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“यह मीडिया का नैतिक कर्तव्य है कि वह सच बताए और सच के अलावा कुछ भी न बताए” – जगदीप धनखड़ 

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज इस बात पर बल दिया कि यह मीडिया का नैतिक कर्तव्य है कि वह “सच बोले और सच के अलावा कुछ नहीं” बोले। उन्होंने कहा कि मीडिया से जुड़े हर व्यक्ति का यह दायित्व है कि वह सच्चा रहे, चाहे वह पत्रकार हों या अखबारों तथा संचार के अन्य माध्यमों के मालिक हों।Vice President of India (@VPIndia) / X
यह कहते हुए कि विश्वसनीयता आज मीडिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती है, उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि कुछ क्षेत्रों में इस पहलू को नजरअंदाज किया जा रहा है।

उपराष्ट्रपति ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए लोकतंत्र के कामकाज में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कहा कि यह देखते हुए मीडिया वास्तविक राजनीति में शक्ति केंद्र या हितधारक नहीं है। उन्होंने कहा, “यह देखना दर्दनाक है कि कुछ पत्रकारों ने जमीनी भावनाओं के विपरीत, लोकतांत्रिक प्रक्रिया के पाठ्यक्रम को बदलने का बीड़ा उठाया है।” उन्होंने आगाह किया कि हमें ऐसे खतरों के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है।

उपराष्ट्रपति ने मीडिया की चुनौतियों पर विचार करते हुए कहा, “यह वाणिज्य संचालित है। यह कथाएँ प्रसारित करता है। यह दुर्भाग्य से आंदोलन की स्थिरता में हितधारक बन गया है। यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया में पक्षपातपूर्ण प्रभाव डालने वाले की भूमिका निभाना चाहता है।” उन्होंने त्वरित कार्रवाई का आग्रह करते हुए भारतीय प्रेस परिषद से जानबूझकर फर्जी खबरें फैलाने और पेशेवर नैतिकता से समझौता करने वालों के खिलाफ तुरंत हस्तक्षेप करने का आह्वान किया।

उपराष्ट्रपति ने सरकार के प्रहरी के रूप में मीडिया के दायित्व का जिक्र करते हुए कहा कि इसका काम सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह बनाना है।

उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कहा कि सत्य के लिए प्रतिबद्धता और पत्रकारों का अटूट समर्पण मीडिया को हमारे समाज में अच्छाई के लिए एक शक्ति के रूप में तैयार करता रहेगा। श्री धनखड़ ने कहा, “कोई भी विघटनकारी प्रौद्योगिकी एक अच्छी तरह से जानकार और कर्तव्यनिष्ठ पत्रकार का विकल्प नहीं हो सकती है।”

उपराष्ट्रपति ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चुनौतियों और नैतिक सवालों का अपना समूह लेकर आती है। उन्होंने कहा कि गलत सूचना का प्रसार, बड़े झूठ वाली खबरें, इको चैंबर का निर्माण और सूचना का सूक्ष्म लक्ष्यीकरण लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करता है, जिससे समाज में अराजकता और अस्थिरता पैदा होती है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को हमारे प्रौद्योगिकी परिदृश्य का एक अभिन्न अंग और एक ऐसी तकनीक के रूप में देखते हुए, “जो यहीं रहेगी”, उपराष्ट्रपति ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंकर और भाषा मॉडल जो कई स्रोतों से जानकारी एकत्र करने के बाद मीडिया रिपोर्ट लिख सकते हैं, उससे हजारों लोगों की नौकरियाँ खतरे में हैं।

उपराष्ट्रपति ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) युग के बीच दायित्वपूर्ण और नैतिक पत्रकारिता की अनिवार्यता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “यह सर्वोपरि है कि पत्रकार और मीडिया समूह ईमानदारी के उच्चतम मानकों को बनाए रखें।” उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि तथ्य-जाँच, कठोर स्रोत सत्यापन और अटूट संपादकीय स्वतंत्रता आज के मीडिया परिदृश्य में महत्वपूर्ण हैं।

श्री धनखड़ ने सभी से “नवाचार और दायित्व की भावना के साथ आगे बढ़ने, पत्रकारिता के सिद्धांतों को बनाए रखते हुए, जिसने पीढ़ियों से हमारी सेवा की है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की क्षमता का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने इस नए युग को आगे बढ़ाने के लिए एकीकृत क्षमता की आशा व्यक्त की, यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रगतिशील मीडिया हमारे लोकतंत्र के भीतर सच्चाई और जवाबदेही के प्रतीक के रूप में अभिन्न रूप से खड़ा है।

इस अवसर पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा युवा मामले एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, सूचना एवं प्रसारण तथा मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री, डॉ. एल. मुरुगन, न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई, अध्यक्ष, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया, श्री अमिताभ कांत, जी-20 शेरपा,  नुंगसांगलेम्बा एओ, सचिव, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे।

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कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कौशल विकास के भविष्य को दिशा देने और भारत के युवाओं को सशक्त बनाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर, भारतीय कौशल संस्थान, कानपुर, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और डसॉल्ट एयरक्राफ्ट सर्विसेज इंडिया के बीच समझौता ज्ञापनों के आदान-प्रदान के साक्षी बने

भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) कानपुर ने कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के उद्देश्यों के अनुरूप आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और डसॉल्ट एयरक्राफ्ट सर्विसेज इंडिया (डीएएसआई) के साथ तीन प्रमुख साझेदारियों की घोषणा की है। इसका उद्देश्य विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में रक्षा औद्योगिक गलियारे का समर्थन करने के लिए एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र के लिए स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाना और तैयार करना है। नई दिल्ली में आज भारत सरकार के केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान की सम्मानित उपस्थिति में समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया।

