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विश्व पृथ्वी दिवस WORLD EARTH DAY के अवसर पर एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज में 8 Days 8 Scientists “ नामक व्याख्यान शृंखला का शुभारंभ

भारतीय स्वरूप संवाददाता विश्व पृथ्वी दिवस WORLD EARTH DAY 🌱 के अवसर पर कानपुर के एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज, कानपुर के वनस्पति विज्ञान विभाग ने 8 दिवसीय व्याख्यान शृंखला का शुभारंभ किया । “8 Days 8 Scientists “ नामक इस शृंखला में आठ दिवसों में आठ वैज्ञानिक विज्ञान के अलग अलग विषयों पर व्याख्यान देंगे । सभी वैज्ञानिक कानपुर के ICAR-IIPR अर्थात् दलहन अनुसंधान संस्थान से आते हैं।
आज प्रथम दिवस पर वैज्ञानिक डॉ साथिश नाइक का व्याख्यान रहा । शुभारंभ प्राचार्य प्रो सुमन ,रसायन विज्ञान की विभागाध्यक्ष प्रो गार्गी यादव , वनस्पति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डा प्रीति सिंह ,डॉ शैल वाजपेयी , डॉ अमिता सिंह ने दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण करके किया ।
डॉ सतीश नायक का विषय नैनोटेक्नोलॉजी था। उन्होंने बताया किस प्रकार १०० पेज का डेटा एक सेंटीमीटर में बायोटेक्नोलॉजी की मदद से कैसे स्टोर कर सकते है । उनके व्याख्यान में अनेक रोचक विषयों की चर्चा की जैसे बायो मिनिरलाइज़ेशन, नैनों मटेरियल ,नैनोपार्टिकल, नैनों फर्टिलाइजर,कार्बन नैनोट्यूब , नैनोरोबॉट्स, नैनरोड्स ,नैनोफ़ैब्रिक्स, फेब्रिकेशन चिप्स अंत में छात्राओ की समस्याओं का निराकरण किया । सभी ने व्याख्यान की प्रशंसा की ।विज्ञान संकाय के अतिरिक्त डॉ रचना निगम , प्रो मीनाक्षी व्यास, डॉ प्रीता अवस्थी , अवधेश ने भी व्याख्यान के आयोजन में सक्रिय योगदान दिया एवं लाभ उठाया ।

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अतुल दीक्षित 

सम्पादक मुद्रक प्रकाशक 

दैनिक भारतीय स्वरूप (उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, महाराष्ट्र से प्रकाशित)

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कानपुर प्रेस क्लब और कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के संयुक्त तत्वावधान में मतदाता जागरूकता अभियान का शुभारंभ

भारतीय स्वरूप संवाददाता, कानपुर के ब्रह्मानंद कॉलेज में आज मतदाता जागरूकता अभियान का शुभारंभ हुआ , कानपुर प्रेस क्लब और कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के संयुक्त तत्वावधान में हुए इस आयोजन में कानपुर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की , पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार और ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर हरीश चन्दर ने कार्यक्रम में मौजूद शिक्षक , छात्रों और युवा मतदाताओं को मतदान अवश्य करने की शपथ दिलाई , उन्होंने कहा कि धर्म संप्रदाय जाति और वर्ग से ऊपर उठकर मतदान जरूर करें यह देश का पर्व है , प्रेस क्लब अध्यक्ष सरस बाजपेई और जेएमडी न्यूज़ के डायरेक्टर संजीत दीक्षित ने भी मतदान को पर्व के रूप में मनाने का आह्वान किया , ब्रह्मानंद कॉलेज के प्रचार डॉ विवेक द्विवेदी और अन्य वक्ताओं ने भी लोगों से मतदान जरूर करने की अपील की , कार्यक्रम का संचालन प्रेस क्लब के महामंत्री शैलेश अवस्थी ने किया जबकि पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित ने धन्यवाद ज्ञापित किया , इस मौके पर सरस बाजपेई अध्यक्ष , शैलेश अवस्थी , कुशाग्र पांडे , सुनील साहू कोषाध्यक्ष , गौरव सारस्वत वरिष्ठ उपाध्यक्ष , मनोज यादव उपाध्यक्ष , मधुर मोहन दुबे वरिष्ठ मंत्री , शिवराज साहू मंत्री

कार्यकारिणी सदस्य , कौश्तुभ मिश्रा , गंगन पाठक , विवेक पांडे , अंकित शुक्ला , दीपक सिंह , दिवस पांडे , मयंक मिश्रा, उत्सव शुक्ला , अमन चतुर्वेदी, मो नौशाद , रोहित निगम मौजूद थे।

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महिला महाविद्यालय में महाकाव्य कालीन भारत इतिहास, राजनीति, कला एवं संस्कृति” पर परिचर्चा आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाद सूत्र डॉ डी सी शुक्ल, महिला महाविद्यालय के सभागार में इतिहास विभाग द्वारा दो दिवसीय संगोष्ठी(19,20 अप्रैल 2024)का आयोजन किया गया जिसमें महाकाव्य कालीन भारत इतिहास, राजनीति, कला एवं संस्कृति” पर परिचर्चा आयोजित किया गया* कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या एवं अतिथि गणों के कर कमलों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया गया। अतिथियों का स्वागत करते हुए दयानंद शिक्षण संस्थान की संरक्षिका कुमकुम स्वरूप ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारे महाकाव्य में महिला एवं पुरुष को समान अधिकार की बात की गई है परंतु आज स्त्रियां के अधिकारों का दमन किया जा रहा है और वो हाशिए खड़ी नजर आती है। अतः आज हमें पुनः महाकाव्य कालीन विचारों को आत्मसात करके समाज को पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता है। प्राचार्य प्रोफेसर अंजू चौधरी ने महाविद्यालय की शैक्षणिक उपलब्धियां पर प्रकाश डालते हुए प्रगति आख्या प्रस्तुत की। संगोष्ठी की सयोजिका प्रोफेसर ममता गंगवार ने विषय परिवर्तन करते हुए महाकाव्य के इतिहास विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया साथ ही महाकाव्य कालीन संस्कृति, आर्थिक सामाजिक दशा तथा धार्मिक स्थिति पर भी प्रकाश डाला विशिष्ट अतिथि माननीय विवेक द्विवेदी (एआईफुक्टा) ने संगोष्ठी के विषय को वर्तमान समय में प्रासंगिक बताते हुए कहा कि महाकाव्य कालीन संस्कृति के आदर्शो को हमें अपनाने की आवश्यकता है। *प्रोफेसर ममता गंगवार, डॉ. मीरा त्रिपाठी, डॉक्टर अनामिका वर्मा प्रोफेसर पुष्पा यादव, डॉ रश्मि सिंह, द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन किया गया।

