🪔 दीवाली दीयो का उत्सव ,रोशनी का त्योहार बहुत ही ख़ूबसूरत। सारे परिवार मे इक ख़ुशी की लहर। मीठी मीठी ठण्ड की शुरूवात बाज़ारों की रौनक़,पटाखों, मिठाईयो की दुकानों के बाहर लम्बी क़तारें , हर कही चहल पहल ,बच्चे बड़े बुजुर्ग सभी को बेसब्री से इसका इन्तज़ार भी रहता है नये कपड़े ,नये खिलौने, ख़ूब सारे पकवान। ये सब हमारे भारत मे ही होता है उस रात पूरा देश जगमगा रहा होता है।
दोस्तों !ख़ुशक़िस्मत है वो जो इस दिन अपने सारे अरमान पूरे कर पाते है। कुछ लोग हज़ारों लाखों के पटाखे जला डालते है और किसी के पास कुछ फुलझड़ियाँ एक दो अनार या फिरकी ही होती है और कुछ ऐसे होते जो सिर्फ़ दूसरे के घरों मे जल रहे पटाखों से ,उनकी घरों की रोशनी देख कर ख़ुश हो रहे होते है।
भारत 🇮🇳 को छोड़े हुये मुझे इक ज़माना बीत गया मगर दीवाली की यादें आज भी इक दम ताज़ा है जैसे कल की ही बात हो। याद है मुझे आज भी वो दिवाली का दिन।इंग्लैंड आने के बाद इक बार दीवाली मनाने का सौभाग्य मुझे भी मिला।ख़ूब पटाखे ख़रीदे .कपड़े ख़रीदे ,खाने पीने का सामान।ख़ूब शापिंग की।सोचा ख़ूब मज़े करूँगी परिवार के साथ।
फिर भी मन में इक अजीब सी उदासी सी थी ।हुआ यू ,मैंने सुबह अपनी गली मे इक औरत को देखा था।जो बेहद गरीब।घर से भी दुखी .. और अपने शरीर से भी ।जब वो सब के घरों का कूड़ा
इकट्ठा करती,तो ग़ुस्से मे किसी न किसी को कुछ कह भी देती।सब आस पडोस के लोग उसकी बातें करते कि इसका सुबह मुँह देख लो तो सारा दिन ख़राब निकलता है वग़ैरह वग़ैरह।
मैं सोच रही थी ,उसका क्या क़सूर है जहां जिसको जन्म मिलता है ।उसको वैसे ही रहना पड़ता है ।कोई नही चाहता ,जब तेज गर्मी मे सभी लोग दोपहर को ऐ सी मे बैठे ठण्डी हवा ले रहे हो और उन्हें सड़ती गर्मी मे लोगों के घर का कूड़ा करकट उठाना पड़ता हो।
ज़रा सोचो दोस्तों रब न करे, किसी को ऐसे काम करना पड़े तो क्या बीते।दिल ने कहा इस बार कुछ अलग से किया जाये मैं फिर से मार्केट गई अपने ड्राइवर के साथ ।कुछ कपड़े ,कुछ घर का राशन ,मिठाई और कुछ पटाखे और इक डिब्बी मे सोने के झूमके,जो मैं बहुत बड़े होने की वजह से कभी पहन ही नही पाई थी ,को पैक करवाया और घर आ गई और बेसब्री से उस औरत का इन्तज़ार करने लगी।पता था मुझे कि वो शाम को भी कूड़ा करकट उठाने आती थी ।थोड़ी देर मे ही उसकी बेटी दिखाई दी ।मैंने पूछा आज तुम्हारी अम्मां कहाँ हैं ?वो कहने लगी वो बैठी है पेड के नीचे।थकी है बेचारी।अब उम्र के कारण कुछ बीमारी के कारण थक जाती है अम्मां ।मैं सोचने लगी अम्मां किसी की भी हो ,आराम का हक़ उम्र के साथ सब का होता है मगर ये अम्मां अब भी इतना सख़्त काम कर रही है रोज़ी रोटी के लिये।
मैंने कहा !
मिलना था मुझे उनसे। उनकी बेटी हैरान थी कि मैं कयूं मिलना चाह रही हूँ ।बोली दीदी !आज सुबह ही आप के घर का कूड़ा तो उठा ले गये है,
और भी है क्या ? तो मैं ले जाती
हूँ ।मैंने कहा !
