत्रालयों/विभागों/राज्य सरकारों द्वारा रखा जाता है। केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों को समय-समय पर रिक्त पदों को समयबद्ध तरीके से भरने का निर्देश दिया गया है। 22 अक्टूबर, 2022 को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए रोजगार मेलों में केंद्र सरकार के रिक्त पदों को मिशन मोड में भरा गया है। विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 40-45 शहरों में केंद्रीय स्तर पर 13 रोजगार मेले आयोजित किए गए हैं।
अनुलग्नक-1
वर्ष |
आगे लाया गया | अवधि के दौरान प्राप्त | कुल प्राप्त | वर्ष में कुल निस्तारित |
2020 | 1071603 | 2271270 | 3342873 | 2319569 |
2021 | 1023304 | 2000590 | 3023894 | 2135923 |
2022 | 887971 | 1918238 | 2806209 | 2143468 |
2023 | 662741 | 1953057 | 2615798 | 2307674 |
2024 (1 जनवरी-31 अक्टूबर, 2024) |
308124 |
2298208 |
2606332 |
2324323 |
कुल | 10441363 | 14395106 | 11230957 |
अनुलग्नक-II
राज्य | आगे लाया गया | अवधि के दौरान प्राप्त | कुल प्राप्त | कुल निस्तारित* |
अंडमान एवं निकोबार सरकार | 85 | 5510 | 5595 | 5565 |
आंध्र प्रदेश सरकार | 29985 | 36944 | 66929 | 63322 |
अरुणाचल प्रदेश सरकार | 548 | 2354 | 2902 | 2686 |
असम सरकार | 28072 | 124513 | 152585 | 146742 |
बिहार सरकार | 60836 | 161395 | 222231 | 214078 |
छत्तीसगढ़ सरकार | 5492 | 43343 | 48835 | 46860 |
गोवा सरकार | 1712 | 7333 | 9045 | 8195 |
गुजरात सरकार | 9024 | 259661 | 268685 | 261927 |
हरियाणा सरकार | 45802 | 152271 | 198073 | 186511 |
हिमाचल प्रदेश सरकार | 19520 | 20254 | 39774 | 34174 |
जम्मू कश्मीर सरकार | 14759 | 34251 | 49010 | 42806 |
झारखंड सरकार | 28379 | 86485 | 114864 | 105266 |
कर्नाटक सरकार | 42179 | 94391 | 136570 | 127779 |
केरल सरकार | 27008 | 47563 | 74571 | 69465 |
मध्य प्रदेश सरकार | 99601 | 177726 | 277327 | 272846 |
महाराष्ट्र सरकार | 119868 | 207274 | 327142 | 306027 |
मणिपुर सरकार | 1662 | 6441 | 8103 | 5930 |
मेघालय सरकार | 1545 | 2777 | 4322 | 3812 |
मिजोरम सरकार | 515 | 1642 | 2157 | 1486 |
नागालैंड सरकार | 280 | 2018 | 2298 | 1045 |
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार | 14514 | 143509 | 158023 | 152370 |
ओडिशा सरकार | 29692 | 65340 | 95032 | 76966 |
पुडुचेरी सरकार | 628 | 8243 | 8871 | 8778 |
पंजाब सरकार | 16701 | 100015 | 116716 | 113604 |
राजस्थान सरकार | 108046 | 144061 | 252107 | 249814 |
सिक्किम सरकार | 766 | 1240 | 2006 | 1984 |
तमिलनाडु सरकार | 23673 | 107019 | 130692 | 123236 |
तेलंगाना सरकार | 5781 | 37340 | 43121 | 42837 |
त्रिपुरा सरकार | 551 | 7416 | 7967 | 7702 |
चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश सरकार |
320 |
19887 |
20207 |
19988 |
दादर नगर हवेली केंद्र शासित प्रदेश सरकार |
52 |
1763 |
1815 |
1696 |
दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश सरकार |
37 |
1848 |
1885 |
1670 |
लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश सरकार |
6 |
1036 |
1042 |
980 |
लक्षद्वीप केंद्र शासित प्रदेश सरकार |
2 |
1053 |
1055 |
1030 |
उत्तर प्रदेश सरकार | 115976 | 1126776 | 1242752 | 1230604 |
उत्तराखंड सरकार | 41131 | 68729 | 109860 | 106962 |
पश्चिम बंगाल सरकार | 46969 | 74043 | 121012 | 83392 |
कुल | 941717 | 3383464 | 4325181 | 4130135 |
* इस अवधि के दौरान निपटाई गई शेष 71,00,822 शिकायतें भारत सरकार से संबंधित हैं
शी-बॉक्स पोर्टल, एक ऑनलाइन प्रणाली है जिसे ‘कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न अधिनियम, 2013’ (एसएच अधिनियम) के विभिन्न प्रावधानों के बेहतर कार्यान्वयन में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने हाल ही में शी-बॉक्स पोर्टल लॉन्च किया है, जो एक ऑनलाइन सिस्टम है जिसे ‘कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013’ (SH अधिनियम) के विभिन्न प्रावधानों के बेहतर कार्यान्वयन में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह अधिनियम संबंधित सरकार को इसके कार्यान्वयन की निगरानी करने और दर्ज किए गए और निपटाए गए मामलों की संख्या पर डेटा बनाए रखने का अधिकार देता है।
शी-बॉक्स पोर्टल मंत्रालय की एक पहल है, जिसका उद्देश्य देश भर में विभिन्न कार्यस्थलों पर गठित आंतरिक समितियों (आईसी) और स्थानीय समितियों (एलसी) से संबंधित सूचनाओं का सार्वजनिक रूप से उपलब्ध केंद्रीकृत संग्रह उपलब्ध कराना है, चाहे वे सरकारी हों या निजी क्षेत्र के और साथ ही एक संपूर्ण एकीकृत शिकायत निगरानी प्रणाली भी। इसमें प्रत्येक कार्यस्थल के लिए एक नोडल अधिकारी को नामित करने का प्रावधान है, जिसे शिकायतों की वास्तविक समय निगरानी के लिए नियमित आधार पर डेटा/जानकारी का अद्यतन सुनिश्चित करना होता है।
