प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर पीएम किसान समृद्धि केंद्र के मॉडल को देखा। प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए देश के विभिन्न स्थानों से आज के कार्यक्रम में शामिल होने वाले करोड़ों किसानों के प्रति सम्मान व्यक्त किया और कहा कि खाटू श्याम जी की भूमि भारत के कोने-कोने से आने वाले तीर्थयात्रियों को आश्वस्त करती है। उन्होंने शेखावाटी की वीर भूमि से विभिन्न विकास कार्यक्रमों की शुरुआत करने का अवसर मिलने पर आभार व्यक्त किया और करोड़ों किसान-लाभार्थियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के अंतर्गत किस्त सीधे हस्तांतरित करने का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने देश में 1.25 लाख से अधिक पीएम किसान समृद्धि केंद्रों को राष्ट्र को समर्पित करने बारे में कहा कि इससे गांव और ब्लॉक स्तर पर करोड़ों किसानों को सीधा लाभ होगा। उन्होंने ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) पर किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के जुड़ने का भी उल्लेख किया और कहा कि इससे किसानों के लिए देश के किसी भी हिस्से से अपनी उपज को बाजार तक ले जाना आसान हो जाएगा। उन्होंने यूरिया गोल्ड, नए मेडिकल कॉलेजों और एकलव्य मॉडल स्कूलों के शुभारंभ का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने आज की विकास परियोजनाओं के लिए भारत के लोगों के साथ-साथ करोड़ों किसानों को बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने सीकर और शेखावाटी क्षेत्रों के किसानों के महत्व को रेखांकित करते हुए क्षेत्र की कठिनाइयों के बावजूद उनकी कड़ी मेहनत के प्रति सम्मान व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र की वर्तमान सरकार किसानों की पीड़ा और जरूरतों को समझती है। प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे पिछले 9 वर्षों में बीज से बाजार (बीज से बाजार तक) तक नई प्रणालियां बनाई गई हैं। उन्होंने याद दिलाया कि 2015 में सूरतगढ़ में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना शुरू की गई थी। इस योजना के माध्यम से करोड़ों किसान मिट्टी के स्वास्थ्य के बारे में ज्ञान के आधार पर अधिकतम निर्णय ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1.25 लाख किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) किसानों की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगे। इन केंद्रों को किसानों की आवश्कताओं के लिए वन-स्टॉप शॉप के रूप में विकसित किया जा रहा है। ये केंद्र किसानों को कृषि से संबंधित मुद्दों पर उन्नत आधुनिक जानकारी भी प्रदान करेंगे और सरकार की कृषि योजनाओं के बारे में भी समय पर जानकारी प्रदान करेंगे। प्रधानमंत्री ने किसानों को सलाह दी कि वे केंद्रों का दौरा करते रहें और वहां उपलब्ध ज्ञान का लाभ उठाएं। प्रधानमंत्री ने बताया कि वर्षांत से पहले अतिरिक्त 1.75 लाख पीएम किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) स्थापित किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार किसानों के खर्चों को कम करने और जरूरत के समय उनकी सहायता करने के लिए पूरी ईमानदारी से काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने पीएम किसान सम्मान निधि का जिक्र करते हुए कहा कि यह दुनिया की सबसे बड़ी योजना है जहां किसानों के बैंक खातों में सीधे धन हस्तांतरित किया जाता है। उन्होंने बताया कि आज की 14वीं किस्त को शामिल किया जाए तो अब तक 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जा चुकी है, जो विभिन्न खर्चों को कवर करने में किसानों के लिए लाभकारी रही है। उन्होंने कहा कि देश में यूरिया की कीमत सरकार द्वारा किसानों का खर्च बचाने का उदाहरण है। कोरोना वायरस महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण उर्वरकों में आई बाधा का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि वर्तमान सरकार ने इसे देश के किसानों पर इसका असर नहीं पड़ने दिया। प्रधानमंत्री ने उर्वरकों की कीमतों के बारे में बताया कि यूरिया की जिस बोरी की कीमत भारत में 266 रुपये है, उसका मूल्य पाकिस्तान में लगभग 800 रुपये, बांग्लादेश में लगभग 720 रुपये, चीन में लगभग 2100 रुपये और अमेरिका में लगभग 3000 रुपये है। “सरकार हमारे किसानों को यूरिया की कीमतों से परेशान नहीं होने देगी”, श्री मोदी ने कहा, “जब कोई किसान यूरिया खरीदने जाता है, तो उसे विश्वास होता है कि यह मोदी की गारंटी है।