संजय मिश्रा (राष्ट्रीय सह संयोजक सचिव, इतिहास संकलन योजना नई दिल्ली) ने कहा कि हमारे महाकाव्य हमें एक संतुष्ट जीवन जीने का तरीका सिखाते हैं। मुख्य वक्ता प्रोफेसर बी. के. श्रीवास्तव (विभागाध्यक्ष इतिहास विभाग, डॉक्टर हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर, मध्य प्रदेश) ने कहा कि वर्तमान समय में समाज में राजनीति सत्ता लोलुप हो गई है रामायण जैसे महाकाव्य में इतिहास राजनीति और यथार्थवाद का उत्कृष्ट उदाहरण है जिसमें निर्मल राजनीति के स्पष्ट दर्शन होते हैं। आज समाज को अपने महाकाव्य से सीख लेने की आवश्यकता है। विशिष्ट वक्ता प्रोफेसर अनिल कुमार मिश्रा (संयोजक बोर्ड ऑफस्टडीज सी.एस.जे.एम. विश्वविद्यालय कानपुर) ने कहा कि हमारे महाकाव्य में गीता अत्यंत सरल और सरस श्लोक के माध्यम से हमे तनाव रहित जीवन जीने की कला सिखाती है। विशिष्ट वक्ता प्रोफेसर राजेश कुमार नायक (विभागाध्यक्ष इतिहास विभाग जे.पी. एन. विश्वविद्यालय छपरा बिहार) ने कहा कि मानव द्वारा अनुभव किए गए दो महानतम महाकाव्य रामायण और महाभारत है जिसमें भागवत गीता भी शामिल है यह हमें सामाजिक , पारिवारिक, नैतिक, प्रशासनिक और आध्यात्मिक पहलुओं पर अपना मूल्यवान संदेश देते हैं। विशिष्ट वक्ता प्रोफेसर अश्विन कुमार दुबे (अध्यक्ष राजनीति एवं लोक प्रशासन विभाग, डॉक्टर एस मिश्रा (पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ) ने अपने वक्तव्य कहा कि रामायण जैसे महाकाव्य जीवन के उत्तम आदर्श को प्रस्तुत करते हैं आज आवश्यकता है अपने जीवन में इस महाकाव्य के आदर्शो को अपनाया जाए। अध्यक्षीय भाषण में प्रोफेसर कुमारत्नम (अपर निदेशक, उच्च शिक्षा विभाग ग्वालियर) ने कहा कि वर्तमान में बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए हमें अपने महाकाव्यो से सीख लेनी चाहिए क्योंकि महाकाव्य में पर्यावरण को भी विशेष महत्व दिया गया है रामायण में राम राज्य के आदर्शो के साथ-साथ प्रकृति और पर्यावरण के समस्त तत्वों का समावेश है *प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्ष डॉक्टर नेहा कपूर (एसोसिए प्रोफेसर रसायन विज्ञान विभाग हिंदू कॉलेज नई दिल्ली)* तथा विशिष्ट वक्ता डॉ रत्नाधू मिश्रा (असिस्टेंट प्रोफेसर शिक्षा शास् विभाग सीएसजेएम विश्वविद्यालय कानपुर) रही। द्वितीय तकनीक सत्र में अध्यक्ष प्रोफेसर पुष्पा यादव (भूतपूर्व विभाग अध्यक संस्कृत विभाग महिला महाविद्यालय कानपुर) तथा विशिष्ट वक्त प्रोफेसर प्रीति वागवानी (संस्कृत विभाग तिलक महाविद्याल औरैया रही दोनों तकनीकी सत्र में लगभग 60 शोध पत्र विभिन शोधार्थियों द्वारा पढ़े गए।

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अतुल दीक्षित

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने एलसीए तेजस एमके1ए के लिए स्वदेशी लीडिंग एज एक्टयूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल का पहला बैच हिंदुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड को सौंपा

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने स्वदेशी लीडिंग एज एक्टयूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल का पहला बैच हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को सौंप दिया है। यह वैमानिकी प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, लखनऊ ने मौजूदा 83 हल्‍के लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए के ऑर्डर को पूरा करने के लिए इनके उत्पादन की तैयारी पहले से ही कर ली है।

एलसीए-तेजस के सेकेंडरी फ्लाइट कंट्रोल में अत्‍याधुनिक लीडिंग एज स्लैट्स और एयरब्रेक शामिल हैं। यह अतिउन्‍नत सर्वो-वाल्व आधारित इलेक्ट्रो-हाइड्रोलिक सर्वो एक्टयूएटर्स और कंट्रोल मॉड्यूल का दावा करता है। ये उच्च दबाव, नियंत्रण मॉड्यूल, अद्भुत डिजाइन, सटीक विनिर्माण और परीक्षण की विशेषता से लैस हैं तथा स्वदेशी तकनीकी कौशल में एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के निरंतर अनुसंधान का प्रतीक है।

रिसर्च सेंटर इमारत (आरसीआई) हैदराबाद और केन्द्रीय विनिर्माणकारी प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएमटीआई) बेंगलुरु के साथ समन्‍वय करके एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी इन प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता हासिल करने की योजना बना रहा है। लीडिंग एज एक्टयूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल्स के लिए सफल उड़ान परीक्षणों ने उत्पादन से जुड़े कार्यों का मार्ग प्रशस्त किया है।