पोर्टल पर शिकायत एक पीड़ित महिला या शिकायतकर्ता की ओर से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दर्ज की जा सकती है। यदि शिकायत दर्ज करने वाला व्यक्ति स्वयं पीड़ित महिला है, तो उसे अपने मूल विवरण जैसे कि उसकी कार्य स्थिति, नाम, फोन नंबर और ईमेल दर्ज करके पोर्टल पर लॉग इन करना होगा। यदि शिकायत दर्ज करने वाला व्यक्ति कोई अन्य व्यक्ति है, तो उसे अपना नाम, शिकायतकर्ता के साथ संबंध और शिकायतकर्ता की ओर से अंडरटेकिंग के साथ-साथ पीड़ित महिला/शिकायतकर्ता की कार्य स्थिति, नाम, फोन नंबर और ईमेल दर्ज करके पोर्टल पर लॉग इन करना होगा। अपने रोजगार की स्थिति के आधार पर शिकायत दर्ज करने वाले व्यक्ति को उस कार्यस्थल के आईसी/एलसी का चयन करना होगा जहां वे शिकायत दर्ज करना चाहते हैं। यदि पीड़ित महिला का आईसी या एलसी पोर्टल पर पंजीकृत है, तो शिकायत स्वचालित रूप से जमा हो जाएगी और संबंधित आईसी/एलसी को भेज दी जाएगी। यदि किसी कार्यस्थल का आईसी पोर्टल पर पंजीकृत नहीं है, तो पोर्टल पर शिकायतकर्ता से उस कार्यस्थल का विवरण प्राप्त करने तथा उस आईसी का शीघ्र पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र और जिले के राज्य नोडल अधिकारी और जिला नोडल अधिकारी को सूचित करने के लिए एक ऑनलाइन प्रक्रिया उपलब्ध कराई गई है।
शी-बॉक्स पोर्टल में केंद्र/राज्य/संघ राज्य स्तर और जिला स्तर पर नोडल अधिकारियों के लिए निगरानी डैशबोर्ड है, जिससे उन मामलों की संख्या जो निर्धारित समयसीमा से परे हैं, निपटाए गए और लंबित मामलों की संख्या देखी जा सकती है। शिकायतकर्ता के लिए भी अपनी शिकायत की स्थिति को ट्रैक करने के लिए इसी तरह की सुविधा बनाई गई है। इसके अलावा, पोर्टल में किसी विशेष मंत्रालय/विभाग/राज्य/संघ राज्य क्षेत्र/निजी क्षेत्र/जिले के आईसी/एलसी के संबंध में रिपोर्ट तैयार करने की सुविधा है, ताकि पर्यवेक्षी अधिकारियों द्वारा बेहतर निगरानी और निर्धारित समय-सीमा का पालन किया जा सके।
शी-बॉक्स पोर्टल पर दर्ज की गई कोई भी शिकायत सीधे संबंधित कार्यस्थल के आईसी या जिले के एलसी के पास पहुंचती है, जैसा भी मामला हो। पोर्टल को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह गोपनीयता बनाए रखने के लिए शिकायतकर्ता के विवरण को छुपाता है। आईसी/एलसी के अध्यक्ष के अलावा कोई भी अन्य व्यक्ति दर्ज की गई शिकायत का विवरण या प्रकृति नहीं देख सकता है।
शी-बॉक्स पोर्टल का निर्माण ‘कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध एवं निवारण) अधिनियम, 2013’ के प्रावधानों के अनुसार किया गया है। अधिनियम के तहत जांच के लिए 90 दिन का समय निर्धारित है।
यह जानकारी आज महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी।
वैज्ञानिकों ने अगली पीढ़ी के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए आशाजनक सामग्रियों की पहचान की
बेहतर इलेक्ट्रॉनिक गुणों के साथ ऊर्जा कुशल सामग्री की बढ़ती मांग के कारण स्पिनट्रॉनिक्स और बहुक्रियाशील इलेक्ट्रॉनिक्स में उन्नत सामग्रियों की बढ़ती आवश्यकता महसूस की गई है। 2डी सामग्री वर्तमान समय में अपने असाधारण इलेक्ट्रॉनिक, ऑप्टिकल और यांत्रिक गुणों के कारण बहुत महत्वपूर्ण हो गई हैं, जो लचीले इलेक्ट्रॉनिक्स, ऊर्जा भंडारण और नैनो प्रौद्योगिकी में प्रगति को सक्षम बनाती हैं। उनका परमाणु दुबलापन अत्यधिक कुशल और एवं उपकरणों को सक्षम बनाता है। इसके अलावा, उनके अद्वितीय गुण, जैसे उच्च चालकता और ट्यूनेबल बैंडगैप, स्पिनट्रॉनिक्स और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में नवाचार कर रहे हैं।
द्वि-आयामी (2 डी) सामग्री की जानूस संरचना (एक सामग्री या प्रणाली जिसमें विपरीत गुणों वाले दो अलग-अलग पक्ष) हाल के शोध में एक महत्वपूर्ण फोकस बने हैं, विशेष रूप से जानूस मोसे (द्वि-आयामी (2 डी) सामग्री के सफल संश्लेषण के बाद मोलिब्डेनम डाइसल्फ़ाइड-MoS₂), मोनोलेयर से प्राप्त सामग्री। ऊर्ध्वाधर विषमता गुणों वाली यह संरचना, आंतरिक विद्युत क्षेत्रों के ट्यूनिंग और पीजोइलेक्ट्रिक गुणों को शामिल करने की अनुमति प्रदान करती है। सामग्री संश्लेषण में हाल की प्रगति, गैर-सेंट्रोसिमेट्रिक संरचनाओं के अद्वितीय गुणों और स्पिनट्रॉनिक्स में नवीन अनुप्रयोगों के लिए दबाव ने जानूस एसबी2एक्सएसएक्स मोनोलयर की खोज करने के लिए प्रेरित किया।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान, नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएनएसटी), मोहाली के वैज्ञानिकों ने जानूस एसबी2एक्सएसएक्स के संरचनात्मक, पीजोइलेक्ट्रिक, इलेक्ट्रॉनिक और स्पिनट्रॉनिक्स गुणों की जांच की है। उनके अध्ययन से पता चला कि पांच गुणे परमाणु परत वाले मोनोलेयर एक संरचनात्मक, गतिशील, थर्मल और यांत्रिक स्थिरता वाले एक आधारहीन स्थिर 2डी क्रिस्टल बनाते हैं और पीजोइलेक्ट्रिक गुणों का प्रदर्शन करते हैं। जानूस संरचना की विशिष्ट ऊर्ध्वाधर विषमता दिलचस्प इलेक्ट्रॉनिक गुणों को दर्शाती है, जिसमें रश्बा स्पिन-स्प्लिटिंग और स्पिन हॉल प्रभाव नामक गुण शामिल हैं और अगली पीढ़ी के स्पिनट्रॉनिक्स उपकरणों के लिए आशाजनक सामग्री के लिए क्षमता प्रदर्शित करते हैं।