नही नही ऐसा कुछ नही।तुम अपनी अम्मां को बुलवा लाओ।लड़की ने अम्मां को आवाज़ें दी तो
थोड़ी देर के बाद मेरे पास धीरे धीरे चलती अम्मां भी आ गई।
मैंने देखा धूल से लथ पथ शरीर ,बिखरे बाल ,नंगे पैर ,होंठ धूप और प्यास के कारण सूखे पड़े थे ।सिहर उठी मैं।सबसे पहले मैंने अपनी चप्पल निकाल कर उसे पहना दी।पानी पिलाया और उसे बिठा कर कहा !अम्मां पहले थोड़ा साँस ले लो।फिर मैंने सब कुछ उसकी झोली में रख दिया ,जो मैं उसे देने के लिये बाज़ार से लाई
था।वो हैरान कि इतना सामान ।मैने सारा सामान उसके ठेले पर रखवाया।तब मैंने उसे वो डिब्बी धीरे से थमा दी और कहा !अम्मां रख ले इसे ।तुम्हारी बेटी की शादी मे काम आयेंगी ।डिब्बी को खोल कर वो रो पड़ी कहने लगी !
मैं तो साफ़ सफ़ाई करने वाली, कूड़ा उठाने वाली आप इतने क़ीमती झूमके मुझे कयूं दे रही है ।मैंने हंस कर कहा !इसीलिए ही दे रही हूँ ।
हम लोग जो समाज मे बहुत सभ्य कहलाते है हम गंद डालते है।कूड़ा फैकंते है ,और आप है जो हमारा फैंका हुआ कूड़ा उठाती है हमारी सफ़ाई करती हैं ।मैंने कहा अब बताओ अम्मां ।कौन बड़ा,या कौन उंचा।कूड़ा फेंकने वाला या उसे उठा कर सफ़ाई करने वाला।वो निशब्द सी लगातार रो रही थी।मैंने उसका हाथ अपने हाथ में पकड़ा और कहा !अब मुझे अपने मुख का दर्शन भी करा दे जो उसने पूरी तरहा से ढँक रखा था।उसने रोते रोते अपने मुख से कपड़ा हटा दिया।
दोस्तों !
आप यक़ीन नहीं करेंगे
जब मैंने उसे देखा ..मुँह आंसूओ से जैसे धुल चुका था।मैंने उसे उपर से नीचे तक निहारा तो लगा इसमे भी रब का वास है ।ये भी इक सुन्दर आत्मा है जो बाहर सब का कूडा करकट साफ़ करती करती ख़ुद इक साफ़ सुन्दर आत्मा हो चुकी
है।मैंने उसके हाथों में कुछ पैसे थमा दिये।
उस वक़्त उस औरत ने जिसे लोग “जमादारनी “कहते है ,ने मुझ पर आशीर्वादो की झंडी ही लगा दी ।बहुत कुछ कहती रही …कहती गई कहने लगी कि “तेरी आत्मा का नूर तेरे चेहरे को हमेशा रौशन करता रहे “यही अल्फ़ाज़ थे दोस्तों!
जो मेरे कानों मे अकसर गुंजन करते है।
मैने कहा !अम्मां ऐसा भी क्या दे दिया मैंने।सब ही देते है।ये तो कुछ भी नही।कहने लगी !बेटी बात चीजो की नही ।बात सम्मान की है जो तुम मुझे दे रही हो।
उस वक़्त मुझे लगा कि मैंने सच मे ही लक्ष्मी पूजन कर लिया और मां का आशीर्वाद भी ले लिया।
शुक्रगुज़ार हूँ रब की🙏 कि मुझे उसने ये वो इक लम्हा दिया। अगले साल मुझे पता लगा।बेचारी कैंसर से लड़ती लड़ती इस दुनिया से जा चुकी थी।
ये बात जो सच है को शेयर करने का मेरा मकसद ..अपनी तारीफ़ बटोरना बिलकुल भी नहीं है ।सभी देते है और बहुत कुछ करते भी
है ।मेरे लिए ये लम्हा एक ऐसा था।आज भी सोचती हूँ तो रोमांचित हो जाती हूँ ।बात तो आनन्द की है ,कहीं से भी मिल सकता है ।रब सब में है।सिर्फ़ देखने की आँख चाहिए।हर इक चलते फिरते जीव में उसका वास है ।कोई छोटा नहीं और कोई बड़ा नहीं ।
दोस्तों !