प्रधानमंत्री ने मोटे अनाजों को बढ़ावा देने और उनकी ब्रांडिंग श्री अन्न के रूप में करने जैसे उपायों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि श्री अन्न के प्रचार-प्रसार के माध्यम से इसके उत्पादन, प्रसंस्करण और निर्यात में वृद्धि हो रही है। उन्होंने अपनी हील की यात्रा के दौरान व्हाइट हाउस के आधिकारिक रात्रिभोज में मोटे अनाज की उपस्थिति को याद किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत का विकास तभी संभव है जब उसके गांवों का विकास हो। विकसित गांवों के साथ ही भारत विकसित हो सकता है। यही कारण है कि सरकार गांवों में वे सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है, जो अब तक केवल शहरों में उपलब्ध थीं। प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य अवसंरचना के विस्तार का उल्लेख करते हुए कहा कि राजस्थान में 9 वर्ष पहले तक केवल दस मेडिकल कॉलेज थे। आज यह संख्या 35 तक पहुंच गई है। इससे आस-पास के क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं में सुधार हो रहा है और मेडिकल छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज जिन मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया जा रहा है और जिनका शिलान्यास किया जा रहा है, उनसे राज्य के कई क्षेत्रों में चिकित्सा अवसंरचना में सुधार होगा। जैसा कि चिकित्सा शिक्षा को सुलभ बनाया जा रहा है, प्रधानमंत्री ने मातृभाषा में मेडिकल शिक्षा प्रदान करने, इसे और लोकतांत्रिक बनाने और वंचित वर्गों के लिए रास्ते खोलने के कदम का भी उल्लेख किया। अब किसी गरीब का बेटा या बेटी अंग्रेजी न जानने के कारण डॉक्टर बनने के अवसर से वंचित नहीं रहेगा। यह भी मोदी की गारंटी है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों तक गांवों में अच्छे स्कूलों और शिक्षा की कमी के कारण गांव और गरीब भी पीछे छूट गए थे और अफसोस जताया कि पिछड़े और जनजातीय समाज के बच्चों के पास अपने सपनों को पूरा करने का कोई साधन नहीं था। श्री मोदी ने कहा कि वर्तमान सरकार ने शिक्षा के लिए बजट और संसाधनों में वृद्धि की है और एकलव्य आवासीय विद्यालय खोले हैं, जिससे जनजातीय युवाओं को काफी लाभ हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सफलता तभी बड़ी होती है जब सपने बड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान एक ऐसा राज्य है जिसके वैभव ने सदियों से दुनिया को आकर्षित किया है। प्रधानमंत्री ने राजस्थान को आधुनिक विकास की ऊंचाई पर ले जाते हुए भूमि की विरासत को संरक्षित करने पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यही कारण है कि राजस्थान में आधुनिक अवसंरचना का निर्माण करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने पिछले कुछ महीनों में दो हाईटेक एक्सप्रेसवे के उद्घाटन का उल्लेख किया और कहा कि राजस्थान दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे के एक प्रमुख खंड के माध्यम से विकास की एक नई गाथा लिख रहा है। उन्होंने राज्य से चलाई जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का भी जिक्र किया। श्री मोदी ने कहा कि सरकार अवसंरचना में निवेश कर रही है और पर्यटन से संबंधित सुविधाओं का विकास कर रही है, जिसके परिणामस्वरूप राजस्थान के लिए भी नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा, “जब राजस्थान ‘पधारो म्हारे देश’ का आह्वान करेगा तो एक्सप्रेसवे और बेहतर रेल सुविधाएं पर्यटकों का स्वागत करेंगी। प्रधानमंत्री ने स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत खाटू श्याम जी मंदिर में सुविधाओं के विस्तार का भी उल्लेख किया और विश्वास व्यक्त किया कि श्री खाटू श्याम के आशीर्वाद से राजस्थान के विकास को और गति मिलेगी। हम सब मिलकर राजस्थान के गौरव और विरासत को पूरे विश्व में एक नई पहचान देंगे।