हाल ही में जर्नल ऑफ एप्लाइड फिजिक्स में प्रकाशित अपने काम के बारे में, उन्होंने जानूस एसबी2एक्सएसएक्स के मोनोलेयर के अद्वितीय गुणों का पता लगाने के लिए कम्प्यूटेशनल भौतिकी के साथ उन्नत सामग्री विज्ञान को जोड़ा, जिससे स्पिनट्रॉनिक्स और बहुक्रियाशील इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में भविष्य की प्रौद्योगिकियों का मार्ग प्रशस्त हुआ।
पीजोइलेक्ट्रिकिटी, स्पिनट्रॉनिक्स और स्थिरता के संयुक्त गुणों के साथ, ये सामग्रियां बहुक्रियाशील उपकरणों के लिए मार्ग प्रशस्त करती हैं जो विभिन्न कार्यात्मकताओं (संवेदन, डेटा प्रोसेसिंग, ऊर्जा संचयन) को एक जगह पर एकीकृत करती हैं। यह उपकरण डिज़ाइन को सुव्यवस्थित कर सकता है और आवश्यक घटकों की संख्या में कमी ला सकता है, अंततः उपभोक्ता ज्यादा कॉम्पैक्ट एवं कुशल उत्पाद प्राप्त कर लाभान्वित हो सकते हैं। यह अनुसंधान भौतिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है, जो अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान कर सकता है, दैनिक जीवन को आसान बना सकता है और सतत तकनीकी विकास को बढ़ावा दे सकता है।
महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना के अंतर्गत 31 अक्टूबर, 2024 तक 43,30,121 खाते खोले गए
यह बात केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कही।
सरकार ने इस योजना को आकर्षक ब्याज दर पर देश की महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा देने और निर्धारित वित्तीय समावेशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए शुरू किया था। इस महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना के अंतर्गत खाता किसी महिला द्वारा स्वयं के लिए या किसी नाबालिग लड़की की ओर से अभिभावक द्वारा 31 मार्च, 2025 तक या उससे पहले खोला जा सकता है।
योजनाओं की कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- यह खाता न्यूनतम जमा राशि ₹1000/- तथा अधिकतम जमा राशि ₹2 लाख के साथ दो वर्ष की अवधि के लिए खोला जा सकता है।
- महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना के लिए ब्याज दर 7.5 प्रतिशत प्रति वर्ष है जो तिमाही आधार पर संयोजित होकर खाते में जमा कर दी जाती है।
- इस योजना के अंतर्गत अनुकंपा के आधार पर आंशिक निकासी और समयपूर्व बंद करने की सुविधा भी उपलब्ध है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मीडिया को ग्रामीण विकास मंत्रालय की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी
केंद्रीय ग्रामीण विकास व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मीडिया को ग्रामीण विकास मंत्रालय की उपलब्धियों के बारे में बताया।उन्होंने कहा कि आधी आबादी को पूरा न्याय देना, महिला सशक्तिकरण हमारा सबसे प्राथमिक लक्ष्य है। श्री चौहान ने बताया कि इस साल मंत्रालय का बजट 1 लाख 84 हजार करोड़ था उसमें से 1 लाख 3 हजार करोड़ रूपये खर्च कर चुके हैं। प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने, ग्रामीण जनता को रोज़गार से जोड़ने और सुविधायें देने के लिए हम दिनरात काम कर रहे हैं। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए श्री चौहान ने कहा कि किसी भी राज्य में मनरेगा व पीएम आवास योजना में कमियां मिलेंगी तो हम कार्रवाई करेंगे, कार्रवाई के लिए हम प्रतिबद्व हैं। मनरेगा जैसी योजनायें मांग आधारित योजनायें हैं। उसके लिए बजट कम पड़ने पर वित्त मंत्रालय से राज्यों की मांग के आधार पर फिर से पैसा मांगते हैं और वह लगातार रिवाइज़ होता रहता है।
शिवराज सिंह चौहान द्वारा बताई गई मंत्रालय की उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:
- प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण
- श्री शिवराज सिंह चौहान कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंर्तगत मार्च 2024 तक 2.95 करोड़ आवासों के निर्माण का लक्ष्य था, जिसमें से लगभग सभी घर स्वीकृत किए जा चुके हैं 2.67 करोड़ घर पूर्ण हो चुके हैं।
- इस कार्यक्रम की सफलता और ग्रामीण घरों की आवश्यकता को महसूस करते हुए आवास योजना का विस्तार किया गया है और आने वाले अगले 5 वर्षों में 2 करोड़ अतिरिक्त आवासों का निर्माण किया जाएगा.
