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14 राज्यों को 7183.42 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा अनुदान जारी

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने आज 14 राज्यों को .7,183.42 करोड़ रुपये के अंतरण पश्चात राजस्व घाटा (पीडीआरडी) अनुदान की पहली मासिक किस्त जारी की। यह अनुदान पंद्रहवें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार जारी किया गया है।

पंद्रहवें वित्त आयोग ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 14 राज्यों को कुल 86,201 करोड़ रुपये अंतरण पश्चात राजस्व घाटा अनुदान की सिफारिश की है। अनुशंसित अनुदान को व्यय विभाग द्वारा अनुशंसित राज्यों को 12 समान मासिक किश्तों में जारी किया जाएगा।

संविधान के अनुच्छेद 275 के तहत राज्यों को अंतरण पश्चात राजस्व घाटा अनुदान प्रदान किया जाता है। राज्यों के राजस्व खातों में अंतर को पूरा करने के लिए क्रमिक वित्त आयोगों की सिफारिशों के अनुसार राज्यों को अनुदान जारी किया जाता है।

इस अनुदान को प्राप्त करने के लिए राज्यों की पात्रता और 2020-21 से 2025-26 की अवधि के लिए अनुदान की मात्रा का निर्धारण पंद्रहवें आयोग द्वारा राज्य के राजस्व और व्यय के आकलन के बीच के अंतर के आधार को ध्यान में रखते हुए किया गया था।

पंद्रहवें वित्त आयोग द्वारा 2022-23 के दौरान जिन राज्यों को अंतरण पश्चात राजस्व घाटा अनुदान देने की सिफारिश की गई है उनमें शामिल हैं : आंध्र प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, केरल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल।

2022-23 के लिए अनुशंसित  अंतरण पश्चात राजस्व घाटा अनुदान का राज्य-वार विवरण और राज्यों को पहली किस्त के रूप में जारी की गई राशि निम्नानुसार है:

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 11 अप्रैल को वाशिंगटन में भारत-अमरीका 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में भाग लेंगे

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह 11-14 अप्रैल, 2022 के बीच संयुक्त राज्य अमरीका का दौरा करेंगे। रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के साथ 11 अप्रैल, 2022 को वाशिंगटन डीसी में चौथी भारत-अमरीका 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में भाग लेंगे। अमरीकी विदेश मंत्री श्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री श्री लॉयड ऑस्टिन संयुक्त राज्य अमरीका का प्रतिनिधित्व करेंगे। 2+2 वार्ता के दौरान सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करके भविष्य का मार्ग निर्धारित किया जाएगा।

श्री राजनाथ सिंह रक्षा औद्योगिक सहयोग और सैन्य-से-सैन्य संबंधों के माध्यम से क्षमता निर्माण सहित रक्षा सहयोग के बारे में चर्चा करने के लिए अमरीकी रक्षा मंत्री श्री लॉयड ऑस्टिन से पेंटागन में अलग से मुलाकात करेंगे। वाशिंगटन डीसी की यात्रा के बाद हवाई द्वीप स्थित यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड (इंडोपैकोम) के मुख्यालय का दौरा करना भी रक्षा मंत्री के कार्यक्रम में शामिल है।

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रक्षा मंत्रालय 08 APR 2022 3:31PM by PIB Delhi डीआरडीओ ने ओडिशा तट पर सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट तकनीक का सफलतापूर्वक परीक्षण किया

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा 08 अप्रैल, 2022 को ओडिशा तट पर चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) में सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (एसएफडीआर) बूस्टर तकनीक का सफल परीक्षण किया गया। इस दौरान परीक्षण के लिए इस्तेमाल की गई जटिल मिसाइल प्रणाली में शामिल सभी महत्वपूर्ण घटकों के विश्वसनीय कामकाज का सफलतापूर्वक प्रदर्शन हुआ और मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया गया।