यह साझेदारी युवाओं के, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के युवाओं के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करती है, जिससे उन्हें विमानन और रक्षा क्षेत्रों में नए-युग के पाठ्यक्रमों में गुणवत्तापूर्ण मॉड्यूल तक पहुंच प्राप्त हो सकेगी।

यह पहली बार है कि जैसा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत परिकल्पना की गई है, हम भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) कानपुर की क्षमताओं के निर्माण के लिए शिक्षा, कौशल और अग्रणी उद्योगों के बीच सहयोग देख रहे हैं। इन आईआईएस की अवधारणा का विचार स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सिंगापुर के तकनीकी शिक्षा संस्थान की अपनी यात्रा के दौरान दिया था, जो विद्यार्थियों को नौकरियों और करियर में उन्नति के लिए तैयार करने वाले अग्रणी संस्थानों में से एक है। इसी तरह, मौजूदा कौशल इकोसिस्टम में प्रशिक्षण मानकों को उन्नत करने के लिए देश में भारतीय कौशल संस्थानों की स्थापना की जा रही है।

प्रधान ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर, भारतीय कौशल संस्थान, कानपुर, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और डसॉल्ट एयरक्राफ्ट सर्विसेज इंडिया के बीच सहयोग, कौशल विकास के भविष्य को दिशा देने और भारत के युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। उन्होंने कहा कि पहली बार शैक्षणिक संस्थान, कौशल संस्थान और उद्योग युवाओं को प्रमाणित करने और उन्हें भविष्य के अनुरूप बनाने के प्रयासों में तालमेल बनाने के लिए मिलकर कार्य कर रहे हैं।

श्री प्रधान ने आगे कहा कि इस सहयोग के अंतर्गत भविष्य के पाठ्यक्रम हमारे देश के युवाओं और कार्यबल के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का उपहार है। उन्होंने कहा कि यह सहयोग उत्तर प्रदेश के रक्षा गलियारे से पैदा होने वाले अवसरों का लाभ उठाने के साथ-साथ एयरोस्पेस, विमानन एवं रक्षा क्षेत्रों में कौशल, अप-स्किलिंग, रोजगार और उद्यमिता के नए अवसर पैदा करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने साझेदारी की सराहना करते हुए कहा कि यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि हम आज भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) कानपुर के लिए तीन समझौता ज्ञापनों के आदान-प्रदान के साथ भारतीय कौशल संस्थान में क्षमताओं का निर्माण कर रहे हैं। इन साझेदारियों के साथ, हितधारक युवाओं, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए एक मजबूत नींव बनाने के लिए आधुनिक प्रशिक्षण पद्धति के साथ-साथ सर्वोत्तम श्रेणी के बुनियादी ढांचे की स्थापना की परिकल्पना की गई है। यह निश्चित है कि नए युग के पाठ्यक्रमों, रक्षा और विमानन क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और डसॉल्ट द्वारा प्रदर्शित प्रतिबद्धता से भारतीय कौशल संस्थान से जुड़े युवा कैडर को बहुत अधिक लाभ होगा।

भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) की स्थापना का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध मौजूदा कौशल संस्थानों से सर्वोत्तम तौर-तरीकों को सीखकर और उन्हें आत्मसात करके विश्व स्तरीय कौशल प्रशिक्षण केंद्रों का निर्माण करना है। संस्थान के लिए डिज़ाइन किए गए पाठ्यक्रमों को देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), कानपुर के विषय विशेषज्ञों के परामर्श से तैयार किया गया है। नियोजित मॉड्यूल आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा एनालिटिक्स, एडवांस मैन्युफैक्चरिंग, कृषि 2.0 स्मार्ट एग्रीकल्चर, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन, उद्योग 4.0 जैसे और अन्य पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ एक और महत्वपूर्ण साझेदारी के अंतर्गत, एचएएल अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के हिस्से के रूप में भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) कानपुर के नए भवन में एक सीएनसी प्रयोगशाला के लिए एक प्रशिक्षण बुनियादी ढांचा विकसित करेगा। इस पहल का उद्देश्य भारतीय कौशल संस्थान कानपुर के संकायों और प्रशिक्षुओं को उन्नत सीएनसी मशीनिंग तकनीक का अनुभव प्रदान करना है, साथ ही सुविधा भी प्रदान करना है। इसका लक्ष्य प्रशिक्षुओं के समूह के लिए प्रशिक्षण, पुनः कौशल और उन्नयन करके औद्योगिक नौकरियों के लिए बेहतर ढंग से तैयार करना है, इस प्रकार कौशल भारत पहल का समर्थन करना है। इसके अतिरिक्त, यह परियोजना एक सामान्य इंजीनियरिंग वातावरण बनाकर शिक्षा और उद्योग के बीच बेहतर सहयोग को प्रोत्साहन प्रदान करना चाहती है जो दोनों पक्षों से परिचित है, और अधिक प्रभावी जानकारी साझा करने में सक्षम है।

कुल मिलाकर, बुनियादी ढांचे के विकास के दायरे में 12 प्रयोगशालाएं, 12 कक्षाएं, बहुउद्देशीय कक्ष, खुला थिएटर, आउटडोर प्रशिक्षण क्षेत्र, सम्मेलन और चर्चा कक्ष व एक कैफेटेरिया सम्मिलित है।

