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महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत भुगतान

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी नरेगा) के अंतर्गत 29.01.2025 तक सामग्री घटकों हेतु लंबित देनदारियों का राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-वार ब्यौरा अनुलग्नक-I में दिया गया है।
29.01.2025 तक सामग्री घटकों के लिए लंबित देनदारियों का राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-वार ब्यौरा (करोड़ रुपए में)
क्रम संख्‍या राज्‍य/संघ शासित प्रदेश सामग्री घटकों के लिए लंबित देनदारियां
1 आंध्र प्रदेश 661.50
2 अरूणाचल प्रदेश 60.34
3 बिहार 802.12
4 गुजरात 11.79
5 हरियाणा 38.27
6 हिमाचल प्रदेश 24.07
7 जम्‍मू और कश्‍मीर 117.46
9 झारखंड 204.59
10 मध्‍य प्रदेश 290.93
11 महाराष्‍ट्र 1321.58
12 मणिपुर 131.51
13 मेघालय 71.66
14 राजस्‍थान 494.34
15 सिक्किम 10.11
16 तमिलनाडु 496.70
17 तेलंगाना 282.74
18 उत्‍तर प्रदेश 1010.49
19 उत्‍तराखंड 100.42
  कुल 6130.61
लद्दाख पीएफएमएस डेटा उपलब्ध नहीं है।

वित्त वर्ष 2008-09 से 2009-10 एवं 2022-23 से 2023-24 के दौरान राजस्थान राज्य में महात्मा गांधी नरेगा के तहत श्रमिकों को उपलब्ध कराए गए रोजगार का जिलेवार विवरण (आंकड़ा लाख में) अनुबंध- II में दिया गया है।

 

 

वित्त वर्ष 2008-09 से 2009-10 एवं 2022-23 से 2023-24 के दौरान राजस्थान राज्य में महात्मा गांधी नरेगा के तहत

श्रमिकों को उपलब्ध कराए गए रोजगार का जिलेवार विवरण (आंकड़ा लाख में)

क्रम संख्‍या जिला 2008-09 2009-10 2022-23 2023-24
1 अजमेर 3.84 4.25 4.29 4.35
2 अलवर 3.26 2.78 1.59 1.39
3 बांसवाड़ा 5.06 4.11 5.89 5.98
4 बारन 2.36 1.74 2.15 2.00
5 बाडमेर 6.00 5.69 7.00 7.52
6 भरतपुर 3.33 3.09 1.31 1.12
7 भीलवाड़ा 5.00 6.40 5.18 5.46
8 बीकानेर 4.03 4.31 3.29 3.67
9 बूंदी 2.22 2.14 1.60 1.42
10 चित्‍तौड़गढ़ 3.36 3.72 1.64 1.55
11 चुरू 2.82 3.12 2.43 2.47
12 दौसा 3.32 2.42 1.02 0.78
13 धौलपुर 2.24 1.65 1.14 1.10
14 डूंगरपुर 4.72 4.05 4.66 4.82
15 हनुमानगढ़ 2.17 3.18 2.03 2.08
16 जयपुर 4.15 2.28 1.80 1.52
17 जैसलमेर 1.36 5.03 1.63 1.82
18 जालौर 2.41 1.41 2.12 1.77
19 झालावाड़ 2.87 2.38 4.11 4.38
20 झुंझनू 0.92 2.81 0.67 0.51
21 जोधपुर 4.40 1.19 4.35 4.20
22 करौली 2.64 4.64 2.00 1.69
23 कोटा 1.44 2.56 1.40 1.25
24 नागौर 4.65 1.25 5.29 5.39
25 पाली 3.24 5.27 2.55 2.17
26 प्रतापगढ़ 0.00 4.56 2.95 2.94
27 राजसमंद 2.05 0.00 1.86 1.81
28 सवाई माधोपुर 2.04 2.21 1.63 1.23
29 सीकर 1.94 2.99 0.91 0.88
30 सिरोही 1.51 2.15 1.38 1.28
31 श्रीगंगानगर 3.89 1.44 2.51 2.79
32 टोंक 3.37 2.86 1.82 1.73
33 उदयपुर 6.17 5.39 3.88 3.90
  कुल 102.81 103.05 88.08 86.97

 

यह जानकारी ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री कमलेश पासवान ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज की एनएसएस ईकाई के स्वयंसेवकों द्वारा बस्ती छेत्र में गंदगी से होने वाले कीड़ों की समस्या के निवारण के लिए जागरूक किया