एसएफडीआर-आधारित प्रपल्शन मिसाइलों को सुपरसोनिक गति से बहुत लंबी दूरी पर हवाई खतरों को रोकने में सक्षम बनाता है। आईटीआर द्वारा तैनात टेलीमेट्री, रडार और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे कई रेंज इंस्ट्रूमेंट्स द्वारा प्राप्त किए गए डेटा से इस प्रणाली के सफल प्रदर्शन की पुष्टि हुई है। एसएफडीआर को हैदराबाद की रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला द्वारा अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं जैसे हैदराबाद की अनुसंधान केंद्र इमरत और पुणे की उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला के सहयोग से विकसित किया गया है। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने एसएफडीआर के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी है। उन्होंने इसे देश में विशेष मिसाइल प्रौद्योगिकियों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने डिजाइन, विकास और परीक्षण में शामिल टीमों की सराहना करते हुए कहा कि एसएफडीआर के सफल परीक्षण के साथ अब हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की सीमा को बढ़ाया जा सकता है।

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कैबिनेट ने सभी सरकारी योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल के वितरण को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने आज राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों (यूटी) में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस), समेकित बाल विकास सेवा (आईसीडीएस), प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण-पीएम पोषण [पूर्ववर्ती मध्याह्न भोजन योजना (एमडीएम)] और भारत सरकार की अन्य कल्याण योजनाओं (ओडब्ल्यूएस) में 2024 तक चरणबद्ध रूप से फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।

चावल के फोर्टिफिकेशन की पूरी लागत (लगभग 2,700 करोड़ रुपये प्रति वर्ष) जून, 2024 तक इसके पूर्ण कार्यान्वयन होने तक खाद्य सब्सिडी के हिस्से के रूप में भारत सरकार द्वारा वहन की जाएगी।

इस पहल के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए निम्नलिखित तीन चरणों की परिकल्पना की गई है:

चरण- I: मार्च, 2022 तक पूरे भारत में आईसीडीएस और पीएम पोषण को कवर करना जो कार्यान्वयन के अधीन है।

चरण- II: उपर्युक्त चरण I के साथ-साथ मार्च 2023 तक सभी आकांक्षी और स्टंटिंग की समस्या से व्यापक रूप से प्रभावित जिलों (कुल 291 जिलों) में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) और अन्य कल्याण योजनाएं (ओडब्ल्यूएस)।

चरण- III: उपर्युक्त चरण II  के साथ-साथ मार्च 2024 तक देश के शेष जिलों को कवर करना।

कार्यान्वयन के व्यापक प्रयासों के हिस्से के रूप में, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग राज्य सरकार/केंद्र-शासित प्रदेश, संबद्ध मंत्रालयों/विभाग, डेवलपमेंट पार्टनर्स, उद्योग, अनुसंधान संस्थानों आदि जैसे सभी संबंधित हितधारकों के साथ इको-सिस्टम से जुड़ी सभी गतिविधियों का समन्वय कर रहा है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य की एजेंसियां पहले से ही फोर्टिफाइड चावल की खरीद में लगे हुए हैं और अब तक आपूर्ति एवं वितरण के लिए लगभग 88.65 एलएमटी फोर्टिफाइड चावल की खरीद की जा चुकी है।

प्रधानमंत्री ने 75वें स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त, 2021) पर अपने संबोधन में चावल के फोर्टिफिकेशन के बारे में एक घोषणा की थी ताकि देश के हर गरीब व्यक्ति को कुपोषण से मुक्ति और महिलाओं, बच्चों, स्तनपान कराने वाली माताओं आदि में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए पोषण प्रदान किया जा सके, जो उनके विकास में बड़ी बाधा है।

इससे पहले, 2019-20 से “सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चावल का फोर्टिफिकेशन और इसका वितरण” पर केंद्र प्रायोजित प्रायोगिक योजना को 3 साल की अवधि के लिए लागू किया गया था। ग्यारह (11) राज्यों – आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड ने प्रायोगिक योजना के तहत अपने चिन्हित जिलों (प्रति राज्य एक जिला) में फोर्टिफाइड चावल का सफलतापूर्वक वितरण किया।

