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भारत जल्द ही अपना सबसे तेज सुपरकंप्यूटर हासिल कर लेगा और अगले मार्च तक इसका संचालन शुरू हो जाएगा- किरेन रीजीजू

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि भारत जल्द ही 900 करोड़ रुपये लागत का अपना सबसे तेज सुपरकंप्यूटर हासिल कर लेगा और इसके अगले साल मार्च तक काम करना शुरू करने की उम्मीद है। कार्यभार संभालने के बाद से मंत्रालय के तहत एक अनुसंधान केंद्र के अपने पहले दौरे में, श्री रिजिजू ने कहा कि इसके अधिग्रहण के साथ भारत संभाव्य पूर्वानुमान के उच्चतम रेसोलुशन वाला मौसम निगरानी तंत्र हासिल कर लेगा। मंत्री आज नोएडा, उत्तर प्रदेश में नेशनल सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फोरकास्टिंग (एनसीएमआरडब्ल्यूएफ) के अपने दौरे के दौरान मीडिया को संबोधित कर रहे थे। रीजीजू ने कहा “नया कंप्यूटर 12 से 6 किलोमीटर तक के पूर्वानुमान में सुधार कर सकता है। वर्तमान में भारत के सबसे तेज़ सुपरकंप्यूटर क्रे एक्ससी-40 सुपरकंप्यूटर ‘मिहिर’ के 6.8 पेटाफ्लॉप्स (पीएफएलओपीएस) के प्रदर्शन के साथ की तुलना में, नए सुपरकंप्यूटर की क्षमता लगभग तीन गुना होगी – अर्थात 18 पीएफएलओपीएस।” उन्होंने आगे कहा, “इस विश्व स्तरीय केंद्र की सुविधाओं से सभी क्षेत्रों को, समाज के सभी वर्गों को लाभ होगा, वास्तव में देश के प्रत्येक व्यक्ति को इस संस्थान से सीधे लाभ मिलने वाला है।”

श्री रीजीजू ने कहा कि भारत की मौसम पूर्वानुमान क्षमता में दिन-ब-दिन सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हम आस-पड़ोस और उससे आगे के देशों में भी मौसम की भविष्यवाणी का विस्तार कर रहे हैं।”

एनसीएमआरडब्ल्यूएफ का परिसर, मौसम और जलवायु मॉडलिंग में उत्कृष्टता केंद्र, क्षेत्रीय समूह “बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन” (बिम्सटेक) के मौसम और जलवायु पर बिम्सटेक केंद्र (बीसीडब्ल्यूसी) की भी मेजबानी करता है। इसमें ये सात सदस्य देश शामिल हैं – बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, श्रीलंका सहित दक्षिण एशिया से पांच और म्यांमार और थाईलैंड सहित दक्षिण पूर्व एशिया से दो।

रीजीजू ने कहा कि एनसीएमआरडब्ल्यूएफ दुनिया में अपनी तरह का एक अग्रणी संस्थान है। उन्होंने कहा, “यह भारत के लिए बहुत गर्व की बात है कि हमारा एनसीएमआरडब्ल्यूएफ विश्व स्तरीय केंद्र बनने जा रहा है।”  रीजीजू को डॉ. एम. रविचंद्रन, सचिव, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय; डॉ. वी.एस. प्रसाद, प्रमुख, एनसीएमआरडब्ल्यूएफ; और एनसीएमआरडब्ल्यूएफ के अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने ब्रीफ किया।

 

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कल मिलेगा कानपुर हवाई अड्डे को अधिक यात्री क्षमता वाला एक नया सिविल एन्क्लेव

डेवलपमेंट थ्रू कनेक्टिविटी’ यानी जुडाव से विकास की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी कानपुर एक नया सिविल एन्क्लेव पाने के लिए तैयार है। कानपुर हवाई अड्डे पर नए सिविल एन्क्लेव का उद्घाटन 26 मई को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया द्वारा किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मैनपुरी में स्वर्गीय माधवराव जीवाजीराव सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद एक साथ नए टर्मिनल के उद्घाटन के लिए कानपुर हवाई अड्डे जाएंगे।