इन महत्वपूर्ण कलपुर्जों का उत्पादन सहायक उपकरण प्रभाग, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड लखनऊ में किया जा रहा है। यह भारत की विमान और अंतरिक्ष यान विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। इस प्रयास में सीईएमआईएलएसी और वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीएक्‍यूए) जैसी प्रमाणन एजेंसियों के साथ-साथ गोदरेज एयरोस्पेस, मुंबई सहित सार्वजनिक और निजी उद्योगों का उल्लेखनीय योगदान रहा है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के अध्‍यक्ष और रक्षा विभाग अनुसंधान एवं विकास के सचिव और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के महानिदेशक ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर एडीए, आरसीआई, एचएएल, सीएमटीआई और सभी भागीदार उद्योगों की पूरी टीम को बधाई दी है।

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पैनासोनिक ने पेश की उत्तराखण्ड में एसी की नई रेंज

पैनासोनिक ने उत्तराखण्ड में एसी की नई रेंज पेश की इसमें स्‍मार्टर लिविंग के लिए मैटर-इनेबल्ड आरएसी (रूम एयर कंडीशनर्स) भी शामिल हैं

• 33,990 रुपये के शुरूआती कीमत के साथ 60 नए मॉडल्स लॉन्च किए गए जिसमें ज्यादातर इन्‍वर्टर एसी हैं
• पैनासोनिक ने मिराई के साथ भारत के पहले मैटर-इनेबल्ड रूम एयर कंडीशनर्स पेश किये। यह कनेक्टेड लिविंग प्लेटफॉर्म सुविधा, आराम, कनेक्टिवटी और बिजली की बचत प्रदान करता है

देहरादून, अप्रैल 2024: एक प्रमुख डाइवर्सीफाइड टेक्‍नोलॉजी कंपनी पैनासोनिक लाइफ सॉल्यूशंस इंडिया (पीएलएसआईएनडी) ने आज उत्तराखण्ड के बाजार में 2024 के लिए अपने नए एयर कंडीशनर्स की श्रृंखला को लॉन्च करने की घोषणा की। कंपनी ने 60 मॉडलों में 1.0, 1.5 और 2.0 टन के एयरकंडीशनर्स पेश किए हैं। एयर कंडीशनर्स की यह नई रेंज सभी प्रमुख रिटेल आउटलेट्स, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स और पैनासोनिक ब्रांड स्‍टोर पर उपलब्ध है।

श्री अभिषेक वर्मा, पीएमआईएन, पीएलएसआईएनडी, में एयर कंडीशनर्स ग्रुप के बिजनेस हेड ने कहा, “हाल ही में उत्तराखण्ड के उपभोक्ताओं के बीच कराई गई हमारी स्टडी में हमें एयरकंडीशनर के प्रयोग संबंधी लोगों की तरह-तरह की प्रमुख चिंताओं का पता चला है। स्टडी के अनुसार उपभोक्ताओं की मुख्य परेशानी रात में बार-बार एसी के तापमान को एडजस्ट करने, कूलिंग परफॉर्मेंस, आउटडोर यूनिट में जंग लगने और रखरखाव एवं सर्विसिंग की जरूरत से जुड़ी है। पैनासोनिक का नया एसी उपभोक्ताओं की उभरती जरूरतों को ध्य़ान में रखकर बनाया गया है। पैनासोनिक द्वारा लॉन्च किए गए भारत के पहले मैटर-इनेबल्‍ड एयर कंडीशनर न केवल इंटरऑपरेबिलिटी प्रदान करते हैं, बल्कि हमारी इको-टफ केसिंग की वजह से यह विश्वसनीय और टिकाउ भी हैं। नए मिराई प्लेटफॉर्म के साथ हम अपने उपभोक्ताओं को स्मार्ट होम का अनुभव भी प्रदान कर रहे हैं। इसमें ट्रू एआई जैसे नई फीचर्स मौजूद हैं, जिससे उपभोक्ताओं को आदर्श रूप से आराम पहुंचाने वाली ठंडक प्रदान करने के लिए यह एसी अपने आप सेटिंग्स को एडजस्ट करते हैं। पर्सनलाइज्ड स्लीप प्रोफाइल का फीचर रात में बार-बार तापमान को एडजस्ट करने की जरूरत को खत्म करता है।’’

श्री वर्मा ने आगे कहा, “इन्‍वर्टर एसी की जबर्दस्त बिक्री को देखते हुए हम उत्तरी भारत से इन्‍वर्टर एसी की मांग में बढ़ोतरी होने की उम्मीद कर रहे हैं। आज भारत में लगभग सात फीसदी घरों में एसी है। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि भारत में एसी इंडस्ट्री के विकास की अपार संभावना है। इसलिए हम इस अवसर का लाभ उठाने की उम्मीद कर रहे हैं। हमें पिछले सीजन की तुलना में इस सीजन में एसी की बिक्री 40 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है।’’

पैनासोनिक को एयर कंडीशनर्स विकसित करने का 65 वर्षों से अधिक का अनुभव है। पैनासोनिक के एसी की नई रेंज आधुनिक तकनीक से लैस है। यह उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट लिविंग को फिर से पारिभाषित करने के लिए कूलिंग, क्‍वॉलिटी (विश्वसनीयता) और कनेक्टेड अनुभव प्रदान करते हैं।