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बेटा-बेटी एक समान, शिक्षा है सबका अधिकार आदि नारों से सुसज्जित प्रदेश में स्कूल चलो अभियान प्रारम्भ

कानपुर 8 अप्रैल (सू0वि0) बेटा-बेटी एक समान, शिक्षा है सबका अधिकार आदि नारों से सुसज्जित प्रदेश में स्कूल चलो अभियान प्रारम्भ सब पढ़े, सब बढ़े, शिक्षा विकास की कुंजी है। कोई न छूटे इस बार, शिक्षा है सबका अधिकार, घर-घर दीप जलाओ अपने बच्चे सभी पढ़ाओ, पढ़ेंगे पढ़ायेंगे उन्नत देश बनायेंगे, एक भी बच्चा छूटा, संकल्प हमारा छूटा, पढ़ी लिखी नारी घर की उजियारी, आदि नारों से सुसज्जित उ0प्र0 में स्कूल चलो अभियान उ0प्र0 सरकार का बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करते हुए नजदीकी प्राथमिक विद्यालयों में पंजीकरण कराकर शिक्षा देने का बड़ा कार्यक्रम प्रारम्भ हो गया है। इस अभियान के तहत प्राइमरी/बेसिक शिक्षा के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, ग्राम प्रधान, विद्यालय प्रबन्ध समिति के सदस्यों द्वारा घर-घर जाकर अभिभावकों को जागरूक किया जाता है। शिक्षा मनुष्य के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक उपकरण है। जीवन में शिक्षा रूपी उपकरण का प्रयोग कर कुछ भी अच्छा प्राप्त किया जा सकता है। शिक्षा लोगों को सामाजिक, आर्थिक और पारिवारिक, सम्मान, आदर्श एवं नैतिकता के साथ मानवता का बोध कराती है। शिक्षा लोगों में आत्म विश्वास विकसित करने के साथ ही व्यक्तित्व निर्माण में सहायक होती है। पूरी शिक्षण प्रक्रिया के दौरान प्राप्त किया गया ज्ञान व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाती है। यह समाज के सभी व्यक्तियों में समानता और बन्धुत्व की भावना लाती है। शिक्षा से ही समाज और राष्ट्र का निर्माण होता है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए हर तरह की सुविधायें दे रहे है और लोगों में शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष स्कूल चलो अभियान चला रहे हैं।
प्रदेश में 04 अप्रैल, 2022 से 30 अप्रैल, 2022 की अवधि में स्कूल चलो अभियान कार्यक्रम प्रारम्भ हो गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कर कमलों द्वारा दिनांक 04 अप्रैल, 2022 को जनपद श्रावस्ती से ‘‘स्कूल चलो अभियान’’ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया है। उत्तर प्रदेश में विगत पांच वर्षों में विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के नामांकन में अभूतपूर्व वृद्धि हुयी है। ‘‘स्कूल चलो अभियान’’ कार्यक्रम के अन्तर्गत बच्चों को विद्यालयों में प्रवेश दिलाकर शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़े जाने के लिए सरकार तत्पर है। सरकार द्वारा घर-घर जाकर अभिभावकों को जागरूक करने, उन्हें शिक्षा के महत्व से परिचित कराने, शतप्रतिशत बालक-बालिकाओं का नामांकन कराने एवं उन्हें नियमित रूप से