कानपुर 6 जनवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर की एनएसएस ईकाई द्वारा एक दिवसीय शिविर के अंतर्गत स्वयंसेवकों द्वार जूही परंपुरवा बस्ती छेत्र में गंदगी से होने वाले कीड़ों की समस्या के निवारण के लिए आज प्रकृति से मिलने वाली साम्रगी का उपयोग कर स्वयंसेवकों ने कीटनाशक बनाया और पूरी बस्ती के गली मोहले और तालाब में स्वयंसेवकों द्वारा छिड़काव किया गया | जिसके बाद लंच ब्रेक लिया गया जिसमें स्वयंसेवकों द्वारा स्वयं पोहा बनाया और आनंद से खाया गया इसके पश्चात अब इन समस्याओं के समाधान के लिए स्वयंसेवकों में विचार विमर्श हुआ जिससे अब आने वाले दिनों में इसका समाधान निकाला जाएगा और इसी के साथ एक दिवसीय शिविर का समापन हुआ | प्रोग्राम ऑफिसर डॉ अंकिता जैस्मीन लाल ,जॉय रसकिन वनस्पति विभाग और मोनिका डेनियल कार्यालय सहायक की उपस्थित में कार्यक्रम का सफल आयोजन हुआ| हेड आर्यन जायसवाल और आयुष कुमार भारती का अहम योगदान रहा |

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दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार के मद्देनजर, जीआरएपी से संबंधित सीएक्यूएम की उप-समिति ने पूरे एनसीआर में जीआरएपी के चरण-III को तत्काल प्रभाव से रद्द किया

माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप, एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) से संबंधित उप-समिति ने अपने आदेश दिनांक 29 जनवरी 2025 के तहत जीआरएपी चरण-III को लागू किया, जब दिल्ली का औसत एक्यूआई तेजी से बढ़ने लगा और उसी दिन यह 350 के अंक को पार कर गया।

आज, दिल्ली के औसत एक्यूआई में उल्लेखनीय सुधार हुआ है क्योंकि आज केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा उपलब्ध कराए गए एक्यूआई बुलेटिन के अनुसार दिन का एक्यूआई 286 दर्ज किया गया, जो स्पष्ट रूप से गिरावट का संकेत देता है। दिल्ली के एक्यूआई स्तरों में गिरावट के रुझान को देखते हुए, जीआरएपी से संबंधित सीएक्यूएम की  उप-समिति ने आज इस क्षेत्र में वर्तमान वायु गुणवत्ता परिदृश्य की समीक्षा करने के लिए बैठक की और साथ ही आईएमडी/आईआईटीएम द्वारा उपलब्ध कराई गई मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूर्वानुमानों की समीक्षा की और तदनुसार 29 जनवरी 2025 से पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में जीआरएपी के चरण-III के तहत निवारक/प्रतिबंधात्मक कार्रवाइयों पर उचित निर्णय लिया।

दिल्ली-एनसीआर के समग्र वायु गुणवत्ता मानकों की व्यापक समीक्षा करते हुए उप-समिति ने निम्नलिखित टिप्पणियां कीं:

  • मिक्सिंग हाइट व वेंटिलेशन गुणांक में सुधार और प्रदूषकों के फैलाव के लिए अनुकूल मौसम संबंधी स्थितियों के कारण, दिल्ली के एक्यूआई में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
  • 03 फरवरी 2025 को दिल्ली का एक्यूआई 286 दर्ज किया गया जो माननीय सर्वोच्च न्यायालय के मौजूदा निर्देशों के अनुसार चरण-III को लागू करने के लिए 350 अंक से 64 अंक कम है। इसके अलावा, आईएमडी के पूर्वानुमान में आने वाले दिनों में बहुत हल्की बारिश/बूंदाबांदी और अनुकूल हवा की स्थिति की भविष्यवाणी की गई है।

इसलिए, जीआरएपी के चरण-III के तहत प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए, बड़ी संख्या में हितधारकों और जनता को प्रभावित करने के साथ-साथ दिल्ली के औसत एक्यूआई में सुधार की प्रवृत्ति व आईएमडी/आईआईटीएम द्वारा आने वाले दिनों में दिल्ली के औसत एक्यूआई के ‘खराब’/‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहने की संभावना का संकेत देने वाले पूर्वानुमानों पर विचार करते हुए, जीआरएपी से संबंधित सीएक्यूएम की उप-समिति ने आज सर्वसम्मति से पूरे एनसीआर में जीआरएपी की मौजूदा अनुसूची के चरण-III के तहत सभी कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रद्द करने का फैसला किया।

