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दिल्ली में दो दिवसीय अ. भा. वेद विज्ञान सम्मेलन का शुभारंभ

विश्व वेद परिषद् एवं परमार्थ निकेतन के तत्वावधान में आयोजित दो दिनी वेद विज्ञान महोत्सव का शुभारंभ आज लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला के मुख्य आतिथ्य तथा केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में व स्वामी चिदानंद सरस्वती, कृषि राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री सत्यपाल सिंह सहित अन्य गणमान्यजन की उपस्थिति में हुआ। इस अवसर पर श्री बिरला ने कहा कि वेद सिर्फ ग्रंथ नहीं हैं, बल्कि हमारी संस्कृति है। वेद तार्किक है, व्यवहारिक है और वेद यथार्थ भी है, जो आज दुनियाभर के लिए अनुसंधान का केंद्र बन चुके हैं।

मुख्य अतिथि श्री बिरला ने कहा कि वेद की जितनी व्याख्या की जाएं, कम है। वैज्ञानिकों ने भी माना है कि जो कुछ भी विज्ञान में है, वह वेद के कारण है। उस समय ऋषि-मुनियों ने अपने विचार, ज्ञान व अनुभव, जो वेद के माध्यम से समाज को दिए, वह सत्यार्थ है, सत्य है, यह आज प्रमाणित हुआ है। चाहे सामाजिक जीवन हो, मानवीय जीवन हो या राष्ट्र जीवन, जीवन की हर जिज्ञासा व आवश्यकताओं को समेटने का काम वेद में है। इसीलिए, आज हम कह सकते हैं कि वेद और विज्ञान पर अनुसंधान अनवरत चलता रहेगा, जिनमें वेदों की अलग-अलग व्याख्या होती रहेगी। वेदों ने हमें आध्यात्मिक ज्ञान व चिंतन दिया है। वेदों के चार भाग- ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद की अलग-अलग विद्वानों ने व्याख्या की है जो सीमित दायरे में या कम शब्दों में नहीं हो सकती है। श्री बिरला ने कहा कि जीवन जीने की राह और सत्य के मार्ग पर चलने का रास्ता हम वेद-उपनिषद् से प्राप्त कर सकते हैं। भारत लोकतंत्र की जननी है, यह भी वेद-उपनिषद् से निकली है। बरसों पुराने प्रमाण है कि भारत की संस्कृति, जीवनशैली, कार्यशैली व विचारधार में हमेशा लोकतंत्र रहा है, इसीलिए मदर आफ डेमोक्रेसी के रूप में भारत की पहचान है।

अध्यक्षीय उद्बोधन में केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि हम सब इस बात को भली-भांति जानते हैं कि दुनिया एक है, समस्याएं भी एक जैसी है लेकिन अलग-अलग देशों के पृथक-पृथक चिंतन है। इन सबका विश्लेषण करें तो ध्यान में आएगा कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जिसके चिंतन में देश के साथ-साथ विश्व के कल्याण की भी भावना निहित है। हम वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के आधार पर विचार करते हैं, इसी के अनुसार चलने का प्रयास करते हैं और यह भाव सिर्फ नारे, पुस्तक या भाषण के लिए नहीं, बल्कि हमारे कृतित्व व व्यक्तित्व से भी झलकता हुआ दिखाई देता है, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व दुनिया में इस कल्पना को साकार करने के लिए प्रयत्नशील है। श्री तोमर ने कहा कि वेद की कोई तुलना नहीं है। वेद इतना विषद् है कि हजारों साल लग जाएंगे वेदों पर अऩुसंधान करते-करते, समय कम पड़ जाएगा लेकिन अनुसंधान पूरा नहीं होगा। ऐसा कुछ दुनिया में नहीं है, जो हजारों वर्षों पूर्व वेदों में हमारे पूर्वजों ने उल्लेखित नहीं किया हो। वैदिक रीति-नीति, संस्कृति, कृषि, वैदिकता का भाव निश्चित रूप से भारत को ही नहीं, जो इस पर चलने का प्रयास करेगा, उस मानवमात्र का यह जीवन और उसका परलोक भी सार्थक होगा, इस बात की गारंटी हमारा वेद-विज्ञान देता है।

श्री तोमर ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष हुए हैं, इस दौरान देश ने काफी तरक्की करने की कोशिश की है, अभी अमृत महोत्सव हमने मनाया, अब 2047 में आजादी के 100 वर्ष पूरे होने तक के कालखंड को प्रधानमंत्रीजी ने अमृत काल कहा है। ये 25 वर्ष का जो कालखंड हमारे सामने है, भारत के सांस्कृतिक पुनरोत्थान का कालखंड है। आज पूरी दुनिया में जिस प्रकार से वैश्विक स्तर पर विचार हो रहा है तो यह कालखंड भारत के सांस्कृतिक पुनरोत्थान के माध्यम से समूची दुनिया, जो भौतिकता की अग्नि में दग्ध है, उसे शाश्वत शांति का संदेश देने में पूरी तरह सफलता प्राप्त करेगी। ऐसे समय में वेद विज्ञान की दृष्टि से विचार हो, शिक्षा में उसका समावेश हो, जीवन के हर पहलु पर हम उसे स्वीकार कर आगे बढ़ने का प्रयास करें तो इससे अच्छा कालखंड हमें नहीं मिलेगा, जिस पर बहुत गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। हम विचार यात्रा के पड़ाव पर पहुंचे है तो एक दिन मंजिल पर पहुंचने में भी सफल होंगे।