2024 में लॉन्च किए गए एसी के मॉडलों की प्रमुख विशेषताएं
· हर कोने में कूलिंग – पैनासोनिक के एयर कंडीशनर जेटस्ट्रीम एयरफ्लो के साथ मिलते हैं, जो हवा को 45 फीट तक फेंकते हैं। इसकी इनडोर यूनिट अपने में ज्यादा हवा समेटती है। इसके पंखे का व्यास भी बड़ा है, जिससे हवा का प्रवाह कोने-कोने तक बढ़ता है। इसके अलावा चौतरफा स्विंग के साथ इसका अनोखा डबल फ्लैप एयरोविंग्स डिजाइन कमरे के हर कोने में ठंडी हवा पहुंचाने में मदद करता है।
· नैनो टेक्‍नोलॉजी के साथ माहौल स्वच्छ रहता है – इस एसी में नई तकनीक नैनो™ एक्स कमरे के अंदर हवा में मौजूद 99 फीसदी प्रदूषित कणों को हटाती है। इसके साथ ही वह वायरस, बैक्टीरिया और अन्य रोगाणुओं को फिल्टर कर कमरे के अंदर की हवा को पूरी तरह स्वच्छ बनाती है।
· कस्‍टमाइज्‍ड कूलिंग – कन्वर्टी7 के साथ, उपभोक्ता कूलिंग परफॉर्मेंस को एडजस्ट कर बिजली की बचत कर सकते हैं। वह इसे रिमोट के बटन पर क्लिक या मिराई ऐप से वह ऐसी की कूलिंग को 45 फीसदी तक कम कर सकते हैं और जबर्दस्त कूलिंग के लिए इसकी क्षमता 110 फीसदी तक बढ़ा सकते हैं।
· मैटर का लाभ – सिम्‍पल (सेटिंग में आसान), कॉम्‍पैटिबल (अलग-अलग ब्रैंड के स्मार्ट डिवाइसेज एक ही ऐप से इसमें काम कर सकते हैं। विश्वसनीय (अगर इंटरनेट न भी हो तो भी उपभोक्ता एसी को चला सकते हैं क्योंकि एसी और ऐप एक ही वाई-फाई राउटर से जुड़े होते हैं) और सिक्योर (इनक्रिप्टेड)।
· मिराई के लाभ – एसी को कंट्रोल करने का स्मार्ट तरीका – अपने एसी को मिराई के माध्यम से रिमोट से मैनेज कर उपभोक्ता कनेक्टेड लिविंग और सुविधाओं के संसार का अनुभव कर सकते हैं। यूजर फ्रेंडली और तरह-तरह के कामों में प्रयोग की जाने वाली ऐप यूजर्स को बिजली की खपत का पता लगाने में मदद करती है। आरामदायक कूलिंग के लिए ट्रू एआई का फीचर एसी की सेटिंग्स और पैरामीटर्स को अपने आप एडजस्ट करता है। इसमें अनुकूल स्लीप प्रोफाइल सेट कर सकते हैं। इसमें यूजर्स को फिल्टर साफ करने की नोटिफिकेशन भी मिलते हैं।
· शानदार ड्यूरेबिलिटी – यह एयरकंडीशनर बिना स्टेबलाइजर के चलते हैं और मानसिक सुकून देते हैं। यह लंबे समय तक चलने वाली इको-टफ केसिंग में आते हैं, तेजी से हीट ट्रांसफर के लिए 100 फीसदी शुद्ध कॉपर क्‍वॉयल है। जंग न लगने देने के लिए यह शील्ड ब्लू प्रोटेक्शन के साथ मिलते हैं। आग से सुरक्षा और ओजोन की परत के संरक्षण के लिए इसमें आर32 रेफ्रिजरेंट भी है।

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चुनावी राजनीति

जैसे-जैसे चुनाव करीब आते जा रहे हैं राजनीतिक दलों की हलचल भी बढ़ती जा रही है। छींटाकशी, आरोप प्रत्यारोप के दौर के साथ-साथ राजनीतिक दल अपना दमखम दिखाने की पुरजोर कोशिश में लगी हुई है। यह बात दीगर है की अपना दमखम दिखाने और दूसरे दल को नीचा दिखाने के लिए भाषाई मर्यादा का महत्व खत्म हो गया है और “येन केन प्रकारेण” की  सुविधा अपना ली गई है।

आज के राजनीतिक दौर की बड़ी बात यह है कि राजनीति के इस दौर में धर्म को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। मुद्दा कोई भी हो उसे किनारे करके धर्म की राजनीति पहले की जा रही है साथ ही पाखंड को बढ़ावा दिया जा रहा है। “भारत माता की जय”, “जय हिंद” से ज्यादा महत्वपूर्ण “जय श्री राम” हो गया है। उन सब में सबसे खास बात यह है कि बाबाओं को भी चुनावी मैदान रास आने लगा है। मोह माया से दूर रहने वाले भौतिक साधनों का त्याग करने वाले बाबाओं को सत्ता की चमक लुभाने लगी है।
धार्मिक राजनीति होने के कारण आज की राजनीति महत्वपूर्ण मुद्दों से भटक कर हिंदू –  मुसलमान, धर्म, राम के नाम पर ही टिकी हुई है, यदि इन्हें हटा दिया जाए तो शायद मुद्दों की बात की जाये? वोट मुद्दों के बजाय (क्योंकि मुद्दों का अस्तित्व ही नहीं है) धर्म के नाम पर मांगे जा रहे हैं? जिस महिला शक्ति का दावा किया जाता हैं उन्हें शर्मसार करने में जरा भी संकोच नहीं करते। मणिपुर की घटना ताजातरीन है। जनता मंहगाई से, युवा वर्ग बेरोजगारी से परेशान है जिसका कोई समाधान नहीं निकाला गया है। भाषण और बयानबाजी में कहीं भी रोजगार, मंहगाई का जिक्र नहीं होता।
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भारत के मतदाताओं सबसे बड़ी चिंता बढ़ती कीमतें और बेरोजगारी है जैसा कि सेंटर फॉर स्टडी आफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) द्वारा किये गए चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में सामने आया हैं। विशेष रूप से गांवों, कस्बों और शहरों सहित विभिन्न जनसांख्यिकी क्षेत्रों के 62% उत्तरदाताओं ने संकेत दिया कि रोजगार हासिल करना तेजी से चुनौतीपूर्ण हो गया है। सीएसडीएस की रिपोर्ट से पता चला है कि 65% पुरुषों ने इस भावना को साझा किया, जबकि महिलाओं में यह संख्या 59% कम थी। केवल 12% उत्तरदाताओं ने कहा कि रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
इसी तरह मुद्रास्फीति के मुद्दे पर, 26% केंद्र को 12%  ने राज्यों को और 56% ने दोनों को दोषी ठहराया यह सीएसडीएस सर्वेक्षण से पता चला है। अधिकांश मतदाताओंने अपने वित्त पर गंभीर प्रभाव व्यक्त किया, जिसमें 71% ने वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को नोट किया। सर्वेक्षण में दावा किया गया कि बढ़ती लागतों ने मुख्य रूप से आर्थिक रूप से 76% लोगों को प्रभावित किया है।
एक मजबूत विपक्ष के बिना लोकतंत्र अधूरा है और चुनावी प्रक्रिया भी अधूरी रहती है। विपक्ष को मजबूती के साथ युवा वर्ग की परेशानियों को सामने रखना चाहिए और समस्याओं के निवारण का आश्वासन देना चाहिए। भारत जोड़ो यात्रा से विपक्ष जनमानस से जुड़ तो रहा है लेकिन फिर भी सत्ता की पहुंच से दूर नजर आता है। जिस तरह से विपक्ष के गठबंधन का सफाया किया जा रहा है उससे जरूरी हो जाता है कि विपक्ष एकजुट हो। विपक्ष का संगठन और गठबंधन डांवाडोल है और क्या यह गठबंधन सफल होगा इस पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है। विपक्ष का मणिपुर प्रयास सार्थक रहा। विपक्ष का अपनी पार्टी की एकता को बनाए रखना जरूरी है “इंडिया” के अस्तित्व के लिए।
जिस तरह से ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स की कार्यप्रणाली नजर आ रही है उससे विपक्ष को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। दलगत राजनीति, भ्रष्टाचार, इलेक्टोरल बांड जैसे मुद्दे सत्तारूढ़ सरकार के लिए गले की हड्डी साबित हो सकती है। “सबका साथ सबका विकास” का नारा अब खोखला महसूस होता है. देश में शिक्षा, गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई ने देश को पीछे धकेल कर सिर्फ “राम नाम” पर समेट दिया है। विकास की परिपाटी यही है कि लोगों को शिक्षा और रोजगार का अवसर ज्यादा से ज्यादा दिये जायें।