इस बार दीवाली को अलग किसी और भी तरीक़े से मनाये .. आसपास मे कोई बच्चे ,जो चीजो के लिये तरस रहे है उनकी ख़ुशी का साधन बटोरें। मेरा यक़ीन है बच्चे गणेश रूप ही होते है ,अगर हम अपने आसपास के बच्चों को ख़ुशी दे पायें ,तो यकीनन ही देव गणेश आप के इस करम से आवश्यक ही प्रसन्न हो जायेगे। हमारे आसपास ही देवी देवता रहते है मगर हम मंद बुद्धि के कारण उन्हें पहचान नही पाते।
दोस्तों !
उस रात लोग पटाखे और जूआ खेलते है ।हम कितना पैसा बर्बाद कर देते है पटाखे का धूआँ तो वैसे भी वातावरण को दूषित ही करता है जो हम सब की सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है।पटाखों को जलाना जैसे पैसों को जलाया जाने के बराबर है।हम हज़ारों लाखों पटाखों पर खर्च न कर अपने आसपास किसी को वो पैसे दे दे। या कोई ऐसा इन्तज़ाम कर दे ।जिससे किसी के घर मे आमदनी का रास्ता बन सके ।आप के किये गये उस उपकार से वो भी आने वाली अगली दीवाली ख़ूब ख़ुशी से मना सके।बड़ी बड़ी दुकानों की जगह जो सड़कों के किनारे सामान बेच रहे होते है ।उनसे सामान ख़रीदे ताकि उनका घर भी चल सके।
दोस्तों !
दीवाली पर हम सब मिठाई के डिब्बे ,पहले तो मिठाई की दुकान पर घंटो घंटो खड़े हो कर ख़रीदते है फिर दोस्तों के घर बाँटने जाते है जिनके घरों मे डिब्बे जाते है उनके घरों मे पहले ही कितने डिब्बे आये हुए होते है।यहाँ का डिब्बा वहां ,और वहाँ का डिब्बा यहाँ।
रजे हुये घरों मे देने की बजाये किसी ज़रूरत मंद को दे और दुआयें बटोरे।
दोस्तों !
मेरी और से आप सब को दीवाली की ढेरों शुभकामनाएँ ।ये दिवाली सब के लिये शुभ व मंगलकारी हो। हमारे मन के अन्धेरों का नाश कर हमे रोशनी की तरफ़ ले जाये इन्हीं शुभकामनाओं के साथ
हैपी दीवाली। 🙏 स्मिता
क्राइस्ट चर्च कॉलेज वूमेन सेल मिशन शक्ति के अंतर्गत रीजेंसी हॉस्पिटल के सहयोग से “स्तन कैंसर” विषय पर संगोष्ठी आयोजित
कानपुर 28 अक्टूबर, क्राइस्ट चर्च कॉलेज वूमेन सेल मिशन शक्ति तृतीय चरण के अंतर्गत रीजेंसी हॉस्पिटल कानपुर के सहयोग से “स्तन कैंसर” विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित हुई, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में रीजेंसी हॉस्पिटल के डॉ. श्वेता खन्ना डॉ. नितिन यादव ने स्तन कैंसर जो कि एक गंभीर समस्या है, उस पर अपने विचार व्यक्त किए। चिकित्सकों ने स्तन कैंसर से बचाव एवं इलाज के बारे में लोगों को अवगत कराया। बच्चों ने स्तन कैंसर पर जुड़े सवाल भी पूछे ।कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज के विमेन सेल द्वारा हुआ ।कार्यक्रम की शुरुआत उप प्रधानाचार्य डॉ. सबीना बोड्रा ने प्रार्थना के माध्यम से की । विमेन सेल की संयोजिका डॉ शिप्रा श्रीवास्तव ने सबका आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन कोऑर्डिनेटर डॉ विभा दीक्षित द्वारा किया गया अंत में मिशन शक्ति प्रभारी डॉ मीतकमल ने सब को धन्यवाद दिया कार्यक्रम में कम्युनिटी हेल्थ वर्कर के प्रमुख सरफ एवं प्रियंक ने भी अस्पताल की जानकारी दें डॉ आशुतोष, श्वेता चंद शालिनी कपूर, डॉ अंजली, आदि मौजूद रहे।
Read More »कानपुर मण्डल के नवनिर्मित क्षेत्रीय कार्यालय भवन का लोकार्पण
