सीबीएन को इस बात की विशिष्ट खुफिया जानकारी प्राप्त हुई थी कि राजस्थान के पंजीकरण नंबर वाला एक महिंद्रा ट्रेलर ट्रक भारी मात्रा में पोस्ता भूसा (डोडा चूरा) ले जाएगा। इसके बाद नीमच स्थित सीबीएन के अधिकारियों की एक टीम का गठन किया गया और 7 जनवरी, 2024 को ऑपरेशन के लिए भेजा गया। इसके तहत संदिग्ध मार्ग पर कड़ी निगरानी के अधीन सीबीएन अधिकारियों ने चितौड़गढ़ के गंगरार के पास उदयपुर-भीलवाड़ा राजमार्ग पर श्री देव नारायण भोजनालय के पास वाहन की सफलतापूर्वक पहचान की और उसे रोका गया।
इस ट्रक में पोस्ता स्ट्रॉ को छिपाने के लिए कवर कार्गो के रूप में 120 बैग पशु आहार ले जाया जा रहा था। सीबीएन कार्यालय में ट्रक की गहन तलाशी ली गई और पोस्ता स्ट्रॉ के कुल 267 प्लास्टिक थैलों (कुल वजन 5057.300 किलोग्राम) को जब्त किया गया। कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पशु आहार व ट्रेलर के साथ बरामद पोस्ता स्ट्रॉ को जब्त कर लिया गया और एनडीपीएस अधिनियम- 1985 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया।
पोस्ता भूसे की तस्करी के एक अन्य मामले में विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर चित्तौड़गढ़ स्थित केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) के अधिकारियों ने 6 जनवरी, 2024 को नीमच स्थित डीएनसी कार्यालय के सहयोग से मध्य प्रदेश के मंदसौर जिला स्थित पिपलिया मंडी थाने के धाकड़ी गांव के एक घर की तलाशी ली और 57 प्लास्टिक थैलों में 1131.900 किलोग्राम पोस्ता भूसे को जब्त किया। घर के मालिक ने अंधेरे में भागने का प्रयास किया, लेकिन सीबीएन के चुस्त अधिकारियों ने उसे सफलतापूर्वक पकड़ लिया। कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पोस्ता स्ट्रॉ को जब्त कर लिया गया और एक व्यक्ति को एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया।
साल 2023 केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (मध्य प्रदेश इकाई) के लिए प्रतिबंधित तस्करी से निपटने में सबसे सफल वर्षों में से एक रहा है।
साल 2023 में जब्ती के 116 मामलों के साथ नशीले पदार्थों के खिलाफ रिकॉर्ड तोड़ ऑपरेशन संचालित किए गए। इनमें 150 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 87 वाहन जब्त किए गए।
केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने अलग-अलग और अनोखी कार्यप्रणाली का खुलासा किया है। वहीं, इस दौरान जब्त किए गए नशीले पदार्थों की कुल मात्रा लगभग 70 टन था। इनमें पोस्ता भूसा, ओपियम, हेरोइन, गांजा, एमडी पाउडर और कोडीन फॉस्फेट सिरप आदि शामिल है। सीबीएन के इतिहास में एक साल में यह सबसे अधिक मामले हैं। इसके अलावा इन ऑपरेशनों के दौरान लगभग 1 करोड़ रुपये नकदी जब्त किए गए। इनमें से कई मामलों में तेज गति से पीछा करने के दौरान गोलीबारी की कई घटनाएं हुईं। इनमें सरकारी वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है।
भारत में केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की ओर से अवैध अफीम पोस्ता की फसल का अब तक का सबसे बड़ा विनाश अभियान- ऑपरेशन “प्रहार” चलाया गया। इसके तहत कुल 10,326 हेक्टेयर (25,526 एकड़) अवैध अफीम को नष्ट किया गया। यह ऑपरेशन अरुणाचल प्रदेश (8,501 हेक्टेयर) और मणिपुर (1,825 हेक्टेयर) में चलाया गया था। इसे प्रतिकूल जमीनी परिस्थितियों और सुरक्षा जोखिमों के बावजूद सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया गया।
वहीं, हिमाचल प्रदेश में ऑपरेशन “शक्ति” चलाया गया था, जिसमें सीबीएन अधिकारियों ने 1,124 हेक्टेयर (2,777 एकड़) अवैध गांजा की फसल को नष्ट किया था। यह सीबीएन का हिमाचल प्रदेश में अवैध गांजा को नष्ट करने को लेकर सबसे बड़ा अभियान था।
नशीले पदार्थों के खिलाफ ऑपरेशन के साथ-साथ जब्त किए गए पदार्थों को नष्ट करने को भी प्राथमिकता दी गई। इसके परिणामस्वरूप 86 मामलों में जब्त किए गए 104 टन से अधिक प्रतिबंधित नशीले पदार्थों को नष्ट किया गया। यह आंकड़ा सीबीएन के इतिहास में सबसे अधिक है। इन नष्ट किए गए पदार्थों में पोस्ता भूसा, अफीम, हेरोइन, गांजा, एम.डी. पाउडर, कोडीन फॉस्फेट सिरप सहित लाखों विभिन्न साइकोट्रोपिक गोलियां शामिल हैं।