इसके अलावा, डसॉल्ट एविएशन के साथ परिकल्पित साझेदारी से कानपुर में विमानन क्षेत्र में दीर्घकालिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) में वैमानिकी संरचना एवं उपकरण फिटर (एएस एंड ईएफ) में एक पाठ्यक्रम शुरू करने में सहायता मिलेगी। साझेदारी के एक हिस्से के रूप में, कानपुर परिसर में भारतीय कौशल संस्थान के नए भवन में वैमानिकी व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए डसॉल्ट वैमानिकी उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जा रहा है।

भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) में नवीनतम प्रशिक्षण सुविधाओं में सुविधा प्रदान करने और अग्रणी उद्योगों के साथ नौकरी के दौरान प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करने के लिए इन सहयोगों के माध्यम से मजबूत उद्योग और नियोक्ता संपर्क की परिकल्पना की गई है। इसके अलावा, ये साझेदारियां स्थानीय इकोसिस्टम को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के अनुकूल बनाने में सक्षम बनाकर समाज के लाभ में योगदान दे रही हैं। भारत सरकार पहले ही देश में तीन स्थानों मुंबई, कानपुर और अहमदाबाद में भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) स्थापित कर चुकी है।

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आर्मी बेस हॉस्पिटल ने संतुलन विकार और वर्टिगो रोगियों के लिए अत्याधुनिक वेस्टिबुलर लैब स्थापित की

दिल्ली कैंट स्थित आर्मी बेस अस्पताल ने एक समग्र वेस्टिबुलर प्रयोगशाला की स्थापना करके अपने पहले से ही उन्नत अस्पताल में एक और अत्याधुनिक उपचार प्रक्रिया को शामिल किया है। इस लैब की स्थापना के बाद संतुलन विकारों और वर्टिगों रोगियों को अत्यधिक लाभ होने की उम्मीद है। इस अत्याधुनिक प्रयोगशाला का उद्घाटन 7 नवंबर, 2023 को महानिदेशक चिकित्सा सेवा (सेना) और सेना चिकित्सा कोरके कर्नल कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल अरिंदम चटर्जी ने किया।

सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा महानिदेशक और सीनियर कर्नल कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह ने अत्याधुनिक समग्र वेस्टिबुलर लैब की स्थापना पर बेस अस्पताल, दिल्ली कैंट की टीम को बधाई दी। लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह ने वेस्टिबुलर विकारों का पता लगाने और उनके उपचार की दिशा में क्षमता का विकास करने तथा स्वास्थ्य सेवा का विस्तार करने के मामले में अस्पताल की सफलता की कामना की।

डीजीएएफएमएस ने कहा कि प्रयोगशाला से नई उपचार पहल के साथ-साथ ईएनटी सर्जनों के प्रशिक्षण में सर्वोत्तम प्रक्रिया शुरू होगी। डीजीएमएस (सेना) लेफ्टिनेंट जनरल अरिंदम चटर्जी ने कहा कि इस सुविधा को कई एएफएमएस ईएनटी केंद्रों में उपलब्ध कराया जाना चाहिए और बहु-विषयक अनुसंधान की क्षमता को बढ़ाया जाना चाहिए।

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डी.जी. कॉलेज छात्राओं द्वारा रैली निकाल चलाया गया सड़क सुरक्षा अभियान

कानपुर 10 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज, कानपुर में सड़क सुरक्षा अभियान के अंतर्गत सड़क सुरक्षा क्लब एवम् राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वाधान में प्रभारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में एनएसएस स्वयंसेविकाओं एवं महाविद्यालय की समस्त छात्राओं ने महाविद्यालय परिसर तथा महाविद्यालय से लेकर ग्रीन पार्क स्टेडियम तक रैली निकालकर लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागृत किया। छात्राओं ने सिविल लाइंस के मुख्य चौराहा ग्रीन पार्क चौराहा, मर्चेंट चेंबर चौराहा पर दोपहिया, तिपहिया तथा चार पहिया वाहन चलाने वाले एवम् आवागमन करने वाले लोगों को यातायात के नियमों विशेष कर सिग्नल्स, सीट बेल्ट लगाने, हेलमेट लगाने, अपनी लेने में चलने, ज़ेबरा क्रॉसिंग से सड़क पार करने व वाहन गति के संबंध में जानकारियां दी। रैली के दौरान छात्राओं ने सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा, जिंदगी नहीं इतनी सस्ती सड़क पर मत करो मस्ती जैसे नारे लगाए। महाविद्यालय प्राचार्य प्रो अर्चना वर्मा ने छात्राओं को संबोधित करते हुए स्वयं यातायात के नियमों का पालन करने के साथ-साथ अपने परिवार, आस पड़ोस के लोगों को भी यातायात के नियमों से अवगत कराने की अपील की ताकि सड़क पर होने वाले ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोककर एक्सीडेंट के कारण होने वाली मृत्यु दर को कम किया जा सके। महाविद्यालय की समस्त छात्राओं ने कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया इस दौरान सीसी इंचार्ज डॉ मनीषी पांडे, सेल्फ फाइनेंसर डायरेक्टर प्रो वंदना निगम कार्यालय अधीक्षक कृष्णेंद्र श्रीवास्तव समेत महाविद्यालय के समस्त प्रवक्ताएं तथा कर्मचारी उपस्थित रहे। सभी ने सरकार के द्वारा चलाए जा रहे हैं इस अभियान की सराहना की।

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दीये जलेंगे हर बार की तरह पर मेरी आँखों में चमक तेरे आने की ही होगी

