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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र के वाशिम में कृषि और पशुपालन क्षेत्र से संबंधित लगभग 23,300 करोड़ रुपये की विभिन्न पहलों का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने आज महाराष्ट्र के वाशिम में कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र से संबंधित लगभग 23,300 करोड़ रुपये की विभिन्न पहलों का शुभारंभ किया। इन पहलों में पीएमकिसान सम्मान निधि की 18वीं किस्त का वितरणनमो शेतकरी महासम्मान निधि योजना की 5वीं किस्त का शुभारंभकृषि अवसंरचना कोष (एआईएफके तहत 7,500 से अधिक परियोजनाओं9,200 किसान उत्पादक संगठनोंमहाराष्ट्र भर में 19 मेगावाट की कुल क्षमता वाले पांच सौर पार्क का लोकार्पण तथा मवेशियों के लिए एकीकृत जीनोमिक चिप और स्वदेशी सेक्ससॉर्टेड सीमेन प्रौद्योगिकी का शुभारंभ शामिल हैं।

सभा को संबोधित करते हुएप्रधानमंत्री ने वाशिम की पावन धरती से पोहरादेवी माता को नमन किया और आज माता जगदंबा के मंदिर में दर्शन और पूजा करने का जिक्र किया। उन्होंने संत सेवालाल महाराज और संत रामराव महाराज की समाधि पर जाकर उनसे आशीर्वाद लेने और महान संतों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने की भी बात कही। प्रधानमंत्री ने गोंडवाना की महान योद्धा रानी दुर्गावती जी की जयंती का भी उल्लेख किया और पिछले वर्ष राष्ट्र द्वारा उनकी 500वीं जयंती मनाए जाने को याद किया।

प्रधानमंत्री ने आज हरियाणा में चल रहे मतदान का उल्लेख किया और राज्य के लोगों से बड़ी संख्या में मतदान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि उनका वोट हरियाणा को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

प्रधानमंत्री ने आज लगभग 9.5 करोड़ किसानों को करीब 20,000 करोड़ रुपये की पीएमकिसान सम्मान निधि की 18वीं किस्त के जारी होने पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राज्य सरकार अपने किसानों को दोहरा लाभ प्रदान करने का प्रयास कर रही है। श्री मोदी ने नमो शेतकरी महासम्मान निधि योजना का भी जिक्र कियाजिसके तहत महाराष्ट्र के लगभग 90 लाख किसानों को करीब 1900 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है। उन्होंने सैकड़ों करोड़ रुपये की लागत वाली किसान उत्पादक संगठनों से संबंधित कई परियोजनाओं के लोकार्पण का उल्लेख किया। लड़की बहिन योजना के लाभार्थियों को आज सहायता प्रदान करने के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह योजना नारीशक्ति की क्षमताओं को सशक्त बना रही है। श्री मोदी ने आज की परियोजनाओं के लिए महाराष्ट्र और भारत के सभी नागरिकों को बधाई दी।