नई टर्मिनल बिल्डिंग की मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं:

  • नया टर्मिनल भवन 6243 वर्गमीटर के क्षेत्र में 150 करोड़ रुपये की परियोजना लागत पर बनाया गया है और ये मौजूदा टर्मिनल से 16 गुना बड़ा है।
  • पहले के 50 यात्रियों की तुलना में पीक ऑवर्स के दौरान 400 यात्रियों को संभालने के लिए तैयार किया गया है।
  • यात्रियों के लिए कुशल और त्वरित चेक-इन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए 08 चेक-इन काउंटर।
  • सामान के आसान रखरखाव और संग्रह की सुविधा के लिए 3 कन्वेयर बेल्ट जिसमें से एक प्रस्थान हॉल में स्थित है और दो आगमन हॉल में स्थित है।
  • 850 वर्ग मीटर में फैला एक विशाल कंसेशिनेयर एरिया, जो यात्रियों के लिए खरीदारी और भोजन की विविध रेंज पेश करता है।
  • दृष्टिबाधित यात्रियों की सुविधा के लिए स्पर्श पथ प्रावधान किए गए हैं।
  • टर्मिनल के शहर की ओर, 150 कार पार्किंग स्थान और 2 बस पार्किंग स्थान हैं, जो यात्रियों के लिए पर्याप्त पार्किंग सुविधाएं सुनिश्चित करते हैं।
  • नव विकसित एप्रन 713मी X 23मी के एक नए लिंक टैक्सी ट्रैक के साथ-साथ तीन ए-321/बी-737 प्रकार के विमानों की पार्किंग के लिए उपयुक्त है।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन और सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री सेवानिवृत्त जनरल डॉ. वी. के. सिंह, उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष  सतीश महाना, उत्तर प्रदेश सरकार में औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई और निवेश प्रोत्साहन मंत्री और सांसद नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, लोकसभा सांसद देवेंद्र सिंह, लोकसभा सांसद सत्यदेव पचौरी और कानपुर नगर निगम की मेयर श्रीमती प्रमिला पांडे तथा अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।

कानपुर चमड़ा, कपड़ा और रक्षा संबंधी उत्पादन उद्योगों का एक प्रमुख केंद्र है। यहां कई ऐतिहासिक और पवित्र स्थान हैं और आईआईटी कानपुर, नेशनल शूगर इंस्टीट्यूट, यूपी लैदर एंड टैक्सटाइल टैक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट जैसे विभिन्न प्रमुख शैक्षणिक संस्थान हैं जो बड़ी संख्या में हवाई यात्रियों को आकर्षित करते हैं। वर्तमान में कानपुर मुंबई और बेंगलुरु एयरपोर्ट से सीधे जुड़ा हुआ है।  कानपुर, जिसे अक्सर ‘उत्तर प्रदेश का मैनचेस्टर’ कहा जाता है, के उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों और देश के दूसरे हिस्सों से जुड़ने की संभावना है।

कानपुर हवाईअड्डे पर नए सिविल एन्क्लेव का टर्मिनल भवन डबल इंसुलेटेड रूफिंग सिस्टम, ऊर्जा की बचत के लिए कैनोपी का प्रावधान, एलईडी लाइटिंग, लो हीट गेन डबल ग्लेज़िंग यूनिट, भूजल तालिका को रिचार्ज करने के लिए वर्षा जल संचयन, जल उपचार संयंत्र, सीवेज उपचार संयंत्र और भूनिर्माण के लिए पुनर्नवीनीकरण पानी का उपयोग, 100 केडब्लूपी की क्षमता वाला एक सौर ऊर्जा संयंत्र जैसी विभिन्न स्थिरता सुविधाओं से सुसज्जित है। इसे जीआरआईएच-IV रेटिंग प्रदान की गई है, जो देश में सतत विकास और जिम्मेदार संसाधन प्रबंधन को दर्शाने वाली एक राष्ट्रीय ग्रीन बिल्डिंग रेटिंग प्रणाली है।