इन आँखों को तेरा इंतज़ार ताउम्र रहेगा …दीये तो जलेंगे हर बार की तरह मगर मेरी आँखों में रोशनी सिर्फ़ तेरे आने पर ही होगी …
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वकत किसी को कभी कुछ बता कर नहीं आता ।अच्छा भी आता है बुरा भी .. कभी-कभी स्वीकारना बहुत मुश्किल होता है कुछ चीज़ें हमारे बस में होती है ,मगर कुछ पर हमारा कोई इख़्तियार नहीं होता। हालात या तो स्वीकार करने पड़ते है या लड़ना पड़ता है हालातो से।
आज कल दीवाली के आसपास यू ट्यूब भरा रहता है कि कैसे माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करे और दुनिया भर के टोटके बताये जाते है।
”माँ लक्ष्मी देवी “है हम सब की माँ है .. उन्हें हमारे दुवारा किये गये टोटके या मंत्रों से ज़्यादा हमारा सहज भाव ज़्यादा प्रिय है और वैसे भी मुक़द्दर तो पहले से तय है। आज लोगों के पास पैसा तो बहुत आ गया मगर ज्ञान ,मर्यादाएँ , पवित्रता कहीं धूमिल होती नज़र आ रही है।
दीवाली 🪔
पर मैं यही कहना चाहती हूँ जो भी मिल रहा है दुख या सुख सहजता से स्वीकार करे क्योंकि जो हो रहा है, रब की ही रजा से हो रहा होता है। कोशिश यही होनी चाहिए कि हमारे आसपास परिवार या रिश्तेदार हर इक घर में ख़ुशी का दीपक 🪔 जल रहा हो।मंदिर या किसी धार्मिक स्थानों में देने की जगह ..हम जीते जी इन्सान या जीवों का ख़याल करे हम सब मे उसी ईश्वर का वास है अगर अपने आसपास किसी एक को भी ख़ुश कर दिया तो समझ लीजिए रब राज़ी कर लिया।ख़ासतौर पर औरतों की रक्षा .. माँ बहन ..अपनी या किसी और की बेटी के सर पर हाथ …और बजाय माँ लक्ष्मी की मूर्ति पर चुन्नी चढ़ाने के यदि हम किसी बेटी के आँचल की रक्षा कर सके ,तो समझना दिवाली हो गई।माँ लक्ष्मी अपने आप ही आप पर प्रसन्न हो जायेगी। बाहर के दीये सुबह तक रोशनी तो दे सकते हैं मगर मन में रोशनी नहीं दे सकते।पटाखे की जगह किसी के घर का चूल्हा जल जाये तो दीवाली शुभ ही समझें और अगर किसी की मुस्कुराहट की वजह अगर आप बन गए तो समझ लीजिए माँ लक्ष्मी आप पर प्रसन्न है
…शुभ दीवाली..
लेखिका स्मिता ✍️

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केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने खान स्टडी ग्रुप (केएसजी) संस्थान पर भ्रामक दावों का विज्ञापन करने के लिए 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने खान स्टडी ग्रुप (केएसजी) पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। केएसजी पर यह जुर्माना भ्रामक विज्ञापन देने और अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए लगाया गया है। यह निर्णय देश भर में उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए लिया गया।

मुख्य आयुक्त निधि खरे और आयुक्त अनुपम मिश्रा की अध्यक्षता में सीसीपीए ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के उल्लंघन को देखते हुए खान स्टडी ग्रुप (केएसजी) के विरुद्ध भ्रामक दावों का विज्ञापन करके भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए आदेश जारी किया है।

प्रत्येक वर्ष संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम आने पर विभिन्न आईएएस कोचिंग संस्थान सफल उम्मीदवारों को अपने छात्र होने का दावा करते हुए एक विज्ञापन जारी करते हैं। कोचिंग संस्थान संभावित उम्मीदवारों को प्रभावित करने के लिए टॉपर्स और सफल उम्मीदवारों की तस्वीरों और नामों का उपयोग करते हैं, ऐसे उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रमों या उनके द्वारा भुगतान की गई फीस और पाठ्यक्रम की अवधि का खुलासा किए बिना।

इसलिए, सीसीपीए ने स्वत: संज्ञान लिया और विभिन्न आईएएस कोचिंग संस्थानों को नोटिस जारी किए। खान स्टडी ग्रुप उनमें से एक है।

खान स्टडी ग्रुप ने अपने विज्ञापन में निम्नलिखित दावे किए-

  1. 933 चयनित छात्रों में से 682 केएसजी से हैं।
  2. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के सभी शीर्ष 5 सफल उम्मीदवार केएसजी से हैं।
  3. इशिता किशोर एआईआर 1 यूपीएससी 2022 केएसजी से हैं।
  • IV. सामान्य अध्ययन और सीसैट के लिए भारत में सर्वश्रेष्ठ आईएएस कोचिंग संस्थान।

सीसीपीए ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया कि केएसजी ने विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रमों का विज्ञापन दिया, लेकिन यूपीएससी परीक्षा 2022 में विज्ञापित सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम के संबंध में जानकारी उक्त विज्ञापन में छिपाई गई थी। इसी आधार पर केएसजी को दिनांक 03.08.2023 को नोटिस जारी किया गया था।

संस्थान ने अपने जवाब में कहा कि केएसजी द्वारा दिए गए विज्ञापन में दिखाए गए 682 सफल उम्मीदवारों में से 674 ने मॉक इंटरव्यू प्रोग्राम दिया जो एक नि:शुल्क कार्यक्रम है।

सीसीपीए को उपभोक्ताओं के एक वर्ग के अधिकारों की रक्षा, प्रचार और लागू करने का काम सौंपा गया है और इसलिए डीजी (जांच) सीसीपीए से इस मामले में विस्तृत जांच का अनुरोध किया गया था। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि 682 में से केवल 8 सफल उम्मीदवारों ने अतिरिक्त पाठ्यक्रमों के लिए मार्गदर्शन लिया, वह भी पहले के वर्षों में। इस तथ्य को उनके विज्ञापनों में प्रकट नहीं किया गया था, जिससे उपभोक्ताओं को यह विश्वास करने में धोखा दिया गया कि ऐसे सफल उम्मीदवार उक्त संस्थान को अपनी सफलता का श्रेय देते हैं।