इसके अलावा, जीआरएपी की मौजूदा अनुसूची के चरण II और I के तहत सभी कार्रवाइयां जारी रहेंगी और पूरे एनसीआर में संबंधित सभी एजेंसियों द्वारा उनका क्रियान्वयन, निगरानी और समीक्षा की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आने वाले दिनों में एक्यूआई का स्तर और न बढ़े। एजेंसियों को सख्त निगरानी रखनी होगी और एनसीआर में जीआरएपी की मौजूदा अनुसूची के चरण II और I के तहत उपायों को विशेष रूप से तेज करना होगा ताकि जीआरएपी की कार्रवाई के चरण-III को फिर से लागू करने की स्थिति न बने।

कंस्ट्रक्शन एवं डिमोलेशन परियोजना स्थल आदि, जिन्हें विभिन्न वैधानिक निर्देशों, नियमों, दिशा-निर्देशों आदि के उल्लंघन/गैर-अनुपालन के कारण बंद करने के विशिष्ट आदेश जारी किए गए हैं,  किसी भी परिस्थिति में आयोग से इस संबंध में कोई विशिष्ट आदेश प्राप्त किए बिना अपना परिचालन पुनः आरंभ नहीं करेंगे।

हालांकि जीआरएपी चरण-III को रद्द किया जा रहा है, लेकिन सर्दियों के मौसम को ध्यान में रखते हुए, जब मौसम की स्थिति हमेशा अनुकूल नहीं रहती है, और यह सुनिश्चित करने के लिए कि वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्तर और अधिक न गिरे, नागरिकों से अनुरोध है कि वे जीआरएपी की वर्तमान अनुसूची के चरण II एवं I के अंतर्गत नागरिक चार्टर का सख्ती से पालन करें।

उप-समिति वायु गुणवत्ता परिदृश्य पर कड़ी नजर रखेगी तथा दिल्ली में वायु गुणवत्ता और आईएमडी/आईआईटीएम द्वारा उपलब्ध कराई गई मौसम संबंधी स्थितियों एवं वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूर्वानुमान के आधार पर आगे उचित निर्णय लेने के लिए समय-समय पर स्थिति की समीक्षा करेगी।

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बेंगलुरु के वैज्ञानिकों ने ग्रीन हाइड्रोजन के कुशल उत्पादन के लिए एक नया मिश्र धातु-आधारित उत्प्रेरक विकसित किया

पानी के इलेक्ट्रोलिसिस  द्वारा हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में रूपांतरण के जरिए बेहतर हाइड्रोजन उत्पादन के लिए विकसित एक नया, कुशल मिश्र धातु-आधारित उत्प्रेरक, स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए एक समाधान की दिशा में मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

उच्च-एंट्रॉपी मिश्र धातु (एचईए) का उपयोग करने वाला यह नवोन्मेषी दृष्टिकोण, स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए प्लेटिनम जैसी महंगी सामग्रियों पर निर्भरता को कम कर सकता है।

आमतौर पर, मिश्र धातुएं दो या दो से अधिक तत्वों से बनी धातु पदार्थ होती हैं, जिन्हें एक प्राथमिक धातु में अपेक्षाकृत कम मात्रा में द्वितीयक तत्वों को मिलाकर तैयार किया जाता है। दूसरी ओर, उच्च एंट्रॉपी मिश्र धातुएं (एचईए), उन्नत सामग्री हैं जिनमें लगभग समान सांद्रता में कई तत्व (आमतौर पर पांच या अधिक) होते हैं। यहां, कुल मुक्त ऊर्जा में एन्ट्रापिक (डिसआर्डर की स्थिति) का योगदान एन्ट्रापिक (आंतरिक ऊर्जा का योग और इसके प्रैशर व वाल्यूम का गुणनफल) योगदान को दूर करता है, और इस प्रकार, मिश्र धातु के गठन को स्थिर करता है। इन एचईए को पानी को विभाजित करने वाले अनुप्रयोगों में वाणिज्यिक उत्प्रेरक को बदलने की उनकी बहुमुखी प्रतिभा और क्षमता के लिए जाना जाता है। इस संदर्भ में, नीचे से ऊपर की रासायनिक सिंथेटिक विधियों द्वारा किसी भी अशुद्धता फेज से रहित एकल फेज एचईए नैनोकणों की तैयारी अत्यधिक चुनौतीपूर्ण है।

सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साइंसेज (सीईएनएस), बेंगलुरु, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्वायत्त संस्थान, के शोधकर्ताओं ने एक नया उच्च-एंट्रॉपी मिश्र धातु (एचईए) उत्प्रेरक विकसित किया है, जिसे PtPdCoNiMn (प्लैटिनम, पैलेडियम, कोबाल्ट, निकल और मैंगनीज का मिश्रण) कहा जाता है। इन घटक धातुओं का चयन अमेरिका के एएमईएस नेशनल लेबोरेटरी के स्टाफ वैज्ञानिक डॉ. प्रशांत सिंह द्वारा डिज़ाइन और विकसित किए गए दिशानिर्देशों के आधार पर किया गया था। एक बार अंतिम संरचना की पहचान हो जाने के बाद, सीईएनएस शोधकर्ताओं ने दो अलग-अलग तरीकों से एचईए तैयार किया – कमरे के तापमान और वायुमंडलीय दबाव पर इलेक्ट्रोडपोजिशन और (दिए गए साल्वेंट में उच्च तापमान और दबाव के तहत रासायनिक संश्लेषण जिसे सॉल्वोथर्मल प्रक्रियाएं कहा जाता है।

इलेक्ट्रोडपोजिशन के लिए, एचईए को विकसित करने के लिए साल्वेंट का चयन और डिपोजिशन क्षमता को अनुकूलित किया गया था। सॉल्वोथर्मल विधि में, अनुकूलन चरणों की एक श्रृंखला के माध्यम से, शोधकर्ताओं ने प्रतिक्रिया दर और संश्लेषण प्रक्रिया को नियंत्रित करने के लिए सटीक अनुपात में सही साल्वेंट और कम करने वाले एजेंट का सावधानीपूर्वक चयन किया। इन विधियों ने एकल-चरण या बहु-चरण रूपों में दो, तीन, चार, या सभी पांच तत्वों वाले मिश्र धातुओं के उत्पादन की अनुमति दी। प्लैटिनम (Pt), पैलेडियम (Pd), कोबाल्ट (Co), निकल (Ni), और मैंगनीज (Mn) को मिलाकर बनाए गए PtPdCoNiMn HEA उत्प्रेरक, न्यूनतम ऊर्जा हानि, उच्च स्थायित्व और दीर्घकालिक स्थिरता के साथ कुशल हाइड्रोजन उत्पादन का नतीजा दिया। सैद्धांतिक अध्ययनों से संकेत मिलता है कि उत्प्रेरक सतह पर प्रतिक्रिया मध्यवर्ती के इष्टतम बंधन ही हाइड्रोजन उत्पादन के लिए विकसित एचईए की वाणिज्यिक उत्प्रेरक पर श्रेष्ठता का कारण है।

चूंकि एचईए उत्प्रेरक ने वाणिज्यिक उत्प्रेरक की तुलना में सात गुना कम प्लैटिनम का उपयोग किया और शुद्ध प्लैटिनम की तुलना में बेहतर उत्प्रेरक दक्षता प्रदान की, इसलिए यह पारंपरिक उत्प्रेरकों का एक व्यवहारिक विकल्प हो सकता है। इन एचईए ने क्षारीय समुद्री जल सहित व्यावहारिक सेटिंग्स में भी अच्छा प्रदर्शन दिखाया व 100 घंटे से अधिक समय तक बिना क्षरण के स्थिरता और दक्षता बनाए रखी।

यह प्रगति स्वच्छ, अधिक किफायती हाइड्रोजन उत्पादन का मार्ग प्रशस्त कर सकती है, जिससे उद्योगों और नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को लाभ होगा। अनुसंधान को भारत के अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ) द्वारा वित्त पोषित किया गया था, जिसमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) प्रशासनिक विभाग है। अनुसंधान से दो पेपर हाल ही में जर्नल एडवांस्ड फंक्शनल मटेरियल और स्मॉल में प्रकाशित हुए थे।