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एस एन सेन बालिका महाविद्यालय पी जी कॉलेज में शिक्षक अभिभावक सम्मेलन आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बालिका महाविद्यालय पी जी कॉलेज में महाविद्यालय के प्रबंध तंत्र एवं प्राचार्या प्रोफ़ सुमन ने प्रगतिशील सकारात्मक सोच के तहत शिक्षक अभिभावक सम्मेलन का आयोजन दिनांक १६/४/२४ को किया गया । महाविद्यालय के विभिन्न संकायों के शिक्षकों ने अपने विषय से संबंधित अभिभावकों को आमंत्रित किया। कला संकाय , विज्ञान संकाय एवं स्वावित्तपोषित विभागों में स्थान सुनिश्चित कर अभिभावक आए और शिक्षकों से अपनी समस्याएँ साझा की ।सभी विभागों के विभागाध्यक्ष तथा शिक्षिकाओं ने छात्राओ की समस्याओ का समाधान किया ।सम्मेलन में आये अभिभावकों से प्रतिभाग फॉर्म तथा फीडबैक फॉर्म भरवाए गए । सम्मेलन के पश्चात महाविद्यालय की प्राचार्य ने स्वयं समस्याओं के निराकरण किया और कई समस्याओं के लिए नोटिंग की ।

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निर्वाचन आयोग आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होते ही इसकी जानकारी देता है

अपनी तरह के पहले कार्य में, जिसके लिए आयोग किसी भी तरह से बाध्य नहीं है, अपने वादे के अनुसार पारदर्शिता बरतते हुए, निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के अमल में आने के पहले महीने के दौरान, कुछ कार्यों के विवरण के साथ इसे सार्वजनिक करने का फैसला किया है, ताकि समय-समय पर कुछ लोगों की गलतफहमियों और आक्षेपों को दूर किया जा सके और इन्‍हें रोका जा सके।

स्थिति इस प्रकार हैजो संहिता की शेष अवधि के लिए भी लागू होती है।

  1. आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होने के बाद एक महीना पूरा होने पर, भारत का निर्वाचन आयोग राजनीतिक दलों द्वारा संहिता के अनुपालन से मोटे तौर पर संतुष्ट है और विभिन्न दलों और उम्मीदवारों द्वारा अभियान काफी हद तक व्यवस्थित चल रहा है।
  1. साथ ही, आयोग ने कुछ परेशान करने वाली प्रवृत्तियों पर कड़ी नजर रखने और कुछ पथभ्रष्ट उम्मीदवारों, नेताओं और कार्य प्रणालियों पर पहले से कहीं अधिक विशेष नजर रखने का निर्णय लिया है।
  2. आयोग ने विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक और आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले दलों के नेताओं को नोटिस जारी करके महिलाओं की गरिमा और सम्मान के मामले में कड़ा रुख अपनाया है। आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए पार्टी प्रमुखों/अध्यक्षों पर जवाबदेही तय करने में एक कदम आगे बढ़ गया कि उनकी पार्टी के नेता और प्रचारक इस तरह की अनादरपूर्ण और अपमानजनक टिप्पणियों का सहारा न लें। आदर्श आचार संहिता जवाबदेही, पारदर्शिता और दृढ़ता के अनुरूप लागू की गई है जैसा कि सीईसी श्री राजीव कुमार ने पहले वादा किया था।
  3. आयोग संवैधानिक समझ से निर्देशित था जब उसे राजनीतिक व्यक्तियों से जुड़ी स्थितियों के साथ प्रस्तुत किया गया था जो आपराधिक जांच के आधार पर न्यायालयों के सक्रिय विचार और आदेशों के अधीन थे। हालांकि आयोग राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए समान अवसर और प्रचार के अधिकार की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, लेकिन उसने ऐसा कोई भी कदम उठाना सही नहीं पाया है जो कानूनी न्यायिक प्रक्रिया को ओवरलैप या ओवरराइड कर सके।
  4. आदर्श संहिता को लागू करने में, आयोग को अपनी अनिवार्य जिम्मेदारी, कानूनी अचल सम्‍पत्ति, संस्थागत समझ, समानता और लेनदेन में पारदर्शिता के लिए निर्देशित किया गया है चाहे संबंधित व्यक्तियों का ओहदा और प्रभाव कुछ भी हो या उनकी राजनीतिक संबद्धता कुछ भी हो।
  5. लोकसभा चुनावों की घोषणा के साथ 16 मार्च, 2024 को आदर्श संहिता लागू हुई। तब से चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए त्वरित और हितकर कार्रवाई की है कि समान अवसर में गड़बड़ी न हो और प्रचार में चर्चा अस्वीकार्य स्तर तक न गिरे।
  6. एक महीने की अवधि के दौरान, 07 राजनीतिक दलों के 16 प्रतिनिधिमंडलों ने आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन और संबंधित मामलों पर अपनी शिकायतें दर्ज कराने के लिए आयोग से मुलाकात की। राज्यों में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के स्तर पर कई प्रतिनिधिमंडल मिले।
  7. सभी राजनीतिक दलों के साथ समान व्यवहार किया गया है, अल्प सूचना पर भी सभी को समय दिया गया और उनकी शिकायतों को धैर्यपूर्वक सुना गया।
  8. सीईसी श्री राजीव कुमार के नेतृत्व वाला आयोग ईसी श्री ज्ञानेश कुमार और श्री सुखबीर सिंह संधू के साथ रोजाना दोपहर 12 बजे एमसीसी के कथित उल्लंघन के देशव्यापी लंबित मामलों की निगरानी करता है।