कानपुर27 अक्टूबर (सू0वि0) उत्तर प्रदेश राज्य भण्डारण निगम, कानपुर मण्डल के नवनिर्मित क्षेत्रीय कार्यालय भवन का लोकार्पण सहकारिता मंत्री/अध्यक्ष, उ0प्र0, राज्य भण्डारण निगम, श्री मुकुट बिहारी वर्मा ने पनकी औद्योगिक क्षेत्र में किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ सहकारिता मंत्री, श्री मुकुट बिहारी वर्मा ने दीप प्रज्जवलित कर एवं फीता काटकर किया। इस अवसर पर उन्होंने संबोधित करते हुये कहा कि उ.प्र. राज्य भण्डारण निगम मे दो सहयोगी राज्य सरकार तथा सी.डब्लू.सी. कार्यकर रहे है, जिनका इसमें 50-50 प्रतिशत का अंश है। उन्होंने बताया कि प्रारम्भ में दस-दस करोड रूपये दोनो सहयोगियों द्वारा दिया गया था तथा इसका 20 प्रतिशत की धनराशि हमको वापस दी जायेगी। उन्होंने बताया है कि साढे़ चार साल में इस भण्डारण निगम ने साढे़ सात करोड प्रदेश सरकार को व साढे़ सात करोड सी.डब्लू.सी. को वापस किया है तथा अब उ.प्र. राज्य भण्डारण निगम कर्ज मुक्त हो गया है। इस निगम की पूंजी बढ रही है और यह निगम फायदे में चल रहा है। उन्होंने कहा कि उ.प्र. राज्य भण्डारण निगम की साढे़ चार साल में भण्डारण क्षमता को आठ गुना बढाया गया है तथा सुरक्षित गेहॅू व चावल के रखरखाब को और अधिक सुरक्षित किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों को सुविधा व सहायता देने के लिये इस भण्डार निगम में अन्य भण्डार गृहों से 30 प्रतिशत कम भण्डारण का किराया लिया जाता है। इसके साथ ही निगम के समस्त स्वनिर्मित भण्डारगृहों को डब्ल्यू.डी.आर.ए. में पंजीकरण कराने की कार्यवाही प्रक्रिया शीघ्र की जायेगी, जिनमे से 32 भण्डारगृहों की पंजीकरण की कार्यवाही पूर्ण होने के उपरान्त कृषकों का भण्डारण प्रारम्भ हो चुका है तथा उक्त भण्डारगृहों में किसानों को अपने उपज का भण्डारण कराने पर उन्हें निगोशियेबिल वेयरहाउसिंग रसीद दी जायेगी, जिसे बंधक रखकर किसान किसी भी बैंक से 90 प्रतिशत तक का ऋण प्राप्त कर सकते है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की निजी उद्यमियों के प्रदेश में निवेश हेतु चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं के अंर्तगत उत्तर प्रदेश राज्य भण्डारण निगम में पी.ई.जी. एवं साइलो गोदाम योजना के माध्यम से प्रदेश में करोडों के इन्फास्ट्रक्चर निर्मित किये जा रहे है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार व आय के साधनों में वृद्धि होगी। वर्तमान में पी.ई.जी. योजना 2008 के अंर्तगत 6.85 लाख मैप्टन के गोदाम निर्माण व साइलो निर्माण में 1.50 लाख मै0टन का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य भण्डारण निगम के अधिकारियों के सहयोग से वर्ष 2020-21 विश्व आपदा कोविड-19 के चलते निगम के समस्त कर्मचारी द्वारा अपनी दृढ इच्छाशक्ति व मा०मुख्यमत्री जी के कुशल मार्गदर्शन में एक रिकार्ड बनाते हुए, दिनांक 25 मार्च, 2020 से दिनांक 25 अक्टूबर, 2021 तक अपने गोदामों में 8968570 मै0टन गेहूँ व 5969974 मै0टन चावल कुल 14938544 मै0टन खाद्यान्न का भण्डारण किया गया तथा प्रधानमंत्री गरीब योजना के अर्न्तगत 8086063 मै.टन गेहूँ एवं 6641741 मै0टन चावल कुल 14727804 मै.टन खाद्यान्न की निकासी दी गयी। उन्होंने बताया कि निगम द्वारा कोरोना काल में आक्सीजन प्लान्ट भी लगाया है। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को सुविधा देने के लिये निगम द्वारा किसी कर्मचारी के घर में पुत्री के जन्म लेने पर 5100 रुपये तथा पुत्री की शादी के लिये 21 हजार रुपये की सहायता भी दी जायेगी।
कार्यक्रम में सांसद श्री सत्यदेव पचौरी ने कहा कि उ0प्र0 राज्य भण्डारण निगम प्रदेश का पहला निगम है जो फायदे में चल रहा है यदि अन्य निगम भी इसी तरह लाभ प्राप्त करे तो प्रदेश की अर्थ व्यवस्था में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि आय को बढाने में भण्डारण निगम का महत्वपूर्ण योगदान है। केन्द्र व प्रदेश सरकार 2022 तक किसानों की आय को दो गुना करना चाहते है। किसानों की आय को बढाने में सहकारिता विभाग की भी महत्वपूर्ण भूमिका है, जिससे किसानों को लाभ होता है।