चित्र ए) एक तीन-इलेक्ट्रोड प्रणाली में कार्बन पेपर पर इलेक्ट्रोडपोजिटेड एचईए से हाइड्रोजन का उत्पादन।

चित्र बी) इलेक्ट्रोडपोजिटेड एचईए (एचईए-ईडी), सॉल्वोथर्मल विधि (एचईए-एसटी) का उपयोग करके तैयार किए गए एचईए और वाणिज्यिक Pt/C के हाइड्रोजन उत्पादन प्रदर्शन का एक तुलनात्मक प्लॉट।

बाएँ से दाएँ: डॉ. आशुतोष सिंह, प्रो. बी. एल. वी. प्रसाद और सुश्री अथीरा चंद्रन।

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होटल प्रबंधन संस्थानों में पीपीपी मॉडल

पर्यटन मंत्रालय आतिथ्य क्षेत्र में कौशल विकास चुनौतियों के समाधान में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) की क्षमता को स्वीकार करता है तथा उसने निम्नलिखित कदम उठाए हैं:
  1. पर्यटन मंत्रालय ने आतिथ्य संस्थानों के पाठ्यक्रम और आतिथ्य पाठ्यक्रमों की ब्रांडिंग और विपणन से संबंधित अन्य मामलों की समीक्षा के लिए उद्योग जगत के नेताओं और आईएचएम शिक्षाविदों को शामिल करते हुए एक टास्क फोर्स का गठन किया।
  2. आतिथ्य, सेवा और देखभाल के उच्चतम मानकों के व्यवसायी बनने वाले व्यक्तियों और पेशेवरों को विकसित करने के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, 21 केंद्रीय होटल प्रबंधन संस्थानों और 08 अग्रणी आतिथ्य समूहों के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए, इन समूहों में इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड, आईएचजी होटल्स एंड रिसॉर्ट्स, मैरियट होटल्स, ललित होटल ग्रुप, आईटीसी ग्रुप ऑफ होटल्स, लेमन ट्री होटल्स, एपीजे सुरेंदर पार्क होटल्स और रेडिसन होटल ग्रुप शामिल थे।

उद्योग-अकादमिक सहयोग एक पायलट परियोजना है जिसका उद्देश्य एमओयू के हिस्से के रूप में अधिक आतिथ्य श्रृंखलाओं को शामिल करके इसे और विस्तारित करना है। एमओयू में संस्थानों के भीतर नवाचार और उद्यमिता पहलों का समर्थन करने का घटक शामिल है।

यह जानकारी केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज द्वारा एक दिवसीय शिविर के अंतर्गत एन एस एस स्वयंसेवकों द्वारा स्वास्थ विषय पे कार्य किया गया

भारतीय स्वरूप संवाददाता क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर की एनएसएस ईकाई द्वारा एक दिवसीय शिविर के अंतर्गत स्वयंसेवकों द्वार आज जूही टायर मंडी परंपुरवा में स्वयंसेवकों ने निजी स्वास्थ विषय पे कार्य किया जिसमें स्वयंसेवकों द्वार मासिक धर्म विषय पे महिलाओ को जागरुक किया और मुफ्त सैनिटरी पैड का वितरण किया और स्वच्छता को लेके सर्वे हुआ स्वयंसेवकों ने मुख्यता आयुष्मान कार्ड बनवाने पे जोर किया जिसमें हमने उनकी जानकारी प्राप्त करी और कई प्रकार की समस्याओं को लेकर निवासी लोगो से सर्वे किया और उनकी समस्याएं सुनी जिसमें अधिक समस्या स्वास्थ संबंधी सफाई और पानी को लेकर रही जिसको स्वयंसेवकों ने हर व्यक्ति से अच्छे से समझा इसके बाद लंच ब्रेक लिया गया जिसमें स्वयंसेवकों द्वारा स्वयं तहरी बनाया और आनंद से खाया गया इसके पश्चात अब इन समस्याओं के समाधान के लिए स्वयंसेवकों में विचार विमर्श हुआ जिससे अब आने वाले दिनों में इसका समाधान निकाला जाएगा और इसी के साथ एक दिवसीय शिविर का समापन हुआ। प्रोग्राम ऑफिसर डॉ अंकिता जैस्मीन लाल के साथ जॉय रसकिन वनस्पति विभाग की उपस्थित में कार्यक्रम का सफल आयोजन हुआ। हेड आर्यन जायसवाल और आयुष कुमार भारती का अहम योगदान रहा।