आज पोहरादेवी में बंजारा विरासत संग्रहालय के उद्घाटन का जिक्र करते हुएप्रधानमंत्री ने कहा कि नवनिर्मित संग्रहालय भावी पीढ़ियों को बंजारा समुदाय की प्राचीन संस्कृति और समृद्ध विरासत से परिचित कराएगा। पोहरादेवी में बंजारा समुदाय के साथ अपनी बातचीत को याद करते हुएप्रधानमंत्री ने उनके चेहरों पर संतोष और गर्व की भावना की बात कहीक्योंकि इस संग्रहालय के माध्यम से उनकी विरासत को मान्यता मिली है। श्री मोदी ने बंजारा विरासत संग्रहालय के लिए समुदाय को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने कहा“हमारे बंजारा समाज ने भारत के सामाजिक जीवन और विकास की यात्रा में बड़ी भूमिका निभाई है।” उन्होंने समुदाय की दृढ़ता तथा कलासंस्कृतिअध्यात्म और व्यापार सहित विविध क्षेत्रों में भारत के विकास में समुदाय की बहुमूल्य भूमिका की सराहना की। श्री मोदी ने बंजारा समुदाय के कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों को श्रद्धांजलि दीजैसे राजा लखी शाह बंजाराजिन्होंने विदेशी शासन के तहत अपार कष्ट सहे और अपना जीवन समाज की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने संत सेवालाल महाराजस्वामी हाथीराम जीसंत ईश्वरसिंह बापूजी और संत लक्ष्मण चैत्यन बापूजी जैसे अन्य आध्यात्मिक गुरुओं को भी याद कियाजिनके योगदान ने भारत की आध्यात्मिक चेतना को असीम ऊर्जा दी है। उन्होंने कहा“हमारे बंजारा समुदाय ने कई ऐसे संत दिए हैंजिन्होंने भारत की आध्यात्मिक चेतना को असीम ऊर्जा दी है।” प्रधानमंत्री मोदी ने सदियों से देश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और उसका पोषण करने में उनके अथक प्रयासों पर प्रकाश डाला और उस ऐतिहासिक अन्याय पर भी दुख जतायाजब ब्रिटिश शासन ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पूरे बंजारा समुदाय को अपराधी करार दिया था।

प्रधानमंत्री ने लोगों को मौजूदा सरकार के प्रयासों और पिछली सरकारों के रवैये की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि पोहरादेवी मंदिर विकास परियोजना का काम श्री देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल में शुरू हुआ थालेकिन महाअघाड़ी सरकार ने इसे रोक दिया थाजिसे श्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने फिर से शुरू किया। उन्होंने कहा कि पोहरादेवी मंदिर विकास परियोजना पर 700 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि इस परियोजना से तीर्थ स्थल को बेहतर बनाने में मदद मिलेगीसाथ ही तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा आसान हो जायेगी और आसपास के स्थानों का तेजी से विकास होगा।

लोगों को भारत के विकास और प्रगति के खिलाफ काम कर रहे आसन्न खतरों की याद दिलाते हुएश्री मोदी ने कहा“लोगों की एकता ही देश को ऐसी चुनौतियों से बचा सकती है।” प्रधानमंत्री ने लोगों को नशीली दवाओं की लत और इसके खतरों के खिलाफ भी आगाह किया और इस लड़ाई को एक साथ जीतने के लिए उनकी मदद मांगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा“हमारी सरकार का हर फैसलाहर नीतिविकसित भारत के लिए प्रतिबद्ध है और हमारे किसान इस विजन का एक बड़ा आधार हैं।” भारत के किसानों को मजबूत बनाने के लिए उठाए गए प्रमुख कदमों पर प्रकाश डालते हुएप्रधानमंत्री ने 9,200 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओतथा कृषि उत्पादों के भंडारणप्रसंस्करण और प्रबंधन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कई प्रमुख कृषि अवसंरचनाओं परियोजनाओं के लोकार्पण का उल्लेख कियाजिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे की सरकार द्वारा किसानों के लिए शून्य बिजली बिल नीति की प्रशंसा करते हुए श्री मोदी ने कहा“महाराष्ट्र मेंवर्तमान सरकार के तहत किसानों को दोगुना लाभ मिल रहा है।

कई दशकों से बड़ी कठिनाइयों का सामना कर रहे महाराष्ट्र और विदर्भ के किसानों के प्रति सहानुभूति जताते हुएप्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने किसानों को दुखी और गरीब बना दिया था। उन्होंने कहा कि जब तक महाराष्ट्र में महागठबंधन सरकार सत्ता में थीतब तक उसने केवल दो एजेंडे के साथ काम कियाकिसानों से जुड़ी परियोजनाओं को रोकना और इन परियोजनाओं के पैसे में भ्रष्टाचार करना। श्री मोदी ने कहा कि केंद्र से भेजी गई धनराशि लाभार्थियों से दूर की जा रही थी। लोगों को याद दिलाते हुए कि महाराष्ट्र की वर्तमान महायुति सरकार किसानों को किसान सम्मान निधि के साथ अलग से पैसा देती हैकर्नाटक में बीजेपी सरकार भी इसी तरह पैसे देती थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब नई सरकार आने के बाद यह बंद हो गया है। श्री मोदी ने यह भी कहा कि तेलंगाना के किसान आज राज्य सरकार से कर्जमाफी के चुनावी वादे पर सवाल उठा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने नागरिकों को पिछली सरकार द्वारा सिंचाई परियोजनाओं में की गई देरी के बारे में भी याद दिलाया और बताया कि वर्तमान सरकार के आने के बाद ही तेजी से काम शुरू हुआ है। उन्होंने लगभग 90,000 करोड़ रुपये की लागत से वैनगंगानलगंगा नदियों को जोड़ने की परियोजना को मंजूरी दिए जाने का उल्लेख कियाजिससे अमरावतीयवतमालअकोलाबुलढाणावाशिमनागपुर और वर्धा में पानी की कमी की समस्या का समाधान होगा। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा कपास और सोयाबीन की खेती कर रहे किसानों को 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता देने का भी जिक्र किया। उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में अमरावती में एक टेक्सटाइल पार्क की आधारशिला रखी गई हैजो कपास किसानों के लिए बहुत मददगार साबित होगी।

प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि महाराष्ट्र में देश की आर्थिक प्रगति का नेतृत्व करने की अपार क्षमता है और कहा कि यह तभी साकार हो सकता है जब गरीबोंकिसानोंमजदूरोंदलितों और वंचितों के सशक्तिकरण का अभियान मजबूती से जारी रहे। अपने संबोधन का समापन करते हुएप्रधानमंत्री ने विकसित महाराष्ट्र और विकसित भारत के सपने को साकार करने पर विश्वास व्यक्त किया।

इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री सी.पीराधाकृष्णनमहाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदेमहाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फड़नवीस और श्री अजित पवारकेंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मत्स्य पालनपशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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प्रधानमंत्री ने खादी बिक्री के नये रिकॉर्ड की प्रशंसा की और इसे प्रोत्साहनकारी उपलब्धि की संज्ञा दी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज खादी की बिक्री के नये रिकॉर्ड की प्रशंसा की और इसे प्रोत्साहनकारी उपलबिध की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि देशवासियों में स्वदेशी के प्रति रुझान शीघ्रता से बढ़ रहा है।

खादी इंडिया द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट का जवाब देते हुए, उन्होंने कहा:

“बहुत उत्साहवर्धक उपलब्धि! खादी की ब्रिकी का यह नया रिकॉर्ड बताता है कि देशवासियों के बीच स्वदेशी को लेकर रुझान किस तेजी से बढ़ रहा है। मुझे खुशी है कि यह भावना खादी से जुड़े हमारे कारीगर भाई-बहनों के जीवन को भी आसान बनाने में बहुत मददगार बनी है।

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केंद्रीय कोयला एवं खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने बीसीसीएल के 51 सौर ऊर्जा संयंत्रों का उद्घाटन किया

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केंद्रीय कोयला और खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने सतत ऊर्जा और कार्बन उत्सर्जन को न्यून करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत वर्तमान में जारी विशेष अभियान 4.0 के तहत रांची से भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के 51 रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्रों का रिमोट से उद्घाटन किया। 2.428 मेगा वाट (एमडब्ल्यू) की संचयी क्षमता के साथ, ये सौर ऊर्जा संयंत्र हरित और अधिक आत्मनिर्भर भारत को प्रोत्साहन देने की बीसीसीएल की प्रतिबद्धता में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि सिद्ध होंगे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में, मंत्री महोदय सतीश चंद्र दुबे ने कहा कि इस दिशा में बीसीसीएल के प्रयास सराहनीय हैं। श्री सतीश चंद्र दुबे ने कहा कि बीसीसीएल द्वारा छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना अप्रयुक्त भवन स्थलों के उपयोग का एक अच्छा उदाहरण है।