- ये 2 करोड़ नए घर अगले पांच साल में 3.06 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से बनाए जाएंगे। कोई भी पात्र परिवार इस योजना के लाभ से वंचित न रहे इसलिए वर्तमान में 13 एक्सक्लूशन क्राइटेरिया को संशोधित कर 10 कर दिया गया है जिससे कोई भी आवास विहीन परिवार छूटने न पाये। एक्सक्लूशन क्राइटेरिया जैसे मशीनीकृत मछली पकड़ने वाली नाव, रेफ्रीजिरेटर, लैंडलाइन फ़ोन को हटा दिया गया है। इसके अलावा एक्सक्लूशन क्राइटेरिया में परिवार के किसी सदस्य की मासिक आय 10,000 से बढाकर रुपये 15,000 कर दी गयी है। मेरी सरकार ने आपके विचारों एवं सभी सहभागियों से परामर्श करके निर्णय लिया कि ग़ैर ज़रूरी शर्तों को हटाया जाये जिससे सभी के लिये आवास के उद्देश्य को सच मायने में साकार किया जा सके। पुरानी एवं नई एक्सक्लूशन क्राइटेरिया संलग्न है।
- श्री चौहान ने कहा कि आप इस बात से भी अवगत हैं कि ग्रामीण भारत के उत्थान की दिशा में हमारा लक्ष्य केवल आवास देना ही नहीं बल्कि आवास के साथ मूलभूत सुविधायें भी सुनिश्चित करना है और इसके अंतर्गत लाभार्थियों को MGNREGA के तहत अपने घर बनाने के लिए 90-95 दिनों की मजदूरी का भी लाभ दिया जाता है एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं जैसे स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना, और सौभाग्य योजना से समन्वय कर आवासों में शौचालय, रसोई गैस और बिजली की सुविधा सुनिश्चित की जा रही है । साथ प्रधान मंत्री सूर्य घर: मुफ़्त बिजली योजना से समन्वय करके लाभार्थियों को सोलर रूफ टॉप का कनेक्शन देकर उनके बिजली बिल को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। इस योजना के तहत बनने वाला हर घर एक संपूर्ण आवास है… एक सुविधा संपन्न आवास। सच मायने में यही योजना, ग़रीबी मुक्त गाँव एवं विकसित भारत की आधारशिला साबित होंगे।
- नव अनुमोदित 2 करोड़ के लक्ष्य में से मौजूदा 18 राज्यों को लगभग 38 लाख का लक्ष्य दिया गया है जिसके लिए आप सभी राज्यों को रूपये 10668 करोड़ फण्ड जारी कर दिया गया है। इस योजना में फंड्स की कोई कमी नहीं है और राज्यों से अनुरोध है कि राज्यंश को समय से निर्गत करें एवं फंड्स का उपभोग करके अगली किश्त के लिए प्रस्ताव भेजकर केंद्र सरकार से केंद्रांश प्राप्त करें।
- न्यूनतम घर का आकार 25 वर्ग मीटर निर्धारित किया गया है, जिसमें स्वच्छ खाना पकाने की जगह भी शामिल है, मैदानी इलाकों में ₹1.20 लाख और पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों में ₹1.30 लाख की सहायता दी जाएगी। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से कुशलतापूर्वक भुगतान किया जाता है, इस वर्ष 10 लाख से अधिक लाभार्थियों को भुवनेश्वर में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक क्लिक के माध्यम से उनकी पहली किस्त प्राप्त हुई है।
- आप लोगों को ये अवगत कराना चाहता हूँ कि 17 सितम्बर 2024 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भुबनेश्वर, उड़ीसा से सिंगल क्लिक द्वारा 15 लाख आवासों को स्वीकृत पत्र देने सहित 10 लाख से अधिक लाभार्थियों को आवास निर्माण हेतु प्रथम किश्त के रूप में रूपये 3180 करोड़ आधार के माध्यम से जारी किया गया एवं 26 लाख से अधिक आवासों का गृह प्रवेश भी कराया गया.
- प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण को आप सिर्फ एक योजना की तरह न समझें, यह एक आम जनता के लिए एक उम्मीद है, यह सम्मान, सशक्तीकरण और बेहतर भविष्य का निर्माण करने का आधार है। यह योजना भारत सरकार की गांवों के विकास के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।
पुराने एवं संशोधित एक्सक्लूशन क्राइटेरिया की सूची:
पहले (13): पुराने | अब (10): संशोधित |
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- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क यो
- जना (पीएपीएमजीएसवाई)
- पीएमजीएसवाई:
- पीएमजीएसवाई के विभिन्न घटकों के अंतर्गत 9 जून 2024 से 02 दिसंबर, 2024 तक 9,013 किमी सड़क को स्वीकृति प्रदान की गई है एवं 7,058 किलोमीटर का निर्माण किया जा चुका है एवं 1,067 बसावटों को योजना की शुरुआत से 02.12.2024 तक कनेक्टिविटी प्रदान की गई है।
- पीएमजीएसवाई-III के अंतर्गत 9 जून 2024 से 02 दिसंबर, 2024 तक 6,614 किमी सड़क को स्वीकृति प्रदान की गई है जिसमें पश्चिम बंगाल का 3,380 किमी भी शामिल है जिसकी हाल ही में स्वीकृति दी गई है। इसके सापेक्ष 6,473 किमी का निर्माण किया जा चुका है।
- पीएमजीएसवाई-IV:
- आबादी मानकों के अनुसार सड़कों से न जुड़ी पात्र बसावटों की पहचान करने के लिए सर्वेक्षण का कार्य इस समय जारी है।
- 15 राज्यों का सर्वेक्षण कार्य पूरा हो गया है।
- पीएमजीएसवाई-IV दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप दे दिया गया है और इन्हें शीघ्र ही जारी कर दिया जाएगा।
- Accessibility guidelines तैयार किए गए हैं और इसका उपयोग पीएमजीएसवाई-IV सड़कों की डीपीआर तैयार करने में किया जाएगा। यह PMGSY-IV सड़कों को पार करते समय या यात्रा करते समय विशेष रूप से विकलांग व्यक्तियों की सुरक्षित और आरामदायक आवाजाही सुनिश्चित करेगा।
- PMGSY-IV के अंतर्गत 10% कार्य इसी वर्ष स्वीकृत करने का लक्ष्य है।
- पीएम-जनमन:
- 9 जून 2024 से 02 दिसंबर, 2024 तक 2,337 किमी सड़क को स्वीकृति दी गई है, जिसमें से 12 किमी सड़क का निर्माण किया जा चुका है।
- वित्तीय प्रगति
- वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान, 5973 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं और 02.12.2024 तक 10,762 करोड़ रुपये (राज्य के हिस्से सहित) खर्च किए गए हैं।
- अतिरिक्त सूचना
- पीएमजीएसवाई के विभिन्न घटकों के अंतर्गत 02 दिसंबर, 2024 तक 8,34,657 किमी सड़क को स्वीकृति प्रदान की गई है एवं 7,69,284 किमी का निर्माण किया जा चुका है एवं 1,54,835 बसावटों को योजना की शुरुआत से 02.12.2024 तक कनेक्टिविटी प्रदान की गई है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-I,II,III एवं आरसीपीएलडब्ल्यूईए की समय सीमा मार्च 2025 तक है ।
- पीएमजीएसवाई-I के तहत, 1,55,276 बसावटों को स्वीकृति प्रदान की गई है और 99.7% बसावटों को सड़क संपर्क दे दिया गया है।
- पीएमजीएसवाई-II के अंतर्गत करीब करीब 100% कार्य पूरे हो गए है।
- पीएमजीएसवाई-III के अंतर्गत भी 72% कार्य पूरे हो गए है।
- पीएमजीएसवाई के अंतर्गत 02.12.2024 तक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 2,65,498 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं और 3,29,310 करोड़ रुपये (राज्य के हिस्से सहित) खर्च किए गए हैं।
- दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन
- लखपति दीदी
- नई लखपति दीदियां बनाना :
- 9 जून 2024 के बाद, डीएवाई-एनआरएलएम के तहत विभिन्न राज्य-नेतृत्व वाली पहलों के माध्यम से उल्लेखनीय 15 लाख नई लखपति दीदियों को सशक्त बनाया गया है।
- इन नई जोड़ी गई लखपति दीदियों के विस्तृत राज्यवार आंकड़े तालिका-I में हैं।
- संचयी प्रभाव:
- देश भर में लखपति दीदियों की कुल संख्या 1,15,00,274 तक पहुंच गई है।
- कुल आंकड़ों का राज्यवार विस्तृत विवरण तालिका-II में है।
- सामुदायिक प्रबंधित प्रशिक्षण केन्द्रों (सीएमटीसी) का विस्तार:
- नये केन्द्र स्थापित:
- 9 जून 2024 से अब तक 150 नए सीएमटीसी स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी। राज्य-वार आंकड़े तालिका-III में संलग्न हैं
- कुल सीएमटीसी:
- उपलब्ध कराए गए आंकड़ों में देश भर में वर्तमान में कार्यरत सीएमटीसी की कुल संख्या 301 शामिल है। ये केंद्र ग्रामीण समुदायों को आजीविका में स्थायी सुधार लाने के लिए कौशल और जानकारी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- डीएवाई–एनआरएलएम के अंतर्गत प्रगति के मुख्य बिन्दु:
- संचयी उपलब्धियां:
- दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के अंतर्गत समेकित प्रगति और प्रमुख निष्पादन संकेतकों को तालिका-IV में संक्षेप में दिया गया है।
- ये उपलब्धियां ग्रामीण परिवारों को सशक्त बनाने, महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर सामुदायिक संस्थाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाती हैं।
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना
केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (महात्मा गांधी नरेगा) का उद्देश्य प्रत्येक ग्रामीण परिवार को, जिसके वयस्क सदस्य स्वेच्छा से काम करते हैं, एक वित्तीय वर्ष में कम से कम एक सौ दिन की गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान करके देश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों की आजीविका सुरक्षा बढ़ाना है।
उपलब्धियाँ: वित्तीय वर्ष 2024-25 (01.06.2024 से 02.12.2024)
- 123 करोड़ श्रमदिवस सृजित किए गए
- 46,907 करोड़ रु. केन्द्रीय निधि जारी कर दी गई है
- 43.81 लाख कार्य पूर्ण हो चुके हैं
तीसरे कार्यकाल में की गई प्रमुख पहल/निर्णय:
- मिशन अमृत सरोवर का शुभारंभ प्रधानमंत्री द्वारा 24 अप्रैल 2022 को किया गया था, जिसका उद्देश्य देश के सभी ग्रामीण जिले में (सिवाय दिल्ली, चंडीगढ़ और लक्षद्वीप के केंद्र शासित प्रदेशों )75 अमृत सरोवरों का निर्माण या पुनर्जीवन करना था, ताकि 15 अगस्त 2023 तक देशभर में कुल 50,000 सरोवर बनाए जा सकें, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए जल संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके। अब तक 68,000 से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण/पुनर्जीवन कार्य पूरा किया जा चुका है। इस मिशन को आगे बढ़ाते हुए और अधिक सरोवरों का निर्माण/पुनर्जीवन किया जाएगा, जिसमें जन सहभागिता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ये सरोवर आने वाले वर्षों तक स्थायी जल संसाधन और सक्रिय सामुदायिक केंद्र के रूप में कार्य करते रहें। इसके सात ही, सभी संबंधित विभागों/मंत्रालयों और राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को मिशन के आगे बढ़ाने के लिए पत्र और संशोधित दिशानिर्देश पहले ही साझा किए जा चुके हैं।
- युक्तधारा पोर्टल:1 अक्टूबर 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक चरणबद्ध तरीके से सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में युक्तधारा पोर्टल शुरू करने का निर्णय लिया गया है। युक्तधारा महात्मा गांधी नरेगा कार्यों की जीआईएस आधारित जीपी योजना के लिए एक गतिशील पोर्टल है, जिसमें पोर्टल में ही रिज टू वैली दृष्टिकोण के संदर्भ में विश्लेषण के लिए विशेषताएं हैं।
- जनमनरेगा-II: मौजूदा जनमनरेगा ऐप को नया रूप देने का निर्णय लिया गया है, जो नागरिकों को सूचना के सक्रिय प्रकटीकरण के साथ-साथ महात्मा गांधी नरेगा के कार्यान्वयन के बारे में एक फीडबैक तंत्र बनाने में सहायता करता है।
