भारत सरकार की आरसीएस-उड़ान (क्षेत्रीय संपर्क योजना- उड़े देश का आम नागरिक) योजना के तहत इम्फाल (मणिपुर) और शिलांग (मेघालय) के बीच पहली सीधी उड़ान सेवा को कल झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस मार्ग का संचालन पूर्वोत्तर भारत के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में हवाई संपर्क को मजबूत करने संबंधी भारत सरकार के उद्देश्यों को पूरा करता है। इस उड़ान के शुभारंभ के दौरान नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के अधिकारी उपस्थित थे।
मणिपुर और मेघालय की राजधानी के बीच हवाई संपर्क क्षेत्र के लोगों की बहुप्रतीक्षित मांग रही है। खूबसूरत शहर शिलांग चारों ओर पहाड़ियों से घिरा हुआ है। कई प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों की मौजूदगी के लिए प्रसिद्ध शिलांग पूरे पूर्वोत्तर भारत के लिए शिक्षा का केंद्र है। सुंदर और शैक्षणिक केंद्र होने के अलावा शिलांग मेघालय का प्रवेश द्वार भी है। यह राज्य भारी वर्षा, गुफाओं, सबसे ऊंचे झरनों, सुंदर दृश्य और अपनी समृद्ध संस्कृति एवं विरासत के लिए प्रसिद्ध है। शिलांग एलीफेंट फॉल्स, शिलांग पीक, उमियाम लेक, सोहपेटबनेंग पीक, डॉन बॉस्को म्यूजियम, लैटलम कैन्यन के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा, शिलांग दो फुटबॉल क्लब तैयार करने वाला पूर्वोत्तर भारत का एकमात्र राजधानी शहर है जो आई-लीग अर्थात् रॉयल वाहिंगदोह एफसी और शिलांग लाजोंग एफसी में भाग लेते हैं। इनके अलावा, शिलांग गोल्फ कोर्स देश के सबसे पुराने गोल्फ कोर्सों में से एक है।
परिवहन का कोई सीधा साधन उपलब्ध न होने के कारण लोगों को इम्फाल से शिलांग पहुंचने के लिए सड़क मार्ग से 12 घंटे की लंबी यात्रा करने के लिए मजबूर होना पड़ता है अथवा उन्हें गुवाहाटी के लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए उड़ान सेवा लने के बाद बस सेवा लेनी पड़ती है। इंफाल और शिलांग के बीच यात्रा को पूरी करने में 1 दिन से अधिक का समय लगता है। अब इंफाल से शिलांग के लिए केवल 60 मिनट और शिलांग से इंफाल के लिए 75 मिनट की उड़ान सेवा का विकल्प चुनकर वहां के लोग आसानी से दोनों शहरों के बीच उड़ान भर सकते हैं।
शिलांग उड़ान योजना के तहत इम्फाल से जुड़ने वाला दूसरा शहर है। उड़ान 4 बोली प्रक्रिया के दौरान विमानन कंपनी इंडिगो को इंफाल-शिलांग मार्ग आवंटित किया गया था। हवाई किराये को आम लोगों के लिए उपयुक्त रखने के लिए उड़ान योजना के तहत विमानन कंपनी को वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) प्रदान की जा रही है। विमानन कंपनी इस मार्ग पर सप्ताह में चार उड़ानों का संचालन करेगी और अपने 78 सीटों वाले एटीआर 72 विमानों को तैनात करेगी। फिलहाल इंडिगो 66 उड़ान मार्गों पर परिचालन कर रही है।
उड़ान योजना के तहत अब तक 361 मार्गों और 59 हवाई अड्डों (5 हेलीपोर्ट और 2 वाटर एयरोड्रोम सहित) का परिचालन शुरू किया जा चुका है। इस योजना की परिकल्पना देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मजबूत हवाई संपर्क स्थापित करने के लिए की गई है जो भारत के विमानन बाजार में एक नया क्षेत्रीय श्रेणी की नींव रखती है।