उन्होंने कहा कि कृषि मानव जीवन का आधार है, पुरातन काल से कृषि विज्ञान के बारे में प्रकृति के साथ तालमेल करते हुए कल्पना हमारी संस्कृति में विद्यामान है। ऋग्वेद बताता है कि गलत रास्ते से धन मत कमाओ, खेती का कौशल सीखो, परिश्रम करो और सम्मानजनक धन प्राप्त करो, उससे जीवनयापन करो। अथर्ववेद में खेती, गौमाता, बैलों, कृषि उपकरण की दृष्टि से सारा उल्लेख मिलता है। साथ ही यह भी कहा गया है कि धरती माता हमें अन्न देती है, खेती करने से पहले उसकी पूजा करो, आशीर्वाद लो। यजुर्वेद में हमारी फसलों का विवरण मिलता है, वैदिक पद्धति खेती पर विचार करें तो आज की भारतीय कृषि पद्धति खेती, जिसे हम प्राकृतिक खेती या गाय आधारित खेती कहते हैं, हमें गौरव है कि वेदों में जिस प्रकार की खेती की कल्पना की गई है, वह प्राकृतिक खेती आज भारत सरकार में मोदीजी के नेतृत्व में प्राथमिकता पर है, उस पर सरकार पूरा बल प्रदान कर रही है, यह और बढ़े व रासायनिक खेती के कारण जो मृदा क्षरण व पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, जैविक पदार्थों को आघात हो रहा है, उससे बचाव के लिए भी वैदिक ज्ञान जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा स्कूली शिक्षा में कृषि शिक्षा के समावेश तथा नई शिक्षा नीति का समावेश कृषि शिक्षा में करने का प्रयास किया गया है।

सम्मेलन वैदिक यज्ञ, मंत्रोच्चारण के साथ प्रारंभ हुआ। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने आयोजन की भूमिका पेश की व स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती, श्री सुमेधानंद सरस्वती, सम्मेलन के मुख्य संयोजक प्रो. धर्मेंद्र शास्त्री, संयोजक डॉ. देवेश प्रकाश, व्यवस्थापक आचार्य दीपक शर्मा सहित अन्य पदाधिकारी, अनेक विद्वान, महाविद्यालयों-विश्वविद्यालयों के शोधार्थी व छात्र उपस्थित थे।

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प्रधानमंत्री ने महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र के लिये महिलाओं से नामांकन कराने का आग्रह किया

प्रधानमंत्री मोदी ने महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र (एमएसएससी) के लिये महिलाओं से नामांकन कराने का आग्रह किया है।

प्रधानमंत्री ने केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति इरानी के उस ट्वीट का उल्लेख किया है, जिसमें श्रीमती इरानी ने एमएसएससी के जरिये महिलाओं के वित्तीय समावेश को बढ़ाने और बेहतर लाभ उपलब्ध कराने के बारे में कहा गया है। प्रधानमंत्री ने इस ट्वीट को दोबारा ट्वीट करते हुये कहा :

मैं भी महिलाओं से आग्रह करता हूं कि वे एमएसएससी के लिये नामांकन कराएं। यह हमारी नारी शक्ति के लिये अनेक लाभ प्रदान करता है।”

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ऑपरेशन कावेरी- सूडान से अब तक स्वदेश आए 1,191 यात्रियों में से 117 यात्रियों को वर्तमान में नि:शुल्क क्वारंटीन किया गया है, क्योंकि उन्हें येलो फीवर का टीका नहीं लगा हुआ था

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में ‘ऑपरेशन कावेरी’ के तहत विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। भारत सरकार सूडान से भारतीय मूल के लगभग 3,000 यात्रियों को सुरक्षित स्वदेश वापस लेकर आ रही है। भारत आने वाले इन यात्रियों के लिए मिशन मोड में ट्रांजिट जंगक्चर्स पर आवश्यक क्वारंटीन सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है। अब तक कुल 1,191 यात्री स्वदेश वापस आ चुके हैं, जिनमें से 117 यात्रियों को वर्तमान में क्वारंटीन किया गया है, क्योंकि उन्हें येलो फीवर का टीका नहीं लगा हुआ था। सभी यात्रियों को 7 दिनों के बाद लक्षण रहित पाए जाने पर उनके घर भेज दिया जाएगा।

इन यात्रियों को हवाई अड्डे के स्वास्थ्य अधिकारियों (एपीएचओ) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की देखभाल में संचालित क्वारंटीन सेंटर्स में मुफ्त भोजन के अलावा किराये से मुक्त आवास सुविधा प्रदान की जा रही है। ये केंद्र एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत राज्यों के विभिन्न अस्पतालों के साथ-साथ दिल्ली में केंद्र सरकार के अस्पतालों जैसे सफदरजंग चिकित्सालय में स्थापित किये गए हैं। इसके अतिरिक्त, नजफगढ़ के आरएचटीसी (100 बेड); महरौली के एनआईटीआर,(40 बेड) और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (60 बेड) में भी क्वारंटीन करने की व्यवस्था की गई है।

सूडान से भारत आने वाले यात्रियों का पहला जत्था 360 यात्रियों के साथ दिल्ली पहुंचा था, जिनमें से किसी भी यात्री को क्वारंटीन की आवश्यकता नहीं थी। इसके बाद 26 अप्रैल को दूसरी उड़ान भारत आई थी, जो 240 यात्रियों को लेकर मुंबई पहुंची, इनमें से 14 लोगों को क्वारंटीन किया गया था, जबकि दो लोगों को उनके टीकाकरण प्रमाणपत्रों के सत्यापन के बाद घर भेज दिया गया था। शेष 12 लोग आज शाम तक अपनी क्वारंटीन अवधि पूरी कर लेंगे (क्योंकि वे जेद्दा में भी 4 दिनों के लिए रुके हुए थे)। तीसरी फ्लाइट कल दोपहर बेंगलुरु पहुंची थी, जिसमें 360 यात्री सवार थे और फिर वहां 47 यात्रियों को शुरू में क्वारंटीन किया गया था। 3 व्यक्तियों को आज टीकाकरण के सत्यापन के बाद वापस जाने दिया गया। पांच अन्य यात्रियों के सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। सूडान से चौथी उड़ान कल शाम 231 यात्रियों को लेकर दिल्ली पहुंची, जिनमें से 61 को क्वारंटीन किया गया था (एक मुसाफिर को बाद में घर भेज दिया गया)। 35 यात्री दिल्ली एपीएचओ में और 26 लोग सफदरजंग अस्पताल में क्वारंटीन किये गए हैं। पांचवीं उड़ान के 367 यात्रियों के साथ आज रात दिल्ली पहुंचने की संभावना है और 320 लोगों के साथ एक अतिरिक्त उड़ान के कल सुबह 10:30 बजे बेंगलुरु आने की उम्मीद है।

क्वारंटीन किए गए व्यक्तियों की संख्या घटती-बढ़ती या परिवर्तित होती रहेगी, क्योंकि यह यात्रियों की पासपोर्ट संख्या (ओं) के सत्यापन की स्थिति पर निर्भर करती है।