इस कार्यक्रम में मा0 विधायक गोविन्दनगर श्री सुरेन्द्र मैथानी, अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक श्री एस0डी0 परिहार, विशेष सचिव सहकारिता श्रीमती बी. चन्द्रकला, प्रबन्ध निदेशक, उ०प्र०राज्य भण्डारण निगम, श्री श्रीकान्त गोस्वामी, प्रबन्ध निदेशक आर.एन.एस.एस. श्री धीरेन्द्र सिंह तथा श्री शिवपाल सिंह परिहार व अन्य निगम के अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
अमर शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती के अवसर पर गणेश शंकर विद्यार्थी का राष्ट्रबोध विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन होगा
संगीत नाटक अकादमी, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर अमर शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती के अवसर पर गणेश शंकर विद्यार्थी का राष्ट्रबोध विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कर रही है| यह संगोष्ठी दि मारल व भारतीय शिक्षण मंडल के सहयोग से ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन, जवाहर नगर, कानपुर में आज दिनाँक 26 अक्टूबर 2021 को पूर्वान्ह 11:00 बजे से होगी|
अतः आपसे निवेदन है कि उपरोक्त कार्यक्रम में अपने प्रतिनिधिगण को उक्त स्थान पर समय से भेजकर कवरेज कराने का कष्ट करें। इस अवसर पर आपकी भी अमूल्य व गरिमामयी उपस्थिति सादर प्रार्थनीय है
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स्वस्थ आहार से है स्वस्थ जीवन का आधार
कानपुर 23 अक्टूबर क्राइस्ट चर्च कॉलेज के मिशन शक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत कॉलेज के छात्रों द्वारा परमट घाट पर जरूरतमंदों को पोष्टिक आहार का वितरण किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व मिशन शक्ति प्रभारी डॉ मीत कमल द्वारा किया गया और साथ ही साथ उन्होंने पोष्टिक आहारो के सेवन करने पर सबको जागरूक किया । प्राप्त हुए आहार का सेवन कर सबके चेहरे प्रसन्नता से खिल उठे। बदलाव के अभिकर्ता के स्वयंसेवक के रूप में अंजली सचान ,जैनब अख्तर , स्नेहा यादव , वैष्णवी गौर आदि ने प्रशंसनीय कार्य किया और छात्रों में समाज कल्याण करने लिए नई ऊर्जा का संचार हुआ । यह पूरा कार्यक्रम क्राइस्ट चर्च कॉलेज की उप प्रचार्या डॉ सबीना बोदरा के निर्देश नेतृत्व के अंतर्गत संपन्न हुआ।
Read More »निःस्वार्थ प्यार के आधार पर किसी को भी वश मे किया जा सकता
मंत्र और तंत्र की शक्ति से बड़ी ताक़त, प्रेम भक्ति ,सहजता भोलापन और श्रद्धा है ..रब को भी वश मे करने के लिये इन्हीं भाव की ज़रूरत पड़ती है , श्रद्धा और प्रेम से उसका नाम पुकारना ही काफ़ी होता है ..जब भगवान निःस्वार्थ प्यार से भक्ति से किसी के वंश मे हो सकता है तो इन्सान क्यूं नही। किसी भी इन्सान को निःस्वार्थ प्यार के आधार पर अपने वश मे किया जा सकता है।बहुत दुख की बात है आज भी कुछ लोग दूसरो पर वशीकरण टूणा टोटका जैसी चीजे करते है।अगर किसी इन्सान का प्यार पाने के लिये आपको इस तरहा के टूणे टोटके करने पड़ते है तो समझ ले !आप ही के प्यार में खोट है जो आप किसी को अपने प्यार के ज़रिए नहीं बल्कि ग़लत तरीक़े से उसे अपना बनाना चाह रहे हैं यहाँ ये समझना बहुत ज़रूरी हो जाता है अगर आप को ऐसा करना पड़ रहा है तो यकीनन ही वह इन्सान आप को प्रेम नहीं करता आप ज़बरदस्ती उसे अपने वश में कर रहे हैं। प्रेम को हमेशा स्वतंत्र रहने दे।आप का होगा तो आप के पास ही आयेगा।ज़बरदस्ती से बांधने की कोशिश न करे।
दोस्तों !