बीसीसीएल के मुख्य प्रबंध निदेशक श्री समीरन दत्ता ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में कंपनी की प्रगति के प्रति उत्साह व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक उपलब्धि बीसीसीएल की न केवल देश की कोकिंग कोल आवश्यकताओं को सुरक्षित करने की स्थायी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि भविष्य की यात्रा स्थायी और पर्यावरण के अनुकूल हो। उन्होंने कहा कि बीसीसीएल को भारत के अक्षय ऊर्जा मिशन में योगदान देने पर गर्व है और ये 51 सौर संयंत्र हरित भविष्य के लिए इसके दीर्घकालिक दृष्टिकोण का प्रतिबिंब हैं। इस अवसर पर बीसीसीएल के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की एक प्रमुख सहायक कंपनी और भारत में कोकिंग कोल का सबसे बड़ा उत्पादक बीसीसीएल, दूरदर्शी आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत “मिशन कोकिंग कोल” में योगदान देने में महत्वपूर्ण रहा है। वर्तमान में बीसीसीएल में विभिन्न स्थानों पर 1.66 मेगावाट रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित और संचालित किए गए हैं।

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 2.428 मेगावाट के रूफटॉप प्लांट के अलावा 3 मेगावाट के रूफटॉप सोलर प्लांट की योजना बनाई गई है। इसके अलावा, दुग्धा वाशरी में 20 मेगावाट का ग्राउंड-माउंटेड सोलर प्रोजेक्ट लगाया जा रहा है, जिसके 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है और भोजुडीह कोल वाशरी में 25 मेगावाट का ग्राउंड-माउंटेड सोलर प्रोजेक्ट लगाया जा रहा है, जिसके मार्च 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।

इसके साथ ही, बीसीसीएल अपने पर्यावरण संबंधी प्रभाव को कम करने की अपनी प्रतिबद्धता को भी दृढ करता है, साथ ही कोयला उत्पादन के अपने मुख्य मिशन को नवीन हरित पहलों के साथ संतुलित करता है। नई तकनीकों को अपनाने पर निरंतर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ परिचालन उत्कृष्टता के प्रति समर्पण, ऊर्जा और खनन दोनों क्षेत्रों में जारी है।

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तहसील सदर के सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन

कानपुर नगर, 05 अक्टूबर,  (सू0वि0)* प्रभारी जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन की अध्यक्षता में मर्चेन्ट चैम्बर हाल में तहसील सदर के सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया। प्रभारी जिलाधिकारी ने कहा कि जनसमान्य की शिकायतों का स्थानीय स्तर पर समाधान किया जाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसके क्रम में तहसील व थानों में सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया जाता है। इसमें स्थानीय नागरिक उपस्थित होकर अपनी समस्याओं का समाधान करा सकते है।
प्रभारी जिलाधिकारी ने कहा कि सभी अधिकारी जनता की शिकायतों का निस्तारण त्वरित एवं समयबद्ध तरीके से एक सप्ताह में कराना सुनिश्चित कराये। उन्होंने कहा कि शिकायतों के निस्तारण में यदि कोई समस्या है तो उसका कारण स्पष्ट करते हुये अवगत कराना सुनिश्चित किया जाये।
उन्होंनं बताया कि आज के आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में राजस्व एवं आपदा विभाग-33, पुलिस-24, नगर निगम-19, के0डी0ए0-04, लोक निर्माण विभाग-01, शिक्षा-02, डूडा-15, उद्योग-01, केस्को-10, समाज कल्याण-04, एल0डी0एम0-02, श्रम विभाग-02, सिंचाई विभाग-01, चिकित्सा-02, आपूर्ति-02, प्रोबेशन-07, विकास-07, वन विभाग-01, अपर नगर मजिस्ट्रेट (द्वितीय)-01 इस प्रकार कुल-138 शिकायतें प्राप्त हुयी, जिनका समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करने हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को उपलब्ध करा दिया गया है।
इस अवसर पर उप जिलाधिकारी (सदर) ऋतु प्रिया, अपर नगर मजिस्ट्रेट मो0 आवेश सहित सभी सम्बन्धित विभागों के जिलास्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज में सेल्फ डिफेंस कार्यक्रम के अंतर्गत छात्राओं को प्रशिक्षित किया