‘ऑपरेशन कावेरी’ सूडान में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश वापस लाने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक निकासी अभियान है। ऑपरेशन कावेरी को संकटग्रस्त सूडान में त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए 24 अप्रैल, 2023 को शुरू किया गया था। भारतीयों नागरिकों की सूडान से सुरक्षित निकासी हेतु उचित प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित करने के लिए विदेश मंत्रालय, भारतीय वायु सेना और सूडान स्थित भारतीय दूतावास सहित अन्य अधिकारियों की एक टीम नियुक्त की गई है। इस दौरान, भारतीयों नागरिकों को सूडान के अलग-अलग हिस्सों से राजधानी खार्तूम ले जाया जा रहा है, जहां से उन्हें वापस भारत पहुंचाया जाएगा।

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इंपीरियल कॉलेज लंदन ने कॉलेज में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों के लिए 400,000 ब्रिटिश पौंड की छात्रवृत्ति की घोषणा की

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज ब्रिटेन में इंपीरियल कॉलेज लंदन का दौरा किया और कॉलेज में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के साथ बातचीत की।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई युवा-केंद्रित नीतियों की श्रृंखला के कारण यह समय भारत के युवाओं और छात्रों के लिए सर्वोत्तम है।

इंपीरियल कॉलेज लंदन में डॉ. जितेंद्र सिंह की यात्रा के अवसर पर कॉलेज प्रबंधन ने कॉलेज में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों के लिए 400,000 ब्रिटिश पौंड की छात्रवृत्ति की घोषणा की। इसमें से 50 प्रतिशत छात्रवृत्ति भारत की छात्राओं को दी जाएगी।

इस अवसर पर उपस्थित समुदाय को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वे यूरोप के सर्वाधिक प्रगतिशील विश्वविद्यालयों में से एक प्रमुख विश्वविद्यालय में आकर बहुत प्रसन्न हैं। इस विश्वविद्यालय ने विश्व को होनहारों के अतिरिक्त पेनिसिलिन, होलोग्राफी और फाइबर ऑप्टिक्स दिए हैं।

इंपीरियल कॉलेज लंदन, इंग्लैंड में एक सार्वजनिक अनुसंधान विश्वविद्यालय है। यह कॉलेज ब्रिटेन में अनुसंधान, पर्यावरण अनुसंधान और रसेल समूह विश्वविद्यालयों में अनुसंधान प्रभाव के लिए प्रथम श्रेणी में गिना जाता है। यह एमएस और पार्किंसंस का ऊतक बैंक, ‘कई स्क्लेरोसिस, पार्किंसंस रोग और संबंधित स्थितियों वाले व्यक्तियों द्वारा दान किए गए केंद्रीय तंत्रिका तंत्र ऊतकों के नमूनों’ का संग्रह भी है। यह ब्रिटेन के सबसे बड़े ब्रेन बैंक के संग्रह का हिस्सा है। यहां दुनिया भर के 100 से अधिक विभिन्न संस्थानों में अनुसंधान परियोजनाओं में उपयोग किए जा रहे अंगों के नमूनों के साथ लगभग 1,650 नमूने -80ºC पर संग्रहीत किए जाते हैं।

पिछले पांच वर्षों में इंपीरियल के विद्यार्थियों ने 300 से अधिक भारतीय संस्थानों में भागीदारों के साथ 1,200 से अधिक शोध प्रकाशनों में लेखन में साझेदारी की है। अनुसंधान भागीदारों में भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र और टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान (टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च) शामिल हैं। कॉलेज में वर्तमान में 700 भारतीय छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और भारत में इंपीरियल कॉलेज से शिक्षा पाने वाले 3,000 से अधिक पूर्व छात्रों का एक समुदाय है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने जीवंत माहौल में लगभग एक घंटा छात्रों से बातचीत की और उन्होंने कहा कि यह भारत में युवाओं के लिए सर्वोत्तम समय है, क्योंकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले 9 वर्षों में कई बाधाओं को दूर किया है और कई बोझिल नियमों को हटाया है तथा एक सक्षम वातावरण बनाया गया है, जहां युवा अपनी आकांक्षाओं को अनुभव कर सकते हैं।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी प्रतिभागियों के लिए खोला गया है। अब अंतरिक्ष क्षेत्र में भी सैकड़ों स्टार्टअप हैं। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप आंदोलन को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने व्यक्तिगत रूप से बढ़ावा दिया है, जिसके परिणामस्वरूप यह आंकड़ा 100 से अधिक यूनिकॉर्न के साथ 350 से बढ़कर 90,000 से अधिक हो गया है।

उन्होंने कहा कि जिस बायोटेक क्षेत्र को पहले उपेक्षा की जाती थी, वर्तमान सरकार ने उस पर विशेष ध्यान दिया है और कोरोना वैक्सीन की सफलता की कहानी के बाद छात्र इसमें रुचि दिखा रहे हैं। 2014 में 50 स्टार्टअप थे, अब देश में लगभग 6000 बायो स्टार्टअप हैं।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि इंपीरियल कॉलेज लंदन आपके जीवन के लिए आपका अल्मा मेटर बनने जा रहा है। यहां से प्राप्त ज्ञान आजीवन आपके साथ रहेगा, जब आप लौटें तो यहां से प्राप्त ज्ञान और सीख को समर्पित करना चाहिए।

उन्होंने बताया कि भारत तीसरे सबसे बड़े वैश्विक स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के रूप में उभरा है और यह  12-15 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बार-बार भारतीय छात्रों से अगले 25 वर्षों के लिए तैयारी करने का आह्वान किया है, क्योंकि स्वतंत्र भारत अब 100वें वर्ष की ओर बढ़ रहा है।

उन्होंने यह कहते हुए अपनी बात समाप्त की कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा अन्य क्षेत्रों में रुचि रखने वाले छात्रों की वापसी और भविष्य में अनुसंधान के क्षेत्र में भविष्य बनाने वाले इच्छुक छात्रों के लिए देश में नए अवसर सृजित किए गए हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ब्रिटेन की 6 दिवसीय यात्रा पर हैं। वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक उच्च स्तरीय आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने लंदन विज्ञान संग्रहालय का दौरा किया और सफल कोविड वैक्‍सीन पहल में भारत के अनुभव को साझा किया

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान, राज्‍य मंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्‍यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज 175 साल पुराने लंदन विज्ञान संग्रहालय का दौरा किया और भारत में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा इसी तरह के विज्ञान संग्रहालयों की स्थापना की पहल का अनुभव साझा किया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इन संग्रहालयों को स्थापित करने का विचार आम नागरिकों, विशेष रूप से युवाओं को उनकी छिपी क्षमताओं का पता लगाने में मदद करना और कभी-कभी उनके अंतर्निहित कौशल की खोज करना भी है, जिसका आभास उन्‍हें स्‍वयं भी नहीं होता। यह संग्रहालय जिज्ञासा के भाव को बढ़ाते हैं, इससे उनके वैज्ञानिक दृष्टिकोण और रचनात्मक नवाचार में मदद मिलती है। विज्ञान संग्रहालय लंदन में दक्षिण केंसिंग्टन प्रदर्शनी रोड पर स्थित है। इसकी स्थापना 1857 में हुई थी।

डॉ. जितेन्‍द्र सिंह का यह दौरा मुख्य रूप से ऊर्जा क्रांति, टीके और अंतरिक्ष गैलरी से संबंधित क्षेत्रों पर केंद्रित था। इस दौरान संग्रहालय का प्रबंधन भारत की कोविड सफलता की कहानी से बहुत प्रभावित था।

डॉ. सिंह को कोविड महामारी के इतिहास को दर्शाने के लिए बनाया गया विशेष पवेलियन दिखाया गया। यहां पर कोविड का टीका लगवाने के लिए आए पहले व्यक्ति से जागरूकता अभियान की यात्रा को क्रमानुसार दिखाया गया है। कोविड प्रबंधन और रोकथाम में भारत की अग्रणी भूमिका को पवेलियन में विशेष स्‍थान दिया गया है।

उन्‍होंने एक अन्‍य मंडप भी देखा जिसे भारतीय उपमहाद्वीप में प्रचलित उष्णकटिबंधीय रोगों के लिए विशेष रूप से समर्पित पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम को हिन्‍दी भाषा में लिखे गए बैनरों के साथ दर्शाया गया था। भारत के नेतृत्‍व में चलाये गये पोलियो उन्‍मूलन अभियान ने स्‍वास्‍थ्‍य सेवा के क्षेत्र में विशिष्‍ठ रोल मॉडल का स्‍थान अर्जित किया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत तेजी से दुनिया की प्रमुख जैव-अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है पिछले कुछ वर्षों में यह नवाचार और प्रौद्योगिकी क्षेत्र कई गुना बढ़ गया है। उन्‍होंने बताया कि भारत ने केवल दो वर्षों में चार स्वदेशी टीके विकसित किए हैं।

उन्‍होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय में जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने “मिशन कोविड सुरक्षा” के माध्यम से चार टीके वितरित किए हैं, कोवैक्सीन के निर्माण में तेजी आई है और भविष्य के टीकों के सुचारू विकास के लिए आवश्यक मूलभूत ढांचा तैयार किया है।  हमारा देश महामारी का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि दुनिया अब निवारक स्वास्थ्य सेवा में भारत की उत्कृष्ट क्षमताओं से अवगत हो रही है और अब हम इस श्रृंखला में कई अन्‍य टीकों को विकसित करने की प्रक्रिया की विकास यात्रा में है। हाल ही में पहली डीएनए वैक्सीन के बाद, पहली नेज़ल वैक्‍सीन (नाक से दी जाने वाली वैक्‍सीन) का भी सफलतापूर्वक निर्माण किया गया है। देश में ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) से संबंधित एक अन्य टीका भी विकसित किया गया है, जिससे सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम में मदद मिली है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने रेखांकित किया कि भारतीय वैक्सीन बाजार ने वैश्विक स्तर पर अपना विशिष्‍ट स्‍थान बनाया है। भारत का वैक्‍सीन बाजार के 2025 तक 252 बिलियन रुपये के मूल्‍यांकन तक पहुंचने की उम्‍मीद है। डॉ. सिंह ने ब्रिटेन के साथ बायोटेक स्टार्टअप और वैक्सीन विकास के क्षेत्र में सहयोग का आह्वान किया।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ब्रिटेन की 6 दिवसीय यात्रा पर हैं और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक उच्च स्तरीय आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।

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भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के सपने को साकार करने के लिए एक मजबूत, स्थायी, निर्णायक और पारदर्शी सरकार अहम हैः नितिन गडकरी

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने मुंबई में इंडियन मर्चेंट चैम्बर (आईएमसी) द्वारा आयोजित ‘इंडिया कॉलिंग कॉन्फ्रेंस 2023’ के दौरान पीएम गति शक्ति पर हुए एक सत्र में एक भाषण दिया। श्री गडकरी ने ‘ब्रांड-इंडिया’ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल ‘इंडिया कॉलिंग कॉन्फ्रेंस’ आयोजित करने के लिए आईएमसी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि 2025 तक भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के हमारे माननीय प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए एक मजबूत, स्थिर, निर्णायक और पारदर्शी सरकार अहम है।

पीएम गति शक्ति परियोजना के बारे में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने कहा, “पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान (एनएमपी) एक बहुत बड़ी पहल है और इससे हमें लॉजिस्टिक की लागत को कम करने में मदद मिलेगी। अमेरिका जैसी अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं में सकल घरेलू उत्पाद के 8 से 9 प्रतिशत की तुलना में भारत में लॉजिस्टिक लागत जीडीपी की 13 से 14 प्रतिशत के स्तर तक है, जो काफी ज्यादा है। ऊंची लॉजिस्टिक लागत वैश्विक बाजारों में ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता को कम करती है। लॉजिस्टिक की लागत को जीडीपी के 9 प्रतिशत तक कम करना सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर है।”