टर्मिनल बिल्डिंग का अग्रभाग शहर और वायुमार्ग दोनों से कानपुर के प्रसिद्ध जेके मंदिर की मंदिर वास्तुकला को दर्शाता है। टर्मिनल बिल्डिंग के अंदरूनी हिस्सा विभिन्न स्थानीय विषयों जैसे कपड़ा, चमड़ा उद्योग और शहर की प्रसिद्ध हस्तियों जैसे कवि श्यामलाल गुप्ता और ऋषि महर्षि वाल्मीकि पर आधारित हैं। टर्मिनल को कानपुर और उत्तर प्रदेश राज्य की संस्कृति और विरासत को एक करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे आगंतुकों के लिए क्षेत्र की संस्कृति और इतिहास के प्रति भावना जागृत हो सके।

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में जनगणना भवन का उद्घाटन किया

अमित शाह ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण के लिए वेबपोर्टल, जियोफेंसिंग के साथ अपग्रेडेड एसआरएस मोबाइल एप्लीकेशन और जनगणना प्रकाशनों की ऑनलाइन बिक्री के वेबपोर्टल का भी शुभारंभ किया।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने जनगणना संग्रह (1981 से आगामी जनगणना) का भी विमोचन किया।

इस अवसर पर केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय, श्री अजय कुमार मिश्रा और केन्द्रीय गृह सचिव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि जन्म और मृत्यु का पंजीकरण किसी भी देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और ये दो जनगणनाओं के बीच विकास की योजनाओं को बनाने में मदद करता है, अब मोदी सरकार इस प्रक्रिया को ऑनलाइन कर आसान बना रही है। उन्होंने कहा कि आज 1981 से अभी तक की सभी जनगणनाओं के इतिहास को एक पुस्तक में संकलित करके प्रकाशित किया गया है। उन्होंने कहा कि जब तक ज़िम्मेदारी तय नहीं होती है तब तक उसका निर्वहन करना मुश्किल होता है और आज लॉंच हुआ जियोफेंसिंग के साथ अपग्रेडेड एसआरएस मोबाइल एप्लीकेशन निचले स्तर तक के कर्मचारी को रिस्पॉंसिबल बनाएगा। श्री शाह ने कहा कि जनगणना देश के विकास को रेखांकित करने वाली प्रक्रिया है और इसके लिए ये ज़रूरी है कि जियोफेंसिंग के साथ एसआरएस अपग्रेडेड मोबाइल एप्लीकेशन एक ऐसा अलर्ट सिस्टम बनाए जिससे जनगणना करने वाले आवंटित क्षेत्र से बाहर ना जा सकें। उन्होंने कहा कि देश में कई संस्थाएं बन रही हैं जो राज्यों, ज़िलों और तहसीलों को विकास में विश्लेषण के साथ प्रोफेशनल सलाह देने की कुव्वत रखती हैं और इन सबकी प्रोफेशनल कम्पीटेंस का उपयोग देश के विकास में होना चाहिए। इसके लिए उन्हें विश्लेषण के लिए जनगणना का सारा साहित्य उपलब्ध होना चाहिए और आज से जनगणना के सारे प्रकाशनों की ऑनलाइन बिक्री शुरू हो गई है, जिससे प्लानिंग और शोध करने वालों को सबसे बड़ा फायदा होगा।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि काफी सालों तक हमारे देश का विकास मांग-आधारित और टुकड़ों में होता रहा। उन्होंने कहा कि इतने बड़े भौगोलिक विविधता वाले देश में अगर सर्वस्पर्शीय और सर्वसमावेशक विकास करना है तो ये बहुत ज़रूरी है कि विकास की प्लानिंग डेटा के आधार पर हो और डेटा के लिए हमारे पास जनगणना के सिवा और कोई साधन नहीं है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश को पूरी तरह सर्वस्पर्शीय और सर्वसमावेशी रूप से विकसित करने का आधार नई जनगणना होगी। उन्होंने कहा कि पहले जनगणना और विकास की योजना बनाने वाले लोगों के बीच कोई कड़ी भी नहीं थी।  अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार अब इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जनगणना कराएगी, जिसमें हर व्यक्ति को  डेटा भरने का अधिकार होगा, उसका सत्यापन और ऑडिट होगा, और इसमें सामाजिक-आर्थिक स्थिति के 35 से अधिक पैरामीटर्स को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि पहले की जनगणनाओं में विकास के लिए जो डेटा उपलब्ध होना चाहिए, वो नहीं था और ना ही उसके विश्लेषण की व्यवस्था थी। उन्होंने कहा कि आज़ादी के लगभग 70 सालों बाद योजना बनी कि हर गांव में बिजली पहुंचनी चाहिए, हर व्यक्ति को घर, नल से स्वच्छ पीने का पानी, स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें और हर घर में शौचालय बन जाए। श्री शाह ने कहा कि आजादी के लगभग 70 सालों बाद तक पानी, बिजली, घर, स्वास्थ्य आदि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं क्योंकि इनके लिए आवश्यक बजट उपलब्धता किसी को नहीं पता थी, मोदी सरकार डेटा का उचित विश्लेषण कर गरीबों तक सुविधाएं पहुंचाएगी। उन्होंने कहा कि योजनाएं बनती रहीं, लक्ष्य तय होते रहे लेकिन सबको घर देने का लक्ष्य तय करने का साहस नहीं था क्योंकि किसी को नहीं पता था कि इसके लिए कितना बजट चाहिए। उन्होंने कहा कि जनगणना का उपयोग, सटीकता, ऑनलाइन उपलब्धता और प्लानिंग और जनगणना के बीच सेतु के अभाव में ये सब पहले नहीं हो सका। श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार ऐसी व्यवस्था करने जा रही है कि जैसे ही एक व्यक्ति 18 वर्ष का होता है, चुनाव आयोग उससे सूचना लेकर उसका वोटर कार्ड बना देगा। इसी प्रकार किसी की मृत्यु होने पर जनगणना रजिस्ट्रार से चुनाव आयोग के पास इसकी सूचना जाएगी और फिर प्रक्रियानुसार उसका नाम मतदाता सूची से हटा लिया जाएगा।