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भारत के शुभांकर प्रकाश के निर्देशन में फ़्रांस में चल रहा देश की कलात्मक विरासत का जश्न

भारतीय स्वरूप संवाददाता पेरिस में प्रतिष्ठित 193 आर्ट गैलरी में आयोजित की जाएगी भारत की समृद्ध और विविध कलात्मक विरासत कला क्षेत्र में वैश्विक स्तर के प्रतिष्ठित आर्ट संस्थान के निदेशक ऑपरेशन हैं सुल्तानपुर के शुभांकर प्रकाश  
लखनऊ/ नई दिल्ली। भारत की अमित विरासत को दुनियां से रूबरू कराने के लिए उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर निवासी शुभांकर प्रकाश भारती (संचालन निदेशक) ने भारतीय कलाकारों की कृतियों को प्रदर्शित करने वाली एक कला प्रदर्शनी आयोजित की है।फ़रवरी प्रथम सप्ताह से आगामी 22 मार्च चलने वाली यह प्रदर्शनी पेरिस में प्रतिष्ठित 193 आर्ट गैलरी में आयोजित की जा रही है । इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की समृद्ध और विविध कलात्मक विरासत का जश्न मनाना है, जिसमें देश की जीवंत संस्कृति और इतिहास को दर्शाने वाली शानदार कलाकृतियों का संग्रह एक साथ लाया जाएगा। प्रदर्शनी में पारंपरिक पेंटिंग, समकालीन कृतियाँ और मिश्रित मीडिया कृतियां सहित विभिन्न प्रकार की कलाएं प्रदर्शित की जाएँगी। आगंतुकों को भारतीय कलाकारों की अनूठी शैलियों और तकनीकों को जानने, उनकी रचनात्मक प्रक्रियाओं और उनकी उत्कृष्ट कृतियों के पीछे की कहानियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। अंतर्राष्ट्रीय कला और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता के लिए जानी जाने वाली 193 आर्ट गैलरी इस प्रदर्शनी के लिए एकदम सही जगह है। पेरिस के केंद्र में स्थित, गैलरी कला प्रेमियों और संग्रहकर्ताओं को भारतीय कला की सुंदरता और गहराई की सराहना करने के लिए एक परिष्कृत और स्वागत योग्य स्थान प्रदान करती है।
*साहित्य प्रसारक राजेश कुमार के बेटे हैं शुभांकर प्रकाश
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जनपद के भारतीय साहित्य के प्रसारक और व्यवसायी राजेश कुमार के एक बेटी और दो बेटों में से एक शुभांकर प्रकाश भारती हैं।  जेएनवी  नवोदय विद्यालय  सुल्तानपुर से शुभांकर ने बारहवीं कक्षा तक टॉप किया था। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में तीसरी रैंक हासिल की थी इसी क्रम में शुभंकर ने प्रवेश के लिए शांतिनिकेतन चुना।फिर वहां से अपनी प्रतिभा के दम पर स्कॉलरशिप पर फ्रांस चले गए। जहां आगे की पढ़ाई की और अब वहां की प्रतिष्ठित आर्ट गैलरी में डायरेक्टर ऑफ ऑपरेशन है। शुभांकर के भाई रविंद्र प्रकाश बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के रिसर्च स्कॉलर हैं।

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पीडब्ल्यूए के लोकसेवा सम्मान से नवाजे गए वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ योगेंद्र सिंह और युवा डॉ दीक्षा कटियार

