फतेहपुर: गाजीपुर थानां क्षेत्र में एक रोड वेज़ बस जो फतेहपुर से सवारी भरकर बाँदा जनपद जा रही थी। जब वह शाह कस्बे के समीप ससुर खदेरी नदी के बड़े पुल पर पहुंची तभी सामने से आई एक वैन को बचाने के प्रयास में पुल से टकरा कर चार पल्टी खाते हुए खंती में जाकर पलट गई।
बस में सवार सवारियों में चीख पुकार मच गई। राहगीरों ने रुक कर सवारियों को बाहर निकल कर एम्बुलेन्स व स्थानीय समाज सेवी को घटना की सूचना दिया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची एम्बुलेन्स व समाज सेवीयो ने सभी घायलो को इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे।
जानकारी के अनुसार गाजीपुर थानां क्षेत्र के शाह कस्बे के समीप ससुर खदेरी नदी पर अचानक रोड वेज़ बस के सामने ओमनी वैन आ जाने पर उसको बचाने के प्रयास में रोड वेज़ बस ससुर खदेरी नदी के पुल से टकरा कर बस के पिछले पहिये निकल गए। जिससे बस खंती में जाकर चार पलटी खा गई। बस में सवार लगभग 20 से 25 सवारियाँ घायल हो गयीं। घटना की सूचना सरकारी एम्बुलेन्स व समाज सेवी अशोक तपस्वी को दी गई। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची सरकारी एम्बुलेन्स व समाज सेवी अशोक तपस्वी घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। घायलों में रायबरेली जनपद के सरेनी थानां क्षेत्र के पूरे शोभा गाँव निवासी कमला मौर्या पिता गुरु प्रसाद 23 वर्षीय और उसकी की बहन शुष्मा 17 वर्षीय, ललौली थानां क्षेत्र के गगई पार गांव निवासी राम श्री 30 वर्षीय पत्नी विकास, बेटी अनंन्य 6 वर्षीय बेटी रिया 3 वर्षीय व विकास 40 वर्षीय, ललौली थानां क्षेत्र के बरउन्हां गाँव निवासी मालती देवी 40 वर्षीय पत्नी नेक चंद बराउन्हां गाजीपुर थानां क्षेत्र के शाहबसी गाँव निवासी, कल्लू 70 वर्षीय, हुसैगंज थानां क्षेत्र के कस्बा निवासी चंद्र भान 60 वर्षीय, मलवां थानां क्षेत्र के ठाकुरन पुरवा निवासी सचिन 21 वर्षीय पुत्र गण रमेश कुमार, राधानगर थानां क्षेत्र के नरपतपुर गाँव निवासी राज कुमार 25 वर्षीय पुत्रगण जय करन, राकेश कुमार द्विवेदी 45 वर्षीय सांतो धरमपुर थानां असोथर, बाँदा जनपद सदर कोतवाली क्षेत्र निवासी सुंदर तिवारी 43 वर्षीय पुत्रगण राम राज, थरियांव थानां क्षेत्र के हंसी 50 वर्षीय पत्नी महंगू इनको जिला अस्पलात लाया गया। कुछ सवारियाँ प्राइवेट अस्पताल इलाज के लिए चलीं गेन। और जो मामूली रूप से चोटिल हुए थे वह अपने घर चले गए। वही रायबरेली जनपद के सरेनी थानां क्षेत्र के पूरे शोभा गाँव निवासी गुरु प्रसाद की 23 वर्षीय पुत्री कमला मौर्या और उसकी 17 वर्षीय बहन शुष्मा बाँदा जा रही थी उनको इलाज के बाद समाज सेवी अशोक तपस्वी अपनी एम्बुलेन्स से बिना किसी शुल्क के छोड़ने बाँदा लेकर चले गये।
साहित्यिक संस्था साहित्य चेतना के स्थापना दिवस पर कवि सम्मलेन आयोजित
कानपुर नगर। नौबस्ता क्षेत्र के तौधकपुर ग्राम में साहित्यिक संस्था साहित्य चेतना के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कवि सम्मलेन में संस्था के संस्थापक आचार्य डॉ. राम सिंह ‘विकल’ सहित 37 कवियों ने एक से बढ़कर एक रचनाएँ सुनाकर जमकर श्रोताओं की तालियाँ बटोरी।