राजमार्ग नेटवर्क में सुधार की योजनाओं के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एनएचएआई राजमार्गों से सटे 600 से ज्यादा स्थानों पर विश्व स्तरीय वेसाइड एमेनिटीज (डब्ल्यूएसए) यानी सड़क किनारे की सुविधाएं विकसित कर रहा है। अच्छे शौचालय, पार्किंग और रेस्तरां जैसी बुनियादी सुविधाओं के अलावा, इन वे साइड एमेनिटीज में ट्रक ड्राइवरों के लिए शयनगृह, ईवी चार्जिंग सुविधाएं, कन्वेंशन सेंटर, ट्रामा सेंटर और हस्तशिल्प और स्थानीय रूप से निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए खुदरा दुकानें भी होंगी। सड़क दुर्घटनाओं और अंग प्रत्यारोपण जैसी आपातकालीन चिकित्सा स्थितियों से निपटने के लिए कुछ डब्ल्यूएसए में हेलीपैड और ड्रोन लैंडिंग की सुविधाएं भी होंगी।

अपने संबोधन में पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग और आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि भारत उस गति से आगे बढ़ रहा है जो पहले कभी नहीं देखी गई। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने में 60 साल लगे और अब, 2014 के बाद केवल 9 वर्षों में, भारत लगभग साढ़े तीन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हो गई है।”

श्री सोनोवाल ने कहा कि पीएम गति शक्ति एनएमपी के तहत, पत्तन, पोत परिवहन और जल मार्ग मंत्रालय ने 2025 तक कार्यान्वयन के लिए 62,227 करोड़ रुपये की 101 परियोजनाओं की पहचान की है। इन 101 परियोजनाओं में से 8,897 करोड़ रुपये की 26 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, 15,343 करोड़ रुपये की 42 परियोजनाएं विकास के चरण में है और 36,638 करोड़ रुपये की 33 परियोजनाएं कार्यान्वयन के अधीन हैं। कार्यान्वयन के तहत परियोजनाओं में से, 20,537 करोड़ रुपये की 14 परियोजनाओं के दिसंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 101 गति शक्ति परियोजनाओं में से 9,867 करोड़ रुपये की 12 परियोजनाएं महाराष्ट्र में कार्यान्वित हो रही हैं, जिनमें से 3,165 करोड़ रुपये की 3 परियोजनाएं पूरी हो गई हैं। 675 करोड़ रुपये की 2 परियोजनाएं विकास के चरण में हैं, वहीं बाकी 6,027 करोड़ रुपये की 7 परियोजनाएं कार्यान्वयन के दौर में हैं और इनके 2025 तक पूरी होने का अनुमान है।

सागरमाला परियोजना के तहत प्रगति के बारे में विस्तार से बताते हुए श्री सोनोवाल ने कहा कि सागरमाला कार्यक्रम के अंतर्गत 2035 तक 5.4 लाख करोड़ रुपये के निवेश वाली 802 परियोजनाएं कार्यान्वित होनी हैं। 1,21,545 करोड़ रुपये की 228 परियोजनाएं पूरी हो गई हैं और 2.36 लाख करोड़ रुपये की 260 परियोजनाएं कार्यान्वयन के अधीन हैं। महाराष्ट्र राज्य में, सागरमाला कार्यक्रम के तहत 1,13,285 करोड़ रुपये की 126 परियोजनाएं हैं। 126 परियोजनाओं में से 16,393 करोड़ रुपये की 39 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। 18,146 करोड़ रुपये की 42 परियोजनाएं कार्यान्वयन के अधीन हैं। 78,746 करोड़ रुपये की 45 परियोजनाएं विकास के चरण में हैं। हरित पहलों के बारे में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि देश के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के तहत 2035 तक सभी बड़े बंदरगाहों में ग्रीन हाइड्रोजन/ अमोनिया बंर और रिफ्यूलिंग की सुविधाएं स्थापित की जानी हैं। दीनदयाल, पारादीप और वी ओ चिदम्बरानार बंदरगाहों पर हाइड्रोजन बंकरिंग की स्थापना के लिए बुनियादी ढांचा विकसित किया जा रहा है।

इस अवसर पर रेलवे और कपड़ा राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने कहा कि आईएमसी की स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्वदेशी आंदोलन में योगदान देने की समृद्ध विरासत रही है। उन्होंने कहा कि रेल क्षेत्र में ऐसी कई परियोजनाएं हैं जहां निवेश के अवसर हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया, “कई घरेलू और विदेशी निवेशक रेल परियोजनाओं में निवेश करना चाह रहे हैं। रेल क्षेत्र में स्वचालित रूट से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। सरकार की 2030 तक रेल बुनियादी ढांचे में 715 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना है।”

इससे पहले, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा कि परिचालन तैयारियों को बनाए रखने के लिए भारत मुख्य रूप से रक्षा उपकरणों के आयात पर निर्भर है और हमारे सामरिक लक्ष्यों के लिए आत्म निर्भरता और आयात पर निर्भरता को कम करना काफी अहम है। वे ‘रक्षा विनिर्माण में अवसर’ विषय पर आयोजित सत्र में बोल रहे थे।

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उप्र के समस्त जिलों में “सूचना संकुल” के निर्माण के सम्बन्ध में भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य श्याम सिंह ने मुख्य मंत्री को लिखा पत्र

कानपुर 1 मई भारतीय स्वरूप संवाददाता, भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य श्याम सिंह पंवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रेस / मीडिया कर्मियों के हितार्थ एक पत्र लिखा जिसमें उनके  द्वारा सभी जिलों में सूचना संकुल भवन के स्थापित कराए जाने की अपेक्षा की गई है। उन्होंने लिखा कि मुख्य सचिव उप्र शासन के परिपत्र संख्या-588/उन्नीस / 2-2015-77/2015 दिनाँक 29.09. 2015 की ओर आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूं कि उप्र के समस्त जिलों में (कुछेक को छोड़कर) ‘सूचना संकुल’ स्थापित किये जाने की घोषणा की जा चुकी है। ‘सूचना संकुल’ के परिसर में ही जिला सूचना कार्यालय, प्रेस / मीडिया कर्मियों के लिये एक सूचना केन्द्र, शासन / प्रशासन के विभिन्न पदाधिकारियों, गणमान्य एवं विशिष्ट व्यक्तियों के द्वारा प्रेसवार्ता करने हेतु मीडिया सेंटर स्थापित करने हेतु भूमि की निःशुल्क उपलब्धता करवाते हुए भवन का मानचित्र एवं उक्त पर आने वाले व्यय का आकलन जिले के आलाधिकारियों से की जा चुकी है। पीसीआई सदस्य ने आगे कहा कि अवगत हो कि उपरोक्त विषयक जिलाधिकारी कानपुर नगर व मंडलायुक्त कानपुर मंडल को समय-समय पर कई पत्र लिखें हैं और ‘सूचना संकुल’ निर्माण विषयक कई बार ध्यानाकर्षित किया है किन्तु अभी तक कोई भी सार्थक कार्यवाई नहीं की गई है, बल्कि उनके द्वारा कागजी औपचारिकता निभाते हुए उदासीनता का परिचय दिया गया है। पीसीआई सदस्य ने पत्र में लिखते हुए कहा कि हम आपसे अपेक्षा करते हैं, कानपुर नगर ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों में ‘सूचना संकुल’ निर्माण हेतु यथोचित दिशा-निर्देश जारी करेंगे।