सीसीपीए ने पाया कि यूपीएससी सीएस परीक्षा 2022 के सभी 5 टॉपर्स इशिता किशोर (एआईआर-1), गरिमा लोहिया (एआईआर-2), उमा हरथी एन (एआईआर-3), स्मृति मिश्रा (एआईआर-4) और मयूर हजारिका (एआईआर-5) ने खान स्टडी ग्रुप से केवल मॉक इंटरव्यू लिया था, जो नि:शुल्क था।

केएसजी को विज्ञापन में उनकी तस्वीरों को प्रमुखता से लगाकर सफल उम्मीदवार के प्रयासों और सफलता का पूरा श्रेय लेते हुए पाया गया है। यह सामान्य ज्ञान है कि एक सफल उम्मीदवार की रैंक लिखित परीक्षा के साथ-साथ साक्षात्कार में प्राप्त स्कोर पर आधारित होती है। इस प्रकार यूपीएससी के संभावित उम्मीदवार भ्रामक विज्ञापनों से आकर्षित हो सकते हैं।

पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) द्वारा जारी संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की 23 मई, 2023 की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के लिए कुल 11,35,697 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था, जिनमें से कुल 13,090 अभ्यार्थियों ने सितंबर, 2022 में आयोजित लिखित (मुख्य) परीक्षा में उपस्थित होने के लिए अर्हता प्राप्त की। इसके अतिरिक्त कुल 2,529 उम्मीदवारों ने परीक्षा के व्यक्तित्व परीक्षण के लिए अर्हता प्राप्त की। अंत में, विभिन्न सेवाओं में नियुक्ति के लिए आयोग द्वारा कुल 933 उम्मीदवारों की सिफारिश की गई थी। इसलिए, एक प्रबल संभावना मौजूद है कि सीएसई 2022 के व्यक्तित्व परीक्षण के लिए चुने गए 2,529 उम्मीदवारों में से, प्रत्येक 3 में से 1 ऐसे चयनित उम्मीदवार सीएसई में अंतिम चयन में जगह बनाएंगे।

यह एक सर्वविदित तथ्य है कि सिविल सेवा परीक्षा के सफल उम्मीदवारों को परीक्षा के सभी 3 चरणों को पास करना होता है, यानी प्रीलिम्स, मुख्य परीक्षा और व्यक्तित्व परीक्षण (पीटी)। जबकि प्रीलिम्स एक स्क्रीनिंग टेस्ट है, मुख्य परीक्षा और व्यक्तित्व परीक्षण दोनों में प्राप्त अंकों को अंतिम रूप से चयनित होने के लिए गिना जाता है। मुख्य परीक्षा और पीटी के लिए कुल अंक क्रमशः 1750 और 275 हैं। इस प्रकार कुल अंकों में व्यक्तित्व परीक्षण का योगदान 13.5 प्रतिशत है। उम्मीदवार पहले ही प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा पास कर चुके थे, जिसमें खान स्टडी ग्रुप का कोई योगदान नहीं था। इस महत्वपूर्ण तथ्य को छिपाकर इस तरह के झूठे और भ्रामक विज्ञापन उन उपभोक्ताओं पर गंभीर प्रभाव डालते हैं जो यूपीएससी के संभावित उम्मीदवार हैं, उन्हें यह बताए बिना कि खान स्टडी ग्रुप ने केवल ऐसे सफल उम्मीदवारों को मार्गदर्शन की पेशकश की थी जिन्होंने पहले ही यूपीएससी परीक्षा की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी। इस प्रकार, विज्ञापन ने उपभोक्ता के सूचित होने के अधिकार का उल्लंघन किया है ताकि अनुचित व्यापार व्यवहार के खिलाफ स्वयं को बचाया जा सके।

विज्ञापन को वैध और कपटपूर्ण तब नहीं माना जाता है जब यह उत्पादों या सेवाओं की उपयोगिता को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करके उपभोक्ताओं को गुमराह नहीं करता है। विज्ञापन को तथ्यों का सच्चा और ईमानदार प्रतिनिधित्व करना चाहिए, इस तरह से प्रकटीकरण करना चाहिए कि वे स्पष्ट, महत्वपूर्ण हों और देखने वालों के लिए इसको चूकना काफी मुश्किल हो। वर्ष 2022 में सीसीपीए ने भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम और भ्रामक विज्ञापनों की स्वीकृति के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे, जिसमें गैर-भ्रामक और वैध विज्ञापन के लिए शर्तों का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है।

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आरपीएफ ने ऑपरेशन ‘नन्हे फरिश्ते’ के तहत अक्टूबर माह में 601 से अधिक बच्चों को उनके परिवारों से मिलाया

आरपीएफ यात्रियों की सुरक्षा, संरक्षा और आराम सुनिश्चित करने का काम पूरी जिम्मेदारी से कर रहा है।

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) रेलवे संपत्ति, रेलवे प्लेटफॉर्मों तथा स्टेशनों के अन्य क्षेत्रों के साथ ही यात्रियों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह बल यात्रियों की सुरक्षा, संरक्षा और आराम के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है।

अक्टूबर 2023 में भी आरपीएफ ने अपनी इस प्रतिबद्धता को पूरा करने के साथ ही अपने ग्राहकों को विश्वसनीय माल ढुलाई सेवा प्रदान करने में भारतीय रेलवे की मदद की।

