इस अवसर पर संबोधित करते हुए हुए गडकरी ने कहा कि इथेनॉल एक स्वदेशी, पर्यावरण-अनुकूल और नवीकरणीय ईंधन है, जिसमें भारत के लिए आशाजनक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि इथेनॉल पर मोदी सरकार का जोर ऊर्जा आत्मनिर्भरता प्राप्त करने, किसानों की आय दोगुनी करने, उन्हें अन्नदाता के रूप में समर्थन जारी रखते हुए ऊर्जादाता में तब्दील करने और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालने के उद्देश्यों के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि जिस दिन इथेनॉल अर्थव्यवस्था 2 लाख करोड़ की हो जाएगी, कृषि विकास दर मौजूदा 12 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत हो जाएगी। जैव ईंधन में नवाचारों का जिक्र करते हुए श्री गडकरी ने असम के नुमालीगढ़ में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की रिफाइनरी के बारे में भी बताया, जहां जैव इथेनॉल के निर्माण के लिए बांस का उपयोग किया जा रहा है। गडकरी ने कहा कि यह उन्नत वाहन इनोवा हाइक्रॉस पर आधारित है और इसे भारत के सख्त उत्सर्जन मानकों का पालन करने के अनुरूप तैयार किया गया है, जो इसे वैश्विक स्तर पर पहले बीएस 6 स्टेज II ‘इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल’ का प्रोटोटाइप बनाता है। उन्होंने कहा कि इस प्रोटोटाइप के आगामी चरणों में सूक्ष्म परिशोधन, मान्यता और प्रमाणन प्रक्रियाएं शामिल हैं।