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डी जी कॉलेज में व्याख्यानमाला के अंतर्गत “बिहेवियरल अप्रोच इन सोशल साइंसेज” विषय पर व्याख्यान अयोजित

कानपुर 29 अप्रैल भारतीय स्वरूप संवाददाता, डी जी कॉलेज, कानपुर के तथा भूगोल विभाग तथा मनोविज्ञान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की जा रही व्याख्यानमाला के अंतर्गत आज दिनांक 29 अप्रैल, 2023 को “बिहेवियरल अप्रोच इन सोशल साइंसेज” विषय पर एक व्याख्यान प्रो. जावेद हसन खान, सीनियर प्रोफेसर, भूगोल विभाग, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़ के द्वारा दिया गया। उन्होंने अपने व्याख्यान में छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि व्यवहारवाद, सीखने का एक सिद्धांत है जो बताता है कि सभी व्यवहारों को कंडीशनिंग नामक प्रक्रिया के द्वारा मानव-पर्यावरण के पारस्परिक संबंधों के माध्यम से सीखा जाता है। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय प्राचार्या प्रो. अर्चना वर्मा जी ने दीप प्रज्वलन कर किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि प्रो जाबिर हसन खान के द्वारा अनुसंधान एवं अकादमिक कार्यों के उन्नयन हेतु किए जा रहे प्रयास एवं उनके बौद्धिक व सामाजिक सोच निश्चित ही भूगोल विषय तथा समाज को एक नई दिशा प्रदान करेगी।
कार्यक्रम का संयोजन भूगोल विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ संगीता सिरोही, धन्यवाद प्रस्ताव मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ सुषमा शर्मा व संचालन डॉ अंजना श्रीवास्तव के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में समस्त प्रवक्ताये, डॉ शशि बाला सिंह, डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, डॉ वंदना द्विवेदी, डॉ श्वेता गोंड़, डी ए वी कॉलेज से प्रो. अस्थाना, कार्यालय अधीक्षक कृष्णेंद्र श्रीवास्तव समेत सभी शोधार्थियों व छात्राओं की उपस्थिति सराहनीय रहा।

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प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस कार्यक्रम के दौरान द्वारा 24 अप्रैल 2023 को संयुक्त प्रगति (समावेशी विकास) अभियान का शुभारंभ करेंगे

प्रधानमंत्री मोदी आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में संयुक्त प्रगति (समावेशी विकास) की विषय-वस्तु के तहत मध्य प्रदेश के रीवा में 24 अप्रैल 2023 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के दौरान इन नौ अभियानों का शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री उसी दिन एक वेबसाइट और मोबाइल ऐप “समावेशी विकास” को भी लॉन्च करेंगे।

भारत अगस्त, 2023 तक आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) मना रहा है। इस अवसर को उत्साहपूर्वक मनाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न विषयों पर आधारित कई कार्यक्रम/अभियान आयोजित किए जा रहे हैं, इस पहल में राज्य सरकारों और आम जनता का सहयोग भी लिया जा रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत एक मूल विषय संयुक्त प्रगति (समावेशी विकास) रखा गया है। ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) इस पहल के लिए अग्रणी मंत्रालय की भूमिका निभा रहा है, जिसमें भारत सरकार के चार अन्य सहायक मंत्रालयों/विभागों की भी सहायता ली जा रही है। इस विषय के तहत नौ अभियानों में से पांच ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधीन हैं, (i) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत समग्र आवास, (ii) जिला स्तर पर वित्तीय साक्षरता, (iii) ग्राम पंचायत स्तर पर डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना और (iv) स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) नेटवर्क में पात्र ग्रामीण महिलाओं का सामाजिक जुड़ाव, (v) महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत नदी के किनारों पर वृक्षारोपण अभियान।

इनके अलावा, सहयोगी मंत्रालयों/विभागों द्वारा चार अन्य अभियानों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें शामिल हैं (i) स्वस्थ महिला-समृद्ध समाज (एसएमएसएस)- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, (ii) आकांक्षी जिलों में पशुधन जागृति अभियान गहन जागरूकता अभियान-पशुपालन एवं डेयरी विभाग, (iii) सवामित्व, मेरी संपत्ति, मेरा हक- पंचायती राज मंत्रालय तथा (iv) प्राकृतिक खेती के साथ स्वयं सहायता समूह महिला अभियान – कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय।

संयुक्त प्रगति विषयवस्तु के तहत, स्वीकृत अभियानों का चयन उन्नत प्रभाव मूल्य और उच्च जन-भागीदारी क्षमता पर केंद्रित है। इन अभियानों को “पूरे सामाजिक दृष्टिकोण” के साथ तैयार किया गया है, जिससे अभियानों के लाभार्थियों तक शत प्रतिशत पहुंच सुनिश्चित हो जाती है। पूरे अभियान को “समावेशी विकास” कहा गया है, जो अपनी बुनियाद को “अभिसरण” और “अंतिम छोर तक पहुंचने” की अवधारणा में निहित करता है, इसका लक्ष्य सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों, जिलों तथा ग्राम पंचायतों के माध्यम से योजनाबद्ध कार्यक्रम आयोजित करना है, जिसमें चयनित अभियानों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। कार्यक्रम में शामिल हो रहे सभी मंत्रालयों/विभागों द्वारा रोजगार सृजन, स्वास्थ्य, सामाजिक समावेशन, सामाजिक सुरक्षा और आजीविका सृजन के क्षेत्र में प्रयास किये जा रहे हैं।

