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ब्रिटेन से भारत आए और पॉजिटिव पाए गए यात्रियों की स्थिति की केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सचिव ने 10 राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों के साथ समीक्षा की

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सचिव श्री राजेश भूषण ने ब्रिटेन से भारत आए तथा महाराष्‍ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, गोवा, पंजाब, गुजरात और केरल राज्‍यों/संघशासित प्रदेशों में पॉजिटिव पाए गए यात्रियों की स्थिति तथा इससे उपजे हालात से निपटने के उपायों की आज वीडियो कांफ्रेंस के माध्‍यम से आयोजित एक बैठक में समीक्षा की। इस बैठक में आईसीएमआर के महानिदेशक, राज्‍यों/संघशासित प्रदेशों के स्‍वास्‍थ्‍य सचिव, एनएचएम एमडी, स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय में अपर सचिव सुश्री आरती आहूजा, एनसीडीसी के निदेशक डॉ. सुजीत सिंह और अन्‍य वरिष्‍ठ स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी भी मौजूद थे।

इस बैठक में ब्रिटेन में पाए गए सार्स कोव-2 के नए वैरिएंट या प्रकार के संदर्भ में मंत्रालय की ओर से 22.12.2020 को जारी महामारी निगरानी एवं प्रतिक्रिया मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) के बारे में विस्‍तार से चर्चा की गई।

राज्‍यों/संघशासित प्रदेशों को ब्रिटेन से भारत लौटे यात्रियों का विवरण ऑनलाइन पोर्टल एयर-सुविधा और ब्‍यूरो ऑफ इमिग्रेशन से प्राप्‍त करने की सलाह दी गई है। राज्‍यों/संघशासित प्रदेशों से पॉजिटिव पाए जाने व्‍यक्तियों के नमूने जीनोम सीक्वन्सिंग के लिए चिन्हित प्रयोगशालाओं को भेजने को भी कहा गया है।

चिन्हित की गई छह प्रयोगशालाओं की सूची उनके नोडल कार्यालयों के सम्‍पर्क विवरणों सहित राज्‍यों के साथ साझा की गई है। ये प्रयोगशालाएं हैं : सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी,नई दिल्‍ली; सीएसआईआर-सेंटर फॉर सेलुलर एंड मोलिक्‍यूलर बायोलॉजी, हैदराबाद; डीबीटी – इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज, भुवनेश्‍वर; डीबीटी – इनस्‍टेम-एनसीबीएस,बेंगलुरु; डीबीटी – नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्‍स (एनआईबीएमजी), कल्‍याणी, पश्चिम बंगाल और सीएसआईआर-नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे। निर्दिष्‍ट की गई प्रयोगशालाओं की संख्‍या समय के साथ बढ़ाई जाएगी और उनका विवरण राज्‍यों/संघशासित प्रदेशों के साथ साझा किया जाएगा।

बैठक में राज्‍यों द्वारा लॉजिस्टिक्‍स आदि के बारे में व्‍यक्‍त की गई चिंताओं का निवारण किया गया। राज्‍यों को एसओपी का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अपने-अपने हवाई अड्डा स्‍वास्‍थ्‍य कार्यालयों (एपीएचओ) तथा अपने राज्‍यों के निगरानी अधि‍कारियों के साथ समन्‍वय करने की भी सलाह दी गई।