विद्यालय भेजने हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में ‘‘स्कूल चलो अभियान’’ कार्यक्रम लगातार संचालित किया जा रहा है। स्कूल चलो अभियान के कारण विगत शैक्षिक सत्रों में परिषदीय विद्यालयों में छात्र नामांकन में पर्याप्त वृद्धि हुयी है, जिसमें शैक्षिक सत्र 2016-17 में 15231268 छात्र-छात्राओं का नामांकन हुआ था वही वर्ष 2017-18 15367206, 2018-19 में 15892722, 2019-20 में 16012684, 2020-21 में 16632987 एवं 2021-22 में 17354636 का नामांकन हुआ। प्रदेश में शारदा कार्यक्रम के अंतर्गत ऑउट ऑफ स्कूल बच्चों का चिन्हांकन कर विद्यालयों में नामांकन किया जा रहा है, जिसमें अध्यापक, ग्राम प्रधान एवं विद्यालय प्रबन्ध समिति के सदस्यों का सहयोग लिया जा रहा है। आपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत प्रदेश के 1.33 लाख स्कूलों को बुनियादी अवस्थापना सुविधाओं से संतृप्त किया जा रहा है। प्रदेश में कक्षा 1-8 में अध्ययनरत राजकीय, परिषदीय, सहायता प्राप्त विद्यालयों में अध्ययनरत समस्त छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते में निःशुल्क यूनिफार्म, स्वेटर, जूता-मोजा एवं स्कूल बैग की धनराशि डीबीटी के माध्यम से हस्तान्तरित किये जाने की व्यवस्था लागू है। समस्त राजकीय, परिषदीय, सहायतित विद्यालयों एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा-1 से 8 तक के समस्त बालक/बालिकाओं को निःशुल्क पाठ्यपुस्तक एवं कार्यपुस्तिका वितरण किया जा रहा है। प्रदेश में प्री-प्राइमरी पर समुदाय जागरूकता हेतु हमारा-आँगन-हमारे बच्चे , विकास खण्ड स्तरीय कार्यक्रम, संचालित किया जा रहा है। प्रदेश के सभी विद्यालयों में बच्चों में बुनियादी भाषा एवं गणित में कौशल विकास हेतु निपुण भारत मिशन का क्रियान्वयन किया जा रहा है। प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को आकर्षित करने हेतु खेलकूद सामग्री, तथा बच्चों को रूचिकर शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से पुस्तकालय की पुस्तकों एवं गणित किट उपलब्ध करायी गयी है।
प्रदेश सरकार ने प्रदेश में 06-14 आयु वर्ग के समस्त दिव्यांग बच्चों को गुणवत्तापरक समावेशी शिक्षा प्रदान की जा रही है। दृष्टि दिव्यांग बच्चों हेतु बेल पाठ्यपुस्तकें तथा अल्प दृष्टि दिव्यांग बच्चों हेतु इंलार्ज पाठ्यपुस्तकों की व्यवस्था की गयी है तथा गम्भीर रूप से दिव्यांग बालिकाओं हेतु स्टाइपेन्ड दिया जा रहा है। कक्षा 01 से 03 में अध्ययनरत समस्त दिव्यांग बच्चों को हिन्दी भाषा एवं गणित विषय की सुगम्य वर्कशीट्स का वितरण किया गया है। छात्र-छात्राओं के लिए रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया गया। मिशन शक्ति के अंतर्गत बालिकाओं की शिक्षा, सशक्तीकरण एवं स्वालम्बन की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं, जिससे बालिकाओं में आत्म विश्वास आ रहा है।