इन अभियानों की प्रगति को देखने और इनकी निगरानी करने की दृष्टि से https://akam-samveshivikaas.nic.in नाम से एक वेबसाइट तैयार की गई है, जिसे प्रधानमंत्री द्वारा 24 अप्रैल, 2023 को मध्य प्रदेश के रीवा में एक समारोह में पंचायती राज दिवस के दिन राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च करने का प्रस्ताव किया गया है। यह जीवंत और सक्रिय वेबसाइट समग्री विकास अभियानों के तहत विभिन्न गतिविधियों की वास्तविक समय पर उनकी स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करेगी और प्रमुख प्रदर्शन संकेतक, आयोजनों का कैलेंडर, कार्यक्रम से संबंधित तस्वीरें एवं वीडियो, अखबार की कतरनें तथा जनता की राय को भी संदर्भ में इस्तेमाल करेगी। वेबसाइट तकनीकी उपकरणों के माध्यम से विभाग को रिपोर्ट तैयार करने और अभियानों की प्रगति का आकलन तथा निगरानी करने में सक्षम बनाएगी।

जनभागीदारी और लोक सहभागिता के दस्तावेज़ीकरण को सुनिश्चित करने के लिए “समावेशी विकास” नामक एक सरल तथा उपयोगकर्ता के अनुकूल मोबाइल ऐप तैयार किया गया है। इसके माध्यम से, आम जनता इन अभियानों पर तस्वीरों के साथ इन अभियानों के प्रभाव एवं लाभों के बारे में अपने अनुभव व राय/फीडबैक साझा कर सकती है।

अलग-अलग अभियानों के बारे में संक्षिप्त सी जानकारी:

(1) प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजनाग्रामीण के तहत समग्र आवासअभिसरण: इस अभियान में, पहले से स्वीकृत 2.50 करोड़ से अधिक के अतिरिक्त भी 45 लाख प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना-ग्रामीण घरों की मंजूरी सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही बिजली, एलपीजी, पानी प्रदान करने वाली योजनाओं के साथ कार्यक्रम के तहत प्रदान किए जा रहे लाभों की पूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। सभी प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना-ग्रामीण घरों में नल से जल का कनेक्शन और शौचालय उपलब्ध होगा। यह अभियान अप्रैल, 2023 में शुरू हो रहा है और अगस्त, 2023 तक जारी रहेगा।

(2) जिला स्तर पर वित्तीय साक्षरता: इस अभियान का मुख्य उद्देश्य वित्तीय जागरूकता उत्पन्न करना है और विभिन्न बैंकिंग एवं वित्तीय सेवाओं तथा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की पहुंच बढ़ाना है। यह अभियान 500 जिलों में चलाया जाएगा और 2 करोड़ स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को आवश्यकता-आधारित प्रशिक्षण देने तथा जागरूकता बढ़ाने की उम्मीद है। ग्राम-स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से लगभग 2.5 करोड़ स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और 3 करोड़ प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के तहत नामांकित किया जाएगा। इस अभियान की अवधि के दौरान, वित्तीय जागरूकता, सेवा वितरण एवं बुनियादी शिकायतों के निवारण के उद्देश्य से एक ही स्थान पर समाधान उपलब्ध कराने के लिए राज्यों में 750 सक्षम केंद्र स्थापित किए जाएंगे। यह अभियान 11 जनवरी, 2023 से शुरू हो चुका है और अगस्त, 2023 तक जारी रहेगा।

(3) ग्राम पंचायत स्तर पर डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना: इस अभियान का मुख्य उद्देश्य महिला स्वयं सहायता समूह सदस्यों और उनके परिवारों के बीच लेनदेन के विभिन्न डिजिटल तरीकों के बारे में जागरूकता पैदा करना तथा उनकी पहुंच का विस्तार करना है। 3 करोड़ लेनदेन के साथ 50,000 ग्राम पंचायतों में जागरूकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जाएगा और 20,000 स्वयं सहायता समूह सदस्यों को व्यवसाय प्रतिनिधि सखी / डिजीपे सखी / पेपॉइंट के रूप में सेवा देने लिए लगाया जाएगा। इसके अलावा ग्राम पंचायत स्तर पर भी जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे। यह अभियान 1 फरवरी, 2023 से शुरू हुआ और अगस्त, 2023 तक जारी रहेगा।

(4) स्वयं सहायता समूह नेटवर्क में पात्र ग्रामीण महिलाओं का सामाजिक जुड़ाव: इस अभियान का उद्देश्य पात्र ग्रामीण महिलाओं को स्वयं सहायता समूह नेटवर्क में शामिल होने के लिए प्रेरित करना है। पात्र स्वयं सहायता समूह को वीओ (ग्राम संगठनों) में जोड़ना, पात्र ग्राम संगठनों को क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) में लाना और पात्र स्वयं सहायता समूह को पूंजी का सहयोग उपलब्ध कराना इसका एक लक्ष्य है। इस अभियान का मकसद वित्त वर्ष 2023-24 के अंत तक कुल 10 करोड़ ग्रामीण परिवारों को जोड़ना है। इसका उद्देश्य सभी कमजोर एवं सीमांत ग्रामीण परिवारों को स्वयं सहायता समूह के अंतर्गत लाना और सरकार की इस पहल के माध्यम से प्रदान किए गए लाभों को आकर्षित कराना है। उम्मीद है कि इस अवधि के दौरान 20 लाख छूटे हुए परिवारों को इससे जोड़ा जाएगा और 60,000 से अधिक स्वयं सहायता समूह तैयार किये जाएंगे।

(5) नदी तटों पर वृक्षारोपण अभियान: इस अभियान के तहत नदी तटों पर महात्मा गांधी नरेगा कार्यक्रम के तहत वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा। इसकी कार्य अवधि के दौरान, नदी के किनारों पर लगभग 20,000 किलोमीटर के दायरे में करीब 4 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। अभियान 1 मार्च, 2023 को शुरू हुआ था और अगस्त, 2023 तक जारी रहेगा।