- प्रशिक्षण मॉड्यूल का विकास: महात्मा गांधी नरेगा के तहत क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की क्षमता बढ़ाने के लिए, इस योजना के तहत ग्राम रोजगार सहायकों को प्रशिक्षण देने के लिए एक प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित किया गया है।
- राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम
- वृद्धावस्था, विधवाओं और दिव्यांगजनों से संबंधित लगभग 3 करोड़ लाभार्थियों को एनएसएपी योजनाओं के तहत सामाजिक सुरक्षा पेंशन वितरित करने के लिए 4554.20 करोड़ रुपये जून, 2024 से जारी किए गए हैं।
- एनआईसी द्वारा विकसित मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से पेंशनभोगियों के डिजिटल जीवन प्रमाणन के लिए एक अभिनव उपकरण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। एप्लिकेशन को राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च किया जाएगा।
- दिशा समिति
- श्री चौहान ने बताया कि देश के 784 जिलों में जिला स्तरीय दिशा समितियों का पुनर्गठन किया गया है और 477 सांसदों को 784 जिलों में अध्यक्ष, 261 सांसदों को 363 जिलों में सह-अध्यक्ष तथा 63 सांसदों को 81 जिलों में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में इन समितियों के लिए नामित किया गया है।
- राज्य स्तरीय दिशा समितियों में सदस्य के रूप में 186 सांसदों (127 लोकसभा/59 राज्यसभा) को नामित किया गया है।
- नव मनोनीत अध्यक्षों ने 24 राज्यों के 272 जिलों में 276 बैठकें कर ली है ।
- मंत्रालय द्वारा अब तक राज्य तथा जिला स्तरीय दिशा समितियों के लिए 93 गैर-सरकारी सदस्यों के नामांकन कर दिए गए हैं।
- दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY)
प्रस्तावना –
ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) ने एक महत्वाकांक्षी एजेंडा, कौशल विकास कार्यक्रम को वैश्विक मानकों के लिए बेंचमार्क स्थापित करने के उद्देश्य से,दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY) के रूप में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत वैतनिक रोज़गार पर आधारित कौशल विकास कार्यक्रम को 25 सितंबर 2014 को नए रूप में शुरूआत की।
विशेषताएं –
15 से 35 वर्ष के आयु वर्ग के गरीब परिवारों के ग्रामीण युवाओं पर विशेष ध्यान: क) मनरेगा श्रमिक परिवार, यदि परिवार के किसी व्यक्ति ने 15 दिन का काम पूरा किया हो, ख) आरएसबीवाई परिवार, ग) अंत्योदय अन्न योजना कार्ड परिवार, डी) बीपीएल पीडीएस कार्ड परिवार, ई) एनआरएलएम-एसएचजी परिवार, एफ) गरीबों की पहचान की भागीदारी प्रक्रिया, जी) एसईसीसी 2011 के ऑटो समावेशन मानकों के तहत आने वाले परिवार।
सामाजिक रूप से वंचित समूहों का अनिवार्य कवरेज, यानी एससी/एसटी-50%, अल्पसंख्यक-15%, और महिलाएं 33% और हाथ से मैला ढोने वालों, दिव्यांगों और महिला प्रधान घर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
- भौतिक प्रगति –
प्रगति 100 दिवस | प्रगति 09 जून से अब तक | ||
प्रशिक्षित | नियोजित | प्रशिक्षित | नियोजित |
25,233 | 15,696 | 60,765 | 45,615 |
- वित्तीय प्रगति –
प्रगति 100 दिवस | प्रगति 09 जून से अब तक |
फंड रिलीज (लाख में) | फंड रिलीज (लाख में) |
1249.99 | 13982.55 |
प्रमुख उपलब्धियां:
- केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि सभी राज्यों के साथ योजना की समीक्षा बैठकें पूरी की जा चुकी हैं।
- 14 कैप्टिव नियोक्ताओं को 11 राज्यों द्वारा कैप्टिव नियोक्ताओं को 30 परियोजनाएं राज्य द्वारा आवंटित की गईं हैं।
नई पहल:
- दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना 2.0 दिशानिर्देश को मंजूरी दे दी गई है, इससे ग्रामीण गरीब युवाओं को कुशल विकास करने में और नौकरियों दिलाने में मदद मिलेगी।
- NIC द्वारा दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना और ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान योजना सहित ग्रामीण कौशल के लिए एक मजबूत एमआईएस(MIS) एकीकृत और समेकित पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जिसमें जुटाव, परामर्श, प्रशिक्षण, नौकरी पर प्रशिक्षण, प्लेसमेंट/सेटलमेंट, नियोजित और स्थापित उम्मीदवारों की ट्रैकिंग और प्रशिक्षण संस्थानों को भुगतान जैसे सभी मॉड्यूल शामिल हैं।
- ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान योजना (RSETI)
- ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान योजना प्रायोजक बैंकों, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार और राज्य सरकार के बीच तीन-तरफ़ा साझेदारी है।
- ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान अल्पकालिक प्रशिक्षण और दीर्घावधि हैंडहोल्डिंग के दृष्टिकोण पर कार्यरत है।
- ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान कार्यक्रम वर्तमान में देश के 33 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के 588 जिलों में 25 अग्रणी बैंकों (सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र और साथ ही कुछ ग्रामीण बैंकों दोनों) द्वारा 602 ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थानो के माध्यम से क्रियाँवित किया जा रहा है।
- ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा 44 नवनिर्मित जिलों में (आरएसईटीआई) खोलने हेतु प्रशासकीय स्वीकृति राज्य और बैंक को प्रदान की गई है ।
- भौतिक प्रगति –
प्रगति 100 दिवस | प्रगति 09 जून से अब तक | ||
प्रशिक्षित | नियोजित | प्रशिक्षित | नियोजित |
1,84,765 | 99,329 | 3,25,239 | 2,06,114 |
- वित्तीय प्रगति –
