कॉक्लियर इम्प्लांट एक अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण है जिसके जरिए सुनने में अक्षम मरीजों को न सिर्फ सुनने में मदद मिलती है, बल्कि यह उन्हें मुख्यधारा में आने में सक्षम बनाता है। इस इम्प्लांट की कीमत हमेशा चिंता का विषय रही है, जिससे इसकी पहुंच सीमित हो गई। सरकार द्वारा वित्त पोषित अधिकांश कार्यक्रमों में बच्चों को केवल एक कॉक्लियर इम्प्लांट दिया जाता है। हालांकि दोनों कानों से सुनने का लाभ इसकी कीमत से कहीं ज्यादा है और सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा ने इस बात को तत्काल महसूस किया।
मार्च 2022 में, सशस्त्र बलों में श्रवण-बाधित रोगियों के लिए कॉक्लियर इम्प्लांट की नीति को संशोधित किया गया और इसमें एक साथ दोनों कानों में प्रतिरोपण को शामिल किया गया। चिकित्सा मानकों को विकसित देशों के बराबर लाने वाली यह देश की पहली नीति थी।
डीजी सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह और डीजीएमएस (सेना) लेफ्टिनेंट जनरल अरिंदम चटर्जी ने इसके लिए आर्मी हॉस्पिटल (आर एंड आर) को बधाई दी है और संस्थान को और अधिक सम्मान मिलने की कामना की है।
आर्मी हॉस्पिटल (आर एंड आर) सशस्त्र बलों का शीर्ष अस्पताल है और वर्तमान में इसकी कमान लेफ्टिनेंट जनरल अजित नीलकांतन के पास है जो ईएनटी और हेड एंड नेक ऑन्कोसर्जरी के विशेषज्ञ हैं।