“समूचा राष्ट्र क्षय रोग के उन्मूलन की दिशा में कार्य करने के लिए जनभागीदारी की भावना से उत्साहित और संगठित है। एसडीजी 2030 लक्ष्य से पांच साल पहले देश से क्षय रोग का उन्मूलन करने संबंधी प्रधानमंत्री मोदी के स्पष्ट आह्वान के साथ आज 71,000 से अधिक निक्षय मित्र आगे आए हैं तथा कॉरपोरेट्स, गैर-सरकारी संगठनों, जनप्रतिनिधियों, व्यक्तियों आदि सभी हितधारकों को संगठित कर टीबी का उन्मूलन करने संबंधी केंद्र सरकार की निक्षय योजना के तहत पोषण संबंधी सहायता और अन्य माध्यमों से 10 लाख से अधिक टीबी रोगियों की सहायता कर रहे हैं।” यह बात आज केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने पार्टनरशिप एक्शन अगेन्स्ट ट्यूबरक्लोसिस (पीएसीटी) शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। डॉ. मांडविया ने टीबी के संबंध में जागरूकता संदेशों वाले 75 ट्रकों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना गया। ये ट्रक निक्षय योजना में सक्रिय सहायता दे रहे अपोलो टायर्स फाउंडेशन ने प्रदान किए हैं। ये ट्रक टीबी मुक्त भारत के संदेश के साथ राज्यों की यात्रा करेंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस कार्यक्रम में कई टीबी रोगियों को पोषण टोकरियां भी वितरित कीं।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने विस्तार से बताया कि “भारत का अपना स्वास्थ्य सेवा मॉडल साझा सामाजिक और राष्ट्रीय उत्तरदायित्वों से युक्त है। अन्य हितधारकों के सहयोग का लाभ उठा राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की सहायता करने में बहु-क्षेत्रीय संपर्क एक प्रमुख स्तंभ है। केवल अपने साझा प्रयासों और सहयोग से ही हम 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। मैं सभी से जनभागीदारी की भावना से आगे आने का आग्रह करता हूं।” उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि निक्षय मित्र टीबी रोगियों को केवल वित्तीय और पोषण संबंधी सहायता ही प्रदान नहीं करते, बल्कि निक्षय मित्र पोर्टल पर उनके साथ निजी रूप से जुड़कर उनकी समग्र भलाई भी सुनिश्चित करते हैं। डॉ. मांडविया ने क्षय रोग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अपोलो टायर्स फाउंडेशन द्वारा देश के 19 राज्यों में 32 स्थानों पर हीरोज ऑन व्हील्स (ट्रक ड्राइवर्स) और अन्य कमजोर समूहों को जोड़कर टीबी मुक्त भारत अभियान को तेज करने के अभिनव तरीके की सराहना की। उन्होंने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत 75 टीबी रोगियों को भी गोद लिया है। इस बात पर गौर करते हुए कि ट्रक चालक टीबी रोगियों का एक महत्वपूर्ण समूह हैं, डॉ. मांडविया ने कहा कि समय पर परीक्षण, पूरा उपचार कराने आदि के माध्यम से टीबी की रोकथाम और नियंत्रण के बारे में जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पांच स्थानों (दिल्ली, मुंद्रा पोर्ट- गुजरात, हैदराबाद, जालंधर और अगरतला) से टीबी संदेशों के साथ ब्रांडेड 75 ट्रकों की पहल ट्रक ड्राइवरों के समुदायों और समुदाय से जुड़े अन्य लोगों के बीच टीबी से निपटने के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने अन्य कॉरपोरेट्स, संस्थानों, व्यापार निकायों, संघों और व्यक्तियों से भी आगे आने और क्षय रोग के खिलाफ भारत की लड़ाई में सक्रिय सहायता देने का आग्रह किया। सुश्री रोली सिंह, अपर सचिव और एमडी एनएचएम, स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में एक साथ आने और अपनी रणनीतियों के माध्यम से इसमें योगदान देने के लिए कॉरपोरेट्स और भागीदार एजेंसियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट क्षेत्र अंतिम व्यक्ति तक पहुंच कायम करने और समाज को सरकार की विभिन्न पहलों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि 300 कॉरपोरेट्स ने कॉरपोरेट टीबी प्रतिज्ञा ली है।इस अवसर पर डॉ. कुलदीप सिंह सचदेवा, दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्रीय निदेशक, द इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट लंग डिजीज एंड ट्यूबरकुलोसिस, श्री गौरव कुमार, मुख्य वित्तीय अधिकारी, अपोलो टायर्स लिमिटेड और सुश्री रिनिका ग्रोवर, प्रमुख, सस्टेनेबिलिटी एंड सीएसआर, अपोलो टायर्स भी उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम को यहां देखा जा सकता है: