*फर्जी छात्र संख्या के बूते 10 टीचरों की लाखों सैलरी उठा रहा ये मदरसा!*
कानपुर 3 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, संबंधित सरकारी विभागों के ‘सहयोग’ के कारण नई सड़क स्थित मदरसा एहसानुल मदारिस कदीम के भ्रष्टाचार की महिमा अपरम्पार है। इस मदरसे में प्रबंधकों की धांधली का आलम ये है कि स्टूडेंट्स तो कुल पौने दो सौ, यानि पूरे 175 भी भर्ती नहीं हैं, लेकिन मुदर्रिसों या टीचरों की संख्या 10 है। हर एक टीचर की सरकारी सेलरी कम से कम 50 से 60 हजार रूपये है। यानि सरकार मदरसा एहसानुल मदारिस कदीम के 10 टीचरों के लिये ही हर महीने 5 से 6 लाख रूपये वेतन पर खर्च कर रही है। ऊपर से दो-दो चपरासी और प्रिंसिपल हैं। परिषदीय और बोर्ड विद्यालयों की तरह मदरसों में भी 35 से 40 बच्चों पर एक टीचर रखे जाने का प्रावधान है। इस हिसाब से तो मदरसे में कम से कम 400 छात्र होने ही चाहिये। ऐसा नहीं होने पर सरकार को मदरसे पर फिजूल खर्च बंद करने के लिये यहां शिक्षकों के 10 से घटाकर केवल 4 कर देने चाहिये। या कम से कम आधे पद खत्म कर देने चाहिये। लेकिन सूत्रों के अनुसार हो ये रहा है कि मदरसा प्रबंधक मुमताज अहमद सिद्धीकी लगातार कई सालों से अपने शिक्षक पद पूरे 10 बनाये रखने को कागजों पर फर्जी छात्र संख्या दिखा रहे हैं। यानि मदरसा एहसानुल मदारिस कदीम में बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा करके सरकारी धन लूटा जा रहा है। पुष्ट सूत्रों के अनुसार मदरसे में फर्जी छात्र संख्या के अलावा टीचरों की भी फर्जी अटेंडेंस लगती है। 10 में से अधिकतम 4 या 5 शिक्षक ही किसी एक समय पर मदरसे में आते हैं। बाकी की जगह 4 से 6 हजार रूपये में स्थानीय मुदर्रिस बुलाये जाते हैं। जानकारों के अनुसार फर्जीवाड़ा हो पा रहा है जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की जानबूझकर की जा रही अनदेखी से, क्योंकि इंस्पेक्शन करके वेतन का और पद सृजन या समाप्ति आदि का अनुमोदन यही कार्यालय करता है।