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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में मात्र भाषा सप्ताह के अंतर्गत बोली बानी कार्यक्रम का आयोजन

कानपुर 24 फरवरी क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर केेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेे हििंदी विभाग द्वारा ‘मातृ भाषा सप्ताह’ मनाया जा रहा है। विभाग ने कॉलेज प्रांगण में 24 फरवरी, 2021 को भाषा और अभिव्यक्ति विषय पर “बोली बानी” कार्यक्रम का आयोजन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉo अवधेश कुमार मिश्रा द्वारा अवधी बोली में विषयगत परिचय के साथ हुई। इसके बाद हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष, एसोसिएट प्रोफेसर डॉo अरविंद सिंह द्वारा भोजपुरी बोली में अतिथियों का स्वागत किया गया।
भारत एक ऐसा देश है जहाँ लगभग हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की एक अलग आधिकारिक भाषा है। यही नहीं, बोली और बोलने की शैली लगभग हर जिले के परिवर्तन के साथ बदलती दिखती है।
प्राचार्य डॉo जोसेफ डैनियल ने मलयालम में छात्रों को संबोधित किया और उसी भाषा में एक प्रेरक कविता का पाठ किया। वाणिज्य विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉo शिप्रा श्रीवास्तव ने घूमर का प्रदर्शन किया। डॉo सबीना आर बोदरा, एसोसिएट प्रोफेसर और अर्थशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष, ने मारवाड़ी बोली में छात्रों को प्रेरित किया। रसायन विज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉo अनिंदिता भट्टाचार्य ने नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित एक बांग्ला कविता का नाटकीय पाठ किया। डॉo मीतकमल, एसोसिएट प्रोफेसर, रसायन विभाग, और डॉo शालिनी कपूर, एसोसिएट प्रोफेसर, वाणिज्य विभाग, ने गिद्दा और बोलियों का प्रदर्शन किया।
डॉo सोफिया शहाब, विभागाध्यक्ष और एसोसिएट प्रोफेसर, इतिहास विभाग ने उर्दू भाषा में शेरो-शायरी से आगाज़ किया, डॉo जेड एच खान, एसोसिएट प्रोफेसर, वनस्पति विज्ञान विभाग ने अवधी भाषा में कविता-पाठ किया, और डॉo क्यूo यूo हंजला, उर्दू विभाग, ने उर्दू भाषा में राम-कथा का वर्णन किया।
अन्य संकाय सदस्य : डॉo डीसी श्रीवास्तव, विभागाध्यक्ष और एसोसिएट प्रोफेसर, दर्शनशास्त्र विभाग, डॉ आरके द्विवेदी, विभागाध्यक्ष और एसोसिएट प्रोफेसर, भौतिकी विभाग, डॉ रवि पी महलवाला और भौतिकी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ मनीष कपूर ने खड़ी बोली हिंदी के साथ मिश्रित अवधी में अपने विचार रखे।
कुछ छात्र जैसे दीप्ति सेंगर और वेदांत ने भी इस अवसर पर अपनी अमिट छाप छोड़ी।
सभी प्रदर्शनों के अनुवाद की भी व्यवस्था की गई थी ताकि सभी उपस्थित लोग प्रदर्शन को समझ सकें और उनकी सराहना कर सकें।
पूरे कार्यक्रम का संचालन, डॉo सुजाता चतुर्वेदी, एसोसिएट प्रोफेसर, हिंदी विभाग ने ब्रजभाषा और खड़ी बोली में किया। सभी संकाय सदस्यों और छात्रों ने एक नई अवधारणा के आधार पर कार्यक्रम का आनंद लिया।