प्रगति 100 दिवस | प्रगति 09 जून से अब तक |
फंड रिलीज (लाख में) | फंड रिलीज (लाख में) |
398.26 | 15289.89 |
प्रमुख उपलब्धियां:
- श्री चौहान ने बताया कि सभी राज्यों के साथ समीक्षा बैठकें पूरी हो चुकी हैं।
- ग्रामीण विकास मंत्रालय ने ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान योजना भवन के निर्माण के लिए अनुदान को 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये कर दिया है
- राष्ट्रीय कौशल योग्यता परिषद(NSQC) से अनुमोदन के बाद दो पाठ्यक्रम, कृषि-उद्यमिता एवं ‘पशु मित्र’ और ‘मत्स्य मित्र’ शुरू किए गए।
- आरएसईटीआई 2.0 दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी गई तथा संशोधित दिशा-निर्देशों के आधार पर कार्यक्रम के सुचारू संचालन के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं विकसित की जा रही हैं।
- NABARD के सहयोग से IIT चेन्नई द्वारा शिक्षण प्रबंधन प्रणाली (एलएमएस) बनाया जा रहा है।
आजीविका मिशन के टेबल
तालिका – I
09 जून 2024 के बाद बनाई गई 15 लाख नई लखपति दीदी (राज्य–वार विवरण)
क्र. सं. | राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों का नाम | एसएचजी सदस्यों की संख्या | क्र. सं | राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों का नाम | एसएचजी सदस्यों की संख्या |
1 | अंडमान और निकोबार द्वीप समूह | 240 | 18 | मध्य प्रदेश | 96,240 |
2 | आंध्र प्रदेश | 1,22,160 | 19 | महाराष्ट्र | 1,04,520 |
3 | अरुणाचल प्रदेश | 1,260 | 20 | मणिपुर | 3,060 |
4 | असम | 52,800 | 21 | मेघालय | 6,120 |
5 | बिहार | 1,81,260 | 22 | मिजोरम | 1,080 |
6 | छत्तीसगढ़ | 46,920 | 23 | नागालैंड | 1,800 |
7 | दादरा एवं नगर हवेली | 180 | 24 | ओडिशा | 97,200 |
8 | गोवा | 660 | 25 | पुदुचेरी | 660 |
9 | गुजरात | 44,580 | 26 | पंजाब | 9,660 |
10 | हरियाणा | 10,740 | 27 | राजस्थान | 67,620 |
11 | हिमाचल प्रदेश | 4,980 | 28 | सिक्किम | 840 |
12 | जम्मू और कश्मीर | 13,980 | 29 | तमिलनाडु | 54,000 |
13 | झारखंड | 50,640 | 30 | तेलंगाना | 67,500 |
14 | कर्नाटक | 47,580 | 31 | त्रिपुरा | 6,780 |
15 | केरल | 53,580 | 32 | उत्तर प्रदेश | 1,73,520 |
16 | लद्दाख | 180 | 33 | उत्तराखंड | 7,200 |
17 | लक्षद्वीप | 60 | 34 | पश्चिम बंगाल | 1,70,400 |
कुल | 15,00,000 |
तालिका -II
देश में लखपति दीदियों की कुल संख्या(राज्यवार)
क्र. सं. | राज्य | स्व–रिपोर्टेड लखपति दीदियों की संख्या |
1 | अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह | 482 |
2 | आंध्र प्रदेश | 14,87,631 |
3 | अरुणाचल प्रदेश | 5,057 |
4 | असम | 5,18,359 |
5 | बिहार | 13,47,649 |
6 | छत्तीसगढ़ | 3,37,097 |
7 | दमन और दीव तथा दादर नगर हवेली | 2,021 |
8 | गोवा | 866 |
9 | गुजरात | 5,38,760 |
10 | हरियाणा | 62,743 |
11 | हिमाचल प्रदेश | 40,417 |
12 | जम्मू और कश्मीर | 43,050 |
13 | झारखंड | 3,51,808 |
14 | कर्नाटक | 2,36,315 |
15 | केरल | 2,84,616 |
16 | लक्षद्वीप | 60 |
17 | मध्य प्रदेश | 10,51,069 |
18 | महाराष्ट्र | 10,04,338 |
19 | मणिपुर | 15,559 |
20 | मेघालय | 39,976 |
21 | मिजोरम | 17,167 |
22 | नागालैंड | 12,294 |
23 | ओडिशा | 5,37,350 |
24 | पुदुचेरी | 7,546 |
25 | पंजाब | 31,700 |
26 | राजस्थान | 2,70,405 |
27 | सिक्किम | 7,794 |
28 | तमिलनाडु | 3,18,101 |
29 | तेलंगाना | 7,58,693 |
30 | त्रिपुरा | 58,495 |
31 | लद्दाख | 51,903 |
32 | उत्तर प्रदेश | 8,41,923 |
33 | उत्तराखंड | 37,178 |
34 | पश्चिम बंगाल | 11,81,852 |
कुल | 1,15,00,274 |
क्र. सं. | राज्य | 24 मार्च तक मौजूदा सीएमटीसी | 09 जून 2024 के बाद शुरू किए गए सीएमटीसी की संख्या | सीएमटीसी की कुल संख्या |
1 | अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह | 0 | 1 | 1 |
2 | अरुणाचल प्रदेश | 0 | 3 | 3 |
3 | असम | 5 | 10 | 15 |
4 | बिहार | 41 | 10 | 51 |
5 | गुजरात | 3 | 5 | 8 |
6 | झारखंड | 21 | 8 | 29 |
7 | मध्य प्रदेश | 17 | 15 | 32 |
8 | महाराष्ट्र | 15 | 10 | 25 |
9 | मेघालय | 0 | 2 | 2 |
10 | नागालैंड | 0 | 2 | 2 |
11 | ओडिशा | 10 | 6 | 16 |
12 | राजस्थान | 9 | 20 | 29 |
13 | त्रिपुरा | 0 | 7 | 7 |
14 | पुदुचेरी | 0 | 2 | 2 |
15 | उत्तर प्रदेश | 5 | 10 | 15 |
16 | उत्तराखंड | 0 | 3 | 3 |
17 | पश्चिम बंगाल | 12 | 17 | 29 |
18 | पंजाब | 0 | 10 | 10 |
19 | आंध्र प्रदेश | 0 | 9 | 9 |
20 | छत्तीसगढ़ | 7 | 0 | 7 |
21 | तमिलनाडु | 5 | 0 | 5 |
22 | कर्नाटक | 1 | 0 | 1 |
कुल | 151 | 150 | 301 |
तालिका-III
सामुदायिक प्रबंधित प्रशिक्षण केंद्रों (सीएमटीसी) की संख्या (राज्य–वार)
तालिका -IV
क्र सं. | संकेतक | संचयी उपलब्धि
31 अक्टूबर 2024 की स्थिति के अनुसार |
1 | स्वयं सहायता समूहों में संगठित महिलाओं की संख्या (करोड़ में) | 10.05 |
2 | प्रोत्साहित किए गए स्वयं सहायता समूहों की संख्या (लाख में) | 90.87 |
3 | वितरित ऋण राशि (रु. करोड़ में) | 9,69,140.16 |
4 | प्रदान की गई पूंजीकरण सहायता (परिक्रामी निधि + सामुदायिक निवेश निधि) की राशि (रुपये करोड़ में) | 47,685.12 |
5 | गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) | 1.59% (As on date) |
6 | तैनात बैंकिंग संवाददाता सखी/डिजीपे सखी की संख्या (एनआरएलएम+एनआरईटीपी) | 1,35,127 |