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 5 अक्टूबर एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज में सेल्फ डिफेंस कार्यक्रम के अंतर्गत छात्राओं को प्रशिक्षित किया गया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो सुमन , वरिष्ठ प्रध्यापिका प्रो निशि प्रकाश , कुलानुशासिका कै ममता अम्रवाल ने कार्यक्रम का उद्घाटन मां सरस्वती पर माल्यार्पणकर किया। प्रशिक्षण हेतु शोभित पांडेय (अंतरराष्ट्रीय मार्शल आर्ट एवं योग प्रशिक्षक) ने एक दिवसीय सेल्फ डिफेंस कार्यशाला में कई कौशल छात्राओ को आत्म रक्षा के गुण सिखाए। कार्यक्रम शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित किया गया है जिसे डॉ प्रीती पाण्डेय विभागाध्यक्ष शारीरिक शिक्षा ने संचालित किया। प्राचार्या प्रो सुमन ने सभी अतिथियो का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में डॉ प्रीती सिंह प्रीती यादव उपस्थित रही।

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स्वच्छ भारत अभियान 140 करोड़ भारतीयों की शक्ति द्वारा संचालित एक असाधारण आंदोलन है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान के 10 वर्ष पूरे होने की प्रशंसा की है और कहा है कि यह अभियान 140 करोड़ भारतीयों की शक्ति द्वारा संचालित एक असाधारण आंदोलन है।

माईगॉवइंडिया द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक थ्रेड को पुनः पोस्ट करते हुए, प्रधानमंत्री ने लिखा:

“एक असाधारण आंदोलन, 140 करोड़ भारतीयों की शक्ति द्वारा संचालित!

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने झारखंड के हजारीबाग में 80,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज झारखंड के हजारीबाग में 80,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। श्री मोदी ने धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का शुभारंभ किया, 40 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) का उद्घाटन किया और 25 ईएमआरएस की आधारशिला रखी। श्री मोदी ने प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) के तहत कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने झारखंड की विकास यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कुछ दिन पहले सैकड़ों करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए अपने जमशेदपुर आगमन को याद किया। श्री मोदी ने पीएम आवास योजना के तहत झारखंड के हजारों गरीबों को पक्के मकान सौंपने का जिक्र किया। आदिवासी समुदायों के सशक्तिकरण और कल्याण से जुड़ी आज की 80,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आदिवासी समुदायों के प्रति सरकार की प्राथमिकता का प्रमाण है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आज की परियोजनाओं के लिए झारखंड और भारत के लोगों को बधाई दी।

महात्मा गांधीजी की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आदिवासी कल्याण के प्रति उनकी दृष्टि और विचार भारत की पूंजी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी का मानना ​​था कि भारत तभी प्रगति कर सकता है जब आदिवासी समाज तेज गति से प्रगति करे। श्री मोदी ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार आदिवासी उत्थान पर अधिकतम ध्यान दे रही है और आज धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान का शुभारंभ किया गया। इस अभियान के तहत, लगभग 80,000 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 550 जिलों में 63,000 आदिवासी बहुल गांवों का विकास किया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बताया कि इन आदिवासी बहुल गांवों में सामाजिक-आर्थिक जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम किया जाएगा और इसका लाभ देश के 5 करोड़ से अधिक आदिवासी भाई-बहनों तक पहुंचेगा। उन्होंने कहा, “झारखंड के आदिवासी समाज को भी इससे बहुत लाभ होगा।”