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शासन द्वारा संचालित लाभकारी योजनाओं के लाभार्थियों के चिन्हांकन हेतु प्री कैम्प का आयोजन

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जनपद न्यायालय कानपुर नगर के तत्वाधान में शासन द्वारा संचालित लाभकारी योजनाओं के लाभार्थियों के चिन्हांकन हेतु प्री कैम्प का आयोजन हुआ संपन्न*
जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर नगर *श्री मयंक कुमार जैन* द्वारा दिए गये दिशा- निर्देशों के अनुपालन में माह अप्रैल 2022 में प्रस्तावित विधिक सहायता एवं साक्षरता शिविर के आयोजन के पूर्व आज दिनांक 08.04.2022 को भारत सरकार द्वारा संचालित वयोश्री योजना तथा एडिप योजना के अन्तर्गत वृद्धजन एंव दिव्यांगजन को उनकी आवश्यकतानुसार निःशुल्क सहायक उपकरण वितरित करने के लिए एलिम्को टीम की उपस्थिति में शिविर का आयोजन अन्ध विद्यालय, नेहरू नगर कानपुर में आयोजित किया गया। जिसमें दिव्यांगजन अधिकारी श्री अखिलेश बाजपेयी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर नगर के स्टाफ राज कुमार यादव, निहाल दिक्षित, व पी एल वी गोपाल गुप्ता, प्रभा पांडे, गोविंद मिश्रा, विशेष शिक्षक, दीपक यादव, गोविंद, एवं एलिम्को टीम से देवरति पॉल, अस्थि विशेषज्ञ, विनीत पांडे श्रवण विशेषज्ञ, शशांक शुक्ला कनिष्ठ सहायक आदि लोग उपस्थित रहे।
आयोजक: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर नगर, उपकरण निर्माताः भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम, एलिम्को कानपुर।

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एस एन सेन बा वि पी जी कॉलेज में छात्राओं के कैरियर हेतु ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा एक सेमिनार का आयोजन

कानपुर 8 अप्रैल, भारतीय स्वरूप संवाददाता, विगत दिवस एस. एन. सेन बा. वि. पी. जी. कॉलेज कानपुर में छात्राओं के कैरियर हेतु ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा एक सेमिनार का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती जी को दीप प्रज्जवलित वा माल्यार्पण कर किया गया। एस पी एम नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्या सोनम गुप्ता जी , प्रोफेसर प्रज्ञा वर्मा तथा प्रोफेसर वागीश केशरी व कालेज की प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल, ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल की इंचार्ज डॉ गार्गी यादव , डॉ निशा वर्मा तथा डा कोमल सरोज ने किया।प्राचार्या डॉ निशा अग्रवाल ने सभी आए हुए सदस्यों का स्वगत किया।. प्रोफेसर सोनम गुप्ता ने ए एन एम (ANM)और जी एन एम (GNM) के बारे में छात्राओं को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में सिर्फ साइंस बैकग्राउंड के छात्र ही नहीं बल्की आर्ट्स विषय के छात्र भी इसमें अपना कैरियर बना सकते हैं। उन्होंने बताया की इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं जैसे एएनएम के क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य नर्सिंग, स्टाफ नर्स,होम केयर नर्स, ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र, निजी अस्पताल, एन जी ओ, तथा जीएनएम कोर्स के अंतर्गत कानूनी सलाहकार, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल कर्ता, नर्सिंग शिक्षक , ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र, सरकारी अस्पताल, गैर सरकारी संगठन, वृद्धा आश्रम, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र निजी अस्पताल आदि में रोजगार के अवसर उपल्ब्ध है। प्रोफेसर विशाल ने भी छात्राओं को संबोधित किया. प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल ने बताया कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत महाविद्यालय में स्थापित ट्रेंनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा छात्राओं के ज्ञानवर्धन, विकास और रोजगार से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम करवाता रहता है, जिससे छात्राओं का सर्वांगीण विकास हो सके।

कार्यक्रम का संचालन ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल की प्रभारी डॉ. गार्गी यादव ने औऱ धन्यवाद ज्ञापन डॉ. निशा वर्मा ने किया कार्यक्रम में डॉ कोमल सरोज, डा प्रभात, डॉ प्रीता अवस्थी, डॉ कीर्ति पाण्डे , कु वर्षा सिंह, कु तैय्यबा आदि प्रवक्ताए और छात्राएं उपस्थित रहीं.

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भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच आर्थिक सहयोग और व्‍यापार समझौता (ईसीटीए) पर हस्‍ताक्षर

केन्‍द्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल एवं ऑस्‍ट्रेलिया के व्‍यापार, पर्यटन एवं निवेश मंत्री श्री डैन तेहान, एमपी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी एवं ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री श्री स्‍कॉट मॉरीसन की उपस्थिति में एक वर्चुअल समारोह में आज भारत-ऑस्‍ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्‍यापार समझौते पर हस्‍ताक्षर किये।

भारत-ऑस्‍ट्रेलिया ईसीटीए की मुख्‍य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

2.    भारत-ऑस्‍ट्रेलिया ईसीटीए एक दशक के बाद किसी वि‍कसित देश के साथ भारत का पहला व्‍यापार समझौता है। इस समझौते में दोनों मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों की एक व्‍यापक श्रृंखला सन्निहित है तथा यह वस्‍तुओं में व्‍यापार, उ‍त्‍पत्ति के नियम, व्‍यापार की तकनीकी बाधाएं (टीबीटी), स्‍वच्‍छता एवं पादप स्‍वच्‍छता (एसपीएस) उपाय, विवाद निपटान, तटस्‍थ व्‍यक्तियों की आवाजाही, दूरसंचार, सीमा शुल्‍क प्रक्रियाएं, फार्मास्‍यूटिकल उत्‍पाद एवं अन्‍य क्षेत्रों में सहयोग, जैसे क्षेत्रों को कवर करता है। द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग के विभिन्‍न पहलुओं को कवर करते हुए आठ विषय विशि‍ष्‍ट सहायक अनुबंध पत्रों (साइड लेटर) पर भी समझौते के हिस्‍से के रूप में हस्‍ताक्षर किए गए।

प्रभाव या लाभ:

3.    ईसीटीए दोनों देशों के बीच व्‍यापार को प्रोत्‍साहित करने तथा सुधार लाने के लिए एक संस्‍थागत तंत्र उपलब्‍ध कराता है। भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच ईसीटीए भारत और ऑस्‍ट्रेलिया द्वारा प्रबंधित लगभग सभी टैरिफ लाइनों को कवर करता है। भारत, ऑस्‍ट्रेलिया द्वारा उसके 100 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर उपलब्‍ध कराए गए वरीयतापूर्ण बाजार पहुंच से लाभान्वित होगा। इसमें रत्‍न एवं आभूषण, कपड़े, चमड़ा, फुटवियर, फर्नीचर, खाद्य एवं कृषि उत्‍पाद, इंजीनियरिंग उत्‍पाद, चिकित्‍सा उपकरण एवं ऑटोमोबाइल जैसे भारत की निर्यात दिलचस्‍पी के सभी श्रम केन्द्रित सेक्‍टर शामिल हैं। दूसरी तरफ, भारत ऑस्‍ट्रेलिया को ऑस्‍ट्रेलिया के निर्यात की लाइनों सहित अपनी टैरिफ लाइनों के 70 प्रतिशत से अधिक की वरीयतापूर्ण पहुंच प्रस्‍तुत करेगा, जो कोयला, खनिज अयस्‍क तथा वाइन आदि जैसे मुख्‍य रूप से कच्‍चे माल तथा इंटरमीडियरीज़ है।