शहर के जाने माने कवि आचार्य डॉ. राम सिंह ‘विकल’ द्वारा स्थापित गिरधारी लाल मेमोरियल सोसायटी द्वारा संचालित साहित्यिक संस्था साहित्य चेतना के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित तथा देर रात तक चले कवि-सम्मेलन में पधारे कवियों ने अपनी रचनाएँ सुनाकर श्रोताओं का मन मोह लिया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता डॉ. हरीलाल ‘मिलन’ ने की तथा सञ्चालन वेद प्रकाश शुक्ल ‘संजर’ ने किया।
आमन्त्रित कवियों में डॉ. राम नरेश सिंह चौहान, अशोक शास्त्री, डॉ. सुरेन्द्र गुप्त ‘सीकर’, वंश गोपाल मिश्र ‘वंश’, डॉ. रमेश मिश्र ‘आनन्द’, डॉ. अजीत सिंह राठौर ‘लुल्ल कानपुरी’, डॉ. राजीव मिश्र, जयराम ‘जय’, डॉ. दीपकुमार शुक्ल, मोहन लाल, डॉ.अनुज सिंह ‘मनमीत’, सन्तोष दुबे, उदय मोहन मिश्र ‘करुणेश’, डॉ. आदित्य कटियार, अशोक गुप्त ‘अचानक’, बी. डी. सिंह, दिनेश ‘नीरज’, लाल सिंह फौजी, आदित्य भदौरिया, डॉ. रमाकान्त ‘बनफूल’, डॉ. उदय नारायण ‘उदय’, डॉ. गोविन्द नारायण शाण्डिल्य, एम.के. विश्वकर्मा, मो. नूरैन फैजाबादी, राजेन्द्र अवस्थी, अभिषेक ‘अज्ञानी’, रवि शर्मा, धीरपाल सिंह ‘धीर’, गोविन्द वर्मा, अर्पित अवस्थी, एम.के.विश्वकर्मा, सुरेश गुप्त ‘राजहंस’, सुश्री निधि विश्वकर्मा, डॉ.सुषमा सिंह सेंगर तथा अनामिका सिंह ‘अविरल’ आदि ने गीत, छन्द एवं कवित्त सुनाकर श्रोताओं को गुदगुदाया, हंसाया तथा सम सामयिक विषयों पर जोरदार कटाक्ष भी किया। आगन्तुक अतिथियों एवं कवियों का स्वागत शिव सिंह यादव, महेन्द्र सिंह, कपूर सिंह फौजी, सरवन यादव तथा प्रदीप कुमार यादव ने किया।
इस अवसर पर रतीपाल सिंह कछवाह, विश्वनाथ सिंह कछवाह, वीरेन्द्र सिंह कछवाह, रामकरन सिंह कछवाह ‘सीटू’, तेज बहादुर सिंह कछवाह, शिवशरण सिंह कछवाह ‘पुजारी’, राजकुमार सिंह कछवाह ‘बड़े बउआ’, शिवबदन सिंह कछवाह, योगेन्द्र प्रताप सिंह कछवाह सहित अनेक श्रोतागण उपस्थित रहे।
इस बार जन्माष्टमी का त्यौहार 6 सितम्बर को मनाया जाएगा
प्रतिवर्ष भाद्रपक्ष कृष्णाष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है। दरअसल मान्यता है कि इसी दिन मथुरा के कारागार में वसुदेव की पत्नी देवकी ने कृष्ण को जन्म दिया था। इस वर्ष भगवान श्रीकृष्ण की 5250वीं जन्माष्टमी मनाई जा रही है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस बार जन्माष्टमी का त्यो हार 6 सितम्बर को मनाया जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल अष्टमी तिथि बुधवार 6 सितंबर को दोपहर 3.37 बजे शुरू होगी, जिसका समापन 7 सितंबर की शाम 4 बजकर 14 मिनट पर होगा। वैसे जन्माष्टमी का त्योहार आमतौर पर दो दिन मनाया जाता है, पहले दिन (स्मार्त) गृहस्थियों द्वारा तथा दूसरे दिन वैष्णव सम्प्रदाय द्वारा। गृहस्थ लोग इस बार 6 सितंबर को जन्माष्टमी मनाएंगे जबकि वैष्णव सम्प्रदाय में 7 सितंबर को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव मनाया जाएगा।