भारतीय स्वरूप संवाददाता डॉ योगेंद्र और डॉ दीक्षा को पीडब्ल्यूए ने किया सम्मानित पीडब्ल्यूए के लोकसेवा सम्मान से नवाजे गए वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ योगेंद्र सिंह और युवा डॉ दीक्षा कटियार  >  निःशुल्क कंसल्टेंसी और औषधियों के वितरण में जनहितकारी योगदान के लिए सराहा, बोले डॉक्टर समाज में जीवन रक्षक डॉक्टर समाज में लोगों के लिए जीवन रक्षक के रूप में देखे जाते हैं। समाज में अपने कर्तव्यों और निस्वार्थ सेवा के लिए अपने कर्तव्यों का पालन करने वाले दो चिकित्सकों को  वेलफेयर एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश(पीडब्ल्यूए) के लोकहित में चले एक माह निशुल्क सेवा ड्राइव में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए सम्मानित किया  है। पीडब्ल्यूए उत्तर प्रदेश द्वारा वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ योगेंद्र सिंह यादव और डॉ दीक्षा कटियार को लोकसेवा के लिए सम्मान पत्र  प्रदान किया। पीडब्ल्यूए की ओर से वरिष्ठ  सामाजिक कार्यकर्ता संजय कटियार ने डॉक्टर्स को सम्मान पत्र भेंट किया और लोकहित में उनकी सेवा और सहयोग की सराहना की गई। पीडब्ल्यूए के महासचिव पंकज कुमार सिंह ने बताया कि समाज में असहाय और निर्धनों के लिए मदद में डॉक्टर्स ने अहम भूमिका निभाई है,साथ ही इनके द्वारा निशुल्क औषधीय वितरण में सहयोग भी दिया गया है। डॉक्टर्स ने अपने चिकित्सकीय पेशे के एक हिस्से में पीडब्ल्यूए के साथ जुड़कर लोकहित में गरीब असहायों की मदद में अपना योगदान दे रहे हैं।  उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में गायत्रीपुरम गली नम्बर 3 कल्याणपुर में एक स्थाई निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा क्लिनिक भी संचालित किया जा रहा है जहाँ असहाय और निर्धनों के स्वास्थ्य सेवा के लिए मदद दी जाती है। वार्ता में विपिन पटेल, अजय सिंह, प्रदीप सिंह, सुमित शर्मा आदि रहे।

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एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज में बसंत पर्व पर सरस्वती माँ की मूर्ति स्थापित

कानपुर 26 जनवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज में बसंत पर्व पर सरस्वती माँ की मूर्ति स्थापना तथा हवन पूजन का विधिवत् निर्वहन धूमधाम से किया गया कार्यक्रम के शुभारंभ में महाविद्यालय प्रबंध समिति के सचिव पी. के. सेन, प्राचार्या प्रो. सुमन, प्रबंध समिति के संयुक्त सचिव शुभ्रो सेन, कोषाध्यक्ष दीपाश्री सेन द्वारा सरस्वती पूजा पर परम्परागत हवन – पूजा-अर्चना द्वारा सरस्वती प्रतिमा की विधिवत् स्थापना की गयी|

डॉ. शुभा वाजपई के संयोजन में, प्रो. मीनाक्षी व्यास, डॉ. शैल वाजपई, डॉ. प्रीता अवस्थी, डॉ. सपना रॉय, डॉ. मोनिका शुक्ला के द्वारा बसंत उत्सव की तैयारियां पूर्ण मनोयोग से की गई। मीडिया प्रभारी डॉ प्रीति सिंह ने जानकारी देते हुए बताया की डॉ. रचना निगम के निर्देशन में कला विभाग की छात्राओं अनुष्का, ओमाक्षी, वर्षा, संस्कृति, विधि, अनीता, अफरोज, स्नेहा, श्रेया, अमीषा, वैष्णवी, ने महाविद्यालय सभागार में वृहत तथा अद्भुत रंगोली का निर्माण किया। । महाविद्यालय की सभी शिक्षिकाओं एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने बसंत उत्सव संस्कृति निर्वहन में सक्रिय सहयोग प्रदान किया।

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सोशल रिसर्च फाउंडेशन के 15 वें वार्षिक अधिवेशन के अवसर पर समसामयिक विषय “उच्च शिक्षा : दशा और दिशा” पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता किदवई नगर स्थित सोशल रिसर्च फाउंडेशन के 15 वें वार्षिक अधिवेशन के अवसर पर आज बहुत ही समसामयिक विषय “उच्च शिक्षा : दशा और दिशा” पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन होटल मन्दाकिनी रॉयल, साकेत नगर, कानपुर में किया गया। इस अवसर पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपने विशिष्ट योगदान के लिए दिल्ली, पंजाब राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के लखनऊ, उन्नाव, प्रयागराज, कानपुर आदि से आए लगभग 30 विद्वतजनों को सम्मानित भी किया गया।