मैं जिस परिवार से हूँ वहाँ कर्मकाण्ड में विश्वास नहीं किया जाता। किसी को वश में करना सिर्फ़ प्रेम से ही सिखाया गया है।अगर किसी को मंत्र तंत्र या कर्मकांड से अपने वश में करते है तो आप खुद को पहले ही कमजोर साबित कर देते है।इसीलिए आप खुद पर भरोसा न कर इन चीजो का सहारा लेते है वो चाहे किसी का प्रेम हो ,किसी का धन हो या व्यापार
हो।जो सहजता से मिले वही आपका है अन्यथा नहीं ।
दोस्तों
आजकल यू ट्यूब भरा हुआ है ऐसी बातों से .. कि कैसे किसी को वश में किया जा सकता है दुख होता है ऐसी सोच पर।कई बार सुनने मे आता कि किसी ने मुझ पर कुछ कर दिया है हमारे ऊपर जादू टूणा कर दिया है और लोग भागते है पंडितों के पास ,कितना पैसा ख़राब करते है ऐसी बातों पर ।
दोस्तों !
अगर कोई गेंद आप की तरफ़ ज़ोर से फेंके और आप उसे न पकड़े तो क्या होगा गेंद इधर उधर या नीचे ही गिरेगी ।जब हम कहने लगते है या हम ये मान लेते है कि किसी ने हम पर कुछ किया है तो ये वहम सच होने लगता है आप इस बात को मान कर इसे और शक्ति प्रदान कर देते है जबकि इसके विपरीत अगर आप कहे और मान ले ,दिल से और आत्मा से कि मुझ पर कोई कुछ नही कर सकता।मुझे कोई छू भी नही सकता और खुद पर विश्वास करे कि आप खुद एक पत्थर की चटान जैसे है जब भी कोई इससे टकरायेगा वो खुद ही चूर चूर हो जायेगा।खुद को ताकतवर समझे।आत्मा मे बहुत बल होता है आप की इजाज़त के बग़ैर आप को कोई कुछ नही कर सकता। कोई प्रेत या बुरी शक्ति आप का कुछ नहीं बिगाड़ सकती जब तक आप खुद न चाहे।
जो भी अच्छा या बुरा हो रहा होता है वो हमारे ही करमो का फल होता है
कमजोर मन के लोगों पर इन चीजो का प्रभाव ज़्यादा होता है वो यक़ीन करते है ऐसी बातों पर ,तो होता भी होगा। जब की हर जीव परमात्मा का ही अशं है तो वो कैसे कमजोर हो सकती है।
दोस्तों खुद पर भरोसा करना है सब को प्यार से जीतना सीखना होगा।अपनी सोच ,अपने प्रेम पर विश्वास करना होगा .. सब को जीता जा सकता है ।
अगर सब कुछ करने के बावजूद कोई आप का नही हुआ तो यकीनन वो चीज या इन्सान आप का था ही नही ।सच्चे प्रेम प्यार से सब को बांधा जा सकता है। अपनी सोच को ताक़त दीजिए ,भावनाओं को कोमल करने की आवश्यकता है मतलब ये कि सहज रहे।
जिसको आप के साथ बंधना होना होता है वो खुद ही बंध जायेगा .. बांधने की कोशिश न करे ..न ही कोई ज़रूरत ही है ।बधंन हो तो सिर्फ़ और सिर्फ़ प्रेम का ही हो 🙏अन्यथा कोई नही। 🌹 स्मिता केंथ
राज्यमंत्री, राजस्व विभाग, उ.प्र. ने आज सदर तहसील का औचक निरीक्षण तथा सर्किट हाउस में राजस्व विभाग के कार्यो की समीक्षा बैठक की।
कानपुर 20 अक्टूबर, (सू.वि.) राज्यमंत्री, राजस्व विभाग, उ.