आरपीएफ ने महती सुरक्षा उपायों और अपराध होने पर उनकी बखूबी जांच कर देश भर में फैली रेलवे की विशाल संपत्ति की सुरक्षा का काम पूरी सफलता से अंजाम दिया।

अक्टूबर 2023 के दौरान आरपीएफ की उपलब्धियों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है –

ऑपरेशन “नन्हे फरिश्ते” – खोए हुए बच्चों को बचाना: मिशन “नन्हे फरिश्ते” के तहत, आरपीएफ ने 601 से अधिक बिछड़े हुए बच्चों को उनके परिवारों से मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ये बच्चे अलग-अलग वजहों से अपने परिवारों से बिछड़ गए थे। आरपीएफ ने उन्हें उनके परिवारों से मिलाने के लिए अथक प्रयास किया।

मानव तस्करी विरोधी प्रयास (ऑपरेशन एएएचटी): आरपीएफ की मानव तस्करी विरोधी इकाइयों (एएचटीयू) ने देशभर में भारतीय रेल के स्टेशनों पर मानव तस्करों की योजनाओं को विफल करने के लिए लगातार काम किया। अक्टूबर 2023 में आरपीएफ ने 39 लोगों को तस्करों के चंगुल से बचाया।

ऑपरेशन “जीवन रक्षा”-जीवन बचाना: ऑपरेशन ‘जीवन रक्षा’ के तहत अक्टूबर 2023 में आरपीएफ की सतर्क और त्वरित कार्रवाई से प्लेटफॉर्म और रेलवे ट्रैकों पर ट्रेन के नीचे आने से पहले ही करीब 262 यात्रियों की जान बचाई गई।

महिला यात्रियों को सशक्त बनाना – “मेरी सहेली” पहल: आरपीएफ ने महिला यात्रियों की सुरक्षा को पूरी गंभीरता से लेते हुए “मेरी सहेली” पहल शुरू की है। अक्टूबर 2023 के दौरान, 232 “मेरी सहेली” टीमों ने 13,664 ट्रेनों में 423,803 महिला यात्रियों की सुरक्षित यात्रा को सुनिश्चित किया। इसके अलावा आरपीएफ ने महिलाओं के लिए आरक्षित कोचों में सवार पाए गए 5,722 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की।

दलालों पर नकेल कसना (ऑपरेशन “उपलब्ध”): दलालों के खिलाफ कार्रवाई में, आरपीएफ ने अक्टूबर 2023 में 490 लोगों को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की। इसके अतिरिक्त, उन्होंने 42 अवैध सॉफ्टवेयर के साथ ही 43.96 लाख रुपये मूल्य के अगली तिथियों के टिकट भी जब्त किए।

ऑपरेशन “नार्कोस” – नशीली दवाओं से जुड़े अपराधों का मुकाबला: आरपीएफ ने एक सराहनीय प्रयास में,  अक्टूबर 2023 के दौरान 99 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर उनसे 5.99 करोड़ रुपये मूल्य के नशीले पदार्थ जब्त किए। इन अपराधियों को कानूनी कार्रवाई के लिए अधिकार प्राप्त एजेंसियों को सौंप दिया गया।

यात्रियों की चिंताओं पर तत्काल ध्यान देना: आरपीएफ ने रेल मदद पोर्टल और हेल्पलाइन (नंबर 139 आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली नंबर 112 के साथ एकीकृत) के जरिये यात्रियों की सुरक्षा संबंधी शिकायतों का तुरंत समाधान किया। आरपीएफ को अक्टूबर 2023 में इस तरह की 30,300 से अधिक शिकायतें मिलीं जिन्हें हल करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की गई।

ऑपरेशन “यात्री सुरक्षा” – यात्रियों की सुरक्षा: आरपीएफ रेल यात्रियों के खिलाफ अपराधों को रोकने और उनका पता लगाने में पुलिस की मदद करता है। अक्टूबर 2023 में, आरपीएफ ने यात्रियों के खिलाफ अपराधों में शामिल 256 अपराधियों को गिरफ्तार किया और उन्हें संबंधित जीआरपी/पुलिस को सौंप दिया।

“ऑपरेशन संरक्षा” के माध्यम से सुरक्षा सुनिश्चित करना: यात्री सुरक्षा और रेल सेवाओं की सुरक्षा के प्रयास के तहत आरपीएफ ने अक्टूबर 2023 में चलती ट्रेनों पर पथराव करने वाले 33 लोगों को गिरफ्तार किया।

जरूरतमंदों की सहायता (ऑपरेशन सेवा): आरपीएफ ने अक्टूबर 2023 में अपनी रेल यात्रा के दौरान 272 बुजुर्ग, बीमार या घायल यात्रियों को मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए सहायता प्रदान की।

अवैध माल परिवहन पर अंकुश (ऑपरेशन सतर्क): “ऑपरेशन सतर्क” के तहत, आरपीएफ ने 10,33,149 रुपये कीमत के अवैध तंबाकू उत्पाद जब्त किए और 26,12,656 रुपए की अवैध शराब के साथ 127 लोगों को गिरफ्तार किया और उन्हें संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सौंप दिया गया।

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महिला मतदाता लोकतंत्र की भाग्य विधाता – दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज में चलाया गया फर्स्ट टाइम वोटर जागरूकता अभियान