प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा की धरती से की जा रही है। प्रधानमंत्री ने यह भी याद दिलाया कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर झारखंड से पीएम-जनमन योजना की शुरुआत की गई थी। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि 15 नवंबर, 2024 को जनजातीय गौरव दिवस पर भारत पीएम-जनमन योजना की पहली वर्षगांठ मनाएगा। उन्होंने कहा कि पीएम-जनमन योजना के माध्यम से देश के उन आदिवासी क्षेत्रों तक विकास का लाभ पहुंच रहा है, जो पीछे रह गए थे। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पीएम-जनमन योजना के तहत आज लगभग 1350 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की आधारशिला रखी गई। योजना के बारे में चर्चा करते हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सबसे पिछड़े आदिवासी क्षेत्रों में बेहतर जीवन के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क जैसी सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा।

झारखंड में अपने पहले वर्ष में ही पीएम-जनमन योजना की कई उपलब्धियों के बारे में चर्चा करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि 950 से अधिक अति पिछड़े गांवों में हर घर में पानी पहुंचाने का काम पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में 35 वनधन विकास केंद्रों को भी मंजूरी दी गई है। प्रधानमंत्री ने सुदूर आदिवासी क्षेत्रों को मोबाइल कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए किए जा रहे कार्यों पर भी प्रकाश डाला, जो प्रगति के समान अवसर प्रदान करके आदिवासी समाज को बदलने में मदद करेगा।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जब आदिवासी युवाओं को शिक्षा और अवसर मिलेंगे तो आदिवासी समाज आगे बढ़ेगा। इसके लिए, श्री मोदी ने कहा कि सरकार आदिवासी क्षेत्रों में एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाने के अभियान में जुटी है। प्रधानमंत्री ने आज 40 एकलव्य आवासीय विद्यालयों के उद्घाटन और 25 नए विद्यालयों की आधारशिला रखने का जिक्र करते हुए कहा कि एकलव्य विद्यालयों को सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाना चाहिए और उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार ने प्रत्येक विद्यालय का बजट भी लगभग दोगुना कर दिया है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सही प्रयास किए जाने पर सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि आदिवासी युवा आगे बढ़ेंगे और देश को उनकी क्षमताओं से लाभ मिलेगा।

इस अवसर पर झारखंड के राज्यपाल श्री संतोष गंगवार और जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

देश भर में आदिवासी समुदायों के व्यापक और समग्र विकास को सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने 80,000 करोड़ रुपये से अधिक के कुल परिव्यय के साथ धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान शुरू किया। यह अभियान 30 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 549 जिलों और 2,740 ब्लॉकों में 5 करोड़ से अधिक आदिवासी लोगों को लाभान्वित करते हुए लगभग 63,000 गांवों को कवर करेगा। इसका उद्देश्य भारत सरकार के विभिन्न 17 मंत्रालयों और विभागों द्वारा कार्यान्वित 25 क्रियाकलापों के माध्यम से सामाजिक आधारभूत संरचना, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका में महत्वपूर्ण अंतराल को पूरा करना है।

आदिवासी समुदायों के लिए शैक्षिक इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री ने 40 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) का उद्घाटन किया और 2,800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले 25 ईएमआरएस की आधारशिला रखी।

प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) के तहत 1360 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसमें 1380 किलोमीटर से अधिक सड़कें, 120 आंगनवाड़ी, 250 बहुउद्देश्यीय केंद्र और स्कूलों के 10 छात्रावास शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने पीएम जनमन के तहत कई ऐतिहासिक उपलब्धियों का भी अनावरण किया, जिसमें लगभग 3,000 गांवों में 75,800 से अधिक विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के घरों का विद्युतीकरण, 275 मोबाइल चिकित्सा इकाइयों का संचालन, 500 आंगनवाड़ी केंद्रों का संचालन, 250 वन धन विकास केंद्रों की स्थापना और 5,550 से अधिक पीवीटीजी गांवों को ‘नल से जल’ से परिपूर्ण करना शामिल है।

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प्रधानमंत्री स्मृति चिन्हों की ई-नीलामी 31 अक्टूबर, 2024 तक बढ़ाई गई