4.    जहां तक सेवाओं में व्‍यापार का प्रश्‍न है तो, ऑस्‍ट्रेलिया ने लगभग 135 उप-क्षेत्रों में व्‍यापक प्रतिबद्धताओं तथा 120 उप-क्षेत्रों में सर्वाधिक पसंदीदा राष्‍ट्र (एमएफएन) जो आईटी, आईटीईएस, व्‍यवसाय सेवाएं, स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा एवं ऑडियो विजुअल जैसे भारत की रूचि के प्रमुख क्षेत्रों को कवर करते हैं, की पेशकश की है। ऑस्‍ट्रेलिया से सेवा क्षेत्र में की गई कुछ प्रमुख प्रस्‍तुतियां है: शेफ तथा योग शिक्षकों के लिए कोटा, पारस्‍परिक आधार पर भारतीय छात्रों के लिए दो-चार वर्षों के लिए अध्‍ययन उपरांत कार्य वीज़ा; प्रोफेशनल सेवाओं तथा अन्‍य लाइसेंस प्राप्‍त/विनियमित व्‍यवसायों को परस्‍पर मान्‍यता; युवा प्रोफेशनलों के लिए वर्क तथा होलिडे वीज़ा। दूसरी तरफ, भारत ने ऑस्‍ट्रेलिया को लगभग 103 उप-क्षेत्रों में बाजार पहुंच तथा ‘व्‍यवसाय सेवाओं’, ‘संचार सेवाओं’, ‘निर्माण एवं संबंधित इंजीनियरिंग सेवाओं’ इत्‍यादि जैसे 11 व्‍यापक सेवा सेक्‍टरों से 31 उप-क्षेत्रों में सर्वाधिक पसं‍दीदा राष्‍ट्र की प्रस्‍तुति की है। दोनों पक्षों ने इस समझौते के तहत फार्मास्‍यूटिकल उत्‍पादों पर एक पृ‍थक परिशिष्‍ट पर भी सहमति जताई है जो पैटेंटीकृत, जेनेरिक तथा जैवप्रकार औषधियों के लिए शीघ्रता से मंजूरी प्राप्‍त करने में सक्षम बनाएंगे।

समय-सीमा:

5.    भारत-ऑस्‍ट्रेलिया ईसीटीए के लिए बातचीत औपचारिक रूप से 30 सितम्‍बर 2021 को फिर से आरंभ हुई तथा मार्च, 2022 के अंत तक फास्‍ट ट्रैक आधार पर संपन्‍न हुई।

पृष्‍ठभूमि:

6.    भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच प्रगाढ़ द्विपक्षीय संबंध हैं, जिनमें हाल के वर्षों में रूपांतरकारी बदलाव हुए हैं और अब ये एक सकारात्‍मक रास्‍ते पर विकसित होकर मित्रतापूर्ण साझेदारी में बदल गए हैं। यह एक विशेष साझेदारी है जिसकी विशेषता बहुलवादी, संसदीय लोकतंत्रों, राष्‍ट्रकुल परंपराओं, बढ़ते आर्थिक सहयोग, लोगों से लोगों के बीच दीर्घकालिक रिश्‍ते तथा बढ़ते हुए उच्‍चस्‍तरीय परस्‍पर संपर्कों के साझा मूल्‍य है। भारत-ऑस्‍ट्रेलिया व्‍यापक रणनीतिक साझेदारी 4 जून, 2020 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी तथा ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री श्री स्‍कॉट मॉरीसन एमपी के बीच भारत आस्‍ट्रेलिया लीडर्स वर्चुअल समिट के दौरान आरंभ हुई, जो कि हमारे बहुपक्षीय तथा द्विपक्षीय संबंधों की आधारशिला है।

7.    बढ़ते भारत-ऑस्‍ट्रेलिया और वाणिज्यिक संबंध दोनों देशों के बीच स्थि‍रता तथा तेजी से विविधकृत तथा प्रगाढ़ होते द्वपक्षीय संबंध की मजबूती में योगदान देते हैं। भारत और ऑस्‍ट्रेलिया एक-दूसरे के महत्‍वपूर्ण व्‍यापारिक साझेदार बने रहे हैं। इनका प्रगाढ़ द्विपक्षीय आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध समय के साथ और गहरा हुआ है। ऑस्‍ट्रेलिया भारत का 17वां सबसे बड़ा व्‍यापारिक साझेदार है तथा भारत ऑस्‍ट्रेलिया का नौवां सबसे बड़ा व्‍यापारिक साझेदार है। वस्‍तु एवं सेवाओं दोनों के लिए भारत-ऑस्‍ट्रेलिया द्विपक्षीय व्‍यापार का मूल्‍य 2021 में 27.5 बिलियन डॉलर आंका गया है। 2019 तथा 2021 के बीच ऑस्‍ट्रेलिया को भारत का वस्‍तु निर्यात 135 प्रतिशत बढ़ा। भारत के निर्यातों में मुख्‍य रूप से परिष्‍कृत उत्‍पादों का एक व्‍यापक बास्‍केट शामिल है तथा 2021 में ये 6.9 बिलियन डॉलर के थे। ऑस्‍ट्रेलिया से भारत का वस्‍तु आयात 15.1 बिलियन डॉलर का था जिसमें मुख्‍य रूप से कच्‍चे माल, खनिज अवयव तथा इंटरमीडिएट वस्‍तुएं थीं।