कानपुर 10 नवम्बर भारतीय स्वरूप संवाददाता, डी जी कॉलेज, कानपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं महाविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से शासन द्वारा संचालित “SVEEP” योजना के अंतर्गत *मतदाता जागरूकता अभियान* एवं *वोटर रजिस्ट्रेशन हेतु फर्स्ट टाइम वोटर अवेयरनेस अभियान* का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं को उनके मताधिकार के प्रति जागरूक करना तथा 18 वर्ष एवं उससे अधिक आयु की समस्त छात्राओं का वोटर रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करना रहा। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की समस्त छात्राओं ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया। इस दौरान एक पोस्टर तथा स्लोगन लेखन प्रतियोगिता भी आयोजित की गई।
प्राचार्या प्रो अर्चना वर्मा जी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि अपने मताधिकार का प्रयोग करके हम अपने भविष्य के निर्माण तथा एक विकसित एवम् उत्तम राष्ट्र बनाने में एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते सक्रिय भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं।
कार्यक्रम की संयोजिका, राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संगीता सिरोही ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सशक्त जनाधार का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। मतदाता जागरूकता के इस अभियान में महाविद्यालय की समस्त प्रवक्ताओं, कर्मचारियों की उपस्थिति सराहनीय रही। कार्यालय अधीक्षक कृष्णेंद्र श्रीवास्तव का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ। उन्होंने छात्राओं के द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान की प्रशंसा करते हुए उन्हें फर्स्ट टाइम वोटर बनने हेतु बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में भारत के संविधान दिवस की प्रस्तावना के रूप में भारतीय संविधान: अपेक्षाएं एवं वास्तविक चलन विषय पर व्याख्यान आयोजित

कानपुर 9 नवम्बर भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च कॉलेज में भारत के सविधान दिवस की प्रस्तावना के रूप में "भारतीय संविधान: अपेक्षाएं एवं वास्तविक चलन (Practices)" विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया।

कार्यक्रम की शुरुआत मेंकार्यक्रम की संयोजिका विभा दीक्षित ने अतिथियों का स्वागत और व्याख्यान के विषयवस्तु के परिचय से किया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्रिंसिपल औरसचिव, प्रोफेसर जोसेफ डैनियल ने भारत में संविधान के महत्व और प्रासंगिकता पर बहुतयुक्तिपूर्ण टिप्पणियाँ साझा कीं। उन्होंने भारतीय संविधान के मूल्य और पवित्रता को बनाए रखने में संविधान एवं कानून निर्माताओं के संघर्ष और योगदान पर प्रकाश डाला. मुख्य अतिथि वक्ता वीएसएसडी कॉलेज के विधि विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर ए.बी. जायसवाल ने कानूनविद के दृष्टिकोण से एक बहुत ही अर्थपूर्ण व्याख्यान दिया।

उन्होंने भारतीय संविधानकी 75 वर्षों के कालयात्रा की विशिष्टता, गतिशीलता और अनुकूलनशीलता पर गंभीर चर्चाकी। प्रोफेसर आशुतोष सक्सेना ने सत्र की अध्यक्षीय व्याख्यान में कहा कि संविधान केवलसरकार चलाने के लिए एक कोड बुक नहीं है, बल्कि इसका लोकतंत्र के सभी स्तंभों द्वारा उचित व्याख्या करते हुए सही दिशा में निर्णय लेने एवं कार्यान्वयन की आवश्यकता है.
संवैधानिक सरकार को अपने व्यवहार में संविधान के मूल दार्शनिक मूल्यों, अपेक्षाओं और समय के साथ बदलाव को अपनाना चाहिए। कार्यक्रम की आयोजक समिति में हिना अज़मत, अर्चना वर्मा, साक्षी, इशिता, विवेक और अमित शामिल थे। विद्यालय के सभी शिक्षक एवं छात्रों ने बड़ी रुचि के साथ वार्ता में भागीदारी की.

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दीपावली: अज्ञान पर ज्ञान के प्रकाश की विजय का पर्व -डॉ.दीपकुमार शुक्ल (स्वतन्त्र टिप्पणीकार)

अन्तर्मन में व्याप्त अज्ञान के तम को ज्ञान के प्रकाश से आलोकित किये बिना प्रकाश पर्व का कोई अर्थ नहीं है| ऐसी मान्यता है कि रावण को मारकर अयोध्या लौटे श्रीराम के आगमन पर नगरवासियों ने दीप श्रृंखलाएं प्रज्ज्वलित करके अपनी प्रसन्नता व्यक्त की थी| वह कार्तिक मास की अमावस्या का दिन था| तभी से प्रतिवर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली का त्यौहार मनाया जाने लगा| श्रीराम को ज्ञान का प्रतिरूप तथा जगत का प्रकाशक बताया गया है| वहीँ रावण अहंकार रुपी अन्धकार का प्रतीक माना जाता है| इस दृष्टि से रावण पर राम की विजय अन्धकार पर प्रकाश की विजय का द्योतक है| रावण महापण्डित होते हुए भी अज्ञान के वशीभूत होकर अंहकार से युक्त रहा| जिसका परिणाम यह हुआ कि भौतिक प्रगति के उच्चतम शिखर पर पहुँच कर सोने की लंका का स्वामी बनने के बाद उसे पराभव के सबसे न्यूनतम बिन्दु पर आना पड़ा| वह भी एक वनवासी के हाथों| भौतिक प्रगति की प्रतिस्पर्धा जब अन्धी दौड़ बन जाती है तब ज्ञान का अलोक अज्ञान के तिमिर में कब बदल जाये इसका पता तक नहीं चलता| इसके साथ ही कर्तापन का अहंकार कब इस अन्धकार को घनघोर अन्धकार में परिवर्तित कर देगा, इसका भी भान व्यक्ति को नहीं हो पाता| घनघोर अन्धकार अर्थात जब आँख अपनी सम्पूर्ण शक्ति लगाने के बाद भी अपने ही शरीर के अंगों को नहीं देख पाती है, तब हम यह सुनिश्चित नहीं कर सकते कि हम किस दिशा में और कहाँ जा रहे हैं| कदाचित अज्ञान की भी यही स्थिति है| जिसके वशीभूत होकर प्रायः व्यक्ति अनुचित मार्ग का अनुकरण कर बैठता है| जो अक्सर उसे पराभव के सबसे निचले स्तर पर ले जाकर खड़ा कर देता है| वहीँ जब कोई व्यक्ति ज्ञान के प्रकाश में प्रगति के सोपान चढ़ता है तो भले ही वह उच्चतम शिखर को न प्राप्त कर सके परन्तु पराभव की सम्भावना से सदैव मुक्त रहकर स्थाईत्व को अवश्य प्राप्त कर लेता है| प्रतिवर्ष दीपावली का पर्व यही सन्देश लेकर आता है| परन्तु कई बार प्रकाश के अतिरेक की चकाचौंध भी दिग्भ्रमित कर देती है| प्रकाश अन्धकार की समस्या का समाधान है| परन्तु यह भी सर्वविदित है कि प्रकाश की अधिकता से आखें चौंधिया जाती हैं| वह स्थिति भी अन्धकार से भिन्न नहीं होती, जिसमें कुछ भी देख पाना सम्भव नहीं है|

प्रतिस्पर्धा के चलते दीपावली की चकाचौंध साल दर साल बढ़ रही है| गाँव से लेकर महानगरों तक हर कोई प्रकाश की इस प्रतिस्पर्धा में आगे निकलना चाहता है| लेकिन घर-आंगन की सजावट से लेकर खान-पान तक, सब में मंहगाई का ग्रहण लगा हुआ है| जिसके कारण अब इसे अमीरों का त्यौहार कहा जाने लगा है| क्योंकि जिस गति से देश में मंहगाई बढ़ रही है उस गति से लोगों की आमदनी नहीं बढ़ रही है| अतएव आम आदमी के लिए रोजमर्रा के खर्चों को पूरा कर पाना मुश्किल हो रहा है| ऐसे में रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा और स्वास्थ्य आदि बुनियादी जरूरतें पूरी करके दीपावली जैसे खर्चीले त्योहारों के लिए पैसा बचा पाना अत्यन्त कठिन दिखाई देता है| बीते 75 वर्षों से गरीबी हटाओ का नारा दिया जा रहा है| लेकिन गरीबी है कि हटने का नाम ही नहीं ले रही है| उलटे गरीबी का ग्राफ साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है| गरीबी और बेरोजगारी के अभिशाप से अभिशप्त लोगों के लिए क्या दीवाली और क्या होली| कोई कितना भी बड़ा दावा क्यों न करे किन्तु देश की एक बड़ी आबादी ऐसी है जो अपनी बुनियादी जरूरतों को भी पूरा करने की स्थिति में नहीं है| लेकिन इस दिशा में कुछ भी ठोस होते हुए दिखाई नहीं दे रहा है| खोखली बातें, खोखले वादे, खोखले दावे और जुमलेबाजी आज की राजनीति का शगल बन गया है| दीवाली हो या होली, शायद ही कोई ऐसा त्यौहार हो, जब हमारे नीति नियन्ताओं की ओर से बधाई के बड़े-बड़े सन्देश वैनर-पोस्टर से लेकर पत्र-पत्रिकाओं तक में न दिये जाते हों| इससे आम जन के प्रति उनकी सहृदयता तथा निष्ठा का पता चलता है| परन्तु यह भी किसी से छुपा नहीं है कि आम जन की स्थिति को सुधारने के लिए धरातल पर किया क्या जा रहा है| गरीबी के आगोश में बढ़ती बेरोजगारी और उस पर मंहगाई का दंश, जिसने देश की एक बड़ी आबादी का भविष्य पूरी तरह से अन्धकारमय बना दिया है| इस अन्धकार को मिटाने के लिए प्रकाश की जिस किरण की आवश्यकता है, उसकी पूर्ति दीपावली की जगमगाहट से नहीं हो सकती है| उलटे हर दीवाली इस अन्धकार को और भी अधिक गहरा कर जाती है| आज जब आरोप-प्रत्यारोप, छींटाकशी और जुमलेबाजी के बल पर सत्ता हांसिल करने की घुड़दौड़ चल रही हो तब गरीबी और बेरोजगार के लिए समुचित नीति बनाकर, उसे क्रियान्वित करने की जहमत भला कौन उठाएगा| अब तो आम आदमी को स्वयं ही इस दिशा में सोचना होगा| वह भी गम्भीरता पूर्वक| विशेष रूप से उन लोगों को, जिन्होंने ‘कोउ नृप होउ हमहि का हानी’ को जीवन का मूल मन्त्र बनाकर स्वयं को देश और समाज से विमुख कर लिया है| दीपावली तो प्रतिवर्ष आती है, आती रहेगी| लेकिन देश में गरीबों की संख्या साल दर साल बढ़ते हुए एक दिन इतनी अधिक हो जायेगी कि दीवाली की रात अमीरों के घरो को छोड़कर पूरा देश अन्धकार के आगोश में डूबा हुआ दिखाई देगा| अमीरों के बच्चे पटाखे फोड़ेंगे और गरीबों के बच्चों के दिल टूटेंगे| कुछ घरों में तो पकवानों का ढेर लगा होगा| परन्तु अनगिनत परिवार रोटी तक को तरसेंगे| अतः हमें ज्ञान का ऐसा प्रकाश बिखेरने की महती आवश्यकता है जो गरीबी और बेरोजगारी का अन्धकार समाप्त कर सके| परन्तु समाज को भौतिक प्रगति की अन्धी दौड़ से मुक्त रखकर|

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