प्रधानमंत्री ने राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। श्री अशोक गहलोत पिछले कुछ समय से बीमार हैं और इस कार्यक्रम में नहीं आ सके।
इस अवसर पर राजस्थान के राज्यपाल श्री कलराज मिश्र, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मांडविया, केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल और केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी भी उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री ने किसानों को लाभान्वित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम में 1.25 लाख से अधिक पीएम किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) राष्ट्र को समर्पित किए। सभी किसानों की जरूरतों के लिए वन-स्टॉप समाधान प्रदान करने के लिए पीएमकेएसके विकसित किए जा रहे हैं। कृषि इनपुट (उर्वरकों, बीजों, उपकरणों) की जानकारी से लेकर मिट्टी, बीज और उर्वरकों के लिए परीक्षण सुविधाओं तक, विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी तक, पीएमकेएसके को देश में किसानों के लिए एक विश्वसनीय समर्थन प्रणाली बनाने की परिकल्पना की गई है। वे ब्लॉक/जिला स्तर के विक्रय केंद्रों पर उर्वरक खुदरा विक्रेताओं का नियमित क्षमता निर्माण भी सुनिश्चित करेंगे।
प्रधानमंत्री ने यूरिया गोल्ड की एक नई किस्म का शुभारंभ किया, जो सल्फर के साथ लेपित है। सल्फर लेपित यूरिया की शुरुआत मिट्टी में सल्फर की कमी को दूर करेगी। यह अभिनव उर्वरक नीम-लेपित यूरिया की तुलना में अधिक किफायती और कुशल है, पौधों में नाइट्रोजन उपयोग दक्षता में सुधार करता है, उर्वरक की खपत को कम करता है, और फसल की गुणवत्ता को बढ़ाता है।
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क (ओएनडीसी) से 1600 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को जोड़ने की शुरुआत की। ओएनडीसी एफपीओ को डिजिटल मार्केटिंग, ऑनलाइन भुगतान, बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) और बिजनेस-टू-कंज्यूमर लेनदेन तक सीधी पहुंच के साथ सशक्त बनाता है, और स्थानीय मूल्य वर्धन को प्रोत्साहित करता है, ग्रामीण क्षेत्रों में लॉजिस्टिक्स के विकास को उत्प्रेरित करता है।
किसानों के कल्याण के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता का एक और उदाहरण पेश करने वाले एक कदम में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के अंतर्गत लगभग 17,000 करोड़ रुपये की 14वीं किस्त की राशि 8.5 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से जारी की गई।
प्रधानमंत्री ने चित्तौड़गढ़, धौलपुर, सिरोही, सीकर और श्रीगंगानगर में पांच नए मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया और बारां, बूंदी, करौली, झुंझुनू, सवाई माधोपुर, जैसलमेर और टोंक में सात मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी। मेडिकल कॉलेजों की स्थापना वर्तमान जिला/रेफरल अस्पतालों से संबद्ध नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए केंद्र प्रायोजित योजना के तहत की जा रही है। प्रधानमंत्री ने जिन पांच मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया है, उन्हें 1400 करोड़ रुपये से अधिक की संचयी लागत से विकसित किया गया है, जबकि जिन सात मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी वे 2275 करोड़ रुपये की संचयी लागत से बनाए जाएंगे। 2014 तक राजस्थान में केवल 10 मेडिकल कॉलेज थे। केंद्र सरकार के समर्पित प्रयासों के माध्यम से राज्य में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 35 हो गई है। यह 250 प्रतिशत की वृद्धि है। इन 12 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से राज्य में एमबीबीएस सीटों की संख्या 2013-14 में 1750 सीटों से बढ़कर 6275 हो जाएगी, जो 258 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
प्रधानमंत्री ने इसके अतिरिक्त उदयपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और डूंगरपुर जिलों में छह एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का उद्घाटन किया, जिससे इन जिलों में रहने वाली जनजातीय आबादी लाभान्वित होगी। वह कार्यक्रम के दौरान जोधपुर में केंद्रीय विद्यालय, तिंवरी का भी उद्घाटन किया।