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिले स्मृति चिन्हों के अनूठे संग्रह की असाधारण ई-नीलामी को तिथि को आगे बढ़ा दिया है। यह नीलामी भारत की समृद्ध सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत को दर्शाती है।

आरंभ में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर, 2024 तक निर्धारित यह नीलामी अब 31 अक्टूबर 2024 तक भागीदारी के लिए खुली रहेगी। इच्छुक व्यक्ति आधिकारिक वेबसाइट: https://pmmementos.gov.in/ के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं और नीलामी में भाग ले सकते हैं।

इस नीलामी में प्रस्तुत की जाने वाली वस्तुओं में पारंपरिक कला रूपों की एक श्रृंखला है, जिसमें जीवंत चित्रकारी, भव्य मूर्तियां, स्वदेशी हस्तशिल्प, आकर्षक लोक और आदिवासी कलाकृतियाँ प्रदर्शित की गई हैं। इन खजानों में पारंपरिक अंगवस्त्र, दुशाला, शिरोवस्ट्र और औपचारिक तलवारें सहित सम्मान और आदर के प्रतीक के रूप में पारंपरिक रूप से दी जाने वाली वस्तुएँ शामिल हैं।

खादी का दुशाला, चांदी की जरदोज़ी के वस्त्र, माता नी पचेड़ी कला, गोंड कला और मधुबनी कला जैसी उल्लेखनीय वस्तुएं भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करते हुए, इनमें चार चांद लगाती हैं । नीलामी की एक प्रमुख विशेषता पैरा ओलंपिक, 2024 से खेल स्मृति चिन्ह हैं। प्रत्येक खेल स्मृति चिन्ह एथलीटों के असाधारण एथलेटिकता और दृढ़ संकल्प को दर्शाता है, जो उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता का प्रमाण है। यह स्मृति चिन्ह न केवल उनकी उपलब्धियों का सम्मान है बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा है।

वर्तमान ई-नीलामी सफल नीलामियों की श्रृंखला में छठा संस्करण है, जिसे शुरू में जनवरी 2019 में प्रारंभ किया गया था। पिछले संस्करणों की तरह, नीलामी के इस संस्करण से प्राप्त आय भी नमामि गंगे परियोजना में योगदान देगी। यह परियोजना केंद्र सरकार की प्रमुख पहल है जो हमारी राष्ट्रीय नदी, गंगा के संरक्षण और पुनरुद्धार और इसके कमजोर पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा के लिए समर्पित है। इस नीलामी के माध्यम से प्राप्त धन का उपयोग इस श्रेष्ठ कार्य में किया जाएगा जो पर्यावरण के संरक्षण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।  

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जानिए क्या है कानपुर में सड़क के जर्जर होने कि असल वजह..क्या हो सकता है समाधान?

क्षेत्र कानपुर की सड़कों पर निकलते ही यह आभास हो जाता है कि सड़क पर गड्ढों का मौत रूपी मायाजाल फैला है …कानपुर में कई जगहों पर बनी सड़के कुछ ही समय बाद टूटकर चकनाचूर होने लगती हैं …और बनने के चंद समय बाद सीधी सपाट सड़के बड़े-बड़े गड्ढे में तब्दील हो जाती हैं …और इन्हीं कानपुर में सड़कों पर बने गड्ढे से होकर कई लोगों की मौत की खबर निकालती हैं …अब यह बात आम हो गई है कि कानपुर में सड़कों पर अचानक गाड़ी गड्ढे में गई और फिर बड़ी दुर्घटना हो गई ..कानपुर में यह हाल किसी गली कूचों का नहीं बल्कि बड़ी-बड़ी में सड़कों का भी है समस्या यह नहीं है कि यहां पर सड़कों का निर्माण नहीं होता है समस्या यह है कि यहां पर सड़के बनने के चंद समय बाद चकनाचूर होनी शुरू हो जाती हैं ..सरकार करोड़ों रुपए खर्च करके सड़कों का निर्माण करवाती है और फिर चंद समय बाद यही सड़के बड़े-बड़े गड्ढे में तब्दील होकर बदहाली का रोना रोने लगते हैं है यानी सरकार का किया गया खर्च चंद ही समय बाद पानी में डूब जाता है .. यहां पर असल समस्या यह बिल्कुल नहीं की सड़कों का निर्माण नहीं हो रहा है ?बल्कि यहां असल समस्या यह है सड़के बनने के बाद चंद समय में ही चकनाचूर हो जाती हैं …इसके पीछे एक नहीं कई कारण रहते हैं ..सबसे पहला कारण सड़के बनने के कुछ समय बाद सड़कों पर किसी नई पाइपलाइन को डालने के लिए सड़कों को खोदा जाता है ..