 

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस प्रकार की जनगणना के प्रयास से जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन और जनगणना कम्प्लीट हो सकेगी जिससे देश को बहुआयामी फायदे होंगे। उन्होंने कहा कि जनगणना का डेटा विकास की मूल योजना बनाने में और वंचितों, शोषितों को आधारभूत सुविधाएं प्रदान करने में सहायक होता है

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अधिक महिला कर्मचारियों वाले कार्य स्थलों पर ज्यादा  शिशु गृह (क्रेच) खोले जाएँ: -स्मृ‍ति इरानी

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति इरानी ने राज्य सरकार से अधिक महिला कर्मचारियों वाले कार्य स्थलों पर ज़्यादा शिशु गृह (क्रेच) खोलने का आग्रह किया है। केंद्रीय मंत्री तिरुवनंतपुरम में श्रम-20 के एक भाग के रूप में बीएमएस राज्य महिला सम्मेलन का उद्घाटन कर रही थी। मंत्री ने कहा तकनीक की मदद से केरल में आंगनवाड़ियों के आधुनिकीकरण की आवश्यकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूरे राज्य की 33 ह़जार आंगनवाड़ियों में पर्यवेक्षकों के 13 प्रतिशत पद खाली हैं उन्होंने राज्य सरकार से इन रिक्तियों को भरने का आग्रह किया। श्रीमती इरानी ने आगे कहा लाभार्थियों की पहचान और उन्हें सीधे लाभ पहुंचाने में तकनीक के उपयोग का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण ‘प्रधानमंत्री मातृ-वंदना योजना’ है। उन्होंने यह भी कहा कि अधिक लाभार्थियों की पहचान होने पर केंद्र सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करने को तैयार है।