भारतीय संस्कृति में जन्माष्टमी का इतना महत्व क्यों है, यह जानने के लिए श्रीकृष्ण के जीवन दर्शन और उनकी अलौकिक लीलाओं को समझना जरूरी है। द्वापर युग के अंत में मथुरा में अग्रसेन नामक राजा का शासन था। उनका पुत्र था कंस, जिसने बलपूर्वक अपने पिता से सिंहासन छीन लिया और स्वयं मथुरा का राजा बन गया। कंस की बहन देवकी का विवाह यदुवंशी वसुदेव के साथ हुआ। एक दिन जब कंस देवकी को उसकी ससुराल छोड़ने जा रहा था, तभी आकाशवाणी हुई कि हे कंस! जिस देवकी को तू इतने प्रेम से उसकी ससुराल छोड़ने जा रहा है, उसी का आठवां बालक तेरा संहारक होगा। आकाशवाणी सुन कंस घबरा गया और देवकी की ससुराल पहुंचकर उसने अपने जीजा वसुदेव की हत्या करने के लिए तलवार खींच ली। तब देवकी ने अपने भाई कंस से निवेदन करते हुए वादा किया कि उसके गर्भ से जो भी संतान होगी, उसे वह कंस को सौंप दिया करेगी। कंस ने देवकी की विनती स्वीकार कर ली और वसुदेव-देवकी को कारागार में डाल दिया।
कारागार में देवकी ने पहली संतान को जन्म दिया, जिसे कंस ने मार डाला। इसी प्रकार एक-एक कर उसने देवकी के सात बालकों की हत्या कर दी। जब कंस को देवकी के 8वें गर्भ की सूचना मिली तो उसने वसुदेव-देवकी पर पहरा और कड़ा कर दिया। आखिरकार वह घड़ी भी आ गई, जब देवकी ने कृष्ण को जन्म लिया। उस समय घोर अंधकार छाया हुआ था तथा मूसलाधार वर्षा हो रही थी। तभी वसुदेव जी की कोठरी में अलौकिक प्रकाश हुआ। उन्होंने देखा कि शंख, चक्र, गदा और पद्मधारी चतुर्भुज भगवान उनके सामने खड़े हैं। भगवान के इस दिव्य रूप के दर्शन पाकर वसुदेव और देवकी उनके चरणों में गिर पड़े। भगवान ने वसुदेव से कहा, ‘‘अब मैं बालक का रूप धारण करता हूं। तुम मुझे तत्काल गोकुल में नंद के घर पहुंचा दो, जहां अभी एक कन्या ने जन्म लिया है। मेरे स्थान पर उस कन्या को कंस को सौंप दो। मेरी ही माया से कंस की जेल के सारे पहरेदार सो रहे हैं और कारागार के सारे ताले भी अपने आप खुल गए हैं। यमुना भी तुम्हें जाने का मार्ग अपने आप देगी।’’
वसुदेव ने भगवान की आज्ञा पाकर शिशु को छाज में रखकर अपने सिर पर उठा लिया। यमुना में प्रवेश करने पर यमुना का जल भगवान श्रीकृष्ण के चरण स्पर्श करने के लिए हिलोरं, लेने लगा और जलचर भी श्रीकृष्ण के चरण स्पर्श के लिए उमड़ पड़े। गोकुल पहुंचकर वसुदेव सीधे नंद बाबा के घर पहुंचे। घर के सभी लोग उस समय गहरी नींद में सोये हुए थे पर सभी दरवाजे खुले पड़े थे। वसुदेव ने नंद की पत्नी यशोदा की बगल में सोई कन्या को उठा लिया और उसकी जगह श्रीकृष्ण को लिटा दिया। उसके बाद वसुदेव मथुरा पहुंचकर अपनी कोठरी में पहुंच गए। कोठरी में पहुंचते ही कारागार के द्वार अपने आप बंद हो गए और पहरेदारों की नींद खुल गई।
कंस को जैसे ही कन्या के जन्म का समाचार मिला, वह तुरन्त कारागार पहुंचा और कन्या को बालों से पकड़कर शिला पर पटककर मारने के लिए ऊपर उठाया लेकिन कन्या अचानक कंस के हाथ से छूटकर आकाश में पहुंच गई। आकाश में पहुंचकर उसने कहा, ‘‘मुझे मारने से तुझे कुछ लाभ नहीं होगा। तेरा संहारक गोकुल में सुरक्षित है।’’ यह सुनकर कंस के होश उड़ गए। उसके बाद कंस ने उन्हें मारने के लिए अनेक प्रयास किए। कंस ने श्रीकृष्ण का वध करने के लिए अनेक भयानक राक्षस भेजे परन्तु श्रीकृष्ण ने एक-एक कर उन सभी का संहार कर दिया। बड़ा होने पर कंस का वध कर उग्रसेन को राजगद्दी पर बिठाया और अपने माता-पिता वसुदेव और देवकी को कारागार से मुक्त कराया। तभी से भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की स्मृति में जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाने लगा।
