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कर्नाटक, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और गुजरात में ग्रामीण स्थानीय निकायों को 4,189.58 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता राशि जारी की गई

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने ग्रामीण स्थानीय निकायों को अनुदान प्रदान करने के लिए बुधवार को कर्नाटक (628.07 करोड़ रुपये), त्रिपुरा (44.10 करोड़ रुपये), उत्तर प्रदेश (2239.80 करोड़ रुपये), आंध्र प्रदेश (569.01 करोड़ रुपये) और गुजरात (708.60 करोड़ रुपये) को 4,189.58  करोड़ रुपये की राशि जारी की। यह अनुदान सहायता कर्नाटक, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश के पक्ष को चालू वित्त वर्ष 2022-23 के बंधित अनुदान की पहली किस्त और आंध्र प्रदेश और गुजरात को जारी वर्ष 2021-22 के बंधित अनुदान की दूसरी किस्त है।

15वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित सशर्त अनुदान दो महत्वपूर्ण सेवाओं अर्थात (ए) स्वच्छता एवं खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) दर्जा को बनाए रखने और (बी) पेयजल की आपूर्ति, वर्षा जल के संचयन एवं जल पुनर्चक्रण को बेहतर बनाने के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सिफारिशों पर ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) को जारी किया जाता है। 15वें वित्त आयोग द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा करने के बाद पंचायती राज मंत्रालय की सिफारिशों पर ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) को बिना शर्त अनुदान जारी किया जाता है।

पंचायती राज संस्थाओं के लिए निर्धारित कुल अनुदान सहायता में से 60 प्रतिशत राष्ट्रीय प्राथमिकताओं जैसे कि पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल के संचयन और स्वच्छता (सशर्त अनुदान के रूप में संदर्भित) के लिए निर्धारित किया जाता है, जबकि 40  प्रतिशत अनुदान सहायता बिना शर्त है और स्थान विशेष की जरूरतों को पूरा करने के लिए पंचायती राज संस्थाओं के विवेक पर इसका उपयोग किया जाना है।

स्थानीय निकाय अनुदान दरअसल केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत स्वच्छता और पेयजल के लिए केंद्र और राज्य द्वारा आवंटित धन के अलावा ग्रामीण स्थानीय निकायों को अतिरिक्त धनराशि सुनिश्चित करने के लिए हैं।

वर्ष 2021-22 और वर्ष 2022-23 के दौरान अनुदान पाने के योग्‍य होने के लिए ग्रामीण स्थानीय निकायों को कुछ शर्तों को पूरा करना होगा। पारदर्शिता बढ़ाने, स्थानीय निकायों के चुनाव नियमित रूप से कराने और स्थानीय निकायों द्वारा वार्षिक विकास योजनाएं तैयार करने के लिए ही ये शर्तें तय की गई हैं।

बंधित हुआ और अबंधित दोनों प्रकार के अनुदान प्राप्त करने के लिए, स्थानीय निकायों के कम से कम 25 प्रतिशत, पिछले वर्ष के अनंतिम खातों और उससे पिछले वर्ष के ऑडिट किए खातों, दोनों को सार्वजनिक डोमेन में ऑनलाइन तैयार करना और उपलब्ध कराना अनिवार्य है। इसके अलावा, खातों को ई-ग्रामस्वराज और ऑडिट ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किया जाना चाहिए। अनुदान केवल उन्हीं स्थानीय निकायों को जारी किया जाता है जो विधिवत निर्वाचित होते हैं।

 इसके अलावा, बंधित अनुदान प्राप्त करने के लिए पात्र होने के लिए, ग्रामीण स्थानीय निकाय ई-ग्राम स्वराज पर विकास योजनाओं को अपलोड करेंगे जिसमें स्वच्छता और पेयजल आपूर्ति की वार्षिक कार्य योजना का विवरण होगा। पेयजल आपूर्ति के लिए वार्षिक कार्य योजना में पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण का विवरण शामिल होना चाहिए। स्थानीय निकायों को 15वीं एफ.सी. कोष [दोनों घटक] के उपयोग का विवरण भी अपलोड करना होगा।

राज्यों को केंद्र सरकार से अनुदान प्राप्त होने के 10 कार्य दिवसों के भीतर स्थानीय निकायों को हस्तांतरित करना आवश्यक है। 10 कार्य दिवसों से अधिक की देरी के लिए राज्य सरकारों को ब्याज सहित अनुदान जारी करना होगा।

वर्ष 2022-23 में अब तक जारी ग्रामीण स्थानीय निकाय अनुदान की राज्य-वार राशि नीचे दी गई है;

वर्ष 2022-23 में जारी ग्रामीण स्थानीय निकाय अनुदान की राज्यवार राशि

क्र.सं. राज्य का नाम 2021-22 के दौरान जारी कुल राशि

[31-08-2022 तक]

करोड़ रुपये में

1 आंध्र प्रदेश 948.35
2 अरुणाचल प्रदेश 0.00
3 असम 0.00
4 बिहार 1921.00
5 छत्तीसगढ़ 557.00
6 गोवा 0.00
7 गुजरात 1181.00
8 हरियाणा 0.00
9 हिमाचल प्रदेश 224.30
10 झारखंड 249.80
11 कर्नाटक 1046.78
12 केरल 623.00
13 मध्य प्रदेश 1472.00
14 महाराष्ट्र 1092.92
15 मणिपुर 0.00
16 मेघालय 40.50
17 मिजोरम 0.00
18 नगालैंड 18.40
19 ओडिशा 864.00
20 पंजाब 0.00
21 राजस्थान 0.00
22 सिक्किम 6.60
23 तमिलनाडु 1380.50
24 तेलांगना 273.00
25 त्रिपुरा 73.50
26 उत्तर प्रदेश 3733.00
27 उत्तराखंड 0.00
28 पश्चिम बंगाल 0.00
x कुल 15705.65