विदेश और संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री वी० मुरलीधरन ने भी इस अवसर पर संबोधन किया। उन्होंने राज्य सरकार से राज्य की महिलाओं को कार्य स्थलों पर सुरक्षा प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की जी-20 की अध्यक्षता पूरे समाज को प्रगतिशील बनाने का एक विशाल उपक्रम बन रहा है।

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पावरग्रिड का कर पश्चात लाभ (पीएटी) 11 प्रतिशत से बढ़कर ₹15,417 करोड़ हुआ; वित्त वर्ष 2023 के लिए कुल आय 9 प्रतिशत बढ़कर ₹46,606 करोड़ हुई

भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के तहत महारत्न कंपनी पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पावरग्रिड) ने वित्त वर्ष 2023 के लिए 15,417 करोड़ रुपये के कर-पश्चात लाभ (पीएटी) और 46,606 करोड़ रुपये की कुल आय की घोषणा की है, जिसमें वित्त वर्ष 2022 की तुलना में क्रमशः 11 प्रतिशत और 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही के लिए, कंपनी ने समेकित आधार पर ₹4,320 करोड़ का पीएटी पोस्ट किया, जो वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही से 4प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही के लिए समेकित आधार पर कुल आय में 13प्रतिशत की वृद्धि के साथ 12,557 करोड़ रुपये हो गई जो वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में 11,068 करोड़ रुपये थी।

कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 के लिए पहले से भुगतान किए गए ₹ 10/- प्रति शेयर के पहले और दूसरे अंतरिम लाभांश के अलावा 47.50 प्रतिशत (₹ 10/- प्रत्येक के अंकित मूल्य पर ₹ 4.75 प्रति शेयर) का अंतिम लाभांश प्रस्तावित किया है। इस प्रकार वर्ष के लिए कुल लाभांश ₹ 14.75 प्रति शेयर है जो पिछले वर्ष के समान है।

कंपनी ने वित्त वर्ष के दौरान समेकित आधार पर ₹ 9,212 करोड़ का पूंजीगत व्यय और ₹ 7,413 करोड़ (एफईआरवी को छोड़कर) की पूंजीगत संपत्ति खर्च की। समेकित आधार पर कंपनी की सकल अचल संपत्ति 31 मार्च, 2023 को 2,70,107 करोड़ रुपये रही, जबकि 31 मार्च, 2022 को यह 2,62,726 करोड़ रुपये थी।

वित्त वर्ष 2023 में, कंपनी ने अपनी सहायक कंपनियों के साथ 24,900 एमवीए ट्रांसफॉर्मेंशन क्षमता, 7 सब-स्टेशन और 1,676 सीकेएम ट्रांसमिशन लाइनें जोड़ीं। पावरग्रिड ने अपनी 4 टीबीसीबी सहायक कंपनियों- पावरग्रिड रामपुर संभल ट्रांसमिशन लिमिटेड, पावरग्रिड भिंड गुना ट्रांसमिशन लिमिटेड, पावरग्रिड मेदिनीपुर-जीरत ट्रांसमिशन लिमिटेड और पावरग्रिड भुज ट्रांसमिशन लिमिटेड को सफलतापूर्वक चालू किया है।

31 मार्च 2023 तक, पावरग्रिड और उसकी सहायक कंपनियों की कुल ट्रांसमिश एसेट्स 1,74,110 सीकेएम ट्रांसमिश लाइनें, 272 सब-स्टेशन और 4,99,360 एमवीए ट्रांसफॉर्मेंशन क्षमता रही है।

वर्ष के दौरान, पावरग्रिड ने कंपनी ने लगभग ₹9,500 करोड़ अनुमानित लागत के साथ एक इंट्रा-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम और 11 इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम टीबीसीबी सहायक कंपनियों का अधिग्रहण किया है।