बाल्याकाल से लेकर बड़े होने तक श्रीकृष्ण की अनेक लीलाएं विख्यात हैं। उन्होंने अपने बड़े भाई बलराम का घमंड तोड़ने के लिए हनुमान जी का आव्हान किया था, जिसके बाद हनुमान जी ने बलराम की वाटिका में जाकर बलराम से युद्ध किया और उनका घमंड चूर-चूर कर दिया था। श्रीकृष्ण ने नररकासुर नामक असुर के बंदीगृह से 16100 बंदी महिलाओं को मुक्त कराया था, जिन्हें समाज द्वारा बहिष्कृत कर दिए जाने पर उन महिलाओं ने श्रीकृष्ण से अपनी रक्षा की गुहार लगाई और तब श्रीकृष्ण ने उन सभी महिलाओं को अपनी रानी होने का दर्जा देकर उन्हें सम्मान दिया था।
प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव डॉ. पी.के. मिश्र ने दिल्ली के उपराज्यपाल श्री विनय कुमार सक्सेना के साथ आगामी जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों की समीक्षा के लिए दिल्ली में विभिन्न स्थलों का दौरा किया
प्रमुख सचिव जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों से संबंधित समन्वय समिति के अध्यक्ष हैं। इस क्षमता में, डॉ पी के मिश्र द्वारा समीक्षा अभ्यास यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि एक स्मरणीय शिखर सम्मेलन की आवभगत के लिए योजना के अनुरूप सभी चीजें व्यवस्थित रहें। यह दौरा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि शिखर सम्मेलन के लिए आने वाले सभी राष्ट्राध्यक्षों और अन्य अंतर्राष्ट्रीय गणमान्य व्यक्तियों को अपनी यात्रा के दौरान भारत की संस्कृति और विश्व स्तरीय अनुभव की झलक मिले।
प्रमुख सचिव ने भारत मंडपम के साथ-साथ राजघाट, सी हेक्सागन-इंडिया गेट, हवाई अड्डे के टर्मिनल 3 और इसके वीआईपी लाउंज, एयरोसिटी क्षेत्र, प्रमुख सड़कों के प्रमुख खंडों सहित लगभग 20 स्थानों का दौरा किया और समीक्षा की।
राजघाट के बाहरी क्षेत्रों के साथ-साथ दिल्ली के प्रमुख स्थानों और चौक-चौराहों का भी सौंदर्यीकरण किया गया है। भरत मंडपम में ‘शिव-नटराज’ की स्थापना की गई है। लगभग 20 टन वजनी, 27 फीट की नटराज आकृति को अष्ट-धातु से बने पारंपरिक कास्टिंग विधियों में तैयार किया गया है। जी-20 की अध्यक्षता के समय भरत मंडपम के सामने स्थापित नृत्य के भगवान शिव नटराज, नटराज की सबसे ऊंची कांस्य प्रतिमा हैं।
प्रमुख सचिव ने यातायात की स्थिति की भी समीक्षा की और प्रशासन को सुझाव दिया कि वैकल्पिक व्यवस्था के बारे में आम लोगों को पर्याप्त जानकारी प्रदान की जाए ताकि उन्हें कोई कठिनाई न हो। दिल्ली हवाई अड्डे पर, विशेष रूप से मेहमानों के स्वागत के लिए की गई सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की गई।
डॉ. मिश्र ने पालम के वायुसेना स्टेशन के टेक्किनल एरिया का भी दौरा किया, जहां राज्यों के प्रमुखों के विमानों का आगमन होगा। वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने डॉक्टर मिश्र को विमानों की पार्किंग, राष्ट्राध्यक्षों के स्वागत, लाउंज और अन्य सुविधाओं के बारे में अवगत कराया। टेक्किनल हवाई अड्डा क्षेत्र में आपातकालीन चिकित्सा सुविधाओं की भी व्यवस्था की गई हैं।
दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा व्यापक स्तर पर सौंदर्यीकरण अभियान चलाया है, जिससे शहर का वृहद् वातावरण बन गया है। जो संरचनाएं अप्रयुक्त हो गई थीं, उनका नवीनीकरण किया गया है। स्वच्छता अभियान के अतिरिक्त जगह-जगह पानी के मनमोहक फव्वारे लगाए गए हैं। देश की विविधता को दर्शाने के लिए शहर भर में बड़ी संख्या में मूर्तियां और पोस्टर लगाए गए हैं, जो यात्रियों और आगंतुकों के लिए मनोरम दृश्य के रूप में उभरे हैं। महत्वपूर्ण स्थानों पर जी-20 देशों के राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित किए गए हैं और यहां तक कि जी-20 देशों के राष्ट्रीय पशुओं की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव ने अधिकारियों की टीमों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की।
आम जनता को असुविधा से बचाने के लिए, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिनी बस से दौरा किया। यह दौरा शाम 5 बजे से 8:30 बजे के बीच हुआ।
समीक्षा अभ्यास के दौरान उनके साथ प्रधानमंत्री के सलाहकार अमित खरे और तरुण कपूर, मुख्य सचिव, पुलिस आयुक्त के साथ-साथ कई अन्य शीर्ष अधिकारी भी थे।
एस.एन.सेन महाविद्यालय में शिक्षक दिवस पर महान शिक्षाविद डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के व्यक्तित्व एवम कृतित्व पर प्रकाश डाला गया
कानपुर 5 सितंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस.एन.सेन महाविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर महान शिक्षाविद डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के व्यक्तित्व एवम कृतित्व पर प्रकाश डाला गया ।कार्यक्रम का औपाचारिक शुभारम्भ विभाग की विभागाध्यक्षा प्रोफेसर चित्रा सिंह तोमर ने द्वीप प्रज्जवलन एवं राधाकृष्णन जी की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर किया। इस अवसर स्नातक एवं परास्नातक कक्षा की छात्राओ द्वारा भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमे लगभग 26 छात्राओ ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम .में महाविद्यालय की अंग्रेजी विभाग की विभाध्यक्ष डा अल्का टण्डन ,डॉ मोनिका सहाय एवं डॉ संगीता सिंह आदि उपस्थित रहीं।
Read More »ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने उत्केला हवाई अड्डे और उत्केला एवं भुवनेश्वर के बीच सीधी उड़ान का उद्घाटन किया
नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने नागर विमानन मंत्रालय के राज्य मंत्री जनरल विजय कुमार सिंह (सेवानिवृत्त) के साथ आज उत्केला हवाई अड्डे और उत्केला एवं भुवनेश्वर के बीच सीधी उड़ान का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित किया गया। उत्केला हवाई अड्डे का स्वामित्व ओडिशा सरकार के पास है। इसे भारत सरकार के नागर विमानन मंत्रालय की उड़ान स्कीम के तहत 31.07 करोड़ रुपये की लागत से एक क्षेत्रीय हवाई अड्डे के रूप में विकसित किया गया है। उत्केला हवाई अड्डे का रनवे (2,995 फीट) 30 मीटर की चौड़ाई के साथ 917 मीटर लंबा है। उत्केला हवाई अड्डे के जुड़ने से ओडिशा में अब पांच हवाई अड्डे हो जाएंगे।