चुनावों की घोषणा से पहले, सभी डीएम/कलेक्टर/डीईओ और एसपी को बिना किसी समझौते के मॉडल कोड लागू करने के लिए आयोग द्वारा विशेष रूप से और सीधे जागरूक किया गया था। सीईसी श्री राजीव कुमार ने दिल्ली में ईसीआई प्रशिक्षण संस्थान, आईआईआईडीईएम में 10 बैचों में 800 से अधिक डीएम/डीईओ को व्यक्तिगत रूप से प्रशिक्षित किया था। क्षेत्र के अधिकारियों ने इस कार्य में काफी हद तक खुद को मुक्‍त कर लिया है।

मॉडल कोड की पिछली एक महीने की अवधि के दौरान समान अवसर बनाए रखने के लिए ईसीआई के कुछ निर्णय इस प्रकार हैं:

  1. विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा ईसीआई और राज्यों के स्तर पर लगभग 200 शिकायतें दर्ज की गई हैं। इनमें से 169 मामलों में कार्रवाई की गयी है।
  2. शिकायतों का विवरण इस प्रकार है: भाजपा से प्राप्त कुल शिकायतें 51 थीं, जिनमें से 38 मामलों में कार्रवाई की गई है; कांग्रेस की ओर से 59 शिकायतें थीं, जिनमें से 51 मामलों में कार्रवाई की गई; अन्य पक्षों से प्राप्त शिकायतें 90 थीं, जिनमें से 80 मामलों में कार्रवाई की गई है।
  3. छह राज्यों गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मुख्यमंत्रियों के प्रधान सचिव के रूप में दोहरे प्रभार वाले अधिकारियों को स्वत: संज्ञान से हटाया गया, क्योंकि उनके पास गृह/सामान्य प्रशासन विभाग का भी प्रभार था। इसका उद्देश्य चुनाव से संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों, डीएम/डीईओ/आरओ और एसपी को मुख्यमंत्री कार्यालयों से दूर करना था।
  1. पश्चिम बंगाल के डीजीपी को स्वत: संज्ञान से हटाया गया क्योंकि उन्हें पिछले चुनावों में भी चुनाव ड्यूटी से रोका गया था।
  2. चार राज्यों गुजरात, पंजाब, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में नेतृत्व पदों पर तैनात गैर-कैडर अधिकारियों का स्वत: स्थानांतरण।
  3. पंजाब, हरियाणा और असम में निर्वाचित राजनीतिक प्रतिनिधियों के साथ रिश्तेदारी या पारिवारिक जुड़ाव के कारण अधिकारियों का स्वत: स्थानांतरण।
  4. चुनाव की घोषणा के बाद, कांग्रेस और आप की शिकायत पर, व्हाट्सएप पर भारत सरकार के विकसित भारत संदेश का प्रसारण रोकने के लिए एमईआईटीवाई को निर्देश दिया गया।
  5. कांग्रेस और आप की शिकायत पर, सरकारी/सार्वजनिक परिसरों को विकृत करने पर ईसीआई के निर्देशों का तत्काल प्रभाव से अनुपालन करने के लिए सभी राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों को निर्देश।
  6. डीएमके की शिकायत पर भाजपा मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे के खिलाफ रामेश्वर ब्लास्ट कैफे पर असत्यापित आरोपों के लिए एफआईआर दर्ज की गई।
  7. आईएनसी की शिकायत पर, डीएमआरसी ट्रेनों और पेट्रोल पंप, राजमार्गों आदि से होर्डिंग्स, फोटो और संदेशों सहित सरकारी/सार्वजनिक परिसरों को विकृत करने पर ईसीआई के निर्देशों के अनुपालन के लिए कैबिनेट सचिव को निर्देश।
  8. कांग्रेस की शिकायत पर, केंद्रीय मंत्री श्री चंद्रशेखरन द्वारा अपने हलफनामे में संपत्ति की घोषणा में किसी भी बेमेल के सत्यापन के लिए सीबीडीटी को निर्देश।
  9. सुश्री ममता बनर्जी के प्रति आपत्तिजनक एवं अपमानजनक टिप्पणी के लिए एआईटीएमसी की शिकायत पर भाजपा नेता श्री दिलीप घोष को नोटिस।
  10. भाजपा की शिकायत पर, सुश्री सुप्रिया श्रीनेत और श्री सुरजेवाला, दोनों को क्रमशः सुश्री कंगना रनौत और सुश्री हेमा मालिनी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों के लिए नोटिस।
  11. श्री नरेंद्र मोदी के प्रति डीएमके नेता श्री अनिता आर राधाकृष्णन द्वारा की गई टिप्पणी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
  12. दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में प्रकाशकों का नाम बताए बिना होर्डिंग और बिलबोर्ड में गुमनाम विज्ञापनों के खिलाफ आम आदमी पार्टी की शिकायत पर कानून में अंतर को पाटने के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। होर्डिंग्स को शामिल करके मौजूदा कानून में ‘पैम्फलेट और पोस्टर’ के अर्थ को व्यापक आयाम देते हुए, सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को दिशानिर्देश जारी किए गए हैं, जिसमें प्रचार में जवाबदेही और पारदर्शिता के लिए होर्डिंग्स सहित मुद्रित चुनाव-संबंधी सामग्री पर प्रिंटर और प्रकाशक की स्पष्ट पहचान सुनिश्चित करना अनिवार्य है।
  13. कांग्रेस की शिकायत पर, दिल्ली में नगर निगम अधिकारियों को विभिन्न कॉलेजों से स्टार प्रचारकों के कटआउट हटाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
  14. नागरिकों की उल्लंघन संबंधी शिकायतों पर आयोग के पोर्टल सी विजिल पर कुल 2,68,080 शिकायतें दर्ज की गई हैं। इनमें से 2,67,762 मामलों में कार्रवाई की गई और 92 प्रतिशत मामलों का समाधान औसतन 100 मिनट से भी कम समय में किया गया। सीविजिल की प्रभावशीलता के कारण, अवैध होर्डिंग्स, संपत्ति को विकृत करने, दिए गए समय से अधिक समय तक प्रचार करने औरअनुमति से अधिक वाहनों की तैनाती में काफी कमी आई है।