वित्त वर्ष 2023 में भी 99.80प्रतिशत से अधिक की उच्च औसत ट्रांसमिशन सिस्टम उपलब्धता को बनाए रखना जारी रखा। इस वर्ष औसत ट्रांसमिशन सिस्टम की उपलब्धता 99.82प्रतिशत थी। 2021-22 के लिए इंटरनेशनल ट्रांसमिशन ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस स्टडी (आटीओएमएस) में लाइन और सबस्टेशन मेंटेनेंस दोनों के लिए पावरग्रिड को पहले चार में स्थान दिया गया है। पहले चार में स्थान होने का मतलब उच्च प्रदर्शन स्तरों के साथ कम लागत पर किए जा रहे परिसंपत्ति रखरखाव का संकेत है।

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भारत ने पिछले नौ वर्षों के दौरान कोयला उत्पादन में 47 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की

पिछले नौ वर्षों के दौरान, भारत का कुल कोयला उत्पादन 47 प्रतिशत बढ़कर 893.08 मिलियन टन (एमटी) हो गया है और आपूर्ति 45.37 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 877.74 मिलियन टन तक पहुंच गई है। वित्त वर्ष 2023 में, देश ने कोयला उत्पादन के इतिहास में 893.08 मीट्रिक टन के साथ बड़ी छलांग लगाई है।

कोयला मंत्रालय द्वारा 2023-24 के लिए हाल ही में अंतिम रूप दी गई कार्य योजना के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल उत्पादन, दक्षता, स्थिरता और नई तकनीकों को अपनाकर 1012 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है।

वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, मंत्रालय ने 33.224 मीट्रिक टन प्रति वर्ष की संचित शीर्ष रेटेड क्षमता (पीआरसी) वाली कुल 23 कोयला खदानों के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। वाणिज्यिक नीलामी के छठे दौर के लिए प्राप्त अच्छी प्रतिक्रिया को देखते हुए, यह उम्मीद की जाती है कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 25 कोयला खदानों को वाणिज्यिक खनन के लिए आवंटित किया जाएगा।

सरकार द्वारा अगस्त 2021 में एक रोडमैप के साथ मिशन ‘कोकिंग कोल’ शुरू किया गया है जो 2030 तक भारत में घरेलू कोकिंग कोल के उत्पादन और उपयोग को बढ़ाने के तरीके सुझाएगा।

मिशन कोकिंग कोल दस्तावेज़ में मुख्य रूप से नई खोज, उत्पादन बढ़ाने, धुलाई क्षमता बढ़ाने, नई कोकिंग कोल खदानों की नीलामी से संबंधित सिफारिशें की गई हैं। निम्नलिखित उद्देश्यों के साथ कोकिंग कोल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए मिशन शुरू किया गया है:

  1. वित्त वर्ष 2022 में कोकिंग कोल उत्पादन को 52 मिलियन टन (एमटी) से बढ़ाकर वित्त वर्ष 2030 में 140 मीट्रिक टन करना।
  2. वित्त वर्ष 2022 में कोकिंग कोल धोने की क्षमता को 23 मीट्रिक टन से बढ़ाकर वित्त वर्ष 2023 में 61 मीट्रिक टन करना।

कोकिंग कोल का उपयोग मुख्य रूप से ब्लास्ट फर्नेस रूट के जरिए स्टील के निर्माण में किया जाता है। घरेलू कोकिंग कोल से बहुत अधिक मात्रा में राख उत्पन्न होती है (ज्यादातर 18 प्रतिशत -49 प्रतिशत के बीच) जो ब्लास्ट फर्नेस में सीधे उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं है, इसलिए राख के प्रतिशत को कम करने के लिए कोकिंग कोल को धोया जाता है और ब्लास्ट फर्नेस में उपयोग से पहले इंडियन प्राइम तथा मीडियम कोकिंग कोल (<18 प्रतिशत राख) को आयातित कोकिंग कोल (<9 प्रतिशत राख) के साथ मिश्रित किया जाता है।

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केंद्रीय मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने आज सुबह पृ‍थ्‍वी विज्ञान मंत्रालय का कार्यभार संभाला

केंद्रीय मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने आज सवेरे पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया। उन्‍होंने महत्‍वपूर्ण मंत्रालय सौंपने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी को धन्‍यवाद दिया। उन्‍होंने कहा कि मंत्रालय विकसित भारत के 2047 विजन में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

कार्यभार ग्रहण करने के बाद श्री रिजिजू ने कहा कि उनकी प्राथमिकता समृद्ध खनिजों वाले पॉलीमेटेलिक नोडयूल्‍स की खोज के लिए प्रधानमंत्री की प्रमुख योजना डीप ओशन मिशन लागू करने की होगी।

उन्‍होंने कहा कि वह इस बात पर ध्‍यान देंगे कि मंत्रालय के प्रत्‍येक निर्णय का प्रभाव जन साधारण पर पड़े क्‍योंकि वे चीजों को सरल और सुलभ बनाने में विश्‍वास रखते हैं।

श्री रिजिजू ने आईएमडी सहित मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारियों द्वारा संक्षिप्‍त प्रस्‍तुति की भी अध्‍यक्षता की और घोषणा की कि आने वाले दिनों में वह संपूर्ण ‘’मौसम पूर्वानुमान प्रणाली’’ को फिर से व्‍यवस्थित करने के लिए काम करेंगे।

मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि उन्‍हें स्‍कूल के दिनों से ही गूगल अर्थ, जलवायु विज्ञान, समुद्र विज्ञान तथा कॉर्टोग्राफी में रूचि थी और उन्‍हें अपने नए अवतार में काम करने में आनंद आएगा।

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पहली बार रक्षा  उत्पादन 1 लाख करोड़ के पार

रक्षा मंत्रालय के सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप वित्तीय-वर्ष (एफवाई) 2022-23 में रक्षा उत्पादन का मूल्य पहली बार एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है। वर्तमान में इसका मूल्य 1,06,800, करोड़ है और निजी रक्षा उद्योगों से आंकड़े प्राप्त होने के बाद इसके और अधिक होने की संभावना है।  वित्तीय-वर्ष 2022-23 में वर्तमान रक्षा उत्पादन का मूल्य वित्तीय वर्ष 2021-22 के आंकड़े 95,000 करोड़ रुपये की तुलना में 12% तक बढ़ा गया है।

सरकार देश में रक्षा क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ाने के लिए और उनकी चुनौतियों को कम करने के लिए रक्षा-उद्योग और उनके संघों के साथ लगातार काम कर रही है। आपूर्ति श्रृंखला में सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योगों और स्टार्टअप के एकीकरण सहित ‘व्यवसाय में सुगमता’ जैसे उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए कई नीतिगत बदलाव किए गए हैं।

इन नीतिगत बदलावों के कारण एमएसएमई और स्टार्टअप समेत उद्योग रक्षा डिजाइन, विकास और उत्पादन में आगे आ रहे हैं और सरकार द्वारा पिछले सात-आठ वर्षों में उद्योगों को जारी किए गए रक्षा उत्पादन लाइसेंसों की संख्या में लगभग 200% की वृद्धि हुई है। इन उपायों ने देश में रक्षा-उत्पादन उद्योग इको सिस्टम को बढ़ावा देने के साथ रोजगार के भी जबरदस्त अवसर उपलब्ध कराए हैं।

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आरईसी ने अपना अब तक का सर्वाधिक तिमाही मुनाफा 3,001 करोड़ रूपये और वार्षिक मुनाफा 11,055 करोड़ रूपये अर्जित किया

संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार और दबावग्रस्‍त संपत्तियों के समाधान के कारण आरईसी ने तिमाही और वार्षिक श्रेणी में अब तक का सर्वाधिक लाभ दर्ज किया है। आरईसी ने तिमाही 3,001 करोड़ रुपये और वार्षिक 11,055 करोड़ रूपये मुनाफा कमाया।

आरईसी लिमिटेड के निदेशक मंडल ने आज मुंबई में अपनी बैठक में 31 मार्च, 2023 को समाप्त तिमाही और वर्ष के लिए लेखापरीक्षित स्टैंडअलोन और समेकित वित्तीय परिणामों को स्‍वीकृति दे दी।