नव उद्घाटित उत्केला-भुवनेश्वर-उत्केला उड़ान मार्ग क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा और क्षेत्र के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इंडियावन, 31 अगस्त से इस रूट पर उड़ानें शुरू करेगा। ऑपरेटर उड़ान योजना के तहत स्वीकृत 9-सीटर सेसना सी-208 विमान का उपयोग करेगा।
अपने उद्घाटन भाषण में, ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि उत्केला से भुवनेश्वर हवाई कनेक्टिविटी से सड़क मार्ग से यात्रा करने में लगने वाला समय कम हो जाएगा जो लगभग 8 घंटे है। अब उत्केला-भुवनेश्वर उड़ान से यह दूरी एक घंटे बीस मिनट में तय की जा सकेगी। श्री सिंधिया ने कहा कि यह कालाहांडी क्षेत्र के लिए एक नई शुरुआत होगी क्योंकि इससे आर्थिक कार्यकलाप बढ़ेंगे और रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे। श्री सिंधिया ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य में नागर विमानन अवसंरचना विकास के लिए ओडिशा सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा नागर विमानन राज्य मंत्री जनरल डॉ. वी के सिंह (सेवानिवृत्त) ने कहा कि केंद्र सरकार ने उत्केला हवाई अड्डे के पुनर्विकास में लगभग 31 करोड़ रुपये व्यय किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अब कालाहांडी भुवनेश्वर और राज्य के अन्य शहरों से जुड़ जाएगा जिससे क्षेत्र के विकास में मदद मिलेगी।
इस कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद सुजीत कुमार, लोकसभा सांसद श्री बसंत कुमार पांडा, ओडिशा सरकार की जल संसाधन और वाणिज्य एवं परिवहन मंत्री श्रीमती तुकुनी साहू, नागर विमानन मंत्रालय के सचिव श्री राजीव बंसल, ओडिशा सरकार की प्रमुख सचिव श्रीमती उषा पाधी और इंडिया वन के सीईओ श्री अरुण कुमार सिंह भी उपस्थित थे।
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पिछले 9 वर्षों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम टूल रूम और प्रशिक्षण केंद्रों ने 16 लाख युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया है, इससे 3 लाख सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम इकाइयां लाभान्वित हुई हैं: नारायण राणे
राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस’ के अवसर पर केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री नारायण राणे ने ट्विटर पर घोषणा की कि देश भर में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा संचालित 18 टूल रूम और प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से पिछले 9 वर्षों में 3 लाख से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम इकाइयों को लाभान्वित करने के लिए 16 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। राणे ने बताया कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत कार्य करने वाले टूल रूम और प्रौद्योगिकी केंद्र माननीय प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। विशेष रूप से ये टूल रूम और प्रौद्योगिकी केंद्र अत्याधुनिक उत्पादों के निर्माण में चरणबद्ध तरीके से सहायता भी प्रदान कर रहे हैं। राणे ने कहा कि भारत के ये टूल रूम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार मध्यम व छोटे आकार के उपकरणों का डिजाइन तथा निर्माण करते हैं। इनका इस्तेमाल खेल के