और फिर बिना किसी मानकता के इन गड्ढों को भर दिया जाता है …जिसके परिणाम स्वरूप चंद ही समय बाद यह गड्ढे बड़े-बड़े मौत रूपी तालाबों में तब्दील हो जाते है … अगर इन गड्ढों के कारण किसी कि मौत होती है तो यह मात्र दुर्घटना नहीं बल्कि मौत की साजिश है !और इस साजिश में गुनहगार एक नहीं बल्कि कई लोग हैं जैसे सबसे पहले गुनहगार वह है जिसने सड़क निर्माण में धांधली करी ,और दूसरा गुनहगार वह है जिसने सड़क खुदाई के दौरान किए गए गड्ढे से मिट्टी को चोरी कर मौत का तालाब बनाने में सहायता करी ..और अगले गुनहगार वह लोग हैं जो लोग कम भार वाली सड़कों पर अधिक भार वाली गाड़ी लेकर फर्राटा भरते हैं … जिस कारण भी सड़के जल्द से जल्द चकनाचूर होने लगती हैं ! फिलहाल यूपी कि तमाम सड़कों को सही करवाने के लिए मुख्यमंत्री योगी ने अभी अभी हाल ही में कहा है …”की सड़क निर्माण के लिए बजट कि कोई कमी नहीं है …सड़कों का निर्माण करवाया जाए व जर्जर सड़कों को ठीक करवाया जाए “लेकिन संभवत योगी का यह फरमान काम नहीं आएगा …ऐसा इसलिए क्योंकि इससे पहले भी कई बार सड़क निर्माण के लिए सरकार अच्छा खासा रुपए खर्च कर चुकी है …लेकिन फिर भी आज सड़के जर्जर पड़ी हैं ..ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि आखिरकार इन सड़कों की हालत को सही करने का सही तरीका क्या है ?इस बात को अगर हम कम शब्दों में समझें तो इसका केवल एक उपचार है जिन लोगों ने सड़कों के निर्माण में धांधली करी है या जिन लोगों ने मिट्टी चोरी कर सड़कों को तालाब तब्दील कराया है उन लोगों के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से हत्या करने वाला मुकदमा दर्ज होना चाहिए !~विश्लेषण:विकास बाजपेई

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कलेक्ट्रेट प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण किया गया

02 अक्टूबर, कानपुर नगर। जिलाधिकारी श्री राकेश कुमार सिंह ने आज 02 अक्टूबर (गांधी जयंती) के अवसर पर कलेक्ट्रेट प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री डी0के0 सिंह , स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संगठन के श्री सत्येंद्र कुमारएवं अन्य उपस्थित समस्त स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवारजनों को माल्यापर्ण कर सम्मानित किया गया तथा उपस्थित बच्चों को मिठाई वितरण किया गया।
जिलाधिकारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और उनके आदर्शो पर चलना चाहिए ।

इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) राजेश कुमार, अपर जिलाधिकारी (नगर) डा0 राजेश कुमार, अपर जिलाधिकारी (भू0/अ0) रिंकी जायसवाल, स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी श्री वी0के0 सिंह, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संगठन के श्री सत्येंद्र कुमार जी तथा अपर नगर मजिस्ट्रेट (षष्ठम्) विवेक मिश्रा सहित अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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