संगोष्ठी का उद्घाटन मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश माननीय श्री योगेंद्र उपाध्याय जी के कर कमलो से हुआ। मुख्य अतिथि ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में किए जाने वाले प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा के विकास के प्रति प्रतिबद्ध हैं– नई शिक्षा नीति ऐसे प्रयासों का प्रमाण है। हमारे प्रयासों से शीघ्र ही सकारात्मक परिणाम आने लगेंगे। उन्होंने शिक्षकों से सकारात्मक सहयोग का आवाहन भी किया।
सोशल रिसर्च फाउंडेशन की उपाध्यक्ष, महिला महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्य डॉ० आशा त्रिपाठी ने सभी सम्मानित अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और उच्च शिक्षा में व्याप्त प्रदूषण की ओर नेतृत्व का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यह एक चिंतनीय यक्ष प्रश्न है जिसका उत्तर हमें खोजना होगा।
संस्था के संस्थापक सचिव राजीव मिश्रा ने संस्था की 15 वर्षों की गौरवमयी यात्रा का विस्तृत परिचय दिया और बताया कि संस्थान के साथ जुड़कर इस देश के लाखों शिक्षक गण लाभान्वित हो रहे हैं। संस्थान के 6 रिसर्च जर्नल विश्व के 25000 जनरल्स के मध्य स्थान रखते हैं जो कानपुर के लिए भी एक गौरवपूर्ण बात है।
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर अशोक कुमार जी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर गहन प्रकाश डालते हुए कहा कि इस नीति का उद्देश्य शिक्षा को और ज्यादा समावेशी, प्रभावी और बेहतर बनाना है। यह 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है। इस नीति का उद्देश्य भारतीय शिक्षा प्रणाली को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना है।
संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि और श्री कामतानाथ मंदिर चित्रकूट के पीठाधीश्वर डॉ० मदन गोपाल दास ने कहा
एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के स्टेटीशियन डॉ० संदीप मिश्रा ने कहा
एम० एल० सी० अरुण पाठक ने कहा कि नई शिक्षा नीति ऐसी शिक्षा प्रणाली की आधारशिला है जो विज्ञान के साथ-साथ ज्ञान से भी परिपूर्ण है।
सेमिनार की अध्यक्षता जाने माने ज्योतिषाचार्य पंडित के ए दुबे ‘पद्मेश’ जी ने की। उन्होंने नई शिक्षा नीति का भविष्य उज्जवल बताते हुए सरकार द्वारा जमीनी स्तर पर भी काम करने की आवश्यकता पर बल दिया ।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ० निर्विकार कटियार, मध्य प्रदेश के डॉ० सी० एम० मेहता, राजस्थान से आए डॉ० राजेश कुमार शर्मा और भोपाल के डॉ० प्रभात पांडे जी ने नई शिक्षा नीति की विभिन्न संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए अपनी शिक्षा प्रणाली में अपेक्षित परिवर्तन और सुधार लाने पर जोर दिया जिससे भारत शिक्षा के क्षेत्र में भी विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना सके।
तकनीकी सभा में शोध पत्र प्रस्तुत किए गए जिनमें उच्च शिक्षा की दशा और संभावनाओं पर अपने विचार व्यक्त किए। यह संगोष्ठी उच्च शिक्षा और नई शिक्षा नीति के संदर्भ में एक मील का पत्थर साबित हुई।
सोशल रिसर्च फाउंडेशन के संरक्षक और डीबीएस कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ० शिव कुमार दीक्षित द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ गोष्ठी का समापन हुआ। गोष्ठी का कुशल संचालन महिला महाविद्यालय की हिंदी विभाग की प्रोफेसर डॉ० ज्योति किरण द्वारा किया गया। इस सेमिनार का संयोजन संस्थान की जनरल मैनेजर और जर्नल्स की उपसंपादक कुमारी भावना निगम द्वारा किया गया।
संगोष्ठी में संस्थान की कोषाध्यक्ष दीप्ति मिश्रा, तेजस्वी मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर अर्चना दीक्षित, डॉक्टर मीत कमल द्विवेदी, अतुल दीक्षित, दिलीप कुमार मिश्रा, डॉ प्रदीप अवस्थी, अमन निगम, रचना गुप्ता, विनीशा मिश्रा, डॉ पी एन शर्मा, डॉ अनुराग सिंह, डॉ क्षमा त्रिपाठी, कार्तिकेय अवस्थी, शुभम तिवारी, कृष्ण गोपाल तिवारी, प्रकाश शुक्ला, राम द्विवेदी, अंजली शुक्ला, डॉ अक्षय शुक्ल, संगीता सिरोही सहित सैकड़ो लोग उपस्थित रहें।

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