(6) स्वस्थ महिला समृद्ध समाज: इस अभियान का नेतृत्व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएएंडएफडब्ल्यू) कर रहा है, जो ‘बेहतर स्वास्थ्य’ को एक जन आंदोलन बनाने के लिए गांवों में महिला स्वयं सहायता समूह के बीच क्रेडिट-प्लस गतिविधि के रूप में स्वास्थ्य को बढ़ावा दे रहा है और यह महिलाओं में कैंसर की रोकथाम तथा नियंत्रण पर जोर देने के उद्देश्य से- स्तन कैंसर एवं सर्वाइकल कैंसर की जांच पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। अभियान की अवधि के दौरान, देश भर में कार्यान्वित स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र पर पीआरआई/एनआरएलएम इकाइयों द्वारा 10 लाख कैंसर जांच/जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे। यह भी उम्मीद है कि 2.5 करोड़ महिलाओं की स्तन कैंसर तथा सर्वाइकल कैंसर के लिए जांच की जाएगी (25 सर्वाइकल कैंसर के लिए व 25 स्तन कैंसर के लिए प्रति शिविर * 10 लाख कैंप) और आयुष्मान भारत – स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों में महिलाओं की देखभाल में अभियान अवधि के अंत तक कुल आठ करोड़ लोगों की उपस्थिति दर्ज होगी। यह अभियान 14 जनवरी, 2023 को शुरू हुआ और अगस्त, 2023 तक जारी रहेगा।

(7स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के साथ प्राकृतिक खेती: इस अभियान का नेतृत्व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (एमओएएंडएफडब्ल्यू) कर रहा है। इस अभियान में मिट्टी के स्वास्थ्य की बहाली सुनिश्चित करना, जिसमें जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने के लिए वायुमंडलीय कार्बन पर नियंत्रण, खेत तथा स्थानीय इकोसिस्टम के स्तर पर जैव विविधता के नुकसान को कम करना और दुर्लभ कृषि संसाधनों को बनाए रखना / पुनर्चक्रण करना शामिल है। अभियान अवधि के दौरान, कम से कम 10 महिला किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन / सहायता देना (एक एफपीओ में न्यूनतम दस की सदस्यता है, जो सदस्यों की उपलब्धता के आधार पर 2000 तक जा सकती है) और साथ ही राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय महत्वपूर्ण दिवसों पर विशेष अभियान आयोजित करना सुनिश्चित किया जायेगा। लगभग 440 (प्रगतिशील महिला किसानों/एफपीओ/आरसी/एसएचजी के सदस्यों तथा एनआरएलएम/एसआरएलएम/महिला कृषि-उद्यमियों की कृषि सखियों) को शामिल करते हुए एक जागरूकता अभियान पहले ही आयोजित किया जा चुका है। यह अभियान 11 फरवरी 2023 से शुरू हुआ और अगस्त, 2023 तक जारी रहेगा।

(8) पशुधन जागृति अभियान– आकांक्षी जिलों में गहन जागरूकता: इस अभियान का नेतृत्व पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीओएएचएंडडी) द्वारा किया जा रहा है। इस अभियान में उद्यमिता तथा विभाग की अन्य योजनाओं, रोग के वैज्ञानिक प्रबंधन एवं पशु स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित करने वाले आकांक्षी जिलों में लगभग 16,000 ग्राम-स्तरीय शिविरों का आयोजन करके देश भर के 112 सबसे कम विकसित जिलों को प्रभावी ढंग से बदलने का प्रयास किया जाएगा। सभी आकांक्षी जिलों में प्रति जिला दो पशु स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे और प्रत्येक स्वास्थ्य शिविर में 100 किसान भाग लेंगे। वर्चुअल शिविरों को विभाग के विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रसारित किया जाएगा और राज्य एएच जिला संस्थान किसानों को पशु स्वास्थ्य शिविरों के लिए जुटाएंगे। इसके अलावा सभी आकांक्षी जिलों में 224 पशु स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिससे लगभग 22,400 किसान लाभान्वित होंगे। अभियान 22 फरवरी, 2023 से शुरू हुआ था और यह अगस्त, 2023 तक जारी रहेगा।

(9) स्वामित्वमेरी संपत्तिमेरा हक: यह अभियान पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) के नेतृत्व में आयोजित हो रहा है। इस अभियान का उद्देश्य स्वामित्व योजना के तहत नवीनतम ड्रोन-आधारित सर्वेक्षण तकनीक के उपयोग से एक गांव के बसे हुए क्षेत्र (आबादी) में संपत्ति के मालिकों को ‘रिकॉर्ड ऑफ राइट्स’ प्रदान करना है। इसका लक्ष्य अगस्त 2023 तक स्वामित्व योजना के अंतर्गत 1.50 करोड़ “मालिकाना अधिकारों के रिकॉर्ड”/ संपत्ति कार्ड बनाना है। अभियान 18 अप्रैल, 2023 से शुरू हुआ और 30 जून, 2023 तक जारी रहेगा।

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कानपुर समाचार

रावतपुर में शोहदै के हौसले बुलंद।

छेड़छाड़ का विरोध करने पर किया हमला।

रावतपुर में छेड़छाड़ का विरोध करने पर दबंगों ने एक युवक के सिर और गर्दन पर लोहे की रॉड से ताबड़तोड़ हमला कर दिया।

भाई को खून से लथपथ देख बहन के शोर मचाने पर आसपास के लोगों ने हमलावरों को खदेड़ दिया।

रावतपुर थाने में दर्ज की गई हत्या के प्रयास समेत कई संगीन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज।

बहन के साथ शोरूम से स्कूटी लेकर आ रहा था युवक।

रास्ते में दबंगों ने दोनों को घेरा।

घायल युवक का प्राइवेट हॉस्पिटल में चल रहा है इलाज।

युवक आईसीयू में है भर्ती ।

पूरा मामला रावतपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत
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थाना रावतपुर क्षेत्र के अंतर्गत चिल्ड्रन केयर स्कूल के पास

 

कबाड़ीयो का दबदबा आने जाने वालों को होती है

 

दिक्कत आसपास के लोग करते हैं मना तो कबाड़ी दिखाते हैं दारू पीकर के अपनी दबंगई और लोगों पर

 

लिखवाते छेड़खानी और लूट का मुकदमा फुल रूप से रोड पर कर रखा है कब जा

जिसमें की एक कबाड़ी का लड़का है एसडीएम के यहां है

 

सफाई कर्मचारी एसडीएम के नाम पर फुल रूप से करता है दबंगई

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