सामान, प्लास्टिक, ऑटोमोबाइल, जूते बनाने, कांच, इत्र, फाउंड्री और फोर्जिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं अंतरिक्ष क्षेत्र से संबंधित उद्योगों में किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान-3 मिशन में भुवनेश्वर के टूल रूम ने 437 प्रकार के लगभग 54,000 एयरो-स्पेस घटकों का निर्माण किया था। टूल रूम ने कोरोना महामारी के कठिन समय में पीपीई किट, सैनिटाइजर मशीन और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ विदेशों में उनके निर्यात में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ने अपने ट्वीट के माध्यम से बताया है कि देश की सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम इकाइयों को अधिक सशक्त करने के लिए 15 अन्य प्रौद्योगिकी केंद्र भी स्थापित किए जा रहे हैं।
Read More »भूपेन्द्र यादव ने देश भर के 30 ईएसआईसी अस्पतालों में कीमोथेरेपी सेवाएं शुरू की
यादव ने कहा कि यह शुभारंभ भारत के अमृतकाल में हमारे श्रम योगियों के सर्वांगीण कल्याण के प्रधानमंत्री मोदी जी के सपने को साकार करने की दिशा में एक कदम है। इन अस्पतालों में कीमोथेरेपी सेवाओं की शुरुआत के साथ, बीमित श्रमिकों और उनके आश्रितों को कैंसर का आसानी से बेहतर उपचार मिल सकेगा।
केंद्रीय मंत्री ने भी ईएसआईसी के डैशबोर्ड के साथ एक नियंत्रण कक्ष का भी उद्घाटन किया। डैशबोर्ड ईएसआईसी अस्पतालों में संसाधनों और बिस्तरों की बेहतर निगरानी करेगा और वर्तमान निर्माण परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति पर नजर रखना सुनिश्चित करेगा।
चंद्रयान-3 और आदित्य एल1 आगामी 25 वर्षों में भारत की अमृत काल विकास यात्रा का नेतृत्व करेंगे : डॉ. जितेन्द्र सिंह
केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा, चंद्रयान-3 और आदित्य आगामी 25 वर्षों में भारत की अमृत काल विकास यात्रा का नेतृत्व करेंगे। डॉ. जितेंद्र सिंह ने उधमपुर जिले के टिकरी-1बी पंचायत में पूरे देश में शुरू होने वाली अमृत कलश यात्राओं की शुरुआत का प्रतीक ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान के अंतर्गत मातृभूमि की समृद्धि में लोगों की भागीदारी को दर्शाते हुए हर घर से मिट्टी और चावल का संग्रह सम्मिलित है।
उद्घाटन के दौरान अपने संबोधन में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, भारत की हाल की अंतरिक्ष उपलब्धियां केवल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कारण ही संभव हुई हैं, जिन्होंने सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए नए मार्ग प्रशस्त किए हैं और भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए “अब कोई सीमा नहीं” की बात सच साबित हो रही है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विगत नौ वर्षों में भारत की अंतरिक्ष यात्रा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिससे भारत अब नासा, रोस्कोस्मोस जैसी संस्थाओं के समकक्ष पंहुच गया है, जो अब अंतरिक्ष अभियानों के लिए इसरो के साथ सहयोग कर रहे हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, सीमित संसाधनों के बावजूद कम लागत वाले साधनों के माध्यम से भारत ने अपने