निजी क्षेत्र और रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू) सहित रक्षा उद्योग ने अब तक का उच्चतम रक्षा निर्यात अर्जित करने के लिए जबरदस्त प्रयास किए हैं। निजी क्षेत्र और डीपीएसयू ने क्रमशः 60 प्रतिशत और 40 प्रतिशत का योगदान दिया है।
इसके अलावा, वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान रक्षा निर्यातकों को जारी किए गए निर्यात प्राधिकारों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में 1,414 निर्यात प्राधिकारों से, वित्त वर्ष 2023-24 में यह संख्या बढ़कर 1,507 हो गई।
दो दशकों यानी 2004-05 से 2013-14 और 2014-15 से 2023-24 तक के तुलनात्मक आंकड़ों से यह पता चलता है कि रक्षा निर्यात में 21 गुना की वृद्धि हुई है। 2004-05 से 2013-14 के दौरान कुल रक्षा निर्यात 4,312 करोड़ रुपये का रहा था, जो 2014-15 से 2023-24 की अवधि में बढ़कर 88,319 करोड़ रुपये हो गया है।
रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारतीय उद्योगों को प्रदान किए गए ‘एंड-टू-एंड’ डिजिटल समाधान के साथ-साथ सरकार द्वारा लाए गए नीतिगत सुधारों और ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ पहल के कारण यह उल्लेखनीय वृद्धि अर्जित की गई है। यह वृद्धि भारतीय रक्षा उत्पादों और प्रौद्योगिकियों की वैश्विक स्वीकार्यता को दर्शाती है।
एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से, रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने रक्षा निर्यात में नयी उपलब्धि हासिल करने पर सभी हितधारकों को बधाई दी।