इसके परिणामस्‍वरूप 31 मार्च, 2023 को समाप्त वर्ष के लिए ईपीएस (आय प्रति शेयर) 31 मार्च, 2022 को 38.02 प्रति शेयर की तुलना में 41.86 प्रति शेयर है।

मुनाफे में वृद्धि के कारण नेट वर्थ 31 मार्च, 2023 को 13 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 57,680 करोड़ रुपये हो गया है। लोन बुक ने अपने विकास पथ को बनाए रखा है और 31 मार्च, 2022 को 3.85 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 13 प्रतिशत बढ़कर 4.35 लाख करोड़ रुपये हो गया है। संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार का संकेत देते हुए प्रावधान कवरेज के साथ शुद्ध क्रेडिट-क्षीण संपत्ति 1.01 प्रतिशत तक कम हो गई है। 31 मार्च, 2023 को गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों पर 70.64 प्रतिशत का अनुपात रहा। कंपनी का पूंजी पर्याप्तता अनुपात 31 मार्च, 2023 तक 25.78 प्रतिशत के स्तर पर है। यह भविष्य में विकास का पर्याप्त अवसर प्रदान करता है।

परिचालन और वित्तीय हाइलाइट्स –12एम एफवाई23 बनाम 12 एफवाई22 (स्टैंडअलोन)

संवितरण: 96,846 करोड़ रूपये बनाम  64,150 करोड़ रूपये

ऋण संपत्तियों पर ब्याज आय:  38,360 करोड़ रूपये बनाम  37,811 करोड़ रूपये, 1 प्रतिशत की वृद्धि

शुद्ध लाभ:  11,055 करोड़ रूपये बनाम 10,046 करोड़ रूपये, 10 प्रतिशत अधिक

आरईसी लिमिटेड के बारे में: आरईसी लिमिटेड एक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी है जो पूरे भारत में विद्युत क्षेत्र के वित्तपोषण और विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। वर्ष 1969 में स्थापित आरईसी लिमिटेड  ने अपने संचालन के क्षेत्र में पचास वर्ष पूरे कर लिए हैं। यह बिजली क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह उत्पादनपारेषणवितरण और नवीकरणीय ऊर्जा सहित विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं के लिए धन उपलब्‍ध कराती है।

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एनसीसी कैडेट्स के 85वें पर्वतारोहण अभियान दल को रक्षा राज्य-मंत्री ने झंडी दिखाकर रवाना किया

रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने आज 17 मई 2023 को युवाओं से आग्रह किया कि वे जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए मजबूत उद्देश्य और जुनून की भावना को बढ़ावा दें। वह नई दिल्ली में 85वें एनसीसी कैडेट्स के पर्वतारोहण अभियान दल को हरी झंडी दिखाने के बाद, राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेट्स को संबोधित कर रहे थे।

राष्ट्र निर्माण में एनसीसी की भूमिका की सराहना करते हुए रक्षा राज्य मंत्री ने कहा राष्ट्र निर्माण में एनसीसी की भूमिका से हम सभी परिचित हैं। एनसीसी द्वारा देश के छात्र समुदाय के बीच अनुशासन, नेतृत्व, भाईचारा, सौहार्द और साहस के गुण पैदा किए जा रहे हैं जो, निश्चित रूप से उन्हें जीवन की बड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करेंगे।

हिमाचल प्रदेश मे माउंट युनुम के लिए एनसीसी पर्वतारोहण अभियान दल में 4 अधिकारी, 10 पीआई कर्मचारी और 18 एनसीसी कैडेट्स जिनमें से 11 लड़कियां है, शामिल हैं। इन कैडेट्स का चुनाव देश के विभिन्न एनसीसी निदेशालयों से किया गया है।

1970 से शुरू होकर यह 85वां एनसीसी कैडेट अभियान है। यह अभियान दल जून 2023 के पहले सप्ताह तक हिमाचल प्रदेश के लाहौल जिले में स्थित माउंट युनुम (6111 मीटर) को फतह करने का प्रयास करेगा।

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