मानव संसाधन और क्षमता के क्षेत्र में संपूर्ण विश्व के सामने जो सर्वोच्चता प्रदर्शित की है, उसने भारत को एक अग्रणी राष्ट्र और एक वैज्ञानिक-आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित किया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा, पूरा विश्व इन सबका श्रेय पीएम मोदी को देता है, जिन्होंने सभी हितधारकों को एक साथ लाने और सामूहिक योगदान के साथ संयुक्त प्रयास करने जैसे कई प्रगतिशील नीतिगत फैसले लिए हैं।
कार्यक्रम के दौरान, डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोगों से अमृत कलश यात्राओं में भाग लेने, ‘पंच प्रण’ प्रतिज्ञा लेने, भारत की प्रगति और विकास के लिए प्रतिबद्ध होने का भी आग्रह किया,जिससे वो वर्ष 2047 में भारत के शिखर पर पहुंचने के साक्षी बने।
कार्यक्रम को क्षेत्र के पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ, डीडीसी अध्यक्ष लाल चंद और उधमपुर की उपायुक्त सलोनी राय ने भी संबोधित किया।
एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज में परास्नातक प्रथम तथा तृतीय सेमेस्टर की छात्राओं हेतु प्राचीन भारतीय शिक्षण संस्थान विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित
कानपुर 4 सितंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज कानपुर के शिक्षाशास्त्र विभाग में दिनाँक 04/09/2023 को परास्नातक प्रथम तथा तृतीय सेमेस्टर की छात्राओं हेतु प्राचीन भारतीय शिक्षण संस्थान विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया | प्रत्येक छात्रा ने अपने पोस्टर की व्याख्या अपने शब्दों में प्रस्तुत की| निर्णायक मंडल में कैप्टन ममता अग्रवाल तथा प्रो. प्रीती पांडेय ने निम्न छात्राओं को विजेता घोषित किया:-
प्रथम – यास्मीन, M.A. I Semester द्वितीय- इरम, M.A. I Semester तृतीय – मारिया, M.A. I Semester सांत्वना – खुशी, M.A. III Semester
शिक्षाशास्त्र विभाग में बी.ए. प्रथम सेमेस्टर की छात्राओं के लिए माध्यमिक शिक्षा की भारत में वर्तमान स्थिति एवं समस्याएं विषय पर दिनाँक 28/08/2023 को निबंध प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया था, निर्णायक मंडल में श्रीमति किरन तथा डॉ. मोनिका सहाय ने निम्न छात्राओं को विजेता घोषित किया:-
प्रथम – जोया खान द्वितीय- प्राची जयसवाल तृतीय – असफिया मुजीब , उम्मे कुलसुम सांत्वना – नव्या यादव, मुस्कान बानो, तंजीला परवीन महाविद्यालय प्राचार्या प्रोफेसर सुमन, रामकृपाल, विभाग प्रभारी प्रोफेसर चित्रा सिंह तोमर, निर्णायक मंडल तथा शिक्षिकाओं ने कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और पुष्पांजलि द्वारा किया। प्राचार्या प्रोफेसर सुमन ने छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें भविष्य में अधिकाधिक सहभागिता करने के लिए प्रेरित किया, रामकृपाल ने छात्राओं के उत्तम भविष्य हेतु शुभकामनाएं प्रेषित की
डॉ.कार्यक्रम में शिक्षा शास्त्र विभाग की सभी परास्नातक छात्राओं ने प्रतिभाग किया, इस अवसर पर डॉ. प्रीति सिंह, डॉ. संगीता सिंह, डॉ. अनामिका तथा सुश्री निकिता पाल कश्यप उपस्थित रहीं, ममता शुक्ला ने कार्यक्रम के आयोजन में सक्रिय सहयोग प्रदान किया।