पृष्ठभूमि:

आदर्श आचार संहिता एक नियामक ढांचा है, हालांकि सख्त मायनों में कानूनी समर्थन के बिना, एक समान अवसर सुनिश्चित करने और नैतिक प्रचार के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए इसे तैयार किया गया है। आयोग ने समान अवसर और चुनाव प्रचार की स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाए रखने की जटिल गतिशीलता से पार पा लिया है। उल्लंघनों का तुरंत और निर्णायक समाधान करके, भारत का चुनाव आयोग पारदर्शिता, निष्पक्षता, जवाबदेही और समान अवसर के लोकतांत्रिक आदर्शों को मजबूत करता है। चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता को कायम रखना सर्वोपरि है।

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आप ही शक्ति स्वरूपा है जननी है स्वामिनी है

दिल से बधाई देना चाहूँगी अपनी सब देवी स्वरूप बहनों को ..जो आज अपने पैरों पर खड़ी है और सिर उठा कर चल रही है ।शक्ति बन कर अपना और अपने परिवार का पेट पाल रही है। मैं हमेशा यही कहती हूँ अपनी सभी बहनों से .. कि रानियों की तरह जीयें.. शासन करे समाज पर .. अपने आर परिवार पर .. सभी के दिलों पर शासन करने की अधिकारिणी हैं आप । आप को ज़रूरत नहीं कि आप सोसायटी के साथ साथ बदलती जाये.. किसी के बताने की ज़रूरत नहीं कि आप क्या करे या न करें  आप जैसी है वैसी ही रहें क्योंकि आप ही शक्ति स्वरूपा है जननी है स्वामिनी है आप ही तो है जो टूटे बटनो से लेकर ..टूटे हुए आत्मविश्वास को जोड़ने की क्षमता रखतीं हैं।
आप ही है ,जो सब के सकून का सबब ..और विनाश का कारण हो सकती है.. मगर अपने घर की और जिस देश मे आप का जनम हुआ है । वहाँ की ज़िम्मेवारी को उठाना हम सब का धर्म तो बनता ही है।
हर औरत पहले बेटी बन कर पिता के साथ दुख सुख में निभाती है तो कभी बहन बन कर भाई और पत्नी बन कर पति को मार्गदर्शन करवाती है और फिर माँ बन कर बच्चों में संस्कार डालने की ज़िम्मेदारी हम औरतों पर ही है। जो हम आज खुद को बहुत आत्मनिर्भर समझ रहे है और सोच लेते है कि हम ने ज़िन्दगी में जो भी हासिल किया है वो खुद किया है जबकि मैं समझती हूँ !!
हम जो भी बन पायें है ,उसमें कहीं न कहीं इक आदमी का भी हाथ होगा और होता भी है .. किसी के पापा ने ,पति ने ,भाई ने आगे बढ़ने की सीख दी होगी ,या फिर हो सकता है किसी दोस्त ने हमे आगे बढ़ने में हमारी मदद की होगी और इस बात को हम नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते।सोसायटी में नाम कमाना अपने आप मे ही बहुत बडी उपलब्धि है ।ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना गौरव और शक्ति का प्रतीक है। आज हमारे भीतर की आवाज़ ..जो बरसों से सोई हुई थी .. वो जाग चुकी है ।
हर पीढ़ी अपने से बडी पीढ़ी से ही सीखती है इसलिए एक बात जो बहुत ज़रूरी है,जो हमे अपनी नई पीढ़ी को विरासत मे देनी है .. और वो है …संस्कार,कोमलता , दया भाव,श्रद्धा ..गरिमा ..और मर्यादा … हम कह तो रहे है कि हमें स्ट्रोंग बनना चाहिए मगर परिणाम क्या हुआ ,हमारी कोमलता लुप्त हो गई कहीं । मैं ये नहीं कह रही कि हम आने वाली पीढ़ी को सिर पर पल्लू रखना सिखाये ,बस यही कह रही हूँ ,अपने संस्कारों को साथ ले कर चले।आँधी नग्नता … लोगों को लुभा तो सकती है मगर इज़्ज़त नहीं दे सकती।
बात बहुतो को बुरी लग सकती है मगर सच यही है कि आज माडर्न ज़माना कह कर …आज की औरत
वाइन ,शराब यहाँ तक की ड्रैगस ले रही है।ये हमारे देश की सभ्यता तो न थी कभी।हमारे समाज में यह ख़ास वजह है जो नस्ल दर नस्ल को ख़राब कर रही है, शायद अभी हम इस बात को गंभीरता से नहीं ले रहे .. मगर आने वाले समय में हम सब को इस बात का अफ़सोस ज़रूर रहेगा । जब हमारे बच्चों के घर टूटने लगेंगे और टूटने बिखरने की इक ख़ास वजह ,नशा करना ही होगी।! और आज तलाक होने की वजह संयम और सहनशीलता या मर्यादा में कमी ही है।
ये कैसी सोच हो गई है हमारी .. जहां हमारा घर टूटता है तो टूट जाये मगर हम मे से कोई भी..कुछ भी सहने को तैयार नही ।
.बचाईये !! अपने घरों को अपने बच्चों की ख़ातिर। हम सब मिल कर ही तो बदलाव ला सकते है।कोई हमें ख़ुशी बाहर से ला कर नहीं देगा।हमें खुद में से ही अर्जित करनी होगी। सब कुछ तेज़ी से बदल रहा है .. हमारा देश अपने संस्कारों के लिए ही सारे संसार में ख़ास जाना जाता था। यहाँ का लिबास विश्व भर में चर्चे का विषय हुआ करता था। धीरे धीरे हमारे देश में अपने देश की वेशभूषा की जगह विदेशी पहनावे ने ले ली है। दोस्तों! मेरे हिसाब से जिसे हम सैकसी लुक कहते है वो साड़ी में ज़्यादा दिखती है।
बस यही पैग़ाम है मेरा …स्वीकार कीजिए खुद को जैसे रब ने आप को बनाया है । आज के दौर में सब अच्छा दिखने में लाखों खर्च कर रहे है महँगे कपड़े पार्लर वग़ैरह …और ऊपर से कासमैटिक सर्जरी । फिर भी हम सकून में नही। ऐसा जीवन हमें किस ओर ले कर जा रहा है । हर कोई शान्ति को बाहर तालाश कर रहा है। अपने दुख की वजह दूसरे को बता रहा है …
भीड़ का हिस्सा बन कर हम सब ही तो भीड़ मे भागते जा रहे है । कभी एकान्त में बैठ कर सोचियेगा इस बारे में।
हम सभी को अपने संस्कारों पर से धूल हटाने की ज़रूरत है।तभी हमे शान्ति मिल सकती है … क्योंकि जो वक़्त चल रहा है ,
वहाँ लोग दिशा से भ्रमित हो रहे है। अकेले हो रहे है ,अगर कोई साथ है भी ..तो भरोसा नही है कि ये साथ कब तक चलेगा।
अपने को पहचानें। खुद को सक्षम बनाये ताकिआप की ख़ुशी दूसरों पर निर्भर न हो। किसी को जवाब देना बहुत आसान होता है ।कोई एक कहता है तो आज हम दस सुना सकते है ,मगर बात को सह लेना …. पोलाइट होना जरा मुश्किल है ।वही सीखने और सीखाने की ज़रूरत भी है । हम सब पर ही समाज की ज़िम्मेवारी है और हम ज़िम्मेदारियों को निभा कर भी ज़िन्दगी को इंजाय कर सकते है। इसमें कोई शक नही है। आज हम आसमान की बुलंदियों को तो छू रहे है मगर हम छोटी छोटी बातों को नज़रअंदाज़ भी कर रहे है। नई पीढ़ी के लिए अपना घर ,पैसा ,सोना ,चाँदी ,हीरे जवाहरात अपना बैंक बैलेंस ही न छोड़ कर जाये..अपितु … कुछ ऐसा छोड़ कर जायें ..जो आने वाली “ पीढ़ियों दर पीढ़ियों “के लिए सुख का कारण बने।