8.    भारत और ऑस्‍ट्रेलिया जापान के साथ-साथ त्रिपक्षीय आपूर्ति श्रृंखला अनुकूल पहल (एससीआरआई) व्‍यवस्‍था में साझेदार हैं जिसमें भारत प्रशांत क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखलाओं की अनुकूलता को बढ़ाने की इच्‍छा जताई गई है। इसके अतिरिक्‍त, भारत और ऑस्‍ट्रेलिया हाल ही में निर्मित क्‍वाड के भी सदस्‍य हैं, जिसमें अमेरिका और जापान भी शामिल हैं तथा इसका उद्देश्‍य समान चिंताओं के कई मुद्दों पर सहयोग बढ़ाना और साझेदारी विकसित करना है।

9.    भारत-ऑस्‍ट्रेलिया ईसीटीए दोनों देशों के बीच पहले से ही गहरे, घनिष्‍ठ, रणनीतिक संबंधों को और मजबूत बनाएगा तथा वस्‍तुओं एवं सेवाओं में द्विपक्षीय व्‍यापार को उल्‍लेखनीय रूप से बढ़ाएगा, नए रोजगार अवसरों का सृजन करेगा, जीवन स्‍तर बढ़ाएगा तथा दोनों देशों के लोगों के सामान्‍य कल्‍याण में सुधार लाएगा।

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रूसी के विदेश मंत्री महामहिम सर्गेई लावरोव ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की

रूस के विदेश मंत्री महामहिम सर्गेई लावरोव ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।

विदेश मंत्री लावरोव ने प्रधानमंत्री को वर्तमान में चल रही शांति वार्ता समेत यूक्रेन की संपूर्ण परिस्थिति के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने हिंसा की शीघ्र समाप्ति के अपने आह्वान को दोहराया और शांति प्रयासों में किसी भी योगदान के लिए भारत की प्रतिबद्धता से अवगत कराया।

रूस के विदेश मंत्री ने दिसंबर 2021 में आयोजित भारत-रूस द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान लिए गए विभिन्न निर्णयों की प्रगति के बारे में भी प्रधानमंत्री को जानकारी दी।

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सेना चिकित्सा कोर ने अपना 258वां स्थापना दिवस मनाया

भारतीय सेना ने 3 अप्रैल 2022 को सेना चिकित्सा कोर का 258वां स्थापना दिवस मनाया। कोर का आदर्श वाक्य “सर्व सन्तु निरामया” है, जिसका अर्थ है “सभी को रोग और दिव्यांगता से मुक्त होने दें”। सेना चिकित्सा कोर ने युद्ध और शांति समय में रक्षा बलों एवं विदेशी मिशनों में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना को स्वास्थ्य देखभाल तथा असैन्य अधिकारियों को आपदा प्रबंधन के दौरान चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। यह कोर पिछले दो वर्षों से कोविड के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रही है और इसने राष्ट्र की निस्वार्थ तथा उत्कृष्ट सेवा की है।

इस अवसर को मनाने के लिए सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक वाइस एडमिरल रजत दत्ता और चिकित्सा सेवा महानिदेशक (सेना) लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह के साथ-साथ नौसेना तथा वायु सेना के चिकित्सा सेवा महानिदेशक ने राष्ट्रीय समर स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और कर्तव्य पालन के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले चिकित्सा कर्मियों को श्रद्धांजलि दी।

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