7 | कृषि पारिस्थितिकीय कार्यों (एईपी) कार्यकलापों के अंतर्गत शामिल की गई महिला किसानों की संख्या (लाखों में) | 401 |
8 | कृषि-पोषक उद्यान रखने वाली महिला किसानों की संख्या (लाखों में) | 250 |
9 | एसवीईपी के अंतर्गत समर्थित उद्यमों की संख्या (लाखों में) | 3.10 |
स्थापना के बाद से डीएवाई–एनआरएलएम के अंतर्गत संचयी उपलब्धि
Read More »कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय ने कारोबार को आसान बनाने और स्वीकृति प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं
इसकी शुरुआत होने के बाद से वित्तीय वर्ष 2023-24 में आरओसी सी-पेस के माध्यम से कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 248(2) के तहत वित्त वर्ष 2023-24 में 13,560 कंपनियों को और चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 15 नवंबर तक 11,855 कंपनियों को हटाया गया है।ऐसे आवेदनों के निपटान में लगने वाला औसत समय घटकर अब 70-90 दिन के बीच रह गया है।
मंत्रालय ने दिनांक 5 अगस्त, 2024 की अधिसूचना संख्या जीएसआर 475 (ई) के तहत सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) को शून्य करने से संबंधित ई-फॉर्म के प्रसंस्करण के लिए सीपीएसीई को सशक्त बनाकर सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) को समाप्त करने हेतु केंद्रीकृत कर दिया है।
27 अगस्त, 2024 से प्रभावी आरओसी सी-पेस के माध्यम से एलएलपी को हटाने की प्रक्रिया के लिए ई-फॉर्म चालू कर दिए गए हैं और 15 नवंबर, 2024 तक सीमित देयता भागीदारी अधिनियम, 2008 की धारा 75 और सीमित देयता भागीदारी नियम, 2009 के नियम 37 के अंतर्गत 3,264 एलएलपी को समाप्त कर दिया गया है।
कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय कारोबार को आसान बनाने और स्वीकृति प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें निम्नलिखित प्रमुख गतिविधियां शामिल हैं:
(i) कंपनी और एलएलपी अधिनियमों के तहत 63 आपराधिक गतिविधियों का गैर-अपराधीकरण किया गया। कॉरपोरेट्स को राहत प्रदान करते हुए गैर-अपराधीकरण का एक उद्देश्य न्यायिक अदालतों में मुकदमेबाजी के बोझ को कम करना और अभियोजन मामलों को न्यायनिर्णयन की ओर स्थानांतरित करना भी है।
(ii) 54 से अधिक फॉर्मों को सीधी प्रक्रिया (एसटीपी) में परिवर्तित किया गया, जिसके लिए पहले क्षेत्रीय कार्यालयों की मंजूरी की आवश्यकता होती थी।
(iii) नाम आरक्षण, निगमन, पैन, टैन, डीआईएन आवंटन, ईपीएफओ पंजीकरण, ईएसआईसी पंजीकरण, जीएसटी नंबर और कंपनी के निगमन के समय बैंक खाता खोलने जैसी विभिन्न सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए ई-फॉर्म एसपीआईसीई+ के साथ-साथ एजीआईएल प्रो-एस नामक लिंक्ड फॉर्म की शुरुआत की गई है, ताकि व्यवसाय तुरंत शुरू किया जा सके। इसी प्रकार, एक ही आवेदन में समान सेवाएं प्रदान करने के लिए नया ई-फॉर्म फिल्लिप (सीमित देयता भागीदारी के निगमन के लिए फॉर्म) पेश किया गया।
(iv) लघु कंपनी की परिभाषा में संशोधन किया गया है, जिसके तहत लघु कंपनी की प्रारंभिक सीमा को 2.00 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 4.00 करोड़ रुपये कर दिया गया है और टर्नओवर को 20.00 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 40.00 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसी प्रकार, छोटे एलएलपी की अवधारणा शुरू की गई है, जो कम अनुपालन और कम शुल्क के अधीन है ताकि स्वीकृति प्रक्रिया की लागत कम हो सके।
(v) निगमन प्रक्रिया में एकरूपता प्रदान करने के लिए निगमन हेतु एक केंद्रीकृत कंपनी रजिस्ट्रार (सीआरसी) की शुरुआत हुई है।
(vi) एसटीपी के तहत दायर ई-फॉर्मों की केंद्रीकृत जांच के लिए एक केंद्रीय जांच केंद्र (सीएससी) की स्थापना की गई है।
(vii) निर्दिष्ट गैर-एसटीपी ई-फॉर्मों के केंद्रीकृत प्रसंस्करण के लिए एक केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र (सीपीसी) को स्थापित किया गया है।
(viii) कंपनी अधिनियम से संबंधित अपराधों के न्यायनिर्णयन के लिए ई-न्यायनिर्णयन पोर्टल को प्रारंभ किया गया है।
(ix) 15.00 लाख रुपये तक की अधिकृत पूंजी वाली कंपनी के निगमन के लिए कोई शुल्क नहीं रखा गया है।
(x) कंपनी अधिनियम, 2013 के अंतर्गत विलय के लिए फास्ट ट्रैक प्रक्रिया को बढ़ाया गया, ताकि स्टार्टअप्स का अन्य स्टार्टअप्स और छोटी कंपनियों के साथ विलय भी इसमें शामिल किया जा सके, जिससे विलय तथा एकीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके।
(xi) सीए-2013 (क्षेत्रीय निदेशकों के अनुमोदन के माध्यम से त्वरित विलय एवं एकीकरण) की धारा 233 का दायरा बढ़ाया गया। इसमें अब भारत के बाहर निगमित किसी हस्तांतरणकर्ता विदेशी कंपनी (होल्डिंग कंपनी) का भारत में निगमित उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के साथ विलय भी शामिल है।
(xii) किसी कंपनी के पंजीकृत कार्यालय के स्थानांतरण की लागत शून्य कर दी गई है।
(xiii) वीडियो कॉन्फ्रेंस (वीसी) के माध्यम से किसी कंपनी की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) और असाधारण आम बैठक (ईजीएम) आयोजित करने का प्रावधान हुआ है।
(xiv) कंपनी (अनुमेय क्षेत्राधिकारों में इक्विटी शेयरों की लिस्टिंग) नियम, 2024 जारी किए गए हैं, जो भारतीय सार्वजनिक कंपनियों को गिफ्ट आईएफएससी में अंतर्राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज(ओं) पर अपने इक्विटी शेयरों को सूचीबद्ध करने की अनुमति देते हैं।
कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।