लेखिका स्मिता ✍️

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भारतीय तटरक्षक बल ने 27 बांग्लादेशी मछुआरों को बचाया और बांग्लादेश तटरक्षक बल को सौंप दिया गया

भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) ने 04 अप्रैल 2024 को एक त्वरित गतिविधि को संचालित करते हुए 27 बांग्लादेशी मछुआरों को सुरक्षित बचा लिया है। ये सभी समुद्र में मछली पकड़ने वाली अपनी नौका पर फंसे हुए थे। भारतीय तटरक्षक जहाज अमोघ ने 4 अप्रैल, 2024 को लगभग 11:30 बजे भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पर गश्त के दौरान एक बांग्लादेशी मछली पकड़ने वाली नौका (बीएफबी) सागर II को भारतीय जल क्षेत्र में बहते हुए देखा। इसके बाद मामले की जांच के लिए भारतीय तटरक्षक बल के जहाज से एक दल को वहां भेजा गया। जांच के दौरान यह पता चला कि बांग्लादेशी नाव का स्टीयरिंग गियर पिछले दो दिन से खराब था और वह तभी से नाव भारतीय जल सीमा में बह रही थी। मछली पकड़ने वाली इस नौका पर 27 चालक दल के सदस्य/मछुआरे सवार थे।

भारतीय तटरक्षक बल की तकनीकी टीम ने बांग्लादेशी नाव की खराबी की पहचान करने और उसे ठीक करने की कोशिश की, लेकिन यह पाया गया कि उस नाव का स्टीयरिंग ह्वील पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था और समुद्र में इसकी मरम्मत नहीं की जा सकती थी। चूंकि समुद्र के हालात और मौसम की स्थिति अनुकूल थी, इसलिए यह निर्णय लिया गया कि भारतीय तट रक्षक एवं बांग्लादेश तटरक्षक के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) के अनुसार, संकटग्रस्त नाव को भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा में खींच लिया जाएगा और फिर उसे आईएमबीएल या बांग्लादेश की सीमा रेखा की तरफ उनके तटरक्षक जहाज अथवा किसी अन्य बांग्लादेशी मछली पकड़ने वाली नाव को सौंप दिया जाएगा।

इस बीच, भारतीय तटरक्षक के कोलकाता स्थित क्षेत्रीय मुख्यालय ने बांग्लादेश तटरक्षक बल के साथ संवाद स्थापित किया और उन्हें इस घटना तथा आगे की कार्ययोजना के बारे में जानकारी प्रदान की। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बांग्लादेश तटरक्षक जहाज (बीसीजीएस) कमरुज्जमां को मछली पकड़ने वाली बांग्लादेशी नाव को खींचने के लिए बांग्लादेश तटरक्षक द्वारा तैनात किया गया। बांग्लादेश तटरक्षक बल का जहाज कमरुज्जमां 4 अप्रैल 2024 को लगभग 18:45 बजे भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के पास पहुंचा। भारतीय तटरक्षक के जहाज अमोघ ने 27 बांग्लादेशी मछुआरों को उनकी नाव के साथ बांग्लादेश तटरक्षक बल के जहाज कमरुज्जमां को सौंप दिया।

भारतीय तटरक्षक बल द्वारा संचालित किया गया यह ऑपरेशन सभी बाधाओं के बाद भी समुद्र में बहुमूल्य जीवन को सुरक्षित बचाने के प्रति भारत की वचनबद्धता को प्रदर्शित करता है। इस तरह के सफल खोज एवं बचाव अभियान न केवल क्षेत्रीय एसएआर संरचना को सशक्त करेंगे बल्कि पड़ोसी देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को भी बढ़ाएंगे। यह भारतीय तटरक्षक बल के आदर्श वाक्य “वयम रक्षामः” के अनुरूप है, जिसका अर्थ है “हम रक्षा करते हैं”।

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