प्र. ने आज सदर तहसील का औचक निरीक्षण तथा सर्किट हाउस में राजस्व विभाग के कार्यो की समीक्षा बैठक की। उन्होंने राजस्व विभाग के कार्यो की समीक्षा करते हुये राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि राजस्ववादों के लम्बित प्रकरणों में सुनवाई नियमित रुप से तेजी के साथ करके अधिक से अधिक राजस्ववादों का निस्तारण प्रतिमाह करें। उन्होंने बैठक में ग्राम समाज की जमीनों व चकरोडो पर अवैध कब्जे आदि के संबंध में जानकारी प्राप्त करते हुये निर्देश दिये कि ग्राम समाज की जमीनों पर अवैध कब्जे एवं अतिक्रमण नहीं होने पाये। उन्होंने खसरा, खतौनी जारी किये जाने के कार्यो तथा राजस्व संबंधित शिकायतों के संबंध में समीक्षा करते हुये जनहित से जुडे मामलों का प्राथमिकता पर निस्तारण करने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत दो हजार रुपये तथा ग्रामों के आपसी मामलों का निस्तारण करने हेतु घरौनी दिये जाने का कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने सदर तहसील के निरीक्षण में तहसील के विभिन्न पटलों के अन्तर्गत राजस्व अभिलेखागार, तहसीलदार कोर्ट, राजस्व अभिलेखों तथा तहसील में प्राप्त जन शिकायतों के पटल आदि का गहनता से निरीक्षण किया। उन्होंने निरीक्षण के समय निर्देश दिये कि तहसील में प्राप्त होने वाली जन शिकायतों एवं समस्याओं का समय से निस्तारण किया जाये। उन्होंने राजस्व अभिलेखो का रखरखाब ठीक से रखने तथा राजस्व के लम्बित वादों का तेजी से निस्तारण किये जाने के निर्देश दिये। बैठक एवं निरीक्षण में अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) श्री दयानन्द प्रसाद, उप जिलाधिकारी, सदर, श्री दीपक कुमार पाल सहित राजस्व विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
मिशन शक्ति फेस-3 के अन्तर्गत महिलाओं को जागरुक करने तथा महिलाओं से संबंधित विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं हेतु जागरुकता शिविर तथा महिला जन सुनवाई का आयोजन सर्किट हाउस में किया जाएगा
कानपुर 20 अक्टूबर(सू0वि0) सदस्य सचिव, उ0प्र0, राज्य महिला आयोग के निर्देशों के क्रम में जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया है कि दिनांक 21 अक्टूबर, 2021 को मिशन शक्ति फेस-3 के अन्तर्गत महिलाओं को जागरुक करने तथा महिलाओं से संबंधित विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं हेतु जागरुकता शिविर तथा महिला जन सुनवाई का आयोजन सर्किट हाउस में किया जायेगा। महिला जनसुनवाई में उ0प्र0 राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती पूनम कपूर एवं श्रीमती रंजना शुक्ला द्वारा महिला उत्पीडन एवं दहेज संबंधी समस्यायें तथा महिलाओं से संबंधित अन्य समस्याओं की जन सुनवाई कर उनके मामलों के निस्तारण हेतु कार्यवाही की जायेगी तथा प्रदेश सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों, महिलाओं के हितों के लिये आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत विधिक जागरुकता शिविर के माध्यम से विभिन्न कानूनी पहलुओं की जानकारी भी दी जायेगी।
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कितना जरूरी है न्यायपालिका में 50% महिला आरक्षण
भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना ने महिला वकीलों को 50% आरक्षण की मांग उठाने की बात कही। अभी कुछ समय से महिलाओं ने वकालत के पेशे में अच्छी पहचान बनायी है। जिससे शहरों में अब लोग उन्हें जानने लगे हैं लेकिन गांव और पंचायत में उन्हें अभी भी पहचान नहीं मिल पा रही है। अभी भी वकील की नजर से देखने के बजाय “महिला” की नजर से ज्यादा आंकते हैं लोग। एक मानसिकता बनी हुई है कि यह महिला है और यह केस कैसे लड़ेगी? मतलब कि उसकी काबिलियत पर शक किया जाता है। उच्च न्यायालयों में 11.5% महिला जज है और सुप्रीम कोर्ट में 11. 12% महिला जज हैं 33 में से चार। देश में 17 लाख वकील है उनमें से सिर्फ 15% महिलाएं हैं।
कई महिला वकीलों का मानना है कि आरक्षण की बात तो ठीक है लेकिन व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है महिलाओं की मूलभूत सुविधाएं जैसे वाशरूम और बैठने के लिए सीटों की व्यवस्था नहीं है वह पूरी की जानी चाहिए।
महिला वकीलों का मानना है कि न्यायपालिका में महिलाओं की भागीदारी बढ़नी चाहिए साथ ही उन्हें इस बात का दुख रहता है कि जब लड़कियां प्रैक्टिस के लिए जाती हैं तो ज्यादातर पुरुष वकीलों से सामना होता है और उन्हीं के संरक्षण में प्रशिक्षण लेना होता है तो ऐसे में वह उन्हे इधर उधर दौड़ाते ज्यादा हैं और उन्हें मौका नहीं मिल पाता है। उनकी निर्भरता वरिष्ठों पर ज्यादा बढ़ जाती है। उन्हें केस नहीं मिल पाते और एक महिला होने के कारण उनकी काबिलियत को आयाम नहीं मिलता है। मगर अपनी काबिलियत को साबित करने के लिए महिला वकीलों को इन बातों को नजरअंदाज कर अपनी बात पुरजोर तरीके से रखनी चाहिए ताकि समाज में, न्यायपालिका में उन्हें एक समुचित स्थान मिल सके और लैंगिक भेदभाव खत्म हो।
यूं तो आरक्षण सही नहीं है और अगर हो तो योग्यता के आधार पर होना चाहिए और यदि आरक्षण दिया भी जाए तो एक निर्धारित समय के लिए ताकि लड़कियों को मौका हासिल हो सके। महिलाएं वैसे तो मल्टीटास्कर होती हैं और वह घर बाहर दोनों बखूबी संभालती हैं। उन्हें जरूरत है तो सिर्फ प्रोत्साहन देने की।
ऐसी कई महिला वकील हैं जिन्होंने अपने आप को साबित किया है। निर्भया, हाथरस केस की वकील सीमा कुशवाहा, अर्चना सिन्हा गया जिले की पहली वकील महिला, वंदना शाह, दीपिका सिंह राजावत जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट कठुआ गैंगरेप मामले में वकालत की, पिंकी आनंद यह ऐसी नामी शख्सियत बन चुकी है कि इन्हें पहचान की जरूरत नहीं रह गई है क्योंकि इन्होंने अपने आप को साबित कर दिखाया है। हाल फिलहाल यह बिल अटका हुआ है। अब अगर आरक्षण के जरिए गूंज उठी है तो सुनी भी जायेगी।
:+ प्रियंका वर्मा महेश्वरी
Read More »बहुत लाजिम है तेरे “मैं” का साथ होना, मगर हम भी जरा सा गुमान रख लेते हैं
चलो कुछ लम्हों को ताजा कर लेते हैं
बीती हुई शाम को गज़ल कर लेते हैं
ये माना कि नजर फेर कर वो इत्मीनान कर लेते हैं
मगर चोर नजर से दिल को बेचैन कर लेते हैं
बहुत लाजिम है तेरे “मैं” का साथ होना
मगर हम भी जरा सा गुमान रख लेते हैं
क्या ही मसला कि रूबरू ना हुये
फासलों से ताआल्लुक तो नहीं खत्म कर लेते है…
वजूद खोकर हमने किया एहतराम तेरा
गाफिल रहकर खुद से एतबार तुझ पर कर लेते हैं
+; प